QuoteOur government’s mantra is ‘Sabka Saath, Sabka Vikas’: Prime Minister Modi
QuoteCentral Government is committed to connecting every citizen of the country with the mainstream of development: PM Modi
QuoteNo stone will be left unturned for development of Leh, Ladakh and Kargil: PM Modi

यहां आने से पहले किसी ने मुझसे कहा कि लेह में तो बहुत ठंड है। शून्‍य से कहीं नीचे तापमान है। इतनी सर्दी में आप सभी यहां आए, सचमुच मैं भाव-विभोर हूं और सबको नमन करता हूं। एयरपोर्ट से उतरने का बाद बहुत बड़ी-बड़ी आयु की माताएं एयरपोर्ट के बाहर आशीर्वाद देने के लिए आईं थी। इतने mines degree temperature में वो खुले में खड़ी थीं। मैं भी कार से उतरकर के उनको नमन करने के लिए नीचे चला गया। मन को इतना आनोदलित कर दिया। कि ये प्‍यार, आशीर्वाद ये माताओं का स्‍नेह और वो भी इतनी विपरीत परिस्थिति में प्रकृति साथ न देती हो तब एक नई ऊर्जा मिलती है, नई ताकत मिलती है। आप लोगों के इस अपनत्‍व, इस स्‍नेह को देखकर मुझे जो थोड़ी बहुत भी ठंड लग रही थी। अब उसका भी इतना अहसास नहीं हो रहा है।

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मंच पर विराजमान जम्‍मू और कश्‍मीर के राज्‍यपाल, श्रीमान सतपाल मलिक जी, मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी और इसी जम्‍मू-कश्‍मीर की धरती के संतान डॉ. जितेंद्र सिंह जी, जम्‍मू-कश्‍मीर विधानपरिषद के अध्‍यक्ष श्रीमान हाजी अनायत अली जी, लद्दाख स्‍वेग पहाड़ी विकास परिषद लेह के अध्‍यक्ष श्रीमान जे.टी नमगयाल जी, लद्दाख स्‍वेग पहाड़ी विकास परिषद लेह के अध्‍यक्ष श्रीमान फिरोज अहमद जी, विधानपरिषद के सदस्‍य श्रीमान चेरिंग डोरेजे जी और यहां उपस्थित मेरे प्‍यारे भाईयो और बहनों...

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लद्दाख वीरों की धरती है। चाहे 1947 हो या 1962 की जंग या फिर कारगिल की लड़ाई यहां के वीर फौजियों ने लेह और कारगिल के जांबाज लोगों ने देश की सुरक्षा निश्चित की है। इतनी खुबसूरत पहाडि़यों से सुशोभित लद्दाख अनेक नदियों का स्‍त्रोत भी है। और सही मायने में हम सभी के लिए स्‍वर्ग का उपहार है। 9-10 महीनें में मुझे फिर एक बार आपके बीच आने का अवसर मिला है। आप जिन मुश्किल परिस्थितियों में रहते हैं। हर कठिनाई को चुनौती देते हैं। वो मेरे लिए बहुत बड़ी प्रेरणा होती है। कि आप सभी के लिए और डटकर काम करना है। जो स्‍नेह आप मुझे देते हैं... मुझे ब्‍याज समेत विकास करके उसको लौटाना है। मुझे ये अहसास है कि मौसम आप सभी के लिए मुश्किलें लेकर के आता है। बिजली की समस्‍या होती है, पानी की दिक्‍कत आती है। बीमारी की स्थिति में परेशानी होती है। पशुओं के लिए चारे का इंतजाम करना पड़ता है। दूर-दूर तक भटकना पड़ता है। मैंने यहां पर मुझे बहुत सौभाग्‍य मिला है आपके बीच रहने का पहले जब मैं मेरी पार्टी के संगठन का काम करता था। तो बहुत लंबे समय तक आप लोगों के बीच में रहा। मैंने यहां पर रहते हुए खुद देखा है, लोगों को मुश्किलों का सामना करते हुए देखा है।

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साथियों इन्‍हीं परेशानियों को दूर करने के लिए केंद्र सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। और इसलिए मैं खुद बार-बार लेह, लद्दाख और जम्‍मू-कश्‍मीर आता रहता हूं। पिछली बार बिजली से जुड़े अनेक प्रकार के प्रोजेक्‍टस का शिलान्‍यास और लोकार्पण किया था तो आज भी आपके जीवन को आसान बनाने वाली करीब 3 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं के, 3 हजार करोड़ रुपये उसके उद्घाटन, शिलान्‍यास और लोकार्पण अभी-अभी आपने देखा किया गया है।

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draj hybro electrical project से leh और कारगिल के अनेक गांवों को पर्याप्‍त और सस्‍ती बिजली उपलब्‍ध हो पाएगी। वहीं श्रीनगर उल्‍लेस्तिन दराज कारगिल ट्रांसमिशन रैक है तो मुझे ही शिलान्‍यास करने का अवसर मिला था। और आज लोकार्पण भी मुझे ही करने का सौभाग्‍य मिला। 2 हजार करोड़ से अधिक की इस परियोजना से अब लेह-लद्दाख की बिजली की समस्‍या कम होने वाली है।

साथियों, हमारी सरकार के काम करने का तरीका ही यही है। लटकाने और भटकाने की पुरानी संस्‍कृति अब देश पीछे छोड़ चुका है और आने वाले पांच साल में मुझे ये लटकाने और भटकाने की परंपरा को देश निकाला कर देना है। जिस परियोजना का शिलान्‍यास किया जाता है, पूरी शक्ति लगाई जाती है कि उसका काम समय पर पूरा हो।

भाईयो और बहनों आज जिन परियोजनाओं का लोकार्पण, उद्घाटन और शिलान्‍यास किया गया है उनसे बिजली के साथ-साथ लेह-लद्दाख की देश और दुनिया के दूसरे शहरों से connectivity सुधरेगी, पर्यटन बढ़ेगा, रोजगार के अवसर बढ़ेगें और यहां के युवाओं को पढ़ाई के लिए यहीं पर अच्‍छी सुविधाएं भी मिलेंगी। यहां का मौसम इतना सुंदर है कि अगर हम यहां उत्‍तम प्रकार की educational institutional खड़ी कर दें तो मैं विश्‍वास से कहता हूं कि हिन्‍दुस्‍तान के कोने-कोने से नौजवान लेह-लद्दाख में आकर के पढ़ाई करना पसंद करेंगे। और हमनें उन सपनों को देखना चाहिए, और मेरे दिमाग में ऐसे सपने पड़े हैं।

साथियों, हम सभी के सम्‍मानिय महान कुशक बकुला रिंपोचीजे ने अपना पूरा जीवन एक सपनें के लिए खपा दिया था। लेह-लद्दाख को श्रेष्‍ठ भारत से connect करना और देश की एकता और अखंडता की भावना को मजबूत करना ही पूज्‍य रिंपो जी का सबसे बड़ा सपना था।

केंद्र सरकार उनके सपनों को साकार करने के लिए यहां connectivity को एक नया विस्‍तार दे रही है। लेह-लद्दाख को रेल और हवाई मार्ग से जोड़ने वाले दो बड़े प्रोजेक्‍टस पर काम चल रहा है। इस क्षेत्र को पहली बार रेल मेप से जोड़ने वाली रेलवे लाइन और Kushok Bakula Rimpochee Airport की नई और आधुनिक terminal building दोनों ही यहां विकास को और गति देने वाले साबित होंगे।

साथियों, तीन दशक पहले यहां जो building बनाई गई थी। समय के साथ इसको आधुनिकता से जोड़ने, इसमें नई सुविधाओं का विकास करने के बारे में पहले कभी नहीं सोचा गया। आज new terminal building का शिलान्‍यास हुआ है और बहुत जल्‍द ही लोकार्पण भी किया जाएगा। और मैं आपको विश्‍वास दिलाता हूं जिसका शिलान्‍यास पहले किया था उसका लोकार्पण आज कर रहा हूं आज जिसका शिलान्‍यास कर रहा हूं आपके आशीर्वाद से उसके लोकार्पण करने के लिए मैं ही आऊंगा। ये terminal अत्‍याधुनिक सुविधा देने के साथ-साथ अब ज्‍यादा यात्रियों को संभालने में सक्षम हो पाएगा।

इसी तरह बिलासपुर, मनाली, लेह रेल लाइन पर शुरुआती सर्वे हो चुका है। कई स्‍थानों में काम शुरू भी हो चुका है। जब ये रेल लाइन तैयार हो जाएगी तब दिल्‍ली से लेह की दूरी बहुत कम हो जाएगी। सर्दियों में तो यहां की पूरी सड़कें शेष भारत से कट जाती हैं। ये रेल लाइन काफी हद तक इस समस्‍या को दूर करेगी।

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साथियों, किसी भी क्षेत्र में जब connectivity अच्‍छी होने लगती है तो वहां के लोगों का जीवन तो आसान होता ही है कमाई के साधन भी बढ़ते हैं। tourism को इसका सबसे अधिक लाभ होता है। लेह-लद्दाख का इलाका तो आध्‍यत्‍म, कला, संस्‍कृति, प्रकृति की सुंदरता और adventure sports के लिए दुनिया का एक महत्‍वपूर्ण स्‍थान है। यहां tourism के विकास के लिए एक और कदम सरकार ने उठाया है। आज यहां पांच नए tracking route को खोलने का फैसला लिया गया है।

केंद्र सरकार ने इन routes पर protected area permit की वैधता भी सात दिन से बढ़ाकर 15 दिन कर दी है। इससे यहां आने वाले tourist शांति से पूरा समय लेकर अपनी यात्रा का आनंद ले पाएंगे और यहां के युवाओं को ज्‍यादा रोजगार मिल पाएगा।

साथियों, मुझे बताया गया है कि इस बार 3 लाख से ज्‍यादा tourist लेह आए हैं और करीब 1 लाख लोगों ने कारगिल की visit की है। एक तरह से देंखे तो कश्‍मीर में जितने tourist अभी आए हैं उसका आधे इसी क्षेत्र में आए हैं। वो दिन दूर नहीं जब लेह-लद्दाख का tourism नई ऊंचाइयों को प्राप्‍त करेगा।

भाईयो और बहनों, केंद्र सरकार देश भर में विकास की पंचधारा यानी बच्‍चों को पढ़ाई, युवाओं को कमाई, बुजुर्गों का दवाई, किसान को सिंचार्इ और जन-जन की सुनवाई इसको सुनिश्चित करने में जुटी हुई है। ये लेह-लद्दाख और कारगिल में भी इन सभी सुविधाओं को मजबूत करने का प्रयास चल रहा है। लद्दाख में कुल आबादी का 40 प्रतिशत हिस्‍सा युवा विद्यार्थी है। आप सभी की लंबे समय से यहां university की मांग रही है। आज आपकी ये मांग भी पूरी हुई है और इसके लिए भी आप सभी को और विशेषकर मेरे नौजवान साथियों को मैं बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। आज उस cluster university को launch किया गया है। इसमें नुब्रा, लेह और जस्‍का कारगिल में चल रहे डिग्री कॉलेजों के संसांधनों का उपयोग किया जाएगा। छात्रों की सुविधा के लिए लेह और कारगिल में भी इसके प्रशा‍सनिक दफ्तर रहेंगे।

साथियों, लेह-लद्दाख देश के उन हिस्‍से में है, जहां schedule tribes मेरे जनजातिये भाई बहनों की आबादी काफी मात्रा में है। दो दिन पहले केंद्र सरकार ने जो बजट पेश किया है। इसमें SC ST के विकास पर बहुत बल दिया गया है। schedule tribes की welfare के लिए बजट में लगभग 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। जबकि दलितों के विकास के लिए लगभग 35 प्रतिशत से अधिक का आवंटन बजट में इस बार किया गया है। बजट में SC ST welfare के लिए जो 11 हजार करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया गया है। इससे अब शिक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और दूसरी सुविधाओं में बढ़ोतरी होने वाली है।

भाईयो और बहनों, केंद्र सरकार देश के हर उस नागरिक को विकास की मुख्‍यधारा से जोड़ने का प्रयास कर रही है। जिन्‍हें कुछ कारणों से विकास का पूरा लाभ नहीं मिल पाया है। इस बजट में सरकार ने बजट में घूमंतू समुदाय के लिए भी एक बहुत बड़ा फैसला किया है। ये वो लोग हैं जो अपनी जीवनशैली की वजह से, कई बार मौसम की वजह से एक ही स्‍थान पर टिक कर नहीं रह पाते, ऐसे में इन लोगों तक सरकार की योजना का लाभ पहुंचाना भी बहुत मुश्किल होता है। अब इन लोगों के लिए सरकार ने welfare development board बनाने का फैसला किया है ताकि सरकार जो विकास कार्यों को लेकर आगे चल रही है। इन विकास कार्यों का लाभ इन परिवारों तक, इन सामूहिक समुदायों तक जो आजादी के 70 साल बाद भी नहीं पहुंच पाया है। उनको तेजी से पहुंचे। और ये लोग कौन है...... सपेरा, भंजारा और जो बैलगाड़ी में घूमने वाले लुहार होते हैं ऐसे ...... बिल्‍कुल घुमंत लोग होते हैं। शिफ्ट होते हैं कहीं रुकते ही नहीं हैं, अपने पशुधन को लेकर चलते चलते ही रहते हैं। अपने स्‍थान पर आते-आते दो साल लग जाते हैं। ऐसे परिवारों की चिंता करना इस एक बहुत बड़ा फैसला हमनें किया है।

साथियों, इसके अलावा बजट में देश के किसानों के लिए भी ऐतिहासिक घोषणा सरकार ने की है। पीएम किसान सम्‍मान निधि short form में उसको कहते हैं PM kisan इस योजना का लाभ लेह-लद्दाख के अनेक किसान परिवारों को भी होने वाला है। सरकार ने फैसला लिया है कि जिन किसानों के पास पांच एकड़ से कम जमीन है और यहां तो करीब-करीब सब ऐसे ही हैं। सब पास पांच एकड़ से कम जमीन वाले... उनके बैंक खाते में सीधे 6 हजार रुपये हर वर्ष दिल्‍ली.... केंद्र सरकार की तरफ से सीधे उनके बैंक खाते में जमा हो जाएगा। ये दो-दो हजार की तीन किश्‍तों में आपको मिलेंगे। सीजन के हिसाब से तय किया है। जिसकी पहली किस्‍त मेरी कोशिश है कि बहुत ही जल्‍द पहुंच जाएगी। और इसलिए मैंने देश की सभी राज्‍य सरकारों को इसकी गाइडलाइनस आज ही भेज देने वाला हूं। सूचनाएं भेज दी हैं कि आपके यहां किसान ... उनकी सूची, उनका आधार नंबर तुरंत भेज दीजिए। ताकि वहां से पैसे उनके खाते में जमा हो जाए। और ऐसा नहीं कि भई बाते करना, वादे करना फिर नेडे करना ... जी नहीं, मुझे लागू करना है। और सब राज्‍यों की मशीनरी जितनी एक्टिव होगी उतना तेजी से लाभ पहुंचने वाला है।

और इसलिए यहां के आलू, मटर, गोभी उसके उत्‍पादक किसानों को प्रोत्‍साहन मिलने वाला है। और यहां की गोभी के लिए तो मुझे बराबर याद है। र्मैं संगठन में काम करता था तो दिल्‍ली से आता था दिल्‍ली वापिस जाता था। तो जो कार्यकर्ता मेरे परिचित थे वो मुझसे एक ही आग्रह करते थे कि साहब luggage का जो खर्चा होगा हम दे देंगे। एक गोभी उठाकर ले आना। और मैं भी यहां से काफी सब्‍जी ले जाता था। उन परिवारों को बड़ा अच्‍छा लगता था ये सब्‍जी खाने का। और इस नई योजना के लिए मैं सब बताता हूं किसानों के लिए अदभूत योजना है। उनको एक बहुत बड़ी ताकत देने वाली है। और जो दिल्‍ली में एयर कंडीशनर कमरों में बैठते हैं न उनको पता नहीं होता है। दुर्गम पहाड़ों में, रेगिस्‍तान में, पिछड़े इलाकों में गरीब किसान जो है न उसके लिए छ: हजार रुपया कितनी बड़ी बात होती है। ये एयर कंडीशनर कमरे में बैठे हुए लोगों को पता तक नहीं होता है। उनको समझ ही नहीं होता है।

इस नई योजना के लिए मैं आप सभी को देश भर के किसानों को ह्दयपूर्वक बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों, लेह, लद्दाख, कारगिल भारत का शीर्ष है, हमारा मस्‍तक है, मां भारती का ये ताज हमारा गौरव है, बीते साढ़े चार वर्षों से ये क्षेत्र हमारी विकास की प्राथमिकताओं का केंद्र रहा है। मझे खुशी है कि ladakh autonomous hill development council act में बदलाव किया गया है। और council को खत जुड़े मामलों में अब ज्‍यादा अधिकार दिए गए हैं।

अब क्षेत्र के विकास के लिए आने वाले पैसे यहां की autonomous council ही जारी करती है। council के अधिकारों के दायरे और फैसले लेने की शक्ति को भी बढ़ाया गया है। इससे यहां के महत्‍वपूर्ण विषयों को ज्‍यादा तेजी से, और ज्‍यादा संवेदनशीलता से सुलझाया जा सकता है। अब आपको अपनी जरूरतों के लिए बार-बार श्रीनगर और जम्‍मू नहीं जाना होगा। लेकिन ज्‍यादातर काम यहीं लेह और लद्दाख में ही पूरे हो जाएंगे।

साथियों, केंद्र सरकार सबका साथ-सबका विकास के मूल मंत्र पर काम कर रही है। देश का कोई भी व्‍यक्ति, कोई भी कोना, विकास से अछूता न रहे इसके लिए ही सबका साथ-सबका विकास का मंत्र लेकर के हम पिछले साढ़े चार साल से लगातार दिन-रात कोशिश कर रहे हैं।

मैं यहां के लोगों को ये विश्‍वास दिलाता हूं। कि लेह लद्दाख कारगिल के विकास के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी।

केंद्र सरकार अभी हमारे मित्र ने काफी लंबा लिस्‍ट पढ़ लिया लेकिन मैं आपको विश्‍वास दिलाता हूं, मैं इनकी बारिकियों में नहीं जाता हूं। लेकिन मैं यहां सबसे परिचित हूं और मेरा ये सबसे बड़ा लाभ है, मैं एक ऐसा प्रधानमंत्री हूं जो हिन्‍दुस्‍तान के हर कोने में भटक कर के आया हो। इसलिए मुझे चीजों का काफी अंदाज है। बारीकियां अफसरों से जान लेता हूं लेकिन मुझे अनुभव होता है। मैं आपको विश्‍वास दिलाता हूं केंद्र सरकार आपकी आशाओं और आंकाक्षाओं का पूरा सम्‍मान करती है। और आज ये शिलान्‍यास और लोकार्पण का कार्यक्रम उसी की एक कड़ी है।

एक बार फिर जीवन को आसान बनाने वाली सभी परियोजनाओं के लिए आपको बहुत-बहुत बधाई देता हूं। सर्दी के इस मौसम में भी आप दूर-दूर से मुझे आशीर्वाद देने के लिए आए, भारी संख्‍या में पहुंचे इसके लिए भी मैं आप सबका बहुत-बहुत आभारी हूं। मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए.......

भारत माता की ......जय

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बहुत-बहुत धन्‍यवाद

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10 Years of MUDRA Yojana has been about empowerment and enterprise: PM
April 08, 2025

The Prime Minister, Shri Narendra Modi today hailed the completion of 10 years of the Pradhan Mantri MUDRA Yojana, calling it a journey of “empowerment and enterprise.” He noted that with the right support, the people of India can do wonders.

Since its launch, the MUDRA Yojana has disbursed over 52 crore collateral-free loans worth ₹33 lakh crore, with nearly 70% of the loans going to women and 50% benefiting SC/ST/OBC entrepreneurs. It has empowered first-time business owners with ₹10 lakh crore in credit and generated over 1 crore jobs in the first three years. States like Bihar have emerged as leaders, with nearly 6 crore loans sanctioned, showcasing a strong spirit of entrepreneurship across India.

Responding to the X threads of MyGovIndia about pivotal role of Mudra Yojna in transforming the lives, the Prime Minister said;

“#10YearsofMUDRA has been about empowerment and enterprise. It has shown that given the right support, the people of India can do wonders!”