Your dreams are my resolve and for this 24/7 for 2047: PM Modi in Saran

Published By : Admin | May 13, 2024 | 11:00 IST
PM Modi says, "Aapka yeh Modi, yeh aapka sevak hain. Your dreams are my resolve and for this 24/7 for 2047”
INDI Alliance considering 'one year, one PM formula', says PM Modi in Saran as they are now daydreaming like 'Mungerilal’

भारत माता की।

भारत माता की।

भारत माता की।

मां गंगा, आमी माता आ बाबा हरिहरनाथ के इ पवित्र भूमि के हम नमन करतानी। मैं देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद, लोकनायक जयप्रकाश नारायण और भिखारी ठाकुर की इस भूमि को नमन करता हूं। सारण का ये स्नेह मेरे सिर आंखों पर है। आज आपका उत्साह सातवें आसमान पर है। इस आशीर्वाद के लिए मैं आपका बहुत आभारी हूं, मैं आपका कर्जदार हूं। सबसे पहले तो मैं आप सबसे क्षमा मांगना चाहता हूं, हमारे साथियों ने, हमारे भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने यह जो पंडाल बनाया है यह व्यवस्था बहुत छोटी पड़ गई और मैं देख रहा हूं इससे ज्यादा लोग बाहर धूप में तप रहे हैं। जो धूप में तप रहे हैं जिनको यह असुविधा हुई इसके लिए मैं उनसे क्षमा मांगता हूं लेकिन मैं उनको विश्वास दिलाता हूं मैं उनकी ये तपस्या बेकार नहीं जाने दूंगा। आपका प्यार, आपके आशीर्वाद और आपकी ये तपस्या मैं इस क्षेत्र का विकास करके आपकी तपस्या को जरूर लौटाऊंगा।

साथियों,

ये चुनाव विकसित भारत के संकल्प का चुनाव है। आज दुनिया में भारत की साख भी है और भारत की धाक भी है। भारत की साख और धाक, मैं जरा आपसे पूछना चाहता हूं जब मैं कहता हूं कि भारत की साख भी है और भारत की धाक भी है। आप मुझे बताइए यह साख और धाक है कि नहीं है। सब के सब जरा जवाब देंगे तो मुझे पता चलेगा कि मेरी आवाज पहुंच रही है। साख और धाक है कि नहीं है। दुनिया भर में है नहीं है। भारत का ये रुतबा बढे यह आपको अच्छा लगेगा कि नहीं लगेगा। भारत का रुतबा बढ़े आपको अच्छा लगेगा कि नहीं लगेगा। रुतबा बढ़ाने के लिए यह चुनाव है। यह चुनाव देश की साख देश की धाक और देश का रुतबा बढ़ाने के लिए है। और जिसके लिए हर हिंदुस्तानी को गर्व होता है आपको भी गर्व होता है। साथियों, हमने अभी चंद्रमा पर तिरंगा फहराया है, भारत अन्तरिक्ष में इससे भी आगे जाये, भारत विकास की नई ऊंचाइयों को छुये, ये चौबीस के इस चुनाव से तय होने वाला है और आपने देखा होगा हम तो जमीन से जुड़े इंसान हैं तो चंद्रमा पर भी हमने नाम क्या रख दिया शिव शक्ति रख दिया।

भाइयों बहनों,

आपका ये मोदी, आपका सेवक है। और सेवक भी मामूली नहीं है यह 24x7 ऐसा सेवक है। और मैं तो कहता हूं आपके सपने ही मेरा संकल्प है और इसके लिए 24x7 फॉर 2047 ये मोदी की गारंटी है। आपने मुझे एक जिम्मेदारी दी और और मैं उस जिम्मेदारी को बहुत ईमानदारी से निभा रहा हूं। उतनी ही ईमानदारी से मैं आज देश के लोगों को अपना रिपोर्ट कार्ड भी दे रहा हूं। आज देश के लोगों को अपना रिपोर्ट कार्ड दे रहा हूं। आज देश भी देख रहा है, मोदी ने अपने 10 साल में, कांग्रेस के 60 साल से ज्यादा विकास करके दिखाया है। मोदी ने 10 साल में ज्यादा एक्स्प्रेसवे और हाइवे बनाए, मोदी ने 10 साल में ज्यादा आधुनिक ट्रेनें चलाईं, ज्यादा रेलवे ट्रैक बिछाए।

साथियों,

हमारे देश में 60 साल में जितने एम्स खुले थे, उससे दोगुने एम्स हमने 10 सालों में खोल दिए हैं। 10 वर्षों में हमने देश में मेडिकल कॉलेज की संख्या डबल कर दी है। यहां छपरा में भी 500 बेड का मेडिकल कॉलेज खुला है। आज देश के हर राज्य से एक्स्प्रेसवेज गुजर रहे हैं। पूरे देश में हाइवे का जाल बिछ रहा है। आप मुझे बताइये, ये आरजेडी का, कांग्रेस का, ये NDA का जो विकास है उसके सामने कोई मुकाबला है क्या? कोई मुकाबला है क्या? ई जनता को बुड़बक समझे हैं का, ई पब्लिक है...सब जानती है !

साथियों,

कांग्रेस सरकारों ने इतने दशकों तक गरीब का पेट नहीं भरने दिया। गरीब और गरीब होता जा रहा था, देश की अर्थव्यवस्था बदहाल होती जा रही थी, लेकिन, सरकार में बैठे लोग कहते थे और बिना शरम कहते थे- हमारे पास क्या जादू की छड़ी है? ये घोटाले करके अपनी तिजोरियां भर रहे थे, लेकिन गरीब का पेट भरने की चिंता उन्हें नहीं थी।

साथियों,

ये मोदी है, जिसने ये गारंटी दी कि कोई गरीब भूखा नहीं सोयेगा। गरीब के घर का चूल्हा जलता रहेगा। ये मोदी है, जिसने गारंटी दी और आज 80 करोड़ देशवासियों को मुफ्त में राशन पहुंच रहा है। यह मोदी है जिसने गारंटी दी कि जिसके पास घर नहीं है जो झुग्गी-झोपड़ी कच्चे मकान में जिंदगी गुजारता है, जो गर्मी में बारिश में ठंड में परेशानी से जीता है, मोदी चैन से नहीं बैठ सकता इसलिए मोदी ने तय किया मैं गरीबों के लिए पक्के घर बनाऊंगा। चार करोड़ के घर बना के गरीबों को दे दिए। अच्छा मेरा एक काम करेंगे आप लोग। मेरा एक काम करेंगे। सबके सब जरा हाथ ऊपर करके बताए तो मैं बताऊं काम। मेरा एक काम करेंगे, पक्का करेंगे। देखिए अभी आप ये राजीव रूडी के लिए गांव- गांव जाते होंगे चुनाव प्रचार करते होंगे, लोगों से मिलते होंगे, कहीं पर भी अगर आपको गांव में कोई ऐसा परिवार नजर आए जो आज भी झोपड़ी में रहता है, घर उसका कच्चा है, अगर उसके यहां शौचालय नहीं है, अगर उसके यहां नल से जल नहीं पहुंचा है, अगर उसके यहां गैस का कनेक्शन नहीं है, तो आप उसका डिटेल लिख करके मुझे भेज दीजिए और उसको कह देना कि मोदी जब तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेगा ना जो रह गए हैं उनका भी काम हो जाएगा। और आप बिना चिंता किए यह मोदी की गारंटी है बता देना, मेरे लिए तो आप ही मोदी हैं। हर घर में साफ पानी पहुंचे, महिलाओं को शौच के लिए बाहर न जाना पड़े, बहनों को चूल्हे के धुएं में सांस न लेनी पड़े, जीवन की ऐसी छोटी-बड़ी जरूरतें, इनकी चिंता मोदी ने की। और यह मैं किताबों में पढ़ के नहीं आया था। इसके लिए मैंने किसी का टीवी वीडियो मंगवा के नहीं देखा था। मैं उस जिंदगी को जी करके आया हूं, मैंने गरीबी को जिया है इसलिए गरीब के दुख दर्द समझने के लिए मुझे किसी डेलिगेशन की जरूरत नहीं पड़ती है। और इसलिए मेरे हर काम में, मेरी हर योजना में मेरा देशवासी उसके मध्य में होता है। और इसका सबसे ज्यादा फायदा किसे हुआ? हमारे बिहार जैसे राज्यों को हुआ। आज बिहार के 8 करोड़ से ज्यादा जरूरतमंदों को मुफ्त राशन मिल रहा है। सवा करोड़ शौचालय बिहार की बहनों के लिए बने हैं। बिहार में 40 लाख परिवारों को पीएम आवास मिला है। और मोदी इतने पर ही नहीं रुका है, मोदी ने तय किया है कि अगले 5 वर्षों में हम गरीबों के लिए 3 करोड़ और घर बनाएंगे। मोदी को ऐहसास है कि हमारे युवाओं को अपने माता-पिता के इलाज की चिंता रहती है। आजकल हर परिवार में माता-पिता दादा-दादी नाना-नानी चाचा-चाची बुजुर्ग होते ही होते हैं, हर परिवार में होते हैं। और 70 साल के बाद कोई न कोई बीमारी भी होती है सब मेरे जैसे थोड़े होते हैं और मुझे तो परमात्मा ने आपकी सेवा के लिए भेजा है इसलिए वही मुझे तो संभाल लेता है। लेकिन आपके परिवार में तो कोई न कोई बीमारी होती है और उसके कारण जो बेटा-बेटी कमाते हैं उन पर डबल चिंता रहती है कि मां-बाप की सेवा करें, उनकी बीमारी में इलाज करें कि बच्चों की पढ़ाई की चिंता करें, बच्चों के सपने पूरा करें, क्या करें यह उसकी चिंता होती है। और इसलिए मैंने तय किया है अब आप अपने माता-पिता की दादा-दादी की, चाचा-चाची की, नाना-नानी की जो 70 साल से ऊपर के हैं बीमारी में उनकी इलाज की चिंता मत कीजिए। दिल्ली में उनका बेटा बैठा है। अब उनके इलाज की चिंताएं मोदी करेगा। 70 साल से ऊपर की आयु के बुजुर्गों के इलाज को मुफ्त करने की हमने व्यवस्था सोची है। और ये मोदी की गारंटी है।

साथियों,

मैं जब भी बिहार आता हूं, RJD को कहता हूं कि वो अपने काम पर बिहार के लोगों वोट मांगे। जैसे RJD ने कितने अपहरण करा, कितने मर्डर कराए, जैसे RJD ने बिहार में कितने उद्योगों को चौपट किया, कितने तरह के घोटाले कराए RJD वालों ने इसी के पोस्टर लगानी चाहिए और इसी पोस्टर के आधार पर वोट मांगना चाहिए। ये सब पोस्टर पर बड़ा-बड़ा छपवाकर RJD को कहना चाहिए कि हमें वोट दो। बिहार में जंगलराज लाने वालों का यही एकमात्र रिपोर्ट कार्ड है। और मैं इन जंगलराज वालों से ये भी कहूंगा, नीतीश जी के नेतृत्व में जो काम हुए, कृपा करके झूठ बोल करके उन पर वोट मत मांगिए। RJD के पास अपराध, अत्याचार की इतनी बड़ी विरासत है, उसी से आधार पर वोट मांगिए। और आपके पास आरजेडी के लोग वोट मांगने के लिए आए तो पल भर के लिए सोचना कि जंगल राज में क्या क्या होता था और जो पहली बार वोट देने जा रहे हैं जब जंगल राज की मुसीबतें थी तब उनका जन्म भी नहीं हुआ था। जरा उन फर्स्ट टाइम वोटर को मैं कहता हूं आप अपने माता-पिता, दादा-दादी से पूछिए उन्होंने कैसी मुसीबतों में दिन काटे थे। शाम को घर के बाहर नहीं निकल पाते थे। मेरे फर्स्ट टाइम वोटर मुझे नहीं, राजीव जी को नहीं, अपने परिवार के लोगों को पूछे कि कैसे मुसीबत के वो दिन थे।

साथियों,

इंडी गठबंधन वाले आजकल मुंगेरी लाल के सपने भी देख रहे हैं। ये सपना देख रहे हैं कि केंद्र में इनकी सरकार बन जाएगी। और इन लोगों ने एक और बात तय कर ली है। ये लोग…( भाई मेरी आवाज आपके जैसी मजबूत आवाज नहीं है। अगर आप मुझे अवसर दें तो मैं बोलूं। इतने प्यारे नौजवान हो आप, इतने उत्साह से भरे हुए हो, लेकिन आपकी ये जो आवाज है उसको संभाल के रखना कभी काम आएगी बहुत।) इन लोगों ने सोचा है कि पांच साल में पांच प्रधानमंत्री। अब देखिए मुंगेरी लाल सपने कैसे देखते हैं। क्योंकि वो भानु बहन का कुनबा कट्ठा होने वाला नहीं है जी। ये भानुमति का कुनबा इकट्ठा होने की संभावना नहीं है इसलिए नई फार्मूला लाए कि हर साल एक प्रधानमंत्री पांच साल में पांच प्रधानमंत्री। अब मुझे बताइए भाई 5 साल में पांच प्रधानमंत्री होंगे तो इस देश का भला होगा क्या। भला होगा क्या मुझे बताइए। भला होगा क्या। अरे आपके स्कूल में बच्चा पढ़ता है ना, और अगर हर दो महीने में टीचर बदल जाए तो आप जाकर के शिकायत करोगे कि ये हर दो महीने में टीचर बदल जाता है, मेरे बच्चे का क्या होगा। ये कहते हैं पांच साल में पांच प्रधानमंत्री। अब मैंने सुना था एक बार 10 किसान इकट्ठे हुए और उन्होंने सोचा कि थोड़ा पैसा निकाल कर के हम ट्यूबवेल करें और पानी निकाल कर के खेती अच्छी करें। तो उन्होंने पानी की जानकारी वालों को बुलाया तो उन्होंने कहा देखिए 100 मीटर नीचे जाओगे तो पानी मिलेगा और आपके दसों खेतों में पानी से खेती हो सकती है। इन्होंने कहा बहुत अच्छी बात है अगर 100 मीटर नीचे जाते हैं तो अपना तो काम हो जाएगा। तो इन दसों लोगों ने कहा कि ऐसा करो भाई 10 मीटर मेरे खेत में गड्ढा करो, दूसरे ने कहा 10 मीटर मेरे गड्ढा करो, तीसरे ने कहा 10 मीटर मेरे यहां करो, तो दसों लोगों ने कहा कि देखिए 100 मीटर तो हो गया। अब मुझे बताइए ये दसों खेत में 10-10 मीटर के गड्ढे करेंगे तो पानी निकलेगा क्या? पानी निकलेगा क्या? भई एक जगह पर 100 मीटर निकल जाओगे तब पानी आएगा। यह पांच साल में पांच प्रधानमंत्री हमारा सर फोड़ेंगे, क्या करेंगे।

साथियों,

अपना वजूद बचाने के लिए RJD-कांग्रेस तुष्टिकरण की जिद पर अड़े हैं। अब आरजेडी-कांग्रेस ने दलितों पिछड़ों के आरक्षण का हक छीनने का ऐलान कर दिया है। आपसे आरक्षण छीनकर ये धर्म के आधार पर आरक्षण देना चाहते हैं। बिहार में जंगलराज लाने वाले नेता ने तो यहां तक कह दिया है कि पूरा का पूरा आरक्षण मुसलमानों को ही दे देना चाहिए, आप कल्पना कर सकते हैं, RJD जिसे सब कुछ पिछड़ों ने दिया वही RJD पिछड़ों के साथ विश्वासघात करने वाली सबसे बड़ी पार्टी बन गई है।

साथियों,

इसी मुद्दे पर मैंने कांग्रेस को भी चुनौती दी थी। मैंने कहा था, कांग्रेस लिखकर दे कि वो देश में SC, ST, OBC का आरक्षण मुस्लिमों में नहीं बांटेंगे। वो धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं लगाएंगे। आज तीन हफ्ता हो गया। कांग्रेस और उसके साथियों के मुंह पर ताला लगा हुआ है। RJD वाले भी इधर-उधर की बातें कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस के वादों-इरादों को खारिज नहीं कर रहे। इसलिए मैं आज बिहार के हर पिछड़े, हर दलित, हर आदिवासी को गारंटी देता हूं, ये जंगलराज वाले, कांग्रेस वाले चाहें जितनी कोशिश कर लें, मोदी दलितों, पिछड़ों के आरक्षण की लूट नहीं होने देगा। नहीं होने देगा। नहीं होने देगा। और आप याद रखना, वंचितों का जो अधिकार है, मोदी उसका चौकीदार है!

साथियों,

RJD औऱ कांग्रेस को मैं यही बताना चाहता हूं कि हमारे देश में एक बहुत बड़ा वर्ग ऐसा है जिसको आरक्षण का कोई फायदा नहीं मिला लेकिन उन समाजों में भी गरीब लोग हैं। राजपूत समाज में भी गरीब लोग है, ब्राह्मण समाज में भी है, बनिया समाज में भी है और इसलिए मैंने कहा कि समाज के जो अन्य वर्ग है उनके जो गरीब बच्चे हैं उनके लिए मैं 10 परसेंट आरक्षण करूंगा और आप देखिए 10 परसेंट आरक्षण किया किसी का लूट करके नहीं किया। किसी को गाली गलोज करके नहीं किया, सबको साथ लेकर के किया और पूरी संसद को साथ लेकर के मैंने सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण दिया और देश में कोई तनाव नहीं हुआ कोई झगड़ा नहीं हुआ आराम से काम चल रहा है लेकिन ये मुसलमानों को दे कर के आग लगाना चाहते हैं। RJD औऱ कांग्रेस दोनों ही पार्टियां, तुष्टिकरण की गुलाम हैं। आप भी देखिए, इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी के मुद्दे क्या हैं! कांग्रेस पार्टी का मुद्दा है- वो आपकी संपत्ति का एक्सरे करवाएंगे। आपके लॉकर में क्या पड़ा है आपके खेत कहां हैं, कितनी जमीन है घर में सोना है, चांदी है मंगलसूत्र है, क्या-क्या है आपके पास यह सारा एक्सरे करवाएंगे। आपकी जो कमाई है, घर जमीन है, कांग्रेस कहती है कि आप जरूरत से ज्यादा अगर होगा तो ले लेंगे छीन लेंगे और अपनी वोट बैंक को मजबूत करने के लिए उसको बांट देंगे। भाइयों बहनों कांग्रेस के नेता कहते हैं कि संपत्ति पर पहला हक मुस्लिमों का है यही नहीं ये आपकी जीवन भर की पूंजी भी हड़पना चाहते हैं। कांग्रेस कह रही है आपकी संपत्ति आपके बच्चों को नहीं मिलेगी। हिंदुस्तान के हर मां-बाप गरीब से गरीब भी तकलीफ झेल करके भी बच्चों के लिए कुछ न कुछ जमा करता है। उसके मन में रहता है कि मरने के बाद बच्चों को कुछ देकर के जाऊं। जो भी हो घर दूं, खेत दूं, कुछ ना कुछ दे कर के जाऊं। यह कांग्रेस वाले कहते हैं अब आप अपने बच्चों को नहीं दे पाएंगे मतलब आपके माता-पिता की जो संपत्ति है उनकी मेहनत की संपत्ति है वह अब आपको नहीं मिलेगी आधे से अधिक यह विरासत कर लगा कर के छीन लेने वाले हैं। मोदी इसके सामने दीवार बनके खड़ा है, मोदी ये नहीं करने देगा। आप मुझे बताइए, क्या क्या ये विरासत कर देने के लिए कोई तैयार है क्या? आप दे सकते हैं क्या? भाइयों बहनों हम यह लूट होने नहीं देंगे।

साथियों,

देशविरोधी और बिहार विरोधी ताकतों को जवाब आपका वोट देगा। मेरा अनुरोध है 20 मई को सारण से राजीव प्रताप रूडी जी के पक्ष में बड़ी संख्या में कमल का बटन दबाएं उनको विजयी बनाएं। जब आप राजीव प्रताप रूडी को वोट देंगे ना तो वह सीधा सधा मोदी के खाते में जाएगा। ये मोदी के खाते में जाएगा और राजीव प्रताप रूडी की एक बात मुझे बहुत अच्छी लगती है जो उनके पास वो मेरे पास नहीं है। आप उनको कभी भी देखिए व हमेशा मुस्कुराते हैं तो आपको ऐसा सांसद जो हर पल आपके साथ रहे आपके सुख दुख का साथी रहे ऐसा सांसद मुझे भी मजबूती देगा। तो आप और राजीव का मतलब ही कमल होता है भाई। और इसलिए कमल पर बटन दबाइए राजीव को भेजिए और ज्यादा से ज्यादा मतदान कराएंगे ज्यादा से ज्यादा मतदान कराएंगे। पहले मतदान फिर जलपान पहले मतदान फिर जलपान, हर पोलिंग बूथ जीतेंगे, सारे पोलिंग बूथ जीतेंगे। अच्छा मेरा एक काम करेंगे, मेरा काम करेंगे। भाई क्या कमाल है यार राजीव के लिए तो सब करते हैं। हां मेरे लिए कोई बोलता ही नहीं है। मेरा एक काम करेंगे, हाथ ऊपर करके बताइए करेंगे, करेंगे। एक काम करना यहां से ज्यादा से ज्यादा परिवारों को मिलना जाकर के। ज्यादा से ज्यादा घरों में जाना और कहना कि मोदी जी छपरा आए थे और मोदी जी ने आप सबको जय श्री राम कहा है। मेरा जय श्री राम पहुंचा देंगे। मेरा जय श्री राम पहुंचा देंगे।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की।

जय भारत माता की।

जय भारत माता की।

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।