For decades, Congress stalled the development of Vidarbha & Marathwada: PM Modi
The land of Nanded reflects the purity of India's Sikh Gurus: PM Modi
The I.N.D.I alliance only believe in vote-bank politics: PM Modi

छत्रपति शिवाजी महाराज की जय,
श्री संत सेवालाल महाराज की जय,
हर हर महादेव

सर्वल्ला राम-राम
नांदेड आणि हिंगोलीकरांना माझा नमस्कार.
26 एप्रिलची तयारी झाली ना? खरैच।

मैं सबसे पहले मराठवाड़ा की महान धरती से हुजूर साहिब को, गुरुगोविंद सिंह जी को प्रणाम करता हूं। मैं रेणुका माता और दत्त भगवान के चरणों में प्रणाम करता हूं। मैं बाबासाहेब आंबेडकर और नानाजी देशमुख दोनों भारत रत्न जैसे राष्ट्रपुरुषों को नमन करता हूँ।

साथियों,

कल देश में पहले चरण का मतदान संपन्न हुआ है। मैं वोटिंग करने वाले सभी लोगों को और विशेषकर हमारे फर्स्ट टाइम वोटर्स को बहुत-बहुत बधाई देता हूं और उनका आभार व्यक्त करता हूं। मतदान के बाद अलग-अलग लोगों ने बूथ लेबल तक का जो एनालिसिस किया। और जो जानकारियां मिल रही हैं, उससे ये विश्वास पक्का हो रहा है कि पहले चरण में NDA के पक्ष में एकतरफा मतदान हुआ है। लेकिन मैं देशवासियों से आग्रह करूंगा, एनडीए की जीत आप पक्की कर रहे हैं। मैं सर झुकाकर आपका आभार व्यक्त करता हूं। लेकिन जो लोग मतदान नहीं कर रहे पहले चरण में, लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत होता है। आप किसी को भी वोट दें। लेकिन वोट जरूर दें। हमें वोट में कभी भी उदासीनता नहीं करनी चाहिए। और ये बात सही है। गर्मी बहुत है। दिक्कतें भी हैं। शादियां भी हैं। कुछ इलाके हैं जहां किसान भी काम में हैं। फिर भी जब हम देश के जवान की तरफ देखते हैं, कोई भी मौसम हो सीमा पर कितनी ही ठंड हो, बर्फ गिरती हो, कितना ही गर्मी हो, वो डटा रहता है क्यों, देश के लिए। मैं मानता हूं कि मतदाताओं के मन में भी ये भाव होना चाहिए कि मैं मतदान किसी भी उपकार नहीं करता हूं। मैं मतदान करके मेरे देश का भविष्य पक्का करता हूं। मेरे देश के भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए मतदान करता हूं। और इसीलिए एनडीए के भव्य विजय की पहले चरण में साफ-साफ आपका सहयोग के बावजूद भी लोकतंत्र के लिए मैं फिर आग्रह करूंगा कि भारी मतदान होना चाहिए और मैं राजनीतिक क्षेत्र के सभी दल के कार्यकर्ताओं से कहूंगा। भले आपको लगता हो कि भई अब चुनाव हारने वाले हैं, क्यों मेहनत करें। मैं उनको भी कहता हूं। लोकतंत्र के लिए मेहनत कीजिए। अरे आज नहीं तो कल, कल नहीं तो परसों, परसों नहीं तो नरसों, अरे कभी तो मौका आएगा। ऐसे निराश होकर क्या बैठ गए हो। और इसीलिए, इसलिए जिनकी हार सुनिश्चित है, उनके कार्यकर्ताओं का भी हौसला बुलंद करते हुए मैं कहना चाहता हूं कि आप मतदाताओं को जरूर मतदान करने के लिए प्रेरित कीजिए। क्योंकि दुनिया के लोगों को, दुनिया में वोटिंग परसेंटेज बहुत कम होता है। भारत में जब इतना सारा वोटिंग परसेंटेज होता है, उसका विश्व में प्रभाव होता है। भारत के लोकतंत्र की ताकत का एक मजबूत उदाहरण बनता है। दुनिया को भी भारत को समझने के लिए अधिकतम वोटिंग बहुत जरूरी होता है। और आने वाले 25 साल तो विश्व में भारत के महात्म्य के वर्ष है। और इसलिए अधिक मतदान हमारी लोकतंत्र की ताकत का परिचय देता है।

साथियों,

वोटर भी देख रहे हैं कि कैसे इंडी एलायंस के लोग अपने स्वार्थ में अपने भ्रष्टाचार को बचाने के लिए एक साथ आए हैं। और इसलिए खबरें यही है कि पहले चरण में वोटर्स ने इंडी एलायंस को पूरी तरह नकार दिया है, क्योंकि मतदाता जब मतदान करने जाता है, सोचता है भई, ये इंडी अलायंस वालों आखिर देश किसके हाथ में सौंपना है? कोई तो चेहरा बताओ। इतना बड़ा देश हम किसको सुपुर्द करे। कुछ तो बताओ। वो बता ही नहीं पा रहे। ये लोग दावे जो करें, लेकिन सच्चाई यही है कि चुनाव की घोषणा से पहले से ही कांग्रेस के नेता अपनी हार मान चुके हैं और इसलिए कुछ नेता जो लगातार लोकसभा में जीतकर के आते थे। इस बार आपने देखा है, वो लोकसभा का चुनाव छोड़ करके राज्यसभा के रास्ते से अंदर जाकर बैठ गए हैं। चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं रही है जी। हालात यह है इंडी अलायंस वालों को इस चुनाव में लड़ने के लिए उम्मीदवार तक नहीं मिल रहे हैं। ज्यादातर सीटों पर इनके नेता प्रचार ही नहीं करने जा रहे हैं। और आप जान कर के हैरान हो जाएंगे। इस देश की करीब-करीब 25 प्रतिशत सीटें ऐसी हैं, 25 प्रतिशत। जहां कि यह इंडी अलायंस के लोग अंदर-अंदर एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। अब वो किस प्रकार की बातें करते हैं जी। कोई कल्पना कर सकता है। चलो भई एकआध दो में गड़बड़ हो जाए, वो तो समझ सकते हैं। 25 परसेंट सीटें ऐसी हैं इस देश की लोकसभा की, जिसमें यह जो अपनेआप का गठबंधन का क्लेम करते हैं, वो आपस में चुनाव लड़ रहे हैं। आपस में वो एक-दूसरे को जेल में डालने की बातें कर रहे हैं। आपस में एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। क्या ऐसे लोगों पर भरोसा कर सकते हैं क्या? ऐसे लोगों पर भरोसा कर सकते हैं? जो अंदर-अंदर भरोसा नहीं कर सकते हैं, उस पर आप भरोसा कर सकते हैं क्या? देश भरोसा कर सकता है? जो आज साथ होने के बाद भी 25 प्रतिशत सीटों पर लड़ते हैं तो अगर उनको थोड़ी सीटें पार्लियामेंट में मिल गई तो अंदर भी वह तूफान करेंगे। और इसलिए इस चुनाव में इनको सबक सिखाना बहुत जरूरी है।

भाइयों,

और देखिए कांग्रेस के जो शहजादे हैं, उन्हें भी वायनाड में संकट दिख रहा है। शहजादे और उनकी टोली 26 अप्रैल को वायनाड में वोटिंग का इंतजार कर रही है। जैसे ही 26 को वायनाड में वोटिंग पूरा हो जाएगा, यह शहजादे के लिए एक और सुरक्षित सीट घोषित कर देंगे और कहीं और से फिर से लड़ाना पड़ेगा उनको। क्योंकि उनके अलायंस के साथी भी एक-दूसरे को गालियां दे रहे हैं। कल आपने उनके साथी केरल के मुख्यमंत्री ने जो शहजादे को सुनाई है, मैं भी कभी ऐसी भाषा नहीं बोलता हूं, ऐसी भाषा बोली है उन्होंने साथी को। यह हाल है उनका। अब जैसे इन्होंने अमेठी से भागना पड़ा। अमेठी छोड़ा, अब मान के चलिए वो वायनाड भी छोड़ेंगे। आप कांग्रेस का यह परिवार, आपको आश्चर्य होगा आजादी के पहली बार स्थिति ऐसी बन रही है कि कांग्रेस का परिवार इस चुनाव में कांग्रेस को वोट नहीं देगा। खुद, खुद कांग्रेस को वोट नहीं देगा। यह हाल है इनका, क्योंकि जहां वह रहते हैं वहां कांग्रेस का उम्मीदवार ही नहीं है। अब ये, ऐसी स्थिति कभी सोची है आपने कांग्रेस की, कि जिस परिवार के भरोसे कांग्रेस चलती है वो परिवार खुद कांग्रेस को वोट नहीं दे पाएगा।


साथियों

आप देखिएगा, 4 जून के बाद इंडी गठबंधन आज जो 25 परसेंट सीटों पर बिखरा है। लड़ाई अंदर-अंदर लड़ रहा है। चार जून के बाद वो शत-प्रतिशत एक-दूसरे के कपड़े फाड़ने वाले हैं। एक-दूसरे के बाल नोचने वाले हैं। इसलिए यह इंडी अगाड़ी के लिए, मुझे बताइए कोई भी समझदार नागरिक इनके लिए वोट बर्बाद करेगा क्या? कभी भी वोट बर्बाद करेगा क्या? और मैं तो मतदाताओं कहता हूं आइए, जी भर करके एनडीए को वोट दीजिए। पूरी ताकत से वोट दीजिए। एनडीए को वोट करना है, विकसित भारत के लिए वोट करना है। और इसलिए ही आज पूरा देश कह रहा है- फिर एक बार, मोदी सरकार। फिर एक बार, मोदी सरकार। फिर एक बार, मोदी सरकार।

साथियों,

काँग्रेस गरीब, दलित, वंचित, मजदूर, किसान के विकास के सामने हमेशा दीवार बनकर खड़ी है। आज भी NDA सरकार गरीब के लिए कोई काम करती है तो काँग्रेस उसका मजाक उड़ाती है। आजादी के 6 दशकों बाद पहली बार हमने करोड़ों गरीब महिलाओं को शौचालय देने का अभियान शुरू किया। तब काँग्रेस और इंडी अघाड़ी वाले लोग उसका मज़ाक उड़ाते थे। मैंने 50 करोड़ से ज्यादा गरीबों के पहली बार बैंक खाते खुलवाए। तब ये लोग कहते थे कि गरीब बैंक खाते का क्या करेगा? हम देश में डिजिटल इंडिया और UPI जैसी टेक्नोलॉजी लेकर आए। तब काँग्रेस सरकार के एक बड़े मंत्री रहे हुए व्यक्ति कहते थे कि डिजिटल लेन-देन अनपढ़-गरीबों के बस की बात नहीं है। जिस काँग्रेस पार्टी की सोच ही ऐसी हो, जिसको देश की जनता पर भरोसा ही न हो, उससे आप देश के विकास की उम्मीद कभी कर सकते हैं क्या? उनपर भरोसा कर सकते हैं क्या? ये लोग महाराष्ट्र और मराठावाड़ा की समस्याओं का कभी भी समाधान कर सकते हैं क्या? आपकी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं क्या?

साथियों,

काँग्रेस ने दशकों तक महाराष्ट्र और खासकर विदर्भ और मराठावाड़ा के विकास का दम घोंटने का काम किया है। इस क्षेत्र में सूखे की स्थिति, पानी का संकट एक दिन में नहीं पैदा हुआ है! काँग्रेस के रवैये के कारण यहाँ किसान गरीब होते गए। यहाँ उद्योगों से जुड़ी संभावनाएं सूखती चली गईं। मराठावाड़ा के लाखों युवाओं को पलायन करना पड़ा। आपको इस स्थिति से निकालने के लिए NDA सरकार प्रतिबद्ध है। यहां एकनाथ शिंदे जी, देवेंद्र फडणवीस जी और अजीत पवार जी मिलकर किसानों के हित में काम कर रहे हैं। और अब तो इस क्षेत्र में और खुशी की बात है। अशोक जी भी हमारे साथ आ गए हैं। और मुझे याद है मैं जब राजनीति में भी नहीं था। और मुझे कभी लगता भी नहीं था कभी मैं राजनीति में जाऊंगा। उस समय ऊटपटी साईंबाबा ने मुझे उनके पिताजी से परिचय करवाया। साईंबाबा का मुझपर बहुत प्रेम रहता था। और मैं उनके पिताजी के साथ लंबे अरसे, वहां समय था तो काफी देर बैठा। इतने उच्च पदों पर रहने के बावजूद भी राजनीतिक जीवन में इतना लंबा सफल करियर रहने के बाद मैंने उनकी जो नम्रता, मैं तो बहुत छोटी आयु का था। सामान्य मेरे राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था। लेकिन जिस प्रकार से प्यार से उनसे बातें करने का सौभाग्य मुझे मिला, वो मैं कभी भी भूल नहीं सकता हूं। मैं हमेशा उनके व्यवहार में से आज भी कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करता हूं। और उनका पूरा परिवार आज हमारे साथ है।

साथियों,

अब नांदेड़ के 80 प्रतिशत से ज्यादा घरों में नल से जल आने लगा है। सिंचाई की समस्या के समाधान के लिए अपर पैनगंगा प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। यहाँ के किसानों को इसका बड़ा लाभ मिलेगा। हमारी सरकार ने फसल बीमा योजना के तहत किसानों को प्रीमियम से 5 गुना ज्यादा क्लेम दिलवाया है। किसान सम्मान निधि के तहत अकेले नांदेड़ के किसानों को ही 1300 करोड़ रुपये से ज्यादा मिले हैं। इस क्षेत्र में तो ज्वार-बाजरा बहुत होता है। हमारी सरकार ने इस मोटे अनाज को पूरे देश में एक पहचान दी है। उसके लिए पहचान दी है- श्रीअन्न। चाहे ज्वार हो, बाजरा हो, वो श्रीअन्न के साथ पहचाने जाएं। और जब से ये काम शुरू किया है, दुनिया भर में लोगों का ध्यान हमारे श्रीअन्न पर गया है। सुपर फूड के रूप में गया है। और न्यूट्रीशन की दृष्टि से बहुत बड़ा ताकतवर संदेश गया है। और इसका भी बड़ा लाभ नांदेड़ के किसानों को मिलना तय है।

साथियों,

काँग्रेस के दिये हर जख्म का इलाज करना, ये मोदी की गारंटी है। इस क्षेत्र को शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे और समृद्धि महामार्ग जैसी वर्ल्ड क्लास रोड्स मिली हैं। लातूर की रेल कोच फैक्ट्री का लोकार्पण करने का सौभाग्य मुझे ही मिला था। उड़ान योजना के तहत नांदेड़ एयरपोर्ट को भी फिर से शुरू कर दिया गया है। पीएम आवास योजना के तहत यहाँ हजारों गरीबों को पक्के घर भी मिले हैं। आयुष्मान योजना के जरिए 3 लाख से ज्यादा लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिली है। लेकिन, इन 10 वर्षों में जो काम हुआ है, वो तो अभी केवल ट्रेलर है। अभी तो हमारा बहुत समय काँग्रेस के गड्ढों को भरने में गया है। अगले 5 वर्षों में हमें मराठावाड़ा और महाराष्ट्र को बहुत आगे लेकर जाना है।

साथियों,

नांदेड़ की ये धरती, सिख गुरुओं के चरणों से पवित्र हुई है। खालसा पंथ की गुरु परंपरा और गुरु गोबिंद सिंह की सीख हमेशा हमारी सरकार के लिए प्रेरणा रही है। बीते 10 वर्षों में हमने ‘सरबत दा भला’ के रास्ते को मानकर लोक कल्याण के लिए काम किया है। हमारी सरकार को गुरुनानक देव जी का 550वां प्रकाशोत्सव बनाने का... गुरु तेग बहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व मनाने का... गुरु गोविंद सिंह का 350वां प्रकाश पर्व मनाने का सौभाग्य मिला। करतारपुर कॉरिडोर का काम पूरा होने के बाद लाखों श्रद्धालुओं को वहां के दर्शन में मदद मिल रही है। लंगर को टैक्स फ्री करने का निर्णय हो या हरमिंदर साहिब के लिए FCRA की अनुमति हो। हुजूर साहिब और हेमकुंड साहिब के दरबार तक बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर का इंतजाम करना हो। NDA सरकार ने सिख परंपरा से जुड़े हर तीर्थ के विकास के लिए पूरी शक्ति और पूरी भक्ति से काम किया है। ये हमारी ही सरकार है जो अफगानिस्तान से, वहां जब संकट आया। निर्दोष लोगों की हत्याएं होने लगीं। हमारे धर्म स्थानों पर हमले होने लगे। तब अफगानिस्तान से गुरु ग्रंथ साहिब के पवित्र स्वरूपों को पूरी सुरक्षा और मान-मर्यादा के साथ हम अफगानिस्तान से भारत ले आए। ये हमारी ही सरकार है जो बंटवारे के पीड़ितों के लिए CAA लेकर आई। CAA ना होता तो हमारे सिख भाई-बहनों का क्या हुआ होता? जो अफगानिस्तान से आए हैं उनका क्या गुनाह है? लेकिन कांग्रेस इसका भी विरोध कर रही है। ऐसा लगता है कि 84 का बदला कांग्रेस सिखों से अब तक ले रही है।

साथियों,

हमारी सरकार जो कहती है, वो करके दिखाती है। मोदी की गारंटी यानी, गारंटी पूरी होने की गारंटी। मोदी ने गारंटी दी थी- कश्मीर को आर्टिकल-370 से मुक्ति मिलेगी। आर्टिकल-370 आज इतिहास बन चुका है। मोदी ने गारंटी दी थी- तीन तलाक खत्म होगा। आज मुस्लिम बहनों को तीन तलाक से मुक्ति मिल चुकी है। मोदी ने गारंटी दी थी- देश की अर्थव्यवस्था को गड्ढे से निकालेंगे। आज भारत दुनिया की पाँचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। अब मोदी की गारंटी है, भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। और आप सब देख रहे हैं-आज अयोध्या में रामलला का भव्य मंदिर बनकर तैयार है। लेकिन ये इंडी अघाड़ी वाले क्या कर रहे हैं? लेकिन ये इंडी अघाड़ी वाले क्या कर रहे हैं? ये लोग सनातन को गाली दे रहे हैं। ये लोग राममंदिर प्राणप्रतिष्ठा का बहिष्कार करने को सही ठहरा रहे हैं। ये लोग राममंदिर में पूजा-अर्चना को पाखंड बताकर हमारी आस्था का अपमान कर रहे हैं। क्या ये माफ करने योग्य है क्या? ऐसे लोगों को माफ किया जा सकता है क्या?

साथियों,

मराठावाड़ा केवल एक इलाका नहीं, ये हमारे भारत का सुरक्षा कवच है। मुगल आए, अंग्रेज आए, लेकिन मराठा शौर्य ने ये सिद्ध किया कि भारत हमेशा रहने वाला है। आज एक बार फिर, विकसित महाराष्ट्र और विकसित भारत के लिए विकसित मराठावाड़ा के लिए हमें सबसे आगे खड़ा होना दिखता है। आने वाली 26 अप्रैल को आपको मराठावाड़ा के विकास के लिए नांदेड लोकसभा से प्रताप राव पाटिल और हिंगोली लोकसभा से बाबूराव कोहलीकर इनको रिकॉर्ड वोट से जिताकर मुझे मजबूती करनी है। ये दोनों उम्मीदवार आपके सांसद बनकर संसद में मोदी को ताकत देंगे। और इसके लिए आपको कुछ काम करना है। करेंगे। आपको कुछ काम करना है। करेंगे। एक, आपके बूथ में मतदान के पुराने सारे रिकॉर्ड टूटने चाहिए। ज्यादा से ज्यादा मतदान करना है। करेंगे। बूथ में ज्यादा से ज्यादा मतदान पक्का करेंगे। दूसरा, हमें पोलिंग बूथ जीतना है। पोलिंग बूथ जीतेंगे। पोलिंग बूथ जीतेंगे। हर पोलिंग बूथ जीतेंगे। सभी मतदाताओं से मेरा आग्रह है हर पोलिंग बूथ जीतना है। अच्छा मेरा एक और काम करना है, करेंगे। करेंगे। देखिए, महाराष्ट्र के घर-घर जाना। और हर परिवार में जाकर के मोदी का प्रणाम पहुंचाना। मेरे प्रणाम पहुंचाएंगे। हर घर में पहुंचाएंगे। बोलिए…
भारत माता की जय!
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बहुत बहुत धन्यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।