QuotePM Modi launches mega credit camp for Pradhan Mantri Mudra Yojana
QuotePM Modi distributes Mudra cards and loan documents to select beneficiaries at Dumka
QuotePM hands over new LPG connections to select BPL families
QuotePM launches project for conservation & development of Maluti temple complex
QuotePM Modi urges people to buy Khadi products
QuoteWe are empowering people for whom doors of banks were shut. We want to free poor from clutches of Sahukars: PM
QuotePM Modi notes remarkable progress made by Jharkhand in “ease of doing business"
Quote42 lakh people given loans under Mudra Yojana, Rs. 26,000 crore disbursed: PM

प्‍यारे भाईयों और बहनों!

यहां से एक डेढ़ किलोमीटर तक सारे माथे ही माथे नजर आ रहे हैं। वहां सुनाई देता होगा क्‍या? मैं धुमका पहले में भी आया हूं लेकिन यह नजारा कुछ और ही नजर आ रहा है। यह जो माहौल मैं देख रहा हूं, इस बात का परिचायक है कि अब झारखंड ने विकास की राह को पूरी तरह पकड़ लिया है। झारखंड के नागरिकों का भी विकास में अपना विश्‍वास पक्‍का हो गया है। मैं अभी एक और कार्यक्रम करके आया। जब उस कार्यक्रम के लिए मैंने सोचा तो मेरे मन में था एक-आध कमरे में 50-100 लोगों के बीच वो कार्यक्रम होने वाला होगा।लेकिन वहां ऐसा ही जन सैलाब था| मैं आपके प्‍यार के लिए आपका हृदय से बहुत बहुत आभार व्‍यक्‍त करता हं, आपका अभिनंद करता हूं।

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आज यहां कई योजनाओं का, उसमें मुझे भी हाथ बंटाने का, जनता-जनार्दन का आशीर्वाद लेने का मुझे अवसर मिला। आज 2 अक्‍तूबर है , महात्मा गांधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जी की जन्म जयन्ती का पर्व है| देश किसके लिए चलना चाहिए, मैं समझता हूं महात्‍मा गांधी से बडा कोई नाम नहीं हो सकता, जिन्‍होंने हमें गरीबों की सेवा करने के लिए प्रेरणा न दी हो। और आज महात्‍मा गांधी की जन्‍म जयंती पर मुझे यहां के गरीब, पीडि़त, शोषित, वंचित मेरे आदिवासी,मेरे पिछडे भाई-बहन, मेरे गरीब भाई-बहन, उनके कल्‍याण की कुछ योजनाओं में शरीक होने का अवसर मिला है। कोई कल्‍पना नहीं कर सकता है कि इतने कम समय में झारखंड विकास की नई ऊंचाईयों को पार कर सकता है, कोई कल्‍पना नहीं कर सकता। हर झारखंड वासी को गर्व होगा कि अभी-अभी World Bank ने झारखंड की कैसी तारीफ की है। वरना शायद World Bank को पता भी नहीं होगा कि झारखंड नाम का कोई राज्‍य भी है और कोई लोग भी रहते हैं। एक समय था झारखंड ease of doing Business में आखिरी छोर पर खड़ा था। और झारखंड ने ऐसा Jump लगाया, ऐसा Jump लगाया वो आज 29 नंबर से आ करके 3 नंबर पर खड़ा हो गया। यह पूरे देश के लिए मैं झारखंड के मुख्‍यमंत्री को, उनके मंत्रिपरिषद के सभी सदस्‍यों को, उनकी सरकार के सभी अधिकारियों को और झारखंड की जनता को कोटि-कोटि अभिनंद करता हूं, बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आपने अद्भुत काम किया।

कोई राज्‍य सरकार इतने निर्णय करके, एक के बाद एक कदम उठाकर करके इस प्रकार अपनी स्थिति को मजबूत बना ले शायद कोई राज्य सोच नहीं सकता है, जो झारखंड ने करके दिखाया है। और इसलिए आप सब अभिनंदन के अधिकारी है। आज यहां प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत समाज के उन लोगों को पैसे दिये जा रहे हैं, जिनको कभी कल्पना ही नहीं थी कि वे कभी साहूकार के चंगुल से छूट सकते हैं। किसी ऑटो-रिक्‍शा वाला जो किराये का ऑटोरिक्‍शा चलाता है। रोज का 200 रुपया किराया देता है, उसने कभी सोचा भी नहीं होगा कि कोई ऐसी भी सरकार आयेगी जो मुझे आ करके कहेगी कि तुम्‍हारा अपना ऑटो रिक्‍शा ले लो, अब किराये पर ऑटो रिक्‍शा रखने की जरूरत नहीं है।

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और आज यह आपके सामने हुआ है। हमने पिछले बजट चुनाव में घोषणा की, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की। इस देश में छोटे-छोटे लोग कोई सब्‍जी बेचता होगा, कोई नाई की दुकान चलाता होगा, कोई धोबी की दुकान चलाता होगा, कोई ऑटो रिक्‍शा चलाता होगा, कोई कारीगरी का काम करता होगा, कोई कपड़ों की सिलाई करता होगा, कोई गरीब विधवा घर में कुछ न कुछ सामान बना करके बेचती होगी। कोई अपने घर में दो-चार मेहमानों को खाना खिला करके Paying Guest के नाते अपनी रोजी-रोटी कमाते होंगे। अनगिनत करोडो करोड़ो लोग, छोटे-छोटे लोग, लेकिन उनके पास जरूरत पड़े तो पैसे लेने के लिए बैंक के दरवाजे बंद थे। बैंक के दरवाजे तक जाने का कभी सोचा नहीं था। हमने सबसे पहले प्रधानमंत्री जनधन योजना के द्वारा बैंकों के सहयोग से.. और मैं आज हिंदुस्‍तान के सभी बैंकों के मुलाजिमों का भी अभिनंदन करना चाहता हूं। उनका भी आभार व्‍यक्‍त करना चाहता हूं कि उन्‍होंने गरीबों की ओर देखा। वो गरीबों के लिए आगे आए। जनधन के अकाउंट खोले और पूरे देश में करोड़ों करोड़ों लोग जिन्‍होंने कभी बैंक का दरवाजा नहीं देखा था उनके बैंक के खाते खुल गए। अब एक कदम हम आगे चले, खाते तो खुल गए। अब उनका बैंक से कारोबार बढ़ना चाहिए और इसी में से यह प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का जन्‍म हुआ है।

आपको अपना करोबार चलाने के लिए बैंक से अलग-अलग किस्‍म की लोन मिल सकती है, पैसे मिल सकते हैं। आप साहूकार के यहां से जाएं, तो 24 प्रतिशत, 30 प्रतिशत ब्‍याज देना पड़ता, ब्‍याज का भी ब्‍याज देना पड़ता 100 रुपये लेते हो तो पहले ही 10 रुपया काटकर 90 रुपया देता है, 20 रुपया काटकर 80 रुपया देता है और 80 रुपया के बाद लगाता है, और सामान्‍य व्‍यक्ति उस साहूकार के ब्‍याज में से कभी मुक्‍त नहीं हो सकता है। कर्ज उसका बढ़ता ही चला जाता है। यह मुद्रा बैंक योजना के द्वारा, प्रधानमंत्री मुद्रा बैंक योजना के द्वारा ऐसे लोगों को जो अपना कारोबार बढ़ाने चाहते हैं, काम को आगे बढ़ाना चाहते हैं। एक जगह पर दुकान है, बच्‍चा बड़ा हो गया दूसरी दुकान करनी है। एक जगह पर सब्‍जी बेचने के लिए बैठते हैं लेकिन लगता है कि ठेला आ जाए, लौरी आ जाए तो घूम-घामकर के सब्‍जी बेचेंगे। साइकिल आ जाए तो ये काम करेंगे, ऑटो रिक्‍शा आ जाए तो ये काम करेंगे। ये जिन के मन में सपने पड़े थे, उन सपनों को पूरा करने का प्रयास हमने किया है और आपको जानकर के खुशी होगी, ये सब लोग सामान्‍य लोग है। करीब-करीब गरीबी की जिन्‍दगी गुजारते हैं। अगर घर में बीमारी आ जाए तो दवाई लाने के लिए पैसे नहीं निकाल पाते, ऐसे परिवार हैं और पिछले दिनों में करीब करीब 42 लाख लोगों को ये प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का लाभ पहुंचाया गया है, करीब-करीब 26 हजार करोड़ रुपया।

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जो लोग हमें गरीबों का विरोधी कहते हैं न, उनको तो 26 हजार करोड़ लिखना भी नहीं आएगा। 26 के बाद कितने जीरो लगाते हैं तब 26 हजार करोड़ होता है, उनको पता तक नहीं है और इन लोगों को पैसे दिए गए और विशेषता क्‍या है? पहले अगर बैंक से पैसा लेना है तो कोई गारंटी चाहिए, किसी का मकान चाहिए, गाड़ी चाहिए, उसके बदले में मिलता था। हमने कहा गरीब कहां से लाएगा बेचारा और लेने जाएगा तो वो भी आधे पैसे मांग लेगा, तो ये करेगा क्‍या? सरकार ने नए नियम बनाए कि गरीब से कोई इस प्रकार की गारंटी नहीं ली जाएगी। उसको एक बार पैसा दिया जाएगा और मेरा विश्‍वास है गरीब पाई-पाई चुकता करता है। कोई गरीब कभी बैंक का पैसा रखेगा नहीं अपने पास और जब वो कमाएगा तो पैसा जरूर लौटाएगा, ये मेरा गरीबों के प्रति विश्‍वास है क्‍योंकि मैं उनके बीच में पला-बढ़ा हूं। मैंने उनको निकट से देखा है, मैंने गरीबों की अमीरी को देखा है, मैंने गरीबों की ईमानदारी को देखा है और उसी ईमानदारी के भरोसे यह प्रधानमंत्री मुद्रा योजना को लेकर के आया हूं। आने वाले दिनों में ये योजना और चलने वाली है और सबसे खुशी की बात, ये जो 42 लाख लोगों को पैसे दिए गए हैं, मैं आज गर्व से कह सकता हूं कि इन 42 लाख लोगों में 20 लाख, ये आंकड़ा छोटा नहीं है। 20 लाख लोग जिनको पैसे मिले हैं वो हमारी माताएं-बहनें हैं, महिलाओं को मिले हैं। इससे बड़ा women empowerment कभी हो नहीं सकता है। अगर महिला के पास आर्थिक स्‍थिति मजबूत हो जाए, वो निर्णय प्रक्रिया में अपने आप भागीदारी बन जाती है। बेटा भी मां को पूछने लगता है, पति भी अपनी पत्‍नी को पूछने लग जाता है, घर के अंदर उसकी एक ताकत खड़ी हो जाती है और हमारी माताओं-बहनों की शक्‍ति का उपयोग राष्‍ट्र की विकास यात्रा में उनकी भागीदारी से और मजबूत बनेगा, ये काम इस प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के द्वारा हुआ है।

पहले बैंक से अगर आप कर्ज लेते थे, तो जितना कर्ज लेते थे उसी दिन उसका ब्‍याज चालू हो जाता था। आपने मानो 50 हजार रुपया लिया, लेकिन पहले महीने में मुश्‍किल से 10 हजार रुपया खर्च किया तो भी आपको ब्‍याज लग जाता है 50 हजार का और किसी को ऐसा लगता भी नहीं। ऐसा लगता है हां भाई, 50 हजार रुपया लिया है तो मुझे ब्‍याज तो देना ही पड़ेगा। इस बार हमने योजना बदल दी, गरीबों की भलाई के लिए योजना में नया रूप लाए। हमने कहा कि ये प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का उसको एक debit card दिया जाएगा। उसकी लोन 50 हजार की मंजूर हो गई। अगर आज वो 50 हजार उठाना चाहता है तो उठा सकता है लेकिन सोचता है कि अभी 50 हजार की जरूरत नहीं है सिर्फ पांच हजार उठाना है तो वो पांच हजार ही उठाएगा और ब्‍याज 50 हजार का नहीं लगेगा, सिर्फ उस पांच हजार का ही ब्‍याज लगेगा। ये काम हमने किया है। गरीब की एक-एक बात की चिन्‍ता ये प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के द्वारा की गई है और मुझे विश्‍वास है कि जिन गरीबों को ये पैसा मिल रहा है, ये काम तो करेंगे ही, लेकिन अपना काम बढ़ाने के लिए किसी न किसी गरीब को अपने यहां काम पर भी रख लेंगे, नौकरी रख लेंगे। गांव से, छोटे-छोटे शहरों से लाखों गरीब युवाओं को इसके कारण रोजगार की संभावना पैदा होगी और उसकी भी रोजी-रोटी चलना शुरू हो जाएगी। एक ऐसी आर्थिक व्‍यवस्‍था जो समाज के नीचे के तबके को ताकतवर बनाएगी और अगर एक बार हिन्‍दुस्‍तान का ये नीचे का तबका ताकतवर बन गया, आर्थिक समृद्धि वाला बन गया, अगर ये foundation मजबूत हो गया तो हिन्‍दुस्‍तान की आर्थिक विकास की ऊंचाइयां तेज गति से ऊपर चलती जाएगी, आगे बढ़ती जाएगी, ये मेरा विश्‍वास है।

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आज मुझे यहां गरीब माताओं को गैस का सिलेंडर देने का अवसर मिला। जो लोग गरीबों के नाम पर राजनीति करते रहे, चुनाव आते ही गरीबों के गीत गाने लग जाते हैं। गरीब-गरीब इसकी माला जपते रहते हैं। 60 साल हो गए मेरे भाइयों और बहनों इनको कभी विचार नहीं आया कि एक गरीब मां अपने बच्‍चों को खाना खिलाने के लिए खाना कैसे पकाती है? वो लकड़ी कहां से लाएगी, चूल्‍हा कैसे जलाएगी, उस छोटी-सी जगह में कितना धुंआ होगा और वो गरीब मां के बच्‍चे धुएं में रोते रहेंगे। खाने के होश नहीं रहते। ये अवस्‍था मैंने तो अपने बचपन में देखी है और मैं आज भी सैंकड़ों गरीबों को देखता हूँ । लकड़ी के चूल्हों से रोटी पकाते-पकाते वो मां भी बीमारी से ग्रस्‍त हो जाती है और दूसरी तरफ ये गरीबों के नाम पर बातें करने वाले लोगों ने, जिनके पास गाड़ियां हैं, बंगला है, खुशियों का खजाना है, ये सरकार उनके घर में चूल्‍हा जलता रहे इसलिए गरीब के खजानों से पैसे लेकर के उनको सब्‍सिडी देती रही और ये लोग भी गैस सिलेंडर की सब्‍सिडी लेने में कभी कुछ बुरा नहीं मानते थे। मैंने उनको एक प्रार्थना की। मैंने कहा भाई, अब आप कमाते हो, क्‍या आप, आपके गैस सिलेंडर की सब्‍सिडी छोड़ नहीं सकते क्‍या? ये 150-200-250 रुपए में क्‍या रखा है, छोड़ दीजिए। मैंने request की, हल्‍की-फुल्‍की request की थी क्‍योंकि मुझे भी डर लगता था कि पता नहीं मेरी बात का कैसा अर्थ लिया जाएगा। क्‍योंकि हमारा देश ऐसा है, किसी को कुछ कहना यानी बड़ा गुनाह माना जाता है। फिर भी मैंने हिम्‍मत की, मैंने इतना कहा कि मैं आपको प्रार्थना करता हूं कि आप अपने गैस सिलेंडर की सब्‍सिडी छोड़ दो और मैंने ये कहा कि ये मैं इसलिए नहीं कहता हूं कि मुझे सरकारी खजाने में पैसा बचाना है। मैंने कहा मैं इसलिए कहता हूं कि मुझे उस गरीब मां को गैस का सिलेंडर देना है जिसके घर में लकड़ी के चूल्‍हे से आंखें चली गई है। बच्‍चे रो रहे हैं, बचपन उनका रोने में बीत रहा है। मैं उनके घर में खुशी लाना चाहता हूं। ये गैस सिलेंडर मैं उन गरीबों के घर में देना चाहता हूं और मैं इस देश के उन लाखों परिवारों को नमन करता हूं, मैं उन लाखों परिवारों का अभिनन्‍दन करता हूं। मेरी इस छोटी-सी बात को उन्‍होंने गले लगाया, दिल से लगाया और मेरे देश के 31 लाख, ये छोटा आंकड़ा नहीं है। 31 लाख लोग ऐसे हैं जो आगे आए और उन्‍होंने कहा हम हमारी गैस सिलेंडर की सब्‍सिडी छोड़ देते हैं। आप ये सिलेंडर की सब्‍सिडी किसी ओर को दे दीजिए। हमारे देश में लेने के लिए तो सब तैयार होते हैं लेकिन हमारे देश की ताकत छोड़ना भी होती है। कोई कहे तो, मैंने कहकर के देखा। एक समय था आज जिस महापुरुष की जन्‍म जयंती है, लाल बहादुर शास्‍त्री 02 अक्तूबर जिनकी जन्‍म जयंती है। 1965 की लड़ाई के समय उन्‍होंने देशवासियों को कहा था, एक टाइम सप्‍ताह में खाना छोड़ दीजिए और इस देश ने उनकी बात को मान लिया था और एक समय सप्‍ताह में खाना छोड़ दिया था। मैं ऐसे बुजुर्गों को जानता हूं कि लाल बहादुर शास्‍त्री की बात को आज भी वो निभा रहे हैं, ऐसे मैंने वृद्ध लोगों को देखा है। लाल बहादुर शास्‍त्री ने कहा था इस देश के लोगों नेएक टाइम खाना सप्‍ताह में छोड़ा था। मैंने प्रार्थना की, लालबहादुर शास्‍त्री को याद करके प्रार्थना की। महात्‍मा गांधी को याद करके प्रार्थना की। और मैं खुश हूं कि मेरे देश के 31 लाख लोगों ने गैस सब्सिडी सिलेंडर की छोड़ दी, अब तक उसमें से 18 लाख गरीब परिवारों को गैस सिलेंडर का एक्‍सचेंज उनको दे दिया गया है। बाकी जो उनका काम चल रहा है। इतना ही नहीं जिसने गैस सब्सिडी छोड़ी है, उसको बताया जाता है कि फलाने गांव में फलाने गरीब परिवार को अब आपका गैस सिलेंडर जाने वाला है, उसको भी खुशी होती है । रहता महाराष्‍ट्र में होगा और गोवा में किसी गरीब को जब वो पहुंचता है, उसे भी आनंद होता है। और पूरी व्‍यवस्‍था computerized की है। आने वाले दिनों में और भी गरीब परिवारों को जो जो यह 31 लाख लोगों ने सब्सिडी छोड़ी है, उसके बदले में दे दिया जाएगा।

और आज मैं विशेष रूप से झारखंड के मुख्‍यमंत्री का भी आभार व्‍यक्‍त करना चाहता हूं। सरकार की, भारत सरकार की एक कंपनी और झारखंड दोनों सरकारों ने क्‍योंकि जब गैस सिलेंडर लगाते हैं घर में चूल्‍हा लाना पड़ता है। कुछ उसके साथ छोटे-मोटे साधन लाने पड़ते हैं। उस चीज का खर्चा करीब ढाई-पौने तीन हजार रुपये करीब हो जाता है। मुझे खुशी है कि आज यहां यह जो पांच हजार लोगों को गैस सिलेंडर दिया जा रहा है, उसके चूल्‍हे का खर्चा यह भारत सरकार की कंपनी और राज्‍य सरकार मिलकर के देने वाले हैं और इसलिए उसको कोई खर्चा भी होने वाला नहीं है।

यह देश उसके अंदर एक ताकत पड़ी है। उसकी ताकत को मैंने पहचानने की कोशिश की है और उस ताकत ने मेरा समर्थन किया है। और उसके कारण आज यह संभावना हुई है और देश के लाखों गरीब परिवारों तक गैस सिलेंडर पहुंचा करके यह जो जिंदगी जीने के लिए वो मजबूर होते हैं और लकड़ी से चूल्‍हा तो जाएगा, उसके कारण हमारे जंगल भी बचेंगे, जंगल बचेंगे तो पर्यावरण भी बचेगा और जब पर्यावरण की रक्षा होगी,तो सबसे ज्‍यादा खुशी अगर किसी को होगी, तो वो महात्‍मा गांधी को होगी, क्‍योंकि पर्यावरण की रक्षा में वो कोई compromise नहीं करते थे। पूरा जीवन उन्‍होंने इस प्रकार से जीया था, जिसमें पल-पल पर्यावरण की रक्षा होती थी, महात्‍मा गांधी को सबसे ज्‍यादा खुशी होगी, जब यह जंगल बचेंगे यह लकड़ी जो कट करके चूल्‍हे में जलती थी, वह बचेगी उसके कारण महात्‍मा गांधी को खुशी होगी।

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आज एक और महत्‍वपूर्ण काम यहां हो रहा है और इसके लिए भी मैं सरकार को बधाई देना चाहता हूं, जिसमें यहां पर यह इलाके यह संथाल परगना इसकी अपनी एक विशेषताएं हैं। इन विशेषताओं को देश को पता होना चाहिए। मलुटी का मंदिर सदियों पहले टैरा कोटा का कैसा काम हुआ है। किस प्रकार की रचनाएं हुए थी। समय रहते सारा लुप्‍त हो गया, कुछ बच गया,कुछ खुदाई में निकलता है। आज उस योजना का आरंभ हो रहा है, जिसमें भारत सरकार का योगदान होगा, राज्‍य सरकार का योगदान होगा और एक ऐसा ऐतिहासिक स्‍थल फिर से पुनर्जीवित होगा, टूरिज्‍म का क्षेत्र बनेगा और इस इलाके के लिए नौजवानों को रोजी-रोटी का अवसर मिलेगा। यहां की कीर्ति प्रथा फिर से फैलनी लगेगी। पुराना इतिहास फिर से एक बार गौरव हमें दिलाता रहेगा। इस प्रकार के काम का प्रांरभ होगा।

भाईयों-बहनों, मैं इन तीनों कामों के लिए सौभाग्‍यशाली हूं कि मुझे भी इसमें शरीक होने का अवसर मिला है। आज दो अक्‍तूबर है, महात्‍मा गांधी की जन्‍म जयंती मना रहे हैं। मैं हर किसी को आग्रह करता हूं कि आप कम से कम खादी खरीदिये। हर चीज खादी की रख लीजिए। खादी की बिक्री बढ़ेगी, गरीब के घर में सुख के दिन आएंगे। मैं विश्‍वास करता हूं कि आप उस काम को आगे बढ़ाएंगे। मेरे आपसे प्रार्थना है आज इस सभा मंडप से जब जाएंगे तो कोई कूड़ा-कचरा छोड़कर के नहीं जाएंगे। कोई बोतल, कोई प्‍लास्टिक, कोई कागज़, सब ले जाओगे न साथ में, ले जाओगे? जरा सब बताओगे तो पता चलेगा। यहां कोई गंदगी तो नहीं छोड़ करके जाओगे। देखिए हमने आदत डालनी पड़ेगी। अगर गांधी जी के सपनों को पूरा करना है, स्‍वच्‍छ भारत बनाना है, तो हमें पहले आदत बनानी पड़ेगी। मैं आशा करता हूं कि आप सब जब यहां से जाएंगे, यहां के व्‍यवस्‍थापकों से भी मैं आग्रह करूंगा कि यहां कोई कूड़ा-कचरा नहीं रहना चाहिए। एक ऐसा मिसाल दें, लोगों को लगना चाहिए कि हिंदुस्‍तान के नागरिक अब भारत को स्‍वच्‍छ बनाने का ठान लिए हैं। संकल्‍प कर लिया है। मैं इस बात के लिए आप सबको अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं, बहुत-बहुत बधाई देता हूं। मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए, दोनों मुट्ठी बंद करके पूरी ताकत से बोलिए भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय। बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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Prime Minister and President of Cyprus interact with business leaders from Cyprus and India
June 15, 2025

Prime Minister Shri Narendra Modi along with the President of Cyprus, H.E. Nikos Christodoulides today held a Roundtable interaction with business leaders from Cyprus and India in Limassol. The participants represented diverse sectors such as banking, financial institutions, manufacturing, defence, logistics, maritime, shipping, technology, innovation, digital technologies, AI, IT services, tourism and mobility.

Highlighting India's rapid economic transformation in the last 11 years, Prime Minister noted that India, propelled by next-generation reforms, policy predictability, stable polity and Ease of Doing Business, has become the fastest growing major economy in the world. Emphasizing on the primacy being given to innovation, digital revolution, start-up and futuristic infrastructure development, he expressed confidence that India, the fifth largest economy in the world, was well positioned to become the third largest in a few years’ time. He noted that steady growth in India’s civil aviation, port, shipbuilding, digital payments and green development sectors have opened myriad opportunities for companies from Cyprus to partner with India. He further underlined the strengths of India’s skilled talent and start-up ecosystem and highlighted manufacturing, AI, Quantum, Semiconductor and Critical Minerals as new and emerging areas contributing to India’s growth story.

Prime Minister noted that Cyprus was a significant economic partner for India, particularly in the Foreign Direct Investment sector and welcomed the keen interest in Cyprus for new investments into the Indian economy. Highlighting the potential for business engagement in the financial services sector, the two leaders welcomed the signing of an MOU between NSE International Exchange GIFT CITY, Gujarat and Cyprus Stock Exchange. NIPL (NPCI International Payments Limited) and the Eurobank Cyprus reached an understanding on introducing UPI for cross border payments between the two countries which would benefit tourists and businesses. Prime Minister also welcomed the launch of the India–Greece–Cyprus (IGC) Business and Investment Council, which will foster trilateral cooperation in sectors such as shipping, logistics, renewable energy, civil aviation and digital services. Prime Minister welcomed the fact that many Indian companies see Cyprus as a gateway to Europe and hub for IT services, financial management, and tourism.

As Cyprus prepares to assume the Presidency of the EU Council next year, the two leaders reaffirmed their commitment to further strengthen India-EU Strategic Partnership. They expressed optimism about concluding the India-EU Free Trade Agreement by end of the year which would also give a major boost to trade and economic cooperation between the two countries. Prime Minister underlined that the business roundtable had given practical suggestions which would form the basis for a structured economic roadmap, ensuring long-term collaboration in trade, innovation and strategic sectors.

With shared aspirations and a future-focused approach, India and Cyprus are poised for a new era of dynamic and mutually beneficial economic cooperation.