मैं सबसे पहले, ये जो हजारों लोगों का जनसैलाब है, नौजवान है, उनसे आग्रह करता हूं कि आप सब मेरे साथ Rio पहुंचे हुए हमारे 119 खिलाडि़यों के लिए, उनके हौसले-अफजाई के लिए मेरे साथ बोलेंगे भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय।
मुझे विश्वास है कि सवा सौ करोड़ देशवासियों की शुभकामनाओं के साथ ये हमारे 119 खिलाड़ी, भारत की प्रतिष्ठा को बढ़ाने में अपना सब कुछ झोंक देंगे ये मुझे विश्वास है। और जब विदेश में हमारा दल जाता है, सिर्फ वो खेल के मैदान में, हिन्दुस्तान नजर नहीं आता, पूरे औलम्पिक के दौरान उसका बोलना-चालना, बैठना-उठना, मुझे विश्वास है कि हमारे खिलाड़ी, हमारे भारत का ये दल पूरी दुनिया के दिल को जीतने में अवश्य सफल होगा। उनके आचरण से, व्यवहार से, भारत की महान विरासत का परिचय करवाएगा।
आज हम Rio में बड़ी आस लगा करके बैठे हैं कि हमारे ये खिलाड़ी वहां क्या-क्या करते हैं। भारत एक शताब्दी से ज्यादा समय से ओलिम्पक खेलों के साथ जुड़ा हुआ है। एक सौ साल से भी ज्यादा समय से हम जुड़े हुए हैं। कम अधिक मात्रा में हमारे खिलाडि़यों को अवसर मिला है। लेकिन करीब करीब सौ साल से भी ज्यादा समय के बाद पहली बार 119 खिलाडि़यों का बड़ा दल हम Rio पहुंचाने में सफल हुए हैं।
जिन खेलों में आज हमारा दूर दूर का भी नाता नहीं है, क्या ऐसे नए खेलों को भी भारत की धरती पर भारत के नौजवानों को हम तैयार करने का काम अभी से शुरू कर सकते हैं? भारत के नौजवानों में सामर्थ्य है, talent है, संकल्प है और बड़े बड़े सपने भी हैं। इस बार हमें ज्यादा समय नहीं मिला। दो साल हुए हमारी सरकार बने, लेकिन आते ही हमने पूरे department को खेल के प्रति अद्वित, जागरूक करने का, संवेदनशील बनाने का, सक्रिय बनाने का एक अभिनव प्रयास किया है। पहले की तुलना में काफी बदलाव लाने में सफल हुए हैं। मेरे देश के नौजवान, भारत की आन-बान-शान की चिंता करने वाले मेरे नौजवान, कुछ बदलाव ऐसे किए हैं, जिन बदलाव से आपको ध्यान में आएगा कि अब भारत टोक्यो के लिए कैसी तैयारी कर रहा है।
पहले हमारे खिलाड़ी दुनिया के किसी देश में जाते थे खेलने के लिए जाते थे ओलम्पिक के लिए, तो नियम था दो दिन पहले पहुंचने का। अब jet-lag लगता है, climate बदल जाता है, दो दिन में वो बेचारा वहां set ही नहीं हो सकता है, और फिर तुरंत उसको खेल के मैदान में आना पड़ता है। इस बार हमने 15 दिन पहले खिलाडि़यों को Rio पहुंचा दिया है। ये इसलिए किया कि वो वहां के माहौल से पूरी तरह परिचित हो जाएं, मैदान से परिचित हो जाएं, वहां के weather से परिचित हो जाएं, climate से परिचित हो जाएं। वे अपने आपको set कर लें।
मेरे देश के प्यारे भाइयो-बहनों, खिलाड़ी मेहनत करने के लिए तैयार होता है, लेकिन कुछ comfort की भी जरूरत होती है। उसको भी मन करता है कि 20-25 दिन यहां रहता हूं, महीने भर रहता हूं, कहीं तो मेरे देश का खाना मिल जाए। हमारे खिलाडि़यों को, ओलम्पिक में जाते थे, उसी देश का खाना खाना पड़ता था। इस बार हमने स्पेशल बजट allow किया है। भारतीय खिलाडि़यों के दल को जो भारतीय चीजें खाने की पसंद हैं, और जो उनके खेल के मुताबिक आवश्यक है वे सारी खिलाडि़यों को उपलब्ध कराने की व्यवस्था भारत सरकार करेगी, ताकि उनको ऐसी छोटी छोटी चीजों में।
हमारे कभी कभी talent होती है लेकिन अंतराष्ट्रीय खेलों के लिए जिस प्रकार के साधन होते हैं, नियम होते हैं, पद्धतियां होती हैं, उससे हमारा खिलाड़ी परिचित नहीं होता। उसके लिए एक Global Level का exposure आवश्यक होता है। और इसलिए इस बार जो खिलाड़ी चुने गए, कि हां भई ये लोग हैं, जो ओलम्पिक में पहुंच सकते हैं, उनको कहा गया आप बताओ आपको दुनिया में किस जगह पर training के लिए जाना है? आपको किसके पास training लेनी है? शहर कौन सा, देश कौन सा, मैदान कौन सा, आपका trainer कौन सा, आप तय कीजिए। पहली बार देश के खिलाडि़यों ने अपनी पंसद का international trainer पसंद किया, अपनी पसंद का देश तय किया, अपनी पंसद का मैदान तय किया, और भारत सरकार ने एक एक खिलाड़ी के पीछे 30 लाख रुपये से ले करके डेढ़ करोड़ रुपये तक खर्च किया।
एक समय था ओलम्पिक को ध्यान में रखते हुए ज्यादा से ज्यादा 15 करोड़, 20 करोड़ का बजट रहता रहा करता था, इस बार हमने ये बजट करीब करीब सवा सौ करोड़ तक पहुंचा दिया है। और मेरे प्यारे नौजवानों, आप तैयारी करो, स्कूल के छोटे छोटे बालक तैयारी करो, Twenty-Twenty Tokyo के लिए तैयारी करो, ये सरकार हमारे खिलाडि़यों के माध्यम से दुनिया में अपनी आन-बान-शान के लिए पूरी ताकत आने वाले चार साल में लगा देगी, ये मैं आपको विश्वास दिलाता हूं। मैं आज भारत जिस खिलाड़ी के नाम से गर्व अनुभव करता है, उनकी साक्षी से खेल जगत की महान परम्परा को याद करते हुए Rio में जो खेल हो रहा है, Host Country को, हिस्सा लेने वाले देशों को, करतब दिखाने वाले खिलाडि़यों को सवा सौ करोड़ हिन्दुस्तानियों की तरफ से अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं।
मुझे विश्वास है कि पूरा ये समारोह जो विश्व में बंधुता का संदेश भी देता है, वो पूरी तरह निर्विघ्न सम्पन्न होगा और Host Country की भी आन-बान-शान को बढ़ाएगा, ऐसी मैं शुभकामनाएं देता हूं। मैं सवा सौ करोड़ देशवासियों की तरफ से हिन्दुस्तान के उन 119 खिलाड़ी, उनको भी इन सवा सौ करोड़ देशवासियों की तरफ से शुभकामनाएं देता हूं।
भाइयो-बहनों खेलना, ये जिंदगी की आवश्यकता है, अंतर्राष्ट्रीय जीवन में राष्ट्र की भी आवश्यकता बन गया है। आओ खेलें; खेलें और खिलें। हम भी खिलें, हमारा देश भी खिले। बहुत-बहुत शुभकामनाएं।