Congress has joined hands with parties that are a danger to Assam's culture and heritage: PM Modi on Congress’s alliance in Assam
Development of every region of Assam is a priority for the BJP government. We are committed to ensure that the culture and heritage of the state remains protected: PM Modi
I assure that the NDA Government's campaign will be intensified to improve the standard of living of Tea Gardens workers, says PM Modi in Assam
NDA has built a strong foundation for Assam...it is time that we build on it. Congress is now looking to use it. They want to loot it like they did before: PM Modi in Chabua
Congress is only worried about the 'kursi.' It is the same Congress which have never worked towards providing land pattas to the indigenous people of the state. PM Modi

भारत माता की
भारत माता की

मंच पर विराजमान असम के लोकप्रिय मुख्यमंत्री श्रीमान सर्बानंद सोनोवाल जी, मंच पर उपस्थित सभी वरिष्ठ नेतागण, सभी उम्मीदवार बंधु और इतनी बड़ी तादाद में हम सबको आशीर्वाद देने के लिए आए हुए असम के मेरे प्यारे भाइयो और बहनो… नमस्कार!

मइ असमबासीक आगन्तुक फाकुवा उत्सवर आन्तरिक शुभेच्छा जनाइछोँ। फाकुवार रङे सकलोरे जीवन रङीन करि तोलक।

ऐसा अनुभव हो रहा है जैसे पूरा डिब्रुगढ़, पूरा तिनसुकिया आज यहां चबुआ में सिमट आया है। जहां देखो वहां लोग ही लोग नज़र आ रहे हैं। ये दिखाता है कि असम में डबल इंजन की सरकार को मजबूत करने के लिए कितना उत्साह है, एनडीए के प्रति कितना विश्वास है। साथियों आपका ये विश्वास, आपका ये प्यार, आपका ये आशीर्वाद पांच साल तक हमारे काम को आपने कसौटी पर कस कर के ये आप जो हमें आशीर्वाद दे रहे हो ये हमलोगों का सौभाग्य है। इस धरती को अहोम राजा चाओलुग चुकाफा, स्वर्गादेव सर्बानंद सिंगा और बीर राघभ मोरान जैसे हमारे अनेक पूर्वजों ने संवारा है। रुचि दास ताती जैसे असम से निकले अनेक स्वतंत्रता सेनानियों ने भारत की आजादी में अपनी अहम भूमिका निभाई है। साइमोन सिंह होरो और संतोष टोप्नो ऐसी अनेक महान विभूतियों ने असम और भारत को दिशा दिखाने में अपना अहम योगदान दिया है। मैं आप सभी का आभार इसलिए भी व्यक्त करता हूं कि आपने सर्बानंद जी जैसा एक जनसेवक असम को दिया देश को दिया।

भाइयो और बहनो,
चबुआ के तो नाम में ही चाय है। यहां रोपा गया चाय का पौधा आज दुनिया में कहां-कहां अपनी सुगंध फैला रहा है, ये हम सभी जानते हैं। ऐसे में आज जब आपके बीच आया हूं तो एक पीड़ा भी आपसे कहे बिना नहीं रह सकता हूं, मेरे भीतर के उस दर्द को, आपके उस दर्द को जो महसूस करता हूं, इस बात को आज मैं यहां आपके बीच में कहे बिना नहीं रह सकता हूं। मुझे ये देखकर तकलीफ हुई कि इस देश की एक ऐसी पार्टी जो सबसे पुरानी पार्टी, जिसने 50-55 साल तक देश पर राज किया, ऐसी कांग्रेस पार्टी आज भारत की चाय की पहचान को मिटाने वालों का खुलेआम समर्थन कर रही है। क्या ऐसी कांग्रेस को माफ कर सकते हैं, ऐसी कांग्रेस को माफ कर सकते हैं, ऐसी कांग्रेस को सजा देनी चाहिए कि नहीं देनी चाहिए, क्या दुनिया में से चाय को मिटाने देना चाहिए। चाय को मिटाने का षड्यंत्र करने वालों को इस चुनाव में सबक सिखाना चाहिए कि नहीं सिखाना चाहिए। सिखाओगे, पक्का सिखाओगे।

असम की चाय से, असम के मान-सम्मान से, यहां के लाखों Tea Workers से उनके जीवन से कांग्रेस का खिलवाड़ करना, यह असम की और हिंदुस्तान की जनता कभी माफ नहीं करेगी। हाल में आपने भी एक टूलकिट की चर्चा सुनी होगी। इस टूलकिट में असम की चाय और हमारे ऋषि मुनियों का दिया हुआ योग इसको पूरी दुनिया में बदनाम करने के लिए प्लान तैयार किया गया है। टूलकिट बनाने वाले चाहते हैं कि हमारे चाय बगानों को भारी नुकसान उठाना पड़े। ऐसी साजिश रचने वालों को कांग्रेस पार्टी सपोर्ट करे और ऐसी कांग्रेस पार्टी असम में वोट मांगने की हिम्मत करे। भाइयों-बहनों क्या कांग्रेस को हम माफ कर सकते हैं क्या? कभी भी माफ कर सकते हैं क्या? अपनी राजनीतिक ज़मीन बचाने के लिए कांग्रेस इस स्तर पर आ जाएगी इसकी उम्मीद देश को कभी नहीं थी। इसलिए, असम की चाय के खिलाफ साजिश रचने वाली कांग्रेस जब असम की अस्मिता की बात करती है, तो उसके सारे नकाब खोखले नजर आते हैं।

भाइयो-बहनो,
सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब असम के लोगों से बहुत दूर हो चुकी है। अभी 2-3 दिन पहले इन लोगों ने श्रीलंका की एक फोटो दिखाई और कहा कि ये असम है। कुछ हफ्ते पहले इन्हीं लोगों ने ‘ताइवान’ की फोटो दिखाई और कहा कि ये असम है। भाइयों-बहनों, गलती एक बार हो सकती है लेकिन जब गलती दोहराई जाए तो वो गलती नहीं है, प्रवृत्ति बन जाती है, प्रवृत्ति होती है। ये इतने खूबसूरत असम के साथ अन्याय नहीं तो और क्या है? ये असम का अपमान नहीं है तो और क्या है। क्या असम का अपमान सहन करेंगे? कांग्रेस, असम के लोगों से, यहां की संस्कृति, यहां के तौर तरीकों को भूल चुकी है भैया भूल चुकी है।

साथियो,
मैं असम में, या नॉर्थ ईस्ट के अन्य राज्यों में जाता हूं, बहुत गौरव से वहां की संस्कृति से जुड़ने का मुझे आनंद आता है। अब देखिए अभी मुझे गमछा पहनाया गया मेरे लिए यह बड़ा गर्व और सम्मान का विषय होता है। लेकिन कांग्रेस के लिए, ये इसका भी मजाक उड़ाते हैं। हालत ये है कि कांग्रेस आज उन पार्टी के साथ गठबंधन करके मैदान में उतरी है, जो खुद असम की अस्मिता, असम की संस्कृति के लिए अपने आप में बहुत बड़ा खतरा है, बहुत बड़ा संकट है।

 

भाइयो और बहनो,
असम का गौरव बढ़ाते हुए, असम के हर क्षेत्र, हर वर्ग का विकास, ये भाजपा की प्राथमिकता है। असम की संस्कृति, यहां के गौरव पर आंच ना आए ये हमारी प्रतिबद्धता है। असम के नौजवानों को नए अवसर देने के लिए, असम में उद्योगों के लिए बेहतर माहौल बनाने के लिए, असम की महिलाओं को और सशक्त करने के लिए, असम के किसानों की आय बढ़ाने के लिए हमारी सरकार निरंतर काम कर रही है। यहां की एनडीए सरकार ने चाय कर्मियों को मूल सुविधाएं देने के साथ ही उनके बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए भी दिन-रात काम किया है। एक तरफ जहां, बैंक खातों में सीधी मदद पहुंचाई जा रही है, वहीं दूसरी तरफ कमाई, पढ़ाई और दवाई के भी उत्तम प्रबंध किए जा रहे हैं। चाय जनजाति के बच्चों को पढ़ाई जारी रखने के लिए हज़ारों रुपए की ग्रांट भी दी गई है। आज चाय बगानों के पास ही सवा सौ के करीब स्कूल खोले जा चुके हैं, अस्पतालों की सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। गर्भवती महिलाओं को अपनी और अपने बच्चों की देखरेख के लिए हज़ारों रुपए उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसी तरह पक्के घर हो, शौचालय हो, गैस कनेक्शन हो, पानी का कनेक्शन हो, ज़मीन के पट्टे हो, ये काम डबल इंजन की सरकार तेज़ी से कर रही है। इस बार के केंद्रीय बजट में 1000 करोड़ रुपए की बहुत बड़ी राशि सिर्फ चाय बगान में काम करने वालों की सुख-सुविधा के लिए ही रखी गई है। ये हमारी प्राथमिकता और प्रतिबद्धता को दिखाता है।

साथियो,
टी गार्डन्स में काम करने वाले हमारे साथियों की दैनिक मजदूरी बढ़ाने के लिए भी एनडीए सरकार प्रतिबद्ध है। मैं इस बात की सराहना करता हूं कि असम सरकार ने बीते दो-तीन वर्षों में इसमें बढोतरी की है। लेकिन हमारा ये प्रयास अदालत में ले गया। अदालत में जाकर के मामला अटक गया। इसका लाभ उठाकर विपक्षी दल तरह-तरह के भ्रम फैला रहे हैं, तरह-तरह के झूठ बोल रहे हैं। ये वही लोग हैं जिन्होंने टी-गार्डन्स में काम करने वाले हमारे भाई-बहनों पर कभी भी ध्यान नहीं दिया। जैसे ये पहले झूठ बोलते थे, वैसे ही अब भी झूठ बोल रहे हैं। इसलिए असम के लोगों को इन लोगों से सावधान रहने की जरूरत है।

भाइयो और बहनो,
एक चाय वाला, एक चाय वाला आपके दर्द को नहीं समझेगा तो कौन समझेगा? मैं विश्वास दिलाता हूं कि टी-गार्डन्स में काम करने वाले श्रमिक साथियों का जीवन स्तर सुधारने के लिए एनडीए सरकार का अभियान और तेज किया जाएगा।

साथियो,
आज जब हम आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में जुटे हैं, तो इस पूरे क्षेत्र की इसमें बहुत बड़ी भूमिका है। चाय के एक्सपोर्ट में ही इतना ही नहीं बल्कि ये क्षेत्र और भी कई ऑर्गेनिक फूड का एक्सपोर्टर हो सकता है। यहां के ऑर्गेनिक संतरों की धूम आज मिडिल ईस्ट और यूरोप तक पहुंच रही है। यहां ऐसे ऑर्गेनिक फलों, सब्जियों और सलाद से जुड़ी फसलों के उत्पादन के लिए बहुत संभावनाएं हैं। इसी सोच के साथ अब आपके खेतों को किसान रेल से सीधे पश्चिम भारत के बाज़ारों से जोड़ा जा रहा है।
तिनसुकिया से मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा तक चली किसान रेल से फल, सब्जी, मछली जैसे अनेक उत्पाद अब सीधे बड़े बाज़ारों तक पहुंच पा रहे हैं। यहां जूस सहित दूसरे फूड प्रोसेसिंग उद्योगों के लिए बहुत संभावनाएं हैं। एनडीए सरकार इन उद्योगों को निरंतर प्रोत्साहित कर रही है, ताकि यहां के युवाओं को यहीं पर बेहतर रोज़गार मिल सके।

भाइयो और बहनो,
जलमार्ग हमेशा से असम की ताकत रहे हैं, लेकिन कांग्रेस के लंबे शासनकाल में असम की इस ताकत को भुला दिया गया। इस वजह से ग्लोबल एक्स्पोर्ट में भी असम की भागीदारी सीमित हो गई। अब स्थिति को बदला जा रहा है, असम की इस ताकत को फिर मजबूत किया जा रहा है। इनलैंड वॉटरवेज़ से जुड़ा केंद्र सरकार का अभियान हो या फिर असम सरकार का महाबाहो ब्रह्मपुत्र अभियान, इसके पीछे की सोच यही है। जोगीघोपा में ब्रह्मपुत्र पर मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क भी बन रहा है।
भाइयो और बहनो,
यहां 5 साल पहले ब्रह्मपुत्र पर पुलों की स्थिति क्या थी, ये आप सब भलीभांति जानते हैं। अरे नए ब्रिज तो छोड़िए जो सालों पहले अटल जी की सरकार ने शुरू किए थे, उन्हें भी कांग्रेस सरकारों ने लटका दिया था। हमने इन प्रोजेक्ट्स को तेज़ी से पूरा किया है। आज ब्रह्मपुत्र पर बोगीबील और डोला सादिया समेत 4 बड़े ब्रिज शुरू हो चुके हैं। अनेक नए सेतुओं पर काम चल रहा है। देश के सबसे बड़े रेलरोड ब्रिज, बोगीबील सेतु का उद्घाटन करने का सौभाग्य मुझे आप लोगों ने दिया था। बरसों से लटके इस सेतु को हमने 4 साल के भीतर आपकी सेवा के लिए समर्पित कर दिया। आज तिनसुकिया सहित इस पूरे क्षेत्र के लोगों को, व्यापारियों-कारोबारियों, किसानों को, स्टूडेंट्स को, मरीज़ों को सैकड़ों किलोमीटर के सफर से मुक्ति मिल चुकी है।

भाइयो और बहनो,
5 साल पहले जिस विकास का वादा आपसे किया था, वो इंफ्रास्ट्रक्चर के ऐसे ही प्रोजेक्ट्स से होकर के आता है। यहां की गैस कनेक्टिविटी को लेकर भी अभूतपूर्व काम किया गया है। बोंगईगांव रिफाइनरी हो, नुमालीगढ़ रिफाइनरी हो, इनका विस्तारीकरण किया जा रहा है।
इनको आज की और भविष्य की ज़रूरतों के हिसाब से तैयार किया जा रहा है। इसी तरह, असम में भाजपा के नेतृत्व वाली असम सरकार ने इस पूरे क्षेत्र को उच्च शिक्षा के बहुत बड़े केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए अहम कदम उठाए हैं। चबुआ में असम की पहली स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, खानिकार मल्टी-परपज़ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, ऐसे संस्थानों से यहां के युवाओं की स्किल को बेहतर बनाने में बहुत मदद मिलेगी। चबुआ में इंस्टीट्यूट ऑफ वाइल्ड लाइफ हेल्थ एंड रिसर्च हो, तिनसुकिया मेडिकल कॉलेज हो, दिव्यांगों के लिए इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट हो ऐसे सारे संस्थान इस क्षेत्र को उच्च शिक्षा के हब के रूप में विकसित करेंगे।

भाइयो और बहनो,
पिछले 5 सालों में यहां एनडीए सरकार ने असम के विकास के लिए एक मजबूत ठोस नींव रखी है। अब उस नींव पर असम के तेज़ विकास की सशक्त इमारत खड़ी करने का समय है। कांग्रेस और उसके साथी इसी समय का लाभ उठाना चाहते हैं। बीते 5 वर्षों में असम ने जो हासिल किया है, अब वो उसे लूटना चाहते हैं। और इसलिए आपको संभलकर के रहना है, सतर्क रहना है। आपको याद रखना है कि कांग्रेस अपने फायदे के लिए किसी को भी दांव पर लगा सकती है। उसे असम के लोगों की चिंता नहीं, कांग्रेस को सिर्फ कुर्सी की चिंता ज्यादा है। आपको याद रखना है कि ये वही कांग्रेस है, जिसने मूल निवासियों को जमीन का अधिकार देने के लिए कभी भी गंभीर कदम नहीं उठाए।
यहां के मूल निवासियों को जमीन के पट्टे देने का काम सर्बानंद जी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने ही शुरू किया है। अब तक सवा तीन लाख से भी ज्यादा जमीन के पट्टे देने का काम भी हमारी सरकार कर चुकी है। मोरान और मोटोक समुदाय के लिए जो ऑटोनोमस काउंसिल बनी है, उसका भी लाभ यहां के स्थानीय लोगों को होने वाला है।

साथियो,
एक तरफ हमारी सरकार, सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास इस पवित्र मंत्र पर काम कर रही है, वहीं दूसरी तरफ, कांग्रेस आज झूठी घोषणाओं का भोंपू बनकर के रह गई है। उसकी ये सच्चाई देश भर के लोग देख भी रहे हैं, समझ भी रहे हैं। कभी देश की सबसे बड़ी पार्टी रही कांग्रेस, आज सिमटती जा रही है, सिमटती जा रही है। कारण बिल्कुल साफ है। कांग्रेस में प्रतिभा के प्रति सम्मान नहीं, उनके लिए तो सत्ता का लालच सर्वोपरि है। सत्ता के लिए ये किसी का भी साथ ले सकते हैं, किसी का भी साथ दे सकते हैं। चाहे इसके लिए देश से, देशवासियों से झूठ ही क्यों ना बोलना पड़े। आज जिन झूठे वादों का पिटारा लेकर ‘असम भ्रमण’ पर निकले हैं, उससे सावधान रहिए।

साथियो,
असम में शांति बनाए रखने के लिए, स्थिरता बनाए रखने के लिए बीजेपी सरकार की, एनडीए सरकार की निरंतर जरूरत है। ये समय असम के भविष्य के लिए बहुत अहम है। ये समय आत्मविश्वास का है, ये समय आत्मनिर्भरता का है। असम की मिट्टी से लेकर असम के शिल्प तक यहां समृद्धि की अनेक संभावनाएं हैं। इस समृद्धि को हमें यहां की आत्मनिर्भरता का मजबूत स्तंभ बनाना है। हमें लोकल के लिए वोकल होना है। हमें असम को नई बुलंदियों तक पहुंचाने के लिए निरंतर आगे बढ़ाना है। ये काम केंद्र और असम में डबल इंजन की सरकार ही कर सकती है। आइए, एनडीए के हर उम्मीदवार को पूरी ताकत से जिताकर विधानसभा भेजें और आत्मनिर्भर असम की संभावनाओं को मजबूत करें। आप यहां हम सभी को इतनी बड़ी तादाद में आशीर्वाद देने के लिए आए इसके लिए मैं आपका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। दोनों मुट्ठी बंद कर के, हाथ ऊपर कर के पूरी ताकत से बोलिए…
भारत माता की…
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बहुत-बहुत धन्यवाद।

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PM to participate in ‘Odisha Parba 2024’ on 24 November
November 24, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will participate in the ‘Odisha Parba 2024’ programme on 24 November at around 5:30 PM at Jawaharlal Nehru Stadium, New Delhi. He will also address the gathering on the occasion.

Odisha Parba is a flagship event conducted by Odia Samaj, a trust in New Delhi. Through it, they have been engaged in providing valuable support towards preservation and promotion of Odia heritage. Continuing with the tradition, this year Odisha Parba is being organised from 22nd to 24th November. It will showcase the rich heritage of Odisha displaying colourful cultural forms and will exhibit the vibrant social, cultural and political ethos of the State. A National Seminar or Conclave led by prominent experts and distinguished professionals across various domains will also be conducted.