BJP Government in MP symbolizes continuity in good governance & development: PM Modi: PM Modi
Unlike the Scam-laden Congress Governments, we have enabled Garib Kalyan in the true sense: PM Modi
Congress Party only believes in Nepotism, Political Favoritism and Family Rule: PM Modi
In reality, the Congress’ is contesting the election in MP to see which among the ‘two sons’ of the powerful families will get to run the Government: PM Modi
The Congress has no future roadmap for the country and the state as well as their future: PM Modi
It’s our transformative policies that have significantly reduced the prices of both smartphones and internet data: PM Modi
Congress Governments have only focused on the exploitation of the poor and looting them and filling up their coffers: PM Modi
BJP Government has enabled pioneering reforms for farmers that truly empower them, unlike Congress that ignored them for decades: PM Modi

भारत माता की...

भारत माता की...

इस तरफ जो लोग हैं वो मुझे देख तो नहीं पाते हैं, और मैं देख रहा हूं कि जितने लोग सभा में हैं उतने रास्ते में आते दिख रहे हैं... तो मैं समय से पहले आ गया क्या? दोनों तरफ देख रहा हूं आइए... यहां के नौजवान, आप मुझे देख नहीं पाएंगे.. आपसे मेरी प्रार्थना है कि आप सिर्फ सुन सकते हैं, क्योंकि मैं भी आपको देख नहीं पा रहा हूं, यहां पर्दा लगा पड़ा है। आपका ये प्यार मेरे सर-आंखों पर है दोस्तों...

भारत माता की... भारत माता की... भारत माता की... संकटमोचन, हनुमान लला की... संकटमोचन, हनुमान लला की... संकटमोचन, हनुमान लला की...लखन कुंवर महाराज की... लखन कुंवर महाराज की... लखन कुंवर महाराज की...

महाकौशल ने भाजपा को बार-बार आशीर्वाद दिया है, इस बार भी महाकौशल ने भाजपा की महाविजय तय कर दी है। ये नजारा और बारह-एक बजे की धूप में, भाइयों-बहनों, ये जनता जनार्दन की गारंटी है भाजपा को जिताने की। गारंटी किसको कहते हैं वो यहां नजर आ रहा है। ये विजय की गारंटी है, जनता जनार्दन की गारंटी है। जनता जनार्दन के आशीर्वाद से निकली हुई गारंटी है। भाइयों-बहनों हमारे MP को सुशासन की निरंतरता चाहिए। हमारे MP को विकास की निरंतरता चाहिए। इसलिए, मध्य प्रदेश कह रहा है, मध्य प्रदेश एक स्वर से कह रहा है। भाजपा है, तो भरोसा है। भाजपा है, तो विकास है। भाजपा है, तो बेहतर भविष्य है। और मध्य प्रदेश से एक ही आवाज सुनाई दे रही है, मध्य प्रदेश का बच्चा-बच्चा कह रहा है एमपी के मन में... एमपी के मन में... एमपी के मन में...और मोदी के मन में... मोदी के मन में... मोदी के मन में...और इसलिए, फिर एक बार... फिर एक बार... फिर एक बार... भाइयों-बहनों ये नाता है। सात जन्म लेने के बाद भी ऐसा प्यार पाना बहुत मुश्किल होता है। जो प्यार आप दे रहे हैं, जो आशीर्वाद आप दे रहे हैं जीवन को धन्य बना देते हैं माता-पिता के ये आशीर्वाद... (आडियो बहुत कमजोर है)... धन्य हो जाता... और मैं आज इस मिट्टी पर आकर के आपके आशीर्वाद से एक नई ऊर्जा लेकर के जा रहा हूं। और मेरा तो आज का दिवस ही बडे पवित्र वातावरण में प्रारंभ हुआ। जिनके प्रति मेरा अपार श्रद्धा है ऐसे देवतुल्य परमपुज्य विद्यासागर जी महाराज के चरणों में बैठने का मुझे मौका मिला। उनके आशीर्वाद लिए और उनके विचारों को सुन करके मन बहुत प्रभावित हो गया। साधना में रत जीवन को पूर्णतया अपरिग्रह के सिद्धातों पर ईश्वरीय शक्ति से जोड़ने वाले पुज्य विद्यासागर जी महाराज के विचार उनके आशीर्वाद आज के दिन की मेरी शुरुआत नई प्राणशक्ति बन गई है। और आज यहां पर आपके आशीर्वाद, जनता जनार्दन के आशीर्वाद ये अपनेआप में बहुत बड़ी ताकत है। मैं साफ कहता हूं दोस्तों, ये जो राजनीति में गुणा-भाग करने वाली एक टोली रहती है, हिसाब-किताब करती रहती है, पांच दस लोगों को पूछकर मन बना लेती है, वो जरा यहां आकर नजर कर ले, विजय कहां होती है, ये दिखता है। हमारे सांसद महोदय मुझे कह रहे थे कि तीस साल के बाद कोई प्रधानमंत्री यहां आया है। देखिए ये सौभाग्य भी मुझे ही मिला। आपका आशीर्वाद पाना ये तो भी सौभाग्य होता है। और सौभाग्य के कारण आज मैं आपके बीच आ गया।

मेरे परिवारजनों,
एमपी के मन में मोदी क्यों है, इसका एक उदाहरण पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना है। कोरोना के काल में मेरे मन में एक ही विचार चलता था था। दुनिया भर में इतना बड़ा संकट आया है। परिवार का एक-एक व्यक्ति जान बचाने के लिए भय के बीच जी रहा है। बाहर जाना मुश्किल, काम करना मुश्किल, काम चलाना मुश्किल तब मेरे दिल में एक ही विचार आया था कि मैं इस कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जितना कर सकता हूं करूंगा। मैं हार नहीं मानूंगा, मैं पीछे नहीं हटूंगा। मैं जंग के मैदान में रहूंगा और कोरोना से लड़ाई लड़ता रहूंगा। मेरे देशवासियों को बचाने के लिए जो करना पड़े करूंगा। और उस वेदना में से, उस कोरोना में से, उस संवेदना में से मेरा पहला संकल्प बना था कि मैं इतने बड़े संकट में किसी भी गरीब के घर का चूल्हा बूझने नहीं दूंगा। गरीब से गरीब के घर का चूल्हा जलता रहे, बच्चे कभी भूखे सो न जाए इसके लिए मैं जागता रहता था। और भाइयों-बहनों कोरोना काल से लेकर अब तक 80 करोड़ लोगों को हमने गरीब कल्याण अन्न योजना की तरह मुफ्त राशन देने की योजना चलाई। हमारे मध्य प्रदेश में करीब 5 करोड़ हमारे परिवारजन हमारे 5 करोड़ साथी उनके घरों में ये मुफ्त राशन पहुंचा उनका चूल्हा कभी बूझा नहीं। मां को कभी रोते-बिलखते बच्चे देखने नहीं पड़े। और इसलिए भाइयों-बहनों वैसे तो ये योजना एक महीने के बाद दिसंबर महीने में पूरी हो रही है। लेकिन मैं तो गरीबी से निकला हूं, गरीबी क्या होती है, वो मुझे किताबों में नहीं पढ़ना पड़ता है। मैं गरीबी को जीकर के आया हूं। मैं गरीब के दर्द को महसूस करता हूं। और इसलिए आपके बेटे ने आपके भाई ने एक बहुत बड़ा निर्णय मन में पक्का कर लिया है। दिसंबर महीना में ये योजना पूरी होगी, मेरा निश्चय है कि आने वाले पांच वर्ष के लिए फिर से एक बार मुफ्त राशन की गारंटी देंगे हम पांच वर्ष के लिए। मैं आपका बहुत आभारी हूं कि ये सुनकर के आपको चेतना आई है। मेरा निर्णय सही होगा ये आपके आशीर्वाद से दिख रहा है। और इस पर केंद्र सरकार लाखों करोड़ रुपया खर्च करने वाली है। आप याद कीजिए, 2014 से पहले कांग्रेस का एक-एक घोटाला हर घोटाला लाखों करोड़ों का हुआ करता था। अब भाजपा सरकार में घोटाले नहीं होते। गरीब के हक का जो पैसा हमने बचाया है वो अब गरीब के राशन पर खर्च हो रहा है। घोटालेबाज कांग्रेस सरकार और गरीबों की भाजपा सरकार में यही सबसे बड़ा अंतर है।

मेरे परिवारजनों,
हमारे आदिवासी परिवारों में लखन कुंवर जी के मंदिर में। पूजा अर्चना से खेती शुरू करने की मान्यता है। सिवनी की ये पुण्यभूमि शहीद बिंदु कुमारी, रानी दुर्गावती और राजा शंकर शाह की धरती है। माँ भारती की रक्षा और हमारी संस्कृति की रक्षा में हमारे आदिवासी वीरांगनाओं का योगदान यहां के कण-कम में दिखता है। लेकिन कांग्रेस ने बीते दशकों में भारत की आजादी का सारा श्रेय सिर्फ एक ही परिवार के नाम कर दिया। कांग्रेस के लिए अपने एक परिवार से बड़ा कोई और है ही नहीं। जहां कांग्रेस सरकार में रहती है वहां सरकारी योजनाएं, वह के रास्ते और गलियां भी सबकुछ उसी परिवार के नाम कर दी जाती है। यहां तक की एमपी के घोषणापत्र में भी सिर्फ वही एक परिवार दिखता है।

साथियों ये भाजपा है, जिसके लिए हर गरीब हर पिछड़ा, हर दलित, हर आदिवासी भाजपा परिवार का सदस्य है, मेरा परिवारजन है। ये भाजपा ही है जिसने आदिवासी समाज के विकास के लिए अलग मंत्रालय, अलग बजट बनाया। आजकल एक कांग्रेस के नेता आदिवासियों में जा करके झूठ फैलाने की फैक्टरी खोल रहे हैं। भांति- भांति के भ्रम फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। कांग्रेसवालों के तो मुंह में आदिवासी नाम शब्द शोभा नहीं देता। कोई मुझे बताए भाई, आप मेरे सवाल का जवाब देंगे। मेरे सवाल का जवाब देंगे। सब के सब देंगे? क्या ये आदिवासी समाज भाजपा सरकार बनने के बाद आया क्या? क्या ये हमारा आदिवासी समाज सैकड़ों सालों से है कि नहीं? क्या ये हमारा आदिवासी समाज भगवान राम के जमाने में था कि नहीं? क्या हमारी इस आदिवासी समाज ने राजकुमार राम को पुरुषोत्तम राम बनाया कि नहीं बनाया? क्या ये हमारे आदिवासी समाज ने भगवान राम को भी संभाला कि नहीं संभाला? आदिवासी समाज इतना पुराना है, लेकिन कांग्रेस वालों को पांच-पांच दशक तक राज करने के बाद आदिवासी शब्द नहीं सुना था उन्होंने। आदिवासी कहां रहता है उसका पता नहीं था। उनको कभी विचार नहीं आया कि जनजातीय समाज के कल्याण के लिए विशेष ध्यान देने की जरूरत है। पहली बार जब आप सबने अटल बिहारी वाजपेयी भाजपा के नेता को देश का प्रधानमंत्री बनाया। आजादी के पांच छह दशक के बाद ये अटल जी थे ये भाजपा सरकार थी, ये हमारे संस्कार थे, हमने आदिवासियों के लिए अलग मंत्रालय बनाया। भारत सरकार में पहली बार जनजातीय लोगों के विकास और प्रगति के लिए मंत्रालय बना, मंत्री अलग बने, डिपार्टमेंट अलग बना, बजट अलग लगा और उस बजट का हिसाब किताब होने लगा कि मेरे जनजातीय बंधु भगिनी का विकास हो रहा है की नहीं हो रहा है। ये काम करने वाले हमलोग है। और आजकल गांव-गावं जाकर के झूठ बोला जा रहा है, आदिवासियों को भ्रमित किया जा रहा है आग फैलाने की कोशिश की जा रही है। मेरे आदिवासी भाई-बहन पहले आपको अंधेरे में रख करके लूटा है। अब आपको गुमराह करके लूटने के खेल खेले जा रहे हैं। मैं आपसे वादा करता हूँ, जिन्होंने राजकुमार राम को परमात्मा राम बना दिया, हम तो उन आदिवासियों के पुजारी हैं, भक्त हैं भक्त। ये भाजपा है जिसने भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन यानि 15 नवंबर को, अभी 10 दिन के बाद ही आने वाला है। 15 नवंबर को पूरे हिंदुस्तान में जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया है, पूरा देश मनाएगा। ये भाजपा है, जो जबलपुर में रानी दुर्गावती के नाम पर भव्य स्मारक बना रहा है। ये भाजपा है जिसने भोपाल में देश के आधुनिक रेलवे स्टेशन का नाम रानी कमलापति के नाम पर रखा। आज एमपी में पातालपानी स्टेशन जननायक टंट्या भील के नाम पर है। छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय का नाम राजा शंकर शाह पर है। तो मंडला मेडिकल कॉलेज का नाम राजा हृदय शाह के नाम पर रखा गया है।


साथियों
ये भाजपा ही है जिसने पहली बार, बैगा, भारिया और सहारिया जैसी पिछड़ी जनजातियों की सुध ली है। इनके विकास के लिए भाजपा सरकार 15 हज़ार करोड़ रुपए का एक खास मिशन शुरू करने जा रही है। आपने पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में भी जरूर सुना होगा। ये पीएम विश्वकर्मा योजना उन लोगों के लिए है जिनको कोई पूछने के लिए तैयार नहीं था। ये विश्वकर्मा समाज कौन है भाई। हमारे कुम्हार जो मिट्टी का काम करते हैं, हमारे लोहार जो लोहे का काम करते हैं, हमारे राजमिस्त्री जो मकान चूनते हैं, हमारे बढ़ई, हमारे कपड़े धोने वाले भाई-बहन, कपड़े सिलने वाले भाई बहन ऐसे अनेक लोगों के लिए हमने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना बनाई है। और करीब-करीब 15,000 करोड़ रुपया उनको नए बाजार लेने के लिए बाजार, ट्रेनिंग लेने के लिए और आगे चल करके बैंक से पैसा, और उनके कारोबार को दुनिया में फैलाने के लिए। इन कामों से भी अधिकतर गरीब, दलित, पिछड़े और आदिवासी परिवार ही जुड़े हैं। इस योजना पर भी केंद्र सरकार करीब-करीब 15,000 करोड़ रुपया खर्च करने जा रही।

मेरे परिवारजनों,
मध्य प्रदेश में यहाँ कांग्रेस चुनाव नहीं लड़ रही। आपको आश्चर्य होगा, मैं कह रहा हूं, मध्य प्रदेश में कांग्रेस चुनाव नहीं लड़ रही है। उसको चुनाव जीतना नहीं है, उसको मालूम है, वो तो चुनाव लड़ने का ढोंग कर रही है, ताकि कहीं डोनेशन वोनेशन करने के लिए मौका मिल जाए। असली लड़ाई क्या चल रही है? कांग्रेस मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए नहीं लड़ रही है। वो तो माना है कि यहां भाजपा का यह पक्का है। लेकिन क्यों लड़ रहे हो? वो इस बात के लिए मैदान में लड़ाई लड़ रहे हैं कि आगे चलकर के किसका बेटा कांग्रेस का मुखिया बनेगा? कपड़े फाड़ने में लगे हैं एक दूसरे के कपड़े फाड़। और लड़ाई यही है कि इसका बेटा कांग्रेस में कब्जा करेगा कि उसका बेटा कांग्रेस पर कब्जा करेगा। यहां के दो बड़े नेता अपन-अपने बेटों को आने वाले दिनों में सेट करने के लिए मध्य प्रदेश को अपसेट करने में लगे हुए हैं। जिनको अपने-अपने बेटों की चिंता है, आप मुझे बताइए जिनको अपने बेटे-बेटी की चिंता है वो कभी आपके बेटे-बेटी के लिए सोचेंगे क्या? आपके बेटे-बेटी का भाग्य उनको सुझेगा क्या? आपके बेटे-बेटी के लिए कुछ करेंगे क्या? तो ऐसे लोगों की कोई जरूरत है क्या? जरूरत है क्या? मध्य प्रदेश के युवा साथी जो इस चुनाव में पहली बार वोट डालेंगे। उन्हें यह बात खासतौर पर समझनी होगी। कांग्रेस का ना तो अपना कोई भविष्य है और न ही उसके पास एमपी के लिए एमपी के युवाओं के लिए कोई भविष्य की योजना है, कोई रोड मैप। कांग्रेस के लिए तो आज भी, उनकी बातें सुनिए, क्या कह रहे हैं? दादा-दादी ये किया, नाना नानी ये किया। और इसलिए हमे वोट दो क्योंकि वो हमारे दादा दादी थे, हमे वोट दो क्योंकि वो हमारे नाना-नानी थे। जबकि भाजपा आपके भविष्य के लिए यहां के नौजवानों के भविष्य के लिए काम कर रही। भाजपा मध्य प्रदेश को विकसित बनाना चाहिए। मध्य प्रदेश को विकास की नई ऊंचाई देना चाहती है। आज ये जो आधुनिक सड़कें बन रही है, ये किस के लिए बन रही है भाई? ये जो आधुनिक ट्रेनें चलनी शुरू हुई है ये किसके लिए है। ये हमारे एमपी के युवाओं के उज्ज्वल भविष्य बनाने के लिए। कौशल क्षेत्र में जैसे जैसे आधुनिक रेलवे और चौड़े हाईवे का जाल फैलेगा वैसे-वैसे यहां नए औद्योगिक गलियारे बनेंगे। आज भारत पूरी दुनिया भर के पर्यटकों की पसंद बन रहा है। यहां तो नेशनल पार्क है, इसे मोगली का घर भी कहा जाता है। इसलिए सिवनी सहित इस पूरे जनजातीय क्षेत्र में पर्यटन आधारित रोजगारी को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

मेरे परिवारजनों,
भाजपा की बहुत बड़ी प्राथमिकता है गरीब का जीवन आसान बने। मध्यम वर्ग का जीवन आसान बने। एक समय था, जब आपको छोटी छोटी बातों के लिए भी सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे। लेकिन भाजपा ने सारी सुविधा अब आपके फ़ोन पर ही उपलब्ध करा दी है। अच्छा, आज आप जो रैली में आए हैं.. एक काम करेंगे? काम करेंगे? एक काम कीजिए आपका जो मोबाइल फ़ोन है ना वो ज़रा हाथ में लेकर के मुझे दिखाइए। सब अपना मोबाइल फोन दिखाइए। अब आप अपने हाथों में फ़ोन दिखाया है, आप जानते हैं? ये मोबाइल फ़ोन आपके पास है उसकी कीमत किसकी वजह से कम हुई है। ये भाजपा सरकार की वजह से कम हुआ है। अगर भाजपा सरकार नहीं होती तो आपके पास जो मोबाइल है उसकी कीमत आज भी कई गुणा ज्यादा रहती। भाजपा सरकार की नीतियों की वजह से आज देश में सस्ते स्मार्टफोन बन रहे हैं। मेरी गरीब भाई बहनों को भी अच्छे फॉर्म के हाथ की शोभा बढ़ा रहे हैं। जब कांग्रेस सरकार थी तब हमारे देश में मोबाइल फ़ोन बनाने वाली सिर्फ दो फैक्ट्रियां थी। कितनी? कितनी फैक्ट्रियां थीं? मोबाइल फ़ोन बनाने की कितनी फैक्ट्रियां थीं जरा जोर से बोलिए कितनी थी? आज भाजपा सरकार में दो से बढकर के दो सौ से ज्यादा फैक्ट्रियां मोबाइल फ़ोन बना रही है। और इसलिए ये फोन सस्ता हुआ है सभी को आसानी से मिल रहा है। आपको एक और बात बता दूं आपलोग ये मोबाइल में जो डेटा इस्तेमाल करते हैं। वो भी भाजपा सरकार ने ही सस्ता करवाया है। अगर कांग्रेस सरकार रहती तो आज जो आपका मोबाइल का बिल 400-500 रुपये तक आता है, वो 5000 रुपये से कम नहीं आता। अगर इतना बिल आता तो गरीब तो कभी मोबाइल को दूर से भी नहीं देखता। लेकिन भाजपा की सरकार की नीती की वजह से आपके हर मोबाइल बिल पर हर महीने तीन से चार हजार रुपये बच रहे हैं। हर महीने आप की जेब में तीन से चार हजार बचाने का काम या आपका बेटा मोदी कर रहा है।

साथियों,
कांग्रेस पर कभी भरोसा नहीं किया जा सकता। कांग्रेस का नारा रहा है कि गरीब की जेब साफ, काम हाफ और करना उससे भी हाफ। यानी कांग्रेस विकास का काम नहीं करती, लेकिन नागरिको की जेल जरूर साफ कर देती है। जबकि भाजपा सरकार की पूरी कोशिश आपका खर्च कम से कम करने की है। आज जो हर गरीब को आयुष्मान कार्ड की सुविधा मिली है, वो भी गरीब की बहुत बड़ी मदद है। जिसके पास आयुष्मान कार्ड है उसके पास पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की गारंटी है। और ये मोदी की गारंटी है। कांग्रेस के शासनकाल में तो गांव और गरीब के लिए इलाज संभव ही नहीं था। आज देखिये, सिवनी में भी मेडिकल कॉलेज बन गया। सिवनी जिले में आयुष्मान योजना के तहत 300 से अधिक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बन चूके हैं। और सरकार ने तो इसका नाम रखा था हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, लेकिन लोगों ने उसका उपयोग देखा, उसकी ताकत देखी। उससे लोगों का नाता जुड़ गया और आज कल मैं जहां जाता हूं वहां लोग हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर नहीं बोल रहे हैं। लोग कह रहे है ये तो हमारे गांव का आयुषमान आरोग्य मंदिर बन गया। आयुषमानी आरोग्य मंदिर नाम दे दिया है। ऐसी सुविधाओं का सबसे अधिक लाभ हमारी माताओं और बहनों को हो रहा है।

साथियो,
आपके दवाइयों पर ज्यादा खर्च न करना पड़े। आपकी जेब से ज्यादा पैसा न जाए। इसकी चिंता भी भाजपा सरकार ने की। भाजपा ने करीब दस हजार जनऔषधि केंद्र खुलवाए। इन जनऔषधि केंद्रों दवाइयों पर 80 परसेंट डिस्काउंट दिया जाता है। ये दिवाली के दिन है, आपने देखा होगा साड़ी की दुकान के बाहर बोर्ड लगाते हैं, 10% डिस्काउंट, 5% डिस्काउंट। लगाते हैं ना? ये डिस्काउंट चलता है ना? ये दिवाली आती है तो व्यापारी डिस्काउंट करते हैं। ये आपका बेटा आपकी जिंदगी बचाने के लिए दवाइयों की दुकानें ऐसी बना रहा है, जन औषधि केंद्र ऐसे बना रहा है जहां 80% तक डिस्काउंट दिया जाता है, ताकि गरीब को दवाई सस्ती मिले। आप सोचिए, इतना ज्यादा डिस्काउंट और किसी दुकान पर आपको नहीं मिलेगा। दवाइयों पर 80% डिस्काउंट देकर भाजपा ने गरीबों के 25,000 करोड़ रुपये से ज्यादा उनकी जेब के अंदर बचाए हैं। 25 हजार करोड़ रुपये।

साथियों,
भाजपा सरकार गरीब के पैसे, देश के मध्यम वर्ग के पैसे, देश के सामान्य नागरिक के पैसे, देश के किसानों के पैसे कैसे बचाल रही है, इसका मैं एक और उदाहरण दे रहा हूं। हमारे यहाँ खेतों में हमारा किसान यूरिया उसकी जिंदगी का हिस्सा है। यूरिया, उसके बिना किसान का तो जीवन सोच ही नहीं सकते। आज हमारे किसान को ज़रा मेरे साथ बोलेंगे भाई। मेरे सवाल का जवाब देंगे? जरा हाथ ऊपर करके बताइए.. देंगे? मेरे सवाल का जवाब देंगे? ज़रा मैं बताता हूँ आपको। आज यूरिया की एक बोरी, खेत में जो खाद डालते है ना, यूरिया की एक बोरी हमारे देश में किसानों को, हमारे इस इलाके में भी किसानों को, 300 रुपये से भी कम में मिलती हैं कितने? कितने से कम? 300 रुपये से कम, कितने, ज़रा बोलिये ना ज़ोर से? जरा जोर से बोलिए.. कितने? कितने? किसानों को यूरिया कितने में मिलता है? एक बोरी का कितना? 300 से भी काम, लेकिन आप जानकर के हैरान हो जाएंगे कि यूरिया की यही बोरी अमेरिका के किसान को तीन हजार रुपये में मिलती है। हमारे अगल-बगल के देशों में भी 2000, 2500 और 3000 कीमत है। ये भारत का किसान है जिनको मोदी की गारंटी है। दुनिया में भले यूरिया आसमान पर चढ़ जाए, मेरे देश के किसान को 300 रुपये से भी कम मे यूरिया दिया जाता है। और भाजपा सरकार है इसलिए आपको अमेरिका के किसान से दस गुना सस्ता यूरिया मिल रहा है। इस पर भी हमारी सरकार हर साल लाखों करोड़ रुपये खर्च कर रही है। साथियों आजादी के बाद के इतने साल में, इतने साल कांग्रेस के शासन ने अगर किसी को सबसे ज्यादा नुकसान किया है, धोखा दिया है तो वो हमारे छोटे किसान हैं। कांग्रेस से कभी भी छोटे किसानों के लिए योजना ही नहीं बनाई। आपने अपने बेटे मोदी को जब से दिल्ली भेजा और हमारा सेवाकाल शुरू हुआ, हमारी सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना बनाई। इस योजना के तहत किसानों को दो लाख साठ हजार करोड़ रुपये सीधे उनके बैंक खाते में अकाउंट में जमा होते हैं। सिवनी के भी लगभग 2,50,000 किसानों को इसका फायदा मिला है। और साथियों भाजपा के इन प्रयासों के बीच कांग्रेस वाले क्या करते हैं? कांग्रेस वाले आपसे कर्ज माफी की झूठी घोषणाएं करते हैं। पांच साल पहले भी इसके नेता कहते थे 10 दिन में कर्जमाफी की घोषआम करेंगे। अरे 10 दिन तो छोड़िये डेढ़ साल का समय उनको मध्य प्रदेश में राज़ करने का मौका मिला था। लेकिन किसानों की एक पाई भी माफ नहीं की किसानों का कर्ज माफ नहीं किया। कांग्रेस की इस कूटनीति के कारण किसान बार-बार कर्ज में डूब जाता है।

मेरे परिवारजनों,
भाजपा सरकार किसान को सशक्त करना चाहती है। कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार ने गेहूं, चना, मूंगफली का समर्थन मूल्य बढ़ाया है। जब केंद्र में कांग्रेस सरकार थी तब धान का एमएसपी 1300 रुपये था। इस वर्ष लगभग मोदी सरकार ने 2200 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी धान किसानों को दिया जा रहा है। यानी 9 साल में हमने धान का एमएसपी 900 रुपया बढ़ाया है। इसी प्रकार बीते 9 वर्षों में मक्का का समर्थन मूल्य भी लगभग 800 रुपए बढ़ाया गया है। कांग्रेस सरकार, दलहन और तिलहन फसलों की MSP पर खरीद भी ना के बराबर करती थी। कुछ दिन पहले मूंगफली के MSP में भी 500 रुपए की वृद्धि की गई है। बीते 9 वर्षों में मूंगफली का MSP, लगभग 2400 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है। हमारे किसान भाई-बहनों की जेब में ज्यादा से ज्यादा पैसे जाए, इसके लिए भाजपा सरकार प्रतिबद्ध है।

मेरे परिवारजनों,
भाजपा की डबल इंजन सरकार माताओं-बहनों-बेटियों के लिए समर्पित सरकार है। हमने गरीबों के लिए पक्के घर भी दिए, तो उसमें घर की मालकिन के नाम रजिस्ट्री का प्रावधान किया। माताओं बहनों के नाम पर मिलकर बनाई, वरना पहले तो हर संपत्ति पुरुष के नाम ही होती थी। माँ, बहन, बेटी को तकलीफ ना सहनी पड़े, इसलिए हमने टॉयलेट बनाए, मुफ्त गैस कनेक्शन दिया, बिजली कनेक्शन दिया। अब हर घर तक नल से जल पहुंचाने के लिए दिन-रात जुटे हुए हैं। यहां भी भाजपा सरकार ने लाड़ली बहना योजना जैसी अनेक योजना बनाई। ये सुविधाएं जिन बहनों के घर तक पहुंची हैं, उनमें से अधिकतर दलित बहने हैं, पिछड़े परिवारों की बहनें है और आदिवासी परिवार की बहने ही हैं।

मेरे परिवारजनों,
भाजपा के सेवाकाल में अब मध्य प्रदेश एक सुनहरे दौर में प्रवेश कर रहा है। मध्य प्रदेश की एक नई पीढ़ी है, जो यहां भाजपा के विकास कार्यों को देखते-देखते ही बड़ी हुई है। मैं, फर्स्ट टाइम वोटर्स, अपने युवा साथियों को कहुंगा कि इस बार हर बूथ पर आपको नेतृत्व देना है। एमपी को देश के टॉप राज्यों में लाने के लिए हमें मिलकर काम करना है और मिलकर के कमल खिलाना है। आप इतनी बड़ी संख्या में लखनादौन आए हैं। लेकिन जो यहां नहीं आए, घर-घर जाएंगे आप लोग? घर-घर जाएंगे? ज़रा हाथ ऊपर करके बताइए घर घर जाएंगे? मैं आपको पूछ रहा हूँ घर घर जाएंगे? मैंने जो बातें बताई वो बताएंगे? कमल खिलाएंगे? हर बूथ पर कमल खिलाएंगे। अच्छा भाजपा के लिए तो काम करेंगे। चुनाव के लिए भी काम करेंगे। मेरे लिए काम करेंगे क्या? ऐसे नहीं, पूरी ताकत से बताओ तो बोलो। करेंगे क्या? ऐसे नहीं पूरी ताकत से बताओ तो बोलू। करेंगे क्या? ये चुनाव का काम नहीं है। मेरा निजी काम है, करोगे? पक्का करोगे? वादा करते हो? गारंटी? अच्छा तो मेरा एक काम करना। यहां से जाने के बाद ज्यादा से ज्यादा परिवारों में जाकर के मिलना। और उनको कहना कि हमारे मोदी जी लखनादौन आए थे। और उन्होंने आपको प्रणाम कहा है। सिवनी आए हैं। सिवनी आए हैं और उन्होंने प्रणाम कहा है, इतना कह देंगे। मेरा प्रणाम पहुंचा देंगे? पक्का पहुंचा देंगे? हर घर पहुंचा देंगे? ये गारंटी? पक्की गारंटी? आपका बहुत बहुत धन्यवाद। भारत माता की... भारत माता की... भारत माता की ... बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!