My vision is Viksit Bharat and Viksit Jharkhand: PM Modi

Published By : Admin | March 1, 2024 | 12:45 IST
B.J.P. is synonymous with the rapid & robust development of Jharkhand, while Congress is the enemy of its development: PM
On the one hand, there is infrastructural progress in Jharkhand, and on the other hand, we have the 'Corruption-Dynastic Politics-Appeasement' axis led by the JMM-Congress: PM Modi
The B.J.P.'s commitment is to foster the empowerment of tribal communities such as Baiga, Birhor, Birjia, Korwa, Paharia and Savara, among various others: PM
It is the B.J.P. that has instituted the celebration of Janjatiya Gaurav Diwas, ensuring a museum in honour of Birsa Munda Ji: PM Modi
My vision is Viksit Bharat and Viksit Jharkhand: PM Modi

भगवान बिरसा मुंडा की जय! भगवान बिरसा मुंडा की जय!
जोहार झारखंड!
मरांग बुरू की धरती को मेरा शत-शत प्रणाम,
निर्वाण भूमि पारसनाथ को भी मेरा प्रणाम !

आप सभी इतनी विशाल संख्या में हमें आशीर्वाद देने आए हैं। आपका यही जोश, यही उत्साह है, जिसके कारण देश में एक ही गूंज है- मैं अभी आ रहा था तो वो गूंज यहां पर भी सुनाई देती है। वो गूंज है...अबकी बार...400 पार ! अबकी बार...अबकी बार...अबकी बार...और साथियों, ये 400 पार का नारा ऐसे ही नहीं लग रहा है। ये तभी लग रहा है, जब मोदी की गारंटी पर देश भरोसा कर रहा है। मैं सबसे पहले सौम्यता के धनी अत्यंत सरल मेरे बहुत पुराने मित्र बाबूलाल जी का धन्यवाद करता हूं कि आज उन्होंने मुझे आपके बीच में से निकाल करके आप सबके दर्शन करने का सौभाग्य दिया। मैं इसीलिए उनका आभारी हूं। और जब मैं आप सबके दर्शन कर रहा था तो बहुत-बहुत पुराने-पुराने चेहरे, जिनके साथ मुझे संगठन में काम करने का सौभाग्य मिला है। ऐसे सब पुराने साथियों को आज मुझे निकट जाकरके प्रणाम करने का अवसर मिला। मैं सबसे पहले आप सबसे माफी मांगना चाहता हूं आप सबसे क्षमा मांगना चाहता हूं। क्षमा इसलिए कि ये जो पंडाल हमने बनाया है वो बहुत छोटा पड़ गया। और बड़ी मुश्किल 5 परसेंट लोग पंडाल में हैं और 95 परसेंट लोग बाहर धूप में तप रहे हैं। ये जो धूप में जो तप रहे हैं, आपको जो असुविधा हुई, इसके लिए मैं क्षमा मांगता हूं। लेकिन इस धूप में भी तप करके आप जो हमें आशीर्वाद दे रहे हैं, कार्य करने की एक नई ऊर्जा और प्रेरणा दे रहे हैं, आप सबको झारखंड के मेरे प्यारे भाइयों-बहनों, आप जो तप कर रहे हैं ये तप मैं बेकार नहीं जाने दूंगा। मैं विकास करके ब्याज समेत ये आपकी तपस्या को लौटाऊंगा। ये मैं आपको गारंटी देता हूं।

कभी-कभी मैं सोचता हूं कि पता नहीं, कितने जन्मों का पुण्य होगा मुझे जो आप मुझे इतना प्यार इतना आशीर्वाद दे रहे हैं। आप मुझे बताइए आप जो मुझे इतना प्यार देते हैं, इतना आशीर्वाद देते हैं क्या मैं आपके लिए जिंदगी खपाऊंगा कि नहीं खपाऊंगा। आपकी भलाई के लिए जिऊंगा कि नहीं जिऊंगा। शरीर का कण-कण समय का पल-पल आपको समर्पित करूंगा कि नहीं करूंगा। आपको विश्वास है न। यही मोदी की गारंटी है।

मेरे भाइयों-बहनों
अभी मैंने सिंदरी खाद कारखाने को जो फिर से शुरू करने की गारंटी दी थी। साल 2018 में मुझे सिंदरी के इस खाद कारखाने का शिलान्यास करने का सौभाग्य मिला। और आज सिंदरी के इस खाद कारखाने का लोकार्पण हो गया है। आप मुझे बताइए साथियों...क्या आपने सोचा था कि ये कारखाना एक दिन फिर से शुरू हो जाएगा? सब लोग निराश हो चुके थे न। सबने मान लिया था बस हो गया ताला लग गया, लग गया। माना था कि नहीं माना था। लेकिन ये मोदी तो है, इसकी गारंटी में दम है। और इसीलिए जिसकी आशा भी आपने छोड़ दी थी उसमें भी ऊर्जा भरने के लिए आपने मोदी को काम दिया है। इस खाद कारखाने से यहां युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर बनेंगे। इस खाद कारखाने से पूर्वी भारत के किसानों को बहुत लाभ होगा।

साथियों,
भाजपा का मतलब है, भाजपा का मकसद है विकास...तेज विकास। जबकि कांग्रेस हो या उसके सहयोगी दल, वो विकास के सबसे बड़े दुश्मन हैं। इसका उदाहरण नॉर्थ कर्णपुरा का बिजली कारखाना भी है। इसका शिलान्यास तो पिछली सदी के अंत में अटल बिहारी वाजपेयी करके गए थे। लेकिन फिर कांग्रेस की घोटालेबाज़ सरकार आई और इस प्रोजेक्ट पर ताला लग गया। 2014 में मोदी ने इस प्रोजेक्ट को भी फिर से जिंदा करने की गारंटी दी थी। आज इस बिजली कारखाने से अनेकों घर रोशन हो रहे हैं। मोदी ने उन गरीबों की भी चिंता की है, जिनके घर पहले बिजली कनेक्शन नहीं था। सौभाग्य योजना से यहां धनबाद में भी करीब एक लाख घरों में पहली बार मुफ्त बिजली कनेक्शन लगा है। इसीलिए तो देश कह रहा है- इसीलिए तो देश कह रहा है- जहां दूसरों से उम्मीद खत्म हो जाती है, वहां से मोदी की गारंटी शुरु होती है।

साथियों,
झारखंड के आप लोग, मोदी की ऐसी अनेक गारंटियों के गवाह हैं जो बीते वर्षों में पूरी हुई हैं। देवघर में झारखंड के दूसरे एयरपोर्ट का शिलान्यास मैंने 2018 में किया था। साल 2022 में इसके लोकार्पण करने का अवसर भी आपने मुझे ही दिया। साल 2018 में ही मैंने झारखंड के पहले एम्स की आधारशिला रखी थी। और 2022 में इसका लोकार्पण भी आपके ये सेवक मोदी ने किया। आज झारखंड देश के उन राज्यों में है जहां रेलवे का शत-प्रतिशत बिजलीकरण हो चुका है। झारखंड को अब तक 3 आधुनिक, मेड इन इंडिया, वंदेभारत ट्रेनें मिल चुकी हैं। कुछ दिन पहले ही अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत, झारखंड के सत्ताइस रेलवे स्टेशनों के आधुनिकीकरण पर काम शुरु हुआ है। एक साथ 27 स्टेशन, पिछले 100 साल में ये काम नहीं हुआ होगा। 25 फरवरी को ही, झारखंड में अस्पतालों से जुड़ी अनेक परियोजनाओं का भी शिलान्यास किया गया है।

साथियों,
झारखंड में तेज विकास के लिए ये ज़रूरी है कि यहां कानून व्यवस्था अच्छी हो, शासन-प्रशासन ईमानदार हो। लेकिन जबसे यहां JMM और कांग्रेस की परिवारवादी, भ्रष्टाचारी और तुष्टिकरण वाली सरकार बनी है, तबसे स्थितियां बहुत बिगड़ी हैं। JMM मतलब हो गया है जम करके खाओ। झारखंड में रंगदारी बढ़ती ही जा रही है, तुष्टिकरण के चलते घुसपैठ बढ़ती जा रही है। और यहां JMM-कांग्रेस के नेताओं का एक ही काम रह गया है- अपनी तिजोरियां भरने का। इन लोगों ने झारखंड की जनता को लूटकर, आपको लूटकर, आपके पसीने की कमाई को लूटकर अपने लिए बेनामी संपत्तियों के पहाड़ बना लिए हैं। आपने देखी है ना यहां किस तरह नोटों की गड्डियां निकल रही हैं? मैंने तो अपनी आंखों कभी नोटों के ऐसे ढेर देखे ही नहीं है। पहली बार टीवी पे देखा क्या झारखंड कमाल कर रहा है। कोयले के ढेर तो देखे थे, नोटों के ढेर देख रहे हैं। अभी बाबूलाल जी ने बढ़िया वर्णन किया इसका। भाइयों-बहनों ये आपका पैसा है। ये झारखंड के गरीब आदिवासियों का पैसा है। ये आपका पैसा है, आपके बच्चों के भविष्य के लिए पैसा था इसे लूट लिया गया है। क्या आप ऐसे लोगों को माफ करोगे? ऐसे लोगों को माफ करोगे? क्या ऐसी बेइमानी झारखंड में चलने दोगे। क्या आपका रूपया कोई लूट ले, आपको मंजूर है। ऐसे भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए या नहीं होनी चाहिए? उनकी जिंदगी जेलों में जानी चाहिए कि नहीं जानी चाहिए? जो जनता का लूटा है वो लौटाना पड़ेगा। ये मोदी की गारंटी है।

साथियों,
जब मोदी ऐसे भ्रष्टाचारियों पर एक्शन लेता है, तब ये लोग तरह-तरह के बहाने बनाते हैं। ये लोग जांच से भाग रहे हैं, क्योंकि ये लोग अपने कारनामे जानते हैं। JMM और कांग्रेस ने आदिवासियों को सिर्फ और सिर्फ वोटबैंक ही समझा है। झारखंड में इतने जनजातीय परिवार हैं, इतने प्रतिभाशाली नौजवान हैं, ये लोग उनको कभी आगे नहीं बढ़ाएंगे। ये इसलिए नहीं कर पाते क्योंकि, परिवारवादी अपने ही परिवार की सोचते हैं। जबकि मोदी जो भी कर रहा है, वो आपके भविष्य के लिए कर रहा है। आपके बच्चों के भविष्य के लिए कर रहा है। आप मुझे बताइए ये JMM को चलाने वाले जो लोग हैं एक ही परिवार के हैं कि नहीं हैं। एक ही परिवार के हैं कि नहीं हैं। वो अपने बच्चों का भला करेंगे कि आपके बच्चों का भला करेंगे। उनको अपने बच्चों की चिंता है या आपके बच्चों की चिंता है। ये मोदी है आप ही मेरे परिवारजन हैं। आपके बच्चों का भविष्य ये हमारी गारंटी है।

साथियों,
धनबाद और आसपास का ये क्षेत्र उद्यमियों और श्रमिकों का क्षेत्र है। लेकिन मोदी आपके लिए जो भी योजना बनाता है, ये इंडी गठबंधन वाले उसका विरोध करते हैं या फिर उसमें अड़ंगे लगाते हैं। कोरोना काल में हमने मुफ्त राशन की योजना शुरु की। लेकिन इंडी गठबंधन के लोग इसका भी विरोध कर रहे हैं। इंडी गठबंधन वाले चाहते हैं कि मुफ्त अनाज देने वाली योजना बंद कर दी जाए। आप मुझे बताइए भाई, गरीब के घर का चूल्हा जलता रहना चाहिए कि नहीं। आप मुझे बताइए चूल्हा जलता रहना चाहिए कि नहीं। आप मुझे बताइए गरीब का बच्चा पेट भरने के बाद ही सोना चाहिए कि नहीं। क्या गरीब की सेवा मोदी को करनी चाहिए कि नहीं करनी चाहिए। ये इंडी गठबंधन वाले कितना ही दबाव बना लें, लेकिन मोदी न झुकने वाला है न हटने वाला है। ये मुफ्त अनाज वाली गरीबों की योजना है न वो मोदी चालू रखेगा। आगे भी चालू रखेगा ताकि गरीब के घर का चूल्हा जलता रहे।

साथियों,
यहां झारखंड के अनेक भाई-बहन, दूसरे राज्यों में काम के लिए जाते हैं। मेरे यहां गुजरात में तो मेरा बहुत लोगों से मिलना होता था। मैं कभी सीमा पर जाता हूं तो वहां पर भी काम करने वाले मेरे झारखंड के भाई-बहन मिल जाते हैं। ऐसे साथियों को भी मुफ्त राशन मिलता रहे, हमने इसका भी इंतजाम किया है। हमने, एक देश एक राशन कार्ड, योजना बनाई है। अब मेरे मजदूर साथियों को किसी नई जगह जाने पर नया राशन कार्ड नहीं बनाना पड़ता।

साथियों,
भारत को विकसित बनाने में नारीशक्ति की एक महत्वपूर्ण भूमिका होने वाली है। और आज मैं देख रहा था जब मैं खुली जीप में आ रहा था जितनी मात्रा में माताएं-बहनें आशीर्वाद दे रही थी ये अद्भुत दृश्य था। इतनी बड़ी तादाद में माताओं-बहनों का आना वो भी अभी तो खाना खाने और पकाने का टाइम है तब आकरके मोदी को आशीर्वाद देने के लिए आ जाएं, ये कितना बड़ा प्यार है। साथियों, बीते 10 वर्षों में टॉयलेट हो, गैस कनेकशन हो, बहनों की ऐसी अनेक समस्याओं का समाधान भाजपा ने किया है। उज्जवला की लाभार्थी बहनों को बहुत सस्ता गैस सिलेंडर भी भाजपा सरकार ही दे रही है। अब मोदी पानी की समस्या का समाधान करने में जुटा है। लेकिन यहां इंडी गठबंधन की सरकार इस काम को भी रोक रही है। इतने साल बाद भी झारखंड में जल जीवन मिशन का करीब-करीब 50 प्रतिशत काम पूरा नहीं हो पाया है। झारखंड की इंडी-गठबंधन की सरकार यहां गरीबों के पक्के घर बनाने में भी रोड़े अटका रही है। और अभी बाबूलाल जी ने बताया उसमें भी मलाई खा जाते हैं।

साथियों,
इंडी गठबंधन की सरकार विकास विरोधी है, जनता विरोधी है। ये लोग जनता का हक छीनकर सरकार में मौज करने के सिवाए उनके पास कोई विजन नहीं है। जबकि मोदी की कोशिश है कि आपका अधिकार आपको सीधे मिले। आयुष्मान भारत के तहत मुफ्त इलाज होता है, तो सीधा पैसा अस्पताल को जाता है। पीएम किसान सम्मान निधि, सीधे मेरे किसानों के बैंक खाते में आती है। SC/ST समाज के विद्यार्थियों की स्कॉलरशिप... कोई बिचौलिया नहीं, कोई कटकी कंपनी नहीं, कोई मलाई खाने वाला नहीं...सीधे बैंक खाते में आती है। मनरेगा की मजदूरी सीधे बैंक खाते में आती है। गैस सिलेंडर की सब्सिडी सीधे, बैंक खाते में आती है। मोदी के ऐसे ही कामों ने इंडी गठबंधन के बिचौलियों का कमीशन बंद करा दिया है। अब मुझे बताइए जिनके कमीशन बंद हो गए हैं वो मोदी को गाली देंगे कि नहीं देंगे। देंगे कि नहीं देंगे। मोदी पर गुस्सा करेंगे कि नहीं करेंगे। भांति-भांति का झूठ फैलाएंगे कि नहीं फैलाएंगे। पानी पी-पीकर गालियां देते हैं लेकिन उनकी गाली मुझ तक नहीं पहुंचती है क्योंकि आपके आशीर्वाद की इतनी मजबूत दीवार है कि एक भी गाली मुझ तक नहीं पहुंचने देती है। और इसलिए मैं आपको नमन करता हूं। और भाइयों-बहनों मेरा पक्का विश्वास है, मेरा देश की जनता पर विश्वास है, इस देश के गांव, गरीब, किसान पर विश्वास है। इस देश की माताओं-बहनों, नौजवान पर विश्वास है। और मेरा विश्वास है ये लोग जितना कीचड़ उछालेंगे, जितना ज्यादा कीचड़ उछालेंगे उतने ही ज्यादा कमल खिलेंगे।

साथियों,
आदिवासी कल्याण और आदिवासी समाज की भागीदारी को बढ़ाना भाजपा सरकार की प्राथमिकता है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण तो अलग झारखंड राज्य का निर्माण ही है। ये भाजपा ही है, जिसने अलग आदिवासी कल्याण मंत्रालय बनाया और बीते 10 वर्ष में इसके बजट में 5 गुणा बढ़ोतरी की। आदिवासी समाज में भी सबसे पिछड़ी जनजातियों की पहली बार सुध लेने वाली कोई पार्टी है, उस पार्टी का नाम भाजपा है। मैंने झारखंड से ही इन जनजातियों के विकास के लिए 24 हज़ार करोड़ रुपए की पीएम-जनमन योजना शुरू की है। इसके तहत आदिवासी परिवारों के घर बन रहे हैं, दूसरी सुविधाएं बन रही हैं, रोजगार के साधन बन रहे हैं। इसका लाभ झारखंड की बैगा, बिरहौर, बिरजिया, कोरवा, परहिया, सवारा ऐसी छोटी-छोटी आखिरी छोड़ पर बैठी मेरे जनजाति भाइ बहनों इसका लाभ मिल रहा है। ये भाजपा सरकार ही है, जिसने भगवान बिरसा मुंडा का संग्रहालय बनाया। उनके जन्म दिवस को राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया।

साथियों,
हर गरीब का सपना ही, और आप लिख लीजिए आपका सपना, आपका सपना ही मोदी का संकल्प है। मैं खुद दिन-रात इसलिए खपा रहा हूं, ताकि देश में गरीबों की मुश्किलें कम हों, जितनी कम हो, मैं उसके लिए कुछ न कुछ करता रहता हूं। मेरे देश के गरीब गरीबी से जल्दी से जल्दी बाहर निकलें। बीते 10 साल में देश में 25 करोड़ गरीब, गरीबी से बाहर आए हैं। जब उन 25 करोड़ भारतीयों की गरीबी दूर हो सकती है तो जो अभी भी गरीबी में जी रहा है, मोदी पर भरोसा कीजिए, आपकी गरीबी भी जाएगी। मोदी का संकल्प है- विकसित भारत के लिए विकसित झारखंड। आप लोग यहां से जाएंगे तो मेरा एक काम करेंगे? मेरा काम करेंगे। ऐसा नहीं, हाथ ऊपर करके बताइए तो मानूं। मेरा काम करेंगे, पक्का करेंगे। यहां से जाने के बाद अपने घर के आसपास, गांव में मोहल्ले में जो भी लोग हैं उनके पास जाइएगा जो रैली में नहीं आ पाए। उनसे कहिएगा कि मोदी जी धनबाद आए थे, मोदी ने आपको प्रणाम कहा है। मेरा प्रणाम पहुंचा देंगे।
एक बार फिर आप सभी का इतनी विशाल संख्या में आने के लिए मैं बहुत बहुत धन्यवाद करता हूं। और विशेष रूप से जो धूप में तप रहे हैं उनको फिर से धन्यवाद करता हूं। मैं देख रहा हूं एक भी व्यक्ति वहां से हटा नहीं है। क्या प्यार है आपका, क्या आशीर्वाद है आपके। ये कभी भूल नहीं सकता हूं भाइयों-बहनों। कभी भूल नहीं सकता। आप इस धूप में तप रहे हैं, मोदी को आशीर्वाद देने के लिए, जिंदगी में इससे बड़ा कोई सौभाग्य नहीं होता है।
मेरे साथ बोलिए....भारत माता की जय !
दोनों हाथ ऊपर करके ऐसी ताकत लगाइए...
भारत माता की जय ! भारत माता की जय !
जेलों में भी गूंज सुनाई देनी चाहिए...
भारत माता की जय ! भारत माता की जय !
बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!