Today, having a stable government in the country is important, a government which understands the aspirations of the youth and makes policies for them: PM Modi
Congress has always instilled fear in Dalits, sometimes in tribals, sometimes in minorities; they are spreading fear about democracy, the constitution, and reservation: PM Modi in Banswara

भारत माता की...भारत माता की....आप सभी को नमस्कार, राम- राम

मेवाड़, मालवा और गुजरात की संस्कृतियों की त्रिवेणी बेणेश्वर धाम की पवित्र भूमि को, मैं नमन करता हूं। कुछ समय पहले मैंने मावजी महाराज का स्मरण करते हुए गारंटी दी थी, कि जादूगर का जादू नहीं चलेगा। वागड़ ने, राजस्थान ने मोदी की वाणी का मान रखा, इसके लिए आप सभी का मैं सिर झुकाकर के वंदन करता हूं। महाराणा प्रताप, बंसिया भील और गोविंद गुरु के शौर्य की ये भूमि, आज शक्तिशाली भारत के लिए मजबूत सरकार का प्रण ले रही है। चारों तरफ मैं राजस्थान में जहां-जहां गया हूं, हिंदुस्तान के जिस-जिस कौने में पहुंचा हूं अब तक चारों तरफ एक ही बात गूंज रही है- फिर एक बार...मोदी सरकार! फिर एक बार... मोदी सरकार! फिर एक बार... मोदी सरकार!

भाइयों और बहनों,

पूरे वागड़ से भाजपा का रिश्ता, बहुत पुराना है। यहां की वीर धऱा ने हमेशा भाजपा पर अपना विश्वास जताया है। आज की वैश्विक परिस्थितियों में पूरे वागड़ का भाजपा के साथ रहना ये बहुत जरूरी है। आज भारत में स्थिर सरकार का मजबूत सरकार का होना भी बहुत जरुरी है। एक ऐसी सरकार जो सरहदों की रक्षा कर सके और जरूरत पड़े तो पाताल में भी खोजकर दुश्मनों का सफाया कर सके। एक ऐसी सरकार जो देश की महिला, किसान, गरीब, वंचित, जनजातीय, पिछड़े वर्ग, समाज के इन सभी वर्गों को सम्मान और समृद्धि की तरफ ले जा सके। एक ऐसी सरकार जो युवाओं के सपनों को समझे और उनके लिए नीतियां बनाए। और, एक ऐसी सरकार जो देश में भविष्य के हिसाब से इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर सके। हमारा 10 साल का ट्रैक रिकॉर्ड गवाह है, ये काम सिर्फ और सिर्फ भाजपा ही कर सकती है। और कोई कर सकता है क्या? और किसी पर भरोसा कर सकते हैं क्या...और लोग यहां वोट मांगने के लिए निकले हैं उनको पूछो तो भई इतना बड़ा देश एक नाम तो बताओ हम किसको सपोर्ट करें बताओ....कोई नाम बता सकते हैं क्या.... कोई नाम बता सकते हैं क्या....क्या आप ऐसे जिसका नाम ही नहीं है, पहचान नहीं है, पुराना कोई रिकोर्ड का अता-पता नहीं है, क्या उसको इतना बड़ा देश दें सकतें हैं क्या...क्या आपके सपनों को उनके भरोसे छोड़ सकते हैं क्या... क्या आपके बच्चों के भविष्य को उनके हवाले कर सकते हैं क्या...ये मोदी है, जिसको आप जानते हैं ना, जानते हैं ना.... 23 साल से हो गये, 13 साल गुजरात में भी... ये डूंगरपुर बांसवाड़ा के लोगों ने तो मुझे बहुत निकट से देखा है... और मेरे, मैं तो आपके लिए एक प्रकार से घर का ही हूं।

साथियों,

देश के उज्जवल भविष्य के लिए, देश को मजबूत बनाने के लिए, आपके सपनों को पूरा करने के लिए, इसी आधार पर मोदी पूरे देश से, राजस्थान से, और बागड़ से आशीर्वाद मांगने के लिए आया है।

भाइयों और बहनों,

भाजपा, सबका साथ, सबका विकास, सुशासन का एक उम्दा मंत्र लेकर के समर्पण भाव से काम कर रही है। बांसवाड़ा और डुंगरपुर के जिन 3 लाख परिवारों को पक्के घर मिले हैं, उनमें से बड़ी संख्या में हमारे आदिवासी परिवार है। आप मुझे बताइए भाइयों, 10 साल में दो जिले में 3 लाख पक्के घर यह काम छोटा है क्या? छोटा है क्या? गरीबों की चिंता की ना की.. आदिवासियों की चिंता की या ना की… जहां बांसवाड़ा में पौने चार लाख से अधिक परिवारों तक नल से जल पहुंचा है, जब नल से जल आता है ना… तो माताएं-बहने आशीर्वाद किसको देंगी? माताएं बहने आशीर्वाद किसको देंगी... और माताओं-बहनों के आशीर्वाद जिस पर होते हैं, जीवन में उसे कोई तकलीफ होती है क्या? यही मेरा सौभाग्य है कि माताओं-बहनों का मुझे भरपूर आशीर्वाद मिल रहा है...

बांसवाडा और डूंगरपुर की 5 लाख से अधिक बहनों को सस्ते गैस सिलेंडर वाली उज्ज्वला गैस मिली है। अगर रोज खाना पकाना हो, धुंए से जिंदगी गुजारनी हो, और जब धुंए में कोई मां खाना पकाती है ना तो एक दिन में उसके शरीर में 400 सिगरेट का धुंआ जाता है... 400 सिगरेट का धुंआ, उस मां की चिंता कौन करेगा.... उस मां की चिंता कौन करेगा... ये बेटा करेगा और इसीलिए गैस के चूल्हे दिए... कोरोना के समय हमने मुफ्त राशन की योजना शुरू की दुनिया भर में बहुत बड़ा संकट आया था लेकिन संकट में मुझे सबसे पहली याद मेरे आदीवासी भाई-बहनों की आई, मेर गरीब परिवारों की आई, मेरे दलित, मेरे वंचित, मेरे पिछड़ो की याद आई....और मैंने मुझ पर दबाव था, कोरोना के समय के अखबार निकाल के देख लीजिए। यह कांग्रेस में बैठे हुए बड़े-बड़े अपने आप को ज्ञानी मानते हैं, दुनिया भर के जो अर्थशास्त्री हैं मुझ पर दबाव डालते थे कि रूपये दो उद्योग वालों को रुपए दो, अलग-अलग काम करने पर वरना बहुत बड़ा तूफान मच जाएगा। अर्थ तंत्र खत्म हो जाएगा, लोगों की नौकरीयां चली जाएगी लोग भूख मारेंगे, मैंने उनकी एक बात नहीं सुनी किसी भी धनी आदमी को मैंने 1 रुपया नहीं दिया, अगर मैंने दिया तो गरीब को मुफ्त राशन दिया। तिजोरी खाली कर दी लेकिन मैंने पक्का किया कि गरीबों के घर में चूल्हा जलता रहना चाहिए। गरीब का बच्चा भूखा सोना नहीं चाहिए, गरीब की मां की आंख में से कभी आंसू नहीं टपकना चाहिए, और इसलिए मैंने मुफ्त राशन की योजना चलाई। और मैं आज फिर गारंटी देने आया हूं, आने वाले 5 साल मुफ्त राशन मिलता रहेगा। इसका सबसे अधिक फायदा, मेरे आदिवासी परिवार को, मेरे दलित परिवार को और मेरे पिछड़े परिवारों को हुआ। पानी और गैस के बाद, अब मोदी का मिशन, हर घर सूर्यघर बनाने का है। मेरी कोशिश है, आपका बिजली का बिल जीरो हो जाए... यानी सरकार घर की छत पर छोटा सा सोलर प्लांट लगाने के लिए आपको पैसे देगी. आर्थिक मदद करेगी. जितनी जरूरत है उतनी बिजली फ्री आप जीरो बिल से खुद उपयोग करो और अतिरिक्त बिजली है तो सरकार खरीदेगी और आप अपने घर में बिजली से कमाई करो ये काम है। मोदी हर बार कोई ना कोई नया काम आपकी सेवा के लिए करता है, आपकी मजबूती के लिए करता है। क्योंकि मुझे मेरा देश मजबूत बनाने के लिए हर परिवार को मजबूत बनाना है।

भाइयों-बहनों,

आप लोग चुनाव प्रचार में जाते होंगे... जाते हैं? लोगों को मिलते होंगे, मिलते हैं? तो मेरा एक काम करोगे, ऐसे नहीं हाथों पर करके पूरी ताकत से बताओ.... मेरा एक काम करोगे, पक्का करोगे... अभी जब आप प्रचार में जाएंगे, तो हो सकता है किसी गांव में एक-आध दो ऐसे परिवार मिल जाए जिनको अभी गैस चूल्हा नहीं मिला होगा, एक-आध दो परिवार मिल जाएं जिनको अभी नल से जल नहीं मिला होगा, कुछ परिवार मिल जाए जिनका अभी पक्का घर नहीं मिला होगा, कुछ परिवार ऐसे होंगे पहले की तुलना में अब दो परिवार बन गए होंगे, और घर की जरूरत होगी तो मेरा एक काम करना है... उनको बता देना कि मोदी ने गारंटी दी है, की 4 जून के बाद नई सरकार बनने के बाद मैं उनके ये अधूरे काम भी पूरे कर दूंगा। ये मेरी गारंटी पहुंचा दोगे? जो भी सुविधांए मिलने के लिए वो पात्र हैं और अब तक अगर पहुंची नहीं कुछ लोग छूट गए हैं तो मोदी उनकी भी गारंटी लेता है।

साथियों,

आप में से जो लोग भी मेहनत करते होंगे, नौकरी करते होंगे, कमाते होंगे, आपके परिवार में बुजुर्ग होंगे, बूढ़े मां-बाप होंगे, नाना-नानी हो सकते हैं, चाचा-चाची हो सकते हैं, अब आप इतना काम करते हैं तो आपका मन रहता है की भई कमाई का कुछ पैसा बच्चों के भविष्य के लिए लगाएं... लेकिन परिवार में बुजुर्ग मां-बाप है उनको और कोई खर्चा नहीं होता है लेकिन कोई बीमारी आ जाए तो दवाई का खर्चा तो हो ही जाता है और वह उम्र भी ऐसी होती है की दवाई का खर्च होना ही होना होता है.. मैं आप सबको कहना चाहता हूं ये जो दवाई का इलाज का बोझ आप पर है ना, जैसे वह आपके माता-पिता है वैसे ही वो मेरे माता-पिता भी है। और इसलिए आज आपके माता-पिता का खर्च दवाई का आप उठाते हैं ना, 70 साल के ऊपर के आपके परिवार के बुजुर्गों की इलाज का खर्चा अब ये आपका बेटा उठाएगा। और इसीलिए भाजपा ने ऐलान किया है कि 70 वर्ष की ऊपर की आयु के सभी बुजुर्गों को, चाहे वो गरीब हों, मध्यम वर्ग के हों या उच्च हो, कोई भी हिंदुस्तान का कोई भी 70 साल से ऊपर का बुजुर्ग होगा उनका इलाज मुफ्त किया जाएगा। सरकार उसका जिम्मा लेगी।

भाइयों और बहनों, मैं माता त्रिपुरा सुंदरी को नमन करते हुए, माताओं-बहनों को भी मोदी की एक बड़ी गारंटी याद दिला रहा हूं। लखपति दीदी अभियान के तहत अब तक 1 करोड़ बहनों की वार्षिक आय 1 लाख से अधिक हो चुकी है। अब मोदी की गारंटी है कि 3 करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाया जाएगा। हमारी बेटियां खेलों में खूब आगे बढ़ें, इसके लिए भी विशेष कार्यक्रम, विशेष सुविधाएं बनाई जाएगी। यहां स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी जो बहनें हैं, उनके लिए आने वाले 5 साल सुख समृद्धि के होने वाले हैं। भाजपा ने इन समूहों से जुड़ी बहनों को विशेष ट्रेनिंग का ऐलान किया है, ताकि वो भी शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, जैसे क्षेत्रों से भी जुड़ सकें। बिना गारंटी का ऋण देने वाली मुद्रा योजना के तहत लोन की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख की जा रही है। इसका फायदा भी मेरी माताओंड-बहनों को भी होगा।

साथियों,

भाजपा, गरीब कल्याण के लिए समर्पित है, पूरी ईमानदारी से काम करती है। लेकिन कांग्रेस की दुकान में भय-भूख और भ्रष्टाचार ही बिकता है। कांग्रेस ने हमेशा दलितों को डराया, कभी आदिवासियों को डराया, कभी अल्पसंख्यकों को डराया। आज भी ये कभी लोकतंत्र को लेकर, संविधान को लेकर, आरक्षण को लेकर भांति-भांति का झूठ फैला रहें हैं, भांति-भांति का डर दिखा रहे हैं। लेकिन कांग्रेस को पता नहीं है, कि भारत हर प्रकार के डर से बाहर निकल चुका है, और इसलिए इनका झूठ नहीं चल पा रहा है। आज देखिए, देशभर में जिन-जिन राज्यों में आदिवासी आबादी अधिक है, वहां कांग्रेस या तो सत्ता से बाहर है या फिर तीसरे-चौथे नंबर पर है।

साथियों,

कांग्रेस के विरुद्ध ये आदिवासी समाज का आक्रोश है इस आक्रोश के ठोस कारण हैं। आप मुझे बताइए, जब पंचायत से पार्लियामेंट तक कांग्रेस की सरकारें थीं, तब भी आदिवासी समाज था या नहीं था? आदिवासी समाज था कि नहीं था, देश गुलाम था तब भी आदिवासी समाज था कि नहीं था, प्रभु रामचंद्र के जमाने में आदिवासी समाज था कि नहीं था, लेकिन उनको तो कभी आदिवासियों के कल्याण के लिए कोई मंत्री मिनिस्ट्री बनाने का मन नहीं कर गया, बजट बनाने का मन नहीं कर गया, ये अटल जी की सरकार आई, तब पहली बार आदिवासियों के लिए अलग मंत्रालय बना अलग बजट बना.... करोड़ों आदिवासी बेटे-बेटियों में से कांग्रेस को 60 वर्षों में एक भी ऐसा नहीं मिला, जो देश का राष्ट्रपति बन सके? क्या आदीवासी समाज में क्षमता नहीं थी क्या... ज़रा सोचिए, कांग्रेस की क्या मानसिकता है। 2014 में आपने अपने इस सेवक को आशीर्वाद दिया। आज देश की पहली नागरिक, हमारी सेनाओं की सुप्रीम कमांडर, देश की राष्ट्रपति- आदिवासी समाज की एक बेटी हैं। यही असली भागीदारी है, यही बाबासाहेब के दिए संविधान की स्पिरिट है। पूरी दुनिया ने इसकी प्रशंसा की, लेकिन कांग्रेस और इंडी-गठबंधन, उनका विरोध किया।

साथियों,

ये भाजपा ही है जिसने स्वतंत्रता आंदोलन में आदिवासी समाज की भूमिका को स्वीकारा, उनके लिए समर्पित म्यूजियम बनवाए हैं। ये भाजपा ही है, जिसने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस घोषित किया। और अब तो भाजपा ने ऐलान किया है कि अगले साल भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्मजयंति को जनजातीय गौरव अभियान के रूप में पूरे वर्ष भर हिंदुस्तान के हर कौने में मनाया जाएगा। और मुझे पता है, जब मैं ये बातें बतांऊ ना तब कांग्रेस वालों के पेट में दर्द शुरू हो जाता होगा।

साथियों,

कांग्रेस जैसी पार्टियों को आपकी परवाह नहीं है। कांग्रेस जैसी पार्टियां सिर्फ अपनी संतानों के लिए काम करती हैं। आप सारे कांग्रेस के नेता देख लीजिए, वो अपने संतानों के लिए ही लगे हुए हैं.... इंडी- गठबंधन के सारे लोग अपने बच्चों को फिट करने में लगे हुए हैं और मोदी क्या कर रहा है? मोदी आपके संतानों के भविष्य के लिए खप रहा है। आपके संतानों के लिए, भविष्य बनाने के लिए दिन रात मेहनत कर रहा है... अब आप देखिए, माता को गर्भ के दौरान अच्छा भोजन मिले, इसके लिए भाजपा सरकार हर गर्भवती मां को 6 हजार रुपया दे रही है। आदिवासी समाज को सिकल सेल अनीमिया से मुक्ति दिलाने का मिशन तेज़ गति से चल रहा है। इस अभियान के तहत अब तक देश भर में ढाई करोड़ से अधिक आदिवासी साथियों की मुफ्त जाँच की जा चुकी है। दवाई के साथ-साथ आदिवासी युवाओं की पढ़ाई और कमाई के लिए भी अभूतपूर्व काम हो रहा है। 10 सालों में आदिवासी बच्चों के लिए हमने 400 से अधिक एकलव्य मॉडल स्कूल खोले हैं। भाजपा का संकल्प है कि इनको हम साढ़े 700 तक ले जाएंगे। हमने 24 हज़ार करोड़ रुपए की योजना उन जनजातियों के लिए भी बनाई है, जो आदिवासियों में भी सबसे पिछड़े हैं। इसमें राजस्थान की भी हमारी सहारिया जैसी कौम, सहारिया जैसी जातियां उनको हमने प्राथमिकता दी है।

साथियों,

स्वार्थ और अवसरवादिता में घिरी कांग्रेस की हालत ऐसी हो गई है कि कांग्रेस का शाही परिवार, आजादी के इतिहास में पहली बार होगा और ये नोट करिए आजादी के बाद इतने चुनाव हुए, पहली बार दिल्ली में कांग्रेस का जो शाही परिवार रहता है वो कांग्रेस को वोट नहीं देगा। अगर ये शाही परिवार कांग्रेस को वोट नहीं देता है तो आपसे वोट मांगने का उनको क्या हक है भाई... जहां इस शाही परिवार के लोग रहते हैं, वहां कांग्रेस चुनाव ही नहीं लड़ रही है। पहली बार ऐसा हो रहा है कांग्रेस की दुर्दशा कि उनका शाही परिवार खुद कांग्रेस को वोट नहीं कर पाएगा इधर राजस्थान में क्या हो रहा है हमारे यहां कांग्रेस के नेता घर-घर जाकर के क्या कह रहे हैं कांग्रेस को वोट मत दो पूरी कांग्रेस पार्टी हम पहले तो सुनते थे कि वह कहते थे बीजेपी को वोट मत दो यहां पर पूरी कांग्रेस पार्टी घर-घर जाकर कह रही है कांग्रेस को वोट मत दो। दिल्ली में शाही परिवार कांग्रेस को वोट नहीं देता यहां कांग्रेस कहती है कांग्रेस को वोट मत दो यह हाल है इस पार्टी का इस पर आप भरोसा कर सकते हैं? भाइयों बहनों इन दिनों जो लोग कांग्रेस छोड़कर के बाहर निकले हैं वे एक बात बड़ी गंभीरता से बताते हैं, वे सारे लोग कह रहे हैं कि कांग्रेस अब कांग्रेस नहीं रही है अब कांग्रेस अर्बन नक्सलों के कब्जे में चली गई है। कांग्रेस अब वामपंथियों के चंगुल में फंसी हुई है, तो हमारे मित्र ने उनको पूछा कि आप यह कैसे कहते हैं.... तो उन्होंने कहा उनका मेनिफेस्टो देख लीजिए, इस बार का कांग्रेस का मेनिफेस्टो देख लीजिए कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में जो कहा है वह चिंताजनक है, गंभीर है। और ये माओवाद की सोच को धरती पर उतारने की उनकी कोशिश है। उन्होंने कहा है कि अगर कांग्रेस की सरकार बनेगी तो हर एक ही प्रॉपर्टी का सर्वे किया जाएगा, हमारी बहनों के पास सोना कितना है उसकी जांच की जाएगी उसका हिसाब लगाया जाएगा, हमारे आदिवासी परिवारों में चांदी होती है। सिल्वर कितना है उसका हिसाब लगाया जाएगा सरकारी मुलाजिमों के पास कितनी जगह है, क्या है, और पैसे कहां है, नौकरी कहां है, उसकी जांच की जाएगी इतना ही नहीं आगे क्या कहा है यह जो गोल्ड है माताओं-बहनों का और जो संपत्ति है ये सब को समान रूप से वितरित कर दी जाएगी।


क्या यह आपको मंजूर है क्या आपकी संपत्ति सरकार को ऐंठने का अधिकार है क्या? क्या आपकी संपत्ति को आपने मेहनत करके कमाई हुई संपत्ति को सरकार को ऐंठने का अधिकार है क्या? क्या उस संपत्ति को मेरी माताओं- बहनों की जिंदगी में सोना वो सिर्फ शो करने के लिए नहीं होता है, उसके स्वाभिमान से जुड़ा हुआ है उसका मंगलसूत्र वह एक सोने का कीमत का मुद्दा नहीं है... उसके जीवन के सपनों से जुड़ा हुआ है, तुम उसे छीनने की बात कर रहे हो अपने मेनिफेस्टो में? गोल्ड ले लेंगे सबको वितरित कर देंगें... और पहले जब उनकी सरकार थी उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकतर मुसलमानों का है। इसका मतलब यह संपत्ति इकट्ठी कर के किसको बांटेंगे जिनके ज्यादा बच्चे हैं उनको बांटेंगे। घुसपैठियों को बाटेंगे, क्या आपकी मेहनत की कमाई का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा, आपको मंजूर है ये... ये कांग्रेस मेनिफेस्टो कह रहा है कि वह माताओं-बहनों के सोने का हिसाब करेंगे, उसकी जड़ती करेंगे, जानकारी लेंगे और फिर उस संपत्ति को बांट देंगे और उनको बाटेंगे जिनको मनमोहन सिंह जी की सरकार ने कहा था की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। भाइयों बहनों ये अर्बन नक्सल की सोच मेरी माताओं- बहनों ये आपका मंगलसूत्र भी बचने नहीं देंगे, यहां तक जाएंगे मैं कहने आया हूं।

साथियों,

कांग्रेस में भ्रष्टाचार ही शिष्टाचार है, ये तो वागड़ के लोग अच्छी तरह जानते हैं। कांग्रेस के शासनकाल में युवाओं के सपनों के साथ खिलवाड़ किया गया। अब कांग्रेस के पेपरलीक माफिया पर भी हमारे भजन लाल जी पूरी ताकत से लगे हैं और उनको ठिकाने लगा कर के रहेंगें। केंद्र सरकार ने भी इसके लिए एक कड़ा कानून बनाया है। अब इनको यह भी मालूम नहीं है, पार्लियामेंट में बैठते हैं पेपर लीक का कानून बन चुका है। और ये घूमते फिरते हैं कि हम कानून बनाएंगे ये कानून युवाओं को धोखा देने वालों को कड़ी सजा दिलाएगा और यह मोदी की गारंटी है।

साथियों,

कांग्रेस ने वागड़ इलाके को भी सड़क, रेल और दूसरी कनेक्टिविटी से हमेशा वंचित रखा। आपको ऐसी सुविधाएं देना ये मोदी की गारंटी है। हमने रतलाम-डूंगरपुर रेल लाइन को वाया बांसवाड़ा से जोड़ने का काम शुरू करवाया है। इस काम को भी कांग्रेस ने बरसों तक लटका कर रखा था। उदयपुर-बांसवाड़ा और डूंगरपुर को श्यामला जी गुजरात के साथ जोड़ने वाले नेशनल हाईवे से भी बहुत फायदा हो रहा है। उदयपुर में कनेक्टिविटी सुधारने के बहुत से काम हो रहे हैं इसमें हाईवे, रेलवे के कई प्रोजेक्ट शामिल हैं। बांसवाड़ा में पावर प्लांट भी बन रहा है। 4 जून के बाद ऐसे हर काम को तेज़ी से पूरा किया जाएगा।


साथियों,

बीते साल में बहुत कुछ हुआ है। लेकिन अभी हमें विकसित भारत बनाने के लिए बहुत कुछ करना है। मोदी का मिशन है- Twenty Four By Seven, For Twenty Forty Seven. मैं आपको भी इस मिशन से जुड़ने के लिए आमंत्रित कर रहा हूं। और इसके लिए, 26 अप्रैल को भारी मतदान ज़रूरी है। बांसवाड़ा से हमारे साथी भाई महेंद्र मालवीय...

उदयपुर से मन्नालाल रावत... संसद पहुंचेंगे तो मोदी के मिशन को मज़बूत करेंगे और हां आपको बागीदोरा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी सुभाष जी को, सुभाष तमोलिया जी को भी अपना प्रचंड समर्थन देना है। आप घर-घर जाना और सबको कहना मतदान अवश्य करें...कहेंगें? मतदान करने के लिए कहेंगें? अब मुझे बताइए हमें लोकसभा भी जितनी है, यह असेंबली का चुनाव भी जितना है, लेकिन यह जितना है तो क्या करना पड़ेगा?... क्या करना पड़ेगा?.... ज्यादा से ज्यादा मतदान करना पड़ेगा, करेंगे?... मतदान करने के लिए जाएं तो गांव में बूथ में एक एक पूरे उत्सव का वातावरण बनाइए, गाना गाते-गाते सब माताएं- बहने वोट करने के लिए जाएं सामूहिक रूप से जाएं देखिए, एक माहौल बन जाएगा लोकतंत्र का उत्सव बन जाएगा और दूसरा काम हर किसी का एक ही संकल्प होना चाहिए हम हमारा पोलिंग बूथ जीत के रहेंगे.. हमारा पोलिंग बूथ हम हारेंगे नहीं... हमारे पोलिंग बूथ में हम भाजपा का झंडा झुकने नहीं देंगे, इसकी चिंता करेंगे.... पक्का करेंगे... अच्छा मेरा एक काम करेंगे? क्यों ठंडे हो गए ये मालवीय जी के लिए कहा तो सबने कहा करेंगे... अब मैं कह रहा हूं मेरा काम करेंगे तो ठंडे पड़ गए हैं, जरा हाथ ऊपर करके बताइए मेरा काम करेंगे... पक्का करेंगे, अच्छा एक काम करना घर-घर जाना और हर घर में जो भी बुजुर्ग हो उनको कहना अपने मोदी भाई बांसवाड़ा आए थे। और मोदी भाई ने मोदी भाई ने आपको राम-राम कहा है। मेरा राम-राम पहुंचा देंगे? हर परिवार को मेरा राम-राम पहुंचा देंगे? ...

बोलिए भारत माता की... भारत माता की... भारत माता की...

बहुत-बहुत धन्यवाद।

 

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!