Modi's 'dhaakad' government demolished the wall of Article 370 and Kashmir started walking on the path of development: PM Modi in Ambala
Seeing Rafale jets soar in Ambala skies today is a proud moment for all of us: PM Modi

मां अंबिका, माता मनसा देवी की भूमि, अंबाला से पूरे हरियाणा को राम-राम ! हरियाणा हिम्मत है, हरियाणा हौसला है। तभी तो हरियाणा धाकड़ है... धाकड़…और मोदी ने तो कई सालों तक हरियाणा की रोटी खाई है। हरियाणा की तरह ही…मोदी ने 10 साल तक सरकार भी धाकड़ चलाई है। आज अंबाला के आसमान में राफेल के विमान जब उड़ते हैं, तो आपको गर्व होता है कि नहीं होता है?

साथियों,

आज मैं आपसे अगले 5 साल के लिए आशीर्वाद मांगने के लिए आया हूं। आप इतनी बड़ी संख्या में यहां आए...मैं आपका बहुत आभारी हूं। आज मेरे बहुत पुराने साथी, संगठन में भी काम किया, सरकार में भी काम किया हमारे रतनलाल जी कटारिया जी की बरसी है। मैं उन्हें भी अपनी श्रद्धांजलि देता हूं।

भाइयों और बहनों,

4 जून में अब सिर्फ 17 दिन बचे हैं। 4 चरणों के चुनाव में...कांग्रेस और इंडी गठबंधन, ये उनके सारे साथी, सारे दल, चार चरण में चारों खाने चित्त हो चुके हैं। इंडी वालों ने देश के खिलाफ जो भी दांव-पेंच चले थे...उन्हें चुनाव के मैदान में...जनता जनार्दन ने खुद पटखनी दे दी है। और हरियाणा तो वो राज्य है...जिसकी रगों में देशभक्ति है। देशविरोधी ताकतों को हरियाणा अच्छी तरह जानता-पहचानता है। और इसलिए हरियाणा का गांव-गांव, घर-घर एक ही आवाज में बोल रहा है...फिर एक बार...मोदी सरकार। फिर एक बार...मोदी सरकार। फिर एक बार...मोदी सरकार।

साथियों,

जब देश में एक धाकड़ सरकार होती है...तो दुश्मन भी कुछ करने से पहले सौ बार सोचता है। आज आप देखिए...जो पाकिस्तान 70 सालों से भारत को परेशान कर रहा था...जिसके हाथ में बम का गोला रहता था...आज उसके हाथ में भीख का कटोरा है। जब धाकड़ सरकार होती है...तो ऐसे ही दुश्मन कांपता है।

साथियों,

क्या कोई कमजोर सरकार...जम्मू-कश्मीर में हालात बदल सकती थी? जम्मू-कश्मीर में हालात बदल सकती थी?...वो जमाना याद करिए जब कांग्रेस की सरकार थी हरियाणा की वीर माताएं दिन-रात चिंता में रहती थीं...कब किसी आतंकी का गोला फट जाए...कब किसी पत्थर से हमारे फौजियों का सिर फट जाए। आज 10 साल हो गए, सबकुछ बंद हो गया कि नहीं हो गया। बंद हुआ की नहीं हुआ, मोदी की धाकड़ सरकार ने 370 की दीवार गिराई और कश्मीर विकास के रास्ते पर चल पड़ा है।

भाइयों और बहनों,

कांग्रेस का इतिहास, हमारी सेनाओं को...फौजियों को धोखा देने का रहा है। देश का पहला घोटाला कांग्रेस ने भारत की सेना में ही किया था। इस ट्रैक रिकॉर्ड को कांग्रेस जब तक सत्ता में रही...हमेशा नए-नए घोटाले करके उसने बनाए रखा। बोफोर्स घोटाला...पनडुब्बी घोटाला...हेलीकॉप्टर घोटाला...कांग्रेसी भारत की सेनाओं को कमजोर बनाकर रखते थे...जानते हैं क्यों? ताकि विदेश से हथियार मंगाने के नाम पर मोटी कमाई कर सकें। हमारे सैनिकों की छोटी-छोटी जरूरतों को तो ये कांग्रेसी पूछते तक नहीं थे। हमारे सैनिकों को कपड़े-जूते, बुलेट-प्रूफ जैकेट...ये भी ठीक से नसीब नहीं थे। उनके पास अच्छी राइफलें तक नहीं थी...उन्हें लाठी देकर कहा जाता था कि आतंकियों की गोलियों का मुकाबला करो...और जब मोदी सरकार में आया....तो उसने कहा...ऐसे नहीं चलेगा। मैंने भारत की सेनाओं को आत्मनिर्भर बनाने का अभियान शुरू किया। आज सेना को मेड इन इंडिया हथियार मिल रहे हैं। जो भारत कभी दूसरे देशों से हथियार मंगाता था...वो अब दूसरे देशों को हथियार बेच रहा है।

साथियों,

कांग्रेस ने हमारे पूर्व सैनिकों के साथ भी विश्वासघात किया। 4 दशक तक कांग्रेस पूर्व सैनिकों को वन रैंक-वन पेंशन के लिए तरसाती रही। और जब 2013 में उनको लगा कि मोदी एक बहुत बड़ी चुनौती बन गया है, तो उन्होंने जाते-जाते वन रैंक-वन पेंशन के लिए 500 करोड़ का बजट में प्रावधान किया। और वो 500 करोड़ का कागज लेकर के ये शहजादे हरियाणा में पूर्व सैनिकों के सम्मेलन करते थे, पंजाब में जाते थे, हिमाचल में जाते थे और भ्रम फैलाने का काम करते थे कि देखिए हमने OROP कर दिया। वन रैंक-वन पेंशन कर दिया। इनकी झूठ बोलने की इतनी हिम्मत है, इनकी झूठ बोलने की इतनी आदत है। बड़े-बड़े पत्रकार भी भ्रम में रहते हैं, ऐसा शानदार झूठ बोलते हैं ये लोग।

भाइयों-बहनों,

जब आपने मुझे सेवा का अवसर दिया, मोदी ने डंके की चोट पर वन रैंक-वन पेंशन का वायदा किया। और जरा गांव-गांव पूर्व सैनिक परिवारों को बताइए कि कांग्रेस कैसा झूठ बोलती है। उन्होंने 500 करोड़ रखा था, हमारी सरकार ने जब OROP दिया, तो कितना खर्च हुआ पता है। उन्होंने 500 करोड़ का खेल खेला था, हमने वन रैंक-वन पेंशन दिया तो अबतक 1 लाख 20 हजार करोड़ रुपए, उससे भी ज्यादा...मोदी हर सैनिक के परिवार को पहुंचा चुका है। अब आप बताइए 500 करोड़ कागज पर लिख करके देश के लिए जीने मरने वाले, देश के लिए जान की बाजी लगाने वाले और हरियाणा कुरुक्षेत्र की धरती, जहां सत्य विजयी होता है, उस धरती पर पूर्व सैनिकों के सामने झूठ बोलने का पाप किया था। और जब मोदी ने इसको लागू किया 1 लाख 20 हजार करोड़ रुपए के साथ, हर परिवार की चिंता की। और मोदी हर सैनिक परिवार की चिंता समझता है, इसलिए ऐसे संवेदनशील निर्णय लेता है।

साथियों,

मोदी विकसित भारत का संकल्प लेकर निकला है। और जब मैं विकसित भारत का संकल्प लेकर निकला हूं तब हरियाणा का मुझपर बहुत अधिकार भी है। क्योंकि मेरी विकास यात्रा में हरियाणा के भी संस्कार हैं। मैं आज आपको गारंटी देता हूं, आपका सपना ही मेरा संकल्प है। पल-पल आपके नाम, पल-पल देश के नाम, 24/7 फॉर 2047.

भाइयों -बहनों

विकसित भारत के 4 स्तंभ हैं। गरीब, युवा, महिलाएं और किसान...मोदी इन चारो स्तंभों को ऐसी मजबूती देना चाहता है, ताकि मेरा देश मजबूत हो, मेरा हिंदुस्तान मजबूत हो। किसानों का कल्याण, मोदी की प्राथमिकता है। 2014 से पहले के 10 साल में कांग्रेस की सरकार ने...देश के किसानों से सिर्फ, मेरा एक काम करेंगे... मेरा एक काम करेंगे...जरा हाथ ऊपर करके बताइए करेंगे। ये जो मैं आंकड़ा बोलता हूं, याद रखेंगे। किसानों को जाकर बताएंगे, धीरे-धीरे हाथ नीचे हो रहा है। बताएंगे...कांग्रेस के जमाने में सिर्फ साढ़े सात लाख करोड़ रुपए का अनाज MSP पर खरीदा गया था। कांग्रेस के जमाने में...दस साल में...साढ़े सात लाख करोड़ रुपए का MSP पर अनाज खरीदा गया था। ये किसानों के नाम राजनीति करते हैं ना... दस साल में...साढ़े सात लाख करोड़। और मोदी ने क्या किया, 10 सालों में 20 लाख करोड़ रुपए का MSP में हमने किसानों से आनाज खरीदा है। यानि तीन गुना अनाज MSP पर खरीदा गया है। पहले तो पैसा मिलने में भी कई-कई महीने लगते थे। अब पैसा सीधे बैंक खाते में जमा हो जाता है।

साथियों,

कांग्रेस ने गन्ना किसानों को सिर्फ और सिर्फ धोखा ही दिया है। आज गन्ने का FRP, करीब-करीब साढ़े तीन सौ रुपए प्रति क्विंटल है। जबकि कांग्रेस की सरकार करीब 210 रुपए प्रति क्विंटल देती थी। ये आंकड़े याद रखना मुंहतोड़ जवाब देना झूठ बोलने वालों को। 2014 में जब हमलोग आए तो गन्ने का बकाया करीब 60 हज़ार करोड़ रुपया था। किसान का पैसा था, उसकी मेहनत का पैसा था। 60 हज़ार करोड़ रुपया बकाया था। जबकि इसी साल, हमने 1 लाख 14 हजार करोड़ की पेमेंट की है। यहां अंबाला, करनाल और कुरुक्षेत्र के किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि के भी...मैं सिर्फ इसी इलाके का बोल रहा हूं...इसी इलाके में 650 करोड़ रुपए से ज्यादा किसानों के खाते में ट्रांसफर किए गए हैं।

साथियों,

आज दुनिया के सामने भारत सुपर फुड लेकर गया है। न्यूट्रिशन की दुनिया में दुनिया को बहुत कुछ देने की ताकत भारत में है। इसलिए पोषक आहार उसका हब बनाने की हमारे में ताकत है। यानि की ज्वार-बाजरा जैसा मोटा अनाज हमारा हरियाणा का किसान उगाता है, उसे मोदी दुनिया तक पहुंचाना चाहता है। सारे देश में हमारी पहचान बने इसलिए इस मोटे अनाज को श्री अन्न के नाम से पहचान दी है। और हमने पूरी दुनिया के लिए अंतरराष्ट्रीय मिलेट ईयर मनाया। और इसकी ताकत देखिए विश्व को लोगों को जब मैं कहता हूं कि हमारे छोटे-छोटे किसानों के द्वारा ये पैदा होता है। कम से कम पानी में होता है। एनवायरमेंट फ्रेंडली होता है। केमिकल और फर्टीलाइजर की दुनिया से दूर होता है। तो दुनिया के लोगों को अचरज होता है। पिछले दिनों मैं अमेरिका गया था। अमेरिका के राष्ट्रपति जी ने व्हाइट हाउस में बहुत बड़ा भोजन समारोह रखा था और देश के प्रधानमंत्री के लिए इतना बड़ा, आजादी के बाद ऐसे अवसर कम आए हैं। लेकिन मजा ये था कि सारे मेहमानों को खाने में ये हमारा मिलेट परोसा गया था। ये ज्वार-बाजरा परोसा गया था। ये सुपर फूड की पहचान मेरा हरियाणा, राजस्थान ये जो राज्य हैं उनके किसानों के लिए बहुत बड़ा अवसर लेकर आई है।

साथियों,

हम एक बहुत बड़ी, दुनिया की सबसे बड़ी योजना उसको लेकर आए हैं। हम 2 लाख से ज्यादा गोदाम बनाने पर काम कर रहे हैं। हमारे देश में अनाज के इतने बड़े भंडारण उस दिशा में हम काम कर रहे हैं। आने वाले 5 साल में हम आलू, प्याज़ और टमाटर किसानों के लिए...विशेष क्लस्टर्स बनाने जा रहे हैं।

साथियों,

मोदी की एक और गारंटी- खेती में ड्रोन क्रांति की है। इसकी ज़िम्मेदारी मैं माताओं-बहनों को दे रहा हूं...मैं गांव की महिलाओं को ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग दे रहा हूं। लाखों रुपए का ड्रोन उनको दे रहा हूं। हरियाणा के कृषि क्षेत्र को जिस तरह यहां की माताएं-बहनें संभाले हुए हैं..आप देखिएगा...खेती के ड्रोन के इस्तेमाल में भी हरियाणा सबसे आगे रहेगा।

साथियों,

खेलों की दुनिया में आज हरियाणा का इतना नाम है...तो उसके पीछे हमारी बेटियों की ताकत है। और मोदी ने बेटियों के लिए सैनिक स्कूलों के भी दरवाज़े खोल दिए हैं। अभी NDA में महिला कैडेट्स का जो पहला बैच ट्रेनिंग ले रहा है...उसमें बड़ी संख्या में हमारे हरियाणा की बेटियां हैं।

साथियों,

कांग्रेस को महिलाओं से, किसानों से, नौजवानों से कोई मतलब नहीं है। कांग्रेस को सिर्फ वोट से मतलब है। अब बताइए...दिल्ली और हरियाणा में, हाथ में झाड़ू लेकर घूम रहे हैं...और पंजाब में कह रहे हैं कि झाड़ूवाला चोर है। इन्होंने हरियाणा वालों को समझ क्या रखा है?

भाइयों और बहनों,

इनके लिए वोटबैंक ही सबकुछ है। अब कांग्रेस के लोग कहते हैं कि..SC/ST/OBC का आरक्षण, धर्म के आधार पर बांट देंगे। ये दलितों का-पिछड़ों का आरक्षण छीन लेना चाहते हैं। ये लोग अपने वोटबैंक को खुश करने के लिए सिखों और दलितों को नागरिकता देने का भी विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस कह रही है कि सत्ता में आए...तो CAA रदद् कर देंगे।

साथियों,

ये हमारी सरकार है जो अफगानिस्तान के युद्धक्षेत्र से...गुरु ग्रंथ साहब के स्वरूपों को अदब के साथ स्वदेश लाई। हमारी सरकार ने ही साहेबज़ादों की याद में वीर बाल दिवस मनाना शुरु किया है। ऐसे प्रयासों से माता गुजरी की इस धरती को ज़रूर गर्व होता होगा। लेकिन कांग्रेस और इंडी गठबंधन को ऐसे हर प्रयास से दिक्कत है।

भाइयों और बहनों,

कांग्रेस और इंडी-गठबंधन...विकास और विरासत दोनों की विरोधी हैं। 500 साल बाद इतने लंबे इंतजार के बाद, अविरत संघर्ष के बाद, लाखों बलिदानों के बाद, 500 साल के बाद अयोध्या में भव्य राम मंदिर बना है। पूरा देश राममय हो चुका है। पूरा देश राम मंदिर से इतना खुश है...इतना खुश है। जिसे लोग समझ नहीं पाते हैं, लेकिन कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के नेता, आए दिन मंदिर के लिए अपमानजनक बातें करते हैं।

भाइयों और बहनों,

हमारी सरकार अंबाला की दिल्ली से कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है। हम यहां के एयरफोर्स बेस को उड़ान योजना से भी जोड़ रहे हैं। बहुत जल्द ही आप अंबाला से दूसरे शहरों के लिए हवाई जहाज पकड़ सकेंगे। पहले मनोहर लाल जी की सरकार में और अब नायब सिंह जी के नेतृत्व में अंबाला उत्तर भारत का एक बड़ा इंडस्ट्रियल हब बन रहा है। इन सबका फायदा यहां के युवाओं को होगा...उनके लिए रोजगार के नए मौके बनेंगे। ये चुनाव भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए है...ये चुनाव भारत को विकसित बनाने के लिए है। ये चुनाव देश का प्रधानमंत्री कौन हो, ये देश किसको सुपुर्द किया जाए। इसके महत्व वाला चुनाव है।

साथियों,

25 मई को आपके यहां चुनाव है, अंबाला से बहन बंतो कटारिया जी हमारी उम्मीदवार हैं...करनाल से मनोहर लाल जी...और कुरुक्षेत्र से नवीन जिंदल जी...मैं आपसे आशीर्वाद मांगता हूं, भारी वोटों से इनको विजयी बनाइए। इन तीनों को मिला आपका एक-एक वोट सीधा मोदी के खाते में जाएगा। इसलिए ज्यादा से ज्यादा मतदान हो, सुबह 10 बजे से पहले मतदान कैसे बढ़े। पहले मतदान फिर जलपान, इस संकल्प को कैसे घर-घर पहुंचाएं। ज्यादा से ज्यादा पोलिंग बूथ जीतकर के आएं। और हर परिवार को अपना वोट का अधिकार उपयोग करने के लिए प्रेरित करें। मेरे साथ बोलिए...
भारत माता की जय !
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भारत माता की जय !
बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!