The people of Mewar’s intent for change in favour of the BJP are clearly visible in the whole of Rajasthan
Congress only promotes crime and violence against all, giving complete freedom to the forces of rioting, mafia rule and terror
Congress has failed to guarantee freedom and security to the women and girls of Rajasthan
Congress is only interested in looting the people and hence the record inflation and unemployment in Rajasthan.

भारत माता की, भारत माता की।
जय महाकाल
अनन्त भगवान की जय!
बिजासन माता की जय
कामखेड़ा बालाजी महाराज की जय!
सोरसण माताजी की जय!
मीन भगवान की जय!
ज्योतिबा फूले की जय!
भारत माता की
राम राम सा!

मेरे परिवारजनों,
मैं संत पीपा जी महाराज को भी श्रद्धापूर्वक नमन करता हूँ। यहां इतनी बड़ी संख्या में आप जनता जनार्दन के दर्शन का आज मुझे सौभाग्य मिला है। मैं अभी दुष्यंत जी से पूछ रहा था कि जहां मेरी नजर नहीं पहुंच रही वहां लोग हैं। तो मैंने कहा सुनाई कैसे देता होगा। मैंने कहा सुनाई कैसे देता होगा। उन्होंने कहा कि तीन बार माइक के ट्रायल लिए हैं और बोले कि मैं भरोसा देता हूं कि सुनाई देगा। उसके बावजूद भी इतनी बड़ी तादाद और वो भी सुबह के समय आना ये छोटा काम नहीं है जी। देखिए, मैं सालों तक भारतीय जनता पार्टी के संगठन के काम लगा रहा था। ये सत्ता, कुर्सी इस दुनिया में तो बड़ी देर से आया। जब संगठन का काम करता था और हमें अगर कोई बड़े से बड़ा नेता आने वाला हो और हमें कहे कि सुबह 11 बजे सभा करनी है तो हम हाथ जोड़कर कहते थे कि नहीं जी, सुबह मत दीजिए, लोगों को आना बड़ा मुश्किल हो जाता है। दो बजे के बाद दीजिए। क्योंकि 11- 12 बजे सभा करना बहुत मुश्किल होता है। मैं जिले के सभी कार्यकर्ताओं को इतनी बधाई देता हूं, इतनी बधाई देता हूं कि आपने इतना बड़ा कार्यक्रम कर दिया। वो भी सुबह के समय। आप सब, आप सब अभिनंदन के अधिकारी हैं और जनता-जनार्दन को विशेष रूप से कोटि-कोटि प्रणाम करता हूं क्योंकि आपने मुझे दर्शन करने का सौभाग्य दिया। आपने हमें आशीर्वाद दिए। मैं इतनी बड़ी तादाद में माताओं-बहनों को देख रहा हूं। खाना पकाने का समय हो, रसोईघर छोड़ करके राजस्थान का भाग्य बनाने के लिए इतनी बड़ी मात्रा में माताओं का आना ये भी अपने आप में एक बहुत बड़ा शुभ संकेत है। ये प्यार, ये आशीर्वाद, दिखाता है कि मेवाड़-हाडौती के मन में राजस्थान का भविष्य और राजस्थान में परिवर्तन की भावना कितनी प्रचंड है। राजस्थान की यही पुकार- आ रही है भाजपा सरकार ! राजस्थान की यही पुकार, राजस्थान की यही पुकार- आ रही है भाजपा सरकार ! राजस्थान की यही पुकार... राजस्थान की यही पुकार...।

साथियों,
यहां के लोगों से भाजपा का हमेशा से ही खास रिश्ता रहा है। बारां- झालावाड़ क्षेत्र ने भाजपा को राजस्थान के लिए दो-दो मुख्यमंत्री दिए हैं। इस साल हम स्व. भैरोसिंह शेखावत जी की जन्म शताब्दी मना रहे हैं। मैं उनकी कर्मस्थली पर भैरोसिंह जी को पुन: श्रद्धांजलि देता हूं।

मेरे परिवारजनों,
भारत की आज़ादी को 75 वर्ष पूरे हो गए हैं और अब हमारे सामने विकसित भारत का लक्ष्य है। ये राजस्थान को विकसित बनाए बिना भारत को विकसित बनाने का लक्ष्य अधूरा है। लेकिन जबतक भ्रष्टाचार, परिवारवाद, और तुष्टिकरण नाम के देश के तीन दुश्मन हमारे बीच हैं, तबतक ये संकल्प पूरा होना मुश्किल है। कांग्रेस इन तीनों बुराइयों की सबसे बड़ी प्रतीक है। आजकल राजस्थान की लाल डायरी की सबसे अधिक चर्चा है। इस लाल डायरी के पन्ने जैसे-जैसे खुल रहे हैं, वैसे-वैसे जादूगर जी के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही हैं। इस लाल डायरी में साफ-साफ लिखा है कि कांग्रेस सरकार ने 5 वर्षों में आपके जल-जंगल और ज़मीन को कैसे बेचा है। सोरसेन गोडावण अभयारण्य में क्या हुआ, ये आप मुझसे ज्यादा जानते हैं। अवैध खनन के तार किससे जुड़ रहे हैं, ये किसी से छिपा नहीं है। मैंने कहीं पढ़ा कि कांग्रेस के विधायक ने यहां के मंत्री के लिए कहा है- भाया रे भाया खूब खाया, एक गांव तो पूरा ही खाया ! कांग्रेस में मंत्री हों, विधायक हों, सब बेलगाम हैं और जनता त्रस्त है। कांग्रेस ने राजस्थान की जनता को लुटेरों, दंगाइयों, अत्याचारियों, अपराधियों के हवाले कर दिया है। इसलिए आज राजस्थान का बच्चा-बच्चा कह रहा है- “गहलोत जी! कोनी मिलै वोट जी!” और मैं तो पिछले एक हफ्ते से छोटे-छोटे बच्चे के वीडियो देख रहा हूं सोशल मीडिया पर। छोटे-छोटे बच्चे बोल रहे हैं- “गहलोत जी...” । इतना बढ़िया वीडियो कोई बनाता है, इतना बढ़िया बच्चों के वीडियो बनाकर रखे हैं। और हर मां-बाप को लगता है कि वो भी अपने बच्चे का वीडियो सोशल मीडिया में डाल दें। और ये वाक्य बच्चे बोलते हैं। और कुछ लोगों ने ये भी करामात किए हैं...बच्चे हैं, बोलते हैं लेकिन आवाज मेरी निकालते हैं।

साथियों,
आज कांग्रेस के समर्थन से राजस्थान में समाज विरोधी ताकतों के हौसले बुलंद हैं। राजस्थान में इंसान का सरेआम गला काटा जा रहा है, जश्न मनाया जा रहा है। झालावाड़ में दलित युवक के साथ क्या हुआ, ये भी पूरे देश ने देखा है। तीज-त्योहार के लिए मशहूर राजस्थान में राम नवमी, होली, हनुमान जयंति, जैसे त्योहार दंगों की भेंट चढ़ गए हैं। कांग्रेस सरकार में छबड़ा और गंगधार में क्या हुआ था, ये क्या कोई भूल सकता है क्या? आप मुझे बताइए, ये दंगाइयों पर कड़ा एक्शन होना चाहिए था कि नहीं होना चाहिए था। वो जेल में होने चाहिए थे कि नहीं होने चाहिए थे। उनपे सजा होनी चाहिए थी कि नहीं होनी चाहिए थी। लेकिन यहां छबड़ा दंगों का आरोपी, मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर रेड कार्पेट पर चलता है।

साथियों,
दंगाइयों के साथ-साथ कांग्रेस के मंत्री बहनों-बेटियों पर अत्याचार करने वालों के साथ भी मजबूती से खड़े रहते हैं। बीते 5 वर्षों में राजस्थान में रेप के मामलों में, बलात्कार के मामलों में गंभीर वृद्धि हुई। यहां मुख्यमंत्री के करीबी मंत्री विधानसभा में खड़े होकर, ऐसे अपराधियों को संरक्षण देते हैं। जब हमारी राजस्थान की बेटियां सुरक्षा के लिए सरकार को पुकार रही थी, तो सरकार कह रही थी कि फर्जी आरोप मत लगाओ। ये कांग्रेस वालों को राजस्थान की बेटियों के आंसू देखने की भी फुर्सत नहीं है। आप मुझे बताइए, राजस्थान के मेरे भाइयो-बहनों, क्या हमारे देश में ऐसे संस्कार हैं। क्या राजस्थान में ऐसे संस्कार हैं क्या कि कोई बहन-बेटी फर्जी मामले दर्ज कराए। ये बहन-बेटियों का अपमान है कि नहीं है, हमारे संस्कार का अपमान है कि नहीं है। हमारे माताओं के सम्मान पर चोट है कि नहीं है। ये कैसी भाषा बोल रहे हो रे। जो कांग्रेस सरकार, जान, माल और सम्मान की सुरक्षा तक नहीं कर सकती, उस सरकार को रहने का हक है क्या। एक पल भी रहने का हक है क्या। ऐसी सरकार जानी चाहिए कि नहीं जानी चाहिए। देखिए अभी-अभी दिवाली गई है। हमारी माताएं-बहनें 15-15 16-16 घंटे घर में काम करती है। हर दिन घर को साफ-सुथरा रखती है लेकिन जब दिवाली आती है न तो कोने-कोने में सफाई करती हैं। बारीक-बारीक सफाई करती हैं। खिड़की का कोना होगा न तो उसको भी सफाई करेगी, टीवी के पीछे भी सफाई कर देगी। इतनी बारीकी से सफाई करती हैं तब जाकरके दिवाली मनाती हैं। ये चुनाव भी दिवाली है, हम सबको मिलकर सफाई करनी है। करोगे, इस बार ऐसी सफाई करो, ऐसी सफाई करो, किसी कोने में भी कांग्रेस बचनी नहीं चाहिए। करोगे सफाई, पक्का करोगे, ये माताओं-बहनों से सीखोगे कुछ, तब जाकरके दिवाली मनेगी।

साथियों,
महिला सुरक्षा और महिला कल्याण, भाजपा सरकार की प्राथमिकता है। अपनी बहनों को धुएं से मुक्ति मिले, इसके लिए आपके इस भाई ने मुफ्त गैस कनेक्शन दिए हैं। इस रक्षाबंधन पर भी हमने उज्जवला के गैस सिलेंडर के दाम में बड़ी राहत दी थी। अब राजस्थान भाजपा ने गैस के सिलेंडर को और भी सस्ते में देने का ऐलान किया है। और मैं भाजपा, पूरे प्रदेश के नेताओं का अभिनंदन करता हूं, उन्होंने ऐसा बढ़िया संकल्प पत्र दिया है। ऐसा बढ़िया मेनिफेस्टो दिया है। और यही तो डबल इंजन सरकार का डबल फायदा है। कांग्रेस गैस सिलेंडर को लेकर जो झूठ राजस्थान की बहनों-बेटियों से बोल रही है...उससे आपको ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। कांग्रेस का झूठ का सिलेंडर और भी महंगा है। राजस्थान की कांग्रेस की लुटेरी सरकार जनता से किस तरह खिलवाड़ करती है ये भी राजस्थान के लोग भलीभांति जानते हैं। कांग्रेस ने यहां बिजली के बिल कम करने की बात कही थी। कही थी कि नहीं कही थी। बिजली बिल कम करने के लिए कहा था। लेकिन अब राजस्थान के हजारों भाई-बहनों को गहलोत सरकार बिजली के बिल की रिकवरी के नोटिस भेज रही है। और यही कांग्रेस का दोगलापन है, यही कांग्रेस फरेब है, यही कांग्रेस का झूठ का गुब्बारा है।

मेरे परिवारजनों,
कांग्रेस की नीतियों के कारण आज राजस्थान उन राज्यों में से एक है जहां बेरोज़गारी हो या महंगाई, सबसे अधिक है। राजस्थान में भाजपा सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर टैक्स कम किया था, लेकिन यहां की कांग्रेस सरकार ने टैक्स वापस बढ़ा कर लोगों की जेब काट ली है। आज इसलिए आपके पड़ोस में मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार, पेट्रोल सस्ता, राजस्थान के पड़ोस में हरियाणा, भाजपा सरकार पेट्रोल सस्ता, पड़ोस में गुजरात सरकार, भाजपा सरकार पेट्रोल सस्ता। लेकिन राजस्थान में प्रति लीटर, एक-एक लीटर पर करीब-करीब 12 रुपये ज्यादा, ये राजस्थान सरकार लूट रही है, महंगा दे रही है। मेरे राजस्थान के प्यारे भाइयों-बहनों मैं आपको गारंटी देता हूं, मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि 3 दिसंबर के बाद भाजपा सरकार बनते ही, यहां पेट्रोल-डीज़ल के दामों पर जनहित में समीक्षा की जाएगी, जनहित में फैसला लिया जाएगा।

मेरे परिवारजनों,
हर गरीब की आंखों में कुछ सपने होते हैं, बेहतर भविष्य की उम्मीद होती है। लेकिन कांग्रेस के पेपरलीक माफिया ने गरीब के इन सपनों को भी चकनाचूर कर दिया। पेपरलीक माफिया ने एक-एक पेपर, लाखों में बेचा है। यहां के जो कर्मचारी हैं, उनकी ट्रांसफर-पोस्टिंग से भी कांग्रेस के नेताओं ने तिजोरियां भरी हैं। इससे जो काली कमाई बनाई, ये काला धन जो इकट्ठा किया न वो जयपुर में लॉकरों से बाहर निकल रहा है। आजकल कांग्रेस वाले एक-दूसरे को मिलते हैं न तो वो कहते हैं यार छोड़ो चुनाव, ये देखो कहीं लॉकर का पता न चल जाए। अब उनको न राजस्थान की चिंता है न खुद के चुनाव की चिंता है, कैसे भी करके लॉकर बचाना है। और मोदी ने तय किया है। एक-एक लॉकर खुलेगा। और लॉकर वाला लॉक में होगा। नोटों के ढेर और सोने की ईंटें... और आपको याद होना चाहिए ये सोना आलू से बना हुआ नहीं है। यही काला सोना, अब जादूगर जी को सोने नहीं दे रहा है। और अभी तो ये शुरुआत है। अभी तो एक ट्रेलर है, पूरी फिल्म अभी बाकी है। 3 दिसंबर को भाजपा सरकार बनने के बाद ये जांच और तेज होने वाली है। राजस्थान के लोगों को लूटने वाला कोई भी भ्रष्टाचारी बच नहीं सकता है।

मेरे परिवारजनों,
मैं आज मेरे दिल की बात आपको बता देता हूं। मेरे परिवारजनों, आपका सपना ही, मोदी का संकल्प है। मोदी जो भी गारंटी देता है, वो पूरी होकर रहती है। हमारा लक्ष्य है कि भाजपा सरकार की गरीब कल्याण की योजनाओं से कोई वंचित न रहे। इसके लिए 15 नवंबर को – एक बहुत बड़ा अभियान – विकसित भारत संकल्प यात्रा हमने शुरु की है। मोदी की गारंटी है कि हर गरीब के घर पक्की छत हो। सस्ती दवाई मिले, मुफ्त इलाज हो, मुफ्त अनाज की गारंटी भी मोदी ने दी है। केंद्र सरकार की जिन सुविधाओं का लाभ अब तक आपको नहीं मिला है, वो सुविधाएं देने के लिए मोदी की गारंटी वाली गाड़ी जल्द ही आपके इलाके में भी आ रही है।

अच्छा भाई, आप एक मेरा काम करोगे। चुनाव जीतने के बाद करना है, करोगे। आप कहोगे मोदी कमाल आदमी है, अब चुनाव जीतने के बाद काम हमको बता रहा है। बताऊं क्या, करोगे। ये चुनाव जीतने के बाद करने वाला काम है, करोगे। देखिए, ये राजस्थान की सरकार के कारण, मेरा जो गरीबों को पक्के घर देने का काम है, वो थोड़ा धीरे चला है। इसलिए कहीं-कहीं ऐसे लोग रह गए हैं। जिनको अभी पक्का घर मिला नहीं है। मेरा एक काम जरूर करिए, अभी चुनाव में जब जाएंगे न तो कोई फुटपाथ पर रहता हो, कोई झुग्गी-झोपड़ी में रहता हो, कोई कच्चे मकान में रहता हो, उनको जरूर बताना कि मोदी जी की गारंटी है, राजस्थान में सरकार बनने के बाद तुम्हारा घर भी पक्का होकर रहेगा। ये बताओगे, ऐसे लोगों को खोज-खोज करके बताइए। आप देखना आपने जो भरोसा दिया है न, आपका भरोसा मोदी पूरा करेगा। और ये काम कोई बिचौलिया नहीं, दफ्तरों के चक्कर काटने का कोई झंझट नहीं, भाजपा सरकार सीधे आपके दरवाजे पर होगी।

साथियों,
यहां सहरिया समाज के हमारे बहुत अधिक परिवार रहते हैं। कांग्रेस ने हर सुविधा से सहरिया गांवों को, सहरिया बस्तियों को वंचित रखा। सहरिया समाज सहित सभी आदिवासी बहनों-भाइयों के लिए मोदी ने सरकार का खज़ाना खोल दिया है। 15 नवंबर को, जनजातीय गौरव दिवस पर मैंने आपके लिए पीएम जन मन महायोजना शुरु की है। ये पीएम जन मन महायोजना से सहरिया समाज जैसी देश की पिछड़ी जनजातियों के विकास पर विशेष बल दिया जाएगा। और इस योजना पर केंद्र की भाजपा सरकार 24 हज़ार करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है। जिन छोटी-छोटी सुविधाओं के लिए आपको नेताओं के चक्कर लगाने पड़ते थे, उससे आपको छुटकारा मिलेगा। आदिवासी समाज में सिकल सेल अनीमिया की बीमारी को दूर करने के लिए भी हमने राष्ट्रीय अभियान शुरू किया है। आदिवासी बच्चों के लिए भाजपा सरकार ने राजस्थान में 30 से ज्यादा एकलव्य स्कूल भी खोले हैं।

साथियों,
किसान कल्याण भाजपा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। झालावाड़ के संतरे पूरे देश में प्रसिद्ध हैं। बारां के लहसुन का तड़का देश विदेश तक पहुंचे हम इसके लिए प्रयास कर रहे हैं। राजस्थान भाजपा ने ये भी तय किया है कि सरकार बनने के बाद, पीएम किसान सम्मान निधि की राशि 12 हज़ार रुपए की जाएगी। किसानों को उचित मुआवज़ा मिले, इस पर ध्यान दिया जाएगा। यहां परवन सिंचाई परियोजना को कांग्रेस ने रोका है। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना, में भी कांग्रेस ने अड़ंगे लगाए हैं। भाजपा सरकार ऐसी हर सिंचाई परियोजना को तय समय पर पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास करेगी।

मेरे परिवारजनों,
राजस्थान की सुख-समृद्धि और खुशहाली के लिए आपके सामने सबसे बड़ा काम है कांग्रेस को हटाना। हटाओगे, हटाओगे, एक-एक बूथ से हटाओगे, हर पोलिंग स्टेशन से हटाओगे, हर गांव से हटाओगे। राजस्थान के कोने-कोने से हटाओगे। लेकिन देखिए, आने वाले दिनों में शादी-ब्याह के बहुत बड़े-बड़े अवसर आ रहे हैं कहीं ऐसा तो न हो जाए कि आप शादी-ब्याह में व्यस्त हो जाएं और मतदान करने में मुसीबत आ जाए, ऐसा तो नहीं होगा न। कितनी ही बड़ी शादी हो, परिवार के सबसे निकट की शादी हो, लेकिन लोकतंत्र अवसर जाने मत देना, सुबह जल्दी-जल्दी जाकर मतदान अवश्य करना। करेंगे। शादी-ब्याह होंगे, तब भी करेंगे। अच्छा मेरा एक और काम करोगे। क्यों ठंडे पड़ गए भाई। जरा हाथ ऊपर करके बताओ तो बोलूं। ऐसे नहीं, ऐसे नहीं, पूरी ताकत से बताओ भाई। करेंगे। ये मेरा निजी काम है। चुनाव वाला काम नहीं है। करोगे। चुनाव वाला नहीं है तो भी करोगे। पक्का करोगे। देखिए ये मेरा पर्सनल काम है और मैं आपसे प्रार्थना करता हूं कि आप सब मेरी मदद कीजिए और मेरा ये पर्सनल काम पूरा कीजिए। करोगे, करोगे, काम बताऊं। याद रखोगे। देखिए, घर-घर जाना है। जाएंगे। और जाकर के कहना कि अपने मोदी जी अपने जिले में आए थे। क्या कहेंगे... अपने मोदी जी अपने जिले में आए थे। और उन्होंने सबको राम-राम कहा है। इतना कह दो, कह दो। देखिए, जब आप हर परिवार में जाकर मेरा राम-राम पहुंचा देंगे न तो हर परिवार से मुझे आशीर्वाद मिलेगा। हर आशीर्वाद मेरे लिए शक्ति बन जाता है। मेरा नया सामर्थ्य बन जाता है। मेरे संकल्प को अपार शक्ति का ........मिल जाता है और इसीलिए हर परिवार में जाकर मेरा राम-राम पहुंचाइए, हर परिवार का आशीर्वाद मुझे देश के लिए दौड़ने की ताकत देता है। करेंगे, अच्छा मेरा एक और काम है। आप करेंगे। मैं एक संकल्प बोलूंगा। उसके बाद आप लोग दोनों हाथ उठाकर के बोलना है- कमल चुनेगा राजस्थान। कमल चुनेगा राजस्थान, कमल चुनेगा राजस्थान।

अब मैं मेरा संकल्प बताता हूं। आपको बोलना है- कमल चुनेगा राजस्थान।
सशक्त भारत, समृद्ध किसान...कमल चुनेगा राजस्थान
सशक्त भारत, समृद्ध किसान...कमल चुनेगा राजस्थान
सबको सेहत, सबका ध्यान... कमल चुनेगा राजस्थान
बहन बेटियों का होगा सम्मान...कमल चुनेगा राजस्थान
बढ़े युवा का स्वाभिमान...कमल चुनेगा राजस्थान
पेपर माफिया का काम तमाम...कमल चुनेगा राजस्थान।
भ्रष्टाचार की बंद होगी दुकान...कमल चुनेगा राजस्थान
मेरे साथ बोलिए, भारत माता की जय ! भारत माता की जय !
बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!