QuoteEven small leaders of BJD have now become millionaires. BJD did not let you benefit from the resources of Odisha: PM Modi in Dhenkanal
QuoteBJD has given nothing to Odisha. Farmers, youth and Adivasis are still struggling for a better life: PM Modi in Dhenkanal

जय जगन्नाथ! जय जगन्नाथ! जय जगन्नाथ!

जय श्री राम! जय श्री राम! जय श्री राम!

एठी उपस्थिता भाई ओ भौणी मानंकु मोर नमस्कार…जुहार !

यहां मैंने देखा एक बिटिया बहुत बढ़िया चित्र बना कर लाई थी, साथ में राम मंदिर भी बनाया था, वो चित्र के पीछे आपने अपना नाम पता लिखा है। ये बच्ची भी कोई किताब लाई है, देना चाहती है, ले लीजिए भाई। वो कोई नौजवान हमारी मां का चित्र बनाकर लाए हैं। वो भी ले लीजिए। वो बच्ची एक किताब जैसा है उसके हाथ में ले लिया? आप सबने अपना अता-पता लिखा है। आप लोग इतना उत्साह उमंग के साथ इतनी मेहनत करके, अपनी भावनाएं प्रकट कर रहे हैं। मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। ये कोई बुजुर्ग आदमी को भी मन कर गया, लेकर आ रहे हैं, उनसे भी ले लीजिए। हमारा ओडिशा कला का धाम है। हर परिवार में कला है। इतनी बढ़िया बढ़िया चीजें बना कर लाते हैं सब, लेकिन इसके साथ आप अपना प्यार भी लेकर आते हैं। आप अपनी शुभकामनाएं लेकर आते हैं और वही मेरी सबसे बड़ी ऊर्जा है वही मेरी सबसे बड़ी ताकत है।

साथियों,

महिमा गोसाईं और भीमा भोई की स्मृति को मैं नमन करता हूँ। मैंने अपने जीवन का लंबा समय पार्टी के और संगठन के कार्य के लिए खपाया है। और मैं संगठन की बारिकियों को बहुत भली भांति जानता हूं। अगर मुझे गुजरात में कोई कहे की बहुत बड़े लीडर ने वाले हैं। सुबह 10-11 बजे रैली करो, तो मैं हाथ जोड़कर कहता था कि नहीं जी 10.30-11.00 बजे कौन आएगा? ये संभव नहीं है आप 2 बजे के बाद का टाइम दे दो। बड़ा मुश्किल होता था। सुबह 10 बजे ये भीड़ ये जनसैलाब, पीछे पूरा स्टेडियम भरा पड़ा है। ये अद्भुत दृश्य है और ये तो 10.30 बजे हैं। मैं जब सुबह 7 बजे पुरी में भगवान जगन्नाथ जी के चरणों में वंदन करने के लिए गया था। भगवान जगन्नाथ जी के यहां आशीर्वाद लेने गया था। सुबह 7 बजे पुरी के रास्तों पर हजारों लोगों की भीड़ और मैं अभी सीधे पुरी से आ रहा हूं। थोड़ी देर पहले मुझे महाप्रभु जगन्नाथ जी के दर्शन और पूजा अर्चना का सौभाग्य मिला है। और जगन्नाथ जी ऐसे हैं हर किसी की आशा पूरी करते हैं, तभी तो वो पुरी है। मैंने ओडिशा और देश की सुख और समृद्धि के लिए महाप्रभु जगन्नाथ जी से आशीर्वाद मांगा है।

भाइयों और बहनों,

आज देश में 5वें चरण का मतदान भी हो रहा है। बड़ी संख्या में वोटर पोलिंग बूथ पर पहुंचकर अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। मैं सभी मतदाताओं से और विशेषकर फर्स्ट टाइम वोटर्स से आग्रह करूंगा कि वे अपना वोट जरूर डालें।

साथियों,

जिनको अभी भी मन में दुविधा है गर्मी है, जाऊं ना जाऊं। वो जरा इस सभा में मैं एक नौजवान को देख रहा हूं और मैं देख रहा हूं वो व्हील चेयर पर है। ये इससे बड़ा इंस्परेशन क्या हो सकता है। एक जागरूक नागरिक अपनी असुविधा, अपनी कठिनाई की परवाह किए बिना राष्ट्र के लिए क्या करना चाहिए, इसलिए यहां आकर के मौजूद है, मतदाताओं के लिए यही प्रेरणा है। मैं आपका बहुत आभारी हूं दोस्त।

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साथियों,

चुनाव के इस समय में दुनिया के कई एक्सपर्ट देशभर में घूम रहे हैं। इस तरफ जो चित्र लाए हैं, वो ले लीजिए, किसी को निराश मत कीजिए, ये लोग देने के लिए आए हैं। कुछ लेने के लिए नहीं आए हैं। इधर एक बच्ची है उसको आगे आने दीजिए। बहुत प्यारी छोटी सी गुड़िया देखिए, वो चित्र लेकर आई है। उस बच्ची को आगे आने दीजिए, शाबास बेटा। बेटा तुम्हारा चेहरा नहीं दिखाई देता है मुझे, इस बेटी का चेहरा मुझे देखना है। शाबास बेटा। देखिए 2047 में विकसित भारत होगा ना तो ये शान से देश को चलाते होंगे।

साथियों,

चुनाव के इस समय में दुनिया के कई एक्सपर्ट देश के कोने-कोने में जा रहे हैं। वहां के हालात का जायजा ले रहे हैं। लोकतंत्र से इस उत्सव को इंज्वाय कर रहे हैं। वो भारत के मतदाताओं की नब्ज टटोल रहे हैं। हर कोई हैरान है..हर कोई चकित है...ये जनसमर्थन...जनता जनार्दन का ये आशीर्वाद....हर कोई मोदी सरकार को तीसरी बार वापस लाना चाहता है। इसमें भी हमारी माताओं-बहनों का, हमारे नौजवानों का उत्साह बहुत अधिक है। ओडिशा में तो ये मैं सामने देख रहा हूं। यहां एक ही नारा गूंज रहा है-ओडिशा के गांव-गांव गली-गली एक ही नारा गूंज रहा है। ओडिशा में पहली बार...डबल इंजन सरकार! उड़ीसा रे प्रथम थर हेब...डबल इंजीन सरकार l उड़ीसा रे प्रथम थर हेब...डबल इंजीन सरकार l

साथियों,

आपने BJD सरकार पर 25 साल भरोसा किया है...आज पूरा ओडिशा ये आत्ममंथन कर रहा है कि इन 25 वर्षों में उसे क्या मिला। आज भी यहां किसान परेशान हैं...आज भी नौजवान छोटे-छोटे काम के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं। हद तो ये है...कि आदिवासी क्षेत्र जहां जल-जंगल-जमीन है, खनिज संपदा है, वहां सबसे ज्यादा बेहाली है। और इन्ही इलाकों से सबसे ज्यादा पलायन होता है। क्यों भई? इतने समृद्ध ओडिशा की जनता इतनी गरीबी में जीने के लिए मजबूर क्यों है? ये काले शर्ट वाली बच्ची है ना वो कब से किताब लेकर खड़ी है। जरा ले लीजिए उससे, बेटा आगे आ जाइए, यहां आना संभव नहीं है बेटा। अब मैं अपनी बात करूं आगे। आप इतना प्यार बरसाते हैं कि मेरी बोलती बंद हो जाती है।

साथियों,

मैं गुजरात से आया हूं, सोमनाथ की धरती से आया हूं, जगन्नाथ को प्रणाम करने आया हूं। लेकिन मैं ओडिशा में जो गरीबी देखता हूं। मेरे दिल में बहुत बड़ा दर्द होता है। कितना समृद्ध प्रदेश इतनी महान विरासत ये मेरे ओडिशा को किसने तबाह कर दिया। किसने बर्बाद कर दिया, किसने इसके नौजवानों के सपनों को कुचल डाला। एक-एक बात मुझे बहुत दर्द करती है। बहुत पीड़ा करती है। और मैं देखता हूं कि उसकी वजह क्या है। इसकी वजह है, BJD सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचारियों के कब्जे से घिरी हुई है। मुट्ठी भर भ्रष्टाचारी मुख्यमंत्री आवास को, मुख्यमंत्री कार्यालय को कब्जा करके बैठ गए हैं। BJD के छोटे-छोटे नेता भी करोड़ों के मालिक बन गए हैं।

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भाइयों और बहनों,

ओडिशा की BJD सरकार ने, यहां की खनिज संपदा का लाभ आपको नहीं मिलने दिया। 2014 में जब से आपने सेवा करने का अवसर दिया, हमने नई खनन नीति बनाई। इसके तहत ओडिशा को ज्यादा रॉयल्टी मिलती है। मोदी ने डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड बनाया...ताकि यहां से निकलने वाले हर खनिज का एक हिस्सा यहीं के विकास में लगे। यहां रहने वाले लोगों को लाभ हो। आप अंदाजा लगा सकते हैं..हमने ओडिशा को कितने रुपए DMF के दिए? डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड..कितने रुपये दिए हैं। डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड के तहत करीब-करीब 26 हजार करोड़ रुपए...ये पैसे ढेंकनाल में बच्चों के स्कूल के लिए, गांवों की सड़कों के लिए खर्च होने थे। लेकिन इसमें भी BJD के लोगों ने भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार फैलाया।

साथियों,

BJD के राज में न तो ओडिशा की संपदा सुरक्षित है...और न ही ओडिशा की सांस्कृतिक धरोहर सुरक्षित है। ये तो पद्म सम्मान से पुरस्कृत अंतर्यामी मिश्रा जी की धरती है। जिन्होंने जगन्नाथ संस्कृति को लेकर इतना काम किया है। लेकिन BJD सरकार में जगन्नाथ जी का मंदिर भी सुरक्षित नहीं बचा है। पिछले 6 साल से श्री रत्न भंडार की चाबी का अता-पता नहीं है। मैं जरा आप सब से पूछना चाहता हूं। पूरे देश की श्रद्धा, सदियों से जो पूजा होती है। जिसका मालिक स्वंय भगवान जगन्नाथ है। अरे हमारे घर की चाबी खो जाए तो हम मन्नत करके हैं, महाप्रभु जगन्नाथ जी हमारे घर की चाबी खो गई है, कुछ मदद करो और महाप्रभु जगन्नाथ जी के आशीर्वाद से घर की चाबी भी घंटे-दो घंटे में मिल जाती है। 6 साल हो गए रत्न भंडार की चाबी खो गई है। इसके पीछे का बहुत बड़ा राज BJD सरकार और मुख्यमंत्री को घेरा डाल करके जो लोगों ने कब्जा किया हुआ है ना, वो सीधे-सीधे जिम्मेवार हैं। पूरा ओडिशा जानना चाहता है...कि जो जांच हुई थी, उसकी रिपोर्ट में ऐसा क्या है कि BJD ने वो रिपोर्ट ही दबा दी? BJD की खामोशी से लोगों का शक गहरा रहा है। मैं आज ओडिशा के लोगों को भरोसा देता हूं...ओडिशा में भाजपा सरकार बनते ही दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा। भाजपा सरकार जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करेगी। और महाप्रभु जगन्नाथ जी की हमारी सबसे बड़ी सेवा उसी से शुरू हो जाएगी।

साथियों,

ये बहुत गंभीर घटना है। जिसमें ओडिशा की धरोहरों को लेकर संवेदनशीलता नहीं है...वो धरोहरों का संरक्षण भी नहीं कर सकता। ओडिशा का तेज विकास तो ओडिशा की मिट्टी की संतान ही कर पाएगी। और इसलिए मोदी ने आपको गारंटी दी है। आप यहां भाजपा की सरकार बनाइए...भाजपा, ओडिशा के बेटे या बेटी को ही ओडिशा का मुख्यमंत्री बनाएगी। और आपको पता है ना शपथग्रहण की तारीख? मैं यहां आपको निमंत्रण देने आया हूं, 10 जून...10 जून को ओडिशा में डबल इंजन सरकार का शपथ ग्रहण कार्यक्रम होगा। ये सरकार का जाना तय है।

भाइयों और बहनों,

21वीं सदी के ओडिशा को विकास की जो रफ्तार चाहिए...वो BJD सरकार नहीं दे सकती। इस शताब्दी का अब तक का पूरा हिस्सा आप BJD को मौका दे चुके हैं। अब समय आ गया है कि आप BJD की ढीली-ढाली नीतियां, ढीले-ढाले काम को छोड़कर, Slow रफ्तार को छोड़कर, भाजपा की तेज रफ्तार सरकार चुनें। आप भी देख रहे हैं...पिछले 25 वर्षों से ओडिशा में सिंचाई के अनेक प्रोजेक्ट अटके, लटके और भटके हुए हैं। रेंगाली सिंचाई परियोजना...80 के दशक से बन रही है। आज तक नहरें नहीं बन पाईं। एक और प्रोजेक्ट स्वर्णरेखा सिंचाई परियोजना है। इस पर 1970 से प्लानिंग चल रही थी। आपने मोदी को अवसर दिया...तो इसको हम पीएम कृषि सिंचाई योजना के दायरे में लाए। ओडिशा में ऐसे 8 बड़े सिंचाई प्रोजेक्ट्स थे, जो कई-कई दशकों से लटके हुए थे। इनमें से 5 को तेज रफ्तार मोदी सरकार पूरा कर चुकी है। लेकिन BJD सरकार के ज्यादातर प्रोजेक्ट आज भी अधूरे ही हैं।

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साथियों,

ओडिशा के धान किसानों के साथ भी यहां बरसों से विश्वासघात हो रहा है। यहां किसान साल में एक फसल मुश्किल से ले पाता है। वो मेहनत करता है...धान उगाता है...लेकिन 2200 रुपए का घोषित MSP तक उसे नहीं मिल पाता। BJD के नेता, धान किसानों को मंडी में लूटते हैं। इसलिए भाजपा ने गारंटी दी है...आप मेरा एक काम करेंगे, जरा हाथ ऊपर कर बताइए, आप मेरा एक काम करेंगे। जरा जोर से बताइए करेंगे, आप हर किसान को मेरी तरफ से मिलिए और किसान को मेरी एक बात जरूर बताइए, उनको कहिए कि आज तक आपकी जो लूट हुई है। मोदी ने गारंटी दी है कि जब यहां बीजेपी की सरकार बनेगी, तो छत्तीसगढ़ की ही तरह ओडिशा में भी धान का MSP 2200 नहीं, 3100 रुपए क्विंटल होगा। यहां 3100 रुपए क्विंटल वाली बात हर किसान तक पहुंचाएंगे। ये मोदी की गारंटी पहुंचा देंगे। इतना ही नहीं 48 घंटे में यानि दो दिन के भीतर-भीतर धान का पैसा खाते में होगा। उन किसानों को बता दीजिए, अभी तौलने के बहाने जो कटनी-छटनी होती है...जो किसानों को लूटती है। उससे किसान को मुक्ति दिलाने के लिए मंडियों में इलेक्ट्रिक मशीन भी लगाई जाएगी।

साथियों,

BJD सरकार का पहली बार इस तरह कच्चा चिट्ठा पूरे देश के सामने आ रहा है। आदिवासी हितों को लेकर भी यहां की सरकार पूरी तरह बेपरवाह है। आप भी जानते हैं...मोदी सरकार, ने आदिवासी परिवारों के लिए वनधन योजना बनाई। इनके माध्यम से वन उत्पादों की खरीद MSP पर होती है। देशभर में साढ़े 3 हजार से अधिक वन धन केंद्र हैं। यहां ओडिशा में भी पौने 200 वन धन केंद्र खुले हैं। इनमें 80 से ज्यादा वन उत्पादों की खरीद MSP पर होती है। लेकिन BJD सरकार क्या करती है? वो वन उपज पर आपको सही MSP तक नहीं देती। 25 साल हो गए, नवीन बाबू की सरकार आदिवासियों के लिए यहां पेसा कानून तक लागू नहीं कर पाई। इससे आदिवासी परिवारों के भूमि अधिकार से जुड़ी अनेक समस्याएं ज्यों की त्यों हैं।

भाइयों और बहनों,

ओडिशा में BJD सरकार की वजह से हमारी माताओं-बहनों का घर चलाना बहुत मुश्किल हो गया है। अब देखिए...मोदी दिल्ली से आपको मुफ्त चावल देने के लिए पैसा भेजता है। लेकिन BJD के लोग, यहां उसमें अपनी फोटो लगाते हैं और आपके हिस्से का चावल बाहर बेच देते हैं। इसलिए ओडिशा की महिलाओं के लिए भाजपा ने एक बहुत बड़ी योजना बनाई है। भाजपा की सुभद्रा योजना...ओडिशा की हर बहन को बहुत मदद करने वाली है। मोदी आपके घर का बिजली बिल जीरो करने के लिए भी काम कर रहा है। पीएम सूर्यघर- मुफ्त बिजली योजना का तेजी से विस्तार हो रहा है। आप अपने घर पर सोलर पैनल लगाएं इसके लिए मोदी सरकार आपको 75 हजार रुपए से ज्यादा दे रही है। इससे बनी 300 यूनिट तक बिजली आप मुफ्त इस्तेमाल करेंगे और बाकी बिजली बेचकर आपकी कमाई भी होगी।

साथियों,

ओडिशा में डबल इंजन की सरकार के लिए भाजपा के उम्मीदवारों को MLA चुनकर भुवनेश्वर भेजिए। और साथ ही ढेंकनाल से मेरे बहुत पुराने मित्र, सबको आश्चर्य होगा। 40 वर्ष से भी पुरानी हमारी दोस्ती है। ऐसे रुद्र नारायण पाणि जी, 40 साल से मेरा नाता है इनसे और संबलपुर से धर्मेंद्र प्रधान को रिकॉर्ड वोटों से जिताकर दिल्ली भेजिए। यहां कुछ बहनें आशीर्वाद लेकर आई है, एक बच्ची चित्र लेकर आई है। जरा एसपीजी के लोग इसको कलेक्ट कर लीजिए। मैं आपका बहुत आभारी हूं, आप कब से प्रतिक्षा कर रही हैं। मेरी टीम ले लेगी मुझे पहुंच जाएगा, मैं आपके आशीर्वाद के लिए आभारी हूं। इधर भी देखिए एक नौजवान है, वो भी कुछ लेकर आए हैं। जरा इस तरफ भी कलेक्ट कर लीजिए। आपके प्यार का मेरे लिए बहुत मूल्य है जी। मैं आपको निराश नहीं कर सकता हूं। जो जो लोग रात रात चित्र बनाते हैं, या लेकर आते हैं , मेरे दिल को छू जाता है। मैं हृदय से बहुत आभारी हूं। और जिनतक मेरी बात पहुंचती नहीं है उनसे भी क्षमा मांगता हूं, क्योंकि सभा में मेरे लिए ये संभव नहीं होता है कि सबकी तरफ मेरा ध्यान जाए। बहुत से लोग बहुत मेहनत करके आए होंगे और बहुत सी चीजें छूट जाती होंगी। मेरा एक काम करेंगे आपलोग। क्यों ढीले पड़ गए, जरा हाथ ऊपर करके बताइए मेरा एक काम करेंगे। मेरा एक काम करेंगे। आप घर-घर जाइएगा और कहिएगा कि मोदी जी आए थे और मोदी जी ने परिवार में सबको नमस्कार कहा है, जुहार कहा है। मेरा नमस्कार पहुंचा देंगे, मेरा जुहार पहुंचा देंगे।

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भारत माता की जय

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Today, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM Modi in TV9 Summit
March 28, 2025
QuoteToday, the world's eyes are on India: PM
QuoteIndia's youth is rapidly becoming skilled and driving innovation forward: PM
Quote"India First" has become the mantra of India's foreign policy: PM
QuoteToday, India is not just participating in the world order but also contributing to shaping and securing the future: PM
QuoteIndia has given Priority to humanity over monopoly: PM
QuoteToday, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM

श्रीमान रामेश्वर गारु जी, रामू जी, बरुन दास जी, TV9 की पूरी टीम, मैं आपके नेटवर्क के सभी दर्शकों का, यहां उपस्थित सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूं, इस समिट के लिए बधाई देता हूं।

TV9 नेटवर्क का विशाल रीजनल ऑडियंस है। और अब तो TV9 का एक ग्लोबल ऑडियंस भी तैयार हो रहा है। इस समिट में अनेक देशों से इंडियन डायस्पोरा के लोग विशेष तौर पर लाइव जुड़े हुए हैं। कई देशों के लोगों को मैं यहां से देख भी रहा हूं, वे लोग वहां से वेव कर रहे हैं, हो सकता है, मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं यहां नीचे स्क्रीन पर हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठे हुए सब दर्शकों को भी उतने ही उत्साह, उमंग से देख रहा हूं, मेरी तरफ से उनका भी स्वागत है।

साथियों,

आज विश्व की दृष्टि भारत पर है, हमारे देश पर है। दुनिया में आप किसी भी देश में जाएं, वहां के लोग भारत को लेकर एक नई जिज्ञासा से भरे हुए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो देश 70 साल में ग्यारहवें नंबर की इकोनॉमी बना, वो महज 7-8 साल में पांचवे नंबर की इकोनॉमी बन गया? अभी IMF के नए आंकड़े सामने आए हैं। वो आंकड़े कहते हैं कि भारत, दुनिया की एकमात्र मेजर इकोनॉमी है, जिसने 10 वर्षों में अपने GDP को डबल किया है। बीते दशक में भारत ने दो लाख करोड़ डॉलर, अपनी इकोनॉमी में जोड़े हैं। GDP का डबल होना सिर्फ आंकड़ों का बदलना मात्र नहीं है। इसका impact देखिए, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, और ये 25 करोड़ लोग एक नियो मिडिल क्लास का हिस्सा बने हैं। ये नियो मिडिल क्लास, एक प्रकार से नई ज़िंदगी शुरु कर रहा है। ये नए सपनों के साथ आगे बढ़ रहा है, हमारी इकोनॉमी में कंट्रीब्यूट कर रहा है, और उसको वाइब्रेंट बना रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी हमारे भारत में है। ये युवा, तेज़ी से स्किल्ड हो रहा है, इनोवेशन को गति दे रहा है। और इन सबके बीच, भारत की फॉरेन पॉलिसी का मंत्र बन गया है- India First, एक जमाने में भारत की पॉलिसी थी, सबसे समान रूप से दूरी बनाकर चलो, Equi-Distance की पॉलिसी, आज के भारत की पॉलिसी है, सबके समान रूप से करीब होकर चलो, Equi-Closeness की पॉलिसी। दुनिया के देश भारत की ओपिनियन को, भारत के इनोवेशन को, भारत के एफर्ट्स को, जैसा महत्व आज दे रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आज दुनिया की नजर भारत पर है, आज दुनिया जानना चाहती है, What India Thinks Today.

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साथियों,

भारत आज, वर्ल्ड ऑर्डर में सिर्फ पार्टिसिपेट ही नहीं कर रहा, बल्कि फ्यूचर को शेप और सेक्योर करने में योगदान दे रहा है। दुनिया ने ये कोरोना काल में अच्छे से अनुभव किया है। दुनिया को लगता था कि हर भारतीय तक वैक्सीन पहुंचने में ही, कई-कई साल लग जाएंगे। लेकिन भारत ने हर आशंका को गलत साबित किया। हमने अपनी वैक्सीन बनाई, हमने अपने नागरिकों का तेज़ी से वैक्सीनेशन कराया, और दुनिया के 150 से अधिक देशों तक दवाएं और वैक्सीन्स भी पहुंचाईं। आज दुनिया, और जब दुनिया संकट में थी, तब भारत की ये भावना दुनिया के कोने-कोने तक पहुंची कि हमारे संस्कार क्या हैं, हमारा तौर-तरीका क्या है।

साथियों,

अतीत में दुनिया ने देखा है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब भी कोई वैश्विक संगठन बना, उसमें कुछ देशों की ही मोनोपोली रही। भारत ने मोनोपोली नहीं बल्कि मानवता को सर्वोपरि रखा। भारत ने, 21वीं सदी के ग्लोबल इंस्टीट्यूशन्स के गठन का रास्ता बनाया, और हमने ये ध्यान रखा कि सबकी भागीदारी हो, सबका योगदान हो। जैसे प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती है। देश कोई भी हो, इन आपदाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान होता है। आज ही म्यांमार में जो भूकंप आया है, आप टीवी पर देखें तो बहुत बड़ी-बड़ी इमारतें ध्वस्त हो रही हैं, ब्रिज टूट रहे हैं। और इसलिए भारत ने Coalition for Disaster Resilient Infrastructure - CDRI नाम से एक वैश्विक नया संगठन बनाने की पहल की। ये सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार करने का संकल्प है। भारत का प्रयास है, प्राकृतिक आपदा से, पुल, सड़कें, बिल्डिंग्स, पावर ग्रिड, ऐसा हर इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षित रहे, सुरक्षित निर्माण हो।

साथियों,

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हर देश का मिलकर काम करना बहुत जरूरी है। ऐसी ही एक चुनौती है, हमारे एनर्जी रिसोर्सेस की। इसलिए पूरी दुनिया की चिंता करते हुए भारत ने International Solar Alliance (ISA) का समाधान दिया है। ताकि छोटे से छोटा देश भी सस्टेनबल एनर्जी का लाभ उठा सके। इससे क्लाइमेट पर तो पॉजिटिव असर होगा ही, ये ग्लोबल साउथ के देशों की एनर्जी नीड्स को भी सिक्योर करेगा। और आप सबको ये जानकर गर्व होगा कि भारत के इस प्रयास के साथ, आज दुनिया के सौ से अधिक देश जुड़ चुके हैं।

साथियों,

बीते कुछ समय से दुनिया, ग्लोबल ट्रेड में असंतुलन और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी challenges का सामना कर रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भी भारत ने दुनिया के साथ मिलकर नए प्रयास शुरु किए हैं। India–Middle East–Europe Economic Corridor (IMEC), ऐसा ही एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। ये प्रोजेक्ट, कॉमर्स और कनेक्टिविटी के माध्यम से एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट को जोड़ेगा। इससे आर्थिक संभावनाएं तो बढ़ेंगी ही, दुनिया को अल्टरनेटिव ट्रेड रूट्स भी मिलेंगे। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन भी और मजबूत होगी।

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साथियों,

ग्लोबल सिस्टम्स को, अधिक पार्टिसिपेटिव, अधिक डेमोक्रेटिक बनाने के लिए भी भारत ने अनेक कदम उठाए हैं। और यहीं, यहीं पर ही भारत मंडपम में जी-20 समिट हुई थी। उसमें अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाया गया है। ये बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम था। इसकी मांग लंबे समय से हो रही थी, जो भारत की प्रेसीडेंसी में पूरी हुई। आज ग्लोबल डिसीजन मेकिंग इंस्टीट्यूशन्स में भारत, ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज़ बन रहा है। International Yoga Day, WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क, ऐसे कितने ही क्षेत्रों में भारत के प्रयासों ने नए वर्ल्ड ऑर्डर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, और ये तो अभी शुरूआत है, ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत का सामर्थ्य नई ऊंचाई की तरफ बढ़ रहा है।

साथियों,

21वीं सदी के 25 साल बीत चुके हैं। इन 25 सालों में 11 साल हमारी सरकार ने देश की सेवा की है। और जब हम What India Thinks Today उससे जुड़ा सवाल उठाते हैं, तो हमें ये भी देखना होगा कि Past में क्या सवाल थे, क्या जवाब थे। इससे TV9 के विशाल दर्शक समूह को भी अंदाजा होगा कि कैसे हम, निर्भरता से आत्मनिर्भरता तक, Aspirations से Achievement तक, Desperation से Development तक पहुंचे हैं। आप याद करिए, एक दशक पहले, गांव में जब टॉयलेट का सवाल आता था, तो माताओं-बहनों के पास रात ढलने के बाद और भोर होने से पहले का ही जवाब होता था। आज उसी सवाल का जवाब स्वच्छ भारत मिशन से मिलता है। 2013 में जब कोई इलाज की बात करता था, तो महंगे इलाज की चर्चा होती थी। आज उसी सवाल का समाधान आयुष्मान भारत में नजर आता है। 2013 में किसी गरीब की रसोई की बात होती थी, तो धुएं की तस्वीर सामने आती थी। आज उसी समस्या का समाधान उज्ज्वला योजना में दिखता है। 2013 में महिलाओं से बैंक खाते के बारे में पूछा जाता था, तो वो चुप्पी साध लेती थीं। आज जनधन योजना के कारण, 30 करोड़ से ज्यादा बहनों का अपना बैंक अकाउंट है। 2013 में पीने के पानी के लिए कुएं और तालाबों तक जाने की मजबूरी थी। आज उसी मजबूरी का हल हर घर नल से जल योजना में मिल रहा है। यानि सिर्फ दशक नहीं बदला, बल्कि लोगों की ज़िंदगी बदली है। और दुनिया भी इस बात को नोट कर रही है, भारत के डेवलपमेंट मॉडल को स्वीकार रही है। आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है।

साथियों,

जब कोई देश, अपने नागरिकों की सुविधा और समय को महत्व देता है, तब उस देश का समय भी बदलता है। यही आज हम भारत में अनुभव कर रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। पहले पासपोर्ट बनवाना कितना बड़ा काम था, ये आप जानते हैं। लंबी वेटिंग, बहुत सारे कॉम्प्लेक्स डॉक्यूमेंटेशन का प्रोसेस, अक्सर राज्यों की राजधानी में ही पासपोर्ट केंद्र होते थे, छोटे शहरों के लोगों को पासपोर्ट बनवाना होता था, तो वो एक-दो दिन कहीं ठहरने का इंतजाम करके चलते थे, अब वो हालात पूरी तरह बदल गया है, एक आंकड़े पर आप ध्यान दीजिए, पहले देश में सिर्फ 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे, आज इनकी संख्या 550 से ज्यादा हो गई है। पहले पासपोर्ट बनवाने में, और मैं 2013 के पहले की बात कर रहा हूं, मैं पिछले शताब्दी की बात नहीं कर रहा हूं, पासपोर्ट बनवाने में जो वेटिंग टाइम 50 दिन तक होता था, वो अब 5-6 दिन तक सिमट गया है।

साथियों,

ऐसा ही ट्रांसफॉर्मेशन हमने बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी देखा है। हमारे देश में 50-60 साल पहले बैंकों का नेशनलाइजेशन किया गया, ये कहकर कि इससे लोगों को बैंकिंग सुविधा सुलभ होगी। इस दावे की सच्चाई हम जानते हैं। हालत ये थी कि लाखों गांवों में बैंकिंग की कोई सुविधा ही नहीं थी। हमने इस स्थिति को भी बदला है। ऑनलाइन बैंकिंग तो हर घर में पहुंचाई है, आज देश के हर 5 किलोमीटर के दायरे में कोई न कोई बैंकिंग टच प्वाइंट जरूर है। और हमने सिर्फ बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का ही दायरा नहीं बढ़ाया, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को भी मजबूत किया। आज बैंकों का NPA बहुत कम हो गया है। आज बैंकों का प्रॉफिट, एक लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए के नए रिकॉर्ड को पार कर चुका है। और इतना ही नहीं, जिन लोगों ने जनता को लूटा है, उनको भी अब लूटा हुआ धन लौटाना पड़ रहा है। जिस ED को दिन-रात गालियां दी जा रही है, ED ने 22 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक वसूले हैं। ये पैसा, कानूनी तरीके से उन पीड़ितों तक वापिस पहुंचाया जा रहा है, जिनसे ये पैसा लूटा गया था।

साथियों,

Efficiency से गवर्नमेंट Effective होती है। कम समय में ज्यादा काम हो, कम रिसोर्सेज़ में अधिक काम हो, फिजूलखर्ची ना हो, रेड टेप के बजाय रेड कार्पेट पर बल हो, जब कोई सरकार ये करती है, तो समझिए कि वो देश के संसाधनों को रिस्पेक्ट दे रही है। और पिछले 11 साल से ये हमारी सरकार की बड़ी प्राथमिकता रहा है। मैं कुछ उदाहरणों के साथ अपनी बात बताऊंगा।

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साथियों,

अतीत में हमने देखा है कि सरकारें कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिनिस्ट्रीज में accommodate करने की कोशिश करती थीं। लेकिन हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही कई मंत्रालयों का विलय कर दिया। आप सोचिए, Urban Development अलग मंत्रालय था और Housing and Urban Poverty Alleviation अलग मंत्रालय था, हमने दोनों को मर्ज करके Housing and Urban Affairs मंत्रालय बना दिया। इसी तरह, मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज़ अफेयर्स अलग था, विदेश मंत्रालय अलग था, हमने इन दोनों को भी एक साथ जोड़ दिया, पहले जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय अलग था, और पेयजल मंत्रालय अलग था, हमने इन्हें भी जोड़कर जलशक्ति मंत्रालय बना दिया। हमने राजनीतिक मजबूरी के बजाय, देश की priorities और देश के resources को आगे रखा।

साथियों,

हमारी सरकार ने रूल्स और रेगुलेशन्स को भी कम किया, उन्हें आसान बनाया। करीब 1500 ऐसे कानून थे, जो समय के साथ अपना महत्व खो चुके थे। उनको हमारी सरकार ने खत्म किया। करीब 40 हज़ार, compliances को हटाया गया। ऐसे कदमों से दो फायदे हुए, एक तो जनता को harassment से मुक्ति मिली, और दूसरा, सरकारी मशीनरी की एनर्जी भी बची। एक और Example GST का है। 30 से ज्यादा टैक्सेज़ को मिलाकर एक टैक्स बना दिया गया है। इसको process के, documentation के हिसाब से देखें तो कितनी बड़ी बचत हुई है।

साथियों,

सरकारी खरीद में पहले कितनी फिजूलखर्ची होती थी, कितना करप्शन होता था, ये मीडिया के आप लोग आए दिन रिपोर्ट करते थे। हमने, GeM यानि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म बनाया। अब सरकारी डिपार्टमेंट, इस प्लेटफॉर्म पर अपनी जरूरतें बताते हैं, इसी पर वेंडर बोली लगाते हैं और फिर ऑर्डर दिया जाता है। इसके कारण, भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हुई है, और सरकार को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत भी हुई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर- DBT की जो व्यवस्था भारत ने बनाई है, उसकी तो दुनिया में चर्चा है। DBT की वजह से टैक्स पेयर्स के 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा, गलत हाथों में जाने से बचे हैं। 10 करोड़ से ज्यादा फर्ज़ी लाभार्थी, जिनका जन्म भी नहीं हुआ था, जो सरकारी योजनाओं का फायदा ले रहे थे, ऐसे फर्जी नामों को भी हमने कागजों से हटाया है।

साथियों,

 

हमारी सरकार टैक्स की पाई-पाई का ईमानदारी से उपयोग करती है, और टैक्सपेयर का भी सम्मान करती है, सरकार ने टैक्स सिस्टम को टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाया है। आज ITR फाइलिंग का प्रोसेस पहले से कहीं ज्यादा सरल और तेज़ है। पहले सीए की मदद के बिना, ITR फाइल करना मुश्किल होता था। आज आप कुछ ही समय के भीतर खुद ही ऑनलाइन ITR फाइल कर पा रहे हैं। और रिटर्न फाइल करने के कुछ ही दिनों में रिफंड आपके अकाउंट में भी आ जाता है। फेसलेस असेसमेंट स्कीम भी टैक्सपेयर्स को परेशानियों से बचा रही है। गवर्नेंस में efficiency से जुड़े ऐसे अनेक रिफॉर्म्स ने दुनिया को एक नया गवर्नेंस मॉडल दिया है।

साथियों,

पिछले 10-11 साल में भारत हर सेक्टर में बदला है, हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। और एक बड़ा बदलाव सोच का आया है। आज़ादी के बाद के अनेक दशकों तक, भारत में ऐसी सोच को बढ़ावा दिया गया, जिसमें सिर्फ विदेशी को ही बेहतर माना गया। दुकान में भी कुछ खरीदने जाओ, तो दुकानदार के पहले बोल यही होते थे – भाई साहब लीजिए ना, ये तो इंपोर्टेड है ! आज स्थिति बदल गई है। आज लोग सामने से पूछते हैं- भाई, मेड इन इंडिया है या नहीं है?

साथियों,

आज हम भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस का एक नया रूप देख रहे हैं। अभी 3-4 दिन पहले ही एक न्यूज आई है कि भारत ने अपनी पहली MRI मशीन बना ली है। अब सोचिए, इतने दशकों तक हमारे यहां स्वदेशी MRI मशीन ही नहीं थी। अब मेड इन इंडिया MRI मशीन होगी तो जांच की कीमत भी बहुत कम हो जाएगी।

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साथियों,

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान ने, देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई ऊर्जा दी है। पहले दुनिया भारत को ग्लोबल मार्केट कहती थी, आज वही दुनिया, भारत को एक बड़े Manufacturing Hub के रूप में देख रही है। ये सक्सेस कितनी बड़ी है, इसके उदाहरण आपको हर सेक्टर में मिलेंगे। जैसे हमारी मोबाइल फोन इंडस्ट्री है। 2014-15 में हमारा एक्सपोर्ट, वन बिलियन डॉलर तक भी नहीं था। लेकिन एक दशक में, हम ट्वेंटी बिलियन डॉलर के फिगर से भी आगे निकल चुके हैं। आज भारत ग्लोबल टेलिकॉम और नेटवर्किंग इंडस्ट्री का एक पावर सेंटर बनता जा रहा है। Automotive Sector की Success से भी आप अच्छी तरह परिचित हैं। इससे जुड़े Components के एक्सपोर्ट में भी भारत एक नई पहचान बना रहा है। पहले हम बहुत बड़ी मात्रा में मोटर-साइकल पार्ट्स इंपोर्ट करते थे। लेकिन आज भारत में बने पार्ट्स UAE और जर्मनी जैसे अनेक देशों तक पहुंच रहे हैं। सोलर एनर्जी सेक्टर ने भी सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। हमारे सोलर सेल्स, सोलर मॉड्यूल का इंपोर्ट कम हो रहा है और एक्सपोर्ट्स 23 गुना तक बढ़ गए हैं। बीते एक दशक में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी 21 गुना बढ़ा है। ये सारी अचीवमेंट्स, देश की मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी की ताकत को दिखाती है। ये दिखाती है कि भारत में कैसे हर सेक्टर में नई जॉब्स भी क्रिएट हो रही हैं।

साथियों,

TV9 की इस समिट में, विस्तार से चर्चा होगी, अनेक विषयों पर मंथन होगा। आज हम जो भी सोचेंगे, जिस भी विजन पर आगे बढ़ेंगे, वो हमारे आने वाले कल को, देश के भविष्य को डिजाइन करेगा। पिछली शताब्दी के इसी दशक में, भारत ने एक नई ऊर्जा के साथ आजादी के लिए नई यात्रा शुरू की थी। और हमने 1947 में आजादी हासिल करके भी दिखाई। अब इस दशक में हम विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चल रहे हैं। और हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना जरूर पूरा करना है। और जैसा मैंने लाल किले से कहा है, इसमें सबका प्रयास आवश्यक है। इस समिट का आयोजन कर, TV9 ने भी अपनी तरफ से एक positive initiative लिया है। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की सफलता के लिए मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं।

मैं TV9 को विशेष रूप से बधाई दूंगा, क्योंकि पहले भी मीडिया हाउस समिट करते रहे हैं, लेकिन ज्यादातर एक छोटे से फाइव स्टार होटल के कमरे में, वो समिट होती थी और बोलने वाले भी वही, सुनने वाले भी वही, कमरा भी वही। TV9 ने इस परंपरा को तोड़ा और ये जो मॉडल प्लेस किया है, 2 साल के भीतर-भीतर देख लेना, सभी मीडिया हाउस को यही करना पड़ेगा। यानी TV9 Thinks Today वो बाकियों के लिए रास्ता खोल देगा। मैं इस प्रयास के लिए बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, आपकी पूरी टीम को, और सबसे बड़ी खुशी की बात है कि आपने इस इवेंट को एक मीडिया हाउस की भलाई के लिए नहीं, देश की भलाई के लिए आपने उसकी रचना की। 50,000 से ज्यादा नौजवानों के साथ एक मिशन मोड में बातचीत करना, उनको जोड़ना, उनको मिशन के साथ जोड़ना और उसमें से जो बच्चे सिलेक्ट होकर के आए, उनकी आगे की ट्रेनिंग की चिंता करना, ये अपने आप में बहुत अद्भुत काम है। मैं आपको बहुत बधाई देता हूं। जिन नौजवानों से मुझे यहां फोटो निकलवाने का मौका मिला है, मुझे भी खुशी हुई कि देश के होनहार लोगों के साथ, मैं अपनी फोटो निकलवा पाया। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं दोस्तों कि आपके साथ मेरी फोटो आज निकली है। और मुझे पक्का विश्वास है कि सारी युवा पीढ़ी, जो मुझे दिख रही है, 2047 में जब देश विकसित भारत बनेगा, सबसे ज्यादा बेनिफिशियरी आप लोग हैं, क्योंकि आप उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, जब भारत विकसित होगा, आपके लिए मौज ही मौज है। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद।