Goa symbolizes the spirit of ‘Ek Bharat Shreshtha Bharat’: PM Modi
Modi guarantees that soon the Olympic Games will be held in India: PM Modi
Congress’s philosophy is ‘Loot, Zindagi ke Saath bhi, Zindagi ke Baad bhi: PM Modi

समेस्त गोयकारांक म्हजो नमस्कार !

2024 के इस ऐतिहासिक चुनाव में अभी तक 2 चरण की वोटिंग पूरी हो चुकी है। ज़मीन से आ रहे फीडबैक और आप जैसे मेरे परिवारजनों का उत्साह, एक ही संकेत दे रहा है, फिर एक बार- मोदी सरकार ! फिर एक बार- मोदी सरकार ! फिर एक बार- मोदी सरकार ! अब मैं जरा एक दूसरा नारा आप से बोलवाता हूँ, बोलेंगे आप, मैं बोलूंगा और आपको बोलना है, फिर एक बार ! ठीक है। गरीबों की सरकार...फिर एक बार। SC-ST-OBC की सरकार...फिर एक बार। युवा को अवसर देने वाली सरकार... फिर एक बार- मोदी सरकार ! महिलाओं को सुविधा देने वाली सरकार...फिर एक बार। फिशरमेन को समर्पित सरकार....फिर एक बार। टूरिज्म को बढ़ाने वाली सरकार...फिर एक बार। किसानों का कल्याण करने वाली सरकार..फिर एक बार। भारत को आधुनिक बनाने वाली सरकार, फिर एक बार।

भाइयों और बहनों,

मैं जब मंच पर आया,तो मैं तय नहीं कर पा रहा था कि चुनाव सभा है कि विजय सभा। आप का उमंग उत्साह देख करके लग रहा है कि जैसे आप विजय सभा organize किए है। भाइयों औऱ बहनों, गोवा, भारत भक्तों की भूमि है। हम भाई हेमंत सुमन जैसे सेनानियों को याद करते हैं, जिन्होंने यहां विदेशी सरकार के सेक्रेटेरिएट पर तिरंगा फहराया था। ये धरती जगन्नाथ राव जोशी जी जैसे सत्याग्रहियों की धरती है। गोवा के मंदिर जितने भव्य हैं, गोवा के चर्च भी उतने ही खूबसूरत हैं। एक भारत श्रेष्ठ भारत की बहुत ही सुंदर तस्वीर गोवा में दिखती है। और इसलिए पूरी दुनिया के लिए गोवा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। यहां आना एक सुखद अनुभव होता है।

भाइयों और बहनों,

चौबीस का ये चुनाव, दो धाराओं के बीच का चुनाव है। एक धारा NDA की है, जो देश के नागरिकों की Aspiration के लिए, काम करती है, जो धारा हर काम में पूर्णता को ले करके Saturation अप्रोच पर काम करती है। हमारे खिलाफ दूसरी धारा इंडी अलायंस की है, जो अपने स्वार्थ के लिए, अपने परिवार के लिए काम करती है। हमारी अप्रोच तुष्टिकरण की नहीं, हमारी अप्रोच संतुष्टिकरण की है। मुझे याद है, मैंने यहीं गोवा में पहली बार, भाजपा की इस सैचुरेशन अप्रोच पर विस्तार से बात की थी। सैचुरेशन अप्रोच यानि सबका साथ-सबका विकास। सैचुरेशन अप्रोच यानि बिना किसी भेदभाव, सभी को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। और हमारा गोवा तो इस सैचुरेशन अप्रोच का बेहतरीन मॉडल है। हमारे प्रमोद सावंत जी के नेतृत्व में, उनकी पूरी टीम ने सैचुरेशन अप्रोच को जिस प्रकार से जमीन पर उतारा है, यहां टॉयलेट कवरेज कितनी है- 100 परसेंट। यहां बिजली कवरेज कितनी है- 100 परसेंट। यहां एलपीजी कवरेज कितनी है- 100 परसेंट। यहां नल कनेक्शन कितने हैं- 100 परसेंट। औऱ यही तो सच्चा सेकुलरिज्म है। यही तो सच्चा सोशल जस्टिस है। इस Hundred percent गवर्नेंस की गारंटी से सबसे अधिक लाभ गरीब को हुआ है, हमारे किसान भाई बहन को हुआ है, हमारे मछुआरे भाई बहन को हुआ है, हमारी माताओं-बहनों को हुआ है।

साथियों,

पिछले 10 वर्षों में इतना सब कुछ काम हुआ है, लेकिन मोदी चैन से बैठता नही है। लोग परेशान हो जाते हैं, कि मोदी जी इतना दौड़ते क्यों हो? मोदी, मौज करने के लिए पैदा नहीं हुआ है। मोदी, मोदी दिन रात आपके सपनों को जीता है। आपके सपने ही मोदी के संकल्प हैं, और इसलिए मेरा पल-पल आपके नाम, मेरा पल-पल देश के नाम, 24 बाई सेवन फॉर 2047। इतने सारे काम हुए, अनगिनत काम मैं बता सकता हूँ, जीवन को कोई भी क्षेत्र उठा लिजिए, मैंने कुछ न कुछ अच्छा करने की कोशिश की होगी और पिछले 10 सालों में इतने सारे काम होने के बाद फिर भी मोदी दौडता है क्योंकि जो दस साल में मैंने किया है न इतना सारा किया है फिर भी मेरे हिसाब से तो ये ट्रेलर है, ये ट्रेलर है। अभी तो बहुत कुछ करना है, गोवा को, देश को बहुत आगे लेकर जाना है। और आप मोदी की गारंटी नोट करके रखिए। आने वाले साल में गरीबों के 3 करोड़ नए पक्के घर बनेंगे। और मेरी आपको एक रिक्वेस्ट है, मेरा एक काम करोगे, ऐसे नही, जरा तेज गति से बताओ। मेरा एक काम करोगे। देखिए चुनाव अभियान में आप घर-घर जाते होंगे, मोहल्ले में जाते होंगे, गांव में जाते होंगे। कहीं पर भी ऐसा परिवार ध्यान में आए कि जिसको अभी पक्का घर नहीं मिला है, हो सकता है गांव में पांच लोगों को मिल गया हो लेकिन एकाध छूट गया होगा, आप उनका नाम पता लिख लिजिए, मुझे भेज दिजिए, चार जून के बाद, नई सरकार बनने के बाद, मेरी तरफ से उनको कह देना, तीसरी बारी में उनका पक्का घर पक्का हो जाएगा। तो बता दोगे, औऱ ये मोदी की गारंटी है, उनको पक्का घर मिलेगा। और आप भी उसी विश्वास से कह देना कि आप का पक्का घर पक्का।

क्यों, मेरे लिए तो आप सब ही मोदी है। शहरों में जो हमारे मिडिल क्लास परिवार हैं, जो किराए पर रहते हैं, उनको मालिकी की मालिकन की हक वाला घर बनाने के लिए मदद दी जाएगी। ये मोदी की गारंटी, बता दीजिए। अभी तक हमने घर-घर सस्ते सिलेंडर का उज्ज्वला कनेक्शन पहुंचाया है। अब हम घर-घर पाइप से सस्ती गैस पहुंचाने के लिए तेज़ गति से काम करेंगे। अभी तक हमने करोड़ों गरीब परिवारों को 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज दिया है। अब हम गोवा के हर परिवार में जो बुजुर्ग हैं, सीनियर सिटीज़न हैं, जो सत्तर साल के ऊपर के हैं, और हम जानते हैं हमारे परिवारों में आजकल माता- पिता, दादा-दादी, नाना -नानी, बुजुर्ग को कोई न कोई बीमारी हो ही जाती है, सब कोई मोदी जैसे थोड़े ही होते हैं, कोई न कोई बीमारी हो जाती है औऱ जो घर में कमाने वाला बेटा होता है या बेटी होती है उसको अपने बच्चों को भी संभालना होता है, अपने बच्चे की भी चिंता करनी होती है औऱ ऊपर से माता पिता की बिमारी का खर्चा आ जाता है तो मध्यम वर्गीय परिवार को बहुत मुश्किल हो जाता है। तो आप घर घर जाकर बता दिजिए, उनसे फार्म भर दिजिए. सत्तर साल से ऊपर के कोई भी नागरिक होंगे अब उनका इलाज का खर्चा दिल्ली में जो आपका बेटा बैठा है न वो मोदी करेगा। ये मोदी की गारंटी है। तो आप जाकरके सबका फार्म भरवा देंगे सबका, हर एक का फार्म भरवा देंगे, हर एक का फार्म भरवा देंगे जो सत्तर साल से ऊपर के हैं। कर लेंगे? दूसरा उसमें जो 85 से ऊपर के होंगे,उनके लिए नियम हमने नया बनाया है उनको पोलिंग स्टेशन पर आने की जरूरत नहीं है वो अपने घर से वोट कर सकते हैं। जो दिव्यांग हैं वो अपने घर से वोट कर सकते हैं। औऱ इसके लिए मैं चाहूंगा कि सरकार के साथ मिल करके योजना बना करके, ऐसे लोगों का वोटिंग हो जाए।
साथियों, कहने का तात्पर्य ये है,कि मेरा गोवा का हर परिवार, हर फैमिली के पास इन सारी सुविधाओं के कारण पैसा बचेगा और वो अपने बच्चो के लिए खर्च कर पाएगें, उनकी बहुत बड़ी चिंता मोदी दूर कर देगा।

साथियों,

ये भाजपा सरकार है, आजादी के बाद पहली बार, अब आप मुझे बताइए, देश आजाद हुआ उसके पहले भी फिशरमैन थे, की नहीं थे? जरा जवाब दीजिए न, फिशरमैन थे की नहीं थे? राम के जमाने में भी मछुआरे थे कि नहीं थे? लेकिन देश आजाद होने के बाद, ये कांग्रेस सरकार वालों को कभी मछुआरों की याद नहीं आय़ी। ये मोदी है, जिसने आ करके फिशरीज सेक्टर का अलग मंत्रालय बनाया, अलग बजट बनाया। ताकि हमारे कोस्टल एरिया , हमारे मछुआरे भाई बहन, उनके जीवन में बदलाव आए। हमने मछुआरों को किसान क्रेडिट कार्ड दिया, हमने बोट्स को आधुनिक बनाने के लिए मदद दी। और अब भाजपा ने घोषणा की है कि फिशरमेन साथियों के लिए बीमा कवरेज को बढ़ाया जाएगा, insurance बढ़ाया जाएगा। बीजेपी सरकार फिशरमेन भाइ बहनों के लिए प्रोडक्शन और प्रोसेसिंग क्लस्टर भी बनाएगी। मछुआरों की आय बढ़ाने के लिए ऑर्गेनिक सी-वीड की खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।

साथियों,

आज पूरी दुनिया भारत को जानना चाहती है, भारत को देखना चाहती है, हमारी विरासत के प्रति आकर्षित है। और इसलिए इंडी गठबंधन के 10 साल में जितने विदेशी टूरिस्ट भारत आए थे, मोदी के आने के बाद पहले की तुलना में करीब दो करोड़ ज्यादा विदेशी टूरिस्ट पिछले 10 साल में भारत आए हैं। इंडी अलायंस के 10 साल की तुलना में विदेशी टूरिस्ट्स से मिलने वाला फॉरेन एक्सचेंज मोद के काल खंड में double हो गया, double। इसका सबसे ज्यादा लाभ गोवा को ही मिलता है। इसमें बीजेपी सरकार की ई- टूरिस्ट वीजा की बड़ी भूमिका रही है। इन सबका फायदा गोवा के आप सभी भाई बहनों को हो रहा है। ये भाजपा की ही सरकार है, जिसने कोरोना के समय में पूरे देश में, आपको याद होना चाहिए, जब हमें वैक्सीन देने की बात आयी तो मैंने कहा सबसे पहले गोवा को मौका देना चाहिए। औऱ हिन्दुस्तान में सबसे पहले पूरे राज्य का वैक्सीनेशन, सभी नागरिकों का वैक्सीनेशन गोवा में हुआ था, क्यों? इसके पीछे कारण था, पोलिटिकल आदमी क्या सोचता भाई जहां चालीस पचास पार्लियामेंट की सीटें पहले वहां काम करो,ये दो सीट वाले हैं अभी जल्दी क्या है। मोदी सीट का हिसाब नहीं लगाता है, चुनाव का लेखा जोखा नहीं लगाता है, मुझे मालूम था, गोवा में अगर वैक्सीनेशन का काम हो जाता है तो टूरिस्ट यहां आने में जरा भी झिझक नहीं करेगा, और मेरा गोवा का टूरिज्म तुरंत चालू हो जाएगा। दिल्ली में बैठ करके, गोवा की इतनी बारीकी से चिंता करने वाली इसके पहले कभी कोई सरकार नही आयी होगी,ये मैं आपको दावा से कह सकता हूँ।

साथियों,

भाजपा, गोवा को इंटरनेशनल कॉनफरेन्स का भी एक बड़ा केंद्र बनाने में जुटी है। आजकल कॉनफरेन्स टूरिज्म बड़ा महत्व का है। आपने देखा होगा, स्पोर्टस भी टूरिज्म का सेंटर बन रहा है, आपने देखा होगा हमने ब्रिक्स समिट गोवा में की थी, हमने G-20 की कितनी शानदार मीटिंग्स यहां आर्गनाइज की थी औऱ पूरी दुनिया में हमने गोवा की ब्राडिंग, मार्केटिंग का प्रयास किया। हमने ब्रिक्स देशों का फुटबाल कम्पीटिशन भी यही गोवा में किया। हमारी सरकार गोवा के इंफ्रास्ट्रक्चर पर बहुत काम कर रही है। गोवा के दोनों एयरपोर्ट्स से यहां टूरिज्म को औऱ आजकल मैं एक नया मिशन लेकर चला हूँ, वो भी गोवा के लिए ही है, मैं हर किसी को कहता हूँ ‘वेड इन इंडिया’। शादी करने के लिए दुनिया में जाकरके रूपए बरबाद करने क जरूरत नहीं है, मेरे देश में गोवा जैसी शानदार जगह है, शादियां यहां होनी चाहिए, और मेरा मूवमेंट है वेड इन इंडिया ताकि मेरे यहां के लोगों को रोजी रोटी मिले। जुआरी ब्रिज और वंदे भारत ट्रेन जैसी सुविधाएं, गोवा की कनेक्टिविटी को और सशक्त कर रही हैं। आयुष अस्पताल से, यहां वेलनेस को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ये हमारा गोवा फुटबॉल की धरती है। और इसलिए भारत में ओलंपिक हों, ये गोवा का कौन नौजवान नहीं चाहता है। मैं गोवा के खेल प्रेमियों को ये भी गारंटी देता हूं- भारत में ओलंपिक हो, आपका ये सपना भी हम जरूर पूरा करेंगे, ये मैं आपको वादा करता हूँ।

साथियों,

गोवा को विकास की नई ऊंचाई पर ले जाने के इन प्रयासों के बीच, कांग्रेस और उसके साथी हर तरफ देश में Negativity फैलाने में जुटी है। कांग्रेस, सिर्फ वोट बैंक के लिए एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना का, हमारे संविधान का अपमान कर रही है। इससे जुड़ा एक बड़ा खुलासा गोवा में कांग्रेस के कैंडिडेट ने भी किया है। इस खुलासे ने कांग्रेस की सच्चाई बता दी है, उसका हिडन एजेंडा बाहर लाए हैं कि देश का संविधान उसके लिए कोई मायने नहीं रखता।

साथियों,

ये वोटबैंक के लिए कांग्रेस की सोची-समझी साजिश है। और ये अकेली घटना नहीं है। देश को बांटने वाली बात कर्नाटका के कांग्रेस सांसद ने भी कही है। कांग्रेस की यही सोच है, जिसके कारण 70 साल तक जम्मू कश्मीर में आर्टिकल-370 बना रहा। जिसके कारण, देश सालों-साल तक आतंकवाद की आग में जलता रहा। आपके एक वोट ने, आर्टिकल-370 को जमीन के भीतर दफना दिया, दोस्तों। वो इतिहास के पन्नों पर जड़ गया। और मेरे मित्र, मनोहर पर्रिकर आज हमारे बीच होते, तो शायद ये खबर उनके लिए खुशी की खबर होती। लेकिन इंडी-गठबंधन आर्टिकल-370 को भी वापस लाने की बात कर रही है। मुझे बताइए, मेरे गोवा के भाई बहन, क्या आर्टिकल 370 वापस लाने देंगे क्या? कांग्रेस के मंसूबे पार होने देंगे क्या?

साथियों,

कांग्रेस, वोट बैंक के तुष्टिकरण के लिए खतरनाक खेल में जुटी है। कांग्रेस धर्म के आधार पर आरक्षण देना चाहती है। कांग्रेस SC/ST/OBC के हक में से एक हिस्सा अपने वोट-बैंक को देना चाहती है। कर्नाटका में इन्होंने ये काम शुरु भी कर दिया है।

साथियों,

आज पूरी दुनिया भारत के टूरिज्म सेक्टर में, हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में, एविएशन सेक्टर में, मैन्युफेक्चरिंग सेक्टर में इन्वेस्ट करना चाहती है। लेकिन कांग्रेस का प्लान, आपकी संपत्ति पर 55 परसेंट टैक्स लगाने का है। कांग्रेस के शहज़ादे की उनकी विदेश यात्राओं का राज खुल गया है। वहां से कांग्रेस के शहजादे एक एक्स-रे मशीन लाए हैं। और पब्लिकली बोलते हैं कि उनकी सरकार बनने के बाद देश का एक्स रे किया जाएगा। औऱ एक्स रे मशीन से कांग्रेस आपकी संपत्ति की जांच करके उसे अपने वोटबैंक में बांटना चाहती है। मान लीजिए, यहां किसी फिशरमेन के पास, दो बोट होगी, और वो बोट जीवन के अंतकाल में अपने बेटे को देना चाहता है तो नहीं दे पाएगा, कांग्रेस ऐसा कानून ला रही है कि उसमें से एक बोट सरकार जब्त कर लेगी, एक ही बोट अपने संतान को दे पाएगा। औऱ आप जानते हैं ना कांग्रेस का पसंदीदा वोटबैंक कौन है? इसलिए पूरा देश कांग्रेस पर इल्ज़ाम लगा रहा है, और मुखर हो कर बोल रहा है-कांग्रेस की लूट- ज़िंदगी के साथ भी और ज़िंदगी के बाद भी।

भाइयों और बहनों,

भाजपा ऐसे काम करती है, जिससे देश को खुशी मिले, हर नागरिक को खुशी मिले, आपको खुशी मिले। लेकिन कांग्रेस, ऐसे काम करती है, जिससे देश विरोधी ताकतों को खुशी होती है। आप देखिए, इन्होंने EVM को लेकर कितना झूठ बोला, भाई। आए दिन, चुनाव हार गए तो क्यों EVM, चुनाव हारना तय है तो क्यों EVM, जब चाहो तब EVM को गाली, जब चाहो EVM को गाली दो, हिन्दुस्तान के नागरिकों का EVM से विश्वास उठ जाए, उसके लिए जितनी कोशिश होती है उतनी की। इन्होंने भारत के लोकतंत्र के खिलाफ अविश्वास पैदा करने की कोशिश की। लोगों को भड़काने की कोशिश की। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कह दिया कि EVM सही है, EVM से होने वाला चुनाव सही है EVM के उपयोग से भारत का लोकतंत्र मजबूत भी हुआ है, भारत का लोकतंत्र आधुनिक भी हुआ है। अब मुझे बताइए, इतने सालों से कांग्रेस का झूठ चल रहा है, क्या कांग्रेस ने माफी मांगनी चाहिए या नहीं चाहिए? कांग्रेस ने देश से माफी मांगनी चाहिए या नहीं चाहिए? ये माफी नहीं मांगेगे। ये अंहकार में सातंवें आसमान पर पहुंचे हुए हैं। लेकिन मोदी को बदनाम करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।

साथियों,

7 मई को होने वाले चुनाव में आपको देश विरोधी हर ताकत को हराना है। आपका सपना पूरा करने में साउथ गोवा से बहन पल्लवी श्रीनिवास डेम्पो और नॉर्थ गोवा से मेरे पुराने साथी श्रीपद नाइक, ये दोनों, विजयी हो करके आएगें औऱ ये दिल्ली में मेरी बहुत मदद करेंगे। दिल्ली सरकार को बहुत मजबूती मिलेगी औऱ आपको आपके सपने पूरा करने के लिए एक बहुत अच्छे प्रतिनीधि मिलेंगे। औऱ इसलिए आज मैं आपसे आशिर्वाद मांगने के लिए आया हूँ। मैं आपसे वोट मांगने आय़ा हूँ। औऱ मेरे गोवा के भाईय़ों बहनों, आप जब कमल के निशान पर बटन दबाएगें न तो आपका वोट सीधा सीधा मोदी के खाते में जाएगा। तो आप घर घर जाएगें। घर घर जाएगें। ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं को वोट करवाएगें, सारे पुराने रिकार्ड तोडेंगे, भारी मतदान करेंगे। देखिए गोवा के साथ मेरा एक और रिश्ता है, आज मैं जो कुछ भी हूँ न, मेरे जीवन में हर टर्निंग प्वाइंट गोवा में ही हुआ है। मेरा प्रधानमंत्री बनने का, पार्टी का फैसला भी यहीं गोवा में हुआ था। तो गोवा में मेरा भाग्य लिखा जाता है। औऱ इसलिए मैं कहता हूँ, मुझे ऐसे दो मजबूत साथी पार्लियामेंट में चाहिए, आपके मुझे आशिर्वाद चाहिए औऱ पोलिंग बूथ जीतने का लक्ष्य लिजिए। अच्छा मेरी एक पर्सनल रिक्वेस्ट है, करोगे? जरा हाथ ऊपर करके बताइए, करोगे? देखिए, घर-घर जाइए और कहना मोदी जी आए थे, मोदी जी ने आपको नमस्कार भेजा है। मेरा नमस्कार पहुंचा देंगे? पहुंचा देंगे? मेरे साथ बोलिए, भारत माता की जय ! भारत माता की जय ! भारत माता की जय !
बहुत बहुत धन्यवाद

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!