India is not a follower but a first mover: PM Modi in Bengaluru

Published By : Admin | April 20, 2024 | 16:00 IST
QuoteIndia is not a follower but a first mover: PM Modi in Bengaluru
QuoteBengaluru’s role in India's digital revolution is significant: PM Modi in Bengaluru

भारत माता की... भारत माता की...

बेंगालूरिना नन्ना सोदारा सोदरियारिगे, नमस्कारगलु!

ताई भुवनेश्वरी, ताई अण्णम्मा, देवी बनशंकरी, श्री दोड्डागणपति और श्री दोड्डा बसवण्णा के चरणों में मेरा प्रणाम। आज पूरे बैंगलुरु में इतनी बड़ी संख्या में आप यहां आए हैं। और संदेश भी साफ-साफ है। फिर एक बार...मोदी सरकार ! फिर एक बार...मोदी सरकार !

भाइयों और बहनों,

2014 में और 2019 में आपने रिकॉर्ड सीटें जिताकर, जो मज़बूत सरकार बनाई, उसने देश को मजबूत बनाया है। तब दुनिया भारत को फ्रेजाइल फाइव में गिनती थी, दुनिया सोचती थी भारत खुद तो डूबेगा, हमें भी ले डूबेगा। भारत के बैंक बड़ी क्राइसिस में थे, हजारों करोड़ के स्कैम्स ने विदेशी Investors में डर का माहौल पैदा कर दिया था। एक वो समय था, एक आज का समय है। आज जब देश, दुनिया में कहीं पर भी जाइए, सब देश भारत से दोस्ती मजबूत करना चाहते हैं। आज इंवेस्टर्स भारत में रिकॉर्ड पैसा लगा रहे हैं।आज भारत रिकॉर्ड एक्सपोर्ट भी कर रहा है और मैन्यूफैक्चरिंग में भी नए रिकॉर्ड बना रहा है। तब भारत दुनिया, की Eleventh नंबर की इकॉनॉमी था। आज भारत दुनिया, की टॉप-FIVE इकॉनॉमी में से एक हैं। आज भारत, Follow करने वाला नहीं, बल्कि First Mover हो गया है, भारत। और ये Change, आपने देखा है, सिर्फ और सिर्फ Ten Years में आया है। और इसका मूल कारण क्या है, इतना बड़ा परिवर्तन आय़ा कैसे, ये परिवर्तन किसने किया? आपका जवाब गलत है, ये परिवर्तन, आपके एक वोट ने किया है। इस चुनाव में, इंडी अलायंस के लोग एक घिसी-पिटी टेप रिकार्ड लेकर घूम रहे हैं, और मोदी औऱ उसके साथी ट्रैक रिकॉर्ड के साथ, बेंगलुरू के लोगों से, आप सभी से फिर एक बार आशीर्वाद मांगने आया हूं।

भाइयों और बहनों,

आप सभी बीते कुछ समय से NDA और इंडी अलायंस, दोनों का प्रचार अभियान देख रहे हैं। कांग्रेस और इंडी-अलायंस का Issue मोदी है, मोदी का परिवार है, मोदी पर लगाए जा रहे झूठे आरोप हैं। लेकिन मोदी का Focus किस पर है? मोदी का फोकस 21St Century के भारत का विकास है, भारत के नागरिकों की सुविधा और समृद्धि है, भारत की ग्लोबल इमेज है। आप ही मोदी का परिवार हैं...मेरा भारत, मेरा परिवार है।

साथियों,

आप भलीभांति जानते हैं, मैं साधारण गरीब परिवार से आया हूं इसलिए जानता हूं कि ease of living क्या होती है dignity of life क्या होती है। आज जब भारत में तेजी से अर्बनाइजेशन हो रहा है, तब शहरों में रहने वाले गरीब, यहां के मिडिल क्लास, उसकी Quality Of Life में बहुत सुधार आना चाहिए, वो बहुत जरूरी है। इसके लिए NDA सरकार Social, Physical और Digital, इन तीनों प्रकार के Infrastructure पर रिकॉर्ड Investment कर रहा है।

साथियों,

पिछले Ten Years में NDA सरकार द्वारा शहरों में गरीबों को करीब One Crore पक्के घर दिए गए। इनमें से Eighty Four Thousand घर यहां बेंगलुरू में मिले हैं। मिडिल क्लास के लोगों का घर का सपना पूरा करने के लिए सरकार ने उन्हें Interest Subsidy दी है। औऱ ये आजादी के बाद पहली बार हुआ है। ऐसा करके हमारी सरकार ने मिडिल क्लास के Sixty Thousand Crore Rupees से ज्यादा Save कराए हैं। गरीब और मिडिल क्लास के घर Incomplete ना रहे, जो बिल्डर है वो आधा अधूरा छोड़करके पैसे दबा करके चला न जाए, मध्यम वर्ग के पऱिवार का सपना ना टूट जाए इसके लिए NDA सरकार ने RERA कानून बनाया। आज बेंगलुरू के भी Three Thousand से ज्यादा Housing प्रोजेक्ट रेरा के तहत कवर्ड हैं, उसके कारण जो agreement हुआ है, वैसा ही मकान बनाकर देना पड़ता है, जो material लिखा है, वही material उपयोग करके देना पड़ता है। आप, अपने client को गुमराह नहीं कर सकते, उसको लूट नहीं सकते। ऐसा रेरा कानून, आप सब नागरिकों की भलाई के लिए बनाया है। 2014 से पहले आपकी Two Lakhs की Annual Income पर ही इनकम टैक्स लग जाता था। आज आपको Seven Lakhs Rupees तक की Income पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता। 2014 से पहले अलग-अलग तरह के Indirect Taxes आपके कपड़ों का बिल, रेस्त्रां में खाने का बिल, हर तरह के खर्चे बढ़ा देते थे। GST लागू होने के बाद ये Indirect Taxes भी कम हुए हैं। इससे भी आपके Thousands of Crore Rupees खर्च होने से बचे हैं। जो LED बल्ब कभी Four Hundred Rupees का था हम उसकी कीमत हम Forty Rupees तक ले आए हैं। अब घर-घर में LED बल्ब होने से, रोशनी ज्यादा मिलती है, बिजली बिल में मिडिल क्लास के करीब Twenty Thousand Crore Rupees, हर साल Save हो रहे हैं।

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अब तो NDA सरकार ने एक और नई योजना शुरू की है। पीएम सूर्यघर- मुफ्त बिजली योजना इससे Electricity का आपका बिल ज़ीरो होगा , इतना ही नहीं Electricity से कमाई भी होगी। इतना ही नहीं, अब जमाना EV का आ रहा है, electric vehicle का आ रहा है,उसके कारण, आप अपनी स्कूटी हो, स्कूटर हो, कार हो अगर वो electric vehicle है तो उसका चार्जिंग भी घर में करवा सकते हो, और आपको घर में चार्जिंग करने के बाद खुद का transportation भी करीब करीब fuel का खर्चा जीरो हो जाएगा

साथियों,

गरीब और मिडिल क्लास का बहुत बड़ा खर्च हेल्थ related होता है। लेकिन आयुष्मान भारत योजना इसमें गेमचेंजर साबित हुई है। आयुष्मान भारत योजना के चलते आज करोड़ों लोगों को Five Lakhs Rupees तक का Free ट्रीटमेंट मिलना सुनिश्चित हुआ है। इससे भी लोगों के One Lakh Crore Rupees, Save हुए हैं। और अब बीजेपी ने अपना जो मेनिफेस्टो घोषित किया है, उसमें इस योजना को Expand कर दिया गया है। देश के हर ऐसे सीनियर सिटिजन्स जिनकी Age, Seventy Years से ऊपर है, उन्हें भी अब Five Lakhs Rupees तक का Free ट्रीटमेंट मिलेगा। ये फैसला सिर्फ सीनियर सिटिजन्स को ही नहीं बल्कि हर युवा को भी Relief देगा जो अपने माता-पिता की हेल्थ के प्रति चिंतित रहते हैं। NDA सरकार ने जो जन-औषधि केंद्र खोले हैं, उनमें Eighty परसेंट डिस्काउंट पर मेडिसिन्स मिलती हैं। इससे भी मिडिल क्लास के करीब Thirty Thousand Crore Rupees, Save हुए हैं।

साथियों,

बेंगलुरू तो डिजिटल इंडिया का इतना बड़ा हब है, भारत की डिजिटल क्रांति में आपकी इतनी बड़ी भूमिका है। आप कल्पना कर सकते हैं कि अगर भारत में मोबाइल डेटा का रेट 2014 वाला ही रहता तो क्या होता। उस समय One GB डेटा Two Fifty Rupees के आसपास होता था। आज One GB डेटा, Ten Rupees के आसपास है। अगर 2014 के पहले उस समय का हाल होता तो मोबाइल का जो बिल आज Five to Seven Hundred का आता है, वहीं Five to Seven Thousand Rupees का आता। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि आपकी Per Month कितनी ज्यादा Saving सिर्फ मोबाइल बिल में हो रही है।

साथियों,

सस्ते डेटा के साथ ही NDA सरकार का जोर डेटा गवर्नेंस पर भी है। हमारी सरकार डेटा सेक्योरिटी के लिए बहुत ही Strong Bill लेकर आई है। डेटा मोनेटाइजेशन की दिशा में भी भारत तेजी से काम कर रहा है। इससे देश में एक Strong सिस्टम बन रहा है, भारत के लिए AI युग में जाना आसान हुआ है।

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साथियों, नाडप्रभु कैंपेगौड़ा ने बेंगलुरु को एक शानदार शहर बनाने का सपना देखा था। लेकिन कांग्रेस सरकार ने कुछ ही समय में यहां की Situation बिगाड़ दी है। कांग्रेस ने tech city को tanker city में बदलकर उसे वॉटर माफिया के हवाले कर दिया है। एग्रीकल्चर हो या फिर शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर, हर जगह बजट को कट किया जा रहा है। कांग्रेस सरकार का ध्यान सिर्फ करप्शन पर है, बेंगलुरू के लोगों की समस्याओं पर नहीं है। कर्नाटक में सिर्फ सेंट्रल गवर्नमेंट के प्रोजेक्ट्स तेजी से चल पा रहे हैं। 2014 में नम्मा मेट्रो का नेटवर्क सिर्फ Seventeen किलोमीटर था, आज Seventy किलोमीटर से ज्यादा हो चुका है। बहुत जल्द येलो लाइन भी पूरी हो जाएगी। दशकों से लटके बैंगलुरु सबअर्बन प्रोजेक्ट पर काम शुरु हो चुका है। आप सभी को सैटेलाइट टाउन रिंग रोड का लाभ भी मिलना शुरु हो चुका है।

भाइयों और बहनों,

आज बैंगलुरु के इंटरनेशनल एयरपोर्ट की दुनियाभर में चर्चा होती है। वो दिन दूर नहीं जब भारत के लोग, मेड इन इंडिया पैसेंजर प्लेन में सफर करेंगे। आज वंदे भारत जैसी आधुनिक ट्रेनें, Train Travel को तेज़ और कंफर्टेबल बना रही हैं। वो दिन दूर नहीं, जब कर्नाटका को भी बुलेट ट्रेन की High Speed मिलेगी।

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साथियों, बीजेपी सरकार ने देश में नए-नए सेक्टरों के दरवाजे खोले, इससे युवाओं के लिए बड़ी संख्या में Employment के अवसर बने हैं। बेंगलुरू को, यहां के प्रोफेशनल्स को इसका बहुत बड़ा लाभ मिला है। हमने स्पेस सेक्टर खोला तो प्राइवेट सेक्टर ने अपना रॉकेट लॉन्च किया। One Point Two Five Lakh से ज्यादा स्टार्टअप्स में युवाओं का सामर्थ्य दिख रहा है। मिशन ग्रीन हाइड्रोजन से इंवेस्टमेंट की संभावनाएं कई गुना बढ़ गई हैं। आसान ड्रोन पॉलिसी से मैपिंग, कृषि, रक्षा, मेडिसिन क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग बढ़ा है। 5G के विस्तार से AI और Internet of things में अवसर बनने लगे हैं। डिजिटल इंडिया अभियान ने लाखों डिजिटल Entrepreneurs तैयार किए हैं। PLI स्कीम से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर तेज रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। मोबाइल एक्सपोर्ट में भारत नए रिकॉर्ड बना रहा है। मेट्रो कोच, ट्रेन के डिब्बे, डिफेंस Equipment’s भी एक्सपोर्ट हो रहे हैं। आपने टीवी में देखा होगा, अखबार में पढ़ा होगा, कल ही भारत के ब्रह्मोस मिसाइल का पहला कन्साइनमेंट फिलिपीन्स को भेजा गया है। इसने ग्राउंड लेवल पर बड़ी संख्या में Employment Opportunities पैदा की हैं। क्या कांग्रेस के समय में ये कल्पना भी की जा सकती थी, क्या आपको याद होगा, यही कांग्रेस है जिसने HAL को लेकर कितना बड़ा बवाल किया था। कांग्रेस ने देशभर में मोदी को बदनाम करने की कोशिश की थी। वही HAL आज रिकॉर्ड टर्नओवर, रिकॉर्ड प्रॉफिट, रिकॉर्ड ऑर्डर प्राप्त कर रही है। कर्नाटका में एशिया की सबसे बड़ी हेलीकॉप्टर फैक्ट्री बनी है। अमेरिका के बाद बोइंग की दूसरी सबसे बड़ी फैसिलिटी कर्नाटका में बनी है। ये तभी हो पा रहा है, जब भारत में फैक्ट्रियां बढ़ रही हैं। उसमें काम करने वालों की संख्या बढ़ रही है।

भाइयों और बहनों,

बैंगलुरु युवाशक्ति, युवा टैलेंट और टेक्नॉलॉजी का पावरहाउस है। लेकिन कांग्रेस और इंडी गठबंधन टेक्नॉलॉजी के विरोधी हैं। आज पूरी दुनिया डिजिटल इंडिया की प्रशंसा कर रही है, भारत के फिनटेक की प्रशंसा कर रही है। लेकिन आप भूलिएगा नहीं, कांग्रेस ने आधार का विरोध किया था, अदालतों में घसीट कर ले गए थे। कांग्रेस ने जनधन Accounts का विरोध किया था। कांग्रेस ने डिजिटल पेमेंट्स का मज़ाक उड़ाया था। कांग्रेस ने राशन की योजना में Digital Authentication का विरोध किया। कोरोना के समय बेंगलुरू की IT इंडस्ट्री ने पूरी दुनिया को इतना सपोर्ट किया। लेकिन यही कांग्रेस है जिसने कोरोना के दौरान कोविन प्लेटफॉर्म का विरोध किया। कांग्रेस ने मेड इन इंडिया, कोरोना वैक्सीन को बदनाम किया।

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साथियों,

मोदी कहता है देश को, Green Energy Hub बनाएंगे, Pharma Hub बनाएंगे, Electronics Hub बनाएंगे, इलेक्ट्रिकल वेहिकल हब बनाएंगे, Semiconductor Hub बनाएंगे, ग्लोबल Innovation Hub बनाएंगे, ताकि भारत ग्लोबल इकॉनॉमी का हब बने। लेकिन कांग्रेस और इंडी-गठबंधन वाले कहते हैं – मोदी को हटाएंगे। मोदी की गारंटी है 5G के बाद 6G लाएंगे- वो कहते हैं मोदी हटाएंगे। मोदी की गारंटी है AI लाएंगे- वो कहते हैं मोदी हटाएंगे। मोदी की गारंटी है चंद्रयान के बाद गगनयान का गौरव दिलाएंगे- वो कहते हैं मोदी हटाएंगे। कांग्रेस एंटी यूथ है, क्योंकि कांग्रेस. कांग्रेस, एंटी इन्वेस्टमेंट है,कांग्रेस, एंटी आंत्रप्रन्योरशिप है, कांग्रेस, एंटी प्राइवेट सेक्टर है, कांग्रेस, एंटी टैक्सपेयर है, कांग्रेस, एंटी वेल्थ क्रिएटर है।

साथियों,

यहां कांग्रेस सरकार, जिस प्रकार के विचारों को, जिस मानसिकता को बढ़ावा दे रही है, वो भी बहुत खतरनाक है। यहां हमारी बेटियों पर हमले हो रहे हैं, बाज़ारों में बम फूट रहे हैं, भजन-कीर्तन सुनने पर भी हमले हो रहे हैं। ये सामान्य घटनाएं नहीं हैं। और इसलिए, बंगलुरू और कर्नाटका के भाईयों से आग्रह करूंगा ये कांग्रेस से बहुत अलर्ट रहना है। भाइयों और बहनों, यहां बेंगलुरू के ग्रामीण क्षेत्र से भी काफी लोग आए हैं। एग्रीकल्चर को आधुनिक बनाने के लिए भी हमारी सरकार हर प्रयास कर रही है। यहां तो हमारे येदियुरप्पा जी मंच पर हैं, जिन्होंने किसान कल्याण के लिए इतना काम किया है। लेकिन कर्नाटका की कांग्रेस सरकार, किसानों की भी विरोधी है। मुझे बहुत दुख है कि यहां कर्नाटका में किसानों को दी जा रही Four Thousand Rupees की मदद कांग्रेस सरकार ने बंद कर दी है। लेकिन मोदी की गारंटी है कि पीएम किसान सम्मान निधि के Six Thousand Rupees किसान साथियों को मिलते रहेंगे। केंद्र सरकार ने किसानों के अनाज को स्टोर करने के लिए दुनिया की सबसे बड़ी योजना भी शुरू की है। यहां की रूरल बेल्ट में बड़ी मात्रा में रागी उगाई जाती है। हम रागी जैसे हमारे श्री अन्न को दुनिया के बड़े बाज़ारों तक पहुंचाने में जुटे हैं। इसका सीधा लाभ कर्नाटका के हमारे छोटे किसानों को होगा।

साथियों,

ऐसे ही अनेक बड़े संकल्प हैं, जो आपके सपने पूरे करने के लिए NDA सरकार ने संकल्प लिया है। आपके सपने पूरे करने के लिए ही BJP और JDS साथ आए हैं। और इसलिए आपको गारंटी देता हूँ, आपके सपने, ये मेरा संकल्प है। मेरा पल पल, आपके नाम मेरा पल पल, देश के नाम, और मैं आपको वादा करता हूँ,24 बाई 7 फार 2047 और इसलिए 26 अप्रैल को बेंगलूरू नार्थ से शोभा जी, बेंगलूरू रूरल से डॉक्टर सी.एन मंजूनाथ, बेंगलूरू सेंट्रल से पी.सी.मोहन, और बेंगलूरू साउथ से युवा साथी, भाई तेजस्वी सूर्या को भारी मतों से विजयी बनाना है। इस बार बैंगलुरु शहर में वोटिंग के सारे रिकॉर्ड टूटने चाहिए।

साथियों,

वैसे आप सभी के लिए, मैंने अपने भाषणों को कन्नड़ भाषा में translate करके, सोशल मीडिया पर अपलोड करना शुरू किया है। इसमें AI की मदद ली जा रही है. Tweeter यानि X एप पर Namoinkannada नाम से एक एकाउंट भी है, आप इससे जरूर जुडें। औऱ ज्यादा से ज्यादा लोगों को भी इसके बारे में बताऐं। मेरा एक काम करना है. करेगें..मेरा एक काम करेगें..पक्का। पहले तो ज्यादा से ज्यादा मतदान कराओगे,अपना पोलिंग बूथ जीतोगे। फिर मेरा एक पर्सनल काम करोगे, पर्सनल है, करेगें। घर-घर जाना और और हर घर जाकर कहना हमारे मोदी जी आए थे और आपको प्रणाम कहा है। मेरा प्रणाम पहुंचा देगें
मेरे साथ बोलिए।

भारत माता की...

बहुत बहुत धन्यवाद

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Today, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM Modi in TV9 Summit
March 28, 2025
QuoteToday, the world's eyes are on India: PM
QuoteIndia's youth is rapidly becoming skilled and driving innovation forward: PM
Quote"India First" has become the mantra of India's foreign policy: PM
QuoteToday, India is not just participating in the world order but also contributing to shaping and securing the future: PM
QuoteIndia has given Priority to humanity over monopoly: PM
QuoteToday, India is not just a Nation of Dreams but also a Nation That Delivers: PM

श्रीमान रामेश्वर गारु जी, रामू जी, बरुन दास जी, TV9 की पूरी टीम, मैं आपके नेटवर्क के सभी दर्शकों का, यहां उपस्थित सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूं, इस समिट के लिए बधाई देता हूं।

TV9 नेटवर्क का विशाल रीजनल ऑडियंस है। और अब तो TV9 का एक ग्लोबल ऑडियंस भी तैयार हो रहा है। इस समिट में अनेक देशों से इंडियन डायस्पोरा के लोग विशेष तौर पर लाइव जुड़े हुए हैं। कई देशों के लोगों को मैं यहां से देख भी रहा हूं, वे लोग वहां से वेव कर रहे हैं, हो सकता है, मैं सभी को शुभकामनाएं देता हूं। मैं यहां नीचे स्क्रीन पर हिंदुस्तान के अनेक शहरों में बैठे हुए सब दर्शकों को भी उतने ही उत्साह, उमंग से देख रहा हूं, मेरी तरफ से उनका भी स्वागत है।

साथियों,

आज विश्व की दृष्टि भारत पर है, हमारे देश पर है। दुनिया में आप किसी भी देश में जाएं, वहां के लोग भारत को लेकर एक नई जिज्ञासा से भरे हुए हैं। आखिर ऐसा क्या हुआ कि जो देश 70 साल में ग्यारहवें नंबर की इकोनॉमी बना, वो महज 7-8 साल में पांचवे नंबर की इकोनॉमी बन गया? अभी IMF के नए आंकड़े सामने आए हैं। वो आंकड़े कहते हैं कि भारत, दुनिया की एकमात्र मेजर इकोनॉमी है, जिसने 10 वर्षों में अपने GDP को डबल किया है। बीते दशक में भारत ने दो लाख करोड़ डॉलर, अपनी इकोनॉमी में जोड़े हैं। GDP का डबल होना सिर्फ आंकड़ों का बदलना मात्र नहीं है। इसका impact देखिए, 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं, और ये 25 करोड़ लोग एक नियो मिडिल क्लास का हिस्सा बने हैं। ये नियो मिडिल क्लास, एक प्रकार से नई ज़िंदगी शुरु कर रहा है। ये नए सपनों के साथ आगे बढ़ रहा है, हमारी इकोनॉमी में कंट्रीब्यूट कर रहा है, और उसको वाइब्रेंट बना रहा है। आज दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी हमारे भारत में है। ये युवा, तेज़ी से स्किल्ड हो रहा है, इनोवेशन को गति दे रहा है। और इन सबके बीच, भारत की फॉरेन पॉलिसी का मंत्र बन गया है- India First, एक जमाने में भारत की पॉलिसी थी, सबसे समान रूप से दूरी बनाकर चलो, Equi-Distance की पॉलिसी, आज के भारत की पॉलिसी है, सबके समान रूप से करीब होकर चलो, Equi-Closeness की पॉलिसी। दुनिया के देश भारत की ओपिनियन को, भारत के इनोवेशन को, भारत के एफर्ट्स को, जैसा महत्व आज दे रहे हैं, वैसा पहले कभी नहीं हुआ। आज दुनिया की नजर भारत पर है, आज दुनिया जानना चाहती है, What India Thinks Today.

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साथियों,

भारत आज, वर्ल्ड ऑर्डर में सिर्फ पार्टिसिपेट ही नहीं कर रहा, बल्कि फ्यूचर को शेप और सेक्योर करने में योगदान दे रहा है। दुनिया ने ये कोरोना काल में अच्छे से अनुभव किया है। दुनिया को लगता था कि हर भारतीय तक वैक्सीन पहुंचने में ही, कई-कई साल लग जाएंगे। लेकिन भारत ने हर आशंका को गलत साबित किया। हमने अपनी वैक्सीन बनाई, हमने अपने नागरिकों का तेज़ी से वैक्सीनेशन कराया, और दुनिया के 150 से अधिक देशों तक दवाएं और वैक्सीन्स भी पहुंचाईं। आज दुनिया, और जब दुनिया संकट में थी, तब भारत की ये भावना दुनिया के कोने-कोने तक पहुंची कि हमारे संस्कार क्या हैं, हमारा तौर-तरीका क्या है।

साथियों,

अतीत में दुनिया ने देखा है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जब भी कोई वैश्विक संगठन बना, उसमें कुछ देशों की ही मोनोपोली रही। भारत ने मोनोपोली नहीं बल्कि मानवता को सर्वोपरि रखा। भारत ने, 21वीं सदी के ग्लोबल इंस्टीट्यूशन्स के गठन का रास्ता बनाया, और हमने ये ध्यान रखा कि सबकी भागीदारी हो, सबका योगदान हो। जैसे प्राकृतिक आपदाओं की चुनौती है। देश कोई भी हो, इन आपदाओं से इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान होता है। आज ही म्यांमार में जो भूकंप आया है, आप टीवी पर देखें तो बहुत बड़ी-बड़ी इमारतें ध्वस्त हो रही हैं, ब्रिज टूट रहे हैं। और इसलिए भारत ने Coalition for Disaster Resilient Infrastructure - CDRI नाम से एक वैश्विक नया संगठन बनाने की पहल की। ये सिर्फ एक संगठन नहीं, बल्कि दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं के लिए तैयार करने का संकल्प है। भारत का प्रयास है, प्राकृतिक आपदा से, पुल, सड़कें, बिल्डिंग्स, पावर ग्रिड, ऐसा हर इंफ्रास्ट्रक्चर सुरक्षित रहे, सुरक्षित निर्माण हो।

साथियों,

भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हर देश का मिलकर काम करना बहुत जरूरी है। ऐसी ही एक चुनौती है, हमारे एनर्जी रिसोर्सेस की। इसलिए पूरी दुनिया की चिंता करते हुए भारत ने International Solar Alliance (ISA) का समाधान दिया है। ताकि छोटे से छोटा देश भी सस्टेनबल एनर्जी का लाभ उठा सके। इससे क्लाइमेट पर तो पॉजिटिव असर होगा ही, ये ग्लोबल साउथ के देशों की एनर्जी नीड्स को भी सिक्योर करेगा। और आप सबको ये जानकर गर्व होगा कि भारत के इस प्रयास के साथ, आज दुनिया के सौ से अधिक देश जुड़ चुके हैं।

साथियों,

बीते कुछ समय से दुनिया, ग्लोबल ट्रेड में असंतुलन और लॉजिस्टिक्स से जुड़ी challenges का सामना कर रही है। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भी भारत ने दुनिया के साथ मिलकर नए प्रयास शुरु किए हैं। India–Middle East–Europe Economic Corridor (IMEC), ऐसा ही एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। ये प्रोजेक्ट, कॉमर्स और कनेक्टिविटी के माध्यम से एशिया, यूरोप और मिडिल ईस्ट को जोड़ेगा। इससे आर्थिक संभावनाएं तो बढ़ेंगी ही, दुनिया को अल्टरनेटिव ट्रेड रूट्स भी मिलेंगे। इससे ग्लोबल सप्लाई चेन भी और मजबूत होगी।

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साथियों,

ग्लोबल सिस्टम्स को, अधिक पार्टिसिपेटिव, अधिक डेमोक्रेटिक बनाने के लिए भी भारत ने अनेक कदम उठाए हैं। और यहीं, यहीं पर ही भारत मंडपम में जी-20 समिट हुई थी। उसमें अफ्रीकन यूनियन को जी-20 का परमानेंट मेंबर बनाया गया है। ये बहुत बड़ा ऐतिहासिक कदम था। इसकी मांग लंबे समय से हो रही थी, जो भारत की प्रेसीडेंसी में पूरी हुई। आज ग्लोबल डिसीजन मेकिंग इंस्टीट्यूशन्स में भारत, ग्लोबल साउथ के देशों की आवाज़ बन रहा है। International Yoga Day, WHO का ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के लिए ग्लोबल फ्रेमवर्क, ऐसे कितने ही क्षेत्रों में भारत के प्रयासों ने नए वर्ल्ड ऑर्डर में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, और ये तो अभी शुरूआत है, ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत का सामर्थ्य नई ऊंचाई की तरफ बढ़ रहा है।

साथियों,

21वीं सदी के 25 साल बीत चुके हैं। इन 25 सालों में 11 साल हमारी सरकार ने देश की सेवा की है। और जब हम What India Thinks Today उससे जुड़ा सवाल उठाते हैं, तो हमें ये भी देखना होगा कि Past में क्या सवाल थे, क्या जवाब थे। इससे TV9 के विशाल दर्शक समूह को भी अंदाजा होगा कि कैसे हम, निर्भरता से आत्मनिर्भरता तक, Aspirations से Achievement तक, Desperation से Development तक पहुंचे हैं। आप याद करिए, एक दशक पहले, गांव में जब टॉयलेट का सवाल आता था, तो माताओं-बहनों के पास रात ढलने के बाद और भोर होने से पहले का ही जवाब होता था। आज उसी सवाल का जवाब स्वच्छ भारत मिशन से मिलता है। 2013 में जब कोई इलाज की बात करता था, तो महंगे इलाज की चर्चा होती थी। आज उसी सवाल का समाधान आयुष्मान भारत में नजर आता है। 2013 में किसी गरीब की रसोई की बात होती थी, तो धुएं की तस्वीर सामने आती थी। आज उसी समस्या का समाधान उज्ज्वला योजना में दिखता है। 2013 में महिलाओं से बैंक खाते के बारे में पूछा जाता था, तो वो चुप्पी साध लेती थीं। आज जनधन योजना के कारण, 30 करोड़ से ज्यादा बहनों का अपना बैंक अकाउंट है। 2013 में पीने के पानी के लिए कुएं और तालाबों तक जाने की मजबूरी थी। आज उसी मजबूरी का हल हर घर नल से जल योजना में मिल रहा है। यानि सिर्फ दशक नहीं बदला, बल्कि लोगों की ज़िंदगी बदली है। और दुनिया भी इस बात को नोट कर रही है, भारत के डेवलपमेंट मॉडल को स्वीकार रही है। आज भारत सिर्फ Nation of Dreams नहीं, बल्कि Nation That Delivers भी है।

साथियों,

जब कोई देश, अपने नागरिकों की सुविधा और समय को महत्व देता है, तब उस देश का समय भी बदलता है। यही आज हम भारत में अनुभव कर रहे हैं। मैं आपको एक उदाहरण देता हूं। पहले पासपोर्ट बनवाना कितना बड़ा काम था, ये आप जानते हैं। लंबी वेटिंग, बहुत सारे कॉम्प्लेक्स डॉक्यूमेंटेशन का प्रोसेस, अक्सर राज्यों की राजधानी में ही पासपोर्ट केंद्र होते थे, छोटे शहरों के लोगों को पासपोर्ट बनवाना होता था, तो वो एक-दो दिन कहीं ठहरने का इंतजाम करके चलते थे, अब वो हालात पूरी तरह बदल गया है, एक आंकड़े पर आप ध्यान दीजिए, पहले देश में सिर्फ 77 पासपोर्ट सेवा केंद्र थे, आज इनकी संख्या 550 से ज्यादा हो गई है। पहले पासपोर्ट बनवाने में, और मैं 2013 के पहले की बात कर रहा हूं, मैं पिछले शताब्दी की बात नहीं कर रहा हूं, पासपोर्ट बनवाने में जो वेटिंग टाइम 50 दिन तक होता था, वो अब 5-6 दिन तक सिमट गया है।

साथियों,

ऐसा ही ट्रांसफॉर्मेशन हमने बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में भी देखा है। हमारे देश में 50-60 साल पहले बैंकों का नेशनलाइजेशन किया गया, ये कहकर कि इससे लोगों को बैंकिंग सुविधा सुलभ होगी। इस दावे की सच्चाई हम जानते हैं। हालत ये थी कि लाखों गांवों में बैंकिंग की कोई सुविधा ही नहीं थी। हमने इस स्थिति को भी बदला है। ऑनलाइन बैंकिंग तो हर घर में पहुंचाई है, आज देश के हर 5 किलोमीटर के दायरे में कोई न कोई बैंकिंग टच प्वाइंट जरूर है। और हमने सिर्फ बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का ही दायरा नहीं बढ़ाया, बल्कि बैंकिंग सिस्टम को भी मजबूत किया। आज बैंकों का NPA बहुत कम हो गया है। आज बैंकों का प्रॉफिट, एक लाख 40 हज़ार करोड़ रुपए के नए रिकॉर्ड को पार कर चुका है। और इतना ही नहीं, जिन लोगों ने जनता को लूटा है, उनको भी अब लूटा हुआ धन लौटाना पड़ रहा है। जिस ED को दिन-रात गालियां दी जा रही है, ED ने 22 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक वसूले हैं। ये पैसा, कानूनी तरीके से उन पीड़ितों तक वापिस पहुंचाया जा रहा है, जिनसे ये पैसा लूटा गया था।

साथियों,

Efficiency से गवर्नमेंट Effective होती है। कम समय में ज्यादा काम हो, कम रिसोर्सेज़ में अधिक काम हो, फिजूलखर्ची ना हो, रेड टेप के बजाय रेड कार्पेट पर बल हो, जब कोई सरकार ये करती है, तो समझिए कि वो देश के संसाधनों को रिस्पेक्ट दे रही है। और पिछले 11 साल से ये हमारी सरकार की बड़ी प्राथमिकता रहा है। मैं कुछ उदाहरणों के साथ अपनी बात बताऊंगा।

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साथियों,

अतीत में हमने देखा है कि सरकारें कैसे ज्यादा से ज्यादा लोगों को मिनिस्ट्रीज में accommodate करने की कोशिश करती थीं। लेकिन हमारी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ही कई मंत्रालयों का विलय कर दिया। आप सोचिए, Urban Development अलग मंत्रालय था और Housing and Urban Poverty Alleviation अलग मंत्रालय था, हमने दोनों को मर्ज करके Housing and Urban Affairs मंत्रालय बना दिया। इसी तरह, मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज़ अफेयर्स अलग था, विदेश मंत्रालय अलग था, हमने इन दोनों को भी एक साथ जोड़ दिया, पहले जल संसाधन, नदी विकास मंत्रालय अलग था, और पेयजल मंत्रालय अलग था, हमने इन्हें भी जोड़कर जलशक्ति मंत्रालय बना दिया। हमने राजनीतिक मजबूरी के बजाय, देश की priorities और देश के resources को आगे रखा।

साथियों,

हमारी सरकार ने रूल्स और रेगुलेशन्स को भी कम किया, उन्हें आसान बनाया। करीब 1500 ऐसे कानून थे, जो समय के साथ अपना महत्व खो चुके थे। उनको हमारी सरकार ने खत्म किया। करीब 40 हज़ार, compliances को हटाया गया। ऐसे कदमों से दो फायदे हुए, एक तो जनता को harassment से मुक्ति मिली, और दूसरा, सरकारी मशीनरी की एनर्जी भी बची। एक और Example GST का है। 30 से ज्यादा टैक्सेज़ को मिलाकर एक टैक्स बना दिया गया है। इसको process के, documentation के हिसाब से देखें तो कितनी बड़ी बचत हुई है।

साथियों,

सरकारी खरीद में पहले कितनी फिजूलखर्ची होती थी, कितना करप्शन होता था, ये मीडिया के आप लोग आए दिन रिपोर्ट करते थे। हमने, GeM यानि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म बनाया। अब सरकारी डिपार्टमेंट, इस प्लेटफॉर्म पर अपनी जरूरतें बताते हैं, इसी पर वेंडर बोली लगाते हैं और फिर ऑर्डर दिया जाता है। इसके कारण, भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम हुई है, और सरकार को एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की बचत भी हुई है। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर- DBT की जो व्यवस्था भारत ने बनाई है, उसकी तो दुनिया में चर्चा है। DBT की वजह से टैक्स पेयर्स के 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा, गलत हाथों में जाने से बचे हैं। 10 करोड़ से ज्यादा फर्ज़ी लाभार्थी, जिनका जन्म भी नहीं हुआ था, जो सरकारी योजनाओं का फायदा ले रहे थे, ऐसे फर्जी नामों को भी हमने कागजों से हटाया है।

साथियों,

 

हमारी सरकार टैक्स की पाई-पाई का ईमानदारी से उपयोग करती है, और टैक्सपेयर का भी सम्मान करती है, सरकार ने टैक्स सिस्टम को टैक्सपेयर फ्रेंडली बनाया है। आज ITR फाइलिंग का प्रोसेस पहले से कहीं ज्यादा सरल और तेज़ है। पहले सीए की मदद के बिना, ITR फाइल करना मुश्किल होता था। आज आप कुछ ही समय के भीतर खुद ही ऑनलाइन ITR फाइल कर पा रहे हैं। और रिटर्न फाइल करने के कुछ ही दिनों में रिफंड आपके अकाउंट में भी आ जाता है। फेसलेस असेसमेंट स्कीम भी टैक्सपेयर्स को परेशानियों से बचा रही है। गवर्नेंस में efficiency से जुड़े ऐसे अनेक रिफॉर्म्स ने दुनिया को एक नया गवर्नेंस मॉडल दिया है।

साथियों,

पिछले 10-11 साल में भारत हर सेक्टर में बदला है, हर क्षेत्र में आगे बढ़ा है। और एक बड़ा बदलाव सोच का आया है। आज़ादी के बाद के अनेक दशकों तक, भारत में ऐसी सोच को बढ़ावा दिया गया, जिसमें सिर्फ विदेशी को ही बेहतर माना गया। दुकान में भी कुछ खरीदने जाओ, तो दुकानदार के पहले बोल यही होते थे – भाई साहब लीजिए ना, ये तो इंपोर्टेड है ! आज स्थिति बदल गई है। आज लोग सामने से पूछते हैं- भाई, मेड इन इंडिया है या नहीं है?

साथियों,

आज हम भारत की मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस का एक नया रूप देख रहे हैं। अभी 3-4 दिन पहले ही एक न्यूज आई है कि भारत ने अपनी पहली MRI मशीन बना ली है। अब सोचिए, इतने दशकों तक हमारे यहां स्वदेशी MRI मशीन ही नहीं थी। अब मेड इन इंडिया MRI मशीन होगी तो जांच की कीमत भी बहुत कम हो जाएगी।

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साथियों,

आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया अभियान ने, देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को एक नई ऊर्जा दी है। पहले दुनिया भारत को ग्लोबल मार्केट कहती थी, आज वही दुनिया, भारत को एक बड़े Manufacturing Hub के रूप में देख रही है। ये सक्सेस कितनी बड़ी है, इसके उदाहरण आपको हर सेक्टर में मिलेंगे। जैसे हमारी मोबाइल फोन इंडस्ट्री है। 2014-15 में हमारा एक्सपोर्ट, वन बिलियन डॉलर तक भी नहीं था। लेकिन एक दशक में, हम ट्वेंटी बिलियन डॉलर के फिगर से भी आगे निकल चुके हैं। आज भारत ग्लोबल टेलिकॉम और नेटवर्किंग इंडस्ट्री का एक पावर सेंटर बनता जा रहा है। Automotive Sector की Success से भी आप अच्छी तरह परिचित हैं। इससे जुड़े Components के एक्सपोर्ट में भी भारत एक नई पहचान बना रहा है। पहले हम बहुत बड़ी मात्रा में मोटर-साइकल पार्ट्स इंपोर्ट करते थे। लेकिन आज भारत में बने पार्ट्स UAE और जर्मनी जैसे अनेक देशों तक पहुंच रहे हैं। सोलर एनर्जी सेक्टर ने भी सफलता के नए आयाम गढ़े हैं। हमारे सोलर सेल्स, सोलर मॉड्यूल का इंपोर्ट कम हो रहा है और एक्सपोर्ट्स 23 गुना तक बढ़ गए हैं। बीते एक दशक में हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट भी 21 गुना बढ़ा है। ये सारी अचीवमेंट्स, देश की मैन्युफैक्चरिंग इकोनॉमी की ताकत को दिखाती है। ये दिखाती है कि भारत में कैसे हर सेक्टर में नई जॉब्स भी क्रिएट हो रही हैं।

साथियों,

TV9 की इस समिट में, विस्तार से चर्चा होगी, अनेक विषयों पर मंथन होगा। आज हम जो भी सोचेंगे, जिस भी विजन पर आगे बढ़ेंगे, वो हमारे आने वाले कल को, देश के भविष्य को डिजाइन करेगा। पिछली शताब्दी के इसी दशक में, भारत ने एक नई ऊर्जा के साथ आजादी के लिए नई यात्रा शुरू की थी। और हमने 1947 में आजादी हासिल करके भी दिखाई। अब इस दशक में हम विकसित भारत के लक्ष्य के लिए चल रहे हैं। और हमें 2047 तक विकसित भारत का सपना जरूर पूरा करना है। और जैसा मैंने लाल किले से कहा है, इसमें सबका प्रयास आवश्यक है। इस समिट का आयोजन कर, TV9 ने भी अपनी तरफ से एक positive initiative लिया है। एक बार फिर आप सभी को इस समिट की सफलता के लिए मेरी ढेर सारी शुभकामनाएं हैं।

मैं TV9 को विशेष रूप से बधाई दूंगा, क्योंकि पहले भी मीडिया हाउस समिट करते रहे हैं, लेकिन ज्यादातर एक छोटे से फाइव स्टार होटल के कमरे में, वो समिट होती थी और बोलने वाले भी वही, सुनने वाले भी वही, कमरा भी वही। TV9 ने इस परंपरा को तोड़ा और ये जो मॉडल प्लेस किया है, 2 साल के भीतर-भीतर देख लेना, सभी मीडिया हाउस को यही करना पड़ेगा। यानी TV9 Thinks Today वो बाकियों के लिए रास्ता खोल देगा। मैं इस प्रयास के लिए बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, आपकी पूरी टीम को, और सबसे बड़ी खुशी की बात है कि आपने इस इवेंट को एक मीडिया हाउस की भलाई के लिए नहीं, देश की भलाई के लिए आपने उसकी रचना की। 50,000 से ज्यादा नौजवानों के साथ एक मिशन मोड में बातचीत करना, उनको जोड़ना, उनको मिशन के साथ जोड़ना और उसमें से जो बच्चे सिलेक्ट होकर के आए, उनकी आगे की ट्रेनिंग की चिंता करना, ये अपने आप में बहुत अद्भुत काम है। मैं आपको बहुत बधाई देता हूं। जिन नौजवानों से मुझे यहां फोटो निकलवाने का मौका मिला है, मुझे भी खुशी हुई कि देश के होनहार लोगों के साथ, मैं अपनी फोटो निकलवा पाया। मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं दोस्तों कि आपके साथ मेरी फोटो आज निकली है। और मुझे पक्का विश्वास है कि सारी युवा पीढ़ी, जो मुझे दिख रही है, 2047 में जब देश विकसित भारत बनेगा, सबसे ज्यादा बेनिफिशियरी आप लोग हैं, क्योंकि आप उम्र के उस पड़ाव पर होंगे, जब भारत विकसित होगा, आपके लिए मौज ही मौज है। आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

धन्यवाद।