Consensus over GST is proving that Rashtraneeti is above Rajneeti: PM Modi

Published By : Admin | August 8, 2016 | 20:50 IST
GST is a “Great Step by Team India, a Great Step towards Transformation and a Great Step towards Transparency”: PM Modi
Passage of GST Bill is a victory not for any political party, but for ethos of Indian democracy: PM Modi
Consensus over GST is proving that Rashtraneeti is above Rajneeti: PM Narendra Modi
With GST, we intend to bring uniformity in taxation, make consumers the king: PM
GST would help reduce corruption in collection, as well as the cost of collection: PM Modi
Small businesses will gain tremendously from GST and will feel more secure: PM
Government is focusing on economic and educational empowerment of the poor to mitigate poverty: PM

आज 8 अगस्त है। अगस्त क्रांति का बिगुल 8 अगस्त को बजा था और महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो इस मंत्र के साथ देश को आजादी के पूरे आंदोलन एक बहुत बड़ी तीव्रता के साथ आंदोलित किया था। और 9 अगस्त को आजादी के दीवानों पर बहुत सारे जुल्म ढाए गए थे। आज 8 अगस्त, 75 साल हो रहे हैं। उन सभी आजादी के दीवानों को स्मरण करते हुए आज 8 अगस्त को Tax Terrorism से मुक्ति… उस दिशा में एक अहम कदम हमारी संसद दोनों सदन के सभी सांसद मिलकर के एक बहुत बड़ा अहम कदम उठाने जा रहे हैं।

हमारे देश में टैक्स को लेकर के कैसी स्थिति रही है। शायद कुछ लोगों को मालूम होगा। टैक्स को लेकर के सुप्रीम कोर्ट में एक मसला आया था और विषय यह आया था कि नारियल को फल माना जाए कि सब्जी माना जाए? नारियल पर फल के आधार पर टैक्स हो कि सब्जी के आधार पर टैक्स मुक्त हो। मसला सुप्रीम कोर्ट तक चला गया। तो टैक्स की हमारी जो पुरानी परम्परा रही है। उसमें कैसे कैसे उतार चढ़ाव आये हैं। इसको समझने के लिए यह घटना अपने आप में पर्याप्त है।

मैं इस समय इस प्रकार से सभी राजनीतिक दलों का सभी राजनीतिक पार्टियों के द्वारा जो सरकारें चल रहीं हैं उन सबका धन्यवाद करने के लिए खड़ा हुआ हूं।

एक ऐसा निर्णय हम कर रहे हैं जिसमें राज्यसभा, लोकसभा, 29 राज्य और क्योंकि कोई न कोई नुमाइंदे जीत कर के आए हैं। ऐसे 90 राजनीतिक दल उन सबने एक व्यापक मंथन करके विचार मंथन करके आज हमें यहां पहुंचाया और जिसको हम कुछ समय के बाद अंतिम निर्णय के लिये मुहर लगाएंगे। और इसलिए यह बात सही है कि जन्म कोई दे, लालन पालन कोई करे।

कृष्ण को जन्म किसी ने दिया कृष्ण को बड़ा किसी ने बनाया लेकिन यह भी सही है कि ये किसी दल का किसी सरकार की विजय नहीं है। ये भारत की लोकतंत्र की उच्च परम्पराओं का विजय है। ये सभी राजनीतिक दलों का विजय है। ये पहले भी और वर्तमान सभी सरकारों योगदान से है और इसलिए कौन जीता कौन हारा इसके लिये मैं नहीं मानता हूं कोई विवाद की आवश्यकता है।

और इसलिए जीएसटी का मतलब है Great Step by Team India, जीएसटी का मतलब है Great Step Towards Transformation, जीएसटी का मतलब है Great Step Towards Transparency और इसलिए हम एक नई व्यवस्था से गुजर रहे हैं।

एक भारत -श्रेष्ठ भारत ये हम सबका सपना है। एक भारत जब हम रेलवे की तरफ देखते हैं। एक भारत की अनुभूति आती है। जब हमारे डाकखाने देखते हैं, एक भारत की अनुभूति आती है। जब हमारे ही ऑल इंडिया सिविल सर्विसेज़ को देखते हैं। एक भारत की महक आती है। हम आई पी सी, सी आर पी सी, की तरफ नजर करते हैं। तो एक भारत की हमें पहचान मिलती है। जब आज हम भारत नेट की बात करते हैं। डिजिटल इंडिया की बात करते हैं। सागर माला की बात करते हैं। ये सारे उपक्रम एक भारत है। इस भाव को बल देते हैं, ताकत देते हैं और उसी सिलसिले में आज जी एस टी वो एक नया मोती इस माला में हम पिरो रहे हैं, जो एक भारत के भाव को ताकत देता है। ये सिर्फ कर व्यवस्था नहीं है। सब राज्य और केन्द्र मिलकर के एक ऐसी व्यवस्था विकसित करे जिसमें छोटा सा छोटा राज्यो हो या बड़ा सा बड़ा राज्य हो सबको ये व्यवस्था अपनी लगे। ये एक भारत को ताकत देने वाली बात है और उस अर्थ में, मैं इसका बड़ा महत्व समझता हूं।

कभी-कभी जीएसटी को लेकर के संशय भी रहे। मैं जब मुख्यमंत्री था मेरे मन में भी बहुत संशय थे। प्रणब मुखर्जी साहब से मैंने कई बार उस पर विचार विमर्श भी किया था। और आज जीएसटी को एक मुख्यमंत्री की नजर से देखने के कारण प्रधानमंत्री बनने के बाद उन मुद्दों को Address करना मेरे लिये सरल रहा है। वो अनुभव मुझे काम आया है। और उसके कारण उस समय राज्यों जिन बातों को हम Address नहीं कर पाते थे। कुछ बातें उजागर नहीं हो पा रहीं क्योंकि कुछ बातें ओझल हो जाती हैं। ये सारी बातें इतने लंबे सामूहिक मंथन के कारण और उसमें सिर्फ मेरा ही योगदान है ऐसा नहीं है सबका योगदान है। बहुत सी कमियों को दूर करने में हम सफल हुए हैं। और ये सामूहिक मंथन का नतीजा है फिर भी यह सत्य है कि हम Perfect भी हो सकते हैं। कुछ कमी नहीं रह सकती है। आगे चलकर के कोई कमी नहीं आएगी। ऐसा गुरूर कम से कम इंसान तो नहीं कर सकता है। और इसलिए इतने सारे brain जिन्होंने कशरत की है कोशिश की है। अच्छा करने का प्रयास किया है। और उस प्रयास का परिणाम भी मिलेगा। और आज देश अनुभव कर रहा है कि एक मंच, एक मत, एक मार्ग, एक मंजिल ये मंत्र आज जीएसटी के इस सारी कोशिश में हम सबने अनुभव किया है। और इसलिए ये बात सही है कि राज्यसभा में अंक गणित में तो ये बिल संकट में आ सकता था। ये भी सही है कि राज्यों को केन्द्र के प्रति अविश्वास का माहौल था। अपने – अपने अनुभवों के कारण था। और ये सबसे बड़ी आवश्यकता थी कि राज्यों में और केन्द्र के बीच विश्वास पैदा हो। सबसे बड़ी आवश्यकता थी कि ये बात बहुमत के आधार पर निर्णय न हो। हम कतई नहीं चाहते और मैंने पहले भी इसी सदन में कहा है के लोकतंत्र ये सिर्फ बहुमत के अंक खेल नहीं हो सकता है। ये सहमति की आंकड़ा है। ये सहमति की आंकड़ा है। और जब सहमति की आंकड़ा आगे भी चलेगी। और ये हम लगातार विचार विमर्श करते रहे हैं। आज हमारे मौलवी साहब को इस बात का बहुत बुरा लगा कि इस हाउस को Junior House कहा जाता है। जो लोग इस प्रकार के शब्द प्रयोग करते हैं। उन लोगों को आपका मैसेज जरूर पहुंचेगा। वो बदलेंगे की न बदलेंगे ये कहना कठिन है लेकिन ये पहुंचेगा। लेकिन- लेकिन जब मैंने विचार विमर्श के लिये आदरणीय सोनिया जी को बुलाया था। आदरणीय मनमोहन सिंह जी को बुलाया था। एक लोकसभा से एक राज्यसभा से मैंने दोनों को बराबरी का महत्व देते हुए जीएसटी को लेकर के विचार विमर्श किया था। और इसलिये हमारी यह कोशिश रही है कि सबके सुझावों का स्वीकार करने का प्रयास किया गया है। हम जानते हैं कि एक अभूतपूर्व सहमति का माहौल पैदा हुआ है। और उसमें से एक शक्ति पैदा होती है। जो शक्ति राज्य के लिए एक बहुत बड़ी अमानत होती है। हम सब अलग-अलग राजनीतिक विचारों से जुड़े हुए हैं। राजनीति हम लोगों के ज़हन में है और हमारी बातों में है। कहीं न कहीं वो आ जाना भी बहुत स्वाभाविक है। लेकिन इस पूरे जीएसटी की चर्चा में हमने देखा कि पवित्र स्थान हममें से किसी ने इसको राजनीति का मंच नहीं बनने दिया। ये राष्ट्रीय मंच बना राष्ट्रीय हितों को सर्वोपरि मानते हैं।

ये भारत के लोकतंत्र के उज्ज्वल पहलुओं में से एक है। राजनीति से ऊपर राष्ट्र नीति होती है। इस बात को हम सब ने मिलकर के इसका मतलब ये नहीं कि जो प्रस्ताव हुआ है, उसमें किसी की कोई शिकायत नहीं होगी। जरूरी नहीं कि नहीं शिकायत होगी। यहां भी कुछ लोग बैठे होंगे जिनको लगता होगा कि शायद इसकी बजाय ऐसा होता तो अच्छा होता। फुल स्टोप यहां की बजाय कोमा यहां होता तो अच्छा होता। ये रहना ही रहना है। यही तो लोकतंत्र की ताकत है। लेकिन उसके बावजूद भी हम सब लोगों ने प्रयास किया है कि इसको हम आगे बढ़ाएं।

इस जीएसटी की व्यवस्था के कारण बहुत बड़ी सरलताओं की संभावना हम देख रहे हैं। आज हम जानते हैं हर राज्य में अलग-अलग भांति के फॉर्म भरना ये भरना इतना बड़ा लंबी Process होती है। और सरकारी अफसरों का भी उन कागजों को चैक करना ये uniformity भी आ जाएगी उसमें। Tax History के अंदर उसकी Processing के अंदर Tax के Rate के अंदर और इसका एक सीधा परिणाम होने वाला है। ये Message बहुत Clear जाने वाला है। Consumer is a King जीएसटी की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इससे साफ Message जाने वाला है। Ultimately Consumer is a King और एक कानून एक व्यवस्था Consumer को king बनाएं, मैं समझता हूं अपने आप में एक बहुत बड़ा योगदान है।

आज इस जीएसटी के बाद मेरा अंदाज है 7 से लेकर के 11 तक अलग –अलग जो कर व्यवस्थाएं हैं। जिससे छोटे छोटे सब उद्यमी को व्यापारी को जूझना पड़ता है। इसके कारण सात से लेकर के 11, 12, 13 तक ऐसी भारी कर प्रथाएं इसके कारण समाप्त हो जाएगी। एक सरलीकरण आ जाएगा और इससे छोटे उद्यमियों को भी लाभ होगा और Consumer को सबसे ज्यादा लाभ होने वाला है। जीएसटी जो छोटे उत्पादक हैं। उनको सुरक्षा की गारंटी देता है। और हमारे देश की Economy Drive करने में ये छोटे – छोटे उद्यमकार हैं। वो एक बहुत बड़ी ताकत हैं। हम उनको जितना सुरक्षित करेंगे। उतना मैं समझता हूं कि इसके कारण बहुत लाभ होने वाला है। हम जानते हैं अर्थव्यवस्था का आगे बढ़ाने का जो भिन्न-भिन्न पहलू होंगे।

मेरी समझ में एक छोटा सा मत है कि अर्थव्यवस्था को सुचारू ढंग से चलाने के लिए अर्थव्यवस्था को तेजी से चलाने के लिए पांच बातों की ओर हम अगर ध्यान केन्द्रित करते हैं, Man, Machine, Material, Money and Minute –समय, इनका Optimum Utilization अगर ये करने में हमारी व्यवस्थाएं आगे बढ़ती हैं, तो Economy को बढ़ने के लिए और कोई नए अवसर तलाशने नहीं होंगे।

आज हम देखते हैं कि हमारी चुंगी हुई प्रथा के कारण चाहे स्टेट के बीच में जहां दो बोर्डर वहां चुंगी नाका हो। हम मीलों तक कतार देखते हैं। हमारे देश के अंदर मशीन व्हीकल और ऐसा अनुमान है कि हमारे देश में ये जो चलते फिरते साधन हैं वे अपनी Capacity का सिर्फ 40% ही Utilize करते हैं। 60% इनको कहीं न कही रुकना पड़ता है।

अभी अभी आर्थिक दृष्टि से रीसर्च करने वाली एक एंजेसी ने अपना सर्वे बताया है कि इन कारणों से भारत में एक लाख चालीस हजार करोड़ रुपयों का वेस्टेज होता है। जस्ट इनके रुके रहने के कारण । उसमें सारा का सारा भूमिका चुंगी की नहीं है। लेकिन बहुत बड़ा मात्रा सिर्फ चुंगी ही है। जीएसटी के कारण ये सारे hurdle, और प्रकार के होंगे वो तो समय रहते निकलेंगे। लेकिन उसके कारण Environment को फायदा होगा। जो गाड़ियां खड़ी रहती है, जो पेट्रोल जलता रहता है, डीजल जलता रहता है। हमारा बहुत सामान एक जगह से दूसरी जगह पर पहुंचने में जो देर होती है। इन सारी चीजों में एक बहुत बड़ी सुविधा पैदा होने वाली है और उसके कारण सरलीकरण आने वाला है और जिसके कारण हमारे देश को हम जो विदेशों से इतना बड़ा पेट्रोलियम लाते हैं। उस पर भी हमें कमी आएगी। और एक प्रकार से हमारे यहां सब प्रकार की शक्ति रखने वाले राज्य नहीं हैं। हर राज्य एक दूसरे के साथ उन पर इंटर डिपेन्डेंट है। किसी को एक चीज लेनी पड़ती है तो किसी दूसरे राज्य को देनी होती है। तब जाकर के उनका कारोबार चलता है। और उसमें आज की व्यवस्थाएं बड़ी हलचल पैदा करती है। इस एक व्यवस्था के कारण उसमें जो कठिनाइयां हैं, उस कठिनाइयों को दूर करने में सुविधा होगी। ऐसे राज्यों की Income बढ़ेगी।

आज जो राज्य हमारे देश में पिछड़े हुए राज्य माने जाते हैं। इस व्यवस्था के कारण उनकी आय बढ़ना ये गारंटी है इसमें। और उसके कारण इन राज्यों को शिक्षा में अगर धन लगाना है, खेल सैक्टर में अगर धन लगाना है, इन्फ्रास्ट्रक्चर में अगर धन लगाना है, तो उनके लिए इस व्यवस्था के कारण जो आय बढ़ने वाली है। उस आय से बहुत बड़ा लाभ ऐसे राज्यों को होने वाला है। और यह बात निश्चित है कि भारत के विकास के लिए पश्चिम में जिस प्रकार विकास हम देख रहे हैं। सबसे पहली आवश्यकताएं हिन्दुस्तान के पूर्वी हिस्सा उसको उसकी बराबरी में तुरंत लाना चाहिए। वरना ये असंतुलित विकास देश को तेज गति से नई ऊंचाइयों को पहुंचाने में रुकावट पैदा कर सकता है। जीएसटी के कारण ऐसे राज्यों को एक नया अवसर मिला है। और मैं आज ऐसे राज्यों से अनुरोध करूंगा कि जीएसटी लागू होने के बाद वे Maximum फायदा इसका उठाएं। जो धन उनके पास आए वो धन को राज्य की मूलभूत चीजों पर अगर बल देंगे। देखते ही देखते देश जिन सपनों को देख रहा है। उन सपनों को हम पूरा कर पाएंगे। जीएसटी के कारण ये बात सही है manufacturing states के सामने कुछ तकलीफें हैं। Consumer States को ज्यादा फायदा होने वाला है। लेकिन भारत सरकार ने जीएसटी के माध्यम से उनको compensate करने के लिए जीएसटी में इसका प्रावधान किया गया है। और इसका फायदा राज्यों को ही होने वाली है। उसका भी समाधान इसमें होने वाला है।

आमतौर पर दो भाइयों के बीच भी अगर झगड़ा हो जाता है। सगे भाई के बीच में या तो सम्पत्ति के कारण हो सकता है। राज्यों और केन्द्र के बीच का तनाव भी ज्यादातर या तो प्राकृतिक संसाधनों को लेकर के रहता है या तो सम्पत्ति को लेकर रहता है। इतना टाइम से हमें क्या देते हो जी हमें ये मिलना चाहिए हमें वो मिलना चाहिए रहता है। इस व्यवस्था के कारण एक transparency आएगी। केन्द्र और राज्य से कितना धन एकत्र हो रहा है। किस खजाने में कितना जमा हो रहा है। ये राज्य को भी पता ही होगा, केन्द्र को भी पता होगा। और किन-किन नियमों के आधार पर उसका बंटवारा भी होगा। और उसके कारण Federal Structure में सबसे बड़ी आवश्यकता होती है विश्वास। ये विश्वास पैदा करने के लिए एक बहुत बड़े catalytic Agent के रूप में ये नई व्यवस्था काम आने वाली है। जो भारत के Federal Structure को मजबूत करने वाली है। और ये जो भी टैक्स collection होगा। वो दोनों की जानकारी में होगा। जिसके कारण बहुत सुविधा बढ़ने वाली है।

अच्छा होता हमारे खडगे जी ने डील की कुछ बातों को बारीकी से देखा होता। शायद जिस समय बना होगा उस समय शायद देखने का अवसर न मिला हो। लेकिन कभी बताऊंगा।

इस जीएसटी बिल ऐसा है जिसमें गरीबों के लिए उपयोग की जितनी चीजें हैं। वो सभी टैक्स के दायरे से बाहर हैं। Consumer इन्फ्लेशन निर्धारित करने की आइटम में लगभग 55% Food और जरूरी दवाएं ये जीएसटी के बाहर हैं।

इस व्यवस्था के कारण कभी कभार कुछ चीजें कैसे फायदा करती हैं। हम लोगों को मालूम है कि हमारे देश में Revenue or fiscal deficit ये हमेशा एक रहता था फर्ज करो फिर राज्य कर्ज में डूब जाये ये चलता रहता था। और सभी ने मिलकर के एक एफआरबीएम के कानून की ओर गए। Financial discipline के लिए राज्यों ने भी उस बात को स्वीकार किया।

केन्द्र ने भी दबाव पैदा किया। और एक प्रकार से भारत में एफआरबीएम कानून के कारण रेवैन्यू एंड deficit दोनों के बीच एक तालमेलता और एक संतुलित प्रयास हुआ है। और उसके कारण राज्यों की Economy में उसकी Economy Health में एक तंदरुस्त बदलाव आया है। सकारात्मक बदलाव आया है।

इस सरकार ने कानूनन एक महत्वपूर्ण फैसला किया है। और कानूनन मैं कहा रहा हूं इसका बड़ा महत्व है। और कानूनन फैसला ये लिया है। हमारे देश में एक बड़ी चर्चा चल रही है रिजर्व बैंक की सोच एक होती है और सरकार की सोच दूसरी होती है। और हमेशा growth और Inflation की बातें एकदूसरे के साथ जोड़कर के देखी जाती हैं और हमेशा होता है कि भई Inflation है इसलिए ब्याज दर का ये स्थिति रहेगा ब्याज दर की स्थिति ये रहेगी तो Investment नहीं आएगा। Investment नहीं आएगा तो। ये सारी विवाद हम सुन के आए हैं।

पहली बार इस सरकार ने कानूनन रिजर्व बैंक के साथ कहा है। अब Inflation 4 प्रतिशत स्थिर करना चाहिए, 2 परसेंट प्लस माइनस। कानूनन कहा है। और ये 2021 तक ये रहेगा। और इसके कारण अब सब जितनी भी फाइनांस से जुड़ी हुई इंस्टिट्यूशन है, उनका Inflation के संबंध में एक जिम्मेवारी बनने वाली है। पहली बार ये कानूनन किया गया है। और उसका लाभ मैं समझता हूं कि आने वाले दिनों में हमारे टैक्स collection सिस्टम , हमारा जो मनी बल्क है। उस बल्क का डेवलपमेंट के लिए उपयोग करने की दिशा में और अधिक जिम्मेवारी बढ़ेगी और माहौल बदलेगा ऐसा मेरा पूरा विश्वास है। ये बात सही है देश आजाद हुआ आज तक हम गरीबी से लड़ रहे हैं। और जब कोई कहता है 65 प्रतिशत लोग गरीबी के नीचे हैं, ये विरासत हमें मिली है हमें मालूम है। लेकिन कुछ अच्छा मिलता है तो कुछ कम अच्छा मिलता है दोनों स्वीकार करना पड़ता है। अब हमारे भाग्य में देश की गरीबी हमारे नसीब में आई कैसे। लेकिन गरीबी के खिलाफ लड़ने की इच्छा हम सबकी है और यहां बैठे हुए इस पार हों उस पार हों सबकी है। तरीके अलग – अलग हो सकते हैं। हमारी कोशिश है कि Economically Empowerment of the poor , educational Empowerment of the poor ये दो ऐसी चीजें जिसके माध्यम से हम एक ऐसी गरीबों की फौज तैयार कर सकते हैं जो स्वयं गरीबी को समाप्त करके विजयी होने के लिए सर खड़ा कर के निगल सके। और इसलिए जीएसटी इस माहौल को तैयार करने में एक बहुत बड़ा प्लेटफॉर्म बन सकता है। और जिसके लिए गरीबी के खिलाफ लड़ने के लिए भी ये हमें काम आ सकता है। हम जानते हैं छोटे उद्यमकार बैंकों में लोन लेने जाते हैं तो कितनी दिक्कत होती है। हम कोशिश कर रहे हैं ये पुरानी आदतो में बदलाव लायें इसके लिए। लेकिन अब इतने सालों की आदतें कैसे बदलेगी मेहनत तो कर रहे हैं। लेकिन ये सच्चाई है कि काफी बुरी आदतें पड़ी हुई है। छोटे उद्यमकार बैंक में अगर लोन लेंगें तो पचासों कागज मांगेंगे या कागज को Question करेंगे, Question कर के रिजेक्ट करेंगे। और उनके पसंदीदे लोगों को वो पैसे देंगे। जीएसटी के कारण हर व्यक्ति का आर्थिक कारोबार का खाका certified रूप में every minute available होगा। वो जब बैंक को उस खाके को रखेगा, किसी बैंक के पास डिस्क्रिमिनेशन करने की कोई ताकत नहीं होगी। जिसको लोन लेना है वो लोन ले। गरीब से गरीब व्यक्ति को भी एक ऐसा सबूत सामान्य मानवी के हाथ में आने वाला है। जिस सुबूत के माध्यम से वो सामान्य कारोबार करने वाला व्यक्ति भी दूध बेचने वाला हो, चाय बेचने वाला हो, नाई हो, अखबार बेचने वाला हो छोटा व्यक्ति भी वो अपनी चीजों को लेकर के इस काम कर सकता है और इसलिए जीएसटी का सबसे बड़ी ताकत है technology और उसके कारण real time data available होगा। और जब real time data available होता है। तो व्यक्तियों को अपनी ताकत अपनी क्षमता उसको सुबूत के रूप में पेश करने में कभी कोई दिक्कत नहीं आती है। और उसके कारण उसको चीज का लाभ मिल सकता है।

इसके कारण सहज रूप से जब धन की उपलब्धी होती है, तो एक प्रतिस्पर्धा भी आती है। manufacturing की प्रतिस्पर्धा की संभावना बनती है। और manufacturing की प्रतिस्पर्धा बढ़ती है तब अर्थ रचना को गति मिलती है। नए लोगों के लिए रोजगार उत्पन्न होते हैं। और इस व्यवस्था के कारण money flow बढ़ने के कारण रोजगार की संभावनाएं भी बढ़ने के लिए इस व्यवस्था के तहत पूरा अवसर मिलने वाला है। हमारे देश में निवेश बढ़ाने की दृष्टि से GSDP ratio ये हमेशा एक question mark के साथ चलता रहा है। इस नई व्यवस्था के कारण ये सवालिया निशान हमेशा-हमेशा के लिये मिट जाएगा।

और इसके कारण राज्य भी अपने निर्णय कर के विकास के Infrastructure के, social सैक्टर की मदद करने के, सारी बातों को तेज गति से आगे बढ़ा सकते हैं। और मैं समझता हूं कि इसको बढ़ा पाएंगे।

कभी कभार हम लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ बहुत कुछ कहते हैं। लेकिन भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए व्यवस्थाओं को भी उतना ही मजबूत बनाना पड़ता है। व्यक्ति अच्छा ही करेगा इस विश्वास के साथ इतनी बड़ी बातें चल नहीं सकती अगर व्यवस्थाएं ठीक होती तो गलत इंसान को भी व्यवस्थित रहने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

इस जीएसटी के कारण जो टैक्स चोरी करने की जो बातें होती हैं। हम जानते हैं हमारे यहां कच्चा बिल और पक्का बिल ये शब्द traders में बड़ा पोप्युलर है। कच्चा बिल और पक्का बिल। जीएसटी के कारण व्यापारी स्वयं प्रेरित होगा पक्के बिल के लिए। इसलिए जैसे अगर मानों हमारा हेल्थ इंसोरेंश है। अगर हेल्थ इंसोरेंश है, तो हम क्या करते हैं। हमारे सारे मेडिकल बिल बराबर संभाल कर रखते हैं। कहीं इधर उधर न जाए क्यों, क्योंकि हमें मालूम है की वो सारा रहेगा तब जाकर के मैं क्लेम कर पाऊंगा। तब जाकर के मुझे पैसे मिलेंगे। जीएसटी में वो व्यवस्था है कि जो भी व्यक्ति है जो अपने बिल प्रस्तुत करेगा। उसके खरीद की जितनी चीजें थी उसका रिफंड मिल जाएगा। और इसलिए ये जो पुरानी जो हैं कच्चे – पक्के की दुनिया एक प्रकार से काले धन को भी मोबिलाइज करती है। इस पर ये पूरी तरह रोक लगा दी। पूरी तरह ये बंद हो जाएगा। ये एक प्रकार से भ्रष्टाचार से काले धन दोनों को समाप्त करने में ये व्यवस्था काम आने वाली है। और उसकी दिशा में हमलोग प्रयास कर रहे हैं और मैं समझता हूं इसको लाभ मिलेगा।

हम जानते हैं कि हमारे देश में टैक्स collection के पीछे बहुत बड़ी फौज लगी रहती है। ऊपर से नीचे तक और collection का cost भी बढ़ता जा रहा है। इस व्यवस्था के कारण सभी ऑनलाइन होने के कारण टैक्नॉलॉजी आधारित होने के कारण हमें cost of collection में बहुत कमी आएगी। जो पैसे देश के गरीब व्यक्ति विकास के भलाई के लिए काम आएंगे। उसी प्रकार से जहां पर भी सरकारी व्यवस्थाओं को interference का अवसर मिलता है। तो कहीं न कहीं से करप्शन की बू आना शुरू हो जाती है।

ये एक ऐसी व्यवस्था विकसित हो रही है जिस व्यवस्था के कारण भ्रष्टाचार इस पूरी collection प्रक्रिया में जीरो की तरफ जाएगा। और उसके कारण भी देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की दिशा में हमें अवसर मिलेगा। यहां डाटा integration होने वाला है। यानी कच्चे माल से लेकर के अंतिम product तक हर जगह पर वो कहीं न कहीं ऑनलाइन रजिस्टर होके जाने वाला है। और इसलिए नेचुरअल क्रॉस में क्रॉस चैकिंग की व्यवस्था है। और क्रॉस चैकिंग की व्यवस्था होने के कारण कहीं पर भी चोरी तुरंत पकड़ी जाती है। कहीं भी कुछ गलत हुआ है, गलती हुआ है पकड़ी जाती है। और उसके कारण एक प्रकार की seamless व्यवस्था। इस seamless व्यवस्था हमें लाभ करेगी। एक ऐसी व्यवस्था विकसित हो रही है। जिसमें tax payer और tax collector इनके बीच का human interface करीब करीब जीरो हो जाएगा। उसके कारण इतना दोगे तो तुम्हारा काम पूरा हो जाएगा। इतना करोगे तो पूरा हो जाएगा। वो आएगा तो ये होगा। ये सारी चीजों से भारत का सामान्य मानवी मुक्त हो जाएगा। और उसकी दिशा में, मैं समझता हूं कि हमें बहुत बड़ा लाभ मिलने वाला है। जीएसटी के कारण एक प्रकार से टैक्स पेयर का व्यवस्था ही ऐसी बन रही है कि जिसमें उसको ईमानदारी से मुनाफा होता है। जितना वो देगा उसे पता चलेगा मुझे इतना मिलने वाला है। और उसके कारण इन चीजों को हम काले धन को रोकने में भी सफल होंगे।

राज्य और केन्द्र के टैक्स के आंकड़ें एक ही जगह पर उपलब्ध होंगे और रजिस्ट्रेशन हो रिटर्न हो टैक्स पेमेंट की डीजिटल व्यवस्था हो। ये सारी चीजें। ऑनलाइन होने के कारण transparency के लिये एक बहुत बड़ा प्लेटफॉर्म हम इसमें पा सकते हैं और पाएंगे।

आगे की दृष्टि से अरुण जी हमारे सामने रखेंगे। हमारे लिए आज जो यहां मतदान करते हैं इस पवित्र कार्य को पूरा करेंगे। लेकिन 16 से अधिक राज्य जितना जल्दी इसको पारित करें। ये आवश्यक होगा। उसके बाद भी कई सवैंधानिक व्यवस्थाएं हमको पूरी करनी होगी। और भी कई कानून सेन्ट्रल जीएसटी है इंटिग्रेटिड जीएसटी है, स्टेट जीएसटी है ये सारे कानून हमें पारित करने होंगे। लेकिन इन सारी प्रक्रियाओं के लिए आज एक दरवाजा खुल रहा है। और हम एक शुभ शुरुआत के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। और उसका परिणाम मैं समझता हूं कि आने वाले दिनों में हमें मिलने वाला है।

ये भी सही है कि हम लोगों को, क्योंकि नया विषय होता है तो लोगों को शिक्षा भी जरूरी होती है। IT preparedness की जरूरत है। Legal preparedness की आवश्यकता है। टैक्स ऑथोरिटी ऑफिसर्स की preparedness की आवश्यकता है। Consumer के भी preparedness के लिए हमें काम करना पड़ेगा और तब जाकर के हम इस काम को कर पाएंगे।

मेरा कहने का तात्पर्य यह है दुनिया में लोकतंत्र के जो बड़े माहिर देश माने जाते हैं। लोकतंत्र की दृष्टि से दुनिया को उपदेश देने का जो सामर्थ रखते हैं। ऐसे देशों में भी फाइनेन्स बिल जैसी महत्वपूर्ण बातें भी कभी –कभी करा पाना बड़ा मुश्किल जाता है। ये हिन्दुस्तान है ये भारत का लोकतंत्र है। ये भारत के लोगों की maturity है। ये भारत के राजनेताओं का दूरदृष्टि है कि आज हम वैचारिक विरोधों और राजनीतिक मातृभूमि अलग होने के बावजूद भी इस महान कार्य को एक स्वर से कर रहे हैं। साथ मिलकर के कर रहे हैं। ये अपने आप में भारत की लोकतंत्र की बहुत बड़ी ताकत है। एक perception जो भी बाहर बनता हो। लेकिन आज में इस सदन के सामने बड़े गर्व के साथ नम्रता के साथ और सभी राजनीतिक दलों का सम्मान करते हुए गौरव करते हुए इस सदन में जहां भी बैठेंगे होंगे, आप सामने बैठे हों, neutral बैठे हो लेकिन हम इस बात के लिए गर्व कर सकते हैं कि इस सरकार को करीब सौ सप्ताह से ज्यादा समय हुआ है। लेकिन इन सौ सप्ताह से ज्यादा समय में इसी सदन ने सौ से ज्यादा कानून पारित किये century पार कर दी। यही तो इस सदन की ताकत है। और यही देश के लोगों में एक नया विश्वास जगाते हैं। और इस काम के लिए सबकी सकारात्मक भूमिका रही है।

सब अभिनन्दन के अधिकारी हैं। और मैंने जब ऑल पार्टी मीटिंग हुई थी तब भी कहा था कि इसका यश सबको जाता है। सभी सदस्यों को जाता है। सभी राजनीतिक दलों को जाता है। लगातार जिन जिन लोगों ने प्रयास किया है। उन सबको जाता है और मुझे मेरे अपने विचार रखने के लिए अवसर मिला। मैं अध्यक्ष महोदया जी का, सदन का हृदय से बहुत बहुत आभार व्यक्त करता हूं। और हम सब मिलकर के इस कदम की ओर आगे बढ़ें। यही शुभकामनाएं देता हूं। बहुत बहुत धन्यवाद।

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Text of PM Modi's address to the Indian Community in Guyana
November 22, 2024
The Indian diaspora in Guyana has made an impact across many sectors and contributed to Guyana’s development: PM
You can take an Indian out of India, but you cannot take India out of an Indian: PM
Three things, in particular, connect India and Guyana deeply,Culture, cuisine and cricket: PM
India's journey over the past decade has been one of scale, speed and sustainability: PM
India’s growth has not only been inspirational but also inclusive: PM
I always call our diaspora the Rashtradoots,They are Ambassadors of Indian culture and values: PM

Your Excellency President Irfan Ali,
Prime Minister Mark Philips,
Vice President Bharrat Jagdeo,
Former President Donald Ramotar,
Members of the Guyanese Cabinet,
Members of the Indo-Guyanese Community,

Ladies and Gentlemen,

Namaskar!

Seetaram !

I am delighted to be with all of you today.First of all, I want to thank President Irfan Ali for joining us.I am deeply touched by the love and affection given to me since my arrival.I thank President Ali for opening the doors of his home to me.

I thank his family for their warmth and kindness. The spirit of hospitality is at the heart of our culture. I could feel that, over the last two days. With President Ali and his grandmother, we also planted a tree. It is part of our initiative, "Ek Ped Maa Ke Naam", that is, "a tree for mother”. It was an emotional moment that I will always remember.

Friends,

I was deeply honoured to receive the ‘Order of Excellence’, the highest national award of Guyana. I thank the people of Guyana for this gesture. This is an honour of 1.4 billion Indians. It is the recognition of the 3 lakh strong Indo-Guyanese community and their contributions to the development of Guyana.

Friends,

I have great memories of visiting your wonderful country over two decades ago. At that time, I held no official position. I came to Guyana as a traveller, full of curiosity. Now, I have returned to this land of many rivers as the Prime Minister of India. A lot of things have changed between then and now. But the love and affection of my Guyanese brothers and sisters remains the same! My experience has reaffirmed - you can take an Indian out of India, but you cannot take India out of an Indian.

Friends,

Today, I visited the India Arrival Monument. It brings to life, the long and difficult journey of your ancestors nearly two centuries ago. They came from different parts of India. They brought with them different cultures, languages and traditions. Over time, they made this new land their home. Today, these languages, stories and traditions are part of the rich culture of Guyana.

I salute the spirit of the Indo-Guyanese community. You fought for freedom and democracy. You have worked to make Guyana one of the fastest growing economies. From humble beginnings you have risen to the top. Shri Cheddi Jagan used to say: "It matters not what a person is born, but who they choose to be.”He also lived these words. The son of a family of labourers, he went on to become a leader of global stature.

President Irfan Ali, Vice President Bharrat Jagdeo, former President Donald Ramotar, they are all Ambassadors of the Indo Guyanese community. Joseph Ruhomon, one of the earliest Indo-Guyanese intellectuals, Ramcharitar Lalla, one of the first Indo-Guyanese poets, Shana Yardan, the renowned woman poet, Many such Indo-Guyanese made an impact on academics and arts, music and medicine.

Friends,

Our commonalities provide a strong foundation to our friendship. Three things, in particular, connect India and Guyana deeply. Culture, cuisine and cricket! Just a couple of weeks ago, I am sure you all celebrated Diwali. And in a few months, when India celebrates Holi, Guyana will celebrate Phagwa.

This year, the Diwali was special as Ram Lalla returned to Ayodhya after 500 years. People in India remember that the holy water and shilas from Guyana were also sent to build the Ram Mandir in Ayodhya. Despite being oceans apart, your cultural connection with Mother India is strong.

I could feel this when I visited the Arya Samaj Monument and Saraswati Vidya Niketan School earlier today. Both India and Guyana are proud of our rich and diverse culture. We see diversity as something to be celebrated, not just accommodated. Our countries are showing how cultural diversity is our strength.

Friends,

Wherever people of India go, they take one important thing along with them. The food! The Indo-Guyanese community also has a unique food tradition which has both Indian and Guyanese elements. I am aware that Dhal Puri is popular here! The seven-curry meal that I had at President Ali’s home was delicious. It will remain a fond memory for me.

Friends,

The love for cricket also binds our nations strongly. It is not just a sport. It is a way of life, deeply embedded in our national identity. The Providence National Cricket Stadium in Guyana stands as a symbol of our friendship.

Kanhai, Kalicharan, Chanderpaul are all well-known names in India. Clive Lloyd and his team have been a favourite of many generations. Young players from this region also have a huge fan base in India. Some of these great cricketers are here with us today. Many of our cricket fans enjoyed the T-20 World Cup that you hosted this year.

Your cheers for the ‘Team in Blue’ at their match in Guyana could be heard even back home in India!

Friends,

This morning, I had the honour of addressing the Guyanese Parliament. Coming from the Mother of Democracy, I felt the spiritual connect with one of the most vibrant democracies in the Caribbean region. We have a shared history that binds us together. Common struggle against colonial rule, love for democratic values, And, respect for diversity.

We have a shared future that we want to create. Aspirations for growth and development, Commitment towards economy and ecology, And, belief in a just and inclusive world order.

Friends,

I know the people of Guyana are well-wishers of India. You would be closely watching the progress being made in India. India’s journey over the past decade has been one of scale, speed and sustainability.

In just 10 years, India has grown from the tenth largest economy to the fifth largest. And, soon, we will become the third-largest. Our youth have made us the third largest start-up ecosystem in the world. India is a global hub for e-commerce, AI, fintech, agriculture, technology and more.

We have reached Mars and the Moon. From highways to i-ways, airways to railways, we are building state of art infrastructure. We have a strong service sector. Now, we are also becoming stronger in manufacturing. India has become the second largest mobile manufacturer in the world.

Friends,

India’s growth has not only been inspirational but also inclusive. Our digital public infrastructure is empowering the poor. We opened over 500 million bank accounts for the people. We connected these bank accounts with digital identity and mobiles. Due to this, people receive assistance directly in their bank accounts. Ayushman Bharat is the world’s largest free health insurance scheme. It is benefiting over 500 million people.

We have built over 30 million homes for those in need. In just one decade, we have lifted 250 million people out of poverty. Even among the poor, our initiatives have benefited women the most. Millions of women are becoming grassroots entrepreneurs, generating jobs and opportunities.

Friends,

While all this massive growth was happening, we also focused on sustainability. In just a decade, our solar energy capacity grew 30-fold ! Can you imagine ?We have moved towards green mobility, with 20 percent ethanol blending in petrol.

At the international level too, we have played a central role in many initiatives to combat climate change. The International Solar Alliance, The Global Biofuels Alliance, The Coalition for Disaster Resilient Infrastructure, Many of these initiatives have a special focus on empowering the Global South.

We have also championed the International Big Cat Alliance. Guyana, with its majestic Jaguars, also stands to benefit from this.

Friends,

Last year, we had hosted President Irfaan Ali as the Chief Guest of the Pravasi Bhartiya Divas. We also received Prime Minister Mark Phillips and Vice President Bharrat Jagdeo in India. Together, we have worked to strengthen bilateral cooperation in many areas.

Today, we have agreed to widen the scope of our collaboration -from energy to enterprise,Ayurveda to agriculture, infrastructure to innovation, healthcare to human resources, anddata to development. Our partnership also holds significant value for the wider region. The second India-CARICOM summit held yesterday is testament to the same.

As members of the United Nations, we both believe in reformed multilateralism. As developing countries, we understand the power of the Global South. We seek strategic autonomy and support inclusive development. We prioritize sustainable development and climate justice. And, we continue to call for dialogue and diplomacy to address global crises.

Friends,

I always call our diaspora the Rashtradoots. An Ambassador is a Rajdoot, but for me you are all Rashtradoots. They are Ambassadors of Indian culture and values. It is said that no worldly pleasure can compare to the comfort of a mother’s lap.

You, the Indo-Guyanese community, are doubly blessed. You have Guyana as your motherland and Bharat Mata as your ancestral land. Today, when India is a land of opportunities, each one of you can play a bigger role in connecting our two countries.

Friends,

Bharat Ko Janiye Quiz has been launched. I call upon you to participate. Also encourage your friends from Guyana. It will be a good opportunity to understand India, its values, culture and diversity.

Friends,

Next year, from 13 January to 26 February, Maha Kumbh will be held at Prayagraj. I invite you to attend this gathering with families and friends. You can travel to Basti or Gonda, from where many of you came. You can also visit the Ram Temple at Ayodhya. There is another invite.

It is for the Pravasi Bharatiya Divas that will be held in Bhubaneshwar in January. If you come, you can also take the blessings of Mahaprabhu Jagannath in Puri. Now with so many events and invitations, I hope to see many of you in India soon. Once again, thank you all for the love and affection you have shown me.

Thank you.
Thank you very much.

And special thanks to my friend Ali. Thanks a lot.