Telangana is the land of the brave Ramji Gond & Komaram Bheem: PM Modi

Published By : Admin | March 4, 2024 | 12:45 IST
Telangana is the land of the brave Ramji Gond & Komaram Bheem
PM JANMAN will enable spending of Rs. 24,000 crores for tribal welfare benefitting various tribes such as Chenchu, Kolam, and Konda Reddi, among various others
Modi's guarantee has enabled the creation of a 'Turmeric Board' for farmers in Telangana
The Kaleswaram Lift irrigation project is a mega scam committed by the B.R.S. government.
Telangana has played a pivotal role in the Pran-Pratishtha of Ram Mandir and has a more significant role in realizing a Viksit Bharat.

ना तेलंगाणा कुटुम्ब सभ्युल्लन्दरिकी नमस्कारालु!

आप सभी विकास के इस उत्सव में इतनी बड़ी संख्या में आए हैं...हम सभी आपके बहुत-बहुत आभारी हैं। अभी से कुछ देर पहले मैंने तेलंगाना और देश के विकास से जुड़ी हजारों करोड़ रुपए की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया है। कुछ लोग आदत से मजबूर होते हैं, मेहनत करने की कुछ आदत भी कम होती है और इसलिए बड़ी सरल भाषा में कह देते हैं कि ये तो चुनावी सभा है। मेरे भाइयों और बहनों और मेरे कुछ साथी जो भांति-भांति का एनालसिस करते हैं जरा समझो ये चुनावी सभा नहीं है, चुनाव की तो अभी घोषणा भी नहीं हुई है।आज देश में विकास का जो उत्सव चल रहा है, उसमें मैं अपने तेलंगाना के भाइयों और बहनों के बीच उत्सव मनाने आया हूं। आप मेरी बात से सहमत है ना... सहमत है ना... सहमत है ना ?

इतनी बड़ी संख्या में माताएं-बहने आई हैं आप सहमत हैं ना। मैं हिंदी बोलूंगा तो चलेगा ना ? क्योंकि मैं तेलुगु में भाषण नहीं कर सकता हूं। लेकिन ये आपका प्यार है कि आप मेरी बात सुनना भी चाहते हैं और समझने का प्रयास भी करते हैं। फिर भी इतना प्यार भी देते हैं, इतना आशीर्वाद देते हैं मैं आपका बहुत आभारी हूं।

साथियों,
बीजेपी की केंद्र सरकार किस स्पीड से और कितने बड़े स्केल से विकास उत्सव मना रही है, ये बताने के लिए मैं आपको और देश को और ये जो बार-बार चुनाव-चुनाव लिखते हैं ना उनको खास मै 15 दिन का हिसाब देता हूं। दे दूं आपको? मैं अपना 15 दिन का हिसाब दे दूं? देखिए 15 दिन में क्या-क्या हुआ।
15 दिन में- दो-दो IIT, एक ट्रिपल आईटी DM, तीन IIM और एक Indian Institute of Skills (IIS) इसके कैंपस का लोकार्पण हुआ है।
15 दिन में- देश के 5 अलग-अलग राज्यों में 5 एम्स का लोकार्पण हुआ है।
15 दिन में- किसानों के लिए दुनिया की सबसे बड़ी स्टोरेज स्कीम शुरू हुई है।
15 दिन में- 18 हजार cooperatives के कंप्यूटराइजेशन के काम पूरा होने का लोकार्पण हुआ है।
15 दिन में- सिंदरी में देश के बड़े खाद कारखाने का लोकार्पण हुआ है।
15 दिन में- भारत के सबसे लंबे केबल आधारित ब्रिज का लोकार्पण हुआ है।
15 दिन में- रेलवे से जुड़ी 2000 से अधिक परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है।
15 दिन में ही- ऑयल और गैस सेक्टर से जुड़े डेढ़ लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के प्रोजेक्ट्स देश को मिले हैं।
15 दिन में ही- केजी बेसिन में ‘फर्स्ट ऑयल’ का लोकार्पण हुआ है। वहां से निकले कच्चे तेल के पहले टैंकर को हरी झंडी दिखाई है।
15 दिन में- ग्लोबल टेक्सटाइल इवेंट का उद्घाटन हुआ है। 15 दिन के ये काम, आत्मनिर्भर भारत से विकसित भारत के निर्माण को और सशक्त कर रहे हैं। अब बताइए ये विकास का उत्सव है कि नहीं है? ये लोगों के कल्याण का उत्सव है कि नहीं है? ये लोगों की भलाई का उत्सव है कि नहीं है? अरे चुनाव जब आएगा तब देखा जाएगा, मुझे तो देश को आगे बढ़ाना है। मैं सही बोल रहा हूं ना?

साथियों,
कल भी मैंने अब आप देखिए.. ये चुनाव-चुनाव करते हैं ना आप देखिए कल भी मैने दिनभर सभी मंत्रियों और भारत सरकार के सभी वरिष्ठ सचिव और अधिकारी एक प्रकार से टॉप टीम, करीब सबा सौ लोग पूरा दिन उन लोगों के साथ बैठा। और क्या किया? चुनाव की चर्चा नहीं की वहां मैंने विकसित भारत के निर्माण के एक्शन प्लान पर एक-एक मुद्दे पर चर्चा की। विकसित भारत के एक्शन प्लान पर देशभर में Fifteen Lakh लोग अब तक अपने सुझाव दे चुके हैं। Three Lakhs Seventy Five Thousand से ज्यादा स्टेकहोल्डर्स अब तक इसमें सक्रिय रूप से जुड़े हैं। विकसित भारत के विजन को लेकर करीब Three Thousand Meetings हो चुकी हैं। तीन हजार मीटिंग.. देश को विकसित बनाने के लिए दिन-रात काम। करीब-करीब 12 सौ Twelve Hundred यूनिवर्सिटीज़ ने इसमें हिस्सा लिया है। बड़ी बात ये है कि इनमें अब तक करीब 11 लाख..Eleven Lakhs युवाओं ने हिस्सा लिया है, अपने मौलिक सुझाव दिए हैं. जो हमारे युवा विकसित भारत के सबसे बड़े निर्माता और और सबसे बड़े लाभार्थी, ये हमारी बहुत बड़ी ताकत है। राष्ट्र के विकास के लिए भाजपा का यही कमिटमेंट, है जिसके कारण, तेलंगाना के भी लोग पूरे जोश से कह रहे हैं... तेलंगाना के गांव-गांव से आवाज आ रही है। नौजवान भी बोल रहा है, बुजुर्ग भी बोल रहे हैं, महिलाएं भी बोल रही है, शहरवाले भी बोल रहे हैं, किसान भी बोल रहा है, मजदूर भी बोल रहा है कि
अबकी बार, 400 पार! अबकी बार चार सौ पार... अबकी बार... अबकी बार... अबकी बार... नालगु वंदलु दाटाली, बीजेपी-कि वोटु वेय्याली

साथियों,
ये धरती रामजी गोंड और कोमाराम भीम जैसी महान विभूतियों की धरती है। आज़ादी के इतने दशकों तक, तेलंगाना की इस धरती ने जो योगदान दिया उस योगदान को कभी सम्मान नहीं दिया गया। 2014 के बाद बीजेपी की केंद्र सरकार ने तेलंगाना के विकास को, आदिवासी समाज के सम्मान को इतना महत्व दिया। आप मुझे बताइये, क्या बीजेपी सरकार आने से पहले कोई कल्पना कर सकता था कि एक आदिवासी महिला देश की राष्ट्रपति बनेंगी? क्या कोई कल्पना कर सकता था? पलहे कभी लगता था कि ऐसा हो सकता है। क्या कोई कल्पना कर सकता था कि भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाएगा? आदिवासियों के विकास के लिए देश में अलग मंत्रालय बनाने का काम बीजेपी सरकार ने ही किया था। आज़ादी की लड़ाई में जनजातीय समाज के योगदान को समर्पित म्यूजियम बनाए जा रहे हैं। ये काम भी केंद्र की बीजेपी सरकार ने शुरू किया है। हैदराबाद में जो म्यूजियम बन रहा है, हमने उसका नाम रामजी गोंड के नाम पर रखा है।

साथियों,
आदिवासी समाज को सम्मान मिले, ये परिवारवादी पार्टियों को बर्दाश्त नहीं हो सकता। हमने जनजातीय समाज के लिए जब भी फैसले किए, इन्होंने उन फैसलों का विरोध करने का कोई मौका नहीं छोड़ा है। साथियों, बीजेपी, आदिवासी कल्याण को, आदिवासी गौरव को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए काम कर रही है। आदिवासी समाज में भी, जो लोग अति पिछड़े हैं, जो अब तक विकास से वंचित हैं, उनके लिए बीजेपी सरकार ने पीएम जनमन योजना शुरू की। इस योजना पर 24 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए जाएंगे। इसका लाभ तेलंगाना की भी चैन्चु, कोलम, कोन्डा रेड्डी, थोटी ऐसी छोटी-छोटी जो आदिवासी समाज की जातियां हैं.. दूर-दूर है इनके लाभ मिलने वाला काम है। तेलंगाना में ‘सम्मक्का सारक्का’ सेंट्रल ट्राइबल यूनिवर्सिटी स्थापित की जा रही है।

साथियों,
आज पूरे देश में मोदी की गारंटी इसकी बहुत चर्चा है। यहां तेलंगाना के लोगों का सपना था कि ‘टरमरिक बोर्ड’ बने, था कि नहीं था? तेलंगाना के किसानों के लिए ‘टरमरिक बोर्ड’ अब एक सच्चाई बन चुका है कि नहीं बन चुका है, बन गया ना? मैंने कहा था, कपास के किसानों की हर तरह से मदद करेंगे। बीजेपी सरकार ने कपास की MSP में रिकॉर्ड वृद्धि की है। आज देश में जो 7 मेगा टेक्सटाइल पार्क बन रहे हैं, उनमें से एक मेगा पार्क तेलंगाना में बन रहा है।
इसलिए लोग कहते हैं कि मोदी की गारंटी यानि गारंटी पूरी होने की गारंटी।- मोदी गैरंटी अंटे गारंटी-गा पूर्ति अय्ये गारंटी

साथियों,
तेलंगाना के लोग ये जान चुके हैं कि परिवारवादी पार्टियों के चेहरे अलग हो सकते हैं, लेकिन चरित्र एक ही होता है- और ये चरित्र क्या है? दो पक्की चीजें हैं इनके चरित्र में एक झूठ और दूसरा लूट! तेलंगाना में जैसे TRS के BRS बनने से कुछ नहीं बदला था, वैसे ही BRS की जगह काँग्रेस आने से कुछ नहीं बदलने वाला क्योंकि एक ही चट्टे-बट्टे के लोग हैं ये। BRS ने अपनी सरकार में कालेश्वरम प्रोजेक्ट जैसे घोटाले किए। कॉंग्रेस की सरकार उस पर कार्रवाई करने के बजाय फाइलों को दबाकर बैठ गई है। तुम भी भले हम भी भले, तुमने खाया और अब मैं खाऊंगा। यहीं करते हैं।

साथियों,
भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण में आकंठ डूबे इंडी गठबंधन के नेता बौखलाते जा रहे हैं। अब इन्होंने 2024 के चुनाव का अपना असली घोषणापत्र निकाला है। मैं इनके परिवारवाद पर सवाल उठाता हूं तो इन लोगों ने अब बोलना शुरू कर दिया है कि मोदी का कोई परिवार नहीं है। अब तो कल ये कह देंगे कि कभी तुझे जेल की सजा नहीं हुई इसलिए तुम राजनीति में नहीं आ सकते ये भी कह देंगे। तेलंगाना के मेरे भाइयों बहनों मेरा जीवन खुली किताब जैसा है। आप मुझे देशवासी भलीभांति जानते हैं, समझते हैं। मेरी पल-पल की खबर देश रखता है। और कभी रात देर तक जब काम करता हूं और खबर बाहर निकल जाती है तो देश से लाखों लोग मुझे लिखते हैं और बताते हैं कि इतना काम मत करिए, कुछ आराम करिए। ये प्यार भाइयों-बहनों एक सपना लेकर मैंने बचपन में घर छोड़ा था, और जब मैंने अपना घर छोड़ा तब एक सपना लेकर के चला था कि मैं देशवासियों के जिऊंगा। मेरा पल-पल अब सिर्फ आपके लिए होंगे। मेरा कोई निजी सपना नहीं होगा आपके सपने यही मेरा संकल्प होगा। जिंदगी खपा दूंगा तो आपके सपनों को पूरा करने के लिए आपके बच्चों के भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए। और इसलिए देश के कोटि-कोटि लोग मुझे अपना मानते हैं। अपने परिवार के सदस्य की तरह प्यार करते हैं। और इसलिए मैं कहता हूं कि 140 करोड़ देशवासी यही मेरा परिवार है। ये नौजवान यही मेरा परिवार है। आज देश की करोड़ों बेटियां, माताएं, बहनें यही मेरा परिवार है। आज देश का हर गरीब ये मेरा परिवार है। देश के कोटि-कोटि बच्चे बुजुर्ग ये मोदी का परिवार है। जिसका कोई नहीं है वे भी मोदी के हैं और मोदी उनका है। मेरा भारत मेरा परिवार... मेरा भारत मेरा परिवार यहीं भावनाओं का विस्तार लेकर के मैं सपनों को संकल्प के साथ सिद्ध करने के लिए जी रहा हूं, आपके लिए जूझ रहा हूं और आपके लिए जूझता रहूंगा। इसलिए आज पूरा देश एक सुर में कह रहा है। मैं हूं मोदी का परिवार... मैं हूं मोदी का परिवार
नेने मोदी कुटुम्बम् !
आप भी मेरे साथ बोलिए...
मैं हूं मोदी का परिवार..
मैं हूं... मैं हूं... मैं हूं...
नेने मोदी कुटुम्बम् ! नेने...नेने... नेने

साथियों,
आखिर में, मैं तेलंगाना के लोगों को देश के अन्य लोगों का एक संदेश भी देना चाहता हूं। और गर्व से भरे हुए लोगों को कहना चाहता हूं... राममंदिर में सोने के दरवाजे हों या फिर मंदिर के स्तंभ, उनके निर्माण में तेलंगाना की भूमिका रही है। इसके लिए पूरा देश तेलंगाना के लोगों का आभार व्यक्त करता है। रामलला का आशीर्वाद पूरे तेलंगाना के लोगों पर है। हम विकसित भारत-विकसित तेलंगाना का लक्ष्य जरूर हासिल करेंगे। भाइयों-बहनों मैं आपसे यही आग्रह करता हूं कि 2047, 25 साल हमारे पास है, इतनी मेहनत करनी है..इतनी मेहनत करनी है देश को दुनिया के समृद्ध देशों के बराबरी में लाकर के खड़ा रखना है। हमारे मां-बाप को तो मुसीबतों में जिंदगी गुजारनी पड़ी, लेकिन अपने बच्चों को मुसीबत में जीने के लिए मजबूर नहीं करेंगे और इसलिए तेलंगाना मुझको आपका आशीर्वाद चाहिए, मुझे आपका अपार प्रेम चाहिए। मैं आपके प्यार का भूखा हूं और एक सेवक के नाते आपको समर्पित हूं।

मेरे साथ बोलिए... भारता माता की... दोनों मुट्ठी बंद कर पूरी ताकत से बोलिए... भारता माता की... भारता माता की... भारता माता की...

बहुत बहुत धन्यवाद

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।