भारत माता की जय….
मंच पर विराजमान भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और यहां के पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमान रमन सिंह जी, मंत्री परिषद के मेरे सहयोगी, श्रीमान विष्णु देव साई जी, मंच पर उपस्थित अन्य.......भाई अमर अग्रवाल जी, श्री रामविचार नेताम जी, संसद में हमारे साथी, श्रीमती कमला पाटले जी, पूर्व विधायक सत्यानंद राठिया जी, श्री राम प्रताप सिंह, श्री गिरधर गुप्ता जी, भूपेंद्र सवन्नी जी, ओ.पी. चौधरी जी, रोशन अग्रवाल जी और विशाल संख्या में पधारे हुए मेरे प्यारे भाइयो और बहनो....... और मैं देख रहा हूं बहुत बड़ी मात्रा में लोग अभी आ ही रहे हैं, इस मौसम में इतना जल्दी इतने दूर से आकर निकल के आना, ये अपने आप में भारतीय जनता पार्टी के प्रति आपकी श्रद्धा और निष्ठा को प्रदर्शित करता है.... और अभी-अभी वरुण देवता जी ने भी आकर आशीर्वाद दिए, आपके प्यार, आपका ये उत्साह, आपका ये जोश, हमेशा से मुझे अभिभूत करता रहा है। आपके साथ मेरा नाता बहुत पुराना रहा है, जब सत्ता के गलियारों में हम लोग कहीं नहीं थे, तब भी मैं जब छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश का इलाका हुआ करता था, संगठन के कार्य के लिए आपके बीच आकर के बैठा करता था, आपसे बातें करता था और मैंने यहां के कार्यकर्ताओं में, यहां के लोगों में, भारतीय जनता पार्टी के प्रति जो भाव, मैं अनुभव करता था वह बहुत अभूतपूर्व था, अटल जी के प्रति, जिन्होंने छत्तीसगढ़ दिया, उनके प्रति यहां के लोगों की जो श्रद्धा थी, वह भी अप्रतिम थी। और इसलिए छत्तीसगढ़ आने का... जब मैं मुख्यमंत्री था गुजरात में, तब भी आपके बीच बार-बार आने का मन करता था और प्रधानमंत्री बनने के बाद तो पहले कोई प्रधानमंत्री जितनी बार छत्तीसगढ़ आए होंगे, उससे ज्यादा बार अकेला मैं आया हूं।
साथियो, विधानसभा चुनाव के बाद ये मेरा पहला छत्तीसगढ़ दौरा है, मैं राज्य के मतदाताओं को लोकतंत्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए आदरपूर्वक बधाई देता हूं। आपने एक जनादेश दिया है, जिसे बीजेपी के एक-एक कार्यकर्ता ने अपने सिर-माथे पर उसको चढ़ाया है, जय और पराजय जीवन का हिस्सा होता है, इन चुनावों के बाद छत्तीसगढ़ के गरीब, आदिवासी, दलित, पीड़ित, शोषित, वंचित, व्यापारी, कारोबारी हर वर्ग के विकास के लिए हमारा संकल्प और अधिक मजबूत हुआ है। यहां जो सड़कों के काम हैं, रेलवे के काम हैं, नए हवाई अड्डे बनाने के काम हैं, उद्योग-धंधे लगाने के काम हैं, मैं छत्तीसगढ़ के मेरे प्यारे भाइयो-बहनो को विश्वास दिलाता हूं, हम इसमें और तेजी लाएंगे और ज्यादा करेंगे और अच्छे ढंग से करेंगे। साथियो, आज मां चंद्रहासिनी, मां नाथल दाई, देवी डोकरी दाई, श्री सत्यनारायण बाबा और श्री प्रियदर्शन रामजी के शुभ आशीष से नए भारत के, नए जनादेश के लिए आप सभी के बीच आया हूं।
भाइयो और बहनो, जशपुर संत गहिरा गुरु और अवधूत बाबा, भगवान राम की कर्मस्थली रही है। रायगढ़ महाराजा चक्रधर सी जी, स्वतंत्रता सेनानी किशोरी मोहन त्रिपाठी जी और तोडाराम जोगी जी की भूमि है, इस धरती ने मुकुटधर पांडे जी जैसे साहित्यकार दिए, तो किरोड़ीमल, लोहारीवाल जैसे दानी और रामकुमार अग्रवाल, दयाराम ठेठवार जी जैसे समाजसेवी दिए। मैं इन सभी महान विभूतियों को नमन करता हूं। इस भूमि ने भारतीय जनता पार्टी को लेखराम जी अग्रवाल और दिलीप जूदेव जी जैसे समर्पित नेता दिए, जिन्होंने पार्टी को अपने खून-पसीने से सींचा है। ऐसे जन-प्रतिनिधियों की ही देन है कि आज भारतीय जनता पार्टी का वटवृक्ष की तरह से पूरे भारत में विस्तार हो रहा है।
साथियो, चुनाव आते-जाते रहते हैं, सरकारें आती-जाती रहती हैं, लेकिन सामान्य मानव के जीवन स्तर को ऊपर उठाने का संकल्प अटल रहता है। दो महीने पहले, जब छत्तीसगढ़ में, नई सरकार बनी, तो हमने भी इस उम्मीद के साथ बधाई दी कि चलो 15 साल के बाद, वे कुछ नई सोच के साथ, कुछ नई शुरुआत करेंगे, छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए, नए तरीके से कुछ काम करेंगे। भाइयो और बहनो, उन्होंने नया किया तो क्या किया, अभी आप भी नहीं जान पाए, लेकिन सच्चाई ये है जो पहले बेहतर किया जा रहा था, उसे भी ठप करने में लगे हैं। यहां कि कांग्रेस सरकार ने जो सबसे पहले दो बड़े फैसले लिए, उन पर आपको विचार करना बहुत जरूरी है। हमारे यहां कहावत है कि पुत्र के लक्षण पालने में……….. यही कहते हैं ना! इस सरकार ने शुरुआत में काम किए, उससे पता चलता है कि उनका इरादा क्या है, उनकी सोच क्या है, उनके तौर-तरीके क्या हैं। साथियो, यहां की सरकार ने पहला काम किया, आयुष्मान भारत- PMJAY, यानी मोदी कैसे..... छत्तीसगढ़ से हटाने का निर्णय किया। दूसरा फैसला क्या किया, दूसरा फैसला उन्होंने किया, सीबीआई को राज्य में आने नहीं देंगे। अरे क्यों भाई, आपको किस बात का डर है? आपका क्या बिगड़ जाएगा? अगर आपके राज्य में गरीब स्वस्थ हो जाए, आयुष्मान योजना का लाभ मिल जाए, गरीब को हर वर्ष 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिल जाए, आपको तो कुछ देना नहीं है, आप क्यों इस लाभ से उस गरीब को, उस आदिवासी को वंचित करना चाहते हैं।
भाइयो-बहनो, असल में कांग्रेस का रोम-रोम, बिचौलियों के अहसान तले दबा हुआ है। रायपुर से लेकर दिल्ली तक, कांग्रेस की सल्तनत, दलालों और बिचौलियों के मजबूत तंत्र से फली-फूली है। यही कारण है कि यहां की नई सरकार ने, सबसे पहले आयुष्मान भारत बाहर से निकलने का फैसला किया। ये योजना बहुत सफलता के साथ, यहां के गरीब परिवारों को जीवन दान देने का काम कर रही थी, लेकिन अब यहां के गरीबों से, आयुष्मान भारत के तहत इलाज कराने का अधिकार छीन लिया गया है। और आप भी जानते हैं, मैं भी जानता हूं कि आखिर वो क्यों ऐसा करते हैं। मैं जानना चाहता हूं, मैं कांग्रेस से जानना चाहता हूं, आखिर वे छत्तीसगढ़ के गरीब को किस बात की सजा दे रहे हैं? आज देश का गरीब, मोदी के साथ खड़ा हो गया है, ये उनको बहुत चुभता है। उनको लगता है कि हमारे 55 साल के कारोबार में, हमने सुबह-शाम गरीबों की माला जप करके, ये हमारा एकाधिकार बना दिया था। गरीब यानी हम, ये मोदी कौन होता है, जिसको गरीबों ने स्वीकार कर लिया, गरीबों को अपना लिया। और मोदी कौन होता है, जो गरीबों का ईमानदारी से काम करने में जुट जाए और इसी बात ने उनको परेशान करके रखा हुआ है। लेकिन, कांग्रेस के लोग समझ लें, आपने 55 साल गरीबों के नाम पर, देश को गुमराह किया, गरीबों को बर्बाद किया, उनके सपनों को कभी अंकुरित तक नहीं होने दिया। हमने 55 महीने के भीतर-भीतर गरीबों में एक नया विश्वास भरा है, नया जोश भरा है, नए सपने सजाए हैं और उसकी उंगली पकड़कर के आगे निकलने के रास्ते खोजे हैं। और इसलिए अब गरीब, गरीबी के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए अपने पैरों पर खड़े होने लगा है। ये आपको चुभ रहा है, आपने गरीबों को इतने सालों तक मूर्ख बनाया था, आज गरीब आपका हिसाब मांग रहा है। इसलिए आपकी आंखों में चुभ रहा है। और इसलिए आप छत्तीसगढ़ में आते ही, गरीबों को मिलने वाली मदद को छीन ले रहे हो।
साथियो, छत्तीसगढ़ अब फिर बरसों पुरानी स्थिति की तरफ लौटता दिख रहा है। कैंसर, हार्ट अटैक, किडनी की बीमारी ऐसी अनेक गंभीर बीमारियों की स्थिति में, छत्तीसगढ़ के गरीब भाई-बहन को, अपनी सारी जमीन और घर-बार तक बेचने की नौबत आएगी और यही बैठे हुए, कांग्रेस के बैठे हुए नेताओं के तौर- तरीकों का नमूना है। साथियो, आयुष्मान भारत योजना में वैज्ञानिक तरीके से, लाभार्थियों का चयन होता है। कोई किसी का नाम लिस्ट से हटा नहीं सकता, फर्जीवाड़ा करके किसी का नाम जुड़ नहीं सकता और पैसा सीधे अस्पताल के अकाउंट में जाता है, मरीज को एक भी रुपया अस्पताल को देना नहीं पड़ता है। गरीब को यही सीधी मदद, बिचौलियों के सहारे काम करने वाली कांग्रेस कैसे बर्दाश्त कर सकती है। ऐसी कोई भी योजना जिसमें दलाल ना हो, बिचौलिए ना हों, वो कांग्रेस को रास नहीं आती है। साथियो, जिनको पीढ़ियों से मलाई खाने की लत लगी हो, जो 15 बरसों से तरस रहे हों, वो चौकीदार की ऐसी चाक- चौबंद योजना को जारी कैसे रख सकते हैं। वो तो ऐसी योजना लाएंगे, जिसमें तुम भी खाओ, मैं भी खाऊं, इसकी पूरी-पूरी व्यवस्था हो, उनको उसी में रुचि है।
भाइयो और बहनो, घोटाले, घपलों की इस नीति और नीयत का ही परिणाम है कि यहां की सरकार ने सीबीआई की जांच में भी अड़ंगा लगाने का फैसला लिया। एक बात मुझे बताइए, अगर किसी ने कुछ किया नहीं है, तो वो क्या किसी जांच से डरेगा क्या? डरेगा क्या, डरेगा क्या? क्या कोई भी एजेंसी, बिना किसी कारण से पूछ-ताछ कर सकती है क्या? अगर राज्यों में देश के ईमानदार करदाताओं के पैसे से भ्रष्टाचार होता है, तो सीबीआई को कार्रवाही करने का अधिकार है या नहीं है? साथियो, आपको इसमें कोई कन्फ्यूजन नहीं है, लेकिन कांग्रेस को इसमें समस्या है। समस्या इसलिए है क्योंकि वो अभी से ही, अपने भ्रष्टाचार को छिपाने में लग गई है। आखिर दिल्ली से भी तो उसे यही संस्कार विरासत में मिलते हैं और अगले चुनाव के लिए, उनको तो छत्तीसगढ़ को एटीएम बनाना है, कांग्रेस पार्टी का। अगर सीबीआई यहां बैठेगी तो एटीएम बनेगा कैसे? क्योंकि दिल्ली वालों को उनको बक्से भर-भर कर कुछ माल भेजना है, इसी के बदले में तो यहां व्यवस्थाएं की जा रही हैं। और इसीलिए कांग्रेस के नामदार परिवार के करीब-करीब हर सदस्य के विरुद्ध, आज देखिए अदालतों में गंभीर मामले चल रहे हैं। कुछ जमानत पर छूट रहे हैं, कुछ अग्रिम जमानत लेकर जी रहे हैं। क्या मामले चल रहे हैं- टैक्स चोरी के, जमीन और प्रॉपर्टी में घोटाले के। हालत ये है कि परिवार के ज्यादातर सदस्य आज जमानत पर बाहर हैं या अग्रिम जमानत लेकर के बैठे हैं। कानून से बचने की इनकी कोशिशों के बीच, चौकीदार अलर्ट है। उनके हर राज को बाहर निकालने में जुटा है, देश-विदेश से इनके राजदारों को, इनके दलाल मामा और चाचाओं को, भारत लाया जा रहा है और जांच एजेंसियों के हवाले किया जा रहा है।
भाइयो और बहनो, चौकीदार की ये सख्त कार्रवाई देखकर, अब ये जरा बौखला गए हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों से, ऐसे लोगों की मिलावट करने की कोशिश हो रही है, जो कभी उन्हीं को कोसते हुए कांग्रेस से बाहर निकल गए थे। इन लोगों में आपस में होड़ लगी है कि कौन मोदी को ज्यादा से ज्यादा गाली देकर अपने नंबर बढ़ा ले। ये जो महामिलावट है, उस महामिलावट में एंट्री का एक ही क्राइटेरिया है, आप बताओ आप मोदी को कितनी गाली दे पाते हो, अगर ज्यादा दे पाते हो तो महामिलावट में एंट्री है। देश के भविष्य के लिए इनके पास कोई योजना नहीं, इसलिए इन मिलावटी लोगों ने मोदी को ही मुद्दा बना रखा है। सुबह-शाम मोदी-मोदी करते रहते हैं कि नहीं करते रहते हैं? यही करते हैं कि नहीं करते हैं? भइयो-बहनो, आपको इन मिलावटी लोगों से सतर्क रहने की आवश्यकता है, भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हुए, इन लोगों की कोई विचारधारा नहीं है। इनकी असली राजनीति यही है कि खुद भ्रष्टाचार करो और भ्रष्टाचार करने वालों का साथ दो, संरक्षण दो। लेकिन, साथियो ये कितनी भी महामिलावट कर लें, चौकीदार चुप बैठने वाला नहीं है। मैं उनमें से नहीं हूं कि जो अपनी किताब खुलने के डर से, देश के शक्तिशाली सुल्तानों पर हाथ डालने से बचते थे। आपने सुना होगा, कल ही लोकसभा में मैंने कहा है, ना मैं किसी पृष्ठ का अहसान लूंगा और ना ही किसी पृष्ठ पर अहसान करूंगा।
साथियो, ठगी और धोखाधड़ी कांग्रेस के रग-रग में बसी है। छत्तीसगढ़ के किसानों से कर्ज माफी का वादा किया गया था, कितने लोगों का कर्ज माफ हुआ? हुआ क्या? जरा बताइए ना हुआ क्या? और दस दिन में करने के लिए कहा था कि नहीं कहा था? वोट बटोर लिए खेल खत्म! क्या ऐसे लोगों को माफ करोगे क्या? और मुझे बताया गया है कि सिर्फ उन किसानों का थोड़ा बहुत कर्ज ही माफ किया गया है, जिन्होंने ग्रामीण बैंकों या सहकारी बैंकों से ऋण लिया था। उनका क्या हुआ जिन्होंने राष्ट्रीय बैंकों से लोन लिया था, क्या वह किसान नहीं हैं, क्या उनके सर पर कर्ज नहीं है, क्या उसको कर्ज माफी मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? और चुनाव के पहले ये बताया क्यों नहीं आपने, यही काम धोखाधड़ी उनको पता है, एक बार वोट बटोर लो, कुर्सी छीन लो और फिर जनता, जनता के ठिकाने पर, नेता दरबारों में जा कर के जी हजूरी करने लग जाते हैं। सबसे बड़ी बात, उन गरीबों किसानों का क्या हुआ, जिन्होंने किसी साहूकार से कर्ज लिया या किसी रिश्तेदार से कर्ज लिया? उनका कौन करेगा? साथियो, कर्ज माफी के नाम पर, बिचौलियों का पेट भरने वाली कांग्रेस के यही तौर-तरीके हैं। यह 10 वर्ष बाद, हर 10 वर्ष के बाद, चुनाव सामने दिखता है, तो किसानों की कर्ज माफी का पिटारा खोल कर के आ जाते हैं। पहले 2009 का चुनाव जीतने के लिए, कर्ज माफी का खेल ले कर आए थे। अब 2019 में लेकर के आए हैं, लेकिन इनकी कर्ज माफी का सच यही है कि बिचौलियों का भला होता है और किसान फिर से कर्ज के बोझ तले दब जाता है। साथियो, अगर बहुत ईमानदारी से, कर्ज माफी की जाए तो भी देश में, आपके गांव में भी सौ में से 20-25 या 30 किसानों को ही इसका लाभ मिल पाता है। अभी ये जो कर रहे हैं, उसमें तो इससे भी कम मिलने वाला है, बाकी के किसान, क्या खेती नहीं करते, क्योंकि वह और ज्यादा गरीब हैं, इसके लिए उन्हें छोड़ दिया जाना चाहिए? जी नहीं ये भेदभाव का रास्ता, मोदी को मंजूर नहीं है। इसलिए ही, भाजपा सरकार इस बजट में पीएम किसान सम्मान निधि योजना लेकर के आई है। इसके तहत किसान को साल में, 6 हजार रुपये सीधे उसके बैंक खाते में ट्रांसफर किए जाएंगे। कोई बिचौलिया नहीं, कोई दलाली नहीं, कुछ नहीं, इसे छत्तीसगढ़ समेत देशभर के करीब 12 करोड़ ऐसे किसान परिवारों को, लाभ होगा, जिनके पास 5 एकड़ या उससे कम जमीन है। इसका मतलब छत्तीसगढ़ के गांवों में, सौ में करीब-करीब 90 से भी ज्यादा किसानों को, मोदी की इस योजना का लाभ मिलेगा- 100 में से 90. साथियो, पीएम किसान सम्मान निधि योजना कर्ज माफी की तरह, सिर्फ 10 साल में एकबार नहीं आती है। मोदी ने जो योजना लाई है, वह हर साल किसानों का फायदा करेगी, कांग्रेस की कर्ज माफी योजना से, 10 साल में एकबार 50 हजार करोड़ रुपया, ये इने-गिने किसानों के पास जाते थे। मोदी की जो योजना है, वह किसान सम्मान योजना के तहत, अभी का अगर मैं हिसाब लगाऊं तो अगले 10 साल में, साढ़े सात लाख करोड़ रुपया, कहां 50 हजार और कहां साढ़े सात लाख करोड़ रुपया, किसानों के खाते में, बैंक में जमा होने वाले हैं। आप मुझे बताइए कि इससे किसानों का लाभ होगा कि नहीं होगा, कर्ज करने के मजबूरी से बाहर आएगा कि नहीं आएगा, फसल पकने के समय जो उसको जो जरूरी चीजें हैं, वो ले पाएगा कि नहीं ले पाएगा? सोचिए, ये देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की कितनी बड़ी मदद होने जा रही है।
साथियो, कल ही देश के किसानों के लिए एक और अहम फैसला हुआ है, जिसकी जानकारी मैं आपको देना चाहता हूं, आज अखबारों में कहीं कोने में छोटी-मोटी खबर है, लेकिन ये बहुत बड़ी बात है, जो आपको पता होना चाहिए। भाइयो और बहनो, अब तक देश के छोटे किसानों को, बैंकों से, बिना गारंटी एक लाख रुपये तक का कृषि कर्ज मिलता था, अब जो ताजा फैसला हुआ है, उसके बाद देश के छोटे किसान, 1 लाख 60 हजार रुपये तक का कर्ज बिना किसी गारंटी के ले पाएंगे। अब उन्हें, बिना बैंक गारंटी ज्यादा कर्ज मिला करेगा, हमारी सरकार के प्रयास से। सभी बैंकों ने मिल कर, ये निर्णय लिया है कि किसान क्रेडिट कार्ड के तहत जो भी चार्जेज बैंक लेते थे, वह अब नहीं लिए जाएंगे, बैंकों को प्राप्त होने वाले चार्जेज, जैसे प्रोसेसिंग फीस, दस्तावेज का चार्ज, खाते से जुड़ा चार्ज, इंस्पेक्शन का चार्ज, ये सभी शुल्क समाप्त कर दिए जा चुके हैं। मैं इंडियन बैंकर्स एसोसिएशन को, किसान हितैषी निर्णय के लिए, बधाई देता हूं।
भाइयो-बहनो, हमारी सरकार किसानों की छोटी-छोटी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। किसानों को कम ब्याज दर पर ऋण मिल सके, उसके लिए ब्याज दर में छूट के लिए, जो राशि उपलब्ध कराई जाती थी, उसे पिछले 5 वर्षों में दोगुना किया जा चुका है। अब इस साल के बजट में, फसली ऋण को बढ़ाकर, 11 लाख 68 हजार करोड़ रुपये किया गया है। यानी किसानों को खेती से जुड़ी अपनी जरूरतों के लिए, अब ज्यादा राशि कर्ज के तौर पर मिलनी तय हुई है।
भाइयो-बहनो, हमारी सरकार गरीबों की सरकार है, गरीबों के लिए है, गरीब के दर्द, उसकी तकलीफों को समझने वाली सरकार है। बीते साढ़े चार सालों में हमने लगातार कोशिश की है कि गरीब की जिंदगी आसान बने। सरकार के इन्हीं प्रयासों का असर है कि देश में गरीबी कम होना शुरू हुई है। भाइयो-बहनो, इसी कड़ी में इस साल के बजट में, प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना की घोषणा की गई है। मेरे मजदूर भाइयों-बहनों के लिए, श्रमिक परिवारों के लिए, जो घरों में काम करते हैं ऐसे लोगों के लिए, जो सड़कों या घरों के निर्माण में जुटे हैं, जो मिट्टी या लेबर का काम करते हैं, रिक्शा चलाते हैं, ठेला चलाते हैं, ऐसे करोड़ों भाइयों-बहनों के लिए देश के इतिहास में पहलीबार कोई योजना बनी है। ये वो वर्ग है जिसके नाम पर देश में सिर्फ, नारे ही लगाए, राजनीति ही की गई, कभी उनके भले के लिए सार्थक प्रयास नहीं हुए। सरकार की नई योजना के तहत, ऐसे श्रमिक साथी, जिनकी महीने की कमाई 15 हजार रुपये से कम की है, उनके लिए 60 वर्ष की जब उमर होगी तो 3 हजार रुपया मासिक पेंशन का प्रावधान किया गया है। इसका लाभ देश भर के ऐसे लगभग 30-40 करोड़ साथियों को होगा। 30-40 करोड़ कल्पना करिए आप और इसके लिए औसतन 100 रुपये तक का मासिक अंशदान, श्रमिक बहन-भाई से लिया जाएगा। और जितना पैसा श्रमिक भाई-बहन रखेगा उतना ही उसके खाते में पैसा, भारत सरकार अपना हिस्सा रखेगी। यानी, कोई मजदूर भाई अगर 100 रुपये अपनी पेंशन के जमा करवाना शुरू करता है, तो असल में उसके पेंशन खाते में कुल 200 रुपया जमा होगा।
भाइयो-बहनो, ये तमाम योजनाएं, उन कार्यक्रमों के अतिरिक्त हैं, जिनका लाभ बीते साढ़े चार वर्षों से आप सभी तक पहुंचाने का हम प्रयास कर रहे हैं, जैसे गरीब, दलित, आदिवासी को पक्का घर दिया जा रहा है, उज्ज्वला के माध्यम से मुफ्त का गैस कनेक्शन दिया जा रहा है, मुफ्त में बिजली का कनेक्शन दिया जा रहा है। ऐसी अनेक योजनाएं पहले की तरह ही जारी रहेंगी। साथियो, जिन ईमानदार कर दाताओं के पैसे से ये सुविधाएं संभव हो पाती हैं, उनके लिए भी केंद्र सरकार ने पहलीबार बहुत बड़ा कदम उठाया है। 5 लाख रुपये तक की इनकम को, टैक्स से बाहर कर दिया गया है। इससे सीधे-सीधे करीब 3 करोड़ कर दाताओं को लाभ होगा। अगर बचत, बीमा और होम लोन जैसी दूसरी छूट का इस्तेमाल हमारे मध्यम वर्ग के कर दाता करेंगे, तो ये लाभ इससे भी ज्यादा लोगों तक पहुंचने वाला है।
भाइयो-बहनो, देश और छत्तीसगढ़ को आगे बढ़ाने में, हमारे आदिवासी बहन- भाइयों का बहुत बड़ा योगदान है। आजादी में अनेक नायकों ने बलिदान दिए। ऐसे नायकों से देश को प्रेरणा मिलती रही है, इसके लिए देशभर में स्मारक स्थलों का निर्माण हो रहा है। छत्तीसगढ़ के साथ-साथ, अन्य राज्यों में भी, राज्य स्तरीय म्यूजियम बनाने में केंद्र सरकार मदद कर रही है। साथियो, ये तमाम काम, अगर आज ये चाय वाला एक चौकीदार कर पा रहा है, तो सिर्फ इसलिए, क्योंकि साढ़े चार साल पहले, आपने एक मजबूत सरकार के लिए, बहुमत वाली सरकार के लिए आपने वोट डाला है। अब कुछ शक्तियां, सरकार बनाने के लिए जुट रही हैं, ताकि उनका लूट का कारोबार फल-फूल सके, इस साजिश के प्रति इस महामिलावट के प्रति, आप सभी को जागरूक रहना है और मैं समझता हूं, गरीब से गरीब व्यक्ति हो, झुग्गी-झोपड़ी में रहता हो और बाजार में कुछ खरीदी करने जाए, घी हो, तेल हो, कुछ भी और अगर उसको पता चले कि इसमें तो मिलावट है, आप मुझे बताइए, कोई भी व्यक्ति मिलावट पता चलने के बाद हाथ लगाएगा क्या? खरीदेगा क्या, खरीदेगा क्या? उसको मालूम है अगर मिलावटी चीज मैंने खाई, तो मेरी सेहत को नुकसान होगा कि नहीं होगा, बच्चे बीमार हो जाएंगे कि नहीं हो जाएंगे? घर में भी, गरीब आदमी भी, अनपढ़ आदमी भी कभी मिलावट को हाथ नहीं लगाता है। दो पैसा खर्चा ज्यादा होगा तो चलेगा लेकिन मिलावट का माल बच्चा भी पसंद नहीं करता है। जैसे इंसान की सेहत के लिए, बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए, मिलावट गरीब को भी मंजूर नहीं होती है, वैसे देश के लोकतंत्र की सेहत के लिए, देश के विकास की सेहत के लिए, देश को भी मिलावट नहीं चाहिए। ये महामिलावट, ये देश को बीमार करने वाली बीमारी का दूसरा नाम है। इस महामिलावट से देश को चौकन्ने रहना होगा, जागरूक रहा होगा और महामिलावट को किसी भी हालत में हमें घुसने नहीं देना है।
भाइयो-बहनो, दिल्ली में बैठे लोग कल्पना भी नहीं कर सकते हैं कि छत्तीसगढ़ में आज भी यही मिजाज है। दूर-दूर तक मैं लोगों को देख रहा हूं, जहां तक मेरी नजर पहुंच रही है, जन-सैलाब नजर आ रहा है। ये आपका प्यार, ये जनशक्ति, भारत के भविष्य को नई ताकत देती चली जा रही है और इसके लिए मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं। आप इतनी बड़ी मात्रा में आशीर्वाद देने के लिए आए हैं, मेरे लिए बहुत बड़ा आशीर्वाद का ये बल मुझे काम करने की नई ऊर्जा देता है।
छत्तीसगढ़िया सबसे बढ़िया...छत्तीसगढ़िया सबसे बढ़िया.... भारत माता की.... भारत माता की....।