The projects inaugurated offer immense employment opportunities to the people of Assam: PM
Rapid industrial development of the country is necessary to create employment for India's youth: PM
We have a PRAGATI initiative to hasten stalled projects: PM Modi
It is important to think ahead of time when it comes to planning schemes and initiatives along with chalking out the roadmap: PM
Employment opportunities have to be created in smaller town as well along with big cities: PM
Central Government Initiatives including MUDRA and Start-up India aimed at creating fresh opportunities for the youth: PM
We believe in cooperative federalism. Centre & states have to work together for development: PM Modi

श्रीमान तरुण गोगोई जी, केंद्र में मंत्री परिषद के मेरे साथी और भारी संख्या में उपस्थित मेरे प्‍यारे भाइयों और बहनों

आज डिबरूगढ़ में दो महत्‍वपूर्ण projects का लोकार्पण हो रहा है। और यह महत्‍वपूर्ण इसलिए हैं कि इसके अंदर प्राकृतिक संपदा का Value Addition है और असम के नौजवानों के लिए रोजगार के अनेक-अनेक अवसर उपलब्‍ध हो रहे हैं। इन दो projects के कारण पूरे हिंदुस्‍तान में स्‍वाभाविक आनंद है तो असम में सर्वानंद है। क्‍योंकि ये राष्‍ट्र की विकास यात्रा में बल देता है। अब सचमुच में तो इस projects के उद्घाटन का अवसर मुझे मिलना ही नहीं चाहिए था। अगर ये इकाई आज से 25 साल पहले हो गई होती उस समय के प्रधानमंत्री को इसका अवसर मिला होता, तो यहां पर इतने नए-नए उद्योग आए होते, यहां इतने लोगों को रोजगार मिला होता, और पिछले 25 साल से यहां सर्वानंद का माहौल होता।

लेकिन कभी-कभी मुझे लगता है बहुत सारे अच्‍छे काम, उसको पूरा करना ये शायद मेरे ही सौभाग्‍य में लिखा हुआ है। हमारे देश में एक सबसे बड़ी चुनौती यह है, हम योजनाओं को समय से पहले सोच नहीं पाते हैं, अगर मजबूरन सोचते हैं तो योजना परिपूर्ण करने का रोडमैप नहीं बना पाते, फिर भी अगर हो गया तो घोषणा करते हैं, घोषणा करने के बाद सालों-साल शिलान्‍यास के लिए इंतजार होता है, शिलान्‍यास होने के बाद पूर्ण होने में सालों लग लाते हैं और बाद में लोग भूल जाते हैं तब जा करके उद्घाटन की नौबत आती है। और उसके कारण जिस काम की लागत 500 करोड़ होनी चाहिए वो 1000-1100 करोड़ तक पहुंच जाती है। और इतने विलंब के कारण देश के अर्थकारों को जो नुकसान होता है, उसका का तो कोई हिसाब ही नहीं है। अगर आज यही projects ही 25 साल पहले पूरा हुआ होता और 25 साल पहले उसका उद्घाटन हुआ होता, तो शायद आज यहां पर दूसरी पीढ़ी के लोगों को रोजगार मिलना शुरू हो गया होता, एक पूरी पीढ़ी बेचारी चली गई। और इसलिए हमारी सरकार का प्रयास है कि विचार किसी को भी आया हो, सपना किसी को भी आया हो, शिलान्‍यास किसी ने भी किया हो, लेकिन देश का भला उसमें है, कि हम इन सारी चीजों को परिपूर्ण करें और लोगों के सपनों को साकार करें। और इसलिए मैं भारत सरकार में एक प्रगति कार्यक्रम चलाता हूं आजकल। और राज्‍यों के मुख्‍यसचिवों के साथ video conference से खुद बात करता हूं, और ऐसे जो अटके पड़े projects हैं, किसी न किसी कारण से रुके पड़े हैं, ऐसे stalled projects को गति देने के लिए एक विशेष प्रयास करता हूं।

पिछले दिनों कुछ अखबारों ने लिखा था कि लाखों-करोड़ों के stalled projects अब उस कैदखाने से बाहर निकले हैं, और तेज गति से परिपूर्ण होने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। उसमें ये project भी है जिसका आज उद्घाटन संभव हुआ है। आने वाले दिनों में भी मेरा स्‍पष्‍ट मानना है कि भारत की अगर प्रगति करनी है, तेज गति से प्रगति करनी है, समय रहते अगर प्रगति करनी है, तो भारत का सर्वांगीण विकास होना चाहिए।

ऐसा नहीं हो सकता है कि हिंदुस्‍तान का पश्चिमी छोर जो है, उसका तो विकास हो, केरल में हो, कर्नाटक में हो, गोवा में हो, महाराष्‍ट्र में हो, राजस्‍थान में हो, दिल्‍ली में हो, हरियाणा में हो, पंजाब में हो, जम्‍मू कश्‍मीर में हो लेकिन हिंदुस्‍तान का जो पूर्वी छोर है, उड़ीसा हो, पूर्वी उत्‍तर प्रदेश हो, पश्चिम बंगाल हो, बिहार हो, आसाम हो, नॉर्थ-इर्स्‍ट के अन्‍य राज्‍य हों, का विकास नहीं होगा तो हिंदुस्‍तान का विकास अधूरा रहेगा। और इसलिए भारत के पूर्वी छोर का विकास, इस पर सबसे ज्‍यादा बल देना ये हमारी सरकार की प्राथमिकता है। और तभी जाकर के भारत का संतुलित विकास होगा, भारत का सर्वांगीण विकास होगा। और इसलिए हमने Act East Policy बनाई है। और इस Act East Policy को न सिर्फ हिंदुस्‍तान का पूर्वी इलाका लेकिन हिंदुस्‍तान के पूर्वी इलाके के साथ सटे हुए देश जिनके साथ सहज रूप से हमारे व्‍यापारिक संबंध यहां से विस्‍तृत हो सकते हैं, चाहे वो म्‍यांमार हो, चाहे थाईलैंड हो, चाहे सिंगापुर, मलेशिया हो, उधर इंडोनेशिया हो, ये सारे देश हमारे इस भूभाग के विकास के साथ उनकी connectivity बहुत बड़ी ताकत देती है। और इसलिए लगातार भारत इन देशों के साथ भी उन कामों को बल दे रहा है, infrastructure को बल दे रहा है, कि जिसके कारण भारत का ये जो नॉर्थ-ईस्‍ट इलाका है, भारत का जो पूर्वी इलाका है, उसमें एक नई विकास की दुनिया खड़ी हो जाए और उसी दिशा में हम प्रयास कर रहे हैं।

भारत की आजादी के बाद कभी भी सोचा न गया हो, दिया न गया हो, इतना रेलवे का बजट नॉर्थ-ईस्‍ट के लिए लगाया है। क्‍योंकि अगर रेलवे infrastructure बनता है तो पूरा नार्थ ईस्‍ट सहज रूप से हिंदुस्‍तान के साथ जुड़ जाता है। नार्थ ईस्‍ट के पास अपार संभावनाएं हैं, लेकिन connectivity के आभाव में उसकी विकास यात्रा रुक जाती है। यहां के नौजवान होनहार हैं। सामार्थ्‍यवान हैं, बुद्धिमान है, अगर उनको अवसर मिल जाए तो आसाम को हिंदुस्‍तान का नंबर एक राज्‍य बनाने की ताकत रखते हैं।

ये polymer का उद्योग एक प्रकार से value addition है| भारत को जो विदेशों से लाना पड़ता है, उसमें थोड़ी बचत हो जाएगी और उसके अंदर मूल्‍यवृद्धि के कारण छोटे छोटे कारखाने लग सकते हैं। आज प्‍लास्टिक का युग तो है में मानना पड़ेगा लेकिन दुनिया प्रति व्‍यक्ति जो प्‍लास्टिक की खपत है उसकी तुलना में भारत की बहुत कम है। प्रति व्‍यक्ति मुश्किल से दस kg है। अगर विश्‍व के सामान्‍य औसत से मिलाना है तो यहां पर प्‍लास्टिक उद्योग के लिए बहुत संभावनाएं बढ़ी हैं। जीवन की बहुत-सी आवश्‍यकताएं अब प्‍लास्टिक के बलरूप में साकार हो रही हैं। यहां पर raw material उपलब्‍ध हो, और यहां के नौजवान में Skill हो, छोटा-छोटा कारोबार चालू करे, एक पूरा औद्योगिक विस्‍तार खड़ा हो जाएगा। लाखों नौजवानों को यहां रोजगार मिलेगा और इसके लिए हमने मुद्रा योजना को भी आरंभ किया है। Start-up India , Stand-up योजना को आरंभ किया है। यह दोनों योजनाएं ऐसी है कि इस उद्योग से जो raw material निकलेगा, उसके value addition के लिए जो काम करना चाहता है उसे मुद्रा से पैसा भी मिलेगा और Start-up India , Stand-up योजना का लाभ उसकी योजनाओं का भी लाभ मिलेगा। इसमें काफी concession है। बहुत सारे incentives हैं। और मैं आशा करूंगा कि असम के नौजवान इसके साथ जुड़े हुए उद्योग लगाने के लिए आगे आएं। और मैं सरकार से भी अनुरोध करूंगा, डिपार्टमेंट से कि यहां जो raw material निकलेगा, जिसका value addition होगा, उसको सबसे पहले आसाम के नौजवानों को मौका दिया जाए और वे अगर उपयोग करते नहीं है तो अब जा करके हिंदुस्‍तान में और भाग में ले जाया जाएगा।

इतना बड़ा निर्णय आप कल्‍पना कर सकते हैं कितना बड़ा आपका भाग्‍य बदल सकता है। लेकिन हमारी प्राथमिकता है आसाम और नॉर्थ ईस्‍ट, हमारी प्राथमिकता है यहां पर विकास। आज किसी भी किसान परिवार में जाइए और उस परिवार में अगर तीन बेटे हैं, और किसान को पूछो 100 एकड़ भूमि होगी उसको पूछो भाई बच्‍चों के लिए क्‍या सोचा है तो किसान कहता है एक बेटे को तो खेती में लगाऊंगा, लेकिन दो बेटों को कहीं शहर में भेज करके नौकरी पर लगा दूंगा ताकि उनका गुजारा चल जाए। यानी हर किसान अपने तीन बेटो में से दो को किसी कारखाने में, कहीं नौकरी पर लगाना चाहता है। किसान के इन दो बेटो को रोजगार कब मिलेगा। क्‍या किसान का एक बेटा तो कमाएगा और दो बेटे भूखे रहेंगे? अगर किसान के एक बेटे के लिए खेती है दो बेटे के लिए रोजगार के लिए उद्योग लगाना अनिवार्य है, आवश्‍यक है। और इसलिए गांव का अगर भला करना होगा तो किसान के संतानों को रोजगार के अवसर उपलब्‍ध कराने होंगे। और उसके लिए बड़े-बड़े शहरों में उद्योग लगेंगे तो काम नहीं होगा। डिबरूगढ़ छोटे-छोटे स्‍थान पर भी हमें उद्योगों के लिए जाल बिछाने पड़ेंगे।

और हमारी सरकार की कोशिश है कि छोटे-छोटे स्‍थान पर रोजगार के अवसर उपलब्‍ध कराना। उद्योगों का अवसर उपलब्‍ध कराना। मूल्‍यवृद्धि हो, value addition हो, ताकि देश की आय बढ़े। उस दिशा में हम प्रयास कर रहे हैं, जिस प्रकार से प्राकृतिक संपदा की मूल्‍यवृद्धि की अनिवार्यता है वैसे भी व्‍यक्ति के जीवन की भी मूल्‍यवृद्धि होनी चाहिए। unskilled labour कम कमाता है, Skilled labour ज्‍यादा कमाता है और इसलिए हम Skill development पर बल दे रहे हैं। हर नौजवान के हाथ में हुनर होना चाहिए। Skill होना चाहिए और Skill के भरोसे वो अपने लिए रोजगार के अवसर भी पैदा कर सकता है और उसकी एक मांग भी बढ़ने वाली है और उस दिशा में हम प्रयास कर रहे हैं।

भाईयों-बहनों आने वाले दिनों में विकास की इस यात्रा को तेज गति से आगे बढ़ाना है। भारत सरकार cooperative federalism को लेकर केंद्र और राज्‍य मिल करके देश को आगे बढ़ाये, इस मंत्र को ले करके, सबका साथ सबका विकास इस मंत्र को ले करके अभिरथ प्रयास कर रहा है।

आने वाले दिनों में उसके फल भी आपको मिलेंगे ऐसा मुझे विश्‍वास है। मैं फिर एक बार आपका बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं और राष्‍ट्र के चरणों में धरोहर जहां एक जगह पर polymer तैयार होगा तो दूसरी जगह पर wax का काम होगा और दोनों हमें बाहर से लाने पड़ते हैं उसमें कमी आएगी और देश की आवश्‍यकता की पूर्ति में यह भी अपना योगदान देंगे। मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाएं बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।