The Congress-led misrule for 5 years has ruined the prospects of the people, especially the youth of Rajasthan: PM Modi
Assessing the performance of Congress, the people of Rajasthan desire change and wish to bring the BJP back to power: PM Modi
The various Parivartan rallies in the state of Rajasthan has received a lot of public support, reflecting a change in times in favour of the BJP: PM Modi
India held a successful G20 Leaders’ Summit in New Delhi, where for the first time the G20 New Delhi Declaration was adopted with complete consensus amazing one and all: PM Modi
In the first session in the New Parliament Building, The Nari Shakti Vandan Adhiniyam was passed by both the Houses of the Parliament resulting in a Golden moment: PM Modi
The egoistic Congress-led Alliance intends to destroy the composite culture of Santana Dharma in both Rajasthan & India: PM Modi
Congress-led alliance only indulges in “politics of division and appeasement”. They have only fooled the youth and the people of the state of Rajasthan depriving them of opportunities: PM Modi

भारत माता की, भारत माता की, भारत माता की।


मैं कहूंगा पंडित दीनदयाल उपाध्याय। आप सब कहेंगे अमर रहे, अमर रहे। पंडित दीनदयाल उपाध्याय, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, पंडित दीनदयाल उपाध्याय।

मंच पर विराजमान भारतीय जनता पार्टी के सभी वरिष्ठ नेतागण और विशाल संख्या में पधारे मेरे परिवारजनों, आप सब को नमस्कार। सबसे पहले मैं लोक देवता बाबा रामदेव को, लोकदेवता तेजाजी महाराज को प्रणाम करता हूँ। आज झलझूलनी एकादशी का पवित्र दिन भी है। यहां सभा स्थल पर ही भगवान बजरंग बली भी हमें आशीर्वाद दे रहे हैं। लाखों लोगों की आस्था के केंद्र गोनेर में स्थित लक्ष्मी जगदीश महाराज के मंदिर को मैं आदरपूर्वक प्रणाम करता हूँ।



साथियों,
गुलाबी नगरी में इस भव्य आदर-सत्कार के लिए मैं राजस्थान की जनता को नमन करता हूं। आज दीन दयाल उपाध्याय जी की भी जन्म जयंती है। ये हमारे श्रद्धेय भैरों सिंह शेखावत जी का भी शताब्दी वर्ष है। हम आज भी उनकी प्रेरणा से आगे बढ़ रहे हैं।

साथियों,
राजस्थान के लोगों ने कांग्रेस के कुशासन से मुक्ति पाने का बिगुल फूंक दिया है। पिछले 5 साल जिस तरह की सरकार कांग्रेस ने यहां पर चलाई है, वो जीरो नंबर पाने की हकदार है। गहलोत सरकार ने राजस्थान के लोगों के, यहां के युवाओं के पांच महत्वपूर्ण वर्ष बर्बाद कर दिए। इसलिए राजस्थान के लोगों ने ठान लिया है- गहलोत सरकार को हटाएंगे, बीजेपी को वापस लाएंगे। मैं साफ देख रहा हू कि राजस्थान में परिवर्तन होके रहेगा। राजस्थान में अब परिवर्तन होकर रहेगा। राजस्थान के कोने-कोने में जो परिवर्तन संकल्प यात्राएं भाजपा ने निकाली हैं, उन्हें बहुत जनसमर्थन मिला है। ये साफ संकेत है कि राजस्थान का मौसम बदल चुका है। मैं राजस्थान के हर भाजपा कार्यकर्ताओं को और राजस्थान के जनता-जर्नादन को इन सफल यात्राओं के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

मेरे परिवारजनों,
आज मैं जयपुर ऐसे समय में आया हूं जब देश का गौरव नए आसमान पर है। आज पूरी दुनिया में भारत के सामर्थ्य की वाहवाही हो रही है। हमारा चंद्रयान वहां पहुंचा, जहां दुनिया का कोई भी देश नहीं पहुंच पाया है। G-20 में भारत की सफलता से भारत के विरोधी देश भी हैरान है-परेशान है। भारत ने गणेश चतुर्थी के दिन अपनी नए संसद भवन से कामकाज शुरू किया है। और नई ईमारत में सबसे पहला काम, भाजपा सरकार ने हमारी माताओं-बहनों-बेटियों को ही समर्पित किया है। अनेक दशकों से हमारी माताएं-बहनें लोकसभा और विधानसभा में 33 परसेंट आरक्षण की आस लगाए बैठी थीं। माताओं-बहनों की ये उम्मीद किसने पूरी की? माताओं-बहनों की ये उम्मीद किसने पूरी की? किसने पूरी की? किसने पूरी की? आप मुझे बताइए, किसने महिलाओं को आरक्षण दिलवाया? महिलाओं को आरक्षण किसने दिलवाया? आपका जवाब गलत है। ये मैंने नहीं किया है। ये तो आपके एक वोट की ताकत है जिसने करके दिखाया है। आपके एक वोट ने मुझे चुना और मैंने आपकी सेवा की गारंटी दी। आज आपकी ये गारंटी मैंने पूरी कर दी है। मैं राजस्थान अनेकों बार आया हूं। मैं कह सकता हूं अनगिनत बार आया हूं। लेकिन इतनी बड़ी तादाद में माताएं-बहनें आकरके आर्शीवाद दे, ये अपने आप में… मैं आप सब माताओं का इतने आर्शीवाद देने के लिए आने के लिए हृदय से बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। और जब मैं अंदर आ रहा था तब मैंने देखा जितने लोग अंदर हैं, उससे ज्यादा बाहर हैं। साथियों, याद रखिएगा, भूलिएगा मत। याद रखिएगा मोदी यानि...गारंटी पूरा होने की गारंटी !

मेरे परिवारजनों,
गरीब के पास स्वाभिमान होता है, गरीब मेहनत करना जानता है। मैं जिस घर से निकलकर यहां आया हूं, मेरे पास करने के लिए सिर्फ और सिर्फ मेहनत है, सिर्फ मेहनत है। इसलिए, मैं पूरे परिश्रम से आपकी सेवा में, अपने देशवासियों की सेवा में पूरी तरह जुटा हुआ हूं। इसलिए, मैं जो कहता हूं, वो करके दिखाता हूं। इसलिए, मेरी गारंटी में दम होता है। और ये मैं सिर्फ हवा में नहीं कह रहा हूं, बल्कि बीते 9 वर्ष का मेरा पूरा ट्रैक रिकॉर्ड यही है। (वहां मेरा आप सब से प्रार्थना है, अब पंडाल में कहीं जगह नहीं है। कृपा करके वहीं रुक जाइए। आप जहां हैं वहीं रुकिए। मैं आपके प्यार के लिए बहुत-बहुत आभारी हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद।)

मेरे परिवारजनों,
आप याद कीजिए, हमारी सरकार ने वन रैंक वन पेंशन लागू करने की गारंटी देश के पूर्व सैनिकों को दी थी। आप देख रहे हैं कि मोदी ने वो गारंटी पूरी कर दी। अब तक सैनिकों को जो निवृत्त हैं, वन रैंक वन पेंशन के 70 हजार करोड़ रुपए मिल चुके हैं। अब आप कल्पना करिए, कांग्रेस जब सरकार में थी तो उन्होंने 500 करोड़ रुपए की पोटली बनाकर वो झूठ बोलती थी कि वो वन रैंक वन पेंशन लागू करेगी। कहां 500 करोड़ कहां 70 हजार करोड़। ये भाजपा सरकार है जिसने 70 हजार करोड़ रुपए देकर वन रैंक वन पेंशन को लागू किया है।

साथियों,
जब नीयत साफ होती है, जब खुद पर भरोसा होता है, तो गारंटी पूरी करना सरकार की पहचान बन जाती है। हमने भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की गारंटी दी थी। आज देश के भ्रष्टाचारियों पर कानून का जो डंडा चल रहा है, वो सब देख रहे हैं। आप मुझे बताइए, भ्रष्टाचारियों पर कदम उठाने चाहिए कि नहीं उठाने चाहिए, कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए कि नहीं करनी चाहिए..? इस देश से भ्रष्टाचार को खत्म करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए ?

साथियों,
तीन तलाक के चलते मुस्लिम बहनों के साथ अन्याय कई पीढ़ियों से हो रहा था। उम्मीद की कोई किरण नहीं दिखती थी। लेकिन हर बहन के आंसू पोंछने की इच्छाशक्ति के कारण हम तीन तलाक के खिलाफ कानून लाए। इस कानून से लाखों बहनों को न्याय मिला है।

मेरे परिवारजनों,
कांग्रेस की कभी नीयत नहीं थी कि वो देश की महिलाओं को सशक्त करे। जो कांग्रेसी आज महिला आरक्षण की बातें कर रहे हैं, ये काम वो तीस साल पहले कर सकते थे… जब-जब मौका मिला तब कर सकते थे। लेकिन सच्चाई ये है कि कांग्रेसी कभी चाहते ही नहीं थे कि महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण मिले। आज भी अगर ये नारीशक्ति वंदन अधिनियम के समर्थन में आए हैं, तो मन से नहीं आए। बल्कि ये आप सभी बहनों के दबाव के परिणाम है, सीधी लाइन में आए हैं। इसलिए आपको याद रखना है, मेरी हर बहन-बेटी को याद रखना है। कांग्रेस और इसके घमंडिया साथी, महिला आरक्षण के घोर विरोधी हैं। नारी को सशक्त करने के इतने बड़े फैसले को भी वो भटकाने में लगे हैं। जिन्होंने यूपीए सरकार के दौरान ये बिल रोका था, कांग्रेस के वही साथी उस पर अभी भी दबाव बना रहे हैं। इसलिए राजस्थान की बहनों को, देश की बहनों को बहुत सतर्क रहना है।

मेरे परिवारजनों,
राजस्थान तो गौरवशाली इतिहास और परंपराओं की भूमि है। यहां के कण-कण में गौरव गाथाएं हैं। महाराणा प्रताप, महाराजा सूरजमल से लेकर राणा सांगा, राणा कुंभा तक, वीर दुर्गादास राठौड़ से लेकर गोविंद गुरू तक मीराबाई, पन्नाधाय, रानी पद्मिनी से लेकर अमृता देवी, काली बाई, करमा बाई तक, ऐसी अनेक संतानों ने एक महान सनातन धरोहर हमारे लिए छोड़ी है। लेकिन कांग्रेस और उसके घमंडिया गठबंधन ने इस धरोहर के विरुद्ध हल्ला बोल शुरू कर दिया है। इन्होंने घोषणा की है कि ये सतातन को जड़ से मिटा देंगे। हमारी पहचान को मिटा देंगे। कुछ वोटों के लिए, तुष्टीकरण की इस पराकाष्ठा को राजस्थान का समाज अच्छे से समझ रहा है। और मै जानता हूं, राजस्थान चुनाव में ही नहीं बल्कि आने वाले हर चुनाव में घमंडिया गठबंधन को इसका नुकसान उठाना ही पड़ेगा। वो जड़ों से उखड़ जाएंगे।

मेरे परिवारजनों,
राजस्थान के हर क्षेत्र में कांग्रेस की सरकार के विरुद्ध जनाक्रोश बढ़ता जा रहा है। यहां की कांग्रेस सरकार, युवाओं को अवसर नहीं बल्कि सिर्फ धोखा दे सकती है। राजस्थान में जितनी बार पेपर लीक होते हैं, वो हर बार पूरे राज्य को शर्मिंदगी से भर देते हैं। यहां की कांग्रेस सरकार पेपर लीक माफिया को संरक्षण देती है। मैं आज राजस्थान के युवाओं को भरोसा देता हूं। राजस्थान में बीजेपी सरकार बनने के बाद, इस पेपरलीक माफिया पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले किसी माफिया को बख्शा नहीं जाएगा।

साथियों,
आज देश के अलग-अलग राज्यों में औद्योगिक विकास नई ऊंचाई पर है। राजस्थान में भी निवेश बढ़े, यहां नए कारखाने लगें, नई फैक्ट्रियां लगें, ये बहुत जरूरी है। लेकिन जहां कदम-कदम पर करप्शन हो, जहां लाल डायरी में काली करतूतें हो, हर कोई कट और कमीशन में व्यस्त हो, वहां कौन पैसा लगाना चाहेगा? कौन पूंजी निवेश करेगा? जहां सरेआम गला काटने की घटनाएं हों, और सरकार मजबूर हो, ऐसे वातावरण में निवेश कैसे हो सकता है? ये साधारण अपराध नहीं है। ये कांग्रेस की तुष्टीकरण की नीति का परिणाम है। जब कांग्रेस सरकार, आतंकियों पर कार्रवाई के बजाय उन पर मेहरबान हो, जब कांग्रेस सरकार अपराधियों को खुली छूट दे रही हो तो, फिर कानून का खौफ कैसे रहेगा किसमें होगा? इसलिए आज राजस्थान की पस्त कानून व्यवस्था की बहुत बड़ी भुक्तभोगी, हमारी माताएं-बहनें-बेटियां हैं। जो सरकार बहनों-बेटियों को सुरक्षा और सम्मान का जीवन तक नहीं दे सकती, उस सरकार का जाना तय है।

मेरे परिवारजनों,
राजस्थान की ये भूमि वचन की मर्यादा रखने वाली भूमि है। लेकिन कांग्रेस की आदत झूठ बोलकर भूल जाने की है। राजस्थान के किसानों को तो अच्छे से याद है। कांग्रेस ने 5 साल पहले जो वचन दिया था, वो कभी पूरा नहीं किया। कांग्रेस ने किसानों से कई वादे किए थे। उनका क्या हुआ? इसका कोई हिसाब नहीं है। आज औने-पौने भाव पर किसानों को बाजरा बेचना पड़ रहा है। किसानों को इस स्थिति में ला दिया है एकमात्र जिम्मवार है, कांग्रेस और गहलोत सरकार जिम्मेवार है। लेकिन मैं किसान बहन-भाइयों को कहूंगा कि अब चिंता की कोई बात नहीं है। किसानों की चिंता करने वाली भाजपा सरकार जल्द ही आने वाली है।

साथियों,
भाजपा कदम-कदम पर किसानों और पशुपालकों के साथ खड़ी है। पीएम किसान सम्मान निधि से हज़ारों करोड़ रुपए राजस्थान के किसानों को मिल चुके हैं। आप भी जानते हैं कि दुनिया में खाद की कीमतें बहुत अधिक बढ़ गई हैं। कई देशों में खाद की बोरी 3 हज़ार रुपए तक की मिल रही है। लेकिन भारत में भाजपा सरकार वही खाद की बोरी किसानों को सिर्फ 300 रुपए से भी कम कीमत में उपलब्ध करा रही है।

साथियों,
भाजपा सरकार ने अपने कारीगरों, अपने शिल्पकारों, हमारे विश्वकर्मा साथियों के लिए एक बहुत बड़ी योजना शुरू की है। कांग्रेस की सरकारों ने कभी इन साथियों की सुध नहीं ली। लेकिन आज हमारे दर्जी भाई-बहन, हमारे बाल काटने वाले भाई-बहन, जूता बनाने वाले भाई-बहन, हमारे कुम्हार भाई-बहन, सुनार भाई-बहन, लोहार भाई-बहन, सुतार भाई-बहन, मालाकार भाई-बहन, ऐसे अनेक काम से जुड़े साथियों के लिए हम विशेष योजना लेकर आए हैं। इस विश्वकर्मा योजना के तहत इन साथियों को ट्रेनिंग और आधुनिक उपकरण सरकार देगी। यही नहीं, इन्हें लाखों रुपए का कम ब्याज वाला ऋण भी मिलेगा। ये योजना राजस्थान के लाखों विश्वकर्मा परिवारों का जीवन बेहतर बनाने में मददगार सिद्ध होगी।

साथियों,
मोदी हवा-हवाई बातें नहीं करता, क्योंकि मोदी के पांव पूरी मजबूती से ज़मीन पर ही रहते हैं। इसलिए बीते 9 वर्षों में हमने सामान्य से सामान्य लोगों की छोटी-छोटी कठिनाइयों को दूर करने का प्रयास किया। एक तरफ हम स्वनिधि योजना से रेहड़ी, ठेले, पटरी वालों को मदद दे रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ PLI स्कीम्स के माध्यम से दुनियाभर के उद्योगों को भारत आमंत्रित कर रहे हैं। आज हम मुद्रा योजना से करोड़ों छोटे-छोटे उद्यमियों, महिला उद्यमियों, दलित-पिछड़े समाज के साथियों को सपोर्ट कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ खेती से जुड़े उद्योगों, फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को भी बढ़ावा दे रहे हैं। हमारा विकास सर्वस्पर्शी भी है, हर वर्ग को लाभ हो रहा है। गरीब कल्याण अन्न योजना से गरीब, SC-ST-OBC- सभी को लाभ हुआ है।

साथियों,
हम वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम भी चला रहे हैं। राजस्थान इसका बड़ा लाभार्थी है। राजस्थान के सीमावर्ती गांवों में कांग्रेस ने सुविधाओं का निर्माण नहीं किया। कांग्रेस वाले तो कहते थे कि सीमाओं पर इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं बनना चाहिए, क्योंकि इससे दुश्मन को अंदर आने का आसानी हो जाएगी। कांग्रेस की इस नीति का हमें बहुत नुकसान हुआ है। लेकिन भाजपा सरकार आज सीमावर्ती गांवों का विकास कर रही है। हमारी सरकार वहां ऐसी सुविधाएं बना रही है, जिससे बॉर्डर के किनारे बसे गांवों का भी तेज विकास हो, वहां टूरिज्म के अवसर बढ़ें।

साथियों,
भाजपा सरकार की प्राथमिकता, गरीबों का, मध्यम वर्ग का स्वास्थ्य भी है। पिछले 9 वर्षों में देश में मेडिकल कॉलेज की संख्या लगभग दोगुनी हो चुकी है। इसका लाभ राजस्थान को भी हुआ है। बीते वर्षों में राजस्थान में अनेक नए मेडिकल कॉलेज खुले हैं। केंद्र की भाजपा सरकार ने देश में डेढ़ सौ से अधिक नए नर्सिंग कॉलेज खोलने का भी निर्णय लिया है। इसमें बहुत सारे कॉलेज राजस्थान के लिए भी स्वीकृत हुए हैं।

मेरे प्यारे परिवारजनों,
मुफ्त राशन, मुफ्त इलाज, मुफ्त गैस कनेक्शन ये गरीब परिवारों को, दलित, पिछड़े, आदिवासी परिवारों को गरिमा का जीवन देते हैं। अगर हमने राजस्थान के लाखों गरीब परिवारों को पक्का घर दिया है, तो मध्यम वर्ग के परिवारों को भी घर बनाने के लिए मदद दी है। देशभर में मिडिल क्लास परिवारों को ब्याज़ सब्सिडी के रूप में करीब-करीब 60 हजार करोड़ रुपये की मदद दी गई है। इस वर्ष लाल किले से मैंने मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए एक और घोषणा भी की है। जो साथी शहरों में किराए पर रहते हैं, वे अगर अपना घर बनाना चाहते हैं, तो उन्हें कम ब्याज़ पर ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। आपको याद होगा, साल 2014 तक देश में 2 लाख रुपए की इनकम पर टैक्स लग जाता था। आज 7 लाख रुपए तक की इनकम टैक्स फ्री कर दिया गया है। इसका सीधा लाभ हमारे मध्यम वर्गीय परिवारों को हुआ है। हर साल कम से कम 50 हजार रुपए की बचत तो इनकम टैक्स से ही हो रही है। कांग्रेस की सरकार थी, तो 3G नेटवर्क का फोन बिल भी भारी भरकम आता था। आज तो 5G चलने लगा है। तब तो मोबाइल फोन रखना ही असंभव था। आज परिवार के करीब-करीब हर सदस्य के पास फोन है। ऐसे में 2014 की तुलना में हर परिवार को हर महीने हज़ारों रुपए की बचत हो रही है।

मेरे परिवारजनों,
भाजपा, राजस्थान को देश के एक प्रमुख औद्योगिक और व्यापारिक केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। बीते 9 वर्षों में राजस्थान में हर प्रकार के आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार हुआ है। आज राजस्थान, दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस काम को हम बहुत जल्द पूरा करने वाले हैं।

मेरे परिवारजनों,
ये भारत के लिए अवसरों का समय है। ये राजस्थान के लिए भी अवसरों का समय है। अगर भारत की साख दुनिया में बढ़ रही है, तो इसका लाभ राजस्थान को भी मिलता है। राजस्थान में ऐसी सरकार नहीं चाहिए, जो इन अवसरों को गंवा दे। आने वाले कुछ सालों में ही भारत दुनिया में टॉप-3 अर्थव्यवस्थाओं में होगा। टॉप-3 अर्थव्यवस्थाओं में होगा- ये मोदी की गारंटी है। लेकिन इसके लिए राजस्थान को भी देश के अग्रणी राज्यों में लाना होगा। ये तभी होगा जब जयपुर में भी कमल खिलेगा। जब राजस्थान में विकास का डबल इंजन लगेगा। इसलिए आपको भारी बहुमत से भाजपा की सरकार बनानी है। मैं भाजपा के हर कार्यकर्ता से कहूंगा कि हमारी पहचान और हमारी शान सिर्फ कमल का फूल है। इसलिए बूथ-बूथ पर कमल का फूल खिले, इसके लिए हमें प्रयास करना है। एक बार फिर इतनी बड़ी संख्या में यहां पधारने के लिए मैं हृदय से आपका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं।
दोनों हाथ ऊपर करके मेरे साथ बोलिए
भारत माता की, भारत माता की, भारत माता की।
बहुत-बहुत धन्यवाद !

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!