గత 9 సంవత్సరాలుగా, దేశంలో మౌలిక సదుపాయాల కల్పన కోసం మా ప్రభుత్వం చాలా డబ్బు ఖర్చు చేస్తోంది: దౌసాలో ప్రధాని మోదీ
దశాబ్దాలుగా, కొంతమంది రాజస్థాన్‌ను 'BIMARU' రాష్ట్రంగా చెప్పారు. కానీ బీజేపీ రాజస్థాన్‌ను దేశంలోని బలమైన రాష్ట్రాల్లో ఒకటిగా మారుస్తోంది: దౌసాలో ప్రధాని మోదీ
కాంగ్రెస్ తన అత్కానా, లత్కానా మరియు భత్కానా రాజకీయాలను ప్రవర్తిస్తున్న తీరు కారణంగా రాష్ట్ర అభివృద్ధి ప్రాజెక్టులలో చాలా వరకు నిలిచిపోయాయి: రాజస్థాన్‌లో ప్రధాని మోదీ
మా ప్రభుత్వం OBC కమిషన్‌కు రాజ్యాంగ హోదా కల్పించింది, తద్వారా OBC తరగతికి రాజ్యాంగ రక్షణ లభిస్తుంది: దౌసాలో ప్రధాని మోదీ

मीन भगवान की जय
हर्षद माता की जय
मैया केलादेवी की जय
देवधाम जोधपुरिया की जय
पंच महादेव की दौसा की इस धरती से मैं मेहंदीपुर बालाजी मन्दिर में विराजमान भगवान हनुमान जी को, श्री प्रेतराज सरकार और श्री भैरव कोतवाल जी को प्रणाम करता हूं।

मेहंदीपुर बालाजी ने म्हारो प्रणाम।
देवनगरी दौसा री जनता ने म्हारी राम राम।

कुछ दिन पहले ही मुझे भीलवाड़ा में भगवान देवनारायण के ग्यारह सौ ग्याहरवें (1111वें) अवतरण दिवस का हिस्सा बनने का अवसर मिला। और आज यहां मीन भगवान की, पंच महादेव की धरती पर आने का अवसर आया। तब आस्था का उत्सव था और आज राजस्थान के, देश के विकास का उत्सव है। थोड़ी देर पहले देश के सबसे आधुनिक एक्सप्रेसवे के पहले चरण का लोकार्पण करने का मुझे अवसर मिला है। आज देश में बन रहे सबसे लंबे एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के दिल्ली-दौसा-लालसोट हिस्से का लोकार्पण हुआ है। इस एक्सप्रेसवे से दौसा के अलावा, अलवर, भरतपुर, सवाई माधोपुर, टोंक, बूंदी और कोटा जिले को लाभ होगा। इससे दिल्ली आना-जाना बहुत आसान होगा। इससे दिल्ली जैसे बड़े बाज़ार तक दूध-फल-सब्जी ये सारी आवश्यकताएं पहुंचाना, अपने उत्पाद पहुंचाना हमारे किसान भाइयों के लिए बहुत आसान हो जाएगा।

मैं आप सभी को प्रगति के इस आधुनिक पथ की बहुत-बहुत बधाई देता हूं। और मैं देख रहा हूं अभी नितिन जी कह रहे थे ये ट्रेलर है, फिल्म अभी बाकी है। ये देखकर के (जनता की जुटी भारी भीड़ की ओर इशारा करते हुए) मैं कह रहा हूं ये ट्रेलर है, फिल्म अभी बाकी है। ये विशाल जनसागर, मैं राजस्थान के इस प्यार के लिए, राजस्थान के इस आशीर्वाद के लिए सर झुकाकर के राजस्थान को प्रणाम करता हूं।

भाइयों और बहनों,

राजस्थान की ये धरती शूरवीरों की धरती है। यहां का बच्चा-बच्चा मां भारती की रक्षा के लिए, मां भारती की समृद्धि के लिए समर्पित है। यहां के बच्चे-बच्चे का सपना रहा है कि भारत, दुनिया में किसी से भी कम ना हो। आपके इसी सपने को पूरा करने के लिए अब भारत ने विकसित बनने का संकल्प लिया है। विकसित भारत बनने के लिए भारत का तेज विकास बहुत जरूरी है। भारत के तेज विकास के लिए भारत में आने-जाने के साधनों का तेज होना जरूरी है, भारत में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर होना उतना ही जरूरी है। इसलिए बीते 9 वर्षों से केंद्र सरकार रोड, रेल, गरीबों के लिए घर, हर घर में जल, बिजली, ऐसे हर इंफ्रास्ट्रक्चर पर खूब सारा पैसा खर्च कर रही है। इस वर्ष के बजट में भी गांव-गरीब, मध्यम वर्ग की सुविधाएं बढ़ाने के लिए सबसे अधिक बल इंफ्रास्ट्रक्चर पर दिया गया है। पहले की सरकारें रेल-रोड बनाने में जितना खर्च करती थी, उससे कई गुना ज्यादा खर्च भाजपा सरकार कर रही है।

भाइयों और बहनों,
रेल-रोड पर लाखों के इस खर्च का बहुत बड़ा लाभ हमारे राजस्थान को भी हो रहा है। दशकों तक राजस्थान को कुछ लोगों ने बीमारू, बीमारू, बीमारू राज्य कहकर के चिढ़ाया है। लेकिन भाजपा, राजस्थान को विकसित भारत का सबसे मजबूत आधार बना रही है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से राजस्थान, दिल्ली और मुंबई से कनेक्ट हो रहा है। ये दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को और ताकतवर बनाने का काम करेगा। वैस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर यानि मालगाड़ियों के लिए जो खास रास्ता बना है, उसका 550 किलोमीटर से अधिक राजस्थान में है। इससे राजस्थान सीधे गुजरात और महाराष्ट्र के बंदरगाहों से जुड़ेगा। यानि राजस्थान में उद्योग लगाना और ज्यादा आसान हो जाएगा। आज जिन तीन और सड़क परियोजनाओं पर काम शुरू हुआ है, उससे भी राजस्थान के विकास को गति मिलेगी, यहां की कनेक्टिविटी बढ़ेगी।

साथियों,

तारंगाहिल से अंबाजी होते हुये आबूरोड़ तक नई रेल लाइन के निर्माण पर भी काम शुरू हो चुका है। इस रेल लाइन की मांग 100 साल से भी ज्यादा पुरानी है, जो अब भाजपा सरकार ने ही पूरी की है। उदयपुर से अहमदाबाद के बीच रेल लाइन को भी ब्रॉड गेज में बदलने का काम हम पूरा कर चुके हैं। इस रूट पर अब ट्रेनें चलना भी शुरू हो चुका है। इससे मेवाड़ क्षेत्र, गुजरात सहित देश के अन्य भागों से बड़ी लाइन से कनेक्ट हो गया है।

साथियों,

जब इंफ्रास्ट्रक्चर बनता है तब रोज़गार भी देता है और बनने के बाद भी व्यापार-कारोबार, उद्योग धंधों को बहुत बड़ी शक्ति देता है। और आप इससे परिचित हैं। आप जानते हैं ये कैसे होता है। सड़क, रेल पटरी, एयरपोर्ट, पुल, पोर्ट, जब ये सब बनते हैं तो इससे सैकड़ों उद्योगों को बल मिलता है। इसमें सीमेंट लगता है, रेत, बजरी, लोहा, मशीनें क्या कुछ नहीं लगता है। इससे जुड़े उद्योगों में नौकरियां निकलती हैं, दुकानों में नौकरियां बढ़ती हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने में इंजीनियर लगते हैं, श्रमिक लगते हैं। यानि अपने-अपने कौशल के हिसाब से युवाओं को ढेर सारे रोज़गार के अवसर उपलब्ध हो जाते हैं। जहां ये प्रोजेक्ट बन रहे होते हैं, तो उसके आसपास मैंटेनेंस, रिपेयर और दूसरी सेवाओं की मांग भी बढ़ती है। इससे भी स्थानीय स्तर पर रोजगार बनते हैं।

साथियों,

अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर व्यापार-कारोबार को बल देता है। इससे ट्रांसपोर्ट और पर्यटन जैसे सेक्टर्स को बल मिलता है। ये भी युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोज़गार के सबसे बड़े माध्यम हैं। राजस्थान में तो पर्यटन बहुत बड़ा सेक्टर है। अब जैसे दिल्ली से दौसा के बीच दूरी कम होने से, इस पूरे क्षेत्र में फल-सब्जी उगाने वाले छोटे किसानों को बहुत मदद मिली होगी। उनके लिए दिल्ली जैसा बड़ा बाज़ार नज़दीक आ गया है। अब राजस्थान आने वाले टूरिस्ट सड़क के रास्ते ज्यादा आएंगे तो राजस्थान में ट्रांसपोर्ट सेक्टर में युवाओं के लिए भी अवसर बढ़ेंगे।

साथियों,

आज देश विरासत भी और विकास भी, इस मंत्र को लेकर के आगे बढ रहा है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए स्वदेश दर्शन योजना के तहत भी राजस्थान में काम किया गया है। भाजपा सरकार ने यहां मेहंदीपुर बालाजी और धौलपुर में मुचुकुंड धाम का विकास भी किया है। अपने आस्था स्थलों का विकास भी भाजपा सरकार की प्राथमिकताओं में है।

भाइयों और बहनों,

पिछले 9 वर्षों में हमने उन क्षेत्रों, उन वर्गों पर भी विशेष ध्यान दिया है, जो विकास से वंचित थे। हमने वंचितों को वरीयता दी है। गरीब हों, दलित हों, पिछड़े हों, आदिवासी हों, रेहड़ी-ठेले वाले साथी हों, बंजारा-घूमंतू समुदाय हों, छोटे किसान हों, हर वर्ग का हमने ध्यान रखा है। आप देखिए, गरीब परिवारों को पहली बार शिक्षा और सरकारी नौकरियों में हमने आरक्षण दिया है। ओबीसी वर्ग को संवैधानिक सुरक्षा मिले, इसके लिए ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा हमारी सरकार ने दिया है। ऑल इंडिया मेडिकल कोटे में ओबीसी के लिए आरक्षण नहीं था, हमने ये भी सुनिश्चित किया। मेडिकल, इंजीनियरिंग, टेक्निकल पढ़ाई सिर्फ अंग्रेजी में होने के कारण गांव, गरीब, दलित, पिछड़े, आदिवासी परिवार के युवा ही पीछे रह जाते थे, वंचित रहते थे। भाषा के कारण उनका भविष्य उजड़ जाता था। हमने डॉक्टरी और इंजीनियरिंग की पढ़ाई स्थानीय भाषा में कराने पर भी बल दिया है। और उसके कारण आज गरीब मां भी अपने बच्चों को डाक्टर, इंजीनियर बनाने के सपने देख सकती है। पहली बार बंजारा समाज, घूमंतु-अर्ध घूमंतु समाज के विकास और कल्याण के लिए विशेष बोर्ड भी हमारी ही सरकार ने बनाया है।

साथियों,

इस वर्ष के बजट में तो विश्वकर्मा साथियों के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना लेकर आए हैं। और यही सबका साथ, सबका विकास की हमारी राष्ट्रनीति है। राजस्थान के बगरू और सांगानेर की ब्लॉक प्रिंटिंग के दस्तकार भाई बहन हों, सुनार हों, लुहार हों, सुथार भाई बहन हों, जूते और मोजड़ी बनाने वाले दस्तकार हों, लाख और चूड़ियाँ बनाने वाले लखेरा भाई-बहन हों, बणी-ठनी और पिछवाई से जुडी़ चित्रकारी करने वाले चित्रकार भाई बहन हों, कोटा डोरिया की साड़ी बनाने वाले बुनकर हों, टोंक के नमदा कला से जुड़े दस्तकार हों, सिकंदरा में मूर्तिकला और इससे जुड़े सैकड़ों मूर्तिकार भाई बहन हों, इन सभी को पीएम विश्वकर्मा योजना से बहुत बड़ा लाभ होने वाला है।

साथियों,

जब मैं दौसा आता हूं तो एक और बात याद आना स्वाभाविक है। और वो बात है, आपकी मेहमाननवाजी। मुझे यहां के बाजरे की रोटी का स्वाद हमेशा-हमेशा याद रहता है।

साथियों,

अब तक हमारे देश में बाजरा जैसे अन्न को मोटा अनाज कहकर के एक प्रकार से निम्न भाव से देखा जाता था। लेकिन अब ये जो मोटा अनाज कहा जाता है न, उसको हमने एक नई पहचान दी है। अब हमने मोटा अनाज के लिए हिंदुस्तान भर के इन उत्पादों के लिए नया नामकरण किया है। अब ये अन्न श्रीअन्न से जाना जाएगा। आगे इसे हम दुनिया के बाजार पहुंचना चाहते हैं। हमारे छोटे किसान जो मेहनत करके पैदावार करते हैं, कठिन परिस्थितियों में करते हैं, मोटा अनाज पैदा करते हैं। अब दुनिया के बाजार में वो श्रीअन्न के नाम से दुनिया में पहुंचेगा। राजस्थान के श्रीअन्न बाजरा, श्रीअन्न ज्वार, ये तो सब जानते ही हैं। राजस्थान के ही दक्षिणी जिलों का श्रीअन्न सांवा, श्रीअन्न कंगनी, श्रीअन्न कोदो, श्रीअन्न कुटकी भी उनका स्वाद भी कुछ कम नहीं होता है और पौष्टिक भी होते हैं और दैनिक खान पान का हिस्सा भी होते हैं। इस श्रीअन्न को देश-विदेश में मार्केट मिले, किसानों को अधिक प्रोत्साहन मिले, छोटे किसानों को लाभ हो, इसके लिए अनेक कदम इस साल के बजट में उठाए गए हैं। इसका सीधा लाभ राजस्थान के सूखा प्रभावित मेरे छोटे-छोटे किसानों को मिलने वाला है।

साथियों,

राजस्थान को बीते वर्षों में केंद्र सरकार की एक और प्राथमिकता का भी लाभ मिला है। ये प्राथमिकता राष्ट्रीय सुरक्षा की है। बीते 9 वर्षों में हमने सैनिकों की सुविधा से लेकर सम्मान तक, हर स्तर पर काम किया है। वन रैंक वन पेंशन का लाभ आज राजस्थान के सैनिक परिवारों को मिल रहा है। सैनिकों के सम्मान से जुड़ा भाजपा सरकार ने एक और महत्वपूर्ण काम किया है, और मुझे पक्का विश्वास है, हर फौजी परिवार तक ये बात पहुंचाइए, आपका भी सीना चौड़ा हो जाएगा। हाल में ही हमने, आपको मालूम है हिमालय की सबसे ऊंची चोटी है उसको एवरेस्ट कहा जाता है, क्योंकि एवरेस्ट नाम के एक व्यक्ति का नाम उससे जुड़ा हुआ है। इस प्रकार के निर्णयों के क्या महत्व होता है। अब मैं आगे की बात बताता हूं। हाल में ही हमने अंडमान निकोबार में द्वीपों के नाम हमारी सेना के वीर, जिन्होंने अपने पराक्रम के कारण परमवीर चक्र का सम्मान प्राप्त किया था, जो परमवीर चक्र विजेता थे, ऐसे महान देश के लिए मर मिटने वाले, देश के लिए जीने-मरने वाले हमारे इन वीर सैनिकों के नाम पर अंडमान निकोबार के टापुओं का नाम हमने उनके नाम कर दिया है। अपने झुंझनू के रहने वाले पीरू सिंह जी के नाम पर अब अंडमान में एक पीरू द्वीप है। जोधपुर के रहने वाले शैतान सिंह जी के नाम पर भी अब अंडमान में एक शैतान सिंह द्वीप है। राजस्थान के इन पराक्रमी शहीदों से अब अंडमान-निकोबार जाने वाला हर व्यक्ति एक नई प्रेरणा लेकर के आएगा।

साथियों,

कांग्रेस की सरकारें सीमा से जुड़े गांवों और शहरों का इसलिए विकास नहीं करती थीं क्योंकि वो डरती थीं। और ये पार्लियामेंट में उन्होंने बोला है। वो डरती थीं कि हम सीमा पर रास्ते बना देंगे, सड़कें बना देंगे तो दुश्मन उसी पर चलकर आ जाएगा तो क्या होगा। हमारी बनाई सड़कों पर दुश्मन आ जाएगा तो क्या होगा। अरे यार क्या बात करते हो। मुझे समझ नहीं आता कि कांग्रेस क्यों हमेशा हमारे सैनिकों का शौर्य, उनकी बहादुरी को कम करके आंकती रही है। सीमा पर दुश्मनों को रोक देना, उन्हें मुंहतोड़ जवाब देना, हमारी सेनाओं को बखूबी आता है। इसलिए अब भाजपा सरकार सीमावर्ती जिलों में, सीमा के पास बने गांवों में भी विकास के कामों में तेजी ला रही है। बीते 9 वर्षों में हमने राजस्थान सहित देश के पूरे बॉर्डर पर रोड और रेल का सशक्त नेटवर्क तैयार कर दिया है। केंद्र सरकार राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी लगभग 1400 किलोमीटर सड़कों पर काम कर रही है। इसके अलावा अभी करीब-करीब एक हजार किलोमीटर की सड़कें राजस्थान में और बनाने का प्रस्ताव है। यानि, भाजपा, राजस्थान को नई संभावनाओं का प्रदेश बना रही है।

साथियों,

हर घर जल पहुंचाने के लिए भी हम मिशन मोड पर काम कर रहे हैं। साल 2019 में हमने जल जीवन मिशन शुरु किया और सिर्फ साढ़े 3 वर्षों में ही 8 करोड़ नए कनेक्शन दिए हैं, नए परिवारों को सुविधा दी है। इससे राजस्थान के भी लाखों परिवारों को लाभ हुआ है।

साथियों,

राजस्थान में पानी की चुनौती का समाधान भाजपा सरकार की प्राथमिकता है। आप देख रहे हैं कि एमपी और यूपी के बीच केन-बेतवा को जोड़ने का काम शुरु हो रहा है। इसी प्रकार पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में भी पीने के पानी और सिंचाई की सुविधा का विस्तार करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना और पुरानी पार्बती-कालीसिंध-चम्बल लिंक को जोड़कर एक बड़ी परियोजना का प्रारूप तैयार किया गया है। इस प्रारूप को केंद्र सरकार ने राजस्थान और मध्य प्रदेश की सरकारों के साथ साझा किया है। इस प्रस्ताव को नदियों से जुड़ी विशेष समिति ने प्राथमिकता प्राप्त परियोजना के रूप में शामिल किया है। जब दोनों राज्यों की सहमति हो जाएगी, तो केंद्र सरकार इसको आगे बढ़ाने पर जरूर विचार करेगी।

साथियों,

राजस्थान के लोगों ने हमेशा से भाजपा को भरपूर प्रेम दिया है। लेकिन मुझे एक बात का अफसोस भी है। मैं कई बार सोचता हूं कि अगर बीते पांच सालों में राजस्थान में डबल इंजन की पावर लगी होती, तो यहां का विकास कितना तेज हो जाता। कांग्रेस जिस तरह चीजों को अटकाने-भटकाने और लटकाने की राजनीति करती है, उसमें विकास के कार्य कांग्रेस नेताओं द्वारा अधिकतर पटक ही दिए जाते हैं। ना ये लोग खुद काम करते हैं और न ही काम करने देते हैं। इसके अलावा, कांग्रेस के राज में कानून व्यवस्था की स्थिति हर दिन खराब से खराब होती जा रही है। राजस्थान से बीते कुछ समय में जिस तरह की खबरें लगातार आ रही हैं, उनका संदेश एक ही है। राजस्थान की संस्कृति, यहां की परंपरा, यहां के गौरव को बचाना है, तो राज्य में भाजपा सरकार को वापस लाना ही होगा। कांग्रेस ने यहां क्या हाल बना दिया है, कांग्रेस कैसे सरकार चला रही है, ये राजस्थान के लोगों से छिपा नहीं है।

अभी कुछ दिन पहले बजट सत्र के दौरान जो कुछ हुआ, उसकी चर्चा चारों तरफ है। मुझे एक घटना याद आती है, बहुत साल पहले की बात है। करीब 40 साल पहले की। तब तो हम राजनीति में नहीं थे। हम अपना संघ का काम करते थे और आमतौर पर संघ परिवारों में भोजन के लिए जाते थे। तो एक दिन मैं सुबह प्रवास करके लौटा, बारह-एक बज गया था। तो हमारे एक वरिष्ठ साथी मुझे मिल गए। बोले-आप कहां से आ रहे हैं तो मैंने कहा दौरे से आ रहा हूं। बोले- भोजन का क्या प्रबंध है। मैंने कहा नहीं अभी तो कुछ सोचा नहीं है, अभी तो आया हूं, देखता हूं क्या करता हूं। वे बोले- नहीं जल्दी करो, मेरे साथ चलो। मैंने कहा- मैं प्रवास करके आ रहा हूं, मेरा स्नान बाकी है। बोले- स्नान कर लीजिए फिर चलते हैं। मैंने सोचा उन्होंने कहीं पर भोजन का प्रबंध किया होगा। हम चले गए वहां। बोले- शादी है, तो शादी में वहां जाना है, चलिए अपने स्वयंसेवक के घर में शादी है। तो हम चले गए। तो जिनके यहां शादी थी वो तो अपने दुकान...जो घर के बाहर थी... वहां वे काम कर रहे थे। वो दर्जी थे, दर्जी का काम कर रहे थे। तो हमने कहा भई तुम तो कह रहे थे यहां शादी है, उनके यहां खाना खाना है। हम गए अंदर उनको नमस्कार किया। हमने पूछा क्या हाल है, कैसे हैं। फिर उनसे रहा नहीं गया, क्यों भई आज तो शादी का निमंत्रण था। बोले- नहीं, नहीं, शादी तो गत साल हो गई। पिछले साल हो गई शादी। तो उन्होंने कहा कि नहीं-नहीं कार्ड है भाई। तो हमारे जो साथी थे वो थोड़े भुलक्कड़ थे, उन्होंने कार्ड निकाला, और मैं हैरान था पिछले साल का उसी तारीख वाला वो कार्ड था। हम बिना खाए घर वापिस आए। साथियो, खैर इस बात का आपके राजस्थान से कोई लेना-देना नहीं है। ये तो मैं अपनी पुरानी बात याद आई तो मैंने कहा बता दूं।

साथियों,

मैं मानता हूं कि गलती किसी से भी हो सकती है लेकिन इससे ये भी पता चलता है कि कांग्रेस के पास ना ही विजन है और ना ही उसकी बातों में कोई वजन रह गया है। कांग्रेस के लिए बजट और घोषणाएं होती ही कागजों में लिखने के लिए हैं। योजनाएं और कार्यक्रमों को जमीन पर लागू करने में कांग्रेस का कोई इरादा नहीं होता।

साथियों,

सवाल ये नहीं है कि कौन से वाला पढ़ा, सवाल ये है कि पहले वाला जब पढ़ा था, सालभर उसको डिब्बे में बंद रखा था इसके कारण ये हुआ है। अब राजस्थान को अस्थिर सरकार से मुक्ति चाहिए, अनिश्चितता से मुक्ति चाहिए। अब राजस्थान को स्थिर और विकास वाली सरकार चाहिए। तभी राजस्थान में कानून का राज स्थापित हो पाएगा। तभी राजस्थान तेज़ विकास के रास्ते पर चल पाएगा। आज मैं राजस्थान में डबल इंजन सरकार के लिए उत्साह देख रहा हूं। चारों तरफ वही मुझे नजर आ रहा है। यहां दौसा में भी ये उत्साह साफ-साफ दिख रहा है। एक बार फिर आप सभी को एक्सप्रेसवे के लिए, नई सड़क परियोजनाओं के लिए मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं। और इतनी विशाल तादाद में आप विकास के काम के लिए जुटे यही भारत के उज्ज्वल भविष्य का संकेत है।

बहुत-बहुत धन्यवाद !

बहुत-बहुत शुभकामनाएं !

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PM Modi visits the Indian Arrival Monument
November 21, 2024

Prime Minister visited the Indian Arrival monument at Monument Gardens in Georgetown today. He was accompanied by PM of Guyana Brig (Retd) Mark Phillips. An ensemble of Tassa Drums welcomed Prime Minister as he paid floral tribute at the Arrival Monument. Paying homage at the monument, Prime Minister recalled the struggle and sacrifices of Indian diaspora and their pivotal contribution to preserving and promoting Indian culture and tradition in Guyana. He planted a Bel Patra sapling at the monument.

The monument is a replica of the first ship which arrived in Guyana in 1838 bringing indentured migrants from India. It was gifted by India to the people of Guyana in 1991.