The hooliganism of the TMC goons can neither deter the resolve of BJP workers nor stop the TMC’s impending defeat in Bengal: PM Modi
The Lok Sabha elections of 2019 will be historic in terms of its impact on democracy in Bengal as the people here will resolutely defeat the corrupt and violent TMC government: PM Modi
While Gurudev wanted a Bengal which was free from fear, violence and poverty, the decades of rule by Congress, Left and the TMC has done the opposite: Prime Minister Modi

भारत माता की जय, भारत माता की जय

वीरों की भूमि वीरभूमि में देश के लिए आत्मबलिदान करने वाले सभी वीरों का मैं वंदन करता हूं। वीरभूमि के बर्धमान के इस पूरे क्षेत्र के सभी साथियों का बहुत-बहुत अभिनंदन। मैं पिछली बार विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में आया था और आज नए भारत के निर्माण के लिए आप सबका आशीर्वाद लेने के लिए आया हूं। भाइयो-बहनो, पहले तीन चरणों के मतदान के बाद जो रिपोर्ट आ रही है, उससे साफ है कि दीदी का प. बंगाल में सूरज अस्त होना शुरू हो गया है। बंगाल का कोना-कोना बोल रहा है, सिंडिकेट का सिंहासन डोल रहा है। भाई ये बंगाल का प्यार बंगाल का आशीर्वाद मेरे जीवन की एक नई ताकत बन गई है। मैं आपका बहुत आभारी हूं। जहां मेरी नजर पहुंच रही है लोग ही लोग है, और मुझे मालूम है कि आपकी गाड़ियां इतनी दूर खड़ी होगी। आपको दो-दो पांच-पांच किलोमीटर पैदल आना पड़ा होगा। लेकिन दीदी को समझ आ गया है, वो जितनी मुसीबत पैदा करेगी, उतनी ताकत से कमल ज्यादा खिलने वाला है। साथियो, जब सिंहासन हिल रहा है तो दीदी और उनके गुंडे बौखला भी रहे हैं। कल भी प. बंगाल में जो कुछ भी हुआ वो इसी बौखलाहट का परिणाम है। मैं भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं से कहूंगा मैं यहां के लोकतंत्र प्रेमी सभी मतदाताओं को नागरिकों को कहूंगा कि आप पूरी मजबूती से डटे रहिए। बंगाल की जनता आपके साथ खड़ी है। आप उस भाजपा के सिपाही है जिसके बीज बंगाल के ही वीर संतान डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने बोए थे। जिन्होंने तिरंगे के सम्मान के लिए भारत के एकीकरण के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया था। बंगाल को अत्याचार से मुक्त कराने के लिए यहां के नागरिकों को गुंडों के सामने डटकर खड़ा होना है।

भाइयो-बहनो, आप शांति रखिए, आप शांति रखिए... दीदी के पास अगर गुंडातंत्र की ताकत है तो हमारे साथ लोकतंत्र की शक्ति है। ये मेरा सौभाग्य है कि आज देश ही नहीं दुनिया में आपके इस चौकीदार का प्रचार आपके इस सेवक का प्रचार लोग खुद घरों से बाहर निकलकर कर रहे हैं। यहां प, बंगाल में भी यहीं हो रहा है, साथियो, इस आपार समर्थन के लिए मैं आपका आभारी हूं। आपको नमन करता हूं, और आपको ये विश्वास दिलाता हूं कि बंगाल को टीएमसी की गुंडागर्दी से मुक्ति दिलाकर ही रहूंगा। 23 मई को एक महीने के बाद 23 मई को चुनाव के नतीजे आएंगे। 23 मई को जब फिर एक मोदी सरकार। फिर एक बार मोदी सरकार। फिर एक बार मोदी सरकार। 23 मई को फिर एक बार मोदी सरकार आएगी तब प. बंगाल से टीएमसी की अत्याचारी सत्ता की विदाई का काउनडाउन शुरू हो जाएगा। भाइयो-बहनो, लेफ्ट और कांग्रेस का इतने दशकों का शासन भुगतने के बाद आपने दीदी पर भरोसा किया था। लेकिन दीदी ने क्या दिया। घुसपैठ और दादागिरी को टॉप गियर में डाला और प. बंगाल के विकास में स्पीड ब्रेकर लगा दिया। आज आप मुझे बताइए प. बंगाल में कोई भी ऐसा काम है क्या है जो बिना टोलाबाजी के दादा लोगों को उनका हिस्सा दिए बिना संभव होता है क्या? कोई ऐसा काम है क्या? भाइयो और बहनो स्पीड ब्रेकर दीदी ने प. बंगाल के वर्तमान ही नहीं यहां के लोगों के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ किया। साथियो, जो आपको ये सत्ता ऐसी मिली है जो आपको सस्ते में जो राशन मिलता है, सब्सिडी मिलती है, गर्भवती मलिहाओं को मदद मिलती है। ये दिल्ली से आपके लिए भेजी जाती है। यहां की सरकार को बस डाकिए की तरह आप तक ये मदद पहुंचानी होती है, लेकिन उसमें भी टोलाबाजी की जाती है। गरीब का राशन तक टीएमसी के टोलाबाज नहीं छोड़ते।

भाइयो बहनो, गुरुदेव ने ऐसी समाज की कल्पना की थी जहां डर न हो, और हर कोई माथा ऊंचा कर के चल सके। गुरुदेव के उस सपने का क्या हुआ? जहां गुंडे और घुसपैठिए दूसरे देश से इम्पोर्ट किए जाते हो। जहां घुसपैठियों को आदर-सत्कार देकर आराम से बसाया जाता हो। उन्हें बम बनाने की खुली छूट दी जाती हो, जहां निर्दोश लोगों की आय दिन हत्या की जाती हो। जहां राजनीतिक विचारों पर गोली और तलवार भारी पड़ जाती हो, जहां रेत, कोयला, गिट्टी माफिया ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा हो। जहां सरस्वती पूजा, दुर्गा पूजा, रामनवमी जैसे त्यौहार भी डर-डर के मनाए जाते हो। जहां घर बनाना हो, घर बेचना हो, दफ्तर खरीदना हो, किराए पर चढ़ाना हो। हर काम के लिए जहां सिंडिकेट के सामने हाथ जोड़ना पड़ता हो। ऐसी बंगाल की कल्पना गुरुदेव ने नहीं की थी। आज तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने गुरुदेव के शांति निकेतन को अशांत कर दिया है। साथियो, प. बंगाल का बर बेटा बेटी खासककर जो 21वीं सदी में लोकसभा के चुनाव में अपना पहला वोट डालने वाला है। वो दादागिरी भी नहीं चाहता, दीदीगिरी भी नहीं चाहता। वो दुनिया में भारत की जय-जयकार चाहता है। भारतीय संस्कृति की, बंगाल की संस्कृति की जय-जयकार चाहता है।

भाइयो-बहनो, आपका ये चौकीदार इसी दिशा में काम कर रहा है। मैं कहीं पढ़ रहा था कि दीदी ने कहा है कि चाय वाले ने पांच वर्ष में सिर्फ विदेश यात्राएं की है। अरे दीदी, आज दुनिया में भारत का दम दिख रहा है। भारत का डंका बज रहा है। ये इसलिए है क्योंकि इन्हीं विदेशी यात्राओं में भारत के 130 करोड़ लोगों की बुलंद आवाज दूसरे देशों तक पहुंची है। आप याद करिए साथियो, पांच वर्ष पहले तक किसी भी मुद्दे पर दुनिया का समर्थन जुटाने के लिए हमारा दम फूल जाता था। लेकिन आज पूरी दुनिया हमारे साथ खड़ी हो जाती है। ये भारत की बढ़ती ताकत का ही असर है कि जो देश पहले हमें महंगे दामों पर तेल और गैस बेचते थे, 20-20 साल के समझौते होकर के पड़े थे। आने वाले 20 साल उतना ही महंगा तेल और गैस आने वाला था। लेकिन मोदी ने आने के बाद उनसे बातचीत की, उन करारों पर पुन चर्चा की और पुरानी सरकार जो दाम तय कर के बैठी थी। जो देने के लिए कानूनन हम बंधे हुए थे। लेकिन हमने दोस्ताना तरीके से बात की चर्चा की। समझाया और हमने दाम कम करवाए भाइयो। ये भारत की बढ़ती ताकत का ही असर है कि ऐसे ऐसे भ्रष्टाचारी और राजदार पकड़कर भारत लाए गए। जिनके बारे में पहले कोई सोच भी नहीं सकता था। ये भारत की बढ़ती ताकत है कि अनेकों देश ने भारत के साथ समझौता किया है। उनकी बैंकों में अगर कोई भारतीय पैसे रखेगा तो रियल टाइम इनफार्मेशन वो देश भारत को देगा। अब भारत से काला धन का कारोबार दुनिया के बैंकों में कोई नहीं कर पाएगा, और दुनिया के देशों के बैंकों से हमने समझौता किया है। ये भारत की बढ़ती ताकत का ही असर है। हमारे देश में से पहले खबरें आती थी कि 2000 साल पुरानी मूर्ति चोरी हो गई, 500 साल पुरानी मूर्ति चोरी हो गई, सरस्वती माता की मूर्ति चोरी हो गई। हनुमान जी की मूर्ति चोरी गई। ये खबरें आता थी।

भाइयो –बहनो, ये मोदी आने के बाद अनेक देशों ने ऐसी सैकड़ों मूर्तियां जो कोई चोरी कर के ले गए थे। उनको पकड़कर के खोजकर के भारत को वापस की। ये हमारी विरासत है, हमें लौटाई। जो यहां से चोरी कर के लेकर गए थे। ये भारत की बढ़ती ताकत है कि जहां एक तरफ सऊदी अरब भारत के साथ अपनी दोस्ती में 800 से ज्यादा भारतीय कैदियों को रिहा करता है। आप हैरान हो जाएंगे कि हमारे देश में कुछ लोगों को आधा दिमाग ही चलता है, और इसलिए उस दिमाग में काम आने वाली चीज को तो वो उछालते हैं और आधा दिमाग सून हो जाता है। आपने देखा होगा कि यूएई ने पिछले दिनों मोदी को अवार्ड दिया, वो अवार्ड तो भारत का सम्मान था। यहां तूफान खड़ा हो गया, अरे भारत में चुनाव है और तुमने अवार्ड़ कैसे दे दिया, अवार्ड कैसे दे दिया। ये मोदी तो वहां जाएगा, लेकिन इसी समय में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस यहां आए, मैंने उनसे दो बातें कही, मैंने कहा कि भारत में मिडिल क्लास बढ़ता चला जा रहा है। मुलमान की भी आर्थिक स्थिति सुधर रही है। वो हज यात्रा करना चाहता है, उनका कोटा बढा दीजिए। मैंने उनसे मांग की दो लाख बढा दीजिए। उन्होंने दो लाख बढ़ा दिए, मंजूर कर दिया। दूसरा मैंने कहा कि हमारे देश के नागरिक करीब 800 से ज्यादा सऊदी अरब के जेल में है, और रमजान का महीना आ रहा है, उनको छोड़ दीजिए। आप हैरान हो जाओगे, 12 घंटे के भीतर भीतर उन्होंने निर्णय कर लिया।

भाइयो-बहनो, लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं, भारत के 800 से ज्यादा नागरिक जेल से छूटकर आ गए खबरें दबा दी गई। लेकिन यूएई ने अवार्ड दे दिया इसे लेकर मोदी को ढेर सारी गालियां दे दी। भाइयो-बहनो, सयुंक्त अरब अमीरात अपनी दोस्ती में वहां एक मंदिर भी बना रहा है। हमारे बंगाल में रामनवमी करनी है तो तकलीफ, सरस्वती पूजा करनी है तो तकलीफ, दुर्गा पूजा मनानी है तो तकलीफ। लेकिन ये हिंदुस्तान चौकीदार के संबंधों का रुप देखिए कि आज अबू धाबी में हिंदू मंदिर बनाने का शिलान्यास इस 20 तारीख को हो गया। दीदी, अरे मोदी से नहीं सीखना है तो कुछ नहीं, ये यूएई वालों से तो सीखो। ये भारत की ये भारत की बढ़ती ताकत का ही असर है कि विदेश में आतंकियों के चंगुल में फंसे देशवासियों को हम सुरक्षित निकालकर वापस ला पा रहे हैं। यहां प. बंगाल की बेटी ये भी मीडिया वालों ने बात को दबा दिया क्योंकि उनको मालूम है कि अगर ऐसी बातें आती है तो भाजपा का जो असली चेहरा है, भारतीय जनता पार्टी की असली सोच है वो लोगों तक पहुंचेगी तो उनके झूठ का पर्दाफाश हो जाएंगा। भाइयो-बहनो, बंगाल की बेटी, ये हमारे बंगाल की बेटी अफगानिस्तान में भगवान यीशू का संदेश का पहुंचाने के लिए काम कर रही थी। आतंकवादियों ने उसे किडनैप कर लिया। आप कल्पना कर सकते हैं एक जवान बेटी आतंकियों के कब्जे में गई तब मुसीबत कितनी बड़ी आई होगी। कितनी परेशानी पैदी हुई होगी। हम किसी को क्या जवाब देंगे? हमारे मन पर बड़ा बोझ था। हम लगातार कोशिश करते रहे डिप्लोमेटिव रिलेशन का जितना उपयोग कर सकते हैं कर पाए और मुझे खुशी हुई कि वो बेटी हमारी सही सलामत लौट आई और बंगाल को हमने वापस पहुंचा दी भाई। ये काम हम करते हैं और कहतीं हैं विदेश में दौरा करते हैं, अरे ये दौरे की वजह से है कि ऐसे हमारी बेटियों को वापस ले आते हैं। ये भारत की बढ़ती ताकत का ही असर है कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हो, या इंटरनेशनल सोलर एलायंस हम दुनिया का नेतृत्व कर रहे हैं। ममता दीदी भारत की बढ़ती ताकत ने भारत की पासपोर्ट की ताकत को भी बढ़ा दी है। ये भारत की बढ़ती ताकत है कि विदेशी निवेश आज विदेशों से हिंदुस्तान में रिकॉर्ड स्तर पर हो रहा है। विदेशी मुद्रा का भंडार रिकॉर्ड स्तर पर है। रिकॉर्ड संख्या में विदेशी टूरिस्ट आज भारत आ रहे हैं। साथियो, याद करिए बांग्लादेश के साथ सीमा विवाद कितने वर्षों से चल रहा था, कितनी सरकारें आई और गई। हमारे लाखों नागरिकों का जीवन अधर में लटका हुआ था। हमने ये विवाद भी हल करने का काम किया। भाइयो और बहनो, जब सत्ता और वोट बैंक की राजनीति के बजाए भारत शक्ति की राजनीति होती है। तब देशहित के काम होते हैं जनसामान्य की भलाई के लिए काम होते हैं। वोट बैंक के लिए ही जीते मरते हैं वो राष्ट्रवाद को गाली देते हैं और आतंक और पाकिस्तान के पक्ष में खड़े दिखते हैं। सिर्फ मोदी को नीचे दिखाना और वोट बैंक को खुश करना यहीं उनका तरीका है। दीदी ने सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल खड़े कर दिए। एयर स्ट्राइक पर ये लोग हमारे सपूतों के शौर्य के सबूत मांगते हैं।

साथियो, दीदी जिस कांग्रेस की सरकार में पार्टनर रही है वो तो पाकिस्तान के आतंक के सामने रोती रही है, रोती रही है। आपके चौकीदार की सरकार है जिसने आतंकियों को घर में घुसकर के मारा है। आप खुश हैं? आतंक खत्म होना चाहिए? हिंदुस्तान से आतंकवाद नेस्तनाबूद होना चाहिए? इतने सारे नेताओं के नाम बाजार में चल रहे हैं। हर गली मोहल्ला वाला 40 सीट लड़ रहा है वो कहता है मैं प्रधानमंत्री बनूंगा। 20 सीट लड़ रहा है वो भी कहता है मैं प्रधानमंत्री बनूंगा, 25 सीट लड़ रहा है वो भी कहता है सब घुंघरू बांधकर के तैयार हो गए हैं। मुझे बताइए कौन हैं? इतने सारे चेहरे हैं? कौन चेहरा है जो आतंकवादियों से लड़ सकता है? कौन आतंकवाद को खत्म कर सकता है? कौन आतंकवाद से भिड़ सकता हैं? आपका जवाब आधा सही है आधा गलत है। आतकंवादियों को खत्म करने का काम आपका एक वोट करने वाला है। आपके वोट की ताकत है जो इस चौकीदार को मजबूत बनाएगी और चौकीदार आपके सपनों को पूरा करेगा। साथियो, देश की सुरक्षा हो या फिर समृदधि हमारी नीति स्पष्ट है। हम परिवहन से लेकर पर्यटन और पर्यटन से परिवर्तन तक विकास के काम कर रहे हैं। बोलपुर में इस पूरे क्षेत्र में पर्यटन की बहुत संभावनाएं हैं। लेकिन TMC की गुंडागर्दी जब तक रहेगी तब तक टूरिज्म भी नहीं बढ़ेगा। नए उद्योग नहीं आएंगे। केंद्र सरकार यहां की कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए लोगों का जीवन आसान बनाने के लिए हजारों करोड़ के प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। लेकिन हमारी दीदी का पूरा प्रयास है कि मोदी जी को भी उनका काम प. बंगाल के लिए कर रहा है उस पर भी ब्रेक लगाई जाए। आयुष्मान भारत जिससे यहां 1 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को 5 लाख रुपये तक इलाज की सुविधा मुफ्त में मिल रही थी, और वो भी हिंदुस्तान में कहीं पर भी कर सकते हैं। ये दीदी ने उस पर भी ताला मार दिया। ये गरीबों की बीमारी पर ताला मारने वाली ये दीदी है। इस योजना से प. बंगाल ही नहीं बल्कि देश के दूसरे हिस्सों में भी अच्छे अस्पतालों में यहां के गरीबों का इलाज होता लेकिन गरीबों को दीदी को थोड़ी चिंता है। उनको तो एक ही काम है बांग्लादेश से लोगों को लाओ मोदी को हटाओ। पीएम किसान सम्मान योजना से प. बंगाल के हर किसान परिवार के खाते में मोदी सरकार पैसा जमा करना चाहती है। लेकिन प. बंगाल की सराकर किसानों की लिस्ट देने के लिए भी तैयार नहीं है।

भाइयो बहनो, स्पीड ब्रेकर दीदी को हटाने के लिए आपको अपने चौकीदार को और मजबूत करना है, और आप विश्वास कीजिए आप हिम्मत के साथ मतदान कीजिए। अब पूरी तरह मैंने व्यवस्थाएं बनाई हुई है। इलेक्शन कमीशन का मैं अभारी हूं उन्होंने बंगाल के अंदर हो सके उतना प्रयास किया है। वे अभिनंदन के अधिकारी है। दीदी अब इलेक्शन कमीशन को गाली दे रही है। लेकिन भाइयो बहनो, पोलिंग बूथ पर जाइए कमल के निशान पर बटन दबाइए और जब आप कमल के निशान पर बटन दबाओगे न वो सीधा मोदी के खाते में जाएगा। भाइयो-बहनो, देश मजबूत होना चाहिए? देश मजबूत होना चाहिए? उसके लिए सरकार मजबूत चाहिए? तो चौकीदार भी मजबूत होना चाहिए? मेरे साथ एक संकल्प लेंगे? दोनों हाथ ऊपर करके?पूरी ताकत से बोलेंगे? आपको बोलना है चौकीदार.. क्या बोलेंगे? क्या बोलेंगे? मैं बोलता हूं।

गांव-गांव है... चौकीदार, शहर-शहर है... चौकीदार, बच्चा-बच्चा... चौकीदार, बड़े-बुजुर्ग भी... चौकीदार, माता-बहने भी.... चौकीदार, घर-घर में है... चौकीदार, खेत-खलिहान में.... चौकीदार, बाग-बगान में... चौकीदार, देश के अंदर.... चौकीदार, सरहद पर भी... चौकीदार, डॉक्टर-इंजीनियर... चौकीदार, शिक्षक-प्रोफेसर.. चौकीदार, लेखक-पत्रकार भी... चौकीदार, कलाकार भी... चौकीदार, किसान-कामगार भी... चौकीदार, दुकानदार भी... चौकीदार, वकील-व्यापारी... चौकीदार, छात्र- छात्राएं... चौकीदार, पूरा हिंदुस्तान... चौकीदार, पूरा हिंदुस्तान... चौकीदार

भारत माता की जय भारत माता की जय
वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!