People of Karnataka must be wary of both JD(S) and Congress. They aren’t different. They are the same. Both are corrupt, promote dynastic politics and sow divisions in society: PM in Chitradurga
So many people attending the event reflect the decisions of the people of Karnataka: Ee Bariya Sarkara, Bahumatada BJP Sarkara: PM Modi in Chitradurg

2 मई की पहली रैली: चित्रदुर्गा
भारत माता की...
दोनों हाथ ऊपर करके ऐसी तेज आवाज में बोलिए की सारे कर्नाटका में सुनाई दे।
इसका मतलब है कि आपको हिंदी समझ आती है।
मदकरी नायक मत्तु ओनके ओबव्वा आवारा चित्रदुर्गदा वीरा जनतेगे नन्ना नमस्कारगलु !
मैं इस भूमि के विभिन्न मठों को, सभी संतजनों को आदरपूर्वक प्रणाम करता हूं।
आज इतनी बड़ी संख्या में आप सभी लोग बीजेपी को आशीर्वाद देने के लिए आए हैं।
ये नजारा...दूर दूर तक लोग खड़े हैं,
कर्नाटका की जनता का निर्णय साफ है-
ई बारिया निर्धारा..., ई बारिया निर्धारा..., ई बारिया निर्धारा...बहुमतदा बीजेपी सरकारा!
भाइयों और बहनों,
ये आज़ादी के अमृतकाल में कर्नाटका का पहला चुनाव है।
ये कर्नाटका का चुनाव, कर्नाटका को नंबर वन राज्य बनाने का चुनाव है। ये चुनाव तय करेगा कि आने वाले 25 वर्ष में कर्नाटका विकास की किस ऊंचाई पर होगा।
कर्नाटका को हमें विकसित भारत की ड्राइविंग फोर्स बनाना है, ग्रोथ इंजन बनाना है। और इसलिए हमारे सामने भारतीय जनता पार्टी है, बीजेपी सरकार दुबारा बनाना है, डबल इंजन की सरकार लाना है।


साथियों,
मैं कर्नाटका प्रदेश बीजेपी की टीम को, कर्नाटका बीजेपी के नेतृत्व को आज सार्वजनिक रूप से बहुत-बहुत बधाई दूंगा। कल जो उन्होंने संकल्प पत्र घोषित किया है , ये बहुत ही अच्छा संकल्प पत्र लेकर आए हैं।
इसमें कर्नाटक को देश का नंबर वन स्टेट बनने का रोडमैप है।
इसमें आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का ब्लूप्रिंट है।
इसमें महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर है।
इसमें युवाओं के उज्जवल भविष्य और रोजगार की मजबूत नींव है।
इसमें गरीब, दलित, शोषित, वंचित, आदिवासी, पिछड़े, सभी के कल्याण का विश्वास है।
इसमें कोस्टल इकोनामी को मजबूत करने की बात है।
इसमें सुरक्षित, समृद्ध और सशक्त कर्नाटका का संकल्प है
और,
इसमें सबका साथ सबका विकास की दृढ़ प्रतिज्ञा है।


साथियों,
मैं आपको अलर्ट करना चाहता हूं। सावधान करना चाहता हूं। क्या आप मेरी बात मानोगे। पूरी ताकत से बताइए मेरी बात मानोगे। पक्का मानोगे।
देखिए, कर्नाटका के लोगों को कांग्रेस और जेडीएस दोनों से सावधान रहना है। कांग्रेस-जेडीएस दिखावे के लिए दो दल हैं, लेकिन दिल से और अपनी करतूतों से ये दोनों एक ही हैं।
ये दोनों परिवारवादी हैं, दोनों करप्शन को बढ़ावा देते हैं और दोनों समाज को बांटने की राजनीति करते हैं।
इन दोनों दलों की प्राथमिकता कभी भी कर्नाटका का विकास नहीं है। आपके बच्चों का भविष्य उनकी चिंता का विषय नहीं है।

साथियों,
कांग्रेस-जेडीएस के कुशासन का प्रमाण है, अपर भद्रा इरीगेशन प्रोजेक्ट।
इनको किसानों की चिंता नहीं थी, इसलिए इस प्रोजेक्ट को नजरअंदाज किया।
बीजेपी की डबल इंजन सरकार ने अपर भद्रा प्रोजेक्ट को पूरा करने का संकल्प लिया है।
इसके लिए साढ़े 5 हज़ार करोड़ रुपए का बजट तय किया गया है।
इस सिंचाई परियोजना से चित्रदुर्ग सहित इस पूरे क्षेत्र के लाखों किसानों का जीवन बदल जाएगा।
बीजेपी सरकार ने ‘वाणी विलास सागरा’ नहरों के आधुनिकीकरण के लिए भी सैकड़ों करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।

भाइयों और बहनों,
जब तक कर्नाटका में कांग्रेस-जेडीएस की सरकार रही, तब तक हर प्रोजेक्ट पर काम धीमी गति से होता रहा, रिवर्स गियर में ही चला।
डबल इंजन सरकार बनते ही इसमें नई गति आई है।
कर्नाटका में हाईवे, रेलवे, एयरपोर्ट के लिए बीजेपी सरकार ने बजट में कई गुना वृद्धि की है।
अकेले चित्रदुर्ग जिले में ही साढ़े 3 हज़ार करोड़ रुपए के नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है।
तुमकुरू-चित्रदुर्ग-दावणगेरे रेल लाइन पर भी काम शुरु हो चुका है।
डबल इंजन सरकार कर्नाटका के औद्योगिक विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
बीजेपी सरकार ने जिन 9 इंडस्ट्रियल क्लस्टर की योजना बनाई है, उसमें से एक चित्रदुर्ग में भी बनेगा।
इससे युवाओं के लिए रोज़गार के अनेक अवसर बनेंगे।

साथियों,
ये एलु सुत्तिना कोटे यानि सुरक्षा के 7 घेरों का क्षेत्र है।
बीजेपी सरकार ने भी योजनाओं का एलु सुत्तिना कोटे तैयार किया है।
पहला सुरक्षा घेरा जिसे आप सुरक्षा कोटे बोलते हैं- पीएम आवास योजना के पक्के घर का है, मुफ्त गैस कनेक्शन, हर घर जल का है।
दूसरा सुरक्षा घेरा यानि सुरक्षा कोटे, गरीबों को मुफ्त राशन का है, भुखमरी से बचाव का है, पोषण का है।
तीसरा सुरक्षा घेरा, यानि सुरक्षा कोटे, आरोग्य का है, आयुष्मान भारत के तहत मुफ्त इलाज का है, मुफ्त टीकाकरण का है।
चौथा सुरक्षा घेरा या सुरक्षा कोटे, जनधन बैंक खातों और मुद्रा योजना के तहत दी गई लाखों करोड़ रुपए की मदद का है।
पांचवां सुरक्षा घेरा, संकट के समय मदद का है। जीवन ज्योति योजना, सुरक्षा बीमा योजना औऱ अटल पेंशन जैसे कवच का है।
छठा सुरक्षा घेरा, सुरक्षा कोटे, बेहतर कानून व्यवस्था का है, माता-बहन-बेटियों को पूरी सुरक्षा का है।
सुरक्षा का सातवां घेरा, सुरक्षा कोटे, हर समाज के हक को सुरक्षित रखने का है, उन्हें उनका हक देने का है।

भाइयों और बहनों,
हमारे SC/ST/OBC भाई-बहनों को भी डबल इंजन सरकार का डबल लाभ मिला है।
ये अटल जी की सरकार थी जिसने हमारे ST भाइयों-बहनों के लिए, ट्राइबल मिनिस्ट्री बनाई थी।
यहां की बीजेपी सरकार ने भी आदिवासी भाई-बहनों के लिए अनेक योजनाएं चलाई हैं।
हमने बंजारा-लंबानी, समाज के साथियों को पहली बार प्रॉपर्टी का हक दिया है, उनकी बस्तियों को गांव का दर्जा दिया है।
हमने भूमिहीनों को भूमि के पट्टे दिए हैं, बच्चों को स्कॉलरशिप की सुविधा दी है।
ऐसे हर कदम से इनके लिए भविष्य में पक्के घर और दूसरी सुविधाएं मिलना और आसान हो जाएगा।

भाइयों और बहनों,
कांग्रेस, कभी बीजेपी के विकास कार्यों का मुकाबला कर ही नहीं सकती।
कांग्रेस ने 2014 से पहले के 10 सालों में जितने मेडिकल कॉलेज बनाए, बीजेपी सरकार ने उससे दोगुने सिर्फ 9 वर्ष में बना लिए हैं।
यहां चित्रदुर्ग में भी नया मेडिकल कॉलेज स्वीकृत हुआ है।
इससे स्वास्थ्य सुविधाएं तो बढ़ेंगी ही, यहां के जो नैजवान हैं न, उन्हें डॉक्टर, पैरामेडिक्स बनने का अवसर मिलेगा।
कुछ समय पहले ही केंद्र सरकार ने डेढ़ सौ से अधिक नर्सिंग कॉलेज स्वीकृत किए हैं।
इससे कर्नाटका के भी सैकड़ों युवाओं को युवतियों को इस क्षेत्र में अवसर मिलेंगी और दुनिया के देशों में जाने की एक नई ताकत खड़ी हो जाएगी।

साथियों,
बीजेपी सरकार ने गरीबों की एक और चिंता का समाधान किया है।
हमरी सरकार, मेडिकल से लेकर इंजीनियरिंग तक की पढ़ाई, स्थानीय भाषा में कराने पर जोर दे रही है।
इससे गांव-गरीब के युवाओं को विशेष लाभ होगा।
बीजेपी ने ही किसानों के बच्चों की पढाई के लिए रैता विद्यानिधि की शुरुआत की है।
आदिवासी साथियों के लिए 400 से ज्यादा एकलव्य म़ॉडल स्कूल भी बीजेपी ने बनाए हैं।
कांग्रेस की सरकार ने तो यहां बच्चों की यूनिफॉर्म में ही घोटाला कर दिया था।
आदिवासी विकास के लिए कांग्रेस की सरकार का बजट लगभग 25 हज़ार करोड़ रुपए था।
बीजेपी ने इसमें 5 गुणा वृद्धि करके, आदिवासियों के विकास के लिए लगभग सवा लाख करोड़ रुपए कर दिए हैं।

साथियों,
कर्नाटका के लोगों को, कांग्रेस का इतिहास और उसकी सोच कभी भी भूलनी नहीं है।
कांग्रेस का इतिहास आतंक और आतंकवादियों के तुष्टिकरण का है।
जब दिल्ली में बाटला हाउस एनकाउंटर हुआ तो कांग्रेस की सबसे बड़े नेता की आंखों में, आतंकियों के मारे जाने की खबर सुनकर आंसू आ गये थे।
जब सर्जिकल स्ट्राइक हुई, जब एयर स्ट्राइक हुई, तो कांग्रेस ने देश की सेनाओं के सामर्थ्य पर ही सवाल खड़ा कर दिया।
यहां कर्नाटक में तो आप लोगों ने देखा ही है कांग्रेस कैसे आतंक को बढ़ावा देती रही है।
कांग्रेस ने कर्नाटक को आतंकियों के रहमोकरम पर छोड़ दिया था।
ये बीजेपी ही है जिसने आतंकवाद की कमर तोड़ी है, तुष्टिकरण का खेल बंद किया है।
समृद्ध कर्नाटका के लिए, कर्नाटका को नंबर वन बनाने के लिए, कर्नाटका का सुरक्षित होना उतना ही जरूरी है।
आतंक को बढ़ावा देने वाली कांग्रेस-जेडीएस, यहां कभी निवेश नहीं बढ़ा सकतीं।
आतंक को बढ़ावा देने वाली कांग्रेस-जेडीएस, यहां कभी नौजवानों के लिए नए अवसर नहीं बना सकती।

साथियों,
अक्सर कोई कंपनी बाजार में अपना कोई सामान लाती है तो साथ ही वो एक वारंटी भी देती है।
और कंपनी ये भी कहती है कि वारंटी खत्म होने के बाद कंपनी की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।
कांग्रेस भी अपनी वारंटी खो दी है, विश्वसनीयता खो दी है।
ऐसे में बिना वारंटी वाली कांग्रेस की गारंटी भी उतनी ही झूठी है।
और ये झूठी गारंटियों का कांग्रेस का ट्रैक रिकॉर्ड बहुत पुराना है।
मुझे याद है कि बरसों तक सत्ता से बाहर रहने के बाद 2012 में गुजरात में भी कांग्रेस ऐसी ही झूठी गारंटी लेकर आई थी।
कांग्रेस ने कार्ड-बोर्ड के मकान बनाए और लोगों को ले जाते थे दिखाने के लिए कि देखो हम ऐसा बनाकर मकान देंगे और फिर वे फार्म भरवाते थे, मकान के लिए और पीछे से कुछ लोग फार्म के नाम पर गरीबों से 200-200, 500-500 रूपया मार लेते थे, रिश्वत ले लेते थे।
एक वो समय है और आज का समय है- गुजरात में कांग्रेस का झंडा उठाने के लिए दूसरे राज्यों से लोगों को लाना पड़ रहा है।
पिछले, कुछ सालों से यही फर्ज़ीवाड़ा कांग्रेस हर राज्य में कर रही है।
मैंने सुना है कर्नाटका में भी ये अपनी गारंटियों का फॉर्म भरवाने लगे हैं।
और अब तो जांच इस बात की होनी चाहिए कि झूठी गारंटी के फॉर्म को दिखाकर, कांग्रेस कितनी रिश्वत ले रही है।
कांग्रेस को पक्का पता है कि कर्नाटक के लोग उसे सत्ता में नहीं ला रहे हैं।
इसलिए वो बड़े-बड़े झूठे वायदे कर रही है।
जितनी बड़ी राशि और गारंटी की बात कांग्रेस कर रही है, उसमें तो कर्नाटका का खजाना भी खाली हो जाएगा। फिर भी गारंटी अधूरी रह जाएगी।
इसलिए ऐसी गारंटी सिर्फ बोलने के लिए ही बोली जा रही है।
ये गारंटी अगर पूरी करनी है तो राज्य के विकास के सारे काम बंद करने होंगे।
आपके बच्चों के भविष्य के लिए जो पैसे हैं, वो खा जाएंगे, खर्च कर देंगे।
इसके लिए एक काम कांग्रेस और करेगी।
कांग्रेस, भाजपा की सारी योजनाओं को रिवर्स गीयर में डाल देगी।
गरीब कल्याण की जो योजनाएं, बीजेपी ने शूरू की हैं, कांग्रेस उन्हें बंद करने की तैयारी में है।

भाइयों और बहनों,
बीजेपी, विकसित कर्नाटका का रोडमैप लेकर आपसे आशीर्वाद मांग रही है।
लेकिन कांग्रेस के पास दो ही मुद्दे हैं।
एक तो वो रिटायरमेंट के नाम पर वोट मांग रहे हैं।
आखिरी बार सीएम बना दो, ये उनका घोषणा पत्र है।
कांग्रेस का दूसरा एजेंडा है- गाली देकर लोगों को भड़काओ।
कभी कांग्रेस ओबीसी समाज को गाली दे रही है, कभी लिंगायत समुदाय को गाली दे रही है।
मुझे तो ये 90 से ज्यादा गालियां दे चुके हैं और सेंचुरी की तरफ बढ़ रहे हैं।
इस क्षेत्र के लोगों ने तो एस निजलिंगप्पा जी का काम करीब से देखा है।
कांग्रेस ने तो एस निजलिंगप्पा जी को भी नहीं छोड़ा था।
उनका अपमान करने वाली कांग्रेस, गालियों की सेंचुरी ही बना सकती है।

भाइयों और बहनों,
हिंदुस्तान के हर कोने में से कांग्रेस के भ्रष्टाचार काल को जड़-मूल से उखाड़ कर फेंकना है और विकसित भारत के अमृतकाल को हिंदुस्तान के हर कोने में लाना है। कर्नाटका से भी भ्रष्टाचार काल जाना चाहिए और कर्नाटका में अमृतकाल लाना है। आजादी के 100 वर्ष होंगे तब विकसित भारत बनाना, ये हमारा संकल्प है।
ये संकल्प तभी सिद्ध होगा, जब कर्नाटका में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार होगी।
आपको 10 मई को कमल के निशान पर बटन दबाना है।
आपको याद रखना है- ई बारिया निर्धारा..., ई बारिया निर्धारा..., ई बारिया निर्धारा...
आपको बूथ-बूथ, घर-घर जाना है, जाएंगे हरेक बूथ में जाएंगे, हाथ ऊपर कर बताइए जाएंगे, घर-घर जाएंगे, हर मतदाता को मिलेंगे, बीजेपी को वोट देने के लिए कहेंगे, ज्यादा से ज्यादा मतदान कराएंगे। बूथ को जीतकर के लाएंगे, एक भी बूथ हारेंगे नहीं ना। पक्का जीतेंगे। अच्छा एक मेरा काम करेंगे। जरा जोर से बताइए मेरा काम करेंगे। जरा जोर से बताइए हाथ ऊपर करके बताइए करेंगे। अच्छा..अपनी मोबाइल की फलैश लाइट लगा कर बताइए, मेरा काम करेंगे। अपनी मोबाइल की फलैश लाइट जला कर बताइए, एक मेरा काम करेंगे। मेरा पर्सनल काम करेंगे, पक्का करेंगे, तो जरा ध्यान से सुन लीजिए, क्या काम करीएगा, घर-घर जाइएगा सभी मतदाताओं को नमस्कार कीजिएगा और उनको कहिएगा, उनको बताना है सुन लीजिए, हर मतदाता को कहना है कि आपके सेवक, दिल्ली से मोदी जी आए थे। और मोदी जी ने आकर के आपको नमस्कार भेजा है। आपको प्रणाम कहा है, क्या कहेंगे, घर-घर जाकर मेरा नमस्कार कहेंगे। घर-घर जाकर के मेरा प्रमाण कहेंगे। आप सबको जब मेरा नमस्कार कहेंगे, आप सबको मेरा जब प्रमाण कहेंगे, तो लोग मुझे आशीर्वाद देंगे, वो आशीर्वाद मेरी ताकत बन जाता है और उस ताकत से मैं दिन रात लोगों की सेवा कर सकता हूं, कर्नाटका की सेवा कर सकता हूं, इसलिए लोगों के घर -घर जाएंगे, जोर से बोलिए जाएंगे। हाथ ऊपर करके बोलिए जाएंगे, मेरा प्रणाम पहुंचाएंगे।
बोलो भारत माता की...
भारत माता की...
भारत माता की...
धन्यवाद।

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November 23, 2024
Today, Maharashtra has witnessed the triumph of development, good governance, and genuine social justice: PM Modi to BJP Karyakartas
The people of Maharashtra have given the BJP many more seats than the Congress and its allies combined, says PM Modi at BJP HQ
Maharashtra has broken all records. It is the biggest win for any party or pre-poll alliance in the last 50 years, says PM Modi
‘Ek Hain Toh Safe Hain’ has become the 'maha-mantra' of the country, says PM Modi while addressing the BJP Karyakartas at party HQ
Maharashtra has become sixth state in the country that has given mandate to BJP for third consecutive time: PM Modi

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।