The people of Bengal possess the spirit of Nation First: PM Modi

Published By : Admin | December 30, 2022 | 11:50 IST
Inaugurates Joka-Taratala stretch of Purple Line of Kolkata Metro
Dedicates four railway projects to the nation
Lays foundation stone for redevelopment of the New Jalpaiguri Railway Station
“Land from where the call of Vande Matram originated, saw the flagging off of Vande Bharat today”
“Modern sewage treatment plants are being developed keeping in mind the requirements of future”
“A nationwide campaign is going on to transform the Indian Railway”
“In 21st Century for rapid development of the country, rapid growth and reform of Railways is essential”
“Metro Rail system is an example of India’s speed and scale today”
“Construction of new airports, waterways, ports and roads is being carried out to ensure seamless connectivity for the citizens”
“India is working toward boosting its Jal Shakti today”
“On 13th January a cruise will set sail from Kashi to Dibrugarh via Bangladesh. The 3200 km long journey is the first-of-its-kind in the entire world and a reflection of the growing cruise tourism in the country”
“People of Bengal follow the spirit of ‘Nation First’ in tourism also”
“Whole world is looking at India with great hope. To maintain this trust, every Indian has to exert all his might”

नमस्‍कार,

पश्चि᠋म बंगाल के राज्‍यपाल सी वी आनंदबोस जी, मुख्यमंत्री आदरणीय ममता जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी अश्विनी वैष्‍णव जी, सुभाष सरकार जी, निसिथ प्रामाणिक जी, जॉन बारला जी, नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी जी, सांसद प्रसून जी, मंच पर विराजमान अन्य साथी, देवियों और सज्जनों!

आज मुझे आप सबके बीच रूबरू आना था, लेकिन मेरे निजी कारणों के कारण मैं आप सबके बीच नहीं आ पाया हूं, इसके लिए मैं आपकी, बंगाल की क्षमा चाहता हूं। बंगाल की पुण्य धरती को, कोलकाता की ऐतिहासिक धरती को आज मेरे लिए नमन करने का अवसर है। बंगाल के कण-कण में आजादी के आंदोलन का इतिहास समाहित है। जिस धरती से वंदे मातरम का जयघोष हुआ, वहां अभी वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई गई। आज 30 दिसंबर की तारीख का भी इतिहास में अपना बहुत महत्व है। 30 दिसम्बर, 1943, उस दिन ही नेताजी सुभाष ने अंडमान में तिरंगा फहराकर भारत की आजादी का बिगुल फूंका था।

इस घटना के 75 वर्ष होने पर साल 2018 में मैं अंडमान गया था, नेताजी के नाम पर एक द्वीप का नामकरण भी किया था। और अब इस समय देश आजादी के 75 वर्ष का पर्व मना रहा है, अमृत महोत्‍सव मना रहा है। इसी अमृत महोत्‍सव में देश ने 475 वंदे भारत ट्रेन शुरू करने का संकल्‍प लिया था। आज इसी में से एक हावड़ा-न्‍यू जलपाईगुड़ी वंदे भारत ट्रेन यहां कोलकाता से शुरू हुई है। आज ही रेलवे और मेट्रो की कनेक्टिविटी से जुड़े अन्‍य प्रोजेक्‍ट्स का भी लोकार्पण और शिलान्‍यास हुआ है। करीब 5 हजार करोड़ रुपये की लागत से जोका-बीबीडी बाग मेट्रो प्रोजेक्‍ट पर काम हो रहा है। इसमें से जोका-तारातला मेट्रो रूट बनकर तैयार हो गया है। इससे शहर के लोगों की Ease of Living और बढ़ेगी।

साथियों,

कुछ देर बाद ही मुझे गंगा जी की स्वच्छता और पीने के पानी से जुड़ी अनेक परियोजनाएं पश्चि᠋म बंगाल को सौंपने का अवसर मिलेगा। नमामि गंगे मिशन के तहत पश्चि᠋म बंगाल में सीवरेज के 25 से ज्यादा प्रोजेक्‍ट्स को मंजूरी दी गई है। इनमें से 11 प्रोजेक्ट पहले ही पूरे हो चुके हैं और 7 प्रोजेक्ट आज पूरे हो रहे हैं। आज डेढ़ हजार करोड़ की लागत से 5 नई परियोजनाओं पर काम भी शुरू हो रहा है। इसमें जो प्रमुख है, वो है आदि गंगा नदी का पुनरुद्धार। मुझे बताया गया है कि अभी आदि गंगा नदी की स्थिति दुर्भाग्य से बहुत खराब है। इसमें जो कूड़ा-कचरा गिरता है, सीवर का गंदा पानी गिरता है, उसकी सफाई के लिए 600 करोड़ रुपये से अधिक का आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है।

हम लोग अक्सर व्यक्ति के जीवन में Preventive Healthcare की बात तो करते रहते हैं और हम कहते हैं कि दिनचर्या वो होनी चाहिए कि बीमारी की नौबत ही न आए। ठीक इसी तरह नदी की गंदगी को साफ करने के साथ ही केंद्र सरकार prevention पर भी बहुत जोर दे रही है। और इस prevention का सबसे बड़ा और आधुनिक तरीका है, ज्यादा से ज्यादा आधुनिक Sewage Treatment प्लांट।

आने वाले 10-15 साल बाद की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए देश में आज ही आधुनिक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगवाए जा रहे हैं। आजादी के अमृतकाल में हमें Forward Looking सोच और अप्रोच के साथ देश को आगे ले जाना है।

साथियों,

इस 21वीं सदी में भारत के तेज विकास के लिए भारतीय रेलवे का भी तेज विकास, भारतीय रेलवे में तेज सुधार, ये सारी बातें बहुत जरूरी हैं। इसलिए आज केंद्र सरकार भारतीय रेलवे को आधुनिक बनाने के‍ लिए, रेलवे इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर को आधुनिक बनाने के लिए रिकॉर्ड investment कर रही है। आज भारत में भारतीय रेलवे के कायाकल्‍प का राष्‍ट्रव्‍यापी अभियान चल रहा है।

आज वंदे भारत, तेजस, हमसफर जैसी आधुनिक ट्रेनें देश में बन रही हैं। आज विस्टा–डोम कोचेज रेल यात्रियों को नए अनुभव करा रहे हैं। आज सुरक्षित, आधुनिक कोचेज की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि हो रही है। आज रेलवे स्‍टेशन को भी एयरपोर्ट की तरह विकसित किया जा रहा है। न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन भी इसी लिस्ट में शामिल है।

आज रेलवे लाइनों का दोहरीकरण, रेलवे लाइनों का बिजलीकरण जिस रफ्तार से हो रहा है, वो पहले कभी नहीं हुआ। देश में जो ईस्टर्न और वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बन रहे हैं, वो लॉजिस्टिक सेक्टर में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले हैं। सुरक्षा हो, स्वच्छता हो, सामर्थ्य हो, सामंजस्य हो, समय की पाबंदी हो, सहूलियत हो, भारतीय रेलवे आज एक नई पहचान बनाने की हम सबकी कोशिश रंग ला रही है।

बीते आठ वर्षो में भारतीय रेलवे ने आधुनिकता की नींव पर काम किया है। अब आने वाले आठ वर्ष में, हम भारतीय, भारतीय रेलवे को आधुनिकता की नई यात्रा पर निकलते हुए देखेंगे। भारत जैसे युवा देश के लिए भारतीय रेल भी युवा अवतार लेने जा रही है। और इसमें निश्चित तौर पर 475 से ज्यादा वंदे भारत ट्रेनों की बड़ी भूमिका होगी।

साथियों,

आजादी के बाद के सात दशकों में 20 हजार रूट किलोमीटर रेल लाइन का बिजलीकरण हुआ। वहीं 2014 में हमारी सरकार बनने के बाद बीते 7-8 वर्षो में ही 32 हजार रूट किलोमीटर से ज्यादा रेल लाइन का बिजलीकरण हो चुका है। ये है देश के काम करने की रफ्तार, रेलवे के आधुनिकीकरण की रफ्तार। और इस रफ्तार को तेज करने के लिए अब भारत में दुनिया के सबसे शक्तिशाली बिजली के रेल-इंजनों का भी तेजी से निर्माण हो रहा है।

साथियों,

आज के भारत की स्पीड और स्केल का एक और प्रमाण हमारा मेट्रो रेल सिस्टम है। कोलकाता के लोग जानते हैं कि दशकों से मेट्रो रेल, पब्लिक ट्रांसपोर्ट का कितना बेहतरीन माध्यम रही है। 2014 से पहले तक देश में कुल मेट्रो नेटवर्क 250 किलोमीटर से भी कम था। और इसमें भी सबसे बड़ी हिस्सेदारी दिल्ली-एनसीआर की ही थी। केंद्र सरकार ने इस स्थिति को भी बदला है, उसको बदलने का पूरा प्रयास किया है और बहुत तेजी से बदला है।

बीते 8 वर्षो में हमने मेट्रो का 2 दर्जन से अधिक शहरों तक विस्तार किया है। आज देश के अलग-अलग शहरों में लगभग 800 किलोमीटर ट्रैक पर मेट्रो चल रही है। 1000 किलोमीटर के नए मेट्रो रूट पर तेजी से काम चल रहा है। जोका-बीबीडी बाग मेट्रो परियोजना इसी संकल्प का हिस्सा है।

साथियों,

पिछली सदी के भारत की दो और बड़ी चुनौतियां रही हैं, जिन्होंने देश के विकास पर बहुत नकारात्मक असर डाला है। एक चुनौती रही इंफ्रास्ट्रक्चर के कार्यों में विभिन्न एजेंसियों में तालमेल की कमी। और दूसरी चुनौती रही, ट्रांसपोर्ट के विभिन्न साधनों में भी आपसी तालमेल का जीरो होना। इसका नतीजा ये हुआ कि सरकार के एक विभाग को पता ही नहीं होता था कि दूसरा विभाग कहां नया काम शुरू करने वाला है। इसका खामियाजा देश के ईमानदार टैक्सपेयर्स को उठाना पड़ता था।

देश का ईमानदार टैक्सपेयर हमेशा से सरकारी पैसे की बर्बादी से, परियोजनाओं में देरी से, भ्रष्टाचार से नफरत करता है। जब वो देखता है कि उसकी गाढ़ी कमाई से दिए हुए टैक्स से गरीब का नहीं बल्कि किसी भ्रष्टाचारी का भला हो रहा है, तो उसका खिन्न होना स्वाभाविक है।

पैसे की इसी बर्बादी को रोकने के लिए, विभागों में, सरकारों में तालमेल को बढ़ाने के लिए पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान लागू किया गया है। अब चाहे विभिन्न राज्य सरकारें हो, अलग-अलग सरकारी विभाग हों, कंस्ट्रक्शन से जुड़ी एजेंसियां हो, या इंडस्ट्री के लोग हों, सब एक ही प्लेटफॉर्म पर आ रहे हैं।

पीएम गतिशक्ति देश में ट्रांसपोर्ट के अलग-अलग माध्यमों को जोड़ने, मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी के काम को भी गति दे रहा है। आज देश में रिकॉर्ड तेजी से हाईवे बन रहे हैं, एयरपोर्ट्स बन रहे हैं, वॉटरवे बन रहे हैं, नए पोर्ट्स बन रहे हैं। और इसमें भी सबसे बड़ी बात ये कि इन्हें अब इस तरह तैयार किया जा रहा है कि ट्रांसपोर्ट का एक माध्यम, ट्रांसपोर्ट के दूसरे माध्यम को सपोर्ट करे। यानी हाईवे बेहतर तरीके से रेलवे स्टेशनों से कनेक्ट हो, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट्स से कनेक्ट हो, लोगों को ट्रांसपोर्टेशन के दौरान सीमलेस कनेक्टिविटी भी मिले।

साथियों,

21वीं सदी में तेजी से आगे बढ़ने के लिए हमें देश के सामर्थ्य का सही इस्तेमाल करना होगा। मैं देश के लोगों को वॉटरवेज का उदाहरण भी देना चाहता हूं। एक समय था, जब भारत में व्यापार-कारोबार और टूरिज्म के लिए वॉटरवेज का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता था। इसलिए कितने ही शहर, नदियों के किनारे बसे, नदियों के किनारे इतना औद्योगिक विकास हुआ। लेकिन इस सामर्थ्य को पहले सैकड़ों वर्षो की गुलामी और फिर आजादी के बाद की सरकारी उदासीनता ने तबाह कर दिया।

अब भारत अपनी इस जलशक्ति को बढ़ाने पर काम कर रहा है, देश में 100 से ज्यादा वॉटरवेज और विकसित किए जा रहे हैं। भारत की नदियों में आधुनिक क्रूज चलें, व्यापार भी हो, टूरिज्म भी हो, इस दिशा में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। केंद्र सरकार ने बांग्लादेश सरकार के सहयोग से गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों के बीच वॉटरवे लिंक स्थापित करने पर भी काम किया है।

मैं आज देश के लोगों को इससे जुड़ी भी एक जानकारी देना चाहता हूं। 13 जनवरी, 2023 को काशी से, वाराणसी से एक क्रूज जा रहा है, जो 3200 किलोमीटर लंबे वॉटरवे से होते हुए, बांग्लादेश से होते हुए, डिब्रूगढ़ तक पहुंचेगा। ये पूरे विश्व में अपनी तरह का अभूतपूर्व क्रूज होगा। ये भारत में बढ़ते क्रूज टूरिज्म का भी प्रतिबिंब बनेगा। मैं पश्चिम बंगाल के लोगों से भी आग्रह करूंगा कि इसका जरूर लाभ उठाएं।

वैसे आज मैं एक और बात के लिए विशेष तौर पर बंगाल के लोगों को नमन करना चाहता हूं। बंगाल के लोगों में देश की मिट्टी के प्रति जो प्रेम रहा है, उसका तो मैं हमेशा कायल रहा हूं। देश के विभिन्न हिस्सों को जानने के लिए, देश के विभिन्न हिस्सों में भ्रमण के लिए, बंगाल के लोगों में जो उत्साह होता है, वो अद्भुत होता है।

बहुत से लोग, पहला मौका मिलते ही किसी और देश में घूमने निकल जाते हैं, लेकिन बंगाल के लोग, हमेशा अपने देश को प्राथमिकता देते हैं। बंगाल के लोग, पर्यटन में भी Nation First की भावना को लेकर चलते हैं। और आज जब देश में कनेक्टिविटी बढ़ रही है, रेलवे-हाईवे-आईवे-वॉटरवे आधुनिक हो रहे हैं तो इससे Ease of Travel भी उतना ही बढ़ रहा है। इसका बड़ा लाभ बंगाल के लोगों को भी मिल रहा है।

साथियों,

गुरुदेव टैगोर द्वारा रचित प्रसिद्ध पंक्तियां हैं-

“ओ ओमार देशेर माटी, तोमार पौरे ठेकाई माथा”

यानि, हे मेरे देश की माटी, मैं तुम्हारे आगे अपना सिर झुकाता हूं। आजादी के इस अमृतकाल में, मातृभूमि को सर्वोपरि रखते हुए हमें मिलकर काम करना है। आज पूरी दुनिया भारत को बहुत भरोसे से देख रही है। इस भरोसे को बनाए रखने के लिए हर भारतीय को पूरी शक्ति लगा देनी है। हमें हर दिन का उपयोग राष्ट्र निर्माण में करना है, हर पल का उपयोग राष्ट्र निर्माण में करना है। देश सेवा के कार्यों में हमें रुकना नहीं है।

इन्हीं शब्दों के साथ मैं इन अनेक परियोजनाओं के लिए बंगाल को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। फिर एक बार आपका अभिवादन करता हूं। और मैं अपनी बात को समाप्त करता हूं।

बहुत-बहुत धन्यवाद !

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।