We are not merely reforming India but are transforming India: PM Modi
An India free from poverty, terrorism, corruption, communalism, casteism is being created: PM
Good infrastructure is no longer about roads and rail only. It includes several other aspects that bring a qualitative change in society: PM
We have not shied away from taking decisions that are tough. For us, the nation is bigger than politics: PM
In addition to infrastructure, we are focussing on infraculture, which will help our hardworking farmers: PM Modi

म्‍यांमार में रहने वाले मेरे भारतीय और भारतीय मूल के मेरे प्‍यारे भाइयो और बहनो, नमस्‍कार।

अभी-अभी आप सबने गणेश चतुर्थी का त्‍योहार मनाया, ईद मनाई; आप सभी को इन त्‍योहारों की मेरी तरफ से बहुत-बहुत शुभकामनाएँ। आशा करता हूँ ये त्‍योहार आपके लिए बहुत सुख, समृद्धि और शांति लाएँ।

I am very happy to be here with you today. मेरी बहुत इच्‍छा थी कि मैं इस historical और spiritual शहर में आऊँ, इच्‍छा थी कि देखूं इस Yangon को जो अपनी विरासत के लिए दुनिया भर में मशहूर है। जिसका भारत के साथ सदियों पुराना नाता भी है। और यहाँ at this historical and spiritual gateway to the East आप लोगों से मिलूं, आप सबसे, जिन्‍होंने भारत और म्‍यांमार, दोनों देशों को अपने दिलों में समेटा हुआ है। मैं यहां अपने सामने एक लघु, एक mini India के मैं दर्शन कर रहा हूं। भारत के अलग-अलग क्षेत्रों से आए हुए आप लोग एक महान राष्‍ट्र के दिल में एक दूसरे महान राष्‍ट्र की धड़कन के रूप में जी रहे हैं। आप लोगों से मिलकर मुझे और भी खुशी हो रही है, क्‍योंकि आप के रूप में मैं एक ही जगह उन परम्‍पराओं और सांस्‍कृतिक विरासत को देख रहा हूं, जिन्‍हें गंगा, गोदावरी, कृष्‍णा, कावेरी, ब्रह्मपुत्र और इरावती जैसी उदार माताओं ने अपने आंचल में पाला है।

You represent thousands of years of the shared culture and civilization, geography and history, aspirations and achievements of the great sons and daughters of India and Myanmar.   

हजारों वर्षों से भारत और म्‍यांमार की सिर्फ सीमाएं ही नहीं, बल्कि भावनाएं भी एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं। भारत में म्‍यांमार को ब्रह्मदेश या भगवान ब्रह्मा की धरती भी कहा जाता है। साथियो, ये वो पवित्र धरती है जिसने बुद्ध को सहेजा है, उनकी शिक्षाओं को संवारा है। यहां के बौद्ध ग्रंथों और भिक्षुओं ने हिन्‍दुस्‍तान के कोने-कोने में, भारत के सभी राज्‍यों के साथ सैंकड़ों साल से भी ज्‍यादा एक अटूट रिश्‍ते को पाला-पोसा है, जिसमें न केवल धर्म, बल्कि पाली भाषा, साहित्‍य और शिक्षा भी शामिल रहे हैं। भारत को और विश्‍व को म्‍यांमार की पुण्‍य भूमि में स्‍वर्गीय गोयनका जी के माध्‍यम से विपासना का उपहार दिया है। और मुझे खुशी है कि उनके सुपुत्र आज हमारे बीच हैं।

म्‍यांमार में भी आज भी, रामायण को यामा के नाम से पेश किया जाता है, विद्या की देवी सरस्‍वती को आप लोग थरूथरी के नाम पर से पूजते हैं और शिव को परविजवा, विष्‍णु को विथानो कहते हैं।

भारत के स्‍वतंत्रता आंदोलन का इतिहास बिना म्‍यांमार को नमन किए बिना पूरा कभी नहीं हो सकता है। ये वो पवित्र धरती है, जहां से सुभाषचंद्र बोस ने गरज करके कहा था, ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्‍हें आजादी दूंगा।‘उनका ये नारा सुनकर भारत को अपनी जान से भी ज्‍यादा प्‍यार करने वाले हजारों, लाखों नौजवान और यु‍वतियां अपनी जान की परवाह किए बिना, भारत में और भारत के बाहर आजाद हिन्‍द फौज को सहयोग देने के लिए चल दिए थे। और मुझे भी आज उस आजाद हिन्‍द फौज के कुछ उस समय के जिनकी जवानी लगाई थी, अब तो काफी बुजुर्ग हुए; उनके दर्शन का, उनके आशीर्वाद का मुझे आज यहां पर सौभाग्‍य मिला है। जब नेताजी ने यहां आजाद हिन्‍द सरकार का एलान किया, तो भारत में अंग्रेजी शासन की जड़ें हिल गई थीं। ये वो पवित्र धरती है जहां की Manle Jail में 6 साल कैद रहते हुए बाल गंगाधर तिलक, लोकमान्‍य तिलक जी ने गीता रहस्‍य की रचना की थी। ये वो पवित्र धरती है, जहां पर महात्‍मा गांधी, लाला लाजपतराय, गुरुवर रविन्‍द्रनाथ टैगोर जैसे महा-मानवों ने कई बार इनके चरण इस धरती पर पड़़े थे।

जब विदेशी ताकतों से भारत को स्‍वतंत्र कराने के लिए देश के वीर सपूतों को अपना घर छोड़ना पड़ता था तो म्‍यांमार ही उनका दूसरा घर बन जाता था। 1857 के पहले स्‍वातंत्र्य संग्राम के बाद बादशाह बहादुरशाह जफर को दो गज जमीन भी इसी धरती पर मिली थी।

मैं जब भी किसी देश में जाता हूं तो भारतीय समुदाय से मिलकर उनके आशीर्वाद पाने का मुझे अवसर मिलता है। पिछले दिनों जब मैं श्रीलंका यात्रा के दौरान जाफना गया। ऐसे पहली बार हुआ कि कोई भारतीय प्रधानमंत्री जाफना गया। वहां मैं तमिल मूल के लोगों से मिला। उनके लिए भारत की सहायता से बनाए घर उन्‍हें सौंपने का सौभाग्‍य भी मुझे मिला। इस साल मई में जब दोबारा बुद्ध पूर्णिमा के समय मुझे  श्रीलंका जाने का अवसर मिला, इंटरनेशनल समारोह में भाग लेने के लिए मुझे निमंत्रण मिला था। तब मैं Central Sri Lanka के तमिल भाई-बहनों से भी मिला। वहां भारत की मदद से बने एक हॉस्पिटल का inauguration करने के बाद हजारों लोगों ने आकर मुझे इतना प्‍यार दिया, कि मुझे वो दिन कभी भी नहीं भूल सकता। मेरे तमिल भाइयों ने श्रीलंका की धरती पर इतना प्‍यार दिया। मैं साउथ अरेबिया में गया, Construction Works हों, या कीनिया में किसान और व्‍यापारी हो, या सिलिकोन वैली में सियोद हों, विदेशों में रह रहे भारतीयों और Indian Origin  के लोगों से मिलकर मुझे अपनापन महसूस होता है। एक प्रकार से ये हमारे सरकारी व्‍यवस्‍था में राजदूत होते हैं, आप सब हमारे राष्‍ट्रदूत हैं। और आप पर गर्व भी होता है कि जहां आप रहते हैं, आपने वहां development और harmony को तो बढ़ाया ही है, आपने अपने भारतीय संस्‍कार और मूल्‍य भी संजो करके रखे हैं; और ये बहुत बड़ी बात होती है।

United Nations में तीन साल पहले भारत के initiative पर अंतर्राष्‍ट्रीय योगा दिवस का प्रस्ताव record time में record sport के साथ पारित हुआ।पिछले तीन साल से दुनियाभर में 21 जून, International Yoga Day के तौर पर व्‍यापक रूप से मनाया जा रहा है और जब योगा की बात आती है, तो भारत का स्‍मरण स्‍वाभाविक होता है।

This global recognition of Yoga is your achievement because it was taken to all corners  of the world by the people of India.

आपका भारत से bond सिर्फ भावात्‍मक नहीं है, आप भारत के विकास से भी ठोस रूप से जुड़े रहे हैं। अनेक प्रवासी भारतीय अब भारत के विकास में सहयोग दे रहे हैं। वे अपने या अपने पुरखों केstates में development projects में सहयोग कर रहे हैं। युवा वर्ग तो और भी अधिक active है। न सिर्फ social media के माध्यम से regular engagement है, बल्कि भारत के बारे में जानने की उनकी इच्‍छा भी दिनों-दिन बढ़ती चली जा रही है, और अधिक strong होती जा रही है। गत वर्ष हमने प्रवासी youth के लिए Know India, भारत को जानो, quiz प्रतियोगिता का आयोजन किया था, quiz competition,और ये निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। और मुझे ये जान करके खुशी भी हुई और आश्‍चर्य भी हुआ, इसमें लगभग 100 देशों के प्रवासी भारतीय युवाओं ने हिस्‍सा लिया। यानी वो देश जहां पर second generation, third generation Indian बच्‍चे हैं, उन्‍होंने इसमें बढ़-चढ़कर भाग लिया।

When I meet you, I also feel that communication of our people living in foreign countries  with government authorities in India is not a one-way traffic any more.

यहां आने से पहले मैंने आप लोगों से Narender Modi App के माध्‍यम से सुझाव मांगे थे। मुझे खुशी है, कि आप लोगों ने बहुत अच्‍छे सुझाव मुझे भेजे हैं और मैं इसके लिए आपका आभारी हूं।

मेरी सरकार के पहले दिन से ही प्रवासी भारतीयों का welfare, ये हमारी priorityमेंहै। OCI और PIO Schemes को merge करना, Long term Visa वालों को Police Reporting से मुक्ति दिलाना, पासपोर्ट मिलने में आसानी होना, Indian Community Welfare Fund का उचित और efficient प्रयोग, प्रवासी भारतीय दिवस को re-energies करना, और विश्‍व के अलग-अलग हिस्‍सों में क्षेत्रीय प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन; ऐसे अनेक कदम हमने प्रवासी भारतीयों की आवश्‍यकताओं और feedback को ध्‍यान में रखते हुए उठाया है। और मैं नहीं समझता, कि किसी अन्‍य देश के विदेश मंत्री, विदेश में बसे या फंसे अपने देश के लोगों के दु:ख-दर्द को लेकर इतने active हैं, जितनी कि भारत की हमारी विदेश मंत्री, सुषमा स्‍वराज हैं।

पूरी दुनिया में किसी भारतीय नागरिक को, या भारतीय मूल के प्रवासी को किसी भी प्रकार की समस्‍या होती है, तो बिना हिचक वे सुषमा जी से twitter पर संपर्क करते हैं, उनकी समस्‍या का समाधान हो जाता है। मेरा भी यही संदेश है आप सब लोगों को कि पासपोर्ट की समस्‍या हो या Visa की, या परदेश में legal assistance की, भारत की Embassy के दरवाजे भारतीय समाज के लिए 24x7 = 365 days, खुले हैं।

साथियो, भारत को आज दुनिया में सम्‍मान की निगाह से देखा जा रहा है तो उसका कारण, उसका कारण, उसका कारण आप हैं, आप भारत के सच्‍चे राष्‍ट्रदूत हैं, और उसका कारण ये है कि भारत बहुत तेजी से बदल रहा है, आगे बढ़ रहा है।

We are not merely reforming our country, we are transforming India.  We are not merely changing India, we are building a new India. We celebrated 70 years of India’s Independence, last month. After five years, in 2022 it will be seventy five years of India’s Independence. We have pledged to build will a new India by the time Independent India turns 75 years.

हमने संकल्‍प किया है कि हम गरीबी-मुक्‍त, आतंकवाद-मुक्‍त, communalism free, जातिवाद-मुक्‍त, भ्रष्‍टाचार-मुक्‍त, clean India बनाएंगे और बना करके ही रहेंगे। मैं आपसे भी यही कहूंगा कि New India Website पर आप भी इस महा-मिशन में शामिल हों।

साथियों, मेरा मानना है कि 19वीं शताब्‍दी, 19वीं सदी की design पर 21वीं सदी का Infrastructure नहीं चल सकता है। और Infrastructure का मतलब सिर्फ सड़कें बनाना और rail network बिछाना ही नहीं होता। 21वीं सदी के Infrastructure का आधार हर वो चीज है, जो लोगों को आधुनिक technique से connect करे, उनकी जिंदगी में बदलाव लाए, Quality of life में change लाए। पूरी दुनिया में Solar Energy बढ़ाने का सबसे बड़ा कार्यक्रम आज भारत में चल रहा है।

आज भारत में रेलवे, सड़क, एयरपोर्ट पर जितना निवेश किया जा रहा है, उतना पहले कभी नहीं किया गया। देश की हर ग्राम पंचायत का optical fiber बिछाकर जोड़ने का काम बहुत तेज गति से आगे बढ़ रहा है। समंदर के किनारे बसे शहरों और ports को विकसित करने के लिए सागरमाला परियोजना तेज गति से आगे बढ़ रही है।

मैं समझता हूं इन प्रयासों से देश में Infrastructure के साथ एक नया Infracultureभी विकसित होगा। और उसका एक और अभिन्‍न हिस्‍सा होगा agriculture. हमारी सरकार भारत के किसानों की आमदनी double करने के लक्ष्‍य पर काम कर रही है। इसके लिए बीज से बाजार तक हम अनेक कदम उठा रहे हैं, जैसे- Soil health card, neem coated यूरिया, micro irrigation, crop insurance, food processing parks, cold storage chain, ढेर सारी बातें मैं गिना सकता हूं। Green और White Revolution की तरह हम सब Green Revolution  से परिचित हैं, White Revolution से परिचित हैं। लेकिन अब दो और revolutionका भी, पर भी हमारा बल है, एक है blue revolution और दूसरा है Sweet Revolution. जब मैं blue revolution कहता हूं तब सिर्फ मछुआरों के लिए, भला हो ऐसा नहीं है, सामुद्रिक सामर्थ्‍य का भी एक नया युग आरंभ हुआ है। उसी प्रकार से Sweet Revolution, यानी मधुमक्‍खी पालन से भी शहद के द्वारा बहुत बड़़ी आय की भी संभावनाओं को हम तराश रहे हैं, प्रयास कर रहे हैं।

साथ ही हम देश के हित में बड़े, बड़े और कड़े; देश के हित में हम बड़े और कड़े फैसले लेने से जरा भी घबराते नहीं हैं। और ये इसलिए कर पाते हैं, कि हमारे लिए दल से बड़ा देश है। हमारे लिए देश सब कुछ है। चाहे surgical strike हो या नोटबंदी, या GST, इस सरकार ने देश के हित में हर फैसला बिना किसी डर या संकोच से लिया है।

जब अर्थव्‍यवस्‍था और उसको काले धन और भ्रष्‍टाचार से मुक्ति दिलाने के लिए कड़ा फैसला लेने की आवश्‍यकता हुई तो 1000 और 500 रुपये के नोट बंद करने का फैसला भी हम ले पाए। मुट्ठीभर कुछ लोगों के भ्रष्‍टाचार की कीमत अब देश के सवा सौ करोड़ लोग उठा रहे थे, ये हमें मंजूर नहीं है। बेईमानी के पैसे की ये ताकत थी, वो कहां से आ रहा है, किसके पास जा रहा है; ये कागज पर नजर नहीं आता था। काले धन का कोई address नहीं होता है।

साथियो नोटबंदी के बाद अब ऐसे लाखों लोगों के बारे में पता चला है जिनके account में करोड़ों, अरबों रुपये जमा हैं, लेकिन उन्‍होंने कभी income tax return नहीं भरा था। ऐसी लाखों कम्‍पनियों का भी पता चला है जो सिर्फ काले धन को इधर से उधर करने का ही काम कर रही थीं। सिर्फ तीन महीने में, मेरे प्‍यारे देशवासियो, आपको जान करके संतोष होगा, सिर्फ तीन महीने में दो लाख से ज्‍यादा कम्‍‍पनियों का registration रद्द किया जा चुका है, और उनके bank account भी freeze कर दिए गए हैं।

अभी दो महीने पहले ही देश में GST लागू किया गया है। मैं GST को simple भाषा में Good  and Simple Tax कहता हूं। GST से भी देश में ईमानदारी के साथ कारोबार करने का नया culture पैदा हो रहा है। जितने व्‍यापारी पिछले 6 साल में देश के tax system से नहीं जुड़े थे, उतने GST लागू होने के बाद सिर्फ दो महीने में जुड़ चुके हैं। जो काम 6 साल में होता है, वो सिर्फ 60 दिन में हो जाए; ये अपने-आप में काम कैसे हो रहा है, उसका उदाहरण है। पिछले तीन वर्षों में भारत में परिवर्तन के एक बड़े दौर की शुरूआत हुई, minimum government, maximum governance के सिद्धांत पर चलते हुए तमाम प्रक्रियाओं को आसान बनाया जा रहा है, simplify किया जा रहा है, कानून बदले जा रहे हैं, ease of doing business के लिए नियम सरल किए जा रहे हैं, देश के लोगों में ये भरोसा लौटा है कि भारत बदल सकता है, आगे बढ़ सकता है, दशकों पुरानी जिन बुराइयों ने भारत को जकड़ करके रखा है, उनसे अब भारत मुक्‍त हो सकता है, ये भरोसा देशवासियों में पैदा हुआ है।

साथियो, भारत अपने विकास का लाभ सिर्फ खुद तक नहीं रखता है। अगर हमारे पास जो है, उसे हम मिलकर, बांटकर खाएं, तो उसका आनंद कई गुना बढ़ जाता है। अफ्रीका हो या साउथ एशिया, या पैसेफिक आईलैंड, हमारी क्षमताएं, हमारा अनुभव, हम सभी developing देशों के साथ खुले मन से share करते थे। 2014 में मैंने South Asian satellite का वायदा किया था। और इस साल हमने इसे launch कर दिया है। भारत का ही नहीं, सभी पड़ोसी देश जो इससे जुड़े हैं, उन्‍हें भी इस satellite का लाभ मिल रहा है।

Natural disaster या किसी अन्‍य प्रकार की crisis के समय भी हम first responders रहे हैं, न सिर्फ भारतीयों के लिए बल्कि हर किसी के लिए, जिसकी हम सहायता कर सकते हैं; हमने करने में पहल की है, प्रयास किया है। और जब हम ऐसी मदद करते हैं तो हम कभी पासपोर्ट का रंग नहीं पूछा करते। नेपाल में भूकंप आया, मालदीव में अचानक पानी की समस्‍या आ गई, फिजी के अंदर समुद्री तूफान आ गया, पश्चिम एशिया में हिंसा के इलाकों में हजारों भारतीयों, विदेशियों का evacuation की बात हो, म्‍यांमार में  cyclone के बाद राहत और re-habilitation के लिए सहायता करने में हमने एक अच्‍छे पड़ोसी का कर्तव्‍य निभाया है।

सा‍थियो, वसुदेव कुटुम्‍बकम, यानी के whole world is a family, ये विचारधारा हमारी परम्‍परा है और हमें इसे पर गर्व है; ये हमारी रगों में है। आज सारी दुनिया भारत को third leader के रूप में पहचानना शुरू किया है। अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस का प्रस्‍ताव हो या International Solar Alliance की नई पहल हो, या BRICS की अगले 10 वर्षों की golden decade की विचारधारा; आज भारत की आवाज विश्‍व में सुनाई देती है, गूंज सुनाई देती है। एक नए प्रकार का भरोसा है, विश्‍व को; भारत के प्रति एक नई आशा जगी है।

भाइयो और बहनों, भारत उत्‍तर-पूर्व के राज्‍यों को South-East Asia को Gateway मानता है। और इस Gateway का दरवाजा म्‍यांमार की तरफ ही खुलता है। और इसलिए भारत इस Gateway को जोड़ने वाली सड़कों पर तेज गति से काम कर रहा है। कुछ महीनों पहले 1600 करोड़ रुपये के Imphal-Moreh section को upgrade करने का काम हमने मंजूर कर दिया है। Moreh में एक integrated check post भी बनाया जा रहा है। इस project के बाद मणिपुर और म्‍यांमार के बीच व्‍यापार और लोगों का आना-जाना भी आसान हो जाएगा। हमने Sittwe Port तदा Paletwa inland water terminalपर भी काम पूरा करके Kaladan project में निरंतर और प्रत्‍यक्ष प्रगति की है। रोड कम्‍पोटेंट पर काम शुरू हो चुका है। मुझे कोई संदेह नहीं कि ये transport corridor आसपास के क्षेत्रों को development corridor में बदल के ही रहेगा, ऐसा मेरा विश्‍वास है। Upper म्‍यांमार की जरूरत को पूरा करने के लिए भारत से high speed diesel ट्रकों द्वारा आना शुरू हो चुका है। हम border crossing agreement तथा motor vehicles agreement करके तथा power और energy trading को और अधिक बढ़ावा देकर आपसी सहयोग को कई गुना बढ़ाना चाहते हैं। हमने अपने development co-operation और capacity building partnership के माध्‍यम से जो कुछ भी हासिल किया है उस पर आज भारत को गर्व है, नाज है।

भारत का लोकतांत्रिक अनुभव हम म्‍यांमार के साथshare कर रहे हैं। हमारे people to people तथा social culture संबंध हमारी सबसे बड़ी धरोहर हैं, और इन्‍हें मजबूत करने के लिए हमने भारत आने के इच्‍छुक म्‍यांमार के सभी नागरिकों को, म्‍यांमार के सभी नागरिकों को gratis visa देने का निर्णय कर लिया है। हमने म्‍यांमार के 40 मछुआरों को रिहा करने का निर्णय भी कर लिया है, जो इस समय भारत की जेलों में बंद हैं। हम आशा करते हैं कि वे जल्‍द ही म्‍यांमार में अपने परिवारों से फिर से मिल पाएंगे।

आज मैं Bagan में Ananda Temple गया था। Ananda Temple एवं अन्‍य ऐतिहासिक व सांस्‍कृतिक इमारतों में पिछले साल के भूकंप से हुए नुकसान के बाद भारत के सहयोग से renovation हो रहा है। भारत और म्‍यांमार के बीच इतने ऐतिहासिक संबंध हैं कि उनकी जानकारी एक बहुत बड़ा विषय है, और मेरा मानना है कि आने वाली पीढ़ियों को भी इनकी जानकारी रहनी चाहिए। इस संबंध में मिलकर रिसर्च के प्रयास होने चाहिए।

मैंने यहां अपनी बातचीत में सरकार के समक्ष एक प्रस्‍ताव रखा है। INA Memorial का survey हम एक साथ कर सकते हैं। एक joint history project की स्‍थापना की जा सकती है, इसे दोनों देशों के बीच people to people contact और मजबूत होंगे।

मुझे आपको बताते खुशी है कि हमने National Registration Card के आधार पर OCI देने का निर्णय ले लिया है। दोनों देशों के बीच सांस्‍कृतिक संबंधों को और मजबूती देने के लिए Indian Council for Cultural Relations की scholarship की संख्‍या में बढ़ोत्‍तरी करने का भी फैसला भारत सरकार ने कर लिया है।

Friends, मैंने एक बार कहीं पढ़ा था कि भारत और म्‍यांमार के रिश्‍तों का आधार 5B है, 5B. यानी कि Buddhism, Business, Bollywood, bharatnatyam और Burma Teak. लेकिन मुझे लगता है कि इसमें सबसे महत्‍वपूर्ण B छूट गया है। और यह B है भरोसा, भारत और म्‍यांमार का एक-दूसरे पर भरोसा। इस भरोसे की बुनियाद सैंकड़ों वर्षों में मजबूत हुई है, और समय के साथ और मजबूत होती जा रही है।

भाइयो और बहनों, सबका साथ-सबका विकास के जिस मंत्र पर हमारी सरकार चल रही है, वो सीमाओं में बंधा हुआ नहीं है। सबका साथ-यानी हर देश का साथ, सबका विकास-यानी हर देश का विकास। भारत विकास के कार्यों में म्‍यांमार के साथ-साथ चलने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

आप इसमें, आपके आशीर्वाद के लिए मैं आपको फिर नमन करता हूं। आपके दर्शन करने का सौभाग्‍य मिला, आप सबका बहुत-बहुत धन्‍यवाद। इतनी बड़ी संख्‍या में आप लोग आए, देश की बातें सुनने के लिए, देश के साथ लगाव के कारण, देश के साथ जुड़ने के इरादे से, इतनी बड़ी तादाद में आप आए। मैं फिर एक बार हृदयपूर्वक आपका आभार व्‍यक्‍त करता हूं, इस धरती को नमन करता हूं, आप सबको नमन करता हूं। बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

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Prime Minister lauds the passing of amendments proposed to Oilfields (Regulation and Development) Act 1948
December 03, 2024

The Prime Minister Shri Narendra Modi lauded the passing of amendments proposed to Oilfields (Regulation and Development) Act 1948 in Rajya Sabha today. He remarked that it was an important legislation which will boost energy security and also contribute to a prosperous India.

Responding to a post on X by Union Minister Shri Hardeep Singh Puri, Shri Modi wrote:

“This is an important legislation which will boost energy security and also contribute to a prosperous India.”