Poverty is my only caste: PM Modi

Published By : Admin | May 14, 2019 | 11:05 IST
I have only one caste-‘poverty.’ I have lived through poverty and will work for empowering the poor till my last breath: PM Modi
While corruption and fraud characterized the governance record of the ‘Mahamilawat,’ in UP, on the other hand, transparency and speed characterized the BJP’s record: PM Modi in U.P.
The Mahamilawat’s election campaign is solely focused on making personal abuses on Modi, asking about Modi’s caste and his family background: Prime Minister Modi

बलिया और सलेमपुर के रउवा सब के प्रणाम करत बानी

अमर शहीद मंगल पांडेय जी, शेर-ए-बलिया चित्तू पांडेय जी, वीर कुंवर सिंह जी के नमन करत बानी। इस धरती के सपूत युवा तुर्क की उपाधि से सुशोभित स्वर्गीय चंद्रशेखर जी को भी नमन करता हूं। अपनी तरफ से श्रद्धांजलि देता हूं। यहां सलेमपुर और पूर्वांचल के दूसरे हिस्सों से भी अनेक साथी पधारे हैं। आपका भी बहुत-बहुत अभिनंदन, इससे पहले मई के महीने में ही आपके बीच आया था। तब क्रांतिवीरों की इस धरती से गरीब बहनों के जीवन में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने वाली आत्मविश्वास पैदा करने वाली उज्ज्वला योजना शुरू हुई थी। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से आज देश की सात करोड़ से अधिक गरीब बहनों की रसोई में मुफ्त गैस कनेक्शन पहुंचा है। कभी हिंदुस्तान को गुलामी से मुक्ति दिलाने के लिए बागी हुआ बलिया अब देश के गरीब बहनों को धुएं से मुक्ति दिलाने का भागीदार बना है बलिया। यही कारण है कि आज पूरे देश में गरीब माताओं-बहनों का भरपूर समर्थन आपके इस सेवक को मिला है।

साथियो, इसी समर्थन का परिणाम है कि महामिलावट वाले सपा हो, बसपा हो, कांग्रेस हो ये सारे एक ही काम में जुट गए हैं मोदी को को गाली दो गाली दो गाली दो। ऐसा कोई दिन नहीं है जब मोदी के लिए उनके मुंह से गाली नहीं निकलती है। ये 6 चरणों के चुनाव के बाद माहौल की बौखलाहट है। हार की हताशा साफ साफ दिख रही है। भाइयो-बहनो, मैं इनकी गालियों को उपहार मानता हूं। इनकी गालियों का जवाब मोदी को नहीं देना पड़ेगा। ये जनता जनार्दन पूरे हिंदुस्तान की जनता कमल के निशान पर बटन दबाकर के हर गाली का जवाब देने वाले हैं। मैं तो मां-बहनों बेटियों के सम्मान में खड़ा हूं। मैं गरीब के आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए खड़ा हूं। मैं समाज की आखिरी पंक्ति में जो खड़ा हुआ व्यक्ति है उसको सशक्त करने के लिए जुटा हूं। भाइयो-बहनो, इसी हताशा में अब ये महामिलावटी लोग पूछ रहे हैं कि मोदी की जाति क्या है? साथियो, ये बुआ-बबुआ दोनों मिलकर जितने साल मुख्यमंत्री नहीं रहे उससे कहीं ज्यादा समय मैं गुजरात का सीएम रहा। मैंने अनेक चुनाव लड़े भी हैं और लड़ाए भी हैं। लेकिन कभी अपनी जाति का सहारा नहीं लिया। मैं पैदा भले ही अति पिछड़े जाति में हुआ हूं लेकिन मेरा लक्ष्य हमारे इस हिंदुस्तान को दुनिया में अगड़ा बनाने का मेरा लक्ष्य है। भाइयो-बहनो, अभी योगी जी बता रहे थे मेरे दिमाग में जाति नहीं है, मेरे जहन में जाति नहीं है। इसलिए घर भी जाति पूछ कर के नहीं, गैस का चूल्हा भी जाति पूछ कर के नहीं दिया, शौचालय भी जाति पूछ कर के नहीं दिया, और इसलिए वोट भी जाति के नाम पर नहीं मांग रहा हूं भाई। न देता जाति के नाम पर हूं, न लेता जाति के नाम पर हूं। मुझे मेरे देश के लिए जीना है, देश के लिए कुछ करना है, इसलिए वोट भी देश के लिए मांगता हूं।

भाइयो-बहनो, ये मेरे दिल की आवाज है, ये मेरे दिल की आवाज है जो आज मैं बलिया में आपसे कहना चाहता हूं। जय प्रकाश नारायण की जहां छाया हो, उस धऱती से कहना चाहता हूं। बहनों, मैं नहीं चाहता कि आपकी संतान आपकी तरह पिछड़ी जिंदगी जीने के लिए मजबूर हो। मैं नहीं चाहता कि आपकी संतानों को विरासत में पिछड़ापन मिले। मैं नहीं चाहता कि आपके बच्चों को विरासत में गरीबी मिले। पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही इस दयनीय स्थिति को मुझे बदलना है और इसलिए मुझे आपका आशीर्वाद चाहिए। साथियो, आप सोच रहे होंगे कि आखिर मोदी ये काम कैसे कर पाएगा। इतने बड़े-बड़े सपने कैसे कर पाएगा, इतने सारे प्रधानमंत्री आकर के गए नहीं कर पाए मोदी कैसे कर पाएगा। भाइयो-बहनो, मैं ये काम इसलिए कर पाउंगा क्योंकि मैं आपके बीच में से निकल कर के आया हूं। मैंने गरीबी को पिछड़ेपन को भुगता है। जो दर्द आप आज सह रहे हैं वो मैंने खुद से सहा है। मैं मेरा पिछड़ापन, मेरी गरीबी दूर करने नहीं आपके लिए जीता हूं। आपके लिए जूझता हूं, इसलिए मुझे विश्वास है कि इस परिस्थिति को बदलने में हम सफल होंगे। भाइयो-बहनो, इन महामिलावटी लोगों ने कैसी राजनीति की है, सत्ता के नाम पर कैसे आपको धोखा दिया है, लूटा है। आप इसे भलिभांति जानते हैं। इन लोगों ने जाति की राजनीति के नाम पर अपने और अपने रिश्तेदारों के लिए बंगले खड़े किए हैं, महल बनाए हैं। इन्होंने नामी और बेनामी संपत्ति का अंबार लगाया है। जिनका पूरा हिसाब आजकल एजेंसिया ले रही है। यहीं कारण है कि कभी एक दूसरे को पानी पी पी कर भद्दी भद्दी गालियां देने वाले आज महामिलावट करने पर मजबूर हैं। कल जब रात को देर से मैं दिल्ली पहुंचा, टीवी देख रहा था सपा-बसपा के कार्यकर्ता एक दूसरे के सर फोड़ रहे थे। गालियां दे रहे थे। कपड़े फाड़ रहे थे। ये पूरे देश ने देखा है, अभी तो चुनाव बाकी है और हिसाब चुकता करना शुरू कर दिया है। भाइयो-बहनो, बलिया जिस प्रकार के गुलामी के खिलाफ बागी हुआ वैसे ही ये मोदी भी गरीबी से लड़ते लड़ते, गरीबी के खिलाफ ही बागी हो गया है। मेरी एक ही जाति, और मेरी जाति है गरीबी, और इसलिए मैंने गरीबी के खिलाफ बगावत की है।

भाइयो-बहनो, मैं अपनी मां को बचपन में रसोई में घुएं से जुझते हुए देखा है।शौचालय न होने की वजह से घर और आस पड़ोस की महिलाओं को पीड़ा सहते मैंने देखा है। बरसात में टपकती छत के कारण दिन रात जागते परिवारों को देखा है। पैसे के अभाव में इलाज के लिए गरीब के खेत बिकते हुए देखा है। मिट्टी के तेल में डिबरी में पढ़ाई कितनी मुश्किल होती है मुझे पता है। यही वह अनुभव थे जिन्होंने मुझे गरीबी के खिलाफ बगावत के लिए पैदा किया है, प्रेरित किया है। साथियो, इसी गरीबी ने मुझे जीवन भर के सबक दिए, इसी गरीबी को दूर करने की प्रेरणा हमारी सरकार की योजनाओं को स्वरुप दिया। हमारी प्रेरणा से आज बहनों को गैस कनेक्शन, बिजली का मुफ्त कनेक्शन, शौचालय दिए जाना एक के बाद एक अनेक काम हो रहे हैं। इसी प्रेरणा से हम 2022 तक हर गरीब के पास अपना पक्का घर हो, इसके लिए काम कर रहे हैं और ये मोदी है ये चौकीदार है 2022 तक हर किसी को पक्का घर देकर ही सांस लेने वाला है। इसी प्रेरणा से ही गरीब से गरीब को पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा दी गई है। साथियो, गरीबी के जीवन से निकली यहीं प्ररेणा है कि आज छोटे किसानों के खाते में सीधे पैसे जमा किए जा रहे हैं।

23 मई के बाद हर किसान परिवार को ये मदद मिलने वाली है। इतना ही नहीं छोटे किसान खेत मजदूर और छोटे दुकानदारों को 60 वर्ष की आयु के बाद हर महीने पेंशन मिले इसकी योजना भी ये चौकीदार बनाएगा। गरीबी की प्रेरणा से ही सामान्य वर्ग के गरीबों को सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया। ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया गया है। साथियो, करीब दो दशक से मैं सीएम और पीएम के रुप में काम कर रहा हूं। मैं इन महामिलावट वालों को खुली चुनौती देता हूं, और ये मेरी खुली चुनौती है। इनमें हिम्मत हो गाली-गलौज करने के बजाय मेरी इस चुनौती को स्वीकार कर के मैदान में आओ। मैं इन महामिलाटियों को खुली चुनौती देता हूं। ये लोग दिखा दें कि मैंने कोई बेनामी संपत्ति जमा की है क्या? कोई फॉर्म हाउस बनाया है क्या? कोई शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाया है क्या? विदेशी बैंकों में पैसे जमा करवाए हैं क्या? विदेश में कोई संपत्ति खरीदी है क्या? लाखों-करोड़ों की गाड़िया भी क्या मोदी ने ली है क्या? करोडों के बंगले मोदी ने बनाए है क्या? भाइयो-बहनो, न मैंने कभी अमीरी के सपने देखे हैं न तो मैंने कभी गरीब के पैसे लूटने का कोई पाप किया है।

हमारे लिए गरीब का कल्याण और मातृभूमि का सम्मान उसकी रक्षा ये हमारी जिंदगी से भी सर्वोपरी है। यही कारण है कि पाकिस्तान और उसके आतंकियों की सारी हेकड़ी आज हवा हो गई है। जो आतंकी पाकिस्तान में खुलकर हथियारों की नुमाइश करते थे वो आज जमीन के नीचे छुपकर मोदी को हटाने की दुआ कर रहे हैं। कभी वो जंगलों को देखते हैं, कभी आसमान को कभी समंदर को बैचेन रहते हैं। नींद हराम हो गई है। उनको लगती है कब कहां से भारत के सपूत आ धमकेंगे। साथियो, आपके आशीर्वाद से मैंने देश के सपूतों को खुली छूट दे रखी है। इसलिए पहले सर्जिकल स्ट्राइक हुई और फिर एयर स्ट्राइक की। आज आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को हम सीमा के उस पार लेकर गए हैं। लेकिन साथियों, क्या आपने सपा, बसपा, और कांग्रेस की महामिलावट को इस चुनाव में आतंक पर या राष्ट्र पर एक बार भी बोलते हुए सुना है क्या? वो तो सिर्फ सपूतों के शौर्य पर सवाल उठाते हैं और पाकिस्तान के नापाक सपूतों पर विश्वास करते हैं। साथियो, जो लोग गली के गुंडों तक पर लगाम नहीं लगा पाए वो आतंकवाद पर क्या लगाम लगाएंगे। पूरी दुनिया जिस आतंकवाद से परेशान है उससे निपटने के लिए दिल्ली में एक मजबूत और तुष्टिकरण के बिना, वोट बैंक की राजनीति के बिना हिम्मत के साथ देश के लिए फैसले लेने वाली सरकार चाहिए।

भाइयो-बहनो, सबका साथ सबका विकास हमारा मंत्र है, और सबको सुरक्षा और सबको सम्मान ये हमारा प्रण है। इसी पर चलते हुए पूर्वांचल और पूर्वी भारत के विकास पर हमने विशेष ध्यान दिया है। विशेष तौर पर कनेक्टिविटी को सशक्त किया है। आज यहां ट्रेनों की आवाजाही बढ़ी है। रेल लाइनों का बिजलीकरण हुआ है। बलिया से वाराणसी का सफर आसान हुआ है। जब कनेक्टिविटी अच्छी होती है तब उद्योगों की संभावनाए बढ़ती है। साथियो, हमारी सरकार ने मोबाइल कनेक्टिविटी पर भी बहुत जोर दिया है। मोबाइल फोन आज घर घर पहुंचा है। जिसके कारण भोजपुरी गीत संगीत और सिनेमा को भी बहुत लाभ हुआ है। पहले की सरकार 2G घोटाले में व्यस्त थी और हमने 4G को गरीब से गरीब तक पहुंचाया है। आपके हाथ में जो मोबाइल फोन है वो मेक इन इंडिया है इसलिए सस्ता हुआ है। इतना ही नहीं हामरी सरकार की नीतियों की वजह से आज इंटरनेट भी दुनिया में सबसे सस्ता भारत में ही है। साथियो, गरीब के मान सम्मान उसका जीवन आसान बनाने और मां भारती की सुरक्षा के लिए फिर कमल खिलाना जरूरी है। आपका हर वोट, भाइय-बहनो, आप जब कमल के निशान पर बटन दबाएंगे तब दिल्ली में मजबूत सरकार बनेगी। और मजबूत सरकार मजबूत हिंदुस्तान के लिए काम करेगी। आपका हर एक वोट जो कमल के निशान पर दबाएंगे वो वोट सीधा सीधा मोदी के खाते में जाएगा। हमें आशीर्वाद देने के लिए इतनी बड़ी तादाद में आप आए मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं। और दोनों हाथ ऊपर कर के मुट्ठी बांधकर के पूरा ताकत से बोलिए

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय

बहुत बहुत धन्यवाद  

 

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।