Our Government is devoted to serve the poor: PM Modi in Pithoragarh

Published By : Admin | February 12, 2017 | 23:18 IST
Dev Bhoomi can attract tourists from all over the country. It has much potential for tourism sector to flourish: PM
Our Govt has allotted Rs.12,000 crore for Char Dham: PM Modi
Congress made mockery of One Rank, One Pension scheme. It was only after we assumed office, the scheme was implemented: PM
We initiated strong steps against corruption & a few people are feeling its heat, says PM Modi

भारत माता की जय। भारत माता की जय। भारत माता की जय। दोनों हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से भारत माता की जय बोलिये। भारत माता की जय। भारत माता की जय। सभी भाइयों बहनों। ... मां पूर्णागिरि, गोल्ज्यू, हाटकालिका, बागनाथ, मां कोटगाडी की पावन धरती में आपको प्रणाम कर रहा हूं। ये उत्तराखंड का कश्मीर।

मंच पर विराजमान केंद्र में मंत्री परिषद् के मेरे साथी और आप ही के प्रतिनिधि श्रीमान अजय टंका जी, पिथौरागढ़ ज़िला के अध्यक्ष श्री विरेंदर बल्दिया जी, संसद में मेरे साथी, यहां के पूर्व मुख्यमंत्री, सेवाभाव यही उनका जीवन है, ऐसे श्रीमान भगत सिंह कोश्यारी जी, श्री केदार जोशी जी, श्री राजेंद्र भंडारी जी, श्री धनसिंह धामी जी, पिथौरागढ़ से भाजपा के उम्मीदवार श्री प्रकाश पन्त जी, टीडीआरजे-भाजपा उम्मीदवार श्री बिशन सिंह जुखाल जी, गंगोली हाट से भाजपा उम्मीदवार बहन मीना गंगोला जी, धारजुला से उम्मीदवार श्री वीरेंदर सिंह पाल जी। मेरे साथ बोलिये।  भारत माता की जय। भारत माता की जय।

पिथौरागढ़ के मेरे प्यारे भाइयों बहनों।

सभाएं तो मैंने बहुत देखी है। कई सभाओं में संबोधन करने का सौभाग्य भी मिला है। लेकिन यह 6 मंजिल सभा मैं पहली बार देख रहा हूं। शायद ये मीडिया वाले भी देखेंगे। छह मंजिल लोग खड़े हैं। भाई ये आप इतना दूर दूर खड़े हैं, मुझे देख तो पाते होंगे। लेकिन सुनाई भी देता है क्या ...? आज पिथौरागढ़ ने कमाल कर दिया है। और मैं हेलिपैड से यहां तक आ रहा था, पूरा रास्ता भी खचाखच लोगों से भरा हुआ था। इतनी बड़ी तादाद में आप मुझे आशीर्वाद देने आये हैंहमारे उम्मीदवारों को आशीर्वाद देने आये हैंहमारी पार्टी को आशीर्वाद देने आये हैंइसके लिए मैं आपका बहुत बहुत आभारी हूं।

भाइयों बहनों

उत्तराखंड के चुनाव प्रचार की ये मेरी आखिरी सभा है।  आज 12 फरवरी है। आज 12 फरवरी को पूरा उत्तराखंड संकल्प कर रहा है। देवभूमि को दाग लगाने वाले लोगों को उखाड़ फेंकने का संकल्प कर रहा है। और 12 मार्च को, एक महीने के बाद ये सरकार भूतपूर्व बन जाएगी, भूतपूर्व। और 11 मार्च को दोपहर ढाई तीन बजे तक नतीजे भी आ जायेंगे, और भारतीय जनता पार्टी की सरकार उत्तराखंड में बन जाएगी। भाइयों बहनोंये उत्तराखंड की धरती वीरों की धरती है। वीर माताओं की धरती है, त्याग और बलिदान की भूमि है। ये पिथौरागढ़, शायद ही कोई घर ऐसा होगा, जहां का कोई बेटा मां भारती की रक्षा के लिए फौज में जा करके सीमा पर तैनात न हुआ हो, ऐसा शायद ही कोई परिवार हो। ये वीरों की भूमि है।

भाइयों और बहनों

क्या कारण है कि उत्तराखंड का विकास नहीं हुआ? अटल बिहारी वाजपेयी जी ने तीन राज्य बनाये, मध्य प्रदेश से निकला हुआ छत्तीसगढ़, बिहार से निकला हुआ झारखंड और उत्तर प्रदेश से निकल हुआ उत्तराखंड।  लेकिन भाइयों बहनों, क्या कारण है कि छत्तीसगढ़ आज विकास की ऊंचाइयों पर पहुंच गया है, आज झारखंड विकास की ऊंचाइयों पर पहुंच गया है, लेकिन मेरा उत्तराखंड नीचे ही चला जा रहा है, नीचे ही चला जा रहा है।  इसके लिए कौन जिम्मेवार है? आप सब मुझे जवाब दीजियेये उत्तराखंड को  बेहाल किसने किया ...? उत्तराखंड को बेहाल किसने किया ...? उत्तराखंड को  बर्बाद किसने किया ...? चारों ओर से आवाज़ आनी चाहिए। देवभूमि को लूटा  किसने ...?

भाइयों और बहनों

15 तारीख को मौका आपके पास है। आपकी अंगुली में वो ताकत है कि आप उत्तराखंड के लूटने वालों को कड़ी से कड़ी सजा दे सकते हैं। 15 तारीख को मतदान करके, कमल के बटन को दबा करके, उत्तराखंड को तबाह करने वालों को ऐसी सजा दो, ऐसी सजा दो, ताकि उत्तराखंड में भविष्य में भी कोई सरकार उत्तराखंड को बर्बाद करने का गलती से भी पाप न करे, ऐसी सजा दो।

भाइयों, बहनों

उत्तराखंड में से पलायन बहुत होता है। नौजवान चला जाता है। उत्तराखंड की जवानी और उत्तराखंड का पानी, उत्तराखंड के काम नहीं आ रहा है। यहां की जवानी, यहां का पानी, उत्तराखंड के काम आये, ये सपना ले करके हम काम करना चाहते हैं। भाइयों और बहनों। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि पिथौरागढ़ के नागरिकों की ऐसी कैसी नाराजगी है, ऐसा कैसा गुस्सा कि मुख्यमंत्री यहां से पलायन कर गए। यहां के नौजवान तो रोजी रोटी के लिए पलायन करते देखे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री को पलायन करना पड़ा, क्या कारण है? आप उनको बराबर पहचान गए हों न? आप मुख्यमंत्री को भलीभांति पहचान गए हो न? और वो भी आपका गुस्सा पहचान गए है। इसलिए यहां से नौ दो ग्यारह कर गए हैं। भाइयों बहनोंआप ही लोगों के आशीर्वाद से वे मुख्यमंत्री बन पाए थे, लेकिन इतने कम समय में आपके साथ ऐसा धोखा किया कि आपके पास दोबारा आने की हिम्मत नहीं है, पलायन कर गए।

भाइयों और बहनों।  

हमारा देश का दुर्भाग्य है की कुछ राजनीतिक दल, कुछ राजनेता देश के लिए बलिदान करने वाले हमारी फौज पर भी शक करते हैं। सवालिया निशान उठाते हैं।  आजादी के 70 साल में अनेक बार हमारे सेना के जवानों ने जान की बाजी लगा दी, शहादत मोल ली, लेकिन इस देश के किसी नागरिक ने फौज पर सवालिया निशान कभी खड़ा नहीं किया। लेकिन ये कांग्रेस पार्टी जब मेरी देश की फौज ने सर्जिकल स्ट्राइक किया। सीमा पार जाकर के दुश्मनों के दांत खट्टे कर दिये। उनके सारे इरादे चकनाचूर कर दिये। और मेरे फौज के सारे बहादुर, पराक्रमी जवान, एक का भी नुकसान हुये बिना जिंदा लौट आये। मिलेट्री के इतिहास के बहुत बड़ी घटना है। दुनिया के सुरक्षा एजेंसियां, इसका अध्ययन कर रही है कि भारत की पराक्रमी सेना ने सीमा पार जा कर के अदभुत काम कैसे किया? लेकिन मेरे देश में सवाल कर रहे हैं मोदी जी बताओ? मोदी जी बताओ? ये सर्जिकल स्ट्राइक हुआ था कि नहीं हुआ था। किस इलाके में गये थे। कितने लोग गये थे। कितने दूर गये थे। कितने गोलियां ले के गये थे। कितने लोगों को मार के आये थे। वहां तक गये थे तो हमारा एक भी मरा क्यों नहीं। ये कांग्रेस के लोगों को शोभा देता है क्या भाइयों। आप मुझे बताइये शोभा देता है क्या। देश की फौजी का अपमान है कि नहीं ...। देश की वीरों के पराक्रम का अपमान है कि नही हैं ...। देश की सेना का अपमान है कि नही हैं ...। अरे सवा सौ करोड़ देशवासियों की संकल्प शक्ति का अपमान है कि नही हैं। अरे राजनीति अपने जगह पर होती है, करो राजनीति, मोदी पर जितने वार करने हैं करो, अरे जितना दम है निकाल दो, लेकिन मेरे फौज पर कभी शक मत करो। उनके पराक्रम पर शक मत करो।

भाइयों और बहनों

जब मैंने 2014 के लोकसभा के चुनाव में उत्तराखंड के भ्रमण पर आया था। उस समय पिथौरागढ़ आने का मौका नहीं मिला। दूसरे स्थान पर गया था। उस जनसभा में मैंने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली में सरकार बनेगी तो हम वन रैंक, वन पेंशन लागू करेंगे। भाइयों और बहनों। 40 साल से लटका हुआ सवाल, 40 साल और दिल्ली में बैठी हुई केन्द्र सरकार वो सिर्फ सर्जिकल स्ट्राइक का ही मजाक उड़ाती है, ऐसा नहीं है। उन्होंने मेरे फौजियों का जिंदगी का भी मजाक उड़ाया था। कोई काम हो, ना हो वो तो बाद का विषय है लेकिन जब कोई मांग कर रहा है तो सरकार को कम से कम उसका अध्ययन करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए ...। जरा मुझे बताइयेबारीकी से जांच करनी चाहिए कि नहीं करनी चाहिए ...। जवान क्या मुद्दा उठा रहे हैं, उसको समझने का प्रयास करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए ...। अगर ये समस्या है तो समस्या का मूल ढूंढ़ना चाहिए कि नहीं चाहिए ...। और समस्या के समाधान के लिए क्या-क्या करना पड़ेगा, उसके लिए सोचना चाहिए कि नहीं चाहिए ...। आपको जानकर के हैरानी होगी और यहां बहुत सारे फौजी परिवार बैठे हैं। आपको जानकर के हैरानी होगी, जब आकर के मैंने जांच की। 40 साल हो गये, एक भी कांग्रेस की सरकार ने वन रैंक, वन पेंशन है क्या? इसके लाभार्थी कौन हैं? उनकी संख्या कितनी है, आर्थिक कितना बढ़ेगा? एक भी विषय की जांच नहीं की थी। फाइल में कोई चीज उपलब्ध नहीं है। 40 साल तक जो लोग फौजियों की समस्या को समझने के लिए तैयार नहीं, कागज पर जांच करने को तैयार नहीं। इससे बड़ा मेरे फौज के लोगों का अपमान क्या हो सकता है। हम आये। मैनें घोषणा की कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी तो हम वन रैंक, वन पेंशन लागू करेगें। जैसे ही मैंने घोषणा की कांग्रेस को पसीना आ गया। उनको लगा मर गए और जब बजट आया तो बजट में 500 करोड़ डाल दिया। वन रैंक, वन पेंशन के लिए 500 करोड़ और उनके नेता जगह-जगह पर जा के फौजियों के सम्मेलन करने लगे। देखो कांग्रेस ने वन रैंक, वन पेंशन लागू कर दिया - वन रैंक, वन पेंशन लागू कर दिया। मै आया सरकार में, बैठा, मैने जांच-पड़ताल शुरू कीमैंने कहा, देखो भाई क्या है मैंने वादा कर के आया हूं। मेरे फौज के परिवारों आपको जान के आश्चर्य होगा। ये ऐसा मजाक इन लोगों ने उड़ाया था फौज कामेरे निवृत सैनियों का ऐसा मजाक उड़ाया था। 500 करोड़, जब मैंने देखा तो कितना खर्च होगा। तब वन रैंक, वन पेंशन लागू पड़ेगा। OROP लागू करना है तो 500 करोड़ से कुछ नहीं होना था। जब हिसाब निकाला तो करीब-करीब साढे बारह हजार करोड़ रुपया। कितना ...? साढ़े बारह हजार करोड़ रुपया। कितना ...। कितना ...। जरा जोर से बोलिए। साढ़े बारह हजार करोड़ रुपया जब खर्च करेंगे तब OROP लागू होता है। आप मुझे बताइये। 500 करोड़ लिख कर के फौज की मजाक उड़ाई थी कि नहीं। फौज को अपमानित किया था कि नहीं किया था। हमने तय किया हम लागू करेंगे। लेकिन सरकार के खजाने में इतनी बड़ी रकम एकमुश्त देना मुश्किल होता है तो मैंने फौज के लोगों को बुलाया, निवृत्त सैनिकों को बुलाया। मैंने उनसे बात कि मैने कहा भाईमुझे OROP देना है, लेकिन मुझे आपकी मदद चाहिए। एक मिनट नहीं लगा। मेरे फौजियों ने एक मिनट नहीं लगायाउन्होंने कहा साहब हम तो जिंदगी से खेलने वाले लोग हैं और भारत का प्रधानमंत्री हमसे मदद मागें। बोले आप जो कहें, मदद करने के लिए तैयार हैं। मैंने उनसे कहा देखो भाई एक साथ इतनी बड़ी रकम नहीं दे पाउंगा। मुझे देना है लेकिन तीन या चार किस्त में देना चाहूंगा आपकी मुझे सहमति चाहिए।   

भाइयों और बहनों

आज मैं गर्व से कहता हूं। 40 साल से सवाल लटका था। लेकिन मेरे फौजियों को जब मैंने कहा तो सिर्फ एक मिनट लगा। एक मिनट में उन्होंने कह दिया। साहब आपने कह दिया, हमारा आप पर भरोसा है। आप आगे बढ़ो। देखिए मेरे फौज के लोगों को मिजाज देखिए और हमने लागू किया। अब तक करीब-करीब साढ़े छह हजार करोड़ रुपया हमने दे दिया। और बाकी जो है आने वाले इस बजट के दरम्यान आपको मिल जायेगा। ये काम ऐसे होता है भाई। इतना ही नहीं, जब सातवां पे कमीशन का रिपोर्ट आया। पे कमीशन में लिखा हुआ नहीं था। हमारी सरकार ने निर्णय किया कि सातवां पे कमीशन हमारे फौजियों को पुराने नियमों से लागू नहीं करेंगे। वन रैंक, वन पेंशन के बाद उसका जो तनख्वाह है, उसके हिसाब से उनका सातवां पे कमीशन भी लागू करेंगे। मेरे निवृत्त फौजियों को डबल फायदा हो गया। एक OROP का और दूसरा सातवें पे कमीशन का अधिक बढ़ोतरी का फायदा। भाइयों और बहनोंजब सेना के प्रति प्यार हो देश के लिए मर मिटने वालो के प्रति सम्मान का भाव हो, तब सरकार ऐसे फैसले करती है और हमने किया।

भाइयों और बहनों

हमारे देश में जो लोग मेरे भाषण सुनते होंगे। यहां तो लोगों को पता होगा क्योंकि फौज की परिवार है यहां, लेकिन जो टीवी पर सुनता होंगे, उनको आश्चर्य होगा। जो बात मै बताने जा रहा हूं। फौजी सेना में लड़ाई लड़ता है, घायल हो जाता है, शरीर का कोई अंग बेकार हो जाता है, निवृत के लिए घर आ जाता है। बाद में डॉक्टर तय करते हैं, उसकी इनजरी 20%, 30%, 40% है, 50% है, 60% है, 70% है, 80% है, 90% है, 100% है और उसके हिसाब से उसको आर्थिक मदद दी जाती है और ज्यादातर फौजियों के कोर्ट-कचहरी में केस चल रहे हैं। वो कहता है मेरा नुकसान 50% का है तो डॉक्टर 10 प्रतिशत लिखता है। मुझे जो मदद मिलने चाहिए मिलते नहीं है। सरकार के साथ उसका झगड़ा चलता रहता है निवृत होने के बाद भी चिठ्ठी-चपाठी चलते रहता है। हमने आकर के एक बड़ा फैसला कर लियाहमने कहा कि ये 10, 20, 30, 40, 50, 60, 70 ये चक्करबाजी बंद करिए। अब वो अगर घायल है तो उसको 50% तुंरत मान लिया जायेगा। दूसरा 50 से 75 और तीसरा 75 से 100।

भाइयों और बहनों

इसके कारण फौजियों की सारी समस्यों का सालो से लटकी पड़ी है, उसका समाधान कर दिया। इस प्रकार से काम करते है भाइयों और बहनों। हमारे फौजी घायल होते हैं। उनके परिवार के आरोग्य की सुविधा दूर-दूर जाना पड़ता है और फिर भी सुविधा मिलती नहींहमने आकर के देश के अलग-अलग कोने में 500 नये अस्पताल पैनल पर ले लिया ताकि हमारा फौजी उस अस्पतालों में जाकर के भी अगर बिमार है तो सार-वार ले सकता है। निवृत फौजी का परिवार सार-वार ले सकता है कैसलैस सार-वार ले सकता है ये काम हमने कर के दिखाया आते ही निर्णय कर लिया।  

भाइयों और बहनों।

हमारे यहां हवलदार तक के जो फौजी होते हैं, यहां हवालदार तक के, निवृत्त होने का बाद भी, अगर उसकी बेटी की शादी हो तो उसको 16 हजार दिया जाता है ताकि देश के लिए जीकर के आया है, निवृत्त हुआ है, हवलदार ही रहा है। आई-पी बहुत कम रहा है। बिटिया की शादी कैसे करेगा। भारत सरकार 16 हजार रुपया देती थी। हमने आकर के तय किया। वक्त बदल चुका है। अब 16 हजार से कुछ काम नहीं होगा। हमने आते ही बिटिया की शादी अगर फौजी की बेटी की है, तो 16 हजार से तीन गुना कर दी, तीन गुना कर दी। तीन गुना कर दी भाइयों और बहनों। ताकि मेरे फौजी, मेरा निवृत फौजी उसको परिवार की चिंता उसमें बोझ हल्का करने में सरकार भी सक्रियता से काम करे।  

भाइयों और बहनों।

हमारे फौजियों के कल्याण के लिए योजनायें चलती है और योजनाओं के तहत हमारे फौजियों को अलग-अलग मदद मिलती है भाइयों और बहनों। रक्षा मंत्री के विवेकाधीन जो फंड रहता है, उससे जो पहले जो मदद दी जाती है। हमने आकर के देखा निवृत्त फौजियों की संख्या इतनी है, इतनी रकम में निवृत्त फौजियों का भला नहीं हो सकता। हमने आकर के रक्षामंत्री के विवेकाधीन जो रकम थी। उसको भी चार गुना कर दिया, चार गुना। ताकि मेरे फौजियों के परिवार को मदद मिले। एक बड़ा काम किया है, जो आने वाले युगों तक देश में फौज से जुड़े हुये लोग याद रखेंगे। फौजी जब रिटायर्ड होता है। छोटी आयु में रिटायर्ड होता है, फिर नौकरी तलाशता है, काम तलाशता है लेकिन उसको जल्दी काम नहीं मिलता है। हमने एक ऐसा रास्ता खोजा है यहां हर नौजवान ये सुनकर कर के उसको खुशी होगी, हमने एक ऐसी योजना बनाई है, जब फौजी को निवृत्त होना है, उसका एक साल जब बाकी होगा। तब उसका, उसके रूचि के अनुसार स्किल डेवलपमेंट किया जायेगा। स्पेशल ट्रेनिंग की जायेगी और फौज के बाहर नौकरी के लिए जिस प्रकार स्किल चाहिए। वो उसको स्किल सिखाई जायेगी। उसको ऑफिसियल सर्टिफिकेट दिया जायेगा और ताकि वो निवृत्त हो कर के जैसे ही निकलेगा वो सर्टिफिकेट, वो अनुभव उसको जिंदगी को आगे जीने के लिए, काम आ जायेगाकहीं भी उसको काम मिल जायेगा, भारत सरकार के स्किल डेवलपमेंट के साथ मेरे फौजियों के लिए काम किया।  

भाइयों और बहनों।

अकेले छोटा सा मेरा उत्तराखंड, अकेले उत्तराखंड में एक लाख निवृत फौजियों को ये सारे लाभ मिल रहे हैं। एक लाख परिवारों को फायदा जा रहा है। आप कल्पना कर सकते हैं। इतने कम समय में कोई सरकार इतने बड़े फैसले एक फौज के लोगों के लिए कर ले, उस सरकार के दिल में फौज के लिए कितना आदर होगा। उस भारतीय जनता पार्टी के दिल में फौज के लिए कितना आदर होगा। वो प्रधानमंत्री के मन में फौज लिए कितनी श्रद्धा होगी तब जा के ऐसे निर्णय होते हैं।

भाइयों और बहनों।

हमारे जवान तो फौज में होते हैं लेकिन जिन वीर माताओं ने मेरे फौजियों को जन्म दिया। वीरों को जन्म दिया। उन माताओं की भी सेवा मैं करना चाहता हूं। दिया। उन माताओं की सेवा करना मेरे जीवन की सदभाग्य मानता हूं। ऐसी मां की सेवा, जिसने अपने संतानों को मातृभूमि के लिए दे दिया है, उन माताओं की मै जितनी सेवा करूं, उतनी कम है।  

भाइयों और बहनों।

हमारे देश में पहाड़ों में खाना पकाना होना हो। चाय भी बनानी हो। इतनी लकड़ी जलानी पड़ती है और जंगलों से लकड़ी आती है वो भी सूखी लकड़ी मिलती नहीं है। खाना पकाने में देर, चाय बनाने में देर और लकड़ी जला के चुल्हा जलाते हैं तो इतना धुआं होता है, उतना धुआं होता है कि एक मां जब लकड़ी के चुल्हे से खाना पकाती है। एक दिन में उसके शरीर में 400 सिगरेट का धुआं जाता है,  400 सिगरेट का धुआंआप मुझे बताइये। अगर मेरी माताओं के शरीर में हर दिन खाना पकाने के कारण 400 सिगरेट का धुआं अगर जाता है तो उस मां की तबीयत का हाल क्या होता होगा। उस परिवार में बच्चों का तबीयत का हाल क्या होता होगा। जंगल कटते होंगे, पर्यावरण का कितना नुकसान होता होगा। हमने निर्णय किया इन माताओं को गैस का कनेक्शन दिया जाएगा। गैस का सिलेंडर दिया जाएगा। मुफ्त में दिया जाएगा। और उनको ये 400 सिगरेट उससे बचाया जाएगा। आज मुझे खुशी है, पूरे देश में एक करोड़ 80 लाख परिवारों को हम दे चुके हैं और उत्तराखंड जैसा छोटे राज्य में एक लाख परिवारों में पिछले 4 महीने के अंदर-अंदर राज्य एक लाख परिवारों में गैस का चुल्हा, गैस का कनेक्शन पहुंचा दिया है। एक रुपया के भ्रष्टाचार किये बिना पहुंचा दिया है।

भाइयों और बहनों।

ये सरकार नौजवानों की सेवा करना चाहती है। आप मुझे बताइये। आज नौकरी बिना रिश्वत दिए बिना मिलती है क्या? जरा जोर से बताइये। रिश्वत के बिना नौकरी मिलती है क्या ...? कितना ही होनहार लड़का क्यों न हो, कितनी ही होनहार बेटी क्यों न हो, परीक्षा में उत्तम से उत्तम मार्क आये हों, रिटन एक्जाम में बहुत अच्छा किया हो, फिर इंटरव्यू आता है। इंटरव्यू आता है तो मां कहती है बेटा इंटरव्यू तो आ गया लेकिन पहचान होनी चाहिए। सिफारिश होनी चाहिए, देखो कोई है, जो मदद करे, तो पूरा परिवार लग जाता हैबेटे का इंटरव्यू आया है, बेटी की इंटरव्यू आया है। कहीं कोई पहचान वाला मिल जाये। कोई बिचौलिया मिल जाता है, कहता है नौकरी दिलवा दूंगा। 2 लाख दे दो।  नौकरी दिलवा दूंगा, 5 लाख दे दो। ये होता है कि नहीं होता है ...। और गरीब मां, गरीब मां अपने गहने बेच कर के, अपना मंगलसूत्र गिरवी रख कर के, गरीब बाप अपने जमीन गिरवी रख कर के 2 लाख, 5 लाख रुपया रिश्वत में देता है। और तब जा कर के वो इंटरव्यू से निकल कर के नौकरी पाता है। आप मुझे बताइये। क्या दुनिया में कोई विज्ञान है क्या? तीन लोग बैठे हैं, एक उम्मीदवार अंदर आता है, 30 सेकेंड खड़ा रहता है कमरे में, 30 सेकेंड कोई एकाध चीज पूछ लेता है, कहां से आये, क्या नाम है। वो दूसरे दरवाजे से निकल जाता है। ये हो गया इंटरव्यू, क्या दुनिया में ऐसा कोई विज्ञान है क्या?  30 सेकेंड में आपको पूरी तरह जान लेजान सकते हैं क्या ...? 30 सेकेंड में कोई जान सकता है क्या? ये इंटरव्यू फरेब है कि नहीं है ...? फरेब है कि नहीं है ...? देखने का मात्र काम करते हैं लेकिन जो पैसे मिले हैं उनको आर्डर कर दिया जाता है।

भाइयों और बहनों।

दिल्ली में आपने मुझे प्रधानमंत्री बनाया। मैने एक ऐसा काम कर दिया। ऐसा काम कर दिया। मैंने कहा वर्ग 3, वर्ग 4 जो सरकार में सबसे ज्यादा नौकरी उसी में होती है, वर्ग 3 और वर्ग 4 अब उसके इंटरव्यू नहीं होगा। लिखित परीक्षा में जो पास होगा कंप्यूटर में जायेगा, कंप्यूटर जो सबसे ज्यादा मार्क वाले लड़के-लड़कियां हैं, उनको नौकरी का आर्डर दे देगी। कोई इंटरव्यू नहीं, कोई भ्रष्टाचार नहीं, कोई बिचौलिया नहीं, कोई मां-बाप को घर बेचने की बारी नहीं। ये काम हो सकता है कि नहीं ...। ये काम कर के दिखाया।

मेरे नौजवान भाइयों और बहनों।

ये लुट करने वालों के खिलाफ मेरा लड़ाई का हिस्सा है। हमने उत्तराखंड सरकार को कहा आप ये इंटरव्यू बंद करो। ये बिचौलिया बंद करो, ये रुपया खाने वालों की दुकान बंद करो। उत्तराखंड की सरकार ने हमारी बात नहीं मानी। इसीलिए भाइयों और बहनों। देश को भ्रष्टाचार ने तबाह कर के रखा है कालेधन ने बर्बाद कर के रखा है। बड़े-बड़े लोगों के घर में नोटों के बंडल के बंडल भरे पड़े थे। लुट के पैसे, चोरी के पैसे, बेईमानी के पैसे।

भाइयों और बहनों।

आठ नवंबर को रात के आठ बजे टीवी पर मैंने आ कर के,  मैंने कह दिया लुटने वालों का खेल खत्म। भाइयों और बहनों। 70 साल तक जिन्होंने लुटा है, उनका सारा खेल खत्म हो चुका है। पाई-पाई का हिसाब जमा करना पड़ रहा है। और मेरे प्यारे देशवासियों आपको वादा करता हूं, जिन्होंने देश को लुटा है। उनको सब कुछ लौटाना पड़ेगा। और जब तक मैं काम पूरा नहीं कर लेता हूं ना मैं चैन से बैठूंगा, ना मै लुटेरों को चैन से बैठने दूंगा।

भाइयों और बहनों।

ये गरीब का पैसा है, ये गरीब के हक को लुटा गया है, ये मध्यम वर्ग का शोषण कर के पैसे मारा गया है और इसलिए मैंने इतना बड़ा अहम कदम उठाया है और मैं रुकने वाला नहीं हूं। मेरे प्यारे भाइयों और बहनों। सवा सौ करोड़ देशवासी हिम्मत के साथ खड़े रहे, तकलीफ झेल कर भी खड़े रहे। और इसलिए लड़ाई लड़ने की मेरी ताकत बहुत बढ़ गई है। अब एक-एक का हिसाब होने वाला है, कोई बचने वाला नहीं है। और इसलिए भाइयों और बहनों। मुझे आपका आशीर्वाद चाहिए।

मैं हैरान हूं। उत्तराखंड में हरदा टैक्स चलता है, हरदा टैक्स, ना भारत सरकार में हरदा टैक्स था, ना उत्तर प्रदेश में था। एक ऐसे महाशय आ गये, हरदा टैक्स चालू हो गया। मैं हैरान हूं। एक मुख्यमंत्री इस प्रकार की भाषा बोले, वो जिस प्रकार से भारत सरकार के खिलाफ बयानबाजी करते हैं। मै आपको बताना चाहता हूं। तपोवन, विष्णुगढ़, हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट चार हजार करोड़ रुपया के लागत वाला प्रोजेक्ट, मै जब से केन्द्र मे बैठा हूं। चार हजार करोड़ रुपया के इस प्रोजेक्ट को लागू कराने के लिए, जी-जान से जुटा हूं। चार हजार करोड़ रुपया रेडी पड़ा है। लेकिन मुझे दुख के साथ कहना है कि उत्तराखंड सरकार ने इको सेंसिटिव जोन का डिलीमिटेशन इतनी ढीली कर दी है। वो प्रोजेक्ट आज भी लटका पड़ा है और चार हजार करोड़ रुपया जो  उत्तराखंड के लिए लगने वाले थे। वो सड़ रहे हैं भाइयों, बताइये। ऐसी निकम्मी सरकार आपका भाग्य बदल सकती है।

भाइयों और बहनों।

टेरी पम्प स्टोरेज का प्रोजेक्ट, पावर प्लांट का 3 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन डेबरी उसको कहा डालना, इसका फैसला नहीं कर पा रहे हैं।  उसके कारण ये 3 हजार करोड़ रुपया का प्रोजेक्ट भी लटका पड़ा है। गंगा सफाई अभियान, नमामी गंगे योजना, मैने मुख्यमंत्रियों की मिटिंग बुलाई थी। उनको कहा था योजना बनाई, आप हैरान होंगे। वो प्रोजेक्ट रिपोर्ट भी नहीं बना पाते हैं। अभी बड़ी मुश्किल से दिसंबर में टेंडर निकला

भाइयों और बहनों।

दिल्ली सरकार पैसे देने के लिए तैयार बैठी है। ये ऐसी निकम्मी सरकार है कि दिल्ली में ऐसी सरकार पैसे देने को तैयार है, इनके पास कागजी करवाई करने की हिम्मत नहीं है। योजना नहीं, समझ नहीं, इरादा नहीं और उसके कारण विकास अटका पड़ा है। भाइयों और बहनों। हमने नेपाल के साथ मिलकर के पंचेश्वर का काम, कांग्रेस के जमाने से 23 साल से अटका हुआ था, 23 साल से, ये पंचेश्वर पावर प्रोजेक्ट हो जायेगा। इस पिथौड़ागढ़ को कितना फायदा होगा। इसको आप अंदाज लगा सकते हैं। 6 हजार करोड़, 6 हजार मेगावाट का प्रोजेक्ट, करीब-करीब 35 हजार करोड़ रुपया का प्रोजेक्ट, आप कल्पना कर सकते हैं।  35 हजार करोड़ रुपया ये पंचेश्वर में जब लगेगा। इस इलाके के कितने लोगों को रोजगार मिलेगा। आप कल्पना कर सकते हैं।  

भाइयों और बहनों।

हमें विकास के नये उच्चाईयों पर पहुंचाना है। ये मेरा उत्तराखंड, ये देवभूमि है, ये उत्तराखंड जहां पहाड़ है। ये उत्तराखंड जहां परमेश्वर का वास है। ये उत्तराखंड जहां भरपूर पानी है। ये उत्तराखंड जहां पर जड़ी-बूटी के काम आने वाले उत्तम से उत्तम पौधें हैं। ये उत्तराखंड जहां पर भरपूर उत्तम पर्यावरण है। जिसके पास पहाड़ हो, परमेश्वर हो, पानी हो, पौधा हो, पर्यावरण हो, उस राज्य को पैसे की कभी कमी नहीं हो सकती है। वो आवश्कयता है, अच्छी सरकार की, आवश्कयता है उत्तराखंड को समझ के आगे बढ़ाने वाली अच्छी सरकार की और इसलिए आपकी ये जो पांच शक्तियां है परमेश्वर का वास है, पहाड़ है, पानी है, पर्यावरण है, पौधे हैं। उसको लेकर के हम उत्तराखंड को आगे बढ़ाना चाहते हैं। जहां पैसे खींच कर के चले। मेरे उत्तराखंड का भाग्य बदल जायेगा। मेरे साथ पूरी ताकत के साथ बोलना है भाइयों और बहनों। चुनाव कब है, मतदान कब है, ऐसे नहीं पूरी ताकत से बताओ। मतदान कब है ...। कब है मतदान,15 तारीखकब है ...पक्का ...। मतदान करोगे ...। औरों से भी मतदान करवाओगे ...। कमल के निशान पर बटन दबाओगे ...। उत्तराखंड में उत्तराखंड का भाग्य बदलने वाली भाजपा की सरकार बनाओगे ...। भाइयों और बहनों। इतना आपका प्यार, इतना आपका आशीर्वाद। मैं आपका बहुत-बहुत अभारी हूं। मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिएभारत माता की जय। पूरी ताकत से बोलिए। भारत माता की जय। भारत माता की जय।    भारत माता की जय। बहुत-बहुत धन्यवाद।

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140 crore Indians have taken a collective resolve to build a Viksit Bharat: PM Modi on Independence Day

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Text Of Prime Minister Narendra Modi addresses BJP Karyakartas at Party Headquarters
November 23, 2024
Today, Maharashtra has witnessed the triumph of development, good governance, and genuine social justice: PM Modi to BJP Karyakartas
The people of Maharashtra have given the BJP many more seats than the Congress and its allies combined, says PM Modi at BJP HQ
Maharashtra has broken all records. It is the biggest win for any party or pre-poll alliance in the last 50 years, says PM Modi
‘Ek Hain Toh Safe Hain’ has become the 'maha-mantra' of the country, says PM Modi while addressing the BJP Karyakartas at party HQ
Maharashtra has become sixth state in the country that has given mandate to BJP for third consecutive time: PM Modi

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।