A strong, stable, transparent and people-centric government is extremely crucial for a growing, aspirational country like India: PM Modi
The last five years have shown the world what the people of India are capable of achieving with the right government that puts their interests first: Prime Minister Modi
The condition of India’s farmers would have been much better if Sardar Vallabhbhai Patel had been the first PM of India: PM Modi in U.P.

भारत माता की जय
भारत माता की जय
भारत माता की जय

महाराजा सुहेलदेव की धरती को मैं नमन करता हूं। यहां बहराइच के अलावा गोंडा, श्रावस्ती, कैसरगंज सहित आस-पास से भारी संख्या में साथी आए हैं। आप सभी का भी बहुत-बहुत अभिनंदन। इतनी गर्मी में आपका हम सभी को आशीर्वाद देने के लिए पहुंचना ये किसी सौभाग्य से कम नहीं है। लेकिन साथियो, इस गर्मी में असली पसीना उन लोगों को छूट रहा है जो मोदी हटाओ, मोदी हटाओ के गीत गुनगुनाते रहते हैं। साथियो, ये चुनाव कौन दल जीते, कौन सांसद बने, कौन मंत्री बने, सिर्फ इतने भर के लिए नहीं है, ये चुनाव इस बात के लिए है कि 21वीं सदी की भारत का स्थान क्या होगा? भाइयो-बहनो, भारत महाशक्ति बने इससे आपको गर्व होगा की नहीं होगा, आपको गर्व होगा की नहीं होगा? आपको गर्व होगा की नहीं होगा? साथियो, पूरा देश चाहता है कि भारत महाशक्ति बने, दुनिया भारत का दम देखे लेकिन भाइयो-बहनो, लेकिन ये काम कोई कमजोर, ढीली-ढाली, मजबूर सरकार कर सकती है क्या? ऐसे नहीं जवाब भी तो तगड़ा चाहिए, कर सकती है क्या?

भाइयो-बहनो, जब सरकार मजबूर होती है, ढीली-ढाली होती है, जोड़तोड़ की होती है तो फिर कभी 11 महीने में कभी एक साल में कभी 1.5 साल में कभी 2 साल में प्रधानमंत्री बदल जाता है, सरकार बदल जाती है, देश की गाड़ी चलती ही नहीं है। भाइयो बहनो, क्या आप ऐसी सरकार बनाना पसंद करेंगे क्या? तो भारत को ऐसी सरकार मजबूत बना सकती है क्या ? भारत को नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए सरकार भी मजबूत होनी चाहिए की नहीं ? होनी चाहिए की नहीं, होनी चाहिए की नहीं होनी चाहिए? ये मजबूत सरकार सपा-बसपा वाले दे सकते है क्या? कोई संभावना है क्या? अरे वो उत्तर प्रदेश में अकेले सरकार चलाते थे कभी मजबूती दिखाई दी थी क्या? ये मजबूत सरकार कांग्रेस और उसके जो महामिलावटी लोग है वो दे सकते हैं क्या? जवाब तो आखिर से भी आना चाहिए। दे सकते हैं क्या?

साथियो, ये याद रखिए की महामिलावटी दल देश भर में जितनी कम सीटों पर लड़ रहे हैं। उनमें से ज्यादातर वो जमानत बचाने के लिए मेहनत कर रहे हैं, जीतने का तो सवाल ही नहीं है। मैं जो बात कह रहा हूं आपको सच लगती है, मेरी बात सच लगती है, लगती है? आप जो लोगों में जाते है यहीं सुन के आते हैं न, लोग एक तरफा मोदी-मोदी वोट करने के लिए तैयार है की नहीं है। जो आप बहराइच में देखते हैं, जो गोंडा में देखते हैं, जो श्रावस्त में देखते हैं पूरे हिन्दुस्तान में ऐसा ही है जी। चार चरणों के चुनाव के बाद हालत तो ये है कि नेता विपक्ष का पद मिलेगा कि नहीं मिलेगा प्रतिपक्ष का नेता बनने का मौका मिलेगा कि नहीं मिलेगा। 2014 में तो मिला नहीं और इस बार तो जनता इतने गुस्से में हैं कि 2019 में भी उनको कुछ नसीब होने वाला नहीं हैं। 2014 में भी नहीं मिला, 2019 में भी जनता प्रतिपक्ष का नेता बनाने को तैयार नहीं है। जो लोग 50-55 सीट लेकर के विपक्ष का नेता बनने की स्थिति में नहीं हैं। वो प्रधानमंत्री बनने के लिए दर्जी के पास कपड़े सिला रहे है। बताओ? ये लोग चाहते हैं कि किसी भी तरह खिचड़ी सरकार बन जाए, कमजोर सरकार बन जाए और इनका प्रधानमंत्री बनने का सपना फिर तय करेंगे 3 महीने तुम प्रधानमंत्री, 3 महीने वो प्रधानमंत्री, 3 महीने वो प्रधानमंत्री। साल भर निकाल दो। आपको ऐसी बात मंजूर है क्या? ऐसे लोगों को वाकई देश की कोई चिंता है क्या? आपकी चिंता है क्या? आपके भविष्य की चिंता है क्या? आपके बच्चों के भविष्य की चिंता है क्या?
भाइयो बहनो, आप मुझे बताइए इस देश को कौन मजबूत सरकार दे सकता है? वहां पीछे से आवाज आनी चाहिए, कौन मजबूत सरकार दे सकता है?

साथियो, आपका ये आशीर्वाद आपका ये प्यार मैं इसके लिए आपका आभारी हूं। लेकिन ये भी तो सोचिए मोदी तभी मजबूत सरकार दे पाएगा जब बहराइच का, गोंडा का श्रावस्ती का, कैसरगंज का एक-एक वोट कमल के निशान पर पड़ेगा, पड़ेगा? अगर पड़ेगा तो मान लीजिए पहले से भी मजबूत सरकार बना के दूंगा। भाइयो- बहनो, ये बुलंद हौसले वाली सरकार ही है जो गरीब, दलित, वंचित, पिछड़े और आदिवासियों के हित में बिना किसी भेदभाव के काम कर सकती है। जिस सरकार के लिए देश का हित, देश के प्रत्येक निवासी का हित, प्राथमिकता होती है वहीं भेदभाव की दीवारों को तोड़कर के काम करती है। साथियो, हम सब के बड़े नेता अटल बिहारी वाजपेयी जी कहते थे कि- पेड़ के ऊपर चढ़ा इंसान, ऊंचा दिखाई देता है। जड़ में खड़ा इंसान, नीचा दिखाई देता है। इंसान न ऊंचा होता है, न नीचा होता है,न बड़ा होता है, न छोटा होता है, इंसान सिर्फ और सिर्फ इंसान होता है। साथियो, सबका साथ सबका विकास ये हमारा मंत्र है और सबको सुरक्षा और सबको सम्मान ये हमारा प्रण है। इसी के लिए बीते 5 वर्ष हमने काम किया है और आने वाले 5 वर्ष में हम इसी रास्ते पर हम चलने वाले हैं। साथियो, हमारी बहनें किसी भी जात-पात, पंथ-संप्रदाय की हो, घर-घर बन रहे शौचालय ने सभी की मुश्किलें कम की हैं, सभी के सम्मान की रक्षा की है। हमने भेद नहीं किया इस जात वाले का शौचालय बनेगा, उस जात वाले का शौचालय नहीं बनेगा। ये हमारा रास्ता नहीं है, हमारा रास्ता है सबका साथ सबका विकास। सबका साथ सबका विकास। गरीब किसी भी जात-पात, पंथ-संप्रदाय का हो, लेकिन अब उसके पास आयुष्मान भारत के जरिए, 5 लाख रुपए तक का इलाज कराने की सुविधा है। धुएं में खांसती वो गरीब मां किसी भी जात-पात, पंथ-संप्रदाय की हो, उज्जवला की गैस ने दमे और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से सभी को बचाने का रास्ता निकाला है। 2022 तक हर गरीब को अपना पक्का घर मिलेगा ये भी मोदी का वादा है। कोई भी किसी भी जात का हो, किसी भी पंथ का हो, किसी भी संप्रदाय का हो,कोई भी गरीब पक्के घर के बिना नहीं होगा ये मेरा संकल्प है भाइयो। ये इंतजाम आपके इस चौकीदार ने किया है। साथियो, ये जितने भी काम मैंने गिनाए है ये गरीब को गरीबी से बहर निकालने में मदद करने वाले हैं। ये गरीब का हाथ पकड़ कर उसे जीवन में असानी देने वाले हैं।

भाइयो और बहनो, याद करिए जब मोदी सरकार में नहीं आया था, तो देश की बड़ी आबादी, जिसमें से अधिकतर दलित और पिछड़े हैं ना उनके घर में शौचालय था ना उनके घर में ना बिजली थी, ना गैस का कनेक्शन था और न ही बैंको में खता था। जब बैंको में खाते नहीं थे तो जब बैंकों में खाते नहीं थे, तो बैंकों से ऋण कैसे मिल पाता? ऋण नहीं मिलता तो अपना काम काज गरीब कैसे शुरू कर पाता। हमने समाज की इस खाई को भी पाटने का प्रयास किया। 34 करोड़ से ज्यादा जनधन खाते खुलवाए और फिर मुद्रा योजना के तहत हर गरीब, हर दलित, हर वंचित, हर पिछड़े के लिए बैंक की तिजोरी खोल दी। भाइयो और बहनो, वरना आपने ऐसी भी सरकार देखी हैं, जिनके समय में गरीब बैंक के दरवाजे तक जाने में घबराता था। वहीं आज इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक से हम बैंकों को गरीबों के दरवाजे तकले जा रहे हैं।

साथियो, जहां हमें गरीबों तक बैंक ले जाने की चिंता है, वहीं महामिलावटी दलों को सिर्फ और सिर्फ अपने वोटबैंक की चिंता है। इसी राजनीति की वजह से इन दलों ने उत्तर प्रदेश के लोगों के साथ बहुत भेदभाव किया है। बहुत अन्याय किया है। याद करिए ये आपको बराबर याद है, फिर भी मैं आपको याद करा देता हूं। याद करिए,जहां सपा का वोट बैंक नहीं, वहां सपा की सरकार बिजली देती थी क्या देते थे क्या? जहां बसपा का वोटबैंक नहीं था, वहां बसपा की सरकार आती थी तो बिजली देते थे क्या? भेद भाव करते थे कि नहीं करते थे? अकेले हम ही है जो सबका साथ, सबका विकास करते हैं। इस रास्ते पर जाकर भाइयो बहनो, सपा-बसपा ने एक दूसरे के खिलाफ राजनीति की है। आज सूपड़ा साफ होने के डर से भले ही साथ आ गए हों, लेकिन ये स्वार्थ का साथ है। ऐसे ही साथ के लिए रहीमदास जी कह गए हैं- कह रहीम कैसे निभै, बेर-केर के संग! कह रहीम कैसे निभै, बेर-केर के संग!

साथियो, कुछ हफ्तों के लिए ही सही, अगर आज बेर और केर साथ आए हैं तो इनका टूटना भी तय है। इनकी एक्सपायरी डेट 23 तारीख शाम को पक्की है। 23 को नतीजा आएगा एक दूसरे के कपड़े फाड़ देंगे। भाइयो-बहनो, अभाव का रोना नहीं रोना और प्रभाव से विचलित नहीं होना सरकार हो या व्यक्ति ये मंत्र हर किसी के लिए एक ताकत बन जाता है। ये प्रेरणा देने का काम बाबा साहब आंबेडकर ने हमे अपने जीवन से किया है इसलिए इस सरकार में भी आपको अभाव का रोना नहीं दिखेगा। हम तो अपने संसाधनों पर, अपने सामर्थ्य पर भरोसा कर के आगे बढ़ रहे हैं, इसी सोच ने हमें लक्ष्य तय करना और लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अपनी पूरी शक्ति लगा देना सिखाया है।

साथियो, किसानों की आय 2022 तक दोगुनी हो, इसके लिए हर स्तर पर हम काम कर रहे हैं। एक तरफ हमने पानी के लिए मिशन मोड़ पर काम करने का फैसला लिया है, दूसरी तरफ किसानों को सीधी मदद पहुंचाई जा रही है। हमने ये तय किया है पीएम किसान सम्मान योजना का लाभ यूपी के सभी किसानों को मिले, अभी तक उन किसानों के बैंक खाते में पैसे जमा हो रहे थे जिनके पास 5 एकड़ से कम जमीन है। नई सरकार में अब इस सभा को भी हटाने का हमने फैसला किया है।
साथियो, 23 मई को फिर एक बार मोदी सरकार, फिर एक बार मोदी सरकार। जब फिर एक बार मोदी सरकार बनेगी ये 5 एकड़ का नियम भी हटा दिया जाएगा और सब के सब किसानों को लाभ मिलेगा।

साथियो, हमारी सरकार पूरी संवेदनशीलता के साथ देश के हर वर्ग को सामाजिक सुरक्षा देने में जुटी है। यही कारण है कि दिव्यांग जनों को भी देश के विकास का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाने का प्रयास हमने किया है। दिव्यांगों के लिए आरक्षण में वृद्धि की गई, उनकी हर सुविधा का ध्यान रखा गया है। दिव्यांगों की सुविधा के लिए दफ्तरों में, रेल के डिब्बों में विशेष व्यवस्था की गई है ।
साथियो, सुशासन का यही रास्ता महाराजा सुहेलदेव ने हमें विरासत में दिया है। हमारी सरकार अपने देश के महावीरों, महा योद्धाओं से प्रेरणा लेते हुए राष्ट्र रक्षा के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं। सर्जिकल स्ट्राइक हो या फिर एयर स्ट्राइक, ये इसी का उदाहरण हैं। ये हमारी प्रतिबद्धता है कि 130 करोड़ भारतवासियों के जीवन की सुरक्षा के लिए हम कहीं पर भी घुसकर मार सकते हैं। सही कर रहे हैं कि नहीं कर रहे? आप खुश है? मोदी सही कर रहा है? इससे सुरक्षा बढ़ेगी कि नहीं? आतंकवादी खत्म होंगे?

भाइयो- बहनो, इसके लिए हम किसी से पूछेंगे नहीं, हम किसी के दबाव में नहीं आएंगे। भाइयो और बहनो इसी प्रतिबद्धता की वजह से आतंकवाद को हमारी सुरक्षा एजेंसियों ने हमारे सपूतों ने अभी बहुत सीमित दायरे में कर दिया हैं। अब आपको मंदिरों में बाजारों में रेलवे स्टेशन पर बस स्टेशन पर बम धमाके की खबरें नहीं सुनाई देती है। ये धमाके बंद हुए कि नहीं हुए, हुए की नहीं हुए है? लेकिन ये मोदी के डर के कारण बंद हुआ है। अभी वो सुधरे नहीं है, खतरा अभी टला है खत्म होना बाकी है। आज भी हमारे आस पास आतंक की नर्सरी चल रही है। साथियो, आतंक की इस नर्सरी को आप मुझे बतइए ये आतंक की इस नर्सरी को ये क्या सपा-बसपा बंद कर सकते है क्या? कर सकते है क्या?

वो कांग्रेस जो कहती है कि आतंकियों से लड़ने वाले हमारे सैनिकों का विशेष अधिकार अफ्स्पा हटा देंगे, क्या ऐसी कांग्रेस आतंक से लड़ सकती है क्या? ये वो लोग हैं जो आतंक के गोला-बारूद में भी भगवा ढूंढने की कोशिश करते हैं। ये वो लोग हैं जिनके राज में आतंक के स्लीपर सेल्स देशभर में फले-फूले हैं। भाइयो और बहनो आतंकवाद जान तो लेता ही है ये देश की तरक्की में भी बहुत बड़ा बाधक होता है। ये पूरा अवध क्षेत्र तो हमारी आस्था और अध्यात्म का केंद्र है । रामायण सर्किट और बौद्ध सर्किट के जरिए पूरे देश से इस क्षेत्र को जोड़ा जा रहा है। सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन याद रखिए जब आतंकवाद बढ़ता है तो उसका पहला शिकार आस्था के ऐसे ही केंद्र होते है इसीलिए देश को एक मजबूत सरकार की जरूरत होती है, इस बार कमल के फूल पर पड़ा आपका वोट राष्ट्र रक्षा के लिए होगा। एक मजबूत भारत के लिए होगा। भाइयो बहनो और आप गर्मी कितनी क्यों न हो ज्यादा से ज्यादा वोट करवाएंगे, ज्यादा से ज्यादा वोट करवाएंगे, घर घर जाएंगे, मतदाताओं को निकालेंगे। 10 बजे से पहले ज्यादा से ज्यादा मतदान करा देंगे, मजबूत सरकार बनाएंगे? आप जब कमल के निशान पर बटन दबाएंगे तो आपका कमल का वोट सीधा-सीधा मोदी के खाते में आएगा।
भाइयो बहनो मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की..जय
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आप सबका बहुत- बहुत अभार।

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November 22, 2024

गुटेन आबेन्ड

स्टटगार्ड की न्यूज 9 ग्लोबल समिट में आए सभी साथियों को मेरा नमस्कार!

मिनिस्टर विन्फ़्रीड, कैबिनेट में मेरे सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया और इस समिट में शामिल हो रहे देवियों और सज्जनों!

Indo-German Partnership में आज एक नया अध्याय जुड़ रहा है। भारत के टीवी-9 ने फ़ाउ एफ बे Stuttgart, और BADEN-WÜRTTEMBERG के साथ जर्मनी में ये समिट आयोजित की है। मुझे खुशी है कि भारत का एक मीडिया समूह आज के इनफार्मेशन युग में जर्मनी और जर्मन लोगों के साथ कनेक्ट करने का प्रयास कर रहा है। इससे भारत के लोगों को भी जर्मनी और जर्मनी के लोगों को समझने का एक प्लेटफार्म मिलेगा। मुझे इस बात की भी खुशी है की न्यूज़-9 इंग्लिश न्यूज़ चैनल भी लॉन्च किया जा रहा है।

साथियों,

इस समिट की थीम India-Germany: A Roadmap for Sustainable Growth है। और ये थीम भी दोनों ही देशों की Responsible Partnership की प्रतीक है। बीते दो दिनों में आप सभी ने Economic Issues के साथ-साथ Sports और Entertainment से जुड़े मुद्दों पर भी बहुत सकारात्मक बातचीत की है।

साथियों,

यूरोप…Geo Political Relations और Trade and Investment…दोनों के लिहाज से भारत के लिए एक Important Strategic Region है। और Germany हमारे Most Important Partners में से एक है। 2024 में Indo-German Strategic Partnership के 25 साल पूरे हुए हैं। और ये वर्ष, इस पार्टनरशिप के लिए ऐतिहासिक है, विशेष रहा है। पिछले महीने ही चांसलर शोल्ज़ अपनी तीसरी भारत यात्रा पर थे। 12 वर्षों बाद दिल्ली में Asia-Pacific Conference of the German Businesses का आयोजन हुआ। इसमें जर्मनी ने फोकस ऑन इंडिया डॉक्यूमेंट रिलीज़ किया। यही नहीं, स्किल्ड लेबर स्ट्रेटेजी फॉर इंडिया उसे भी रिलीज़ किया गया। जर्मनी द्वारा निकाली गई ये पहली कंट्री स्पेसिफिक स्ट्रेटेजी है।

साथियों,

भारत-जर्मनी Strategic Partnership को भले ही 25 वर्ष हुए हों, लेकिन हमारा आत्मीय रिश्ता शताब्दियों पुराना है। यूरोप की पहली Sanskrit Grammer ये Books को बनाने वाले शख्स एक जर्मन थे। दो German Merchants के कारण जर्मनी यूरोप का पहला ऐसा देश बना, जहां तमिल और तेलुगू में किताबें छपीं। आज जर्मनी में करीब 3 लाख भारतीय लोग रहते हैं। भारत के 50 हजार छात्र German Universities में पढ़ते हैं, और ये यहां पढ़ने वाले Foreign Students का सबसे बड़ा समूह भी है। भारत-जर्मनी रिश्तों का एक और पहलू भारत में नजर आता है। आज भारत में 1800 से ज्यादा जर्मन कंपनियां काम कर रही हैं। इन कंपनियों ने पिछले 3-4 साल में 15 बिलियन डॉलर का निवेश भी किया है। दोनों देशों के बीच आज करीब 34 बिलियन डॉलर्स का Bilateral Trade होता है। मुझे विश्वास है, आने वाले सालों में ये ट्रेड औऱ भी ज्यादा बढ़ेगा। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं, क्योंकि बीते कुछ सालों में भारत और जर्मनी की आपसी Partnership लगातार सशक्त हुई है।

साथियों,

आज भारत दुनिया की fastest-growing large economy है। दुनिया का हर देश, विकास के लिए भारत के साथ साझेदारी करना चाहता है। जर्मनी का Focus on India डॉक्यूमेंट भी इसका बहुत बड़ा उदाहरण है। इस डॉक्यूमेंट से पता चलता है कि कैसे आज पूरी दुनिया भारत की Strategic Importance को Acknowledge कर रही है। दुनिया की सोच में आए इस परिवर्तन के पीछे भारत में पिछले 10 साल से चल रहे Reform, Perform, Transform के मंत्र की बड़ी भूमिका रही है। भारत ने हर क्षेत्र, हर सेक्टर में नई पॉलिसीज बनाईं। 21वीं सदी में तेज ग्रोथ के लिए खुद को तैयार किया। हमने रेड टेप खत्म करके Ease of Doing Business में सुधार किया। भारत ने तीस हजार से ज्यादा कॉम्प्लायेंस खत्म किए, भारत ने बैंकों को मजबूत किया, ताकि विकास के लिए Timely और Affordable Capital मिल जाए। हमने जीएसटी की Efficient व्यवस्था लाकर Complicated Tax System को बदला, सरल किया। हमने देश में Progressive और Stable Policy Making Environment बनाया, ताकि हमारे बिजनेस आगे बढ़ सकें। आज भारत में एक ऐसी मजबूत नींव तैयार हुई है, जिस पर विकसित भारत की भव्य इमारत का निर्माण होगा। और जर्मनी इसमें भारत का एक भरोसेमंद पार्टनर रहेगा।

साथियों,

जर्मनी की विकास यात्रा में मैन्यूफैक्चरिंग औऱ इंजीनियरिंग का बहुत महत्व रहा है। भारत भी आज दुनिया का बड़ा मैन्यूफैक्चरिंग हब बनने की तरफ आगे बढ़ रहा है। Make in India से जुड़ने वाले Manufacturers को भारत आज production-linked incentives देता है। और मुझे आपको ये बताते हुए खुशी है कि हमारे Manufacturing Landscape में एक बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है। आज मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग में भारत दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा टू-व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। दूसरा सबसे बड़ा स्टील एंड सीमेंट मैन्युफैक्चरर है, और चौथा सबसे बड़ा फोर व्हीलर मैन्युफैक्चरर है। भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री भी बहुत जल्द दुनिया में अपना परचम लहराने वाली है। ये इसलिए हुआ, क्योंकि बीते कुछ सालों में हमारी सरकार ने Infrastructure Improvement, Logistics Cost Reduction, Ease of Doing Business और Stable Governance के लिए लगातार पॉलिसीज बनाई हैं, नए निर्णय लिए हैं। किसी भी देश के तेज विकास के लिए जरूरी है कि हम Physical, Social और Digital Infrastructure पर Investment बढ़ाएं। भारत में इन तीनों Fronts पर Infrastructure Creation का काम बहुत तेजी से हो रहा है। Digital Technology पर हमारे Investment और Innovation का प्रभाव आज दुनिया देख रही है। भारत दुनिया के सबसे अनोखे Digital Public Infrastructure वाला देश है।

साथियों,

आज भारत में बहुत सारी German Companies हैं। मैं इन कंपनियों को निवेश और बढ़ाने के लिए आमंत्रित करता हूं। बहुत सारी जर्मन कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने अब तक भारत में अपना बेस नहीं बनाया है। मैं उन्हें भी भारत आने का आमंत्रण देता हूं। और जैसा कि मैंने दिल्ली की Asia Pacific Conference of German companies में भी कहा था, भारत की प्रगति के साथ जुड़ने का- यही समय है, सही समय है। India का Dynamism..Germany के Precision से मिले...Germany की Engineering, India की Innovation से जुड़े, ये हम सभी का प्रयास होना चाहिए। दुनिया की एक Ancient Civilization के रूप में हमने हमेशा से विश्व भर से आए लोगों का स्वागत किया है, उन्हें अपने देश का हिस्सा बनाया है। मैं आपको दुनिया के समृद्ध भविष्य के निर्माण में सहयोगी बनने के लिए आमंत्रित करता हूँ।

Thank you.

दान्के !