These elections in Bihar will change the fortune of the state: PM Modi #ParivartanRally
Bihar will lead the world in second green revolution: PM Modi #ParivartanRally
NDA’s vision - electricity, water & roads for people, medicine for elderly, education & jobs for youth: PM #ParivartanRally
The 'Mahaswarthbandhan' is arrogant and deceitful: PM Narendra Modi #ParivartanRally
The 'Mahaswarthbandhan' has four players, one is Lalu yadav, second is Nitish Kumar, third is Sonia Ganghi & fourth 'Tantrik': PM
The more mud you spread, more the Lotus will bloom: PM Modi #ParivartanRally
Loktantrik Nitish Kumar & Tantrik Lalu Yadav must answer that who made migrants of the youth of Bihar: PM #ParivartanRally

मंच पर विराजमान केंद्र में मंत्रिपरिषद के मेरे साथी श्रीमान गिरिराज सिंह जी, सांसद श्रीमान लालन पासवान जी, श्रीमान विश्वनाथ भगत जी, श्रीमान सत्यानन्द शर्मा जी, श्रीमान राजीव रंजन जी, हम पार्टी के श्रीमान विश्वजीत पासवान जी, श्री रविशंकर प्रसाद जी, श्री पी सी विद्यार्थी जी, श्रीमान राजू पासवान जी, श्रीमान छोटेलाल राजवंशी जी, श्री प्रेम रंजन पटेल जी, श्री भूपेन्द्र सहनी जी और इस चुनाव में आपके आशीर्वाद से जो इस विजय यात्रा को आगे बढ़ा रहे हैं, लोजपा के उम्मीदवार श्रीमान अरूण कुमार, लोजपा के उम्मीदवार श्रीमति दीपिका कुमारी, मोकामा से लोजपा के उम्मीदवार श्रीमान कन्हैया कुमार सिंह, नालंदा से भाजपा के उम्मीदवार श्रीमान कौशलेन्द्र कुमार, इस्लामपुर से भाजपा के उम्मीदवार श्रीमान वीरेन्द्र गोप, बख्तियारपुर से भाजपा के उम्मीदवार श्रीमान रणविजय सिंह, राजगीर से भाजपा के उम्मीदवार श्रीमान सत्यदेव नारायण आर्य, बिहारशरीफ से भाजपा के उम्मीदवार श्रीमान सुनील कुमार, अफसावा से लोजपा के उम्मीदवार श्रीमान छोटेलाल यादव, मेरे साथ बोलिये – भारत माता की जय

मुझे समझ नहीं आ रहा है कि एक सभा है कि चार सभाएं हैं। इस ताप में आज नालंदा ने कमाल कर दिया। चुनाव का नतीज़ा तो 8 तारीख को आएगा और उसके बाद उनका क्या होगा, ये सब जानते हैं लेकिन आज इस सभा की ख़बर सुनने के बाद लोकतांत्रिक नीतीश जी का क्या होगा। भाईयों-बहनों, ये बिहार की जनता की सूझ-बूझ है, ये मतदाताओं का राजनीतिक बड़प्पन है कि ये बड़ी आसानी से दूध का दूध और पानी का पानी कर सकते हैं। एक प्रकार से बिहार के नागरिकों की सोच राजहंस जैसी सोच है जो सच्चे मोती को परखने में पावरफुल है। मैं अभी जो माहौल देख रहा हूँ, ये सिर्फ़ चुनाव के विजय का, लोकतांत्रिक नीतीश जी या लालू जी के पराजय का माहौल नहीं है, ये सोनिया जी को दर्पण दिखाने का माहौल नहीं है, बल्कि ये माहौल उन लोगों को सजा देने का है जिन्होंने 60 साल तक बिहार को बर्बाद किया।

बिहार की जनता यह चुनाव किसी को पराजित करने के लिए नहीं बल्कि बिहार का भाग्य बदलने के लिए लड़ रही है और उन्होंने बिहार का भाग्य बदलने का फैसला कर लिया है। ये ऐसा इलाक़ा है जहाँ चाहे कोई भी हो, उसे नालंदा का पता होता है कि इसका कितना गौरवशाली इतिहास रहा है। हिन्दुस्तान का कोई बच्चा ऐसा नहीं होगा जिसने नालंदा के बारे में कभी सुना नहीं हो। आप कल्पना कर सकते हैं कि कितनी महान विरासत के आप धनी हैं जिस बिहार के पास नालंदा जैसी विरासत हो और जिस विरासत के कारण पूरा हिन्दुस्तान सदियों से सीना चौड़ा करके जी रहा हो, आजादी के बाद उस नालंदा की चिंता होनी चाहिए थी लेकिन सत्ता में डूबे लोगों को नालंदा की याद नहीं आई।

पूरा विश्व नालंदा की धरती पर ज्ञान की प्यास बुझाने आता था। दूर-सुदूर से लोग सालों तक यात्रा करके नालंदा आते थे और आखिरी तक ज्ञान पिपासा के लिए वो यही तक डूबे रहते थे लेकिन क्या हो गया जो नालंदा की यह धरती दुनिया को ज्ञान देती थी, बिहार के नौजवान को पढ़ने के लिए कहीं और जाना पड़ता है। शिक्षा के लिए उसे अपना नालंदा छोड़ना पड़ता है अपना गाँव, खेत-खलिहान, दोस्तों और अपने बूढ़े मां-बाप को छोड़ना पड़ता है। लोकतांत्रिक नीतीश जी को लगता है कि अब बिहार को सिर्फ़ तांत्रिक बचा सकता है। बिहार को तांत्रिकों की जरुरत नहीं है, इसे लोकतंत्र की ताकत ही बचा सकती है। बिहार के नौजवान में वो ताकत है और इसलिए बिहार को बचाने के लिए किसी जंतर-मंतर की जरुरत नहीं है।

आप बताएं कि बिहार के चुनाव का मुद्दा क्या होना चाहिए? लेकिन उनके भाषण में देखिए, कहते हैं, हम सफ़ेद कबूतर को काटेंगे, काले कबूतर को काटेंगे, क्या ये चुनाव का मुद्दा है? लोग पूछते हैं कि मोदी जी, नवराति के कारण पिछले 10 दिन आप बिहार गये नहीं, फिर भी नीतीश जी, लालू जी, दिन-रात आप पर कीचड़ क्यों उछाल रहे हैं, आप ही के पीछे क्यों पड़ गए हैं? इसका कारण है कि पिछले 20 साल से ये अगड़े-पिछड़े की राजनीति करते रहे, वे पिछड़ों के मसीहा बन गए, जातिवाद का जहर घोलते रहे और ये सपने देख रहे थे कि हम जो ये जहर लेकर निकले हैं, कभी न कभी हम प्रधानमंत्री बन जाएंगे। अब उनको परेशानी ये है कि 30 साल तक वे ये सब करते रहे और अचानक अति पिछड़ा और एक चाय वाले का बेटा प्रधानमंत्री कैसे बन गया। ये जहर इस बात का है कि एक गरीब परिवार का बेटा प्रधानमंत्री कैसे बन गया और इसलिए ये सभी मुझे अपमानित करते रहते हैं लेकिन मेरा कहना है कि आप जुल्म करके देखो, जनता हमारे साथ है और हम सेवा करके देखेंगे।

आजकल आरक्षण के नाम पर झूठ चलाया जा रहा है। मैं गुजरात में 14 साल मुख्यमंत्री रहा, मध्यप्रदेश में हम 15 साल से राज कर रहे हैं, हम झारखंड, छतीसगढ़, राजस्थान, महाराष्ट्र, गोवा, हरियाणा में राज कर रहे हैं, किसी भी आरक्षण को कोई खरोच तक नहीं आई। हमने समाज को हमेशा साथ लेकर चलने का प्रयास किया है दलित, पीड़ित, शोषित और वंचित, जिन्हें बाबा अम्बेडकर ने हक़ दिया है, उन्हें हम साथ लेकर चलते रहे हैं। हमने गरीबी और पिछड़ापन देखा है, इस परिस्थिति में कैसे गुजारा करना पड़ता है, इस दर्द को मैं जी चुका हूँ और इसलिए उसकी रक्षा के लिए बाबा अम्बेडकर ने जो दिया है, उसको कोई हाथ नहीं लगा सकता है।

अटल जी की सरकार इतने समय रही, कभी ऐसा हमने हाथ नहीं लगाया लेकिन वे झूठा प्रचार कर रहे हैं क्योंकि उनके पास विकास का मुद्दा नहीं है। इस चुनाव में उनको इस प्रकार की चीज़ें बनानी पड़ती है। ये पहला चुनाव ऐसा है जिसमें ये बड़े भाई-छोटे भाई ने 80 प्रतिशत चुनाव आउटसोर्स कर दिया है और ये आउटसोर्स हुआ है दिल्ली में। दिल्ली के एयर-कंडिशन्ड रूम में रोज नई-नई कथाएं गढ़ने वाले, भ्रम फ़ैलाने वाले और झूठ को प्रचलित करने वाला एक कॉन्ट्रैक्ट दिया है। सिर्फ़ 20 प्रतिशत ही चुनाव उनका बिहार में बचा है, 80 प्रतिशत वे आउटसोर्स कर चुके हैं। लोगों को भ्रमित करने का प्रयास करके ही ये खुद को भ्रमित कर रहे हैं। मैं बिहार का पानी पीता-पीता घूम रहा हूँ, मैं देख रहा हूँ कि ये जन सैलाब भाजपा और एनडीए की विजय का बिगुल बजा रहा है।

आप बताएं कि आज पूरे विश्व में हिन्दुस्तान का डंका बज रहा है कि नहीं? अमेरिका, जर्मनी, कनाडा, चीन, चारों तरफ हिन्दुस्तान की जय-जयकार हो रही है कि नहीं? ये मोदी के कारण नहीं हो रहा है बल्कि ये सवा सौ करोड़ देशवासियों के कारण हो रहा है। आज अगर दिल्ली में आपने हमें पूर्ण बहुमत नहीं दिया होता तो दुनिया में हिन्दुस्तान का डंका नहीं बज सकता था। ये डंका इसलिए बजता है क्योंकि देशवासियों ने 30 साल के बाद दिल्ली में पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाई है। दुनिया में कितना ही महान और ताक़तवर देश क्यों न हो, लेकिन उसका नेता जब मोदी से हाथ मिलाता है तो उसे मोदी नहीं बल्कि सवा सौ करोड़ हिन्दुस्तानी दिखाई देते हैं।

अगर आप बिहार का डंका बजाना चाहते हो तो दो-तिहाई बहुमत के साथ एनडीए की सरकार बनाईए। आप देखिये कि दुनिया को बिहार का लोहा मानना पड़ेगा, ये मेरा आपको विश्वास है। इस चुनाव में एक तरफ हम विकास की राजनीति लेकर आए हैं और दूसरी तरफ जंगलराज की राजनीति की बगावत हो रही है। आपको चुनना है कि आपको कौन सी राजनीति चाहिए। बड़े भाई-छोटे भाई ने 25 साल सरकार चलाई, उनको अपने काम का हिसाब देना चाहिए कि नहीं? इनके पास एक ही काम है – बस मोदी को गाली देना, क्या लोकतंत्र ऐसे चलता है?

जहाँ तक रही बात महास्वार्थबंधन की तो मैं सोच रहा था कि इसमें तीन लोग हैं, एक लालू जी, दूसरे लोकतांत्रिक नीतीश कुमार, तीसरे सोनिया जी लेकिन अब पता चला कि ये तीन लोगों का गठबंधन नहीं है, ये चार लोगों का गठबंधन है, एक है आरजेडी, दूसरा है जेडीयू, तीसरी है कांग्रेस, और चौथा है तांत्रिक। 18वीं सदी की सोच लेकर के 21वीं सदी का बिहार बनाया जा सकता है क्या? क्या जंतर-मंतर से बिहार बनेगा क्या? बिहार को इस 18वीं सदी की सोच से मुक्ति दिलानी है, आधुनिक दिशा में जाना है। हमें जंतर-मंतर नहीं बल्कि कंप्यूटर चाहिए; हमारे नौजवानों के हाथ में लैपटॉप होना चाहिए न कि ताबीज। इसलिए मैं कहने आया हूँ कि हम बिहार को अगड़ा बनाना चाहते हैं। ये पिछड़ा बिहार का कलंक हमें मिटाना है और मैं अगड़े बिहार की लड़ाई के लिए आपके साथ खड़ा हूँ।

हमने 1 लाख 25 हज़ार करोड़ रूपये का विकास पैकेज दिया। लालू जी के युवराज को कहा जाए कि 1 लाख 25 हज़ार करोड़ रूपये लिखो, तो उसमें कितने जीरो होते हैं, उन्हें ये भी नहीं पता। जिनको 1 लाख 25 हज़ार करोड़ रूपया लिखना नहीं आता, वे इतने पैसों से विकास कार्य कर पाएंगे क्या? हमने कुल मिलाकर 1 लाख 65 हज़ार करोड़ रूपये का विकास पैकेज दिया, इससे बिहार का भाग्य बदलेगा कि नहीं?

हमारे लोकतांत्रिक नीतीश कुमार कहते हैं कि ये गठबंधन बहुत पवित्र है। नीतीश कुमार ने लालू जी को एक चिट्ठी लिखी थी। नीतीश कुमार ने लालू जी पर भ्रष्टाचार जातिवाद, संप्रदायवाद, कुशासन के कितने गंभीर आरोप लगाए थे। इन दोनों को पहचानने के लिए इससे ज्यादा किसी और सबूत की जरुरत है क्या? महास्वार्थबंधन की तीन पहचान है – दंभ, दगा और दमन यही इनकी पहचान है। बिहार में दमन की राजनीति का दौर ख़त्म। आज बिहार के नौजवानों और नागरिकों से मैं अनुरोध करने आया हूँ कि आप विकास के लिए मतदान कीजिये।

बिहार के लिए विकास का मेरा छह-सूत्रीय कार्यक्रम है – बिहार राज्य की भलाई के लिए तीन सूत्र है, बिजली, पानी एवं सड़क; बिहार के परिवारों के लिए तीन सूत्र है, पढ़ाई, कमाई और बुजुर्गों को दवाई। मेरे भाईयों-बहनों, विकास के इस छह-सूत्रीय कार्यक्रम को लेकर मैं आपके पास आया हूँ। लोकतांत्रिक नीतीश कुमार कहते हैं कि मोदी बाहरी हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूँ कि बिहार के नौजवानों को बिहार से बाहर किसने धकेल दिया, उन्हें किसने मजबूर किया? आपने मेरे बिहार के नौजवान को बाहरी बना दिया है। हम बिहार के नौजवानों को बाहरी बनाना नहीं चाहते, वो बिहार के भाग्य निर्माता बनें, हम इस दिशा में काम करना चाहते हैं। यहाँ उद्योग-धंधे हो, रोजगार के अवसर हों और इसलिए मेरे नौजवानों, पूरी ताकत से मतदान कीजिये, 25 साल से बैठे कुशासकों को भयंकर से भयंकर सजा दीजिए।

हिमालय में जब बर्फबारी होती है तो बिहार में तुरंत ठंड आती है। जो हिमालय में होता है, उसका असर बिहार पर तुरंत होता है। अभी कुछ दिनों पहले जम्मू-कश्मीर, लेह-लद्दाख में चुनाव में बाकि सभी राजनीतिक पार्टियां साफ़ हो गई अकेली भाजपा रह गई। जिस कांग्रेस के पास 22 सीटें थी, वो 5 पर आ गई। ये विजय की हवा बह रही है जो बिहार में भी पहुँच गई है। लद्दाख दिवाली माना रहा है और इस बार 8 तारीख को बिहार दो-दो दिवाली मनाएगा। लालू जी और नीतीश जी समझ लें कि आप जितना कीचड़ उछालोगे, कमल उतना ही ज्यादा खिलने वाला है। मेरे साथ दोनों मुट्ठी बंद करके पूरी ताकत से बोलिये -   

भारत माता की जय! भारत माता की जय! भारत माता की जय!       

बहुत-बहुत धन्यवाद!

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Text Of Prime Minister Narendra Modi addresses BJP Karyakartas at Party Headquarters
November 23, 2024
Today, Maharashtra has witnessed the triumph of development, good governance, and genuine social justice: PM Modi to BJP Karyakartas
The people of Maharashtra have given the BJP many more seats than the Congress and its allies combined, says PM Modi at BJP HQ
Maharashtra has broken all records. It is the biggest win for any party or pre-poll alliance in the last 50 years, says PM Modi
‘Ek Hain Toh Safe Hain’ has become the 'maha-mantra' of the country, says PM Modi while addressing the BJP Karyakartas at party HQ
Maharashtra has become sixth state in the country that has given mandate to BJP for third consecutive time: PM Modi

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।