Modi needs 400 seats to stop the conspiracies of Congress and the INDI Alliance: PM Modi in Dhar
Congress intends to prioritize minorities in sports as well: PM Modi in Dhar

सारा भाई काजे राम राम ! वारलु छे की नर्मदा मैया की जय ! कोटेश्वर और बालीपुर के संतों को मेरा प्रणाम!

आप सब अपना समय निकालकर मुझे आशीर्वाद देने आए हैं, ये मेरे लिए बहुत बड़े सौभाग्य की बात है। मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। आप सब मेरा प्रणाम स्वीकार करिए।

साथियों,

आज सुबह मैं मेरा कर्तव्य निभाने गया था और सुबह मैं वोट करके आपके पास आया हूं। और मेरा हमेशा मत रहा है कि ये लोकतंत्र का उत्सव है। उत्सव को हमने, नागरिकों ने उत्सव के रूप में मनाया चाहिए और आज मैं धार में देख रहा हूं कि मेरी माताएं-बहनें-बेटियां जिस प्रकार से परंपरागत वेशभूषा में आई हैं जैसे अपने परिवार में कोई अवसर हो वैसे, ये लोकतंत्र का मिजाज है। आपने ये और मैं पक्का मानता हूं कि मीडिया वाले मुझे तो बहुत पब्लिसिटी देते हैं लेकिन थोड़ा आज ये उत्सव का माहौल बनाकर यहां जो मैं बहन-बेटियां देख रहा हूं क्या बढ़िया-बढ़िया वस्त्र पहनकर के आई है, लोकतंत्र का उत्सव मना दिया इन सबने। और लोकतंत्र और चुनाव ये महापर्व होता है लोकतंत्र का। और चुनाव में उत्सव का माहौल जब बन जाता है ना तो मतदान तो बढ़ता ही बढ़ता है लेकिन जो 18 साल से कम उम्र के बच्चे हैं घर में उनको लोकतंत्र का महात्म्य क्या है? चुनाव का महात्म्य क्या है? वोट देने का मतलब क्या होता है? एक प्रकार से चुनाव ये संस्कार संक्रमण की प्रक्रिया भी है। लोकतंत्र के प्रति समर्पण को और अधिक प्रभावी बनाने का ये उत्तम से उत्तम अवसर है और धार के मेरे भाई-बहनों ने आज ये माहौल जो बना दिया है उत्सव का, मैं धार के लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। (यहां कुछ लोग ये फोटो वगैरह लेके आए हैं, आप सबके फोटो मैंने देख लिए हैं। अगर आप बैठ जाएंगे तो मेरे पे बड़ी कृपा होगा। क्योंकि पीछे सबको परेशानी होती है। मैंने देख लिया है, आप तस्वीर लाए हैं, कृपा करके आप बैठिए। नहीं बैठेंगे, उन तस्वीरों को नीचे रखिए, आराम से नीचे बैठिए। मैं आपका बहुत आभारी हूं कि आप इतनी मेहनत करके चित्र बनाकरके यहां लाए हैं। लेकिन आप आराम से बैठिए, थक जाएंगे।)

बोलो, भारत माता की। भारत माता की। भारत माता की।

साथियों,

4 जून में अब एक महीना भी नहीं बचा है। आज तीसरे चरण की वोटिंग चल रही है। पहले चरण में विपक्ष पस्त पड़ गया था। दूसरे चरण में विपक्ष ध्वस्त हो गया था। आज तीसरे चरण के बाद जो इधर-उधर कुछ छोटे-छोटे टिमटिमाते तारे दिखते हैं वो भी अब अस्त होना तय हो जाएगा। क्योंकि पूरे देश ने ठान लिया है- फिर एक बार...मोदी सरकार। फिर एक बार...मोदी सरकार। फिर एक बार...मोदी सरकार।

साथियों

यहां से महू ज्यादा दूर नहीं है। महू में ही बाबा साहेब आंबेडकर का जन्म हुआ था। ये भूमि मेरे जैसे कितने ही लोगों के लिए किसी तीर्थ स्थली से कम नहीं है। और मैं तो अगर स्वार्थ की भाषा में बोलूं, मुझे बोलना नहीं चाहिए लेकिन अगर स्वार्थ भाषा में बोलूं तो मैं कहूंगा बाबा साहेब का संविधान न होता तो मोदी इस जगह पर नहीं होता। ये बाबासाहेब का संविधान जिसके कारण आप मुझे यहां तक पहुंचा पाए। नहीं तो आज भी एक ही परिवार का राज देश में चल रहा होता। नामदार ही नामदार होते, कामदार का कोई हिसाब ही नहीं होता। लेकिन ये बाबा साहेब के संविधान की ताकत है कि नामदार को हटा के देश ने एक कामदार को बिठा दिया। और यही वजह है कि कांग्रेस बाबा साहेब से नफरत करती है? इसी नफरत में अब कांग्रेस ने एक और चाल चली है। कांग्रेस चाहती है कि संविधान बनाने का श्रेय बाबा साहेब को ना मिले। इसलिए अब कांग्रेस ने कहना शुरू कर दिया है कि बाबा साहेब का योगदान तो बहुत कम था...ये संविधान बनाने में सबसे ज्यादा भूमिका, सबसे बड़ी भूमिका ये उनके चाचा देश के पंडित नेहरू जी की थी। क्या ये बात आपके गले उतरती है क्या। हिंदुस्तान का बच्चा भी आज जानता है न भारत का संविधान बनाने में सबसे बड़ा योगदान बाबा साहेब अंबेडकर का था कि नहीं था। लेकिन इन परिवारवादियों ने पहले देश का इतिहास तोड़ा-मरोड़ा, आजादी के महान सपूतों को भुलवा दिया। इन परिवारवादियों ने अपना महिमामंडन करने के लिए, अपने ही गीत गाने के लिए, अपनी ही वाहवाही करने के लिए झूठा इतिहास लिखा। और अब ये संविधान को लेकर भी झूठ गढ़ने लगे हैं और उसको भी कब्जा करने के मिजाज में हैं। सच तो ये हैं कि कांग्रेस का ये परिवार बाबा साहेब से घोर नफरत करता है। कांग्रेस ने आंबेडकर जी की राजनीति को खत्म करने की हर साजिश रची। मैं इसे भाजपा सरकार का सौभाग्य मानता हूं। भाजपा के समर्थन वाली केंद्र सरकार ने कुछ वर्ष पहले बाबा साहेब को भारत रत्न दिया। ये जब गए तब मौका मिला। मैं इसे भी अपना सौभाग्य मानता हूं कि मुझे बाबा साहेब से जुड़े स्थानों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित करने का अवसर मिला।

साथियों,

हार की हताशा में आजकल कांग्रेस और इंडी गठबंधन के लोग एक नई अफवाह उड़ा रहे हैं। ये कहते हैं मोदी को 400 सीटें मिल गईं, तो वो संविधान बदल देगा। ऐसा झूठ चलाते हैं न। ऐसा लगता है जैसे कांग्रेस वालों की बुद्धि पर वोट बैंक का ताला पड़ गया है। अब इनको मैं बुद्धिमानी कहूं या न कहूं ये भी मेरे लिए सवाल है। अरे इनको पता होना चाहिए। 2019 से 2024 ये जो पांच साल मैंने सरकार चलाई न और 2019 में जो आपने वोट दिया था। 2019 से 2024 मोदी के पास एनडीए प्लस के रूप में 400 सीटों का समर्थन था ही था। अब ये इनको इतनी भी याद नहीं है। जनता ने इनको ऐसा मारा है कि अभी तक होश नहीं आया है। 2019 के बाद करीब-करीब 360 सीटें तो NDA के ही पास थीं। इसके अलावा तीन-चार क्षेत्रीय पार्टियों और निर्दलीय, पूरे पांच साल हमारे साथ खड़े रहे, ये सब अगर मैं मिला लूं, एनडीए प्ल्स का हिसाब लगा हूं तो ये करीब-करीब 400 पहुंच जाता है। और मोदी ने इन 400 सीटों का उपयोग किसलिए किस काम के लिए किया? मोदी ने 400 सीटों का उपयोग 370 हटाने के लिए किया। मोदी ने 400 सीटों का उपयोग SC/ST के आरक्षण को 10 साल आगे बढ़ाने के लिए किया। मोदी ने 400 सीटों का उपयोग आदिवासी बेटी को राष्ट्रपति बनाने के लिए किया। मोदी ने 400 सीटों का उपयोग महिला आरक्षण के लिए किया। और मोदी 400 सीटें क्यों मांग रहा है, ये भी देश को जानना जरूरी है। मोदी को 400 सीटें, यानि 2019 से 24 तक जो दिया उसको रिपीट करने के लिए मैं कह रहा हूं। मोदी 400 सीटें चाहिए ताकि मैं कांग्रेस और इंडी गठबंधन की हर साजिश को रोक सकूं। मोदी को 400 सीटें चाहिए ताकि कांग्रेस कश्मीर में धारा 370 को फिर से वापस लाकर चिपका न दे, खेल बिगाड़ न दे। मोदी को 400 सीटें चाहिए ताकि कांग्रेस अयोध्या में राम मंदिर पर बाबरी ताला ना लगा दे। मोदी को 400 सीटें चाहिए ताकि कांग्रेस देश की खाली जमीन, खाली द्वीप, दूसरे देशों को ना सौंप दे। मोदी को 400 सीटें चाहिए ताकि कांग्रेस SC-ST-OBC से उनको जो आरक्षण मिला है न, बाबा साहेब अंबेडकर ने जो आरक्षण दिया है, भारत के संविधान ने जो आरक्षण दिया है, ये वोटबैंक के लिए डाका न डालें इसलिए 400 सीट चाहिए। मोदी को 400 सीटें चाहिए ताकि कांग्रेस अपने वोटबैंक की सभी जातियों को रातोंरात OBC ना घोषित कर दे। ओबीसी कोटा में डाका न डाले। 

साथियों

पिछले दो सप्ताह से 14 दिन हो गए जब मैंने कांग्रेस को तीन बातें लिखकर देने की चुनौती दी थी। मैंने कहा था- 140 करोड़ देशवासियों को लिखकर दो- धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दोगे। मैंने सही कहा कि नहीं कहा। मैंने कहा था- लिखकर दो- SC-ST-OBC का आरक्षण कभी नहीं छीनोगे। मैंने कहा था- लिखकर दो- कांग्रेस की राज्य सरकारें OBC कोटे से रातोंरात डाका डालकर मुसलमानों को आरक्षण नहीं देंगी। मेरे तीन सवाल, बहुत सिंपल सवाल है, लेकिन कांग्रेस चुप करके बैठ गई है। मुंह पर ताला लगा दिया है उसने। ये चुप्पी खतरे वाली चुप्पी है। उनके अंदर खेल है और मैंने उनके दिमाग का एक्सरे निकाला है। वो आपका एक्सरे निकालने वाले हैं न, तो मैंने सोचा पहले इनके दिमाग को देखूं अंदर है क्या। तो उसमें वोटबैंक ही नजर आ रही है, हर चीज में वोट बैंक।  

साथियों

कांग्रेस तो चुप है लेकिन आज इनके एक बड़े साथी ने इंडी-गठबंधन के इरादों पर मुहर लगा दी। उनके एक नेता जो चारा खाने के कारण जेल में हैं। जो पशुओं का चारा खा रहे हैं, और अदालत ने जिनको सजा दिया है। सुप्रीम कोर्ट तक सबने मान्य किया है कि इन्होंने भ्रष्टाचार किया है। इनकी बेशर्मी देखो, अभी वो जमानत पर आए हैं बाहर, तबियत के कारण। जेल में कैद थे, कैदी हैं। गुनहगार है, अदालत ने उनको गुनहार बना दिया है। अरे आपके गांव में कोई छह महीने साज काटकर आए न, तो गांव वाले दूर रहते हैं। बेटी का व्यवहार करने से दूर रहते हैं। ये कांग्रेस वाले इतने गिर चुके हैं उनको माथे पर बिठा के नाच रहे हैं। अच्छा उन्होंने क्या कहा, अभी-अभी कहा है पिछले 24 घंटे में ही। उन्होंने कहा- मुसलमानों को आरक्षण मिलना चाहिए। और सिर्फ आरक्षण नहीं मिलना चाहिए, वो कहते हैं कि पूरा का पूरा आरक्षण मुसलमानों को मिलना चाहिए। इसका मतलब क्या हुआ? यानि SC/ST/OBC समाज को जितना आरक्षण मिला है, वो छीनकर, ये लोग पूरा का पूरा आरक्षण मुसलमानों को देना चाहते हैं। आखिर ये लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं? क्योंकि यही वोट बैंक उसी के सहारे वो अपने सांस गिन रहे हैं। बाकी तो उनका सब खतम हो चुका है, कुछ बचा नहीं है। बारी-बारी से सब छोड़कर भाग गए। 

बताइए साथियों,

मोदी तो इतने दिनों से सिर्फ यही कह रहा था...कि ये आपके हक में से कुछ हिस्सा काटकर धर्म के आधार पर बांट देंगे। लेकिन इनकी साजिश तो और गहरी है। ये लोग अब डंके की चोट पर कह रहे हैं, जिस दिन वोटिंग हो रही है उस दिन कह रहे हैं। SC/ST/OBC का पूरा आरक्षण, ये मुस्लिम समाज को देना चाहते हैं। मैं आप से पूछ रहा हूं भाइयों-बहनों, ये धार की धरती है, राजा भोज की धरती है। आप मुझे बताइए, ये जो इंडी अलायंस वाले, कांग्रेस वाले और उनके चट्टे-बट्टे ये जो खेल कर रहे हैं। क्या आपको ये मंज़ूर है क्या? सबके सब हाथ ऊपर करके बताइए मंजूर है क्या। आप इसको मंजूरी दे सकते हैं क्या। ये आपके हकों को लूटना चाहते हैं, ऐसे लोगों का जमानत जब्त होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए। इनको हमेशा-हमेशा राजनीतिक जीवन से दूर करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए। जो बाबा साहेब को मंज़ूर नहीं था...जिसका बाबा साहेब ने अपने युग में विरोध किया था। क्या आप इसका विरोध करेंगे। इस बार ये कांग्रेस और उनके सब साथियों को चुन-चुन करके राजनीति में साफ कर देना ये बाबा साहेब अंबेडकर को बड़ी श्रद्धांजलि होगी। क्योंकि उन्होंने बाबा साहेब आंबेडकर की पीठ में छुरा घोंपा है। इन्होंने भारत के संविधान की पीठ में छुरा घोंपा है। मोदी ने इस चुनाव में कांग्रेस के सारे वादों-इरादों की पोल खोल दी है।

साथियों

कांग्रेस तुष्टिकरण के दलदल में ऐसा धंस चुकी है कि उसे और कुछ नजर नहीं आता है। कांग्रेस की चली तो कांग्रेस कहेगी कि भारत में जीने का पहला हक भी उसके वोटबैंक को है। अपने घोषणापत्र में कांग्रेस ने लिखा है, कांग्रेस सरकारी टेंडर में भी अल्पसंख्यकों को हिस्सेदारी सुनिश्चित करेंगे। यानि कांग्रेस ठेकेदारी में भी धर्म के आधार पर कोटा देगी। कांग्रेस का इरादा खेलों में भी अल्पसंख्यकों को प्राथमिकता का है। यानि क्रिकेट टीम में कौन रहेगा, कौन नहीं रहेगा, ये कांग्रेस अब धर्म के आधार पर तय करेगी। मैं आज कांग्रेस से पूछता हूं। अगर ऐसा करना ही था तो 1947 में जब देश आजाद हुआ तो कांग्रेस ने देश का भारत माता का तीन टुकड़े क्यों कर दिए। भारत मां की भुजाएं क्यों काट दी। देश का बंटवारा क्यों किया। 47 में ही आप पूरा देश पाकिस्तान बना देते। उसी समय भारत का नामोनिशान मिटा देते। मैं आज दो टूक कह रहा हूं। और ये कांग्रेस वाले और उसके चट्टे-बट्टे जरा कान खोलकर सुन लो। और मैं बराबर पूरी ताकत से कह रहा हूं। कांग्रेस वाले और उनके सारे इंडी अलायंस वाले कान खोलकर सुन लो, जब तक मोदी जिंदा है...नकली सेक्यूलरिज्म के नाम पर भारत की पहचान मिटाने की कोई भी कोशिश मोदी सफल नहीं होने देगा। और ये हजारों वर्ष पुराने भारत को, उसकी इस संतान की गारंटी है।

भाइयों और बहनों,

मोदी भारत को विकसित बनाने के मिशन पर निकला हुआ है। मोदी आया तो करोड़ों परिवारों को पहली बार पक्का घर मिला, माता-बहनों को टॉयलेट मिला। मोदी ने दलित, आदिवासी परिवारों की माताओं-बहनों को गरिमापूर्ण जीवन का अवसर दिया। 50 साल तक गरीबी हटाओ का सिर्फ नारा लगाने वाली कांग्रेस अब गरीब को मिल रही सुविधाओं से भी नाराज है। कांग्रेस के नेता कहते हैं कि मुफ्त इलाज की योजना को बंद कर देंगे।  कांग्रेस के नेता कहते हैं कि मुफ्त अनाज की योजना को बंद करेंगे। मोदी मुफ्त अनाज देता है, क्यों, क्योंकि गरीब के घर का चूल्हा जलता रहना चाहिए। गरीब के घर का चूल्हा बुझना नहीं चाहिए। गरीब का बच्चा भूखा सोना नहीं चाहिए। और कांग्रेस कहती है अनाज देना बंद कर देंगे। इलाज मुफ्त करना बंद कर देंगे। आप मुझे बताइए, क्या आप कांग्रेस को ऐसा करने देंगे? क्या कांग्रेस को MP में एक भी सीट जीतने देंगे?

भाइयों और बहनों,

कांग्रेस के समय में गरीब अगर कुछ भी करना चाहता था, तो सबसे बड़ा सवाल होता था, गरीब की गारंटी कौन लेगा? आप उस दर्द को, गरीब की उस बेबसी को समझिए। उस गरीब के मन में कुछ करने की, कुछ बनने की इच्छा होती थी। लेकिन कांग्रेस की सरकार, कांग्रेस की बनाई व्यवस्था, उस गरीब पर भरोसा नहीं करती थी। कांग्रेस सोचती थी, गरीब पैसा लेकर भाग जाएगा ! महलों में रहने वाले कांग्रेस के नेताओं को पता नहीं, गरीब भागता नहीं है, गरीब मेहनत करता है, गरीब सूखी रोटी खा लेगा लेकिन गरीब कर्ज लेकर घी नहीं पीता।

साथियों

ये मोदी, ये गरीब का बेटा है, जिसने देश के हर गरीब की गारंटी ली है। मोदी ने 50 करोड़ से अधिक बैंक अकाउंट खोले। मोदी ने गरीब से बिना गारंटी लिए मुद्रा योजना के तहत उन्हें लगभग 30 लाख करोड़ रुपए का लोन दिया। मोदी ने बिना गारंटी लिए रेहड़ी-ठेले-फुटपाथ पर काम करने वाले गरीबों को बैंकों से 11 हजार करोड़ रुपए की मदद दिलवाई।

भाइयों और बहनों,

भाजपा विकास भी, विरासत भी के मंत्र पर चलती है। लेकिन कांग्रेस ने विरासत के, आस्था के हमारे हर काम का विरोध किया। महाकाल महालोक का निर्माण भाजपा ने किया। कांग्रेस ने इसका कदम-कदम पर विरोध किया। देश की धरोहरों को संरक्षण देना और उससे रोज़गार पैदा करना ये भाजपा का प्रयास रहता है। इसलिए ही धार की भोजशाला, बाग गुफाएं, मांडू का जहाज महल ऐसी जगहों पर भाजपा सरकार सुविधाओं का विस्तार कर रही है।

साथियों,

बीते 10 सालों में यहां इंफ्रास्ट्रक्चर के इतने सारे काम हुए हैं। दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे बनने से सबका जीवन आसान हो गया है। अभी कुछ दिन पहले यहां पर एक टेक्सटाइल पार्क का भी शिलान्यास हुआ है। ये पार्क बन जाने के बाद एक तो यहां के कपास किसानों को बहुत फायदा होगा। यहां पिथमपुर इंडस्ट्रियल ज़ोन है। आने वाले 5 सालों में यहां नए उद्योग आएंगे। और इन सबका लाभ इस क्षेत्र के मेरे नौजवानों को होने वाला है। 

साथियों

13 मई को आपको महिलाशक्ति को प्रणाम करते हुए वोट करना है। धार से बहन सावित्री ठाकुर और रतलाम से बहन अनीता नागर सिंह चौहान, इन दोनों को हर बूथ पर जिताना है। ज्यादा से ज्याद मतदान करवाएंगे, हर पोलिंग बूथ जीतेंगे। महिलाओं का मतदान पुरुषों से ज्यादा करवाएंगे। पोलिंग बूथ के सारे रिकार्ड तोड़ेंगे। अच्छा मेरा एक काम करेंगे, सब के सब बताओ, तब बोलूंगा। जरा हाथ ऊपर करके बताओ, मेरा एक काम करोगे। देखिए, घर-घर जाइएगा, कोई घर छूटना नहीं चाहिए, हर परिवार में जाइए और हर परिवार में जाकर कहिएगा कि अपने मोदी जी धार आए थे और मोदी जी ने सबको राम-राम कहा है। मेरा राम पहुंचा दोगे। हर बुजुर्ग को मेरा राम-राम पहुंचेगा, हर माता-पिता को मेरा राम-राम पहुंचेगा, हर दादा-दादी को मेरा राम-राम पहुंचेगा। हर परिवार में मेरा राम-राम पहुंचेगा। 

बोलिए, भारत माता की। भारत माता की। भारत माता की।

बहुत बहुत धन्यवाद

Explore More
140 crore Indians have taken a collective resolve to build a Viksit Bharat: PM Modi on Independence Day

Popular Speeches

140 crore Indians have taken a collective resolve to build a Viksit Bharat: PM Modi on Independence Day
Annual malaria cases at 2 mn in 2023, down 97% since 1947: Health ministry

Media Coverage

Annual malaria cases at 2 mn in 2023, down 97% since 1947: Health ministry
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Text of PM’s address on the occasion of Veer Bal Diwas
December 26, 2024
PM launches ‘Suposhit Gram Panchayat Abhiyan’
On Veer Baal Diwas, we recall the valour and sacrifices of the Sahibzades, We also pay tribute to Mata Gujri Ji and Sri Guru Gobind Singh Ji: PM
Sahibzada Zorawar Singh and Sahibzada Fateh Singh were young in age, but their courage was indomitable: PM
No matter how difficult the times are, nothing is bigger than the country and its interests: PM
The magnitude of our democracy is based on the teachings of the Gurus, the sacrifices of the Sahibzadas and the basic mantra of the unity of the country: PM
From history to present times, youth energy has always played a big role in India's progress: PM
Now, only the best should be our standard: PM

भारत माता की जय!

भारत माता की जय!

केंद्रीय मंत्रिमंडल में मेरी सहयोगी अन्नपूर्णा देवी जी, सावित्री ठाकुर जी, सुकांता मजूमदार जी, अन्य महानुभाव, देश के कोने-कोने से यहां आए सभी अतिथि, और सभी प्यारे बच्चों,

आज हम तीसरे ‘वीर बाल दिवस’ के आयोजन का हिस्सा बन रहे हैं। तीन साल पहले हमारी सरकार ने वीर साहिबजादों के बलिदान की अमर स्मृति में वीर बाल दिवस मनाने की शुरुआत की थी। अब ये दिन करोड़ों देशवासियों के लिए, पूरे देश के लिए राष्ट्रीय प्रेरणा का पर्व बन गया है। इस दिन ने भारत के कितने ही बच्चों और युवाओं को अदम्य साहस से भरने का काम किया है! आज देश के 17 बच्चों को वीरता, इनोवेशन, साइंस और टेक्नोलॉजी, स्पोर्ट्स और आर्ट्स जैसे क्षेत्रों में सम्मानित किया गया है। इन सबने ये दिखाया है कि भारत के बच्चे, भारत के युवा क्या कुछ करने की क्षमता रखते हैं। मैं इस अवसर पर हमारे गुरुओं के चरणों में, वीर साहबजादों के चरणों में श्रद्धापूर्वक नमन करता हूँ। मैं अवार्ड जीतने वाले सभी बच्चों को बधाई भी देता हूँ, उनके परिवारजनों को भी बधाई देता हूं और उन्हें देश की तरफ से शुभकामनाएं भी देता हूं।

साथियों,

आज आप सभी से बात करते हुए मैं उन परिस्थितियों को भी याद करूंगा, जब वीर साहिबजादों ने अपना बलिदान दिया था। ये आज की युवा पीढ़ी के लिए भी जानना उतना ही जरूरी है। और इसलिए उन घटनाओं को बार-बार याद किया जाना ये भी जरूरी है। सवा तीन सौ साल पहले के वो हालात 26 दिसंबर का वो दिन जब छोटी सी उम्र में हमारे साहिबजादों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी। साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह की आयु कम थी, आयु कम थी लेकिन उनका हौसला आसमान से भी ऊंचा था। साहिबजादों ने मुगल सल्तनत के हर लालच को ठुकराया, हर अत्याचार को सहा, जब वजीर खान ने उन्हें दीवार में चुनवाने का आदेश दिया, तो साहिबजादों ने उसे पूरी वीरता से स्वीकार किया। साहिबजादों ने उन्हें गुरु अर्जन देव, गुरु तेग बहादुर और गुरु गोविंद सिंह की वीरता याद दिलाई। ये वीरता हमारी आस्था का आत्मबल था। साहिबजादों ने प्राण देना स्वीकार किया, लेकिन आस्था के पथ से वो कभी विचलित नहीं हुए। वीर बाल दिवस का ये दिन, हमें ये सिखाता है कि चाहे कितनी भी विकट स्थितियां आएं। कितना भी विपरीत समय क्यों ना हो, देश और देशहित से बड़ा कुछ नहीं होता। इसलिए देश के लिए किया गया हर काम वीरता है, देश के लिए जीने वाला हर बच्चा, हर युवा, वीर बालक है।

साथियों,

वीर बाल दिवस का ये वर्ष और भी खास है। ये वर्ष भारतीय गणतंत्र की स्थापना का, हमारे संविधान का 75वां वर्ष है। इस 75वें वर्ष में देश का हर नागरिक, वीर साहबजादों से राष्ट्र की एकता, अखंडता के लिए काम करने की प्रेरणा ले रहा है। आज भारत जिस सशक्त लोकतंत्र पर गर्व करता है, उसकी नींव में साहबजादों की वीरता है, उनका बलिदान है। हमारा लोकतंत्र हमें अंत्योदय की प्रेरणा देता है। संविधान हमें सिखाता है कि देश में कोई भी छोटा बड़ा नहीं है। और ये नीति, ये प्रेरणा हमारे गुरुओं के सरबत दा भला के उस मंत्र को भी सिखाती हैं, जिसमें सभी के समान कल्याण की बात कही गई है। गुरु परंपरा ने हमें सभी को एक समान भाव से देखना सिखाया है और संविधान भी हमें इसी विचार की प्रेरणा देता है। वीर साहिबजादों का जीवन हमें देश की अखंडता और विचारों से कोई समझौता न करने की सीख देता है। और संविधान भी हमें भारत की प्रभुता और अखंडता को सर्वोपरि रखने का सिद्धांत देता है। एक तरह से हमारे लोकतंत्र की विराटता में गुरुओं की सीख है, साहिबजादों का त्याग है और देश की एकता का मूल मंत्र है।

साथियों,

इतिहास ने और इतिहास से वर्तमान तक, भारत की प्रगति में हमेशा युवा ऊर्जा की बड़ी भूमिका रही है। आजादी की लड़ाई से लेकर के 21वीं सदी के जनांदोलनों तक, भारत के युवा ने हर क्रांति में अपना योगदान दिया है। आप जैसे युवाओं की शक्ति के कारण ही आज पूरा विश्व भारत को आशा और अपेक्षाओं के साथ देख रहा है। आज भारत में startups से science तक, sports से entrepreneurship तक, युवा शक्ति नई क्रांति कर रही है। और इसलिए हमारी पॉलिसी में भी, युवाओं को शक्ति देना सरकार का सबसे बड़ा फोकस है। स्टार्टअप का इकोसिस्टम हो, स्पेस इकॉनमी का भविष्य हो, स्पोर्ट्स और फिटनेस सेक्टर हो, फिनटेक और मैन्युफैक्चरिंग की इंडस्ट्री हो, स्किल डेवलपमेंट और इंटर्नशिप की योजना हो, सारी नीतियां यूथ सेंट्रिक हैं, युवा केंद्रिय हैं, नौजवानों के हित से जुड़ी हुई हैं। आज देश के विकास से जुड़े हर सेक्टर में नौजवानों को नए मौके मिल रहे हैं। उनकी प्रतिभा को, उनके आत्मबल को सरकार का साथ मिल रहा है।

मेरे युवा दोस्तों,

आज तेजी से बदलते विश्व में आवश्यकताएँ भी नई हैं, अपेक्षाएँ भी नई हैं, और भविष्य की दिशाएँ भी नई हैं। ये युग अब मशीनों से आगे बढ़कर मशीन लर्निंग की दिशा में बढ़ चुका है। सामान्य सॉफ्टवेयर की जगह AI का उपयोग बढ़ रहा है। हम हर फ़ील्ड नए changes और challenges को महसूस कर सकते हैं। इसलिए, हमें हमारे युवाओं को futuristic बनाना होगा। आप देख रहे हैं, देश ने इसकी तैयारी कितनी पहले से शुरू कर दी है। हम नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति, national education policy लाये। हमने शिक्षा को आधुनिक कलेवर में ढाला, उसे खुला आसमान बनाया। हमारे युवा केवल किताबी ज्ञान तक सीमित न रहें, इसके लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। छोटे बच्चों को इनोवेटिव बनाने के लिए देश में 10 हजार से ज्यादा अटल टिंकरिंग लैब शुरू की गई हैं। हमारे युवाओं को पढ़ाई के साथ-साथ अलग-अलग क्षेत्रों में व्यावहारिक अवसर मिले, युवाओं में समाज के प्रति अपने दायित्वों को निभाने की भावना बढ़े, इसके लिए ‘मेरा युवा भारत’ अभियान शुरू किया गया है।

भाइयों बहनों,

आज देश की एक और बड़ी प्राथमिकता है- फिट रहना! देश का युवा स्वस्थ होगा, तभी देश सक्षम बनेगा। इसीलिए, हम फिट इंडिया और खेलो इंडिया जैसे मूवमेंट चला रहे हैं। इन सभी से देश की युवा पीढ़ी में फिटनेस के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। एक स्वस्थ युवा पीढ़ी ही, स्वस्थ भारत का निर्माण करेगी। इसी सोच के साथ आज सुपोषित ग्राम पंचायत अभियान की शुरुआत की जा रही है। ये अभियान पूरी तरह से जनभागीदारी से आगे बढ़ेगा। कुपोषण मुक्त भारत के लिए ग्राम पंचायतों के बीच एक healthy competition, एक तंदुरुस्त स्पर्धा हो, सुपोषित ग्राम पंचायत, विकसित भारत का आधार बने, ये हमारा लक्ष्य है।

साथियों,

वीर बाल दिवस, हमें प्रेरणाओं से भरता है और नए संकल्पों के लिए प्रेरित करता है। मैंने लाल किले से कहा है- अब बेस्ट ही हमारा स्टैंडर्ड होना चाहिए, मैं अपनी युवा शक्ति से कहूंगा, कि वो जिस सेक्टर में हों उसे बेस्ट बनाने के लिए काम करें। अगर हम इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम करें तो ऐसे करें कि हमारी सड़कें, हमारा रेल नेटवर्क, हमारा एयरपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर दुनिया में बेस्ट हो। अगर हम मैन्युफैक्चरिंग पर काम करें तो ऐसे करें कि हमारे सेमीकंडक्टर, हमारे इलेक्ट्रॉनिक्स, हमारे ऑटो व्हीकल दुनिया में बेस्ट हों। अगर हम टूरिज्म में काम करें, तो ऐसे करें कि हमारे टूरिज्म डेस्टिनेशन, हमारी ट्रैवल अमेनिटी, हमारी Hospitality दुनिया में बेस्ट हो। अगर हम स्पेस सेक्टर में काम करें, तो ऐसे करें कि हमारी सैटलाइट्स, हमारी नैविगेशन टेक्नॉलजी, हमारी Astronomy Research दुनिया में बेस्ट हो। इतने बड़े लक्ष्य तय करने के लिए जो मनोबल चाहिए होता है, उसकी प्रेरणा भी हमें वीर साहिबजादों से ही मिलती है। अब बड़े लक्ष्य ही हमारे संकल्प हैं। देश को आपकी क्षमता पर पूरा भरोसा है। मैं जानता हूँ, भारत का जो युवा दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों की कमान संभाल सकता है, भारत का जो युवा अपने इनोवेशन्स से आधुनिक विश्व को दिशा दे सकता है, जो युवा दुनिया के हर बड़े देश में, हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा सकता है, वो युवा, जब उसे आज नए अवसर मिल रहे हैं, तो वो अपने देश के लिए क्या कुछ नहीं कर सकता! इसलिए, विकसित भारत का लक्ष्य सुनिश्चित है। आत्मनिर्भर भारत की सफलता सुनिश्चित है।

साथियों,

समय, हर देश के युवा को, अपने देश का भाग्य बदलने का मौका देता है। एक ऐसा कालखंड जब देश के युवा अपने साहस से, अपने सामर्थ्य से देश का कायाकल्प कर सकते हैं। देश ने आजादी की लड़ाई के समय ये देखा है। भारत के युवाओं ने तब विदेशी सत्ता का घमंड तोड़ दिया था। जो लक्ष्य तब के युवाओं ने तय किया, वो उसे प्राप्त करके ही रहे। अब आज के युवाओं के सामने भी विकसित भारत का लक्ष्य है। इस दशक में हमें अगले 25 वर्षों के तेज विकास की नींव रखनी है। इसलिए भारत के युवाओं को ज्यादा से ज्यादा इस समय का लाभ उठाना है, हर सेक्टर में खुद भी आगे बढ़ना है, देश को भी आगे बढ़ाना है। मैंने इसी साल लालकिले की प्राचीर से कहा है, मैं देश में एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिसके परिवार का कोई भी सक्रिय राजनीति में ना रहा हो। अगले 25 साल के लिए ये शुरुआत बहुत महत्वपूर्ण है। मैं हमारे युवाओं से कहूंगा, कि वो इस अभियान का हिस्सा बनें ताकि देश की राजनीति में एक नवीन पीढ़ी का उदय हो। इसी सोच के साथ अगले साल की शुरुआत में, माने 2025 में, स्वामी विवेकानंद की जयंती के अवसर पर, 'विकसित भारत यंग लीडर्स डॉयलॉग’ का आयोजन भी हो रहा है। पूरे देश, गाँव-गाँव से, शहर और कस्बों से लाखों युवा इसका हिस्सा बन रहे हैं। इसमें विकसित भारत के विज़न पर चर्चा होगी, उसके रोडमैप पर बात होगी।

साथियों,

अमृतकाल के 25 वर्षों के संकल्पों को पूरा करने के लिए ये दशक, अगले 5 वर्ष बहुत अहम होने वाले हैं। इसमें हमें देश की सम्पूर्ण युवा शक्ति का प्रयोग करना है। मुझे विश्वास है, आप सब दोस्तों का साथ, आपका सहयोग और आपकी ऊर्जा भारत को असीम ऊंचाइयों पर लेकर जाएगी। इसी संकल्प के साथ, मैं एक बार फिर हमारे गुरुओं को, वीर साहबजादों को, माता गुजरी को श्रद्धापूर्वक सिर झुकाकर के प्रणाम करता हूँ।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद !