QuoteTMC's appeasement has disrupted the demography in Bengal: PM Modi in Medinipur, WB
QuoteCAA is Modi's guarantee: PM Modi in Medinipur, WB

भारत माता की..

भारत माता की..

मेदिनीपुर शोमोस्तो शक्ति स्वरूपा मां बोनेदेर आमार प्रणाम। मैं खड़गेश्वर महादेव और भगवान जगन्नाथ को प्रणाम करता हूं।

साथियों,

हम सबको आशीर्वाद देने के लिए उमड़ा ये जनसैलाब, मेदिनीपुर का ये माहौल ये बता रहा है कि पूरा बंगाल विकसित भारत के लिए संकल्प ले चुका है। पूरा बंगाल ठान चुका है इस बार भी केंद्र में एक मजबूत सरकार बनानी है और इसलिए कश्मीर हो या कन्याकुमारी, अटक हो या कटक बंगाल का कोई कोना ऐसा नहीं है जहां से एक ही स्वर सुनाई दे रहा है, फिर एक बार.. फिर एक बार.. फिर एक बार। (ये कुछ बच्चे कुछ चित्र लेकर आए हैं, बढ़िया वेशभूषा करके आए हैं, इन बच्चों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं। ये थक जाएंगे जरा इनके हाथ से ये फोटो और कुछ लिख करके लाएं हैं, ले लीजिए। जय श्री राम.. जय श्री राम)

साथियों,

बीजेपी की इस आंधी ने TMC के आतंक के सभी किले ध्वस्त करना शुरू कर दिया है और इसलिए बंगाल में TMC वाले जरा ज्यादा ही बौखलाए हुए हैं। अब बस 25 मई को एक और प्रहार की जरूरत है। बंगाल में फिर TMC के आतंक, अत्याचार और भ्रष्टाचार के किले को गिरते देर नहीं लगेगी।

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साथियों,

मैं जानता हूं TMC लोकतंत्र की लड़ाई पूरी तरह हार चुकी है। इसलिए, वो गुंडों के सहारे जीतना चाहती है। लेकिन, मेरे प्यारे भाइयों-बहनों, बंगाल के मेरे जांबाज नौजवानों किसी से डरना नहीं है। मेदिनीपुर की धरती वीरों और क्रांतिकारियों की धरती है। यहां लोगों ने सत्य की मिसाल और सत्य की मशाल कभी नहीं छोड़ी। उसी मशाल से अंग्रेजों का साम्राज्य जलकर के राख हो गया था। TMC के सिंडिकेट और तोलाबाजों की तो हैसियत ही क्या है? ये लोग डरे हुए हैं, घबराये हुए हैं, जनता के सामर्थ्य को वो भांप नहीं पाएं हैं क्योंकि, 4 जून के परिणाम तय है, फिर एक बार.. फिर एक बार.. फिर एक बार।

साथियों,

बंगाल में TMC का मतलब है- आतंक, भ्रष्टाचार, तुष्टिकरण और भाई-भतीजावाद। अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए लगातार हिंदू समाज, हिंदू आस्था को अपमानित कर रही है टीएमसी। यहां की मुख्यमंत्री के ताज़ा बयान से बंगाल ही नहीं पूरे देश और पूरी दुनिया में मानवता प्रेमी समाज बहुत गुस्से में है। आप याद कीजिए TMC के एक MLA ने कहा था कि हिंदुओं को भगीरथी में बहा देंगे। संतों ने ऐसी राजनीति न करने की सलाह TMC के नेताओं को दी और इससे भड़की यहां की मुख्यमंत्री भड़कीं और मुख्यमंत्री ने सारी हदें पार कर दी हैं। मुख्यमंत्री ने रामकृष्ण मिशन, इस्कॉन और भारत सेवाश्रम संघ पर भद्दे-भद्दे आरोप लगाए हैं, संत समाज का अपमान किया है। साथियों, ये हिंदुओं को मिटाने की बात करने वाले MLA को एक शब्द भी कहने को तैयार नहीं लेकिन, संदेशखाली के गुनहगार शाहजहां को बचाने के लिए दिन-रात एक कर रहे हैं। ये लोग राम का नाम लेने वालों को गालियां देंगे, ये लोग राम नवमी मनाने नहीं देंगे और मोदी के खिलाफ वोट जिहाद की अपील करेंगे, यही TMC और इंडी गठबंधन वालों की सच्चाई है। वोट बैंक के सामने घुटने टेकने वाली ऐसी TMC सरकार आपका एक वोट भी पाने की हकदार नहीं है।

साथियों,

TMC के तुष्टिकरण ने बंगाल में डेमोग्राफी को डांवाडोल कर दिया है। समाज व्यवस्था को पूरी तरह छिन्न- विच्छिन्न कर दिया है। TMC देश के दूसरे राज्य वालों को बाहरी बताती हैं लेकिन, अवैध घुसपैठिए इनको अपने लगते हैं। आप मुझे बताइये बंगाल को घुसपैठियों से खतरा है कि नहीं है? खतरा है कि नहीं है? घुसपैठिए बंगाल के लिए बहुत बड़ा खतरा है। ये घुसपैठिए बंगाल में जनसंख्या संतुलन बिगाड़ रहे हैं। कई इलाकों में हिन्दू अल्पसंख्यक हो गए। दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों की ज़मीनों पर घुसपैठिए कब्जा कर रहे हैं। हमारी बहन-बेटियों की सुरक्षा खतरे में पड़ रही है।

भाइयों- बहनों,

बंगाल के जन-जन को इसका जवाब लेने का समय आ गया है लेकिन, TMC सरकार आंख बंद करके सत्ता भोगने में पड़ी हुई है। आपको पता है न घुसपैठियों का फर्जी राशन कार्ड और आधार कार्ड कौन बनाता है? कौन बनाता है? TMC सरकार बनवाती है कि नहीं बनवाती है? ये घुसपैठिए आपके लिए भले ही आफत है, भले ही ये बंगाल के लिए संकट है लेकिन, TMC के लिए ये वोट बैंक है। जहां-जहां हिन्दू अल्पसंख्यक हो गए हैं, जहां-जहां घुसपैठियों के वोट बढ़ गए हैं, TMC उन्हें अपनी सुरक्षित सीट मानती है। इसलिए, TMC बंगाल की पहचान मिटाने का ये खतरनाक खेल खेल रही है। TMC की प्लानिंग है घुसपैठियों को न्योता और बंगाल के लोगों से नफरत, इन्होंने बंगाल की कानून- व्यवस्था पूरी तरह चौपट कर दी है। इन्होंने बंगाल का उद्योग व्यापार चौपट कर दिया है। इन्होंने बंगाल का रोजगार चौपट करके रखा है। हमारे बंगाल के लोगों को मजबूर होकर आज बाहर जाना पड़ रहा है और इस वजह से जो जगह बन रही है वो TMC के अपने प्रिय घुसपैठियों को दे रही है। TMC की साजिशों को रोकने के लिए केंद्र में एक मजबूत बीजेपी सरकार बहुत जरूरी है। जब तक मोदी है, मैं इनके इरादे कभी भी कामयाब नहीं होने दूंगा और ये मोदी की गारंटी है।

साथियों,

TMC घुसपैठियों का तो स्वागत करती है लेकिन, जो अल्पसंख्यक हिन्दू भाई-बहन यहां आए हैं, प्रताड़ित होकर के आए हैं, वो देशों से निकाले गए हैं उनका वो घोर- विरोध करती है। मेरे भाइयों-बहनों, मैंने वादा किया था और मैं कोई काम पर्दे के पीछे नहीं करता हूं सीना तानकर के करता हूं, आंख मिलाकर के करता हूं। मैंने वादा किया था, मैं इन शरणार्थी परिवारों को नागरिकता दूंगा। ये देश और बंगाल के विभाजन के समय से हमसे उम्मीद लगाए हुए हैं। ये हमारे भाई-बहन हैं। इनमें हमारे दलित भाई- बहन हैं, हमारे आदिवासी भाई- बहन हैं, हमारे पिछड़े समाज के लोग हैं। लेकिन, TMC इनकी मदद का विरोध कर रही है। CAA का विरोध कर रही है और ये कह रही है कि हम CAA को लागू नहीं होने देंगे। हम CAA को उलट देंगे। जरा टीएमसी वाले, कांग्रेस वाले, लेफ्ट वाले दीवार पर लिखकर रखना मोदी जब तक जिंदा है ना कुछ नहीं कर पाओगे। कुछ भी नहीं कर पाओगे। साथियों, CAA ये नागरिकता देने का कानून है लेकिन, ये TMC झूठ बोलने की उसकी आदत जाती नहीं है, दिन-रात झूठ बोलती रही कि CAA का फॉर्म भरा तो नागरिकता चली जाएगी लेकिन, अब इनके झूठ का पर्दाफाश हो गया है। अभी 4 दिन पहले 300 से ज्यादा शरणार्थियों को नागरिकता देकर के शुभ शुरुआत हो चुकी है। मैं TMC वालों से कहना चाहता हूं, कान खोलकर सुन लो CAA, ये मोदी की गारंटी है। हिन्दू, बौद्ध, सिख, जैन, ईसाई, पारसी अल्पसंख्यकों को नागरिकता मिलकर के रहेगी और अवैध घुसपैठियों का आतंक बंद होकर के रहेगा।

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साथियों,

कांग्रेस और TMC, ये दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। ये लोग एक- दूसरे को बंगाल में गाली देते हैं और फिर दिल्ली जाकर दोस्ती निभाने लगते हैं। TMC बंगाल में भले ही अलग चुनाव लड़ने का नाटक कर रही हो लेकिन, दिल्ली में TMC, इंडी गठबंधन की पार्टनर है। ये डबल खेल खेलने वाले लोग क्या मेरे बंगाल के लोगों को समझने में गलती नहीं करते हैं तो क्या कर रहे हैं? ये बेवकूफ बनाने, धोखाधड़ी करने को राजनीति मानते हैं। क्या बंगाल के लोग इनका ये दोहरा चरित्र समझते हैं कि नहीं समझते हैं?

साथियों,

पिछले 10 साल से मोदी का मंत्र है- बंगाल का विकास, पुरजोर विकास, चारों तरफ विकास। लेकिन, TMC का एजेंडा है- बंगाल के विकास को ठप्प करना। खड़गपुर से भुवनेश्वर के लिए हाई स्पीड सड़क हो, बंगाल में 36 हजार किलोमीटर ग्रामीण सड़कें हो, अमृत भारत स्टेशनों का विकास हो, यहां से चल रही वन्दे भारत ट्रेनें हो, ऐसे अनगिनत काम, ये सब किसने किया? किसने किया? किसने किया? किसने किया? ये सब तो मोदी को जो आपने आशीर्वाद दिए हैं न वो आशीर्वाद ने किया है। ये जो कुछ भी हुआ है वो आपके एक वोट की ताकत से हुआ है। आपके एक वोट की ताकत से हुआ है।

भाइयों- बहनों,

मां-माटी-मानुष कहकर इतना बड़ा धोखा भारतीय राजनीति में किसी और दल ने कभी भी नहीं दिया। मोदी बंगाल के हर गरीब को मुफ्त राशन दे रहा है लेकिन, जो राशन मैं भेजता हूं, ये TMC वाले उसे भी खा जाते हैं। यही है TMC का मां-माटी-मानुष। मोदी गरीबों को पक्के घर देने के लिए काम कर रहा है लेकिन, TMC उसमें भी भ्रष्टाचार कर रही है। आवास के लिए केवल TMC के लोगों के नाम भेजे जाते हैं, ये ही है TMC का मां-माटी-मानुष। मैंने बंगाल में हर घर जल पहुंचाने के लिए काम शुरू किया। इन्होंने जल जीवन मिशन के नाम पर केवल पाइप बिछाए, पानी अभी तक नहीं पहुंचा। पानी का पैसा तक TMC वाले खा गए और मुझे अभी पुरुलिया में हमारे एक साथी ने बताया कि जल जीवन मिशन का पानी पहुंचाना है, पाइप डालना है तो इनके तोलाबाज उस घरवालों से 2000-2500 रुपये मार लेते हैं, तब तक काम नहीं होने देते हैं। यही है टीएमसी का मां-माटी-मानुष।

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साथियों,

मेदिनीपुर हमारे सुवेन्दु अधिकारी और दिलीप घोष की कर्मभूमि रही है और दिलीप को मैं राजनीति के पहले से जानता हूं। मेहनत करना उसके स्वभाव में है, वो चैन से बैठ नहीं सकते और उन्होंने पार्टी अध्यक्ष के नाते भी दिन-रात एक किए थे। सुवेन्दु जी यहां TMC के अत्याचार से लगातार लड़ रहे हैं। वे भी बहुत तेजी से बंगाल के लोगों के सुख- सुविधा के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। इसलिए, मेदिनीपुर में बीजेपी कार्यकर्ताओं की विशेष ज़िम्मेदारी है। मेदिनीपुर से बहन अग्निमित्रा पॉल जी और घातल से हिरण्मय चट्टोपाध्याय जी, मेरा अनुरोध है 25 मई को ये मेरे दोनों साथियों को भारी बहुमत से विजयी बनाएं और जब आप इनको वोट देंगे ना वो वोट सीधा-सीधा मोदी के खाते में जाएगा, मोदी मजबूत होगा, बंगाल के सपनों को पूरा करेगा। घर- घर जाएंगे, घर- घर जाएंगे जरा हाथ ऊपर करके बताइए, घर- घर जाएंगे, ज्यादा से ज्यादा मतदान कराएंगे, सभी पोलिंग बूथ जीत के आएंगे। मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की..

भारत माता की..

भारत माता की..

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Today, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM Modi in TV9 Summit
March 28, 2025
QuoteToday, the world's eyes are on India: PM
QuoteIndia's youth is rapidly becoming skilled and driving innovation forward: PM
Quote"India First" has become the mantra of India's foreign policy: PM
QuoteToday, India is not just participating in the world order but also contributing to shaping and securing the future: PM
QuoteIndia has given Priority to humanity over monopoly: PM
QuoteToday, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM

श्रीमान रामेश्वर गारु जी, रामू जी, बरुन दास जी, TV9 की पूरी टीम, मैं आपके नेटवर्क के सभी दर्शकों का, यहां उपस्थित सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूं, इस समिट के लिए बधाई देता हूं।

TV9 नेटवर्क का विशाल रीजनल ऑडियंस है। और अब तो TV9 का एक ग्लोबल ऑडियंस भी तैयार हो रहा है। इस समिट में अनेक देशों से इंडियन डायस्पोरा के लोग विशेष तौर पर लाइव जुड़े हुए हैं। कई देशों के लोगों को मैं यहां से देख भी रहा हूं, वे लोग वहां से वेव कर रहे हैं, हो सकता है, मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं यहां नीचे स्क्रीन पर हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठे हुए सब दर्शकों को भी उतने ही उत्साह, उमंग से देख रहा हूं, मेरी तरफ से उनका भी स्वागत है।

साथियों,

आज विश्व की दृष्टि भारत पर है, हमारे देश पर है। दुनिया में आप किसी भी देश में जाएं, वहां के लोग भारत को लेकर एक नई जिज्ञासा से भरे हुए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो देश 70 साल में ग्यारहवें नंबर की इकोनॉमी बना, वो महज 7-8 साल में पांचवे नंबर की इकोनॉमी बन गया? अभी IMF के नए आंकड़े सामने आए हैं। वो आंकड़े कहते हैं कि भारत, दुनिया की एकमात्र मेजर इकोनॉमी है, जिसने 10 वर्षों में अपने GDP को डबल किया है। बीते दशक में भारत ने दो लाख करोड़ डॉलर, अपनी इकोनॉमी में जोड़े हैं। GDP का डबल होना सिर्फ आंकड़ों का बदलना मात्र नहीं है। इसका impact देखिए, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, और ये 25 करोड़ लोग एक नियो मिडिल क्लास का हिस्सा बने हैं। ये नियो मिडिल क्लास, एक प्रकार से नई ज़िंदगी शुरु कर रहा है। ये नए सपनों के साथ आगे बढ़ रहा है, हमारी इकोनॉमी में कंट्रीब्यूट कर रहा है, और उसको वाइब्रेंट बना रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी हमारे भारत में है। ये युवा, तेज़ी से स्किल्ड हो रहा है, इनोवेशन को गति दे रहा है। और इन सबके बीच, भारत की फॉरेन पॉलिसी का मंत्र बन गया है- India First, एक जमाने में भारत की पॉलिसी थी, सबसे समान रूप से दूरी बनाकर चलो, Equi-Distance की पॉलिसी, आज के भारत की पॉलिसी है, सबके समान रूप से करीब होकर चलो, Equi-Closeness की पॉलिसी। दुनिया के देश भारत की ओपिनियन को, भारत के इनोवेशन को, भारत के एफर्ट्स को, जैसा महत्व आज दे रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आज दुनिया की नजर भारत पर है, आज दुनिया जानना चाहती है, What India Thinks Today.

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साथियों,

भारत आज, वर्ल्ड ऑर्डर में सिर्फ पार्टिसिपेट ही नहीं कर रहा, बल्कि फ्यूचर को शेप और सेक्योर करने में योगदान दे रहा है। दुनिया ने ये कोरोना काल में अच्छे से अनुभव किया है। दुनिया को लगता था कि हर भारतीय तक वैक्सीन पहुंचने में ही, कई-कई साल लग जाएंगे। लेकिन भारत ने हर आशंका को गलत साबित किया। हमने अपनी वैक्सीन बनाई, हमने अपने नागरिकों का तेज़ी से वैक्सीनेशन कराया, और दुनिया के 150 से अधिक देशों तक दवाएं और वैक्सीन्स भी पहुंचाईं। आज दुनिया, और जब दुनिया संकट में थी, तब भारत की ये भावना दुनिया के कोने-कोने तक पहुंची कि हमारे संस्कार क्या हैं, हमारा तौर-तरीका क्या है।

साथियों,

अतीत में दुनिया ने देखा है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब भी कोई वैश्विक संगठन बना, उसमें कुछ देशों की ही मोनोपोली रही। भारत ने मोनोपोली नहीं बल्कि मानवता को सर्वोपरि रखा। भारत ने, 21वीं सदी के ग्लोबल इंस्टीट्यूशन्स के गठन का रास्ता बनाया, और हमने ये ध्यान रखा कि सबकी भागीदारी हो, सबका योगदान हो। जैसे प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती है। देश कोई भी हो, इन आपदाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान होता है। आज ही म्यांमार में जो भूकंप आया है, आप टीवी पर देखें तो बहुत बड़ी-बड़ी इमारतें ध्वस्त हो रही हैं, ब्रिज टूट रहे हैं। और इसलिए भारत ने Coalition for Disaster Resilient Infrastructure - CDRI नाम से एक वैश्विक नया संगठन बनाने की पहल की। ये सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार करने का संकल्प है। भारत का प्रयास है, प्राकृतिक आपदा से, पुल, सड़कें, बिल्डिंग्स, पावर ग्रिड, ऐसा हर इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षित रहे, सुरक्षित निर्माण हो।

साथियों,

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हर देश का मिलकर काम करना बहुत जरूरी है। ऐसी ही एक चुनौती है, हमारे एनर्जी रिसोर्सेस की। इसलिए पूरी दुनिया की चिंता करते हुए भारत ने International Solar Alliance (ISA) का समाधान दिया है। ताकि छोटे से छोटा देश भी सस्टेनबल एनर्जी का लाभ उठा सके। इससे क्लाइमेट पर तो पॉजिटिव असर होगा ही, ये ग्लोबल साउथ के देशों की एनर्जी नीड्स को भी सिक्योर करेगा। और आप सबको ये जानकर गर्व होगा कि भारत के इस प्रयास के साथ, आज दुनिया के सौ से अधिक देश जुड़ चुके हैं।

साथियों,

बीते कुछ समय से दुनिया, ग्लोबल ट्रेड में असंतुलन और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी challenges का सामना कर रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भी भारत ने दुनिया के साथ मिलकर नए प्रयास शुरु किए हैं। India–Middle East–Europe Economic Corridor (IMEC), ऐसा ही एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। ये प्रोजेक्ट, कॉमर्स और कनेक्टिविटी के माध्यम से एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट को जोड़ेगा। इससे आर्थिक संभावनाएं तो बढ़ेंगी ही, दुनिया को अल्टरनेटिव ट्रेड रूट्स भी मिलेंगे। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन भी और मजबूत होगी।

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साथियों,

ग्लोबल सिस्टम्स को, अधिक पार्टिसिपेटिव, अधिक डेमोक्रेटिक बनाने के लिए भी भारत ने अनेक कदम उठाए हैं। और यहीं, यहीं पर ही भारत मंडपम में जी-20 समिट हुई थी। उसमें अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाया गया है। ये बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम था। इसकी मांग लंबे समय से हो रही थी, जो भारत की प्रेसीडेंसी में पूरी हुई। आज ग्लोबल डिसीजन मेकिंग इंस्टीट्यूशन्स में भारत, ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज़ बन रहा है। International Yoga Day, WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क, ऐसे कितने ही क्षेत्रों में भारत के प्रयासों ने नए वर्ल्ड ऑर्डर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, और ये तो अभी शुरूआत है, ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत का सामर्थ्य नई ऊंचाई की तरफ बढ़ रहा है।

साथियों,

21वीं सदी के 25 साल बीत चुके हैं। इन 25 सालों में 11 साल हमारी सरकार ने देश की सेवा की है। और जब हम What India Thinks Today उससे जुड़ा सवाल उठाते हैं, तो हमें ये भी देखना होगा कि Past में क्या सवाल थे, क्या जवाब थे। इससे TV9 के विशाल दर्शक समूह को भी अंदाजा होगा कि कैसे हम, निर्भरता से आत्मनिर्भरता तक, Aspirations से Achievement तक, Desperation से Development तक पहुंचे हैं। आप याद करिए, एक दशक पहले, गांव में जब टॉयलेट का सवाल आता था, तो माताओं-बहनों के पास रात ढलने के बाद और भोर होने से पहले का ही जवाब होता था। आज उसी सवाल का जवाब स्वच्छ भारत मिशन से मिलता है। 2013 में जब कोई इलाज की बात करता था, तो महंगे इलाज की चर्चा होती थी। आज उसी सवाल का समाधान आयुष्मान भारत में नजर आता है। 2013 में किसी गरीब की रसोई की बात होती थी, तो धुएं की तस्वीर सामने आती थी। आज उसी समस्या का समाधान उज्ज्वला योजना में दिखता है। 2013 में महिलाओं से बैंक खाते के बारे में पूछा जाता था, तो वो चुप्पी साध लेती थीं। आज जनधन योजना के कारण, 30 करोड़ से ज्यादा बहनों का अपना बैंक अकाउंट है। 2013 में पीने के पानी के लिए कुएं और तालाबों तक जाने की मजबूरी थी। आज उसी मजबूरी का हल हर घर नल से जल योजना में मिल रहा है। यानि सिर्फ दशक नहीं बदला, बल्कि लोगों की ज़िंदगी बदली है। और दुनिया भी इस बात को नोट कर रही है, भारत के डेवलपमेंट मॉडल को स्वीकार रही है। आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है।

साथियों,

जब कोई देश, अपने नागरिकों की सुविधा और समय को महत्व देता है, तब उस देश का समय भी बदलता है। यही आज हम भारत में अनुभव कर रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। पहले पासपोर्ट बनवाना कितना बड़ा काम था, ये आप जानते हैं। लंबी वेटिंग, बहुत सारे कॉम्प्लेक्स डॉक्यूमेंटेशन का प्रोसेस, अक्सर राज्यों की राजधानी में ही पासपोर्ट केंद्र होते थे, छोटे शहरों के लोगों को पासपोर्ट बनवाना होता था, तो वो एक-दो दिन कहीं ठहरने का इंतजाम करके चलते थे, अब वो हालात पूरी तरह बदल गया है, एक आंकड़े पर आप ध्यान दीजिए, पहले देश में सिर्फ 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे, आज इनकी संख्या 550 से ज्यादा हो गई है। पहले पासपोर्ट बनवाने में, और मैं 2013 के पहले की बात कर रहा हूं, मैं पिछले शताब्दी की बात नहीं कर रहा हूं, पासपोर्ट बनवाने में जो वेटिंग टाइम 50 दिन तक होता था, वो अब 5-6 दिन तक सिमट गया है।

साथियों,

ऐसा ही ट्रांसफॉर्मेशन हमने बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी देखा है। हमारे देश में 50-60 साल पहले बैंकों का नेशनलाइजेशन किया गया, ये कहकर कि इससे लोगों को बैंकिंग सुविधा सुलभ होगी। इस दावे की सच्चाई हम जानते हैं। हालत ये थी कि लाखों गांवों में बैंकिंग की कोई सुविधा ही नहीं थी। हमने इस स्थिति को भी बदला है। ऑनलाइन बैंकिंग तो हर घर में पहुंचाई है, आज देश के हर 5 किलोमीटर के दायरे में कोई न कोई बैंकिंग टच प्वाइंट जरूर है। और हमने सिर्फ बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का ही दायरा नहीं बढ़ाया, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को भी मजबूत किया। आज बैंकों का NPA बहुत कम हो गया है। आज बैंकों का प्रॉफिट, एक लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए के नए रिकॉर्ड को पार कर चुका है। और इतना ही नहीं, जिन लोगों ने जनता को लूटा है, उनको भी अब लूटा हुआ धन लौटाना पड़ रहा है। जिस ED को दिन-रात गालियां दी जा रही है, ED ने 22 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक वसूले हैं। ये पैसा, कानूनी तरीके से उन पीड़ितों तक वापिस पहुंचाया जा रहा है, जिनसे ये पैसा लूटा गया था।

साथियों,

Efficiency से गवर्नमेंट Effective होती है। कम समय में ज्यादा काम हो, कम रिसोर्सेज़ में अधिक काम हो, फिजूलखर्ची ना हो, रेड टेप के बजाय रेड कार्पेट पर बल हो, जब कोई सरकार ये करती है, तो समझिए कि वो देश के संसाधनों को रिस्पेक्ट दे रही है। और पिछले 11 साल से ये हमारी सरकार की बड़ी प्राथमिकता रहा है। मैं कुछ उदाहरणों के साथ अपनी बात बताऊंगा।

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साथियों,

अतीत में हमने देखा है कि सरकारें कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिनिस्ट्रीज में accommodate करने की कोशिश करती थीं। लेकिन हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही कई मंत्रालयों का विलय कर दिया। आप सोचिए, Urban Development अलग मंत्रालय था और Housing and Urban Poverty Alleviation अलग मंत्रालय था, हमने दोनों को मर्ज करके Housing and Urban Affairs मंत्रालय बना दिया। इसी तरह, मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज़ अफेयर्स अलग था, विदेश मंत्रालय अलग था, हमने इन दोनों को भी एक साथ जोड़ दिया, पहले जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय अलग था, और पेयजल मंत्रालय अलग था, हमने इन्हें भी जोड़कर जलशक्ति मंत्रालय बना दिया। हमने राजनीतिक मजबूरी के बजाय, देश की priorities और देश के resources को आगे रखा।

साथियों,

हमारी सरकार ने रूल्स और रेगुलेशन्स को भी कम किया, उन्हें आसान बनाया। करीब 1500 ऐसे कानून थे, जो समय के साथ अपना महत्व खो चुके थे। उनको हमारी सरकार ने खत्म किया। करीब 40 हज़ार, compliances को हटाया गया। ऐसे कदमों से दो फायदे हुए, एक तो जनता को harassment से मुक्ति मिली, और दूसरा, सरकारी मशीनरी की एनर्जी भी बची। एक और Example GST का है। 30 से ज्यादा टैक्सेज़ को मिलाकर एक टैक्स बना दिया गया है। इसको process के, documentation के हिसाब से देखें तो कितनी बड़ी बचत हुई है।

साथियों,

सरकारी खरीद में पहले कितनी फिजूलखर्ची होती थी, कितना करप्शन होता था, ये मीडिया के आप लोग आए दिन रिपोर्ट करते थे। हमने, GeM यानि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म बनाया। अब सरकारी डिपार्टमेंट, इस प्लेटफॉर्म पर अपनी जरूरतें बताते हैं, इसी पर वेंडर बोली लगाते हैं और फिर ऑर्डर दिया जाता है। इसके कारण, भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हुई है, और सरकार को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत भी हुई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर- DBT की जो व्यवस्था भारत ने बनाई है, उसकी तो दुनिया में चर्चा है। DBT की वजह से टैक्स पेयर्स के 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा, गलत हाथों में जाने से बचे हैं। 10 करोड़ से ज्यादा फर्ज़ी लाभार्थी, जिनका जन्म भी नहीं हुआ था, जो सरकारी योजनाओं का फायदा ले रहे थे, ऐसे फर्जी नामों को भी हमने कागजों से हटाया है।

साथियों,

 

हमारी सरकार टैक्स की पाई-पाई का ईमानदारी से उपयोग करती है, और टैक्सपेयर का भी सम्मान करती है, सरकार ने टैक्स सिस्टम को टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाया है। आज ITR फाइलिंग का प्रोसेस पहले से कहीं ज्यादा सरल और तेज़ है। पहले सीए की मदद के बिना, ITR फाइल करना मुश्किल होता था। आज आप कुछ ही समय के भीतर खुद ही ऑनलाइन ITR फाइल कर पा रहे हैं। और रिटर्न फाइल करने के कुछ ही दिनों में रिफंड आपके अकाउंट में भी आ जाता है। फेसलेस असेसमेंट स्कीम भी टैक्सपेयर्स को परेशानियों से बचा रही है। गवर्नेंस में efficiency से जुड़े ऐसे अनेक रिफॉर्म्स ने दुनिया को एक नया गवर्नेंस मॉडल दिया है।

साथियों,

पिछले 10-11 साल में भारत हर सेक्टर में बदला है, हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। और एक बड़ा बदलाव सोच का आया है। आज़ादी के बाद के अनेक दशकों तक, भारत में ऐसी सोच को बढ़ावा दिया गया, जिसमें सिर्फ विदेशी को ही बेहतर माना गया। दुकान में भी कुछ खरीदने जाओ, तो दुकानदार के पहले बोल यही होते थे – भाई साहब लीजिए ना, ये तो इंपोर्टेड है ! आज स्थिति बदल गई है। आज लोग सामने से पूछते हैं- भाई, मेड इन इंडिया है या नहीं है?

साथियों,

आज हम भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस का एक नया रूप देख रहे हैं। अभी 3-4 दिन पहले ही एक न्यूज आई है कि भारत ने अपनी पहली MRI मशीन बना ली है। अब सोचिए, इतने दशकों तक हमारे यहां स्वदेशी MRI मशीन ही नहीं थी। अब मेड इन इंडिया MRI मशीन होगी तो जांच की कीमत भी बहुत कम हो जाएगी।

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साथियों,

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान ने, देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई ऊर्जा दी है। पहले दुनिया भारत को ग्लोबल मार्केट कहती थी, आज वही दुनिया, भारत को एक बड़े Manufacturing Hub के रूप में देख रही है। ये सक्सेस कितनी बड़ी है, इसके उदाहरण आपको हर सेक्टर में मिलेंगे। जैसे हमारी मोबाइल फोन इंडस्ट्री है। 2014-15 में हमारा एक्सपोर्ट, वन बिलियन डॉलर तक भी नहीं था। लेकिन एक दशक में, हम ट्वेंटी बिलियन डॉलर के फिगर से भी आगे निकल चुके हैं। आज भारत ग्लोबल टेलिकॉम और नेटवर्किंग इंडस्ट्री का एक पावर सेंटर बनता जा रहा है। Automotive Sector की Success से भी आप अच्छी तरह परिचित हैं। इससे जुड़े Components के एक्सपोर्ट में भी भारत एक नई पहचान बना रहा है। पहले हम बहुत बड़ी मात्रा में मोटर-साइकल पार्ट्स इंपोर्ट करते थे। लेकिन आज भारत में बने पार्ट्स UAE और जर्मनी जैसे अनेक देशों तक पहुंच रहे हैं। सोलर एनर्जी सेक्टर ने भी सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। हमारे सोलर सेल्स, सोलर मॉड्यूल का इंपोर्ट कम हो रहा है और एक्सपोर्ट्स 23 गुना तक बढ़ गए हैं। बीते एक दशक में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी 21 गुना बढ़ा है। ये सारी अचीवमेंट्स, देश की मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी की ताकत को दिखाती है। ये दिखाती है कि भारत में कैसे हर सेक्टर में नई जॉब्स भी क्रिएट हो रही हैं।

साथियों,

TV9 की इस समिट में, विस्तार से चर्चा होगी, अनेक विषयों पर मंथन होगा। आज हम जो भी सोचेंगे, जिस भी विजन पर आगे बढ़ेंगे, वो हमारे आने वाले कल को, देश के भविष्य को डिजाइन करेगा। पिछली शताब्दी के इसी दशक में, भारत ने एक नई ऊर्जा के साथ आजादी के लिए नई यात्रा शुरू की थी। और हमने 1947 में आजादी हासिल करके भी दिखाई। अब इस दशक में हम विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चल रहे हैं। और हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना जरूर पूरा करना है। और जैसा मैंने लाल किले से कहा है, इसमें सबका प्रयास आवश्यक है। इस समिट का आयोजन कर, TV9 ने भी अपनी तरफ से एक positive initiative लिया है। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की सफलता के लिए मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं।

मैं TV9 को विशेष रूप से बधाई दूंगा, क्योंकि पहले भी मीडिया हाउस समिट करते रहे हैं, लेकिन ज्यादातर एक छोटे से फाइव स्टार होटल के कमरे में, वो समिट होती थी और बोलने वाले भी वही, सुनने वाले भी वही, कमरा भी वही। TV9 ने इस परंपरा को तोड़ा और ये जो मॉडल प्लेस किया है, 2 साल के भीतर-भीतर देख लेना, सभी मीडिया हाउस को यही करना पड़ेगा। यानी TV9 Thinks Today वो बाकियों के लिए रास्ता खोल देगा। मैं इस प्रयास के लिए बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, आपकी पूरी टीम को, और सबसे बड़ी खुशी की बात है कि आपने इस इवेंट को एक मीडिया हाउस की भलाई के लिए नहीं, देश की भलाई के लिए आपने उसकी रचना की। 50,000 से ज्यादा नौजवानों के साथ एक मिशन मोड में बातचीत करना, उनको जोड़ना, उनको मिशन के साथ जोड़ना और उसमें से जो बच्चे सिलेक्ट होकर के आए, उनकी आगे की ट्रेनिंग की चिंता करना, ये अपने आप में बहुत अद्भुत काम है। मैं आपको बहुत बधाई देता हूं। जिन नौजवानों से मुझे यहां फोटो निकलवाने का मौका मिला है, मुझे भी खुशी हुई कि देश के होनहार लोगों के साथ, मैं अपनी फोटो निकलवा पाया। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं दोस्तों कि आपके साथ मेरी फोटो आज निकली है। और मुझे पक्का विश्वास है कि सारी युवा पीढ़ी, जो मुझे दिख रही है, 2047 में जब देश विकसित भारत बनेगा, सबसे ज्यादा बेनिफिशियरी आप लोग हैं, क्योंकि आप उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, जब भारत विकसित होगा, आपके लिए मौज ही मौज है। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद।