Only vote-bank politics matter for Congress and JD(S): PM Modi

Published By : Admin | April 18, 2019 | 12:06 IST
The rapid strides that our country has taken during the last five years have been made possible by every precious vote supporting the BJP in 2014: PM Modi
The condition of Karnataka today has become just like the condition of the country in 2014 when corruption was endemic and governance had come to a total halt: PM Modi
I urge the people to not let the divisive agenda of the Congress and its allies prevail over our nationalist values: Prime Minister Modi

भारत माती की जय, भारत माता की जय

साथियो, लहर किसको कहते हैं, लहर कैसी होती है? ये देखना है तो चिकोडी आकर देखिए। दिल्ली में एयर कंडीशन कमरों में बैठ कर के जो लोग आज किसी को हराते हैं कल किसी को जिताते हैं। इनको समझ आएगा कि हवा का रुख क्या है। मुझे खबर मिल रही है कि आज सुबह से ही आपकी तरह ही मुझ पर अपना स्नेह जताने के लिए लोग बड़ी संख्या में अपने घर से निकल रहे हैं। इस चौकीदार के लिए आप सभी का यहीं विश्वास यहीं प्यार मेरी पूंजी है। भाइयो और बहनो, मैं पिछली बार विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी के लिए यहां आशीर्वाद लेने के लिए आपके बीच आया था, और इसी मैदान में आया था, और इस बार मैं खुद अपने लिए आशीर्वाद मांगने के लिए आया हूं। 21वीं सदी के इस पर्व में आज आपका वोट बहुत अहम है। हमारे जो युवा साथी हैं। जो पहली बार वोट डाल रहे हैं। उनका वोट उनकी आकांक्षाओं की उड़ान तय करने वाला है। हमारे किसानों का ये वोट तय करेगा कि साल 2022 में उनकी इनकम दोगुनी होगी कि नहीं होगी? हमारी मध्यम वर्ग का ये वोट तय करेगा कि उनकी पसीने की कमाई पर टैक्स की राहत होगी, या उनपर तीन गुना चार गुना ज्यादा टैक्स लगेगा। देश के सामान्य मानवी उसका वोट ये तय करेगा कि महंगाई पर लगाम लगी रहेगी या फिर 2014 की तरह वो कंट्रोल से बाहर हो जाएगी। आपको वोट ये तय करेगा कि भारत माता की जय करने वालों को सम्मान मिलेगा या फिर टुकड़े-टुकड़े गैंग आपके बीच आकर भारत की बर्बादी के नारे लगाएंगे। आपका वोट तय करेगा कि राष्ट्रवाद रहेगा या फिर वंशवाद, भ्रष्टाचार और आतंकवाद। 

साथियो, आज विश्व धरोहर दिवस है। हमारी परंपरा, हमारी संस्कृति हमारी पहचान को सुरक्षित रखना जरूरी है। आपके आशीर्वाद से मैं ये काम करने का बहुत ईमानदारी से प्रयास कर रहा हूं। लेकिन दुर्भाग्य से कांगेस और उसके महामिलावटी साथी हमारी परंपराओं को, हमारी संस्कृति को बदनाम करने का एक भी मौका नहीं छोड़ती। यहां जो कांग्रेस के अध्यक्ष हैं जो नामदार के राग दरबारी हैं। उनका बयान आपने सुना है। उनका बयान सुना है, वो कहते हैं कि हमारी आस्था, हमारा मत अफीम की तरह है। ये कैसी भाषा है। साथियो, कांग्रेस और जेडीएस नेताओं को सिर्फ एक वोट बैंक दिखता है। उनको जनहित और राष्ट्रहित से कोई मतलब नहीं है। कांग्रेस और जेडीएस की जोड़ी ऐसी है, जिसमें जगह-जगह झगड़े हैं, हर बात पर मतभेद है, लेकिन चार मामलों पर उनमें बड़ी जबरदस्त सहमति है, दोनों में मेल है, और वो चार बातें हैं, पहला राष्ट्रवाद को जी भर के गाली देना, दूसरा वंशवाद को पक्का समर्थन करना, तीसरा भ्रष्टाचारी शिष्टाचार यहीं उनकी परंपरा है। और चौथा सुबह शाम एक ही काम मोदी को गाली दो मोदी को गाली दो, मोदी को गाली दो। इसमें इन लोगों को जरा भी विवाद नहीं है। इसमें बराबर है, बाकी हर चीज में झगड़ा करते हैं।

भाइयो –बहनो, हम नक्सलवादियों से मोर्चा ले रहे हैं या फिर जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को खत्म करने में जुटे हैं। देश की रक्षा के लिए जाने वाले में गरीब का बच्चा भी होता है, मध्यम वर्ग का बच्चा भी होता है। लेकिन यहां के मुख्यमंत्री उनका भी अपमान करते हैं। जो भाषा उन्होंने प्रयोग की है क्या कोई भी स्वाभिमानी देश का नागरिक ये मुख्यमंत्री की भाषा को स्वीकार करेगा। उन्होंने क्या कहा था याद है.. याद है... सेना में जो जवान जाते हैं उनके लिए ऐसी भद्दी बात ऐसी भद्दी बात बोली कि माथा शर्म से झुक जाता है। देश भक्ति की भावना को भूख से जोड़ते हुए कहते हैं कि सेना में वो लोग ही जाते हैं जिन्हें अपना भूखा पेट भरना होता है।

भाइयो-बहनो, देश के लिए सीने पर गोलियां खाने के लिए वो जाता है कि पेट भरने के लिए जाता है। ये सेना का अपमान है कि नहीं है? ये जवानों का अपमान है कि नहीं है? क्या ऐसा अपमान बर्दाश्त करेंगे आप लोग। ऐसा अपमान सहन करेंगे क्या? इस एक बात पर इस पूरे परिवार को सार्वजनिक जीवन से हमेशा हमेशा के लिए हटाना चाहिए? भाइयो बहनो, कांग्रेस तो इससे भी एक कदम आगे निकल गई। कांग्रेस ने वादा किया है, अगर गलती से भी मजबूर सरकार दिल्ली में आ गई तो उन्होंने लिखित में कहा है कि वो AFSPA का कानून हटा देगी यानि कि हमारे जवान आतंकियों और नक्सलियों से लड़ रहे हैं। उन्हें जो अधिकार मिलता है जो विशेष सुरक्षा कवच मिलता है उसे कांग्रेस छीनना चाहती है। कांग्रेस चाहती है कि आतंकियों के समर्थक, पत्थरबाज सैनिकों पर झूठे केस कर सके, औऱ हमारे सपूत अदालतों के चक्कर काटते रहे। इतना नहीं, कांग्रेस एक तरफ सैनिकों के सुरक्षा कवच हटाना चाहती है वहीं दूसरी तरफ देशद्रोह करने वालों को खुली छूट भी देना चाहती है। कांग्रेस ने देशद्रोह के कानून को खत्म करने का ऐलान कर दिया है। इससे पता चलता है कि उसके इरादे क्या है? क्या इस खतरनाक खेल को आपका समर्थन मिलेगा? आप समर्थन करेंगे ऐसे पाप करने वालों को? जो कांग्रेस देशद्रोहियों के साथ देगी उसको सबक सीखाएंगे? पक्का सबक सिखाएंगे? भाइयो बहनो, ये महामिलावटी लोग न जवान के हैं, न किसान के। मैं जानना चाहता हूं कि यहां की महामिलावटी सरकार कभी जवाब नहीं देगी लेकिन यहां के किसानों को पता है क्या हुआ कर्जमाफी का? ये लोग एक तो वादा पूरा नहीं करते, और जब यहां के किसान वादे की याद दिलाते हैं तो उनको गुंडा बुलाते हैं उनका अपमान करते हैं। 

भाइयो बहनो, किसानों की स्थिति सुधारने को लिए हमारी सरकार ने पीएम किसान योजना की शुरुआत की, देश के तीन करोड़ से ज्यादा किसानों को इसका लाभ मिलना शुरू हो गया है। उनके बैंक खाते में सीधे पैसे जा रहे हैं। लेकिन कर्नाटक के किसानों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। क्योंकि यहां कि सरकार ने बहुत कम किसानों की लिस्ट हमें भेजी हैं। इन लोगों को डर है कि किसान के खाते में अगर पैसे पहुंच गया, तो यहां कि सरकार से लोग सवाल पूछेंगे। लेकिन आप आश्वस्त रहिए, ज्यादा देर तक आपका हक रोक नहीं पाएंगे। मैंने ठान कर के रखा है कि जो मैंने वादा किया है, जो बजट में पैसे रखे हैं वो आपके खाते में जमा कर के रहूंगा। वो लिस्ट नहीं देंगे तो लिस्ट निकलवा के रहूंगा। 23 मई को चुनाव का नतीजा आएगा। याद है ना। 23 मई को चुनाव का नतीजा आएगा। याद है ना। 23 मई को फिर एक बार मोदी सरकार। 23 मई को फिर एक बार मोदी सरकार। 23 मई को फिर एक बार मोदी सरकार बनेगी तो पाई पाई किसानों के अकांउट में जमा होगी। इतना ही नहीं हमने इस संकल्प पत्र में घोषित किया है कि अब किसान सम्मान योजना का लाभ कर्नाटक के हर किसान को मिले। चाहे कितनी भी जमीन हो, ये संकल्प हमने लिया है। 5 एकड़ भूमि को जो नियम बनाया था, नई सरकार बनने के बाद उस नियम को भी हटा लिया जाएगा। इसके साथ ही अब हम छोटे किसान और खेतों में काम करने वाले श्रमिकों को 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन भी देने वाले हैं। इसी तरह पशुपालकों के लिए भी हमने अनेक कदम उठाए हैं।

पशुपालकों की छोटी-छोटी जरूरतों के लिए पैसे उपलब्ध हो इसके लिए किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी गई है। साथियो, किसानों की आय को बढ़ाने के लिए हम व्यापक रणनीति के साथ काम कर रहे हैं। आपके इस चौकीदार की सरकार ने 22 फसलों का लागत डेढ़ गुना समर्थन मूल्य तय किया है। अब भाजपा ने संकल्प लिया है कि आने वाले पांच वर्षों में कृषि क्षेत्र के विकास के लिए 25 लाख करोड़ रुपये लगाए जाएंगे। गांव में किसानों को अनाज के भंडारण की सुविधा मिले। इसके लिए ग्राम भंडारण योजना बनाई जाएगी। गन्ना किसानों को भी मुश्किलों को सामना न करना पड़ा इसके लिए भी अनेक कदम उठाए जा रहे हैं। गन्ने से इथेनॉल बनाना हो, या फिर चीनी समर्थन मूल्य तय करना अनेक फैसले सरकार ने लिए हैं

भाइयो-बहनो, ये पांच नदियों से घिरा इलाका है, लेकिन कांग्रेक और उसे साथी यहां के खेतों तक पानी नहीं पहुंचा पाए। हमारी सरकार पहले ही अनेक प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। अब इसे और विस्तार दिया जाएगा। बीते पांच वर्षों में जिस तरह हमने बिजली के लिए काम किया अब हम पानी देने के लिए कम करेंगे। इसके लिए भारत सरकार में अलग से एक नया मंत्रालय बनेगा, उसका अलग मंत्री होगा और वो होगा जल शक्ति मंत्रालय। सोलर पंप देने का काम तो हम शुरू भी कर चुके हैं। खेतों में छोटे-छोटे सोलर ग्रिड लगाकर मुफ्त में किसान सिंचाई भी कर पाएंगे और बाकी बची बिजली को किसान बेच भी सकेंगे। साथियो, विकास की पंचधारा बच्चों की पढ़ाई, युवा को कमाई, बुजुर्गों को दवाई, किसानों को सिंचाई और जन-जन की सुनवाई। इस पर हम काम कर रहे हैं। चाहे सस्ती दवाईयां हो, या आयुष्मान भारत योजना कर्नाटक के गरीब और मध्यम वर्ग के परिवार को आर्थिक लाभ हो रहा है। इसी तरह युवा साथियों को मुद्रा योजना के तहत स्वरोजगार के लिए बिना गारंटी के लोन दिए जा रहे हैं। इससे गांव-गांव में स्वरोजगार के अवसर बन रहे हैं। आने वाले पांच वर्षों में इस योजना को और सशक्त करेंगे। साथियो, एक तरफ विकास का हमारा विजन और दूसरी तरफ कांग्रेस के पास सिर्फ खोखली घोषणाएं हैं। कांग्रेस और महामिलावटी लोगों के शासन में तीन तरह के विकास होते हैं, कुछ परिवारों को विकास, बिचौलियों और दलालों का विकास और महंगाई का विकास। याद करिए 2014 से पहले महंगाई की स्थिति क्या थी। गरीब और सामान्य परिवार का जीना मुश्किल हो गया था। कांग्रेस आई महंगाई लाई, ये कांग्रेस का आदर्श वाक्य था। साथियो, चौकीदार की सरकार ने महंगाई की रफ्तार पर लगाम लगाई है, 10 प्रतिशत की दर से बढ़ने वाली महंगाई आज 2 से 3 प्रतिशत तक हमने पहुंचाई है। आप सभी चौकीदारों को चौकन्ना रहने की जरूरत है। क्योंकि कांग्रेस ने महंगाई बढ़ाने का काम तो सामने रख ही दिया है। गरीबों की सब्सिडी खत्म करने की भी योजना बनाई है। वोट के लिए कांग्रेस और उसके महामिलावट की हर साजिश को हमें नाकाम करना है। आपको एक एक वोट कमल के निशान पर देना है, और भाइयो बहनो, जब कमल के निशान पर बटन दबाएंगे न, जब आप कमल को वोट देंगे, जब कमल को वोट देंगे तो वो सीधा सीधा मोदी के खाते में जाएगा।

 

भाइयो-बहनो, आप मुझे बताइए पांच साल जिस मजबूती के साथ मैंने काम किया आप उससे खुश हैं? आपको संतोष है? पाकिस्तान में घुसकर के मारा उससे आप खुश है? हमारे जवानों के खून का बदला लेना चाहिए कि नहीं चाहिए? आपको को सेना पर भरोसा है? आपको सेना के पराक्रम पर भरोसा है? सेना की बात पर भरोसा है? ये कांग्रेस वाले हमारे सपूतों पर भरोसा नहीं कर सकते और पाकिस्तान के सपूतों पर भरोसा करते हैं। भाइयो बहनो, देश तभी बढ़ता है जब मजबूत सरकार होती है। देश तभी मजबूत होता है जब सरकार मजबूत हो। आप मुझे बताइए कि सरकार मजबूत होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए? देश मजबूत बनाना है कि नहीं बनाना है ? मजबूत देश बनाने के लिए मजबूत सरकार बनाएंगे क्या ? और मजबूत सरकार बनाने के लिए चौकीदार मजबूत चाहिए कि नहीं चाहिए? लेकिन भाइयो बहनो, अकेला मैं चौकीदार नहीं हूं। पूरा हिंदुस्तान चौकीदार है, 130 करोड़ चौकीदार है। आप मेरे साथ संकल्प लेंगे। मैं कहूंगा मैं भी... आप कहेंगे चौकीदार, मैं भी... चौकीदार.. मैं भी... चौकीदार... हाथ ऊपर करके पूरी तकात से बोलना है। और जो पीछे हैं उन्होंने भी बोलना है।बोलेंगे? सारा देश चौकीदार... सौरा देश चौकीदार... मैं भी चौकीदार, भारत माता की जय..भारत माता की जय
बहुत बहुत धन्यवाद

 

 

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।