Technology is the bridge to achieve ‘Sabka Saath Sabka Vikas’: PM

Published By : Admin | October 20, 2019 | 19:45 IST
QuoteTechnology is the bridge to achieve ‘Sabka Saath Sabka Vikas’: PM
QuoteChallenge of technology, when converted into opportunity, transformed ‘Dakiya’ into ‘Bank Babu’: PM

देश की Social और Business Leadership को हमेशा प्रेरित और ऊर्जावान करने वाले रतन टाटा जी,

उनकी इस विरासत को आगे बढ़ाने वाले एन चंद्रशेखरन जी, रूपा जी, देवियों और सज्जनों !!

रतन टाटा जी, चंद्रशेखरन जी से मिलना,उनके साथ चर्चा करना हमेशा एक नया अनुभव देता है। इन पर देश की सबसे बड़ी संस्थाओं में से एक को लीडरशिप देने की जिम्मेदारी है।

इतनी बड़ी जिम्मेदारी के बावजूद, Smile और Stress Free, ये कैसे रहते हैं, मुझे लगता है, आने वाले समय में इस पर भी एक किताब चंद्रशेखरन जी को लिखनी चाहिए। और हां, इस Idea का मेरा कोई पेटेंट भी नहीं है। आप बिना किसी Stress के ये काम कर सकते हैं !!!

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साथियों,

वो किताब लिखेंगे या नहीं, ये मैं नहीं कह सकता लेकिन Smile और Stress free Mind से क्या होता है,

उसका परिणाम Bridgital Nation के रूप में हमारे सामने है।

Positivity, Creativity और Constructive Mindset से देश की समस्याओं के समाधान के लिए सोच निकल सकती है, उसका ये परिणाम है।

यही Positivity,यही Optimism अपने Talent और Resources पर यही विश्वास नए भारत की सोच है।

मुझे विश्वास है कि ये किताब Aspirational India को तो Inspire करेगी ही, समाज के कुछ Professional Pessimists को भी नई अप्रोच और नए Outlook के लिए प्रोत्साहित करेगी। मैं चंद्रशेखरन जी और रूपा जी को इस विजनरी डॉक्युमेंट के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों

ये किताब ऐसे समय में आई है, जब Technology को Demonize करने की एक बहुत बड़ी कोशिश हो रही है। डर का एक माहौल खड़ा करने का प्रयास हो रहा है।

विशेषतौर पर भारत के Context में Technology को हमारे Demographic Dividend के लिए चुनौती के रूप में पेश करने की कोशिश हो रही है।

इस किताब में सरकार के उस विजन को और मजबूत किया है, जिसके मुताबिक Technology जोड़ने का काम करती है, तोड़ने का नहीं।

Technology एक Bridge है, Divider नहीं।

Technology और Talent, Force Multiplier हैं, Threat नहीं।

Technology, Aspiration और Achievements के बीच का Bridge है।

Technology, Demand और Delivery के बीच का Bridge है।

Technology, Government और Governance के बीच का Bridge है।

Technology, सबके साथ को सबके विकास से जोड़ने वाला सेतु है।

साथियों,

यही भावना बीते 5 वर्ष के हमारे कार्यकाल में रही है और यही भविष्य के लिए हमारी अप्रोच है।

इस किताब में बेहतरीन तरीके से बताया गया है कि Artificial Intelligence, Machine learning, Robotics जैसी आधुनिक टेक्नॉलॉजी कैसे Development के Tool के रूप में, Aid के रूप में मदद करने वाली है।

यही बात मैं अपन अनुभवों के आधार पर भी कह सकता हूं। बीते 5 वर्षों में Technological Interventions से भारत में गवर्नेंस को कैसे Reform और Transform किया है, इसको आप महसूस कर पा रहे हैं। ये सब कैसे हो पा रहा है, इसका एक उदाहरण मैं आपको देता हूं।

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साथियों

हमारे देश में एलपीजी गैस कनेक्शन देने की योजना, सब्सिडी देने का काम दशकों से चल रहा है।

हमने जब उज्जवला योजना को लॉन्च किया तो, कई लोगों को लगा कि शायद ये भी वैसी ही योजना होगी, जैसी बनती आई हैं।लेकिन इसके लिए हमने सोच को भी बदला, अप्रोच को भी बदला और इसमें टेक्नॉलॉजी को भी Introduce किया।

साथियों,

हम पहले की तरह चलते तो फिर कमेटी बनती,कमेटी बैठती रहती, अलग-अलग स्टेक होल्डर्स से बातचीत करती रहती और डेडलाइन को हम कभी Meet कर ही नहीं पाते।लेकिन कमेटी के बजाय हमने टेक्नॉलॉजी वाली अप्रोच पर भरोसा किया।

Data Intelligence की मदद से पहले हमने 17 हज़ार मौजूदा LPG डिस्ट्रिब्यूशन सेंटर्स को लोकेट किया और फिर 10 हज़ार नए सेंटर्स बहुत कम समय में तैयार किए।इसके लिए हमने देश के हर गांव को डिजिटली मैप किया।

इस डेटा को दूसरे data points,  जैसे सेल रिपोर्ट, LPG penetration Population,  socio-economic conditions, सबको Analyse किया गया।

लाखों गांवों से करीब 64 लाख डायवर्स डेटा प्वाइंट्स के analysis के आधार पर तय किया गया कि ये डिस्ट्रिब्यूशन सेंटर कहां-कहां बनने चाहिए। लेकिन हमारा काम यहीं खत्म नहीं हुआ।एक और बड़ी समस्या थी जिसका समाधान टेक्नॉलॉजी ने दिया।

डैशबोर्ड पर एप्लीकेशन और डिस्ट्रीब्यूशन की रियल टाइम मॉनीटरिंग के दौरान पता चला कि बहुत सी महिलाओं की एप्लीकेशन रिजेक्ट हो रही है। क्योंकि इनके पास बैंक अकाउंट नहीं था।

इस समस्या से निपटने के लिए जनधन कैंप लगाए गए और ऐसी महिलाओं के बैंक अकाउंट खोले गए।

परिणाम ये हुआ कि, हमने 3 साल में 8 करोड़ कनेक्शन देने का जो लक्ष्य रखा था, उसको डेडलाइन से काफी पहले ही पूरा कर दिया गया।

साथियों

ये तो बात हुई टेक्नॉलॉजी से Access बढ़ाने की। अब मैं आपको Access से Behavioral Change लाने में टेक्नॉलॉजी का क्या रोल रहता है, इसका भी उदाहरण देता हूं।देश में हेल्थकेयर की स्थिति पर आपकी किताब में रोशनी डाली गई है। खासतौर पर, इलाज ना कराने का मेंटल ब्लॉक जो हमारे देश में गरीबी के कारण रहा है, पैसे के अभाव के कारण रहा है।

आयुष्मान भारत योजना इस स्थिति को बदलने की दिशा में बहुत बड़ा रोल निभा रही है।पहले जो गरीब इस चिंता में इलाज कराने से कतराता था, कि उसका सब कुछ बिक जाएगा, वो अब अस्पताल पहुंचने लगा है।वो गरीब जो पहले प्राइवेट हॉस्पिटल के दरवाज़े पर दस्तक देने से भी हिचकता था, उसको वहां Access मिला है।

आज स्थिति ये है कि गरीबों में Behavioral Change भी आया है, मेडिकल सेवाओं की डिमांड भी बढ़ी है, गरीबों का इलाज भी हो रहा है और अस्पतालों को सरकार से पैसा भी मिल रहा है।ये भी अगर संभव हो पा रहा है तो सिर्फ टेक्नॉलॉजी के माध्यम से।

साथियों

इसी टेक्नॉलॉजी से आयुष्मान भारत को हेल्थकेयर के कंप्लीट पैकेज के तौर पर हम विकसित कर रहे हैं।

पहले Preventive हेल्थकेयर पर फोकस होता ही नहीं था, प्राइमरी हेल्थकेयर सिर्फ सिर दर्द और पेट दर्द तक सीमित थे और Tertiary Healthcare पूरी तरह से एक अलग ही ट्रैक पर था।

अब इसके लिए पूरे देश में डेढ़ लाख Health and wellness Centers तैयार किए जा रहे हैं और इनको Tertiary Healthcareके Base के तौर पर विकसित किया जा रहा है।

बहुत ही कम समय में अब तक 21 हज़ार से ज्यादा ऐसे सेंटर तैयार भी हो चुके हैं।

आप हैरान रह जाएंगे कि इतने कम समय में, इन सेंटर्स पर डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोगों को Hyper-tension, सवा करोड़ से ज्यादा डायबिटीज,डेढ़ करोड़ से ज्यादा कैंसर के केस डायग्नोज हो चुके हैं।

पहले प्राइमरी हेल्थकेयर सेंटर्स में ये संभव ही नहीं था। अब Health and Wellness Centers से ही ये केस आगे रैफर हो पा रहे हैं। और Tertiary Healthcare Network में वहां के डेटा के आधार पर सीधा और तेज़ इलाज संभव होने की शुरुआत हुई है।

साथियों,

Technology जब ब्रिज बनती है तो हमें Transparency और Targeted Delivery का भी समाधान मिलता है। भारत में बिचौलियों और दलालों का क्या रोल था, इससे आप भली-भांति परिचित रहे हैं।

Governments run the country,

Middle-men run the governance,

इसको एक रूल मान लिया गया था। ये इसलिए होता था क्योंकि People और Process के बीच गैप था। Birth से लेकर Death तक, Certification की एक लंबी व्यवस्था थी, जिसमें सामान्य मानवी पिसता रहता था।

आज जन्म से लेकर जीवन प्रमाण पत्र तक की सैकड़ों सरकारी सेवाएं ऑनलाइन हैं। आज Self Certification देश में Norm बन रहा है। अब हम Self Assessment, Self Declaration और Faceless tax assessment जैसे सिस्टम की तरफ बढ़ रहे हैं।

साथियों,

टेक्नॉलॉजी का Effective Use कैसे Challenges  को Opportunities  में बदलता है, इसका एक और उदाहरण है, India Post Payment Bank देश का सबसे बड़ा Network, हमारी Post Office सेवा पर मोबाइल और इंटरनेट के बढ़ते प्रसार की वजह से बंद होने का खतरा था,  लाखों लोगों के रोजगार पर संकट था।

लेकिन आज टेक्नॉलॉजी के कारण ही पोस्ट ऑफिस, बैंकिंग सर्विस की, Digital Transaction की Home Delivery के सेंटर बन रहे हैं।

इसी तरह गांव-गांव में ऑनलाइन सर्विस डिलिवरी देने वाला कॉमन सर्विस सेंटर नेटवर्क 12 लाख से अधिक युवाओं को रोज़गार दे रहा है।

साथियों,

Entreprise spirit को, MSME को मजबूत करने और उनको  Job Creation के अहम सेंटर बनाने के लिए जो भी सुझाव किताब में दिए गए हैं, उससे भी मैं मोटे तौर पर सहमत हूं।यहां आने वाले Silos को दूर करने के लिए भी हम टेक्नॉलॉजी का व्यापक इस्तेमाल कर रहे हैं।

Public Procurement के लिए Government e-Market place यानि GeM के बारे में आप जानते ही हैं। ये सरकार की डिमांड और MSME के Supply Eco-system के बीच Bridge बना है।

इस सिस्टम की सफलता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस साल इसके माध्यम से करीब 50 हज़ार करोड़ रुपए की खरीदारी का टारगेट है।

साथियों

इसी तरह स्टार्ट अप इंडिया, लोकल डिमांड और सप्लाई को, तो मेक इन इंडिया, लोकल सप्लाई और ग्लोबल डिमांड को ब्रिज कर रहा है।

आपने इस किताब में डिमांड और सप्लाई में समस्याओं पर बहुत बारीकी से समझाया है। स्टार्ट अप इंडिया भी इन्हीं समस्याओं को डील कर रहा है।

भारत के जो Challenges हैं उनको सामने रखते हुए, Ideas को Incubate कर Industry में बदलने का ये एक प्रयास है।यही कारण है कि आज अधिक स्टार्ट अप्स टीयर-2, टीयर-3 शहरों में तैयार हो रहे हैं।

साथियों,

इन सभी बातों के बीच ये भी सही है कि,सिर्फ टेक्नॉलॉजी समाधान नहीं होती, Human Intention और Right Intention,  बहुत ज़रूरी है। यही बात Artificial Intelligence पर भी लागू होती है।डिबेट ये नहीं होना चाहिए कि Artificial Intelligence से खतरा क्या है? रोबोट इंसान से Smart कब तक होगा?

बल्कि डिबेट ये होना चाहिए कि, Artificial  Intelligence और Human Intentions के बीच हम ब्रिज कैसे बनाएं? अपनी Skills  को नई Demand के अनुसार Upgrade कैसे करें?

Let A.I. be just another Aid which is a little more sophisticated

कहने को बहुत कुछ है लेकिन अन्य लोगों को किताब पढ़ने के लिए भी मुझे समय देना है। एक बार फिर इस बेहतरीन किताब,  बेहतरीन प्रयास के लिए बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं।

धन्यवाद !

  • Reena chaurasia September 04, 2024

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Prime Minister greets the people of Telangana on their Statehood Day
June 02, 2025

Prime Minister, Shri Narendra Modi, has greeted the people of Telangana on their Statehood Day, today. "The state is known for making innumerable contributions to national progress. Over the last decade, the NDA Government has undertaken many measures to boost ‘Ease of Living’ for the people of the state", Shri Modi stated.

The Prime Minister posted on X :
"Greetings to the wonderful people of Telangana on their Statehood Day. The state is known for making innumerable contributions to national progress. Over the last decade, the NDA Government has undertaken many measures to boost ‘Ease of Living’ for the people of the state. May the people of the state be blessed with success and prosperity."