కర్నాటకకు చెందిన బీజేపీ కార్యకర్తలతో ప్రధాని మోదీ సంభాషించడం, నమో యాప్ ద్వారా సమర్థవంతమైన పాలన కమ్యూనికేషన్‌కు పార్టీ నిబద్ధతను నొక్కి చెబుతోంది.
ఏప్రిల్ 6వ తేదీన బిజెపి వ్యవస్థాపక దినోత్సవాన్ని హైలైట్ చేస్తూ, నిరంతర సమర్థవంతమైన ప్రజా సేవ కోసం తిరిగి అధికారంలోకి రావడం యొక్క ప్రాముఖ్యతను ప్రధాని మోదీ నొక్కి చెప్పారు.
జన్ సేవ పట్ల బిజెపి కార్యకర్తల అంకితభావాన్ని గుర్తించిన ప్రధానమంత్రి మోదీ, కీలకమైన విషయాలను చర్చించడానికి వారితో నేరుగా నిశ్చితార్థం చేసుకున్నట్లు పునరుద్ఘాటించారు.
ప్రతి ఇంటి నుండి '4 జూన్, 400 పార్' అనే ప్రతిధ్వనించే నినాదాన్ని ఉదహరిస్తూ, బిజెపిపై కర్ణాటక ప్రజలకు ఉన్న బలమైన నమ్మకాన్ని ప్రధాని మోదీ గుర్తించారు.
క‌ర్ణాట‌క ప్ర‌జ‌ల‌కు సేవ చేయాల‌న్న భాజ‌పా నిబ‌ద్ధ‌త‌ను పున‌రుద్ఘాటిస్తూ, ప్ర‌చార‌పై క‌చ్చితమైన ప్ర‌ణాళిక‌తో పాటు స‌మాన దృష్టి పెట్టాల‌ని ప్ర‌ధాన మంత్రి మోదీ కోరారు.

प्रधानमंत्री मोदी- नमस्कार,
कर्नाटक के मेरे सभी कार्यकर्ता भाई-बहनों को मेरा नमस्कार!
नीमागेल्ला नन्ना नमस्कारागालु
आज मुझे जगद्गुरु बसवेश्वरा की धरती के प्रतिनिधि, ऐसे आप सभी बीजेपी कार्यकर्ताओं से संवाद करने का अवसर मिला है।
कर्नाटक की धरती, नाडप्रभु कैंपागौड़ा और सर एम. विश्वेश्वरैया जी जैसी कन्नड़ भाषा और कन्नड़ साहित्य दोनों भारत की लेखन परंपरा की धरोहर हैं।
मुझे पता है, आप सभी लोकसभा चुनाव के प्रचार अभियान में पूरी तरह से जुटे हुए हैं। वैसे तो भाजपा का कार्यकर्ता हर समय जनसेवा के लिए समर्पित रहता है। लेकिन इस समय आपका फोकस 26 अप्रैल और 7 मई को होने वाले वोटिंग की तैयारी पर है। बीजेपी कार्यकर्ता होने के नाते मैं भी, आप सबसे बात करने, आपके बीच आया हूं।

कल, यानि 6 अप्रैल को बीजेपी का स्थापना दिवस होता है। ये वो दिन है, जो जनसेवा का संकल्प और मजबूत करता है। जनसेवा के इस महायज्ञ को जारी रखने के लिए सरकार में वापसी उतनी ही जरूरी है। जनता-जनार्दन का आशीर्वाद उतना ही जरूरी है। इसलिए 10 वर्षों तक काम करके हमने जो उपलब्धियां हासिल की हैं, हमें उन सबको जनता तक ले जाना है।

कर्नाटक के लोगों का भाजपा पर भरोसा निरंतर बढ़ा है। इसीलिए तो कर्नाटक के घर-घर से आवाज आने लगी है- चार जून, चार सौ पार!
चलिए, मैं कोई ज्यादा लंबा भाषण करना नहीं चाहता हूं। आप ही को सुनना चाहता हूं। और इसलिए हम चर्चा शुरू करते हैं। आइए, हमारे पहले कार्यकर्ता अपना परिचय बताएं और बातचीत शुरू करें।


प्रधानमंत्री मोदी- कौन बोलेंगे, पहले
राजेश- नमस्ते सर।
प्रधानमंत्री मोदी- नमस्ते जी, राजेश जी नमस्कार।
राजेश- मैं राजेश सर, बूथ अध्यक्ष, बूथ संख्या-65, मैसुरु लोकसभा क्षेत्र।
प्रधानमंत्री मोदी- मेरी तरफ से भी, वहां के सब जनता-जनार्दन को खास करके मैसूरु के लोगों को, मेरी तरफ से आप नमस्कार कहिए।
प्रधानमंत्री मोदी- मैसूरु के लोगों को भी मेरा नमस्कार करिए। अच्छा राजेश जी, चुनाव के लिए अब बहुत कम समय बचा है। काम बहुत है, तो मुझे ये बताइए कि आपके कामों का बंटवारा ठीक से हो रहा है कि नहीं। और मुख्य बात मैं जानता हूं कि इस चुनाव का मेरा एक ही लक्ष्य है कि मैं इतना समय आप सब कार्यकर्ताओं, बूथ के कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत में इसलिए लगाता हूं, क्योंकि मेरा लक्ष्य है कि हमें बूथ जीतना है। पोलिंग बूथ में विजय पक्का करना है। आप पोलिंग बूथ पर काम करते हैं। आपने ऐसी क्या योजना बनाई है, पोलिंग बूथ जीतने की।
राजेश- जी सर, काम का विभाजन हुआ है औऱ कार्यकर्ताओं को यह जानकारी दी जाती है कि उसे क्या-क्या काम करना है। प्रत्येक पेज लीडर को कुल 40 मतदाता आवंटित किए गए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी- अच्छा सभी पन्ना प्रमुख, आपके जो पेज प्रमुख हैं, उनका मीटिंग करते हैं क्या।
राजेश- हां सर मीटिंग करते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी - अच्छा राजेश जी, आपके बूथ पर सारी चुनाव सामग्रियां पहुंच जाए, कभी क्या होता है कि कार्यालय में आ करके सारा ढेर पड़ा रहता है। एक चीज बूथ में बंटे उससे पहले दूसरी आ जाती है। दूसरी बंटे, तीसरी आ जाती है। फिर कार्यकर्ताओं का बहुत बड़ा मैटेरियल वेस्ट जाता है। आप इसके लिए क्या सुनिश्चित करते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी- अच्छा ऐसा तो नहीं है कि जो महिलाओं के बीच में बांटने वाले पर्चे हैं, वो युवकों में बंट रहे हैं। जो किसानों को बांटना है, वो बाजार में बांट रहे हैं। ऐसी गलतियां तो नहीं हो रहीं हैं न।
राजेश- हो गया है, बोल रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी- देखिए हो नहीं जाता है, अभी तो आपका चुनाव है। अभी तो शुरूआत हुई होगी, अभी तो चीजें आना बाकी है। मतदाता सूची क्या सबके पास पहुंच गई है। पन्ना प्रमुख के पास उसके पेज के सारे वोटर हैं क्या। एक बार कितने परिवारों का एक राउंड हुआ होगा बूथ में, और देख लिया होगा कि कितने हैं, कितने बाहर चले गए हैं। कितने लोग हैं लेकिन वोटर लिस्ट में नाम नहीं है। ऐसे सारा टिक मार्क कर दिया है, ऐसा कितना हुआ होगा।
राजेश- हर एक कार्यकर्ता को प्रतिदिन 30 घरों तक पहुंचने का काम सौंपा गया है।
प्रधानमंत्री मोदी- चलिए राजेश जी, आपसे बात करके मुझे अच्छा लगा। मैसूरु तो संस्कृति और सांस्कृतिक परंपरा की धरती रही है। बीते 10 वर्षों में भारत में हमारी सांस्कृतिक विरासत के लिए जो इतने सारे काम हुए हैं, हमें उसे लोगों तक पहुंचाना है। संगठन को सबसे ज्यादा मेहनत करनी होती है। ये वो समय होता है, जब हमें वोटर्स को अपना रिपोर्ट कार्ड देना होता है। इसके अलावा उन तक बूथ की जानकारी, वोटर स्लिप पहुंचाना, ये भी बहुत जरूरी होता है।
प्रधानमंत्री मोदी- राजेश जी, मैं एक और सुझाव दूंगा कि आप पन्ना प्रमुख के साथ दो -तीन और कार्यकर्ताओं की एक-एक और टोली बनाऐं। और एक टोली को दस घर और उस टोली में एक-दो महिला भी होनी चाहिए। कम से कम तीन लोगों की टोली होनी चाहिए और हम लोग क्या करते हैं। चुनाव में हाथ में झंडा लेकर के पर्चे ले करके निकलते हैं, जूलूस जैसा निकालते हैं, वो करना चाहिए लेकिन परिवार में जाना घर में बैठना,उनके घर से पानी पीना फिर उनके घर से गप्पे मारते मारते उनका वोट पक्का करना, देखिए चुनाव में प्रचार करना एक काम है औऱ वोट पक्का करना दूसरा काम है। और सबसे महत्वपूर्ण काम है वोट पक्का करना। और इसलिए मेरा आग्रह रहेगा कि इन चीजों पर सबसे ज्यादा बल दें।
प्रधानमंत्री मोदी- मुझे पक्का विश्वास है कि आप लोग मोदी सरकार के जो एचीवमेंट हैं, लोकहित के जो काम हुए हैं वो तो जरूर बताते होंगे। लेकिन साथ-साथ एक कागज पर तैयार करना चाहिए। ये कर्नाटक में जो कांग्रेस की सरकार बनी है। उसने कैसे धोखा किया है। वादे करने के बाद अब वो कैसे वादे निभा नहीं रहा है। वे कैसे करप्शन में डूबे हैं, वे कैसे गुटबाजी कर रहे हैं। ये सारी बातें भी हर घर में जा करके बैठ करके आधा-आधा घंटा गप्पें मार करके बतानी चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी- उसी प्रकार से जिसके साथ बात कर रहे हैं। वो अगर युवा है तो वो बातें होनी चाहिए, महिला है तो वो बातें होनी चाहिए। किसान है तो वो बातें होनी चाहिए। जो लाभार्थी हैं किसी को घर मिला होगा, किसी को गैस मिला होगा, किसी को पानी मिला होगा। उन लोगों को उन विषयों पर जितना बात करेंगे उतना अच्छा होगा। और इसके लिए हम कार्यकर्ताओं को बहुत मेहनत करनी चाहिए, बहुत चीजें याद रखनी चाहिए। एक छोटी सी डायरी साथ में रख करके या मोबाइल फोन पर नोट करके, तथ्यों के आधार पर करनी चाहिए, तर्क के आधार पर करनी चाहिए। और अगर बूथ जीतना है तो उसके कुछ स्टेजेज होते हैं। पहला मतदाता का दिल जीतना। फिर उसके परिवार का दिल जीतना। उसके बाद उस पूरे मोहल्ले का दिल जीतना और फिर बूथ जीत सकते हैं। बूथ ऐसे ही नहीं जीता जाता।

प्रधानमंत्री मोदी- एक और बात यह कि जहां भी गठबंधन में हैं, यहां तक कि जहां हमारी सरकार नहीं भी है। हमने उस राज्य में भी कई बड़े काम किए हैं। मैं कर्नाटक के अपने साथियों से भी कहूंगा कि राज्य में जहां हम गठबंधन के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। वहां बूथ स्तर पर भी आप एनडीए के दलों से एक साथ मिलकर पूरी मेहनत से चुनाव का काम करें। और मेरा तो आग्रह कि हर बूथ में एनडीए के सब कार्यकर्ताओं की संयुक्त मीटिंग करनी चाहिए। जितनी ज्यादा शक्ति इक्ठ्ठी करेंगे। इतना परिणाम पक्का हो जाएगा।
चलिए, राजेश जी आपसे बात करके अच्छा लगा, अब हम किसी एक औऱ कार्यकर्ता के पास चलेंगे। उनसे हम बात करते हैं।


सरला- मोदी जी, नमस्ते।
प्रधानमंत्री मोदी- नमस्ते।
प्रधानमंत्री मोदी- सरला जी नमस्ते, आप शिमोगा लोकसभा से हैं।
सरला- मैं बूथ अध्यक्ष, बूथ संख्या-37, शिमोगा लोकसभा से हूं।
प्रधानमंत्री मोदी- सरला जी, मुझे तो बूथ के ही कार्यकर्ता और बूथ के काम की ही चर्चा करनी है। आप तो जिस उत्साह से बोल रही हैं, मुझे पक्का विश्वास है कि आप बहुत काम करती होंगी। सरला जी, क्या आपके बूथ कार्यकर्ता, लोगों से मिलकर ये बताते हैं कि केंद्र सरकार उनके लिए कितनी योजनाएं चला रही है। आने वाले पांच वर्षों में तेज विकास के लिए अभी से जो काम शुरू हुआ है उनका जिक्र करती हैं आप।
सरला- हां मोदी जी, हम अपने सरकार के पिछले 10 सालों की उपलब्धियों से सभी को अवगत करा रहा है। सूचना हेतु मोदी एप के माध्यम से जानकारी एकत्रित कर रहे हैं। अब आपके नेतृत्व में भारत कुछ ही समय में एक विकसित देश के रूप में देखा जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी- सरला जी, जब आप लोगों से मिलते हैं तो लोग किस काम को सबसे ज्यादा याद करते हैं, किस काम को सबसे ज्यादा पसंद करते हैं।
सरला- मोदी जी क्या कर रहे हैं। इसके बारे में मतदान करने के लिए बोल रहे हैं। उज्ज्वला, जल जीवन और आपका जो कार्यक्रम होता हैं, वो कार्यक्रम के बारे में बोल रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी-अच्छा, माताओं-बहनों में ये राम मंदिर का मामला कितना चलता है वहां।
सरला- जो सरकार ने किया, उसके बारे में पूछ लिया और राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के बारे में बहुत ज्यादा से ज्यादा लोग पूछ रहे हैं। और हर घर को मिल गई है, इसलिए वो लोग बहुत खुश हो रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी- अच्छा सरला जी, आप देखते हैं कि महिलाओं की शक्ति मोदी की सुरक्षा-शक्ति है। महिलाएं हमेशा ताकत देती हैं और आप महिला वोटरों के साथ मिलती हैं इन महिला वोटर ज्यादा से ज्यादा मतदान करें। भाजपा के लिए मतदान करें। उनको कमल का निशान पता हो। उनको कितने नम्बर पर हमारा नाम है, ये पता हो। बटन कैसे दबाना है ये पता हो। इसके लिए क्या करते हैं आप।
सरला- मोदी सरकार द्वारा महिलाओं को दी गई आत्मनिर्भर जीवन महिला सशक्तिकरण योजना के बारे में वे बात कर रहे हैं। और उन्हें बड़ी संख्या में मतदान करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी-सरला जी, आपका उत्साह और विश्वास देखते हुए, सुन करके मुझे बहुत अच्छा लगा। मैं सरला जी के माध्यम से कर्नाटक के सभी बूथ कार्यकर्ताओं से यही कहूंगा कि पिछले दस वर्षों में बीजेपी सरकार के कई फैसलों से देश की नारीशक्ति को बहुत बल मिला है। शिमोगा के ही राष्ट्रकवि कुवेंपु जी ने नारी सशक्तिकरण के जो विचार दिए, वो विचार हमारे लिए प्रेरणा बने हैं। 10 साल में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ से लेकर नारी शक्ति वंदन अधिनियम तक हर फैसले के केंद्र में हमारी नारीशक्ति रही है।
प्रधानमंत्री मोदी -सरला जी और सभी कार्यकर्ताओं से मैं एक आग्रह करता हूं कि क्या हम पोलिंग बूथ पर कम से कम दो बार सिर्फ और सिर्फ महिला मतदाताओं का जूलूस निकाल सकते हैं। उनकी पूरी यात्रा निकले। उनके हर गली-मोहल्ले में जाएं। नारे बोलते-बोलते दो बार कम से कम, ये अगर आप कर सकते हैं तो महिला मतदाता बहुत जागृत होंगे। एक बार हमारे जुलूस में जुड़ेंगे तो वो खुद भी वोटर बनेंगे और कनवासर भी बनेंगे। तो आप इस तरफ बल दें, ऐसी मेरी अपेक्षा है।
प्रधानमंत्री मोदी- और मेरा सुझाव है कि हमलोग घर पर काम करने के बाद कोई एक जगह तय करनी चाहिए। सभी बूथ के कार्यकर्ताओं ने मिलना चाहिए। और मिलकर के दिन भर क्या काम हुआ। कहीं से कोई निगेटिविटी बात ध्यान में आ रही है क्या। कहीं पर ज्यादा मेहनत करने की जरूरत है क्या। उसका हिसाब-किताब करना चाहिए, दूसरा बूथ के अंदर एक पांच दस लोग ऐसे होते हैं, किसी का बीस मत पर प्रभाव होता है किसी का पचास मत पर प्रभाव होता है, किसी का 100 मत पर प्रभाव होता है। ये जो की-वोटर होते हैं, जो पच्चीस-पचास वोट पर प्रभावित करते हैं, उन लोगों को जितने भी हमारे सीनियर लोग हैं बूथ के उन्होंने जाकर मिलना चाहिए और उनकी मदद लेनी चाहिए, उनके बूथ के वोट पक्के करने चाहिए। ये काम भी पूरे कर्नाटक में होना चाहिए।
चलिए, सरला जी के माध्यम से मैंने आपसे काफी बातें की अब हम कोई और कार्यकर्ता से आगे जुड़ेंगे, उनसे बात करेंगे


श्रुति- नमस्ते मोदी जी।
प्रधानमंत्री मोदी- नमस्ते जी।
श्रुति- मैं श्रुति आप्टेकर, कर्नाटक की दूसरी राजधानी कुंदानगरी बेलगावी दक्षिण से, बूथ नम्बर 80 से बात कर रही हूं।
प्रधानमंत्री मोदी-श्रुति जी नमस्कार, कैसाय है तुम्हीं।
महिला-मस्त है सर।
प्रधानमंत्री मोदी-चलिए, हम अब बात शुरू करते हैं। मुझे ये बताइए आपके यहां चुनाव अभियान कैसा चल रहा है। कर्नाटक के आम वोटर , खास तौर से वहां की महिलाएं, चुनाव को ले करके क्या कह रही हैं।
श्रुति- सर, हम नमो और सरल ऐप के जरिए पिछले दस साल के कर्नाटक में मोदी सरकार की उपलब्धियां व योगदान खास करके महिलाएं सशक्तिकरण और नारी योजना के बारे में बता रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी- क्या-क्या अनुभव आता है जब बताते हैं तो क्या अनुभव आता है।
श्रुति- बहुत ही अच्छा अनुभव आता है सर, अबकी बार 400 पार बोलते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी- अबकी बार 400 पार लोग बोल रहे हैं। अच्छा ऐसा कौन सा बड़ा कार्यक्रम किया। आपने पोलिंग बूथ में जो आप कह सकते हैं अच्छा कार्यक्रम हुआ, बड़ा कार्यक्रम हुआ।
श्रुति- चाय पे चर्चा।
प्रधानमंत्री मोदी-कैसे किया था,जरा बताइए।
श्रुति- कार्नर-कार्नर में।
प्रधानमंत्री मोदी- अच्छा श्रुति जी ज्यादा आपको परेशान नहीं करता हूं। मुझे ये बताइए कि आप के यहां कभी पन्ना प्रमुखों के साथ, बूथ के अध्यक्ष की बातचीत की है क्या, मीटिंग की है क्या।
श्रुति- हां की है सर।
प्रधानमंत्री मोदी- क्या हुआ, उसमें कितने लोग थे।
श्रुति- 80 से 90 लोग थे।
प्रधानमंत्री मोदी - अच्छा श्रुति जी आज हमारी कितने लोग बातचीत सुनते होंगे आपके बूथ में।
श्रुति- 100 से ज्यादा सर।
प्रधानमंत्री मोदी- 100 से ज्यादा सुनते होंगे। और आपने पोलिंग बूथ की मीटिंग की, नहीं की , आप तो जवाब ही नहीं दे रही हैं मुझे। अच्छा श्रुति जी बेलगावी और इसके आस पास के इलाके में खेती करने वाले अन्नदाताओं की बड़ी संख्या है। वहां गन्ने की खेती भी हुई है। हमने किसानों के लिए जो काम किए हैं। खासकर गन्ना किसानों के भलाई के लिए जो काम किए हैं। क्या ये वहां के हमारे अन्नदाताओं को पता है क्या।
श्रुति- हां पता है सर।
प्रधानमंत्री मोदी- हां बोलिए, श्रुति जी आप बोलिए।
महिला- सर जब कर्नाटक में जब हमारी सरकार, बीजेपी की सरकार थी, तब किसान निधि के अन्तर्गत के 6000 के अलावा हमारी कर्नाटक की बीजेपी सरकार के 4000 किसानों को मिले थे, जो अब की कांग्रेस ने राजनीतिक द्वेष के कारण पिछले साल 1000 किसानों को देना बंद किया है सर।
प्रधानमंत्री मोदी- अच्छा ये जो हमने एथेनॉल बना रहे हैं, जिसे गन्ना किसानों को बहुत लाभ हो रहा है, इसका गन्ना किसानों को पता है क्या।
महिला- पता है सर।
प्रधानमंत्री मोदी- चलिए, श्रुति जी आपसे बात करके मुझे बहुत अच्छा लगा और मैं तो यही कहूंगा कि किसान भाईयों के लिए, दस साल में कितने सारे काम हुए। खेती के इलाकों से कनेक्टिविटी अच्छी हुई है। किसानों को फसलों का सही दाम मिला है, फसल बीमा मिला है, और भी बहुत कुछ है और ये बीजेपी काम है। जनता यही देखकर विरोधी दलों से सवाल करती है कि आपका काम क्या है। ये मोदी के खिलाफ बोलते रहते हैं, लेकिन हमने इतना सारा काम किया है कि वो हम आसानी से लोगों को बता सकते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी- कांग्रेस के जो लोग चुनाव में फ्री बिजली की बातें कर करके चुनाव जीतने की कोशिश करते थे। अब उनकी सरकार में किसानों की बिजली महंगी हो गई, गन्ना किसानों के हित के लिए उन्होंने कभी कुछ नहीं किया। लेकिन मोदी जब कुछ अच्छा कभी करेगा, तो ये लोग उनको भी गाली देते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी- गरीब और मध्यम वर्ग की आकाक्षांओं को बीजेपी ही पूरा कर सकती है। गरीब को पक्का मकान हो, शौचालय मिले, बिजली, गैस, नल से जल और गैस कनेक्शन की सुविधा हो, ये सब जरूरी है। आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाकर भी, कर्नाटक के युवाओं को नए अवसर दे रही है। पीएम सम्मान नीधि के माध्यम से हम किसानों के छोटे छोटे सपने पूरे कर रहे हैं। और मिलेट पर जो बल दे रहे हैं। इस पूरे कर्नाटका को मिल रहा है। क्योंकि कर्नाटक ने मिलेट में काफी काम किया हुआ है। वहां किसानों ने काम किया है, अब हम मिलेट को पूरी दुनिया में पहुंचा रहे हैं। इसके कारण जो छोटे-छोटे किसान हैं, जो मिलेट की खेती करते हैं,जिसको अब हम श्रीअन्न कहते हैं, इस श्री अन्न का भी लाभ मिल रहा है। इन सभी आकांक्षाओं को केन्द्र में भाजपा की सरकार ही पूरा कर सकती है। ये मोदी की गारंटी है। इसी गारंटी को आप लोगों को घर-घर पहुंचाना है। आइए, इसके बाद हमारे साथ कौन कार्यकर्ता बात करेंगे।


सुप्रीत- नमस्ते मोदी जी।
प्रधानमंत्री मोदी -मोदी-नमस्ते
सुप्रीत-आपसे बात करके बहुत खुश लग रहा है, It is my pleasure to talking with you.
प्रधानमंत्री मोदी-सुप्रीत जी आप को बहुत-बहुत नमस्कार, आप कहां से बोल रहे हैं।
सुप्रीत- मैं कृष्णनगरी उडुपी से बात कर रहा हूं। मेरा बूथ नम्बर है 144 है। मेरा बूथ से वीएस आचार्या जी औऱ भाजपा को पहली वोट मतलब एक सीट इधर से ही आया था, मतलब वो बहुत कनेक्शन है।
प्रधानमंत्री मोदी- मेरा पर्सनल कनेक्शन क्या है।
सुप्रीत- राम मंदिर का ट्रस्टी हमारा पेजाऊर मठ का स्वामी जी ट्रस्टी है न तो, वो कनेक्शन हो सकता है, सर।
प्रधानमंत्री मोदी- अच्छा देखिए, आप की ये जो कृष्णनगरी है न,ये जो भगवान कृष्ण की मूर्ति है न, कहते हैं कि वो द्वारका से आई है और समुद्री प्रलय में द्वारका से आई और वही पर प्रतिस्थापित हुई। और पेजावर मठ के स्वामी जी के साथ मेरा बहुत घनिष्ठ संबंध रहा। मुझे अच्छा लगा, आज मुझे उडुपी से बात करने का मौका मिला है।
सुप्रीत - जी सर
प्रधानमंत्री मोदी- तो ये सुना है आपने
सुप्रीत -जी सर
प्रधानमंत्री मोदी- अच्छा सुप्रीत जी चलिए, हमें तो बूथ जीतना है और वही हमारा मकसद होना चाहिए। अगर लोकसभा जीतना है तो पहले पोलिंग बूथ जीतना पड़ता है। अच्छा समाज के अलग-अलग वर्गों तक पहुंचने के लिए आपके क्या आयोजन है, जैसे फर्स्ट टाइम वोटर है, उसके लिए क्या योजना है। या हमारे लाभार्थी हैं, कोई आवास के लाभार्थी होंगे। कोई गैस के लाभार्थी होंगे, उनको मिलने की आपकी क्या योजना है। किसी ने मुद्रा योजना मिली होगी। मुद्रा योजना के कारण किसी का कारोबार अच्छा चलता होगा। क्या कभी ऐसे लोगों के इंटरव्यू लेकर के, इनकी रील बना करके सोशल मीडिया में प्रचारित करते हैं क्या।
सुप्रीत- जी सर, उसके लिए हमारे बूथ का एक टीम बनाया है, और जो भी लाभार्थी होते हैं मुद्रा योजना, उज्ज्वला योजना, जो भी होते है, उन लोगों से मीटिंग कर करके, मतदाताओं तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। और उसके साथ ही साथ हर एक मतदाता को आर्टिकल-370 जो रद्द हुआ है। उसके बारे में इनफार्मेशन दे रहे हैं और राम मंदिर का निर्माण हुआ है न, उसके बारे में भी इनफार्मेशन दे रहे हैं। और रील्स का हम लोग सोच रहे थे, हमलोग अब उसको बना करके, हम ग्रुप में और हमारे वार्ड के बूथ के ग्रुप में डालने का मीटिंग कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी- देखिए, आपने पिछले तीन चुनावों का पोलिंग बूथ का हिसाब किताब निकाला है क्या। पिछली लोकसभा में कितने वोट मिले थे, उसके बाद विधानसभा में कितने मिले थे, फिर लोकसभा में कितने मिले थे औऱ अभी विधानसभा में कितने मिले थे, क्या इसका हिसाब सबने कागज पर निकाला है।
सुप्रीत- हां सर, वो सबका हिसाब हमारे पास है। हमारे टीम के पास है, हमलोग उसके, हर एक चुनाव से हमारा लीड बढ़ते जा रहा है, पिछले विधानसभा चुनाव में लीड बढ़ा है। इस बार भी हमारा पूरा कोशिश रहेगा कि पोलिंग 75 परसेंट से ज्यादा हो और बीजेपी को 50 से 60 परसेंट वोट आना चाहिए इसलिए हम लोग डेली रात को मीटिंग करके, हमारे जो 14 मेंबर्स है उनसे मीटिंग करके, उसका रणनीति जारी की है सर।
प्रधानमंत्री मोदी- अच्छा सुप्रीत जी अगर हमें महिलाओं के वोट ज्यादा मिलते हैं तो महिला ज्यादे से ज्यादा मतदान करें,महिला कार्यक्रम हो। महिलाओं को लेकर महिला नेतृत्व करे, तो बूथ पर सबसे ज्यादा वोट महिलाओं के मिले। इसके लिए कोई अलग से योजना बन सकती हैं।
सुप्रीत- हां सर, हमने एक योजना बनायी है। हमारे राम मंदिर के टाइम हम लोग भजना प्रोग्राम की थी। उसका एक टीम थे। महिलाओं की टीम थी, वही हम लोग हर एक घर ले जा करके, हमारे केंद्र सरकार की कुछ भी योजना है। हमारा सक्सेस स्टोरी है, वो महिलाओं को इनड्यूजली महिलाओं को हम लोग बता रहे हैं। ये प्लान से हम लोग महिलाओं के ज्यादा वोट जीत सकते हैं सर।
प्रधानमंत्री मोदी- क्या आप एक काम कर सकते हैं, सभी महिलाऐं मेंहदी का कार्यक्रम करें। और अपने हाथ में, कमल निशान की मेंहदी लगाएं और कमल दिखाई दे। औऱ ऐसा बड़ा कार्यक्रम, सिर्फ कमल ही बनाना है मेंहदी में। इस बड़ा अभियान चला सकते हैं क्या।
सुप्रीत- जरूर सर, ऐसा कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी- एक मिनट,मुझे लगता है..कर्नाटक के लोग करें, बाकी के लोग समझ सके कि मैं क्या कह रहा हूं।
प्रधानमंत्री मोदी- हां..सुप्रीत जी बोलिए
सुप्रीत- हां सर, हमारा एक योजना है। गुडी पड़वा के दिन, घर के सामने कमल का रंगोली बनाने का।
प्रधानमंत्री मोदी- चलिए, ये बहुत बढ़िया सुझाव दिया आपने कि हम गुड़ी पड़वा के दिन, सब लोग घर के सामने कमल बनाएं। लेकिन आप एक कार्यक्रम बनाइए, उस दिन सभी महिला इकठ्ठी हों और सभी महिलाओं के हाथ में कमल के चित्र की मेंहदी लगाइए, रंगोली तो कीजिए ही कीजिए,साथ-साथ यह भी कीजिए।
सुप्रीत- जरूर सर, जरूर सर करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी- सुप्रीत जी, आपके माध्यम से कर्नाटक के सभी कार्यकर्ताओं से यही कहूंगा कि हम बूथ स्तर पर जो बैठकें होती हैं, उनका बहुत बड़ा महत्व होता है। बूथ स्तर पर संकलन बहुत जरूरी होता है। पन्ना प्रमुख अपने वोटर से लगातार संपर्क बनाए रखें। जो वर्किंग प्रोफेशनल्स हैं, उनसे हफ्ते में किसी न किसी छुट्टी के दिन मीटिंग करें। बुजुर्गों से घर जाकर मिलें। बाजार निकलते हैं तो हर दुकानदार से बात करें। उन्हें भरोसा दें कि उन्हें वोट देने में कोई असुविधा नहीं होगी। उनका समय भी ज्यादा नहीं जाएगा। बूथ पर आते ही उनको वोट करवा देंगे। और उनको बूथ पहुंचाने से और उन्हें वापस घर छोड़ने का इंतजाम करना चाहिए। और घर की मुखिया महिला को आग्रहपूर्वक जिम्मा दें कि वो घर के सब लोगों का वोट दिलवाना सुनिश्चित करे।

प्रधानमंत्री मोदी- चलिए, कर्नाटक के सभी कार्यकर्ता, आज मुझे आप सब से फोन पर बात करने का मौका मिला। आप इससे अंदाज लगा सकते होंगे कि कितना महत्वपूर्ण है। मेरे लिए बूथ का कार्यकर्ता कितना महत्वपूर्ण है। मेरे लिए बूथ जीतना कितना महत्वपूर्ण है। और मुझे देखिए, किसी का कोई किला जीतना होता है न, तो पहले उस किले की जो चौकियां होती है न उसे जीतनी पड़ती हैं, तब किला जीता जाता है। उसी प्रकार से लोकसभा जीतनी है तो बूथ जीतना पड़ता है। इसलिए हमें पूरी शक्ति बूथ जीतने पर लगानी है। मैंने कहा है जो पहले वोट मिले हैं, उसमें 370 और ज्यादा वोट मिलने चाहिए। 370 की धारा हटाकर हमने इतना बड़ा काम किया है तो हमें हर बूथ में 370 अधिक वोट के लिए प्रयास करना चाहिए।

प्रधानमंत्री मोदी- दूसरा, जब हम मतदान के लिए संपर्क करने जाएं। हमें हर नाम के सामने टिक मार्क करनी चाहिए कि मतदान के लिए कौन रहने वाला है। कौन नहीं रहने वाला है। कौन मतदान के दिन बाहर जाने वाला है। ये हमारे पास लिस्ट होनी चाहिए और उनसे रिक्वेस्ट करनी चाहिए कि वोट करके आप बाहर जाएं। इस एक-एक वोट की चिन्ता करनी चाहिए और उनको कोई असुविधा है तो उसकी भी चिंता करनी चाहिए। कोई बुजुर्ग है तो हम आ करके ले जाएंगे। कोई दिव्यांग है तो कहना चाहिए कि हम आ करके ले जाएंगे। लेकिन वोट ज्यादा से ज्यादा हो और हमारे मतदाता, जो भाजपा के मतदाता हैं, वो सुबह-सुबह वोट करें। क्योंकि गर्मी बहुत हो रही है आजकल। सुबह जितनी जल्दी हमारा वोटिंग हो जाए, इसकी हमें व्यवस्था करनी चाहिए।

प्रधानमंत्री मोदी- चलिए, आप सब से बात करके मुझे बहुत अच्छा लगा। कर्नाटक के कार्यकर्ता बहुत मेहनती है और विजय के विश्वास से भरे हुए हैं, लेकिन इस सब के बीच बूथ जीतने का विश्वास मजबूत हो, बूथ जीतने की योजना मजबूत हो, और हम सब पूरी ताकत लगा दें बूथ जीतने की। मेरी आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं। गुड़ी पड़वा की बहुत शुभकामनाएं हैं। आने वाले रामनवमी की बहुत-बहुत शुभकामनाएं हैं।

बहुत-बहुत धन्यवाद आप सबका।
सबको नमस्कार।

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December 23, 2024
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India prioritizes both national interest and human interest in its foreign policy: PM
Our youth have given us the confidence that the dream of a Viksit Bharat will surely be fulfilled: PM
Each one of us has an important role to play in the nation's future: PM

Respected Dignitaries…!

आप सभी को, सभी देशवासियों को और विशेषकर दुनिया भर में उपस्थित ईसाई समुदाय को क्रिसमस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं, ‘Merry Christmas’ !!!

अभी तीन-चार दिन पहले मैं अपने साथी भारत सरकार में मंत्री जॉर्ज कुरियन जी के यहां क्रिसमस सेलीब्रेशन में गया था। अब आज आपके बीच उपस्थित होने का आनंद मिल रहा है। Catholic Bishops Conference of India- CBCI का ये आयोजन क्रिसमस की खुशियों में आप सबके साथ जुड़ने का ये अवसर, ये दिन हम सबके लिए यादगार रहने वाला है। ये अवसर इसलिए भी खास है, क्योंकि इसी वर्ष CBCI की स्थापना के 80 वर्ष पूरे हो रहे हैं। मैं इस अवसर पर CBCI और उससे जुड़े सभी लोगों को बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।

साथियों,

पिछली बार आप सभी के साथ मुझे प्रधानमंत्री निवास पर क्रिसमस मनाने का अवसर मिला था। अब आज हम सभी CBCI के परिसर में इकट्ठा हुए हैं। मैं पहले भी ईस्टर के दौरान यहाँ Sacred Heart Cathedral Church आ चुका हूं। ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे आप सबसे इतना अपनापन मिला है। इतना ही स्नेह मुझे His Holiness Pope Francis से भी मिलता है। इसी साल इटली में G7 समिट के दौरान मुझे His Holiness Pope Francis से मिलने का अवसर मिला था। पिछले 3 वर्षों में ये हमारी दूसरी मुलाकात थी। मैंने उन्हें भारत आने का निमंत्रण भी दिया है। इसी तरह, सितंबर में न्यूयॉर्क दौरे पर कार्डिनल पीट्रो पैरोलिन से भी मेरी मुलाकात हुई थी। ये आध्यात्मिक मुलाक़ात, ये spiritual talks, इनसे जो ऊर्जा मिलती है, वो सेवा के हमारे संकल्प को और मजबूत बनाती है।

साथियों,

अभी मुझे His Eminence Cardinal जॉर्ज कुवाकाड से मिलने का और उन्हें सम्मानित करने का अवसर मिला है। कुछ ही हफ्ते पहले, His Eminence Cardinal जॉर्ज कुवाकाड को His Holiness Pope Francis ने कार्डिनल की उपाधि से सम्मानित किया है। इस आयोजन में भारत सरकार ने केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन के नेतृत्व में आधिकारिक रूप से एक हाई लेवल डेलिगेशन भी वहां भेजा था। जब भारत का कोई बेटा सफलता की इस ऊंचाई पर पहुंचता है, तो पूरे देश को गर्व होना स्वभाविक है। मैं Cardinal जॉर्ज कुवाकाड को फिर एक बार बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,

आज आपके बीच आया हूं तो कितना कुछ याद आ रहा है। मेरे लिए वो बहुत संतोष के क्षण थे, जब हम एक दशक पहले फादर एलेक्सिस प्रेम कुमार को युद्ध-ग्रस्त अफगानिस्तान से सुरक्षित बचाकर वापस लाए थे। वो 8 महीने तक वहां बड़ी विपत्ति में फंसे हुए थे, बंधक बने हुए थे। हमारी सरकार ने उन्हें वहां से निकालने के लिए हर संभव प्रयास किया। अफ़ग़ानिस्तान के उन हालातों में ये कितना मुश्किल रहा होगा, आप अंदाजा लगा सकते हैं। लेकिन, हमें इसमें सफलता मिली। उस समय मैंने उनसे और उनके परिवार के सदस्यों से बात भी की थी। उनकी बातचीत को, उनकी उस खुशी को मैं कभी भूल नहीं सकता। इसी तरह, हमारे फादर टॉम यमन में बंधक बना दिए गए थे। हमारी सरकार ने वहाँ भी पूरी ताकत लगाई, और हम उन्हें वापस घर लेकर आए। मैंने उन्हें भी अपने घर पर आमंत्रित किया था। जब गल्फ देशों में हमारी नर्स बहनें संकट से घिर गई थीं, तो भी पूरा देश उनकी चिंता कर रहा था। उन्हें भी घर वापस लाने का हमारा अथक प्रयास रंग लाया। हमारे लिए ये प्रयास केवल diplomatic missions नहीं थे। ये हमारे लिए एक इमोशनल कमिटमेंट था, ये अपने परिवार के किसी सदस्य को बचाकर लाने का मिशन था। भारत की संतान, दुनिया में कहीं भी हो, किसी भी विपत्ति में हो, आज का भारत, उन्हें हर संकट से बचाकर लाता है, इसे अपना कर्तव्य समझता है।

साथियों,

भारत अपनी विदेश नीति में भी National-interest के साथ-साथ Human-interest को प्राथमिकता देता है। कोरोना के समय पूरी दुनिया ने इसे देखा भी, और महसूस भी किया। कोरोना जैसी इतनी बड़ी pandemic आई, दुनिया के कई देश, जो human rights और मानवता की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, जो इन बातों को diplomatic weapon के रूप में इस्तेमाल करते हैं, जरूरत पड़ने पर वो गरीब और छोटे देशों की मदद से पीछे हट गए। उस समय उन्होंने केवल अपने हितों की चिंता की। लेकिन, भारत ने परमार्थ भाव से अपने सामर्थ्य से भी आगे जाकर कितने ही देशों की मदद की। हमने दुनिया के 150 से ज्यादा देशों में दवाइयाँ पहुंचाईं, कई देशों को वैक्सीन भेजी। इसका पूरी दुनिया पर एक बहुत सकारात्मक असर भी पड़ा। अभी हाल ही में, मैं गयाना दौरे पर गया था, कल मैं कुवैत में था। वहां ज्यादातर लोग भारत की बहुत प्रशंसा कर रहे थे। भारत ने वैक्सीन देकर उनकी मदद की थी, और वो इसका बहुत आभार जता रहे थे। भारत के लिए ऐसी भावना रखने वाला गयाना अकेला देश नहीं है। कई island nations, Pacific nations, Caribbean nations भारत की प्रशंसा करते हैं। भारत की ये भावना, मानवता के लिए हमारा ये समर्पण, ये ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच ही 21वीं सदी की दुनिया को नई ऊंचाई पर ले जाएगी।

Friends,

The teachings of Lord Christ celebrate love, harmony and brotherhood. It is important that we all work to make this spirit stronger. But, it pains my heart when there are attempts to spread violence and cause disruption in society. Just a few days ago, we saw what happened at a Christmas Market in Germany. During Easter in 2019, Churches in Sri Lanka were attacked. I went to Colombo to pay homage to those we lost in the Bombings. It is important to come together and fight such challenges.

Friends,

This Christmas is even more special as you begin the Jubilee Year, which you all know holds special significance. I wish all of you the very best for the various initiatives for the Jubilee Year. This time, for the Jubilee Year, you have picked a theme which revolves around hope. The Holy Bible sees hope as a source of strength and peace. It says: "There is surely a future hope for you, and your hope will not be cut off." We are also guided by hope and positivity. Hope for humanity, Hope for a better world and Hope for peace, progress and prosperity.

साथियों,

बीते 10 साल में हमारे देश में 25 करोड़ लोगों ने गरीबी को परास्त किया है। ये इसलिए हुआ क्योंकि गरीबों में एक उम्मीद जगी, की हां, गरीबी से जंग जीती जा सकती है। बीते 10 साल में भारत 10वें नंबर की इकोनॉमी से 5वें नंबर की इकोनॉमी बन गया। ये इसलिए हुआ क्योंकि हमने खुद पर भरोसा किया, हमने उम्मीद नहीं हारी और इस लक्ष्य को प्राप्त करके दिखाया। भारत की 10 साल की विकास यात्रा ने हमें आने वाले साल और हमारे भविष्य के लिए नई Hope दी है, ढेर सारी नई उम्मीदें दी हैं। 10 साल में हमारे यूथ को वो opportunities मिली हैं, जिनके कारण उनके लिए सफलता का नया रास्ता खुला है। Start-ups से लेकर science तक, sports से entrepreneurship तक आत्मविश्वास से भरे हमारे नौजवान देश को प्रगति के नए रास्ते पर ले जा रहे हैं। हमारे नौजवानों ने हमें ये Confidence दिया है, य़े Hope दी है कि विकसित भारत का सपना पूरा होकर रहेगा। बीते दस सालों में, देश की महिलाओं ने Empowerment की नई गाथाएं लिखी हैं। Entrepreneurship से drones तक, एरो-प्लेन उड़ाने से लेकर Armed Forces की जिम्मेदारियों तक, ऐसा कोई क्षेत्र नहीं, जहां महिलाओं ने अपना परचम ना लहराया हो। दुनिया का कोई भी देश, महिलाओं की तरक्की के बिना आगे नहीं बढ़ सकता। और इसलिए, आज जब हमारी श्रमशक्ति में, Labour Force में, वर्किंग प्रोफेशनल्स में Women Participation बढ़ रहा है, तो इससे भी हमें हमारे भविष्य को लेकर बहुत उम्मीदें मिलती हैं, नई Hope जगती है।

बीते 10 सालों में देश बहुत सारे unexplored या under-explored sectors में आगे बढ़ा है। Mobile Manufacturing हो या semiconductor manufacturing हो, भारत तेजी से पूरे Manufacturing Landscape में अपनी जगह बना रहा है। चाहे टेक्लोलॉजी हो, या फिनटेक हो भारत ना सिर्फ इनसे गरीब को नई शक्ति दे रहा है, बल्कि खुद को दुनिया के Tech Hub के रूप में स्थापित भी कर रहा है। हमारा Infrastructure Building Pace भी अभूतपूर्व है। हम ना सिर्फ हजारों किलोमीटर एक्सप्रेसवे बना रहे हैं, बल्कि अपने गांवों को भी ग्रामीण सड़कों से जोड़ रहे हैं। अच्छे ट्रांसपोर्टेशन के लिए सैकड़ों किलोमीटर के मेट्रो रूट्स बन रहे हैं। भारत की ये सारी उपलब्धियां हमें ये Hope और Optimism देती हैं कि भारत अपने लक्ष्यों को बहुत तेजी से पूरा कर सकता है। और सिर्फ हम ही अपनी उपलब्धियों में इस आशा और विश्वास को नहीं देख रहे हैं, पूरा विश्व भी भारत को इसी Hope और Optimism के साथ देख रहा है।

साथियों,

बाइबल कहती है- Carry each other’s burdens. यानी, हम एक दूसरे की चिंता करें, एक दूसरे के कल्याण की भावना रखें। इसी सोच के साथ हमारे संस्थान और संगठन, समाज सेवा में एक बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में नए स्कूलों की स्थापना हो, हर वर्ग, हर समाज को शिक्षा के जरिए आगे बढ़ाने के प्रयास हों, स्वास्थ्य के क्षेत्र में सामान्य मानवी की सेवा के संकल्प हों, हम सब इन्हें अपनी ज़िम्मेदारी मानते हैं।

साथियों,

Jesus Christ ने दुनिया को करुणा और निस्वार्थ सेवा का रास्ता दिखाया है। हम क्रिसमस को सेलिब्रेट करते हैं और जीसस को याद करते हैं, ताकि हम इन मूल्यों को अपने जीवन में उतार सकें, अपने कर्तव्यों को हमेशा प्राथमिकता दें। मैं मानता हूँ, ये हमारी व्यक्तिगत ज़िम्मेदारी भी है, सामाजिक दायित्व भी है, और as a nation भी हमारी duty है। आज देश इसी भावना को, ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास’ के संकल्प के रूप में आगे बढ़ा रहा है। ऐसे कितने ही विषय थे, जिनके बारे में पहले कभी नहीं सोचा गया, लेकिन वो मानवीय दृष्टिकोण से सबसे ज्यादा जरूरी थे। हमने उन्हें हमारी प्राथमिकता बनाया। हमने सरकार को नियमों और औपचारिकताओं से बाहर निकाला। हमने संवेदनशीलता को एक पैरामीटर के रूप में सेट किया। हर गरीब को पक्का घर मिले, हर गाँव में बिजली पहुंचे, लोगों के जीवन से अंधेरा दूर हो, लोगों को पीने के लिए साफ पानी मिले, पैसे के अभाव में कोई इलाज से वंचित न रहे, हमने एक ऐसी संवेदनशील व्यवस्था बनाई जो इस तरह की सर्विस की, इस तरह की गवर्नेंस की गारंटी दे सके।

आप कल्पना कर सकते हैं, जब एक गरीब परिवार को ये गारंटी मिलती हैं तो उसके ऊपर से कितनी बड़ी चिंता का बोझ उतरता है। पीएम आवास योजना का घर जब परिवार की महिला के नाम पर बनाया जाता है, तो उससे महिलाओं को कितनी ताकत मिलती है। हमने तो महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए नारीशक्ति वंदन अधिनियम लाकर संसद में भी उनकी ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित की है। इसी तरह, आपने देखा होगा, पहले हमारे यहाँ दिव्यांग समाज को कैसी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। उन्हें ऐसे नाम से बुलाया जाता था, जो हर तरह से मानवीय गरिमा के खिलाफ था। ये एक समाज के रूप में हमारे लिए अफसोस की बात थी। हमारी सरकार ने उस गलती को सुधारा। हमने उन्हें दिव्यांग, ये पहचान देकर के सम्मान का भाव प्रकट किया। आज देश पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर रोजगार तक हर क्षेत्र में दिव्यांगों को प्राथमिकता दे रहा है।

साथियों,

सरकार में संवेदनशीलता देश के आर्थिक विकास के लिए भी उतनी ही जरूरी होती है। जैसे कि, हमारे देश में करीब 3 करोड़ fishermen हैं और fish farmers हैं। लेकिन, इन करोड़ों लोगों के बारे में पहले कभी उस तरह से नहीं सोचा गया। हमने fisheries के लिए अलग से ministry बनाई। मछलीपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाएं देना शुरू किया। हमने मत्स्य सम्पदा योजना शुरू की। समंदर में मछलीपालकों की सुरक्षा के लिए कई आधुनिक प्रयास किए गए। इन प्रयासों से करोड़ों लोगों का जीवन भी बदला, और देश की अर्थव्यवस्था को भी बल मिला।

Friends,

From the ramparts of the Red Fort, I had spoken of Sabka Prayas. It means collective effort. Each one of us has an important role to play in the nation’s future. When people come together, we can do wonders. Today, socially conscious Indians are powering many mass movements. Swachh Bharat helped build a cleaner India. It also impacted health outcomes of women and children. Millets or Shree Anna grown by our farmers are being welcomed across our country and the world. People are becoming Vocal for Local, encouraging artisans and industries. एक पेड़ माँ के नाम, meaning ‘A Tree for Mother’ has also become popular among the people. This celebrates Mother Nature as well as our Mother. Many people from the Christian community are also active in these initiatives. I congratulate our youth, including those from the Christian community, for taking the lead in such initiatives. Such collective efforts are important to fulfil the goal of building a Developed India.

साथियों,

मुझे विश्वास है, हम सबके सामूहिक प्रयास हमारे देश को आगे बढ़ाएँगे। विकसित भारत, हम सभी का लक्ष्य है और हमें इसे मिलकर पाना है। ये आने वाली पीढ़ियों के प्रति हमारा दायित्व है कि हम उन्हें एक उज्ज्वल भारत देकर जाएं। मैं एक बार फिर आप सभी को क्रिसमस और जुबली ईयर की बहुत-बहुत बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं।

बहुत-बहुत धन्यवाद।