Proud that people in Russia have so much warmth towards India: PM
PM Modi congratulates the Russian artistes who performed at the 'Friends of India' event
India-Russia ties are very deep. Our ties go beyond political & trade relations: PM
I greet everyone on Eid-e-Milad. I wish you all on Christmas: PM at 'Friends of India' event
Russia has always stood with India. This is friendship, it is not merely about give and take: PM Modi
Russia has stood by India through thick and thin. It helped us when we faced war: PM
Those who saw India only as a market are now seeing India as a manufacturing hub: PM

नमस्ते

भारत में जो लोग टीवी पर इस कार्यक्रम को देखते होंगे उनके लिए ये एक बहुत बड़ा आश्चर्य होगा। इस सभागृह में आधे लोग भारत से आए हैं और आधे लोग जिन्होंने भारत देखा भी नहीं है लेकिन भारत को भरपूर प्यार करते हैं। इतनी बड़ी मात्रा में रूसी नागरिक भारत के प्रति अपना प्यार अभिव्यक्त करें ये हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है और सबसे बड़ा आश्चर्य रूसी कलाकारों ने , Russian नागरिकों ने जिस प्रकार से भारत की कला को, भारत की संस्कृति को, भारत की सांस्कृतिक विरासत को यहां पर प्रस्तुत किया, उजागर किया, मैं सचमुच में उनको बहुत-बहुत बधाई देता हूं और जिस प्रकार से उन्होंने पूरे कार्यक्रम में ऐसा लग रहा था वे पूरी तरह डूब चुके थे। एक-एक शब्द के साथ वे जुड़ चुके थे। वे सिर्फ अपने हाथ-पैर नहीं हिला रहे थे, वो मन से भारत से मिलन कर चुके थे।

कार्यक्रम के प्रारंभ में मैंने सतीक काजानोवा को सुना और वे वैदिक मंत्रों का उच्चार कर रही थी, गणेश वंदना कर रही थी और पूरी तरह भाव-विभोर होकर के कर रही थी और मुझे बताया गया कि वे Russia की सबसे बड़ी Pop Singer है, जो Pop Singer है वो मंत्रों का इस प्रकार से गान करती हो और वो भी हाथ में कोई कागज वगैरह लेकर के नहीं, इसका मतलब हुआ उसने इसे एक तपस्या के रूप में स्वीकार किया हुआ है| वे रूसी नागरिक है, हिंदू मंत्रों को, हिंदू परंपरा को जीने का भरपूर प्रयास करती है और मुझे बताया गया कि उसका जन्म मुस्लिम परिवार में हुआ है। मुस्लिम परिवार, रूसी नागरिक, Pop Singer और वैदिक मंत्रों का उच्चार और जब मैं यहां आ रहा था तो कुछ लोगों का मेरा परिचय हुआ तो परिचय उनसे भी हुआ और उन्होंने इच्छा जताई कि मेरी एक इच्छा है कि Russia में एक भव्य हिंदू मंदिर बनाना चाहती हूं।

मैं सभी रूसी कलाकारों को, उन्होंने जो साधना की है और भारत को अपने आप में समेट लिया है। मैं उन सब कलाकारों को फिर एक बार हृदय से बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, बहुत-बहुत बधाई देता हूं। Singer सतीक काजानोवा आप जिस लगन से गणेश वंदना कर रही हो, मुझे विश्वास है आपका सपना पूरा होकर ही रहेगा। आज ईद-ए-मिलाद विश्व भर में मनाई जा रही है। मैं ईद-ए-मिलाद पर हर किसी को शुभकामनाएं देता हूं। कल क्रिसमस का पावन पर्व शुरू हो रहा है। मैं विश्वभर में क्रिसमस के पावन पर्व से जुड़े हुए सभी लोगों को शुभकामनाएं देता हूं और कल 25 दिसंबर भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी का जन्मदिवस है और आज अटल जी की लिखी हुई कविता ‘मैं गीत नये गाता हूं’.... ये रूसी कलाकारों ने प्रस्तुत किया और गीत नये गाता हूं का जो आत्मविश्वास था, उसको प्रकट किया। उन्होंने अटल जी को इस प्रकार से याद किया, उनका सम्मान किया, मैं विशेष रूप से इन सबको बधाई देता हूं और ये बात भी मैं नहीं भूल सकता हूं क्योंकि मेरा जन्म गुजरात में हुआ। गुजराती गरबे को भी ऐसे vibrant बनाया जा सकता है, वो तो मैंने Russia में आकर के ही देखा। उस गरबे में जान भर दी इन लोगों ने, उसकी जो प्रस्तुति की, गुजरात वाले देखेंगे तो उनके लगेगा कि अगली बार नवरात्रि के त्यौहार में इन Russian लोगों से सीखना चाहिए, गरबा कैसे होते है।

भारत का और Russia का संबंध बहुत गहरा है। राजनीतिक संबंध होना, एक-दूसरे के साथ व्यापार-रोजगार होना। ये तो सदियों से चला आ रहा है लेकिन रूस में, Russia में, भारत की संस्कृति को, भारत के इतिहास को, भारत की परंपरा को जानने का, समझने का जो अभिरथ प्रयास चला है ये भारत और Russia के सांस्कृतिक संबंधों को एक अभूतपूर्व ताकत देता है। मुझे बताया गया कि Russia में 150 से ज्यादा भारतीय संगीत और कला की स्कूल चलती हैं और ये Russian नागरिक चलाते हैं। मैं अभी भारत पर अभ्यास करने वाले कुछ अध्यापकों से, Scholars से मिला, Indology का अध्ययन करने वाले और सब लोग मेरे से हिंदी में बात कर रहे थे और उन्होंने ने मुझे बताया कि हम भारत का इतिहास यहां पढ़ाते हैं, भारत के वीर पुरुषों की गाथाएं पढ़ाते हैं, भारत के वीर पुरुषों की गाथाएं यहां की प्रजा की प्रेरणा देती हैं और इतने उमंग से वे अपनी बातें बता रहे थे कि भारत के प्रति उनका लगाव क्या है, भारत को किस रूप में उन्होंने समझा है। हर भारतीय को गर्व हो, वो दृश्य मुझे दिखाई दे रहा था।

पिछले दिनों पूरे विश्व ने 21 जून को अंतराष्ट्रीय योग दिवस मनाया। आज पूरे विश्व में योगा के प्रति एक लगाव है और अभी एक रूसी बेटी ने योगा पर जो किताब लिखी है, मुझे गिफ्ट की, योगा के Ambassador के रूप में इसने पिछले साल काम किया और योगा के प्रचार के लिए वो भरपूर कोशिश कर रही है। मैंने उसे पूछा हिंदूस्तान में आप कब गईं, कहां सीखा, कैसे सीखा तो मुझे कह रही कि मैं तो अभी हिंदुस्तान गई नहीं हूं। मैंने इंटरनेट से सीखना शुरू किया और धीरे-धीरे मैं योग में समाहित हो गई और योग ही मेरा जीवन बन गया। Russia के अंदर 21 जून को 200 से अधिक स्थान पर योगा दिवस मनाया गया और मुझे बताया गया कि जो सार्वजनिक योगा हुआ इसके सिवाए जो हुए वो तो अलग लेकिन जो सार्वजनिक रूप से हुए कहते हैं कि करीब-करीब 45 से 50 हजार लोग उन्होंने सार्वजनिक रूप से योगा का कार्यक्रम किया। मैं Russia पहले भी आया हूं। मुझे Ashtarkan जाने का अवसर मिला था, Russia का एक प्रांत है और गुजरात के Sister State के रूप में उसके साथ एक समझौता हुआ था, अटल जी की जब सरकार थी तब मैं यहां आया था। उसके बाद भी मैं Ashtarkan गया था और मैंने देखा वहां पर आज भी एक India House है और 400 साल पुराना वो India House है। 1640-50 के कालखंड में जो भारत से लोग व्यापार करने के लिए आते थे वो अपना जाहज वहां रखकर के इस India House में रुकते थे और दो-दो, चार-चार, छह-छह महीने रुकना पड़ता था। उस जमाने में Russia के साथ ये व्यापारिक संबंध बने थे। उस जमाने में Diamond का कारोबार Russia के साथ भारत का चलता था। Russia के Scholar 300 साल, 400 साल पहले भारत में जाया करते थे, ये हमारी सांस्कृतिक विरासत है और आपने देखा होगा कि Russian भाषा में संस्कृत शब्दों का बड़ा प्रभाव है। एक प्रकार से संस्कृत भाषा की जुड़वा भाषओं के रूप में Russia निकट लगती है। रूसी भाषा अपनेपन वाली लगती है। बहुत सारे शब्द हैं। हम door कहें तो उनके मन में सवाल उठता है, द्वार कहें तो उनको पता चलता है कि मैं क्या कह रहा हूं। हम Tea बोलें तो उनके आश्चर्य होता है, चाय बोले तो उनको लगता है हां ये सही बोल रहा है और इसलिए मुझे याद है मैं एक बार Ashtarkan के Governor से एक बार मिला तो watermelon की चर्चा हो रही थी तो watermelon समझ नहीं आया मैंने तरबूज कहा तो वे हां बोले हां तरबूज ठीक है उनको तरबूज समझ आ गया यानि इतने शब्द हमारे सहज रूप से इनके साथ जुड़े हुए हैं, इतनी निकटता हमारी इनके साथ जुड़ी हुई है और आज वैश्विक परिवेश में अगर देखें आंख बंद करके कोई कह सकता है इस दुनिया में हर पल चाहे संकट का कालखंड हो या सुविधा का कालखंड हो कोई एक देश बिना झिझक अगर हिंदुस्तान के साथ खड़ा रहा तो उस देश का नाम है Russia।

हम युद्ध के समय जब संकट से गुजर रहे थे तब यही देश था जिसने हमारी मदद की और हमारे जांबाज जवान युद्ध के मैदान में विजय प्राप्त करके वापस आए थे। रूस भारत के साथ सदा-सर्वदा एक शक्ति के रूप में खड़ा रहा और ये शक्ति मित्रता की शक्ति है, दोस्ती की शक्ति है। जिसमें लेन-देन का कारोबार कम है लेकिन एक-दूसरे के लिए खड़े रहना ये Russia ने करके दिखाया है। जब विश्व में महासत्ताओं का बोलबाला था। महासत्ताओं की इच्छा पर दुनिया इधर-उधर जा सकती थी ऐसे समय भी भारत जो कि एक गरीब देश रहा, उसके साथ रूस ने अपना नाता बनाए रखा और आज भी कायम रखा है। अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जब-जब भारत को किसी की जरूरत पड़ी, विश्व के पटल पर Russia हमेशा-हमेशा भारत के साथ, एक मजबूती के साथ खड़ा रहा और दुनिया के अंदर भारत की आवाज बुलंद बनाने में Russia की मदद हमेशा काम आई। आज बहुत बड़ी मात्रा में भारत के विद्यार्थी Russia में पढ़ने के लिए आ रहे हैं, उनको यहां अपनापन लगने लगा है लेकिन जितनी मात्रा में भारत में रूसी नागरिकों का tourist के नाते होना चाहिए, उतना होना अभी बाकी है। Russians are the best tourist, वो साल भर का अपना कार्यक्रम बनाते हैं कि 10 जाना कि नहीं जाना, 15 दिन जाना कि नहीं जाना। मैं सभी भारतवासियों से आग्रह करूंगा कि आप यहां आए हैं एक काम जरूर किजिए कि हर बार आपके प्रयत्न से कम से कम पांच रूसी परिवार भारत में tourist के नाते जाएं। आप देखिए लाखों की तादाद में रूसी नागरिक भारत में tourist के नाते जाएंगे। भारत के प्रति उनका आर्कषण है, ये हमारा काम है कि हम एक बार दरवाजे खोलकर उनको ले चलें, उंगली पकड़कर के ले चले और एक बार सिलसिला चल पड़ा तो 10 साल, 20 साल वो चलता रहता है tourist आते रहते हैं और tourist जब आते हैं तब सिर्फ वहां देखकर के आते नहीं हैं अपने साथ भारत की यादें लेकर के आते हैं, जो यादें यहां पर बोई जाती हैं और उसमें संबंधों के वृक्ष पैदा होते हैं जहां पर कभी हमें शांति और मित्रता की छाया मिलती रहती है और इसलिए हमारा प्रयास रहना चाहिए कि Russia से भारत में अधिकतम लोग tourist के रूप में कैसे आएं, हम लोगों का प्रयास रहना चाहिए। जिस देश के नागिरकों को भारत के प्रति इतना लगाव हो, उनको भारत दिखाना, भारत के प्रति आकर्षित करना, भारत को देखने के लिए प्रेरित करना ये हम सबका सामूहिक कर्तव्य है और मैं विशेष रूप से Russia में आकर के रहने वाले मेरे भारतीय भाईयों को, नौजवानों को विशेष आग्रह करता हूं कि इस काम को हम करें।

आज पूरे विश्व में भारत के आर्थिक विकास की चर्चा हो रही है। चाहे World bank हो, IMF हो, दुनिया की Rating agencies हो हर कोई एक स्वर से कहता है कि आज दुनिया में जो बड़ी Economies है इसमें सबसे तेज गति से आगे बढ़ने वाली कोई Economy है तो उसका नाम है हिंदुस्तान। 20वीं सदी के अंत में ये चर्चा होती थी कि 21वीं सदी एशिया की सदी बनेगी। दुनिया ने मान लिया था कि 21वीं सदी एशिया की सदी होगी लेकिन दुनिया ये तय नहीं कर पाती थी कि 21वीं सदी का नेतृत्व करने वाले लोग कौन होंगे। आज 21वीं सदी के दूसरे दशक में विश्व जिस प्रकार से भारत की ओर देख रहा है, इशारा साफ-साफ है कि हिंदुस्तान 21वीं सदी में अपनी बहुत बड़ी भूमिका अदा करेगा। आर्थिक रूप से भारत ने अपनी एक जगह बनाई है और भारत एक तेज गति से आगे बढ़ रहा है। आज से कुछ साल पहले दुनिया की नजरों में भारत एक बाजार था। विश्व को लगता था कि हम हिंदुस्तान जाएंगे, माल बेचेंगे, कमाएंगे क्योंकि भारत में खरीदार बहुत हैं लेकिन आज 21वीं सदी के दूसरे दशक आते-आते स्थिति बदल रही है। कल तक जिनको भारत बाजार लगता था वो आज लोगों को भारत एक manufacturing hub बन सकता है, भारत दुनिया की आवश्यकताओं को पूर्ण कर सके ऐसी ताकत बनके उभर सकता है, इस तरफ लोगों की नजर गई है और हमारी भी कोशिश है कि भारत manufacturing hub के रूप में कैसे आगे बढ़े और जब हम manufacturing hub की बात करते हैं तो हवा में नहीं करते हैं। भारत के पास ये सामर्थ्य है और सदियों पहले था भी, हिंदुस्तान को सोने की चिड़िया ऐसे ही थोड़े कहा गया होगा, कुछ तो होगा हमारे पास लेकिन गुलामी के कालखंड में सब लुट चुका। अब हमारी जिम्मेवारी है कि ये देश फिर से ताकतवर बनकर के खड़ा हो जाए और संभावना पूरी है।

भारत एक संभावनाओं का देश है। जिस देश के पास 800 million 35 साल से कम उम्र के नौजवान हो। इतनी बड़ी तादाद में करीब-करीब 65 प्रतिशत जनसंख्या 35 साल से कम उम्र की हो, जो देश इतना जवान हो, उसके सपने भी जवान होते हैं, उसके इरादे भी जवान होते हैं और वो इन चीजों को प्राप्त करने का सामर्थ्य रखता है। भारत के सपने जाग चुके हैं, भारत का नौजवान जाग चुका है, भारत आगे बढ़ने का संकल्प ले चुका है और सवा सौ करोड़ देशवासियों की ताकत है जिसने एक बार ठान ली अगर एक हिंदुस्तानी एक कदम चलता है तो हिंदुस्तान सवा सौ करोड़ कदम चल पड़ता है और यही कारण है कि भारत आज विकास की नई राह पर चला है और ऐसा नहीं है कि भारत के पास समस्याएं नहीं हैं। दुनिया के समृद्ध से समृद्ध देश के पास भी समस्याएं हैं लेकिन कुछ लोग होते हैं जो सुबह शाम समस्याओं को गिनते-गिनते रोते रहते हैं और कुछ लोग हैं जो समस्याओं के समाधान के रास्ते खोजते हैं और आगे के लिए चल पड़ते हैं। आज हिंदुस्तान समस्याओं के रास्ते खोज रहा है, आज आगे चलने के इरादे से चल पड़ रहा है और उसका परिणाम भी, उसका परिणाम नजर आ रहा है।

पिछले एक साल के भीतर-भीतर विश्व के देशों ने, विश्व के उद्योग जगत ने Foreign direct investment में 40 प्रतिशत वृद्धि होना। एक साल में 40 percent increase ये छोटी घटना नहीं है और दुनिया में अगर कोई दम नहीं दिखता है तो कोई रुपया डालेगा क्या, हम भी डालेंगे क्या, यहां जो आप मेरे भारत के लोग रहते हैं, आपको अगर भरोसा नहीं हो तो पांच रुपये डालोगे क्या। जब भरोसा होता है कि जो डाल रहे तो return मिलने वाला है, assurance पक्का लगता है, रुपयों की security नजर आती है तब लोग रुपये डालने की कोशिश करते हैं। आज लोग भारत में रुपये डाल रहे हैं, उसका कारण है कि उनको विश्वास हो चुका है कि अब यही एक जगह है जहां से हम आगे बढ़ने वाले हैं। विश्व के पूंजी निवेश से हम भारत में आधुनिक Infrastructure बनाना चाहते हैं। हमने रेलवे को 100 प्रतिशत Foreign direct investment के लिए open up कर दिया है। भारत की वो रेलवे अब आधुनिक होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए, उसकी गति बढ़नी चाहिए कि नहीं चाहिए, Train का रंग-रूप भी बदलना चाहिए कि नहीं चाहिए, दूर-दूर तक हमारी रेल जानी चाहिए कि नहीं चाहिए। हम सिर्फ ये ही कहें हमारी रेल इतनी पुरानी है, इतने समय से चल रही है, ये गीत गाने से नहीं चलता है, संकल्प लेकर के आगे बढ़ने से देश आगे बढ़ता है और इसलिए और तब जाकर के रेलवे में दुनिया के लोग पूंजी निवेश के लिए आ रहे हैं। अभी जापान के साथ भारत में एक agreement हुआ, मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन का। जापान बहुत कम ब्याज से 0.1 percent धन लगाएगा करीब एक लाख करोड़ रुपया लगाएगा और एक लाख करोड़ रुपया लगेगा तो रोजी-रोटी तो वहीं लोगों को मिलने वाली है, हिंदुस्तान के लोगों को मिलने वाली है, देश बदल भी सकता है।

Russia हमारे यहां अणु विद्युत पर काम कर रहा है और आने वाले दिनों में Nuclear Energy पर आज हमारा उनके साथ समझौता हुआ है। दुनिया जो Global warming से लड़ाई लड़ रही है, Nuclear Energy के द्वारा Global warming की समस्या खोजने का प्रयास भारत और Russia मिलकर के कर रहे हैं, जो आने वाले दिनों में मानव जात का कल्याण होने वाला है तो हम एक विकास को आधुनिकता की तरफ ले जाना चाहते हैं, विकास को नई ऊंचाइयों की पर ले जाना चाहते हैं और विकास का लाभ भारत के गरीब से गरीब व्यक्ति को कैसे मिले ये हम सुनिश्चित करना चाहते हैं और इसलिए एक तरफ आर्थिक विकास हो और दूसरी तरफ सामाजिक शक्ति में बढ़ावा हो ताकि एक-एक गरीब से गरीब परिवार भी आर्थिक रूप से सामर्थ्यवान बने तभी जाकर के देश की जड़ें मजबूत होंगी और इसलिए इन दोनों दिशाओँ में आज भारत को आगे बढ़ाने के लिए प्रयत्नरत हैं और उसके नतीजे भी दिखाई दे रहे हैं, उसके परिणाम भी नजर आ रहे हैं। आज विश्व में कोई भी निर्णय होता है, उस निर्णय में भारत की भी कोई न कोई भूमिका होती है वरना हमारी क्या भूमिका रहती थी, हम एक मूकदर्शक रहते थे और देखते हैं दुनिया इधर जा रही है कि उधर जा रही है, इधर गई तो ठीक है, उधर गई तो ठीक है, हम देखते रहते थे। आज ऐसा नहीं है, आज दुनिया देखती है, ये कर रहे हैं लेकिन पहले देखो तो सही भारत क्या सोच रहा है, क्या भारत साथ चलेगा क्या।

भारत ने विश्व में अपनी एक जगह बनाई है और उस जगह को लेकर के, आतंकवाद के खिलाफ पूरे विश्व में अब नजरिया बदल रहा है। 30 साल से दुनिया को डंके की चोट पर हिंदुस्तान कहता रहा कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है और जो-जो मानवता में विश्वास करते हैं उन सबने एक आना चाहिए और एक मन करके आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़नी चाहिए तब दुनिया को हमारी बात गले नहीं उतरती थी, उनको लगता था कि ये तो आपके देश का problem है। हम दुनिया को समझा-समझा कर थक गए कि आतंकवाद की न कोई सीमाएं होती है न कोई समय होता है न ही उसका कोई target तय होता है। वो कहीं पर भी धमक सकता है, वो निर्दोषों को मारने पर तुला हुआ है, 30 साल तक जो हमारी बात मानी नहीं, आज आतंकवादियों की करतूतों ने, उनकी बेहरहमी ने निर्दोषों पर हो रहे उनके जुल्‍म के तरकत और तरीके ने पूरे विश्‍व को झकझोर दिया है और पूरी दुनिया आज हिन्‍दुस्‍तान की उस बात को मानने के लिए मजबूर हुई है कि आतंकवाद ये मानवता का दुश्‍मन है और मानवता में विश्‍वास करने वालों को एक आना अनिवार्य हो गया है।

ये बात आज दुनिया के गले में उतारने में हिन्‍दुस्‍तान सफल हुआ है। हर कोई, हर कोई आतंकवाद से बाहर निकलने के लिए झटपटा रहा है और समय की मांग है कि मानवतावादी शक्तियां एक आए, आतंकवाद को समाप्‍त करने का संकल्‍प करें, आतंकवाद को समाप्‍त करने के लिए सहयोग करें कंधे-से-कंधा मिला करके मानवतावादी शक्तियां अगर खड़ी हो जाएगी तो आतंकवाद को खत्‍म करना कोई मुश्किल काम नहीं है और उस रास्‍ते पर भारत और Russia मिल करके काम कर रहे हैं ।

Russia की हमारी दोस्‍ती एक समान सोच पर आगे बढ़ रही है और जिसका विश्‍व को लाभ होने वाला है। भाईयों-बहनों भारत और Russia के संबंध, अब एक Central Asia की एक नयी ताकत के रूप में उभर रहे है और Central Asia की ताकत अनेक क्षेत्रों में, अनेक भू-भाग में आर्थिक संपन्‍नता का एक नया कारण बन सकती है।

किसी जमाने में यूरोपीय यूनियन की चर्चा होती थी, किसी जमाने में ASEAN countries की चर्चा होती थी। वो दिन दूर नहीं होगा जब दुनिया में Eurasia की चर्चा होना शुरू हो जाएगी। एक ऐसी, एक ऐसी, एक ऐसी ताकतवर इकाई खड़ी होगी जो आने वाले दिनों में एक बहुत बड़े भू-भाग में संतुलन का कारण बनेगी, आर्थिक विकास के लिए catalyst agent बनेगी और सुख और शांति की खोज में मिल-बैठ करके जगह के लिए एक नय मजबूत platform तैयार करेगी। ये मैं नजर देख रहा हूं।

आज President पुतिन के साथ Eurasia के भविष्‍य के संबंध में मेरी काफी विस्‍तार से बाते हुई है। अपार संभावनाओं को हमने तलाशा है और आगे आने वाले दिनों में मिल-बैठ करके Eurasia किस रूप से शक्ति रूप बने, विकास के अवसरों को प्रदान करने का कारण कैसे बने, परिस्थिति पलटने के लिए साथ मिल करके कैसा परिणाम लाया जा सकता है। उस दिशा में हमने विस्‍तार से बातें की है, योजनाएं सोची है। जिसका परिणाम आने वाले दिनों में नजर आने वाला है।

मेरी ये यात्रा बहुत कम समय की थी कल रात को आया और अभी चला जाऊंगा। लेकिन मैं कहता हूं इतने कम समय में बहुत ही सफल, बहुत ही फलदायी, बहुत ही परिणामकारी ये यात्रा रही है।

मैं Russia का, Russian सरकार का गर्मजोशी से हम लोगों का स्‍वागत-सम्‍मान करने के लिए बहुत आभार व्‍यक्‍त करता हूं। और आपने जिस प्‍यार से, Russian कलाकारों ने भारत भक्ति के दर्शन किए, दर्शन कराए उसके लिए आपका भी बहुत-बहुत आभार व्‍यक्‍त करता हूं।

धन्‍यवाद

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Today, Maharashtra has witnessed the triumph of development, good governance, and genuine social justice: PM Modi to BJP Karyakartas
The people of Maharashtra have given the BJP many more seats than the Congress and its allies combined, says PM Modi at BJP HQ
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जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।