Congress loves its vote bank more than interest of people: PM Modi in Jodhpur

Published By : Admin | October 5, 2023 | 12:21 IST
Paper leak mafia ruined future of lakhs of Rajasthan youth, says PM Modi in Jodhpur
Congress loves its vote bank more than interest of people; BJP will come to power and stop riots, bring development: PM Modi in Jodhpur
Rajasthan is a state where the pride of ancient India can be seen and India's valour, prosperity and culture are reflected: PM Modi
Congress does not care about the problems of women in Rajasthan, says PM Modi in Rajasthan


मां चामुंडा, अचलेश्वर महादेव और श्री सिद्धनाथ महादेव को मैं श्रद्धापूर्वक प्रणाम करता हूं। मैं संत रामदेव, वीरांगना गोरा धाय, वीर दुर्गादास राठौड़ और मां अमृता देवी जैसी महान संतानों को भी मैं नमन करता हूं। आज मैं लोंगोवाल युद्ध के नायक भैरों सिंह राठौड़ जी को भी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मुझे याद है, जब वो आखिरी समय में अस्पताल में थे, तो मैंने उनसे फोन पर बात की थी, उनके स्वास्थ्य के बारे में जाना था। मैं इस वीर धरा के हर वीर और वीरांगना को बहुत ही आदर के साथ प्रणाम करता हूं।

मेरे परिवारजनों,
आज जोधपुर के लोगों को, मारवाड़ के लोगों को कई उपहार एक साथ मिले हैं। एक विशेष उपहार की तैयारी तो मैं पहले ही दिल्ली से करके आया हूं। कल ही भाजपा सरकार ने तय किया है कि अब उज्ज्वला की लाभार्थी बहनों को केंद्र सरकार की तरफ से गैस सिलेंडर सिर्फ 600 रुपए में मिलेगा। अब तक आपको ये गैस सिलेंडर करीब 1100 रुपए का पड़ता था। रक्षाबंधन के दौरान हमारी सरकार ने उज्ज्वला लाभार्थियों के लिए गैस सिलेंडर 400 रुपए तक सस्ता किया था। और अब नवरात्रि, दशहरे, दीपावली से पहले उज्ज्वला के सिलेंडर को 100 रुपए और सस्ता कर दिया गया है। मुझे विश्वास है कि इससे आप सभी बहनें, त्योहारों को और ज्यादा उमंग से मना पाएगी। भाजपा सरकार के इस फैसले का लाभ राजस्थान के 70 लाख परिवारों को होगा। ये फैसला रसोई को धुएं से मुक्त करने के भाजपा सरकार के अभियान को भी मजबूती देगा।

मेरे परिवारजनों,
भाजपा सरकार के लिए आपका स्वास्थ्य आपकी हेल्थ ये हमारी प्राथमिकता है। एक तरफ हम आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीब परिवारों को मुफ्त इलाज की सुविधाएं दे रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ रिकॉर्ड संख्या में आधुनिक अस्पताल भी बना रहे हैं। आज जोधपुर एम्स में 350 बेड के ट्रॉमा सेंटर और क्रिटिकल केयर इस ब्लॉक का शिलान्यास हुआ है। आने वाले समय में केंद्र की भाजपा सरकार, राजस्थान में ऐसे अनेक क्रिटिकल केयर ब्लॉक्स बनाने वाली है। आज IIT जोधपुर के कैंपस के परिसर का भी लोकार्पण हुआ है। सेंट्रल यूनिवर्सिटी में भी लाइब्रेरी सहित अनेक नई सुविधाएं बन रही हैं। राजस्थान उच्च शिक्षा का एक बहुत बड़ा हब बने, इसके लिए भाजपा सरकार लगातार अनेक प्रयास कर रही है।

मेरे परिवारजनों,
भाजपा का संकल्प, राजस्थान को टूरिज्म में नंबर वन राज्य बनाने का है। नंबर वन बनना चाहिए कि नहीं बनना चाहिए? राजस्थान टूरिज्म में नंबर वन बनना चाहिए कि नहीं बनना चाहिए.. कौन बना सकता है? कौन बना सकता है? कौन बना सकता है? जरा जोर से आवाज निकाल के बताइए कौन बना सकता है? कौन बना सकता है? आपका जवाब गलत… ये मोदी नहीं बना सकता… ये आपका एक वोट बना सकता है। आपके वोट की ताकत से राजस्थान में भाजपा की सरकार बनेगी और राजस्थान टूरिज्म में नंबर एक बनेगा। ये ताकत आपके वोट की है। आज जो आधुनिक सड़कों का, नई रेल लाइनों का नेटवर्क राजस्थान में बन रहा है, वो इस काम में बहुत मदद करेगा। आज यहां सड़क, रेल और हवाई अड्डे से जुड़े प्रोजेक्ट्स भी जोधपुर को मिले हैं, मारवाड़ को मिले हैं। जोधपुर रिंग रोड का चौड़ीकरण हो या फिर शहर में जगह-जगह बनने जा रहे बायपास, इनसे आपको जाम से मुक्ति मिलेगी।

साथियों,
टूरिज्म बढ़ाने में बहुत बड़ी भूमिका, उस राज्य के एयरपोर्ट्स की भी होती है। एयरपोर्ट पर जितनी किचकिच होगी, उतना ही टूरिस्ट वहां से दूर भागेंगे। इसलिए आज भाजपा सरकार, देश के कोने-कोने में नए आधुनिक एयरपोर्ट बनवा रही है। आज यहां जोधपुर और उदयपुर एयरपोर्ट की नई टर्मिनल बिल्डिंग का शिलान्यास हुआ है। जब ये काम पूरा हो जाएगा तो इससे राजस्थान के टूरिज्म में बहुत बड़ी वृद्धि होगी। नया टर्मिनल बनने के बाद जोधपुर एयरपोर्ट की क्षमता 10 गुना बढ़ जाएगी। उदयपुर एयरपोर्ट पर भी आज के मुकाबले तीन गुना ज्यादा पैसेंजर आ पाएंगे। जब सुविधाएं बढ़ेंगी तो पर्यटक भी ज्यादा जाएंगे। और जब पर्यटन ज्यादा आएंगे तो टैक्सी वाले भी कमाएंगे, ढाबे वाले भी कमाएंगे, होम स्टे वाले भी कमाएंगे।



साथियों,
भाजपा की केंद्र सरकार वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम भी चला रही है। इसके तहत सीमावर्ती गांवों का विकास किया जा रहा है। इसका भी बहुत अधिक लाभ हमारे इस क्षेत्र को होने वाला है। हम राजस्थान के कोने-कोने में विकास को पहुंचाकर रहेंगे। और इसलिए राजस्थान कह रहा है- भाजपा आएगी, राजस्थान में खुशहाली लाएगी। अब आपने देखा होगा, अभी मैं एक सरकारी कार्यक्रम से यहां आ रहा हूं, कि जोधपुर में करीब 5 हजार करोड़ रुपये के विकास का काम उसका शिलान्यास या उद्घाटन कर के आया हूं यहां, अभी 15 मिनट पहले। सरकारी कार्यक्रम था, लेकिन मुख्यमंत्री जी गायब थे। क्यों गायब थे? क्योंकि उनको भरोसा है कि मोदी आएगा तो सब ठीक हो जाएगा। उनको मोदी पर इतना भरोसा है और इसलिए उन्हें लग रहा है कि अब मोदी आ रहा है तो बस हो जाएगा। और मैं भी उन्हें कहता हूं कि अब आप विश्राम कीजिए अब मैं सब संभाल लूंगा।

मेरे परिवारजनों,
केंद्र की बीजेपी सरकार, अपनी तरफ से राजस्थान के विकास के लिए हर कोशिश कर रही है। लेकिन यहां की स्थिति देखकर बहुत दुख होता है। 5 साल में कांग्रेस के कुशासन ने क्या हाल कर दिया है? कांग्रेस ने, भ्रष्टाचार औऱ दंगों के मामले में राजस्थान को देश में टॉप पर पहुंचा दिया है। कांग्रेस ने, महिलाओं और दलितों के विरुद्ध अत्याचार के मामले में राजस्थान को नंबर-1 बना दिया है। कांग्रेस ने नशे के कारोबार को कैसे खुली छूट दे दी है, वो भी राजस्थान का बच्चा-बच्चा जानता है। क्या इसीलिए आपने कांग्रेस को वोट दिया था? क्या ये बर्बादी के लिए कांग्रेस को वो दिया था। क्या राजस्थान को तबाह करने के लिए वोट दिया था… क्या राजस्थान को लूटने के लिए वोट दिया था। भाइयों इसलिए ये मेरा मारवाड़ कह रहा है- भाजपा को लाएंगे, राजस्थान को बचाएंगे।

साथियों,
5 साल में यहां कांग्रेस की सरकार एक कदम नहीं चली बल्कि यहां 24 घंटे कुर्सी का ही खेल चलता रहा है। अच्छा मैं भाइयों-बहनो मैं आपसे एक सवाल पूछूं? उधर वालों से पूछूं.. आप जवाब देंगे… सबके सब जवाब देंगे देंगे? आप सबने लाल डायरी के बारे में सुना है? सुना है? अच्छा माताओं-बहनों ने भी सुना है ? इन बच्चियों ने भी सुना है? लोग कहते हैं कि लाल डायरी में कांग्रेस के करप्शन की हर काली करतूत उसमें है। आप मुझे बताइए, इस लाल डायरी के काले राज खुलने चाहिए की नहीं खुलने चाहिए? सब खुलकर के बाहर आना चाहिए कि नहीं चाहिए? हिसाब चुकता होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? बेइमानों को सजा होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए? आप मुझे बताइए क्या कांग्रेस सरकार लाल डायरी के राज खुलने देगी क्या ? सामने आने देगी क्या? अगर ये सच जानना है तो कौन चाहिए ? कौन चाहिए? भाजपा सरकार लानी होगी ,यहां बीजेपी सरकार बननी जरूरी है। मैं आज आपके बीच आया हूं तो मैं आपको एक और वायदा करूंगा। कांग्रेस के पेपरलीक माफिया ने यहां के लाखों युवाओं का भविष्य बर्बाद कर दिया है। राजस्थान का युवा हिसाब मांग रहा है। चुनाव के समय बेरोजगारी भत्ते का वादा करने वाली कांग्रेस ने यहां के युवाओं को पेपर लीक माफिया के हवाले कर दिया। ऐसे हर पेपरलीक माफिया के खिलाफ बीजेपी सरकार, सख्त से सख्त कार्रवाई करेगी। आप याद रखिएगा, बीजेपी आएगी, राजस्थान में रोज़गार लाएगी! भाजपा आएगी, राजस्थान में पेपरलीक माफिया को मिटाएगी!

मेरे परिवारजनों,
जहां कानून व्यवस्था की ऐसी स्थिति हो, वहां निवेश नहीं होता, वहां व्यापार-कारोबार चौपट हो जाते हैं। लेकिन कांग्रेस की सरकार को, राजस्थान के हित से ज्यादा, अपना वोटबैंक प्यारा है। मैं आपसे एक और बात जानना चाहता हूं। जोधपुर जब दंगों में जल रहा था, मैं आपसे पूछना चाहता हूं जवाब दोगे ना? जवाब दोगे ना? जब जोधपुर दंगों की आग में जल रहा था, तब यहां के मुख्यमंत्री क्या कर रहे थे? जब यहां हिंसा हो रही थी, निर्दोष लोग मारे जा रहे थे तो कांग्रेस के नेता क्या कर रहे थे? क्या कांग्रेस की पहली और आखिरी नीति सिर्फ और सिर्फ तुष्टिकरण ही है क्या? रामनवमी, परशुराम जयंती, हनुमान जयंती, कोई भी त्योहार ऐसा नहीं है, जिसमें राजस्थान से पत्थरबाज़ी की खबरें ना आती हों। जिस जोधपुर शहर को शांति के लिए जाना जाता था, वहां दिन-दहाड़े गैंगवॉर होती है। एक व्यापारी के बेटे का अपहरण होता है, उसे बेरहमी से मार दिया जाता है। यहां कांग्रेस की विधायक खुद कहती हैं कि वो सुरक्षित नहीं हैं। हम कल्पना कर सकते हैं कि सामान्य बहन-बेटी की यहां क्या स्थिति होगी। सिरोही की 8 साल की मासूम बच्ची, सांचौर की 2 नाबालिग बेटियां, नागौर में 7 साल की बच्ची, कोई मुझे बताए उनका क्या कसूर था? ऐसी कितनी ही मासूम बेटियां हैं, जिनको असमय ही हमसे छीन लिया गया? ऐसी कितनी वारदातें, कांग्रेस के राज में बेलगाम अपराधियों की सच्चाई बताती हैं। राजस्थान अब ये नहीं सहेगा। भाजपा आएगी, दंगे रुकवाएगी। भाजपा आएगी, गुंडागर्दी रुकवाएगी। भाजपा आएगी, महिला सुरक्षा लाएगी।

मेरे परिवारजनों
कुछ दिनों पहले ही देश ने इतिहास रचा है। नारीशक्ति वंदन अधिनियम, संसद में पारित हो गया है। लेकिन इस कानून ने कांग्रेस और इसके घमंडिया गठबंधन के नेताओं की पोल खोल दी है उनको बेनकाब कर दिया है। ये लोग कभी भी महिला आरक्षण के समर्थन में नहीं थे। इसलिए अब ये कानून बनने के बाद ये लोग और बौखला गए हैं। ये लोग आए दिन देश की बेटियों के लिए अपमानजनक भाषा में बात कर रहे हैं। इनको समझ ही नहीं आ रहा है कि मोदी ने बहनों को दी ये गारंटी मोदी ने पूरी कैसे कर ली। ये नहीं जानते, मोदी की गारंटी यानि हर गारंटी पूरा होने की गारंटी।

मेरे परिवारजनों,
कांग्रेस को, राजस्थान की महिलाओं की किसी तकलीफ से भी कोई लेना-देना नहीं है। जब तक कांग्रेस की दिल्ली में सरकार रही, उसने कभी पानी की चिंता नहीं की। भाजपा की इस केंद्र सरकार ने 4 वर्ष पहले हर घर जल पहुंचाने का अभियान शुरु किया। 4 वर्ष में देशभर के 10 करोड़ नए परिवारों तक पाइप से पानी पहुंचाया गया है। लेकिन यहां की कांग्रेस सरकार उस तेज़ी से काम करने ही नहीं दे रही है, जिस तेज़ी से काम हम करना चाहते हैं। वो तो रुकावटे डालती रहती है। यहां तो पानी की इस योजना में भी भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है।

मेरे परिवारजनों,
आप देखिए, हमारा देश ऐसा है कि अगर कोई परिवार पानी की प्याऊ भी लगा दे ना तो पीढ़ियों तक उस परिवार का गौरव और सम्मान होता है। विशेषकर राजस्था और गुजरात में आज भी पानी के लिए काम करने वाले लाखा और बनजारा को पूरा राजस्थान और गुजरात डगर-डगर याद कर रहा है। करता है कि नहीं करता है? पानी का महत्व है कि नहीं है? अब आप देखिए, भाजपा को समझिए.. एक उदाहरण से आप भाजपा के चरित्र को जान सकते हैं। हिंदुस्तान में कई राज्य है, जहां नदियों के पानी को लेकर के एक राज्य दूसरे राज्य से मार-काट करने वाली लड़ाई लड़ रहे हैं । एक बूंद पानी एक राज्य दूसरे राज्य को देने को तैयार नहीं है। लेकिन ये भाजपा का चरित्र देखिए जब गुजरात में बीजेपी की सरकार थी, मुझे मुख्यमंत्री के नाते सेवा करने का मौका मिला था। नर्मदा का पानी हमारे राजस्थान को जरूररत थी, एक घंटा नहीं लगाया हम नर्मदा का पानी आज भी राजस्थान को देते हैं। और उपकार नहीं करते हैं, हमें गर्व होता है कि हमारे किसान भाई-बहनों को हम पानी पहुंचा रहे हैं, ये हमारा चरित्र है।

भाइयों-बहनों,
आज आजादी के अमृतकाल में देश का मिजाज सर्वश्रेष्ठ करने का, सबसे बेहतर करने का बन गया है। भारत जिस स्केल पर काम कर रहा है, उसकी कोई पहले कल्पना भी नहीं कर सकता था। भारत ने अपना चंद्रयान, चंद्रमा के उस हिस्से पर उतारा है जहां पहले कोई नहीं पहुंचा था। ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बना है भारत।


आप मुझे बताइए आज हर हिंदुस्तानी को चंद्रयान से गर्व हो रहा है कि नहीं हो रहा है ? गर्व हो रहा है कि नहीं हो रहा है? हरि हिंदुस्तानी का माथा ऊंचा जा रहा है कि नहीं जा रहा है। अभी कुछ दिन पहले ही एक अक्टूबर को पूरे देश ने गांधी जी को स्वच्छता के माध्यम से श्रद्धांजलि दी है। एक अक्टूबर को, देखिए, एक तरफ हिंदुस्तान चंद्रमा पर भी जाता है तो दूसरी तरफ एक अक्टूबर को 9 लाख से ज्यादा कार्यक्रम देशभर में हुए। इन कार्यक्रमों में करीब 9 करोड़ लोगों ने खुद जाकर के सफाई का सफाई का, स्वच्छता का काम किया। और गांधी जी को श्रद्धांजलि दी। राष्ट्रीय संकल्पों से खुद को जोड़ने की ये अभिलाषा, हम भारतीयों को हर लक्ष्य तक लेकर जाएगी। हम आत्मनिर्भर बनने के लिए, विकसित बनने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। वोकल फॉर लोकल का मंत्र भी आज हर देशवासी की जीवनशैली का हिस्सा बन गया है। आप कल्पना कर सकते हैं, 2 अक्टूबर को दिल्ली के, अभी दो दिन पहले की ही बात कर रहा हूं मैं, दिल्ली का एक खादी भंडार, मैं एक ही खादी भंडार की बात कर रहा हूं, दो अक्टूबर को एक दिन में दिल्ली के एक खादी भंडार में डेढ़ करोड़ रुपए के खादी उत्पादों की बिक्री हुई है। कितने गरीबों का भला हुआ, कितने गरीबों के घर में रोजी-रोटी मिली ये काम हम करते हैं। वाकई साथियों, मेरा देश बदल रहा है, वो चंद्रयान पर भी जा रहा है, वो सफाई भी कर रहा है, वो वोकल फॉर लोकल भी कह रहा है। औऱ इसमें राजस्थान बहुत बड़ी भूमिका निभा रहा है। लेकिन मेरे परिवारजनों, कांग्रेस के साथ आज ये दिक्कत हो गई है कि वो भाजपा का विरोध करते-करते, भारत का विरोध करने लग गई है।

आज पूरी दुनिया में भारत का डंका बज रहा है, भारत की वाहवाही हो रही है। लेकिन कांग्रेस को इससे दिक्कत हो रही है। आप मुझे बताइए.. आज पूरी दुनिया में भारत का डंका बज रहा है कि नहीं बज रहा है? जरा जोर से बोलिए.. ये आगे वाले भी जरा सुनते हैं तो बोलिए कि आज दुनिया में भारत का डंका बज रहा है कि नहीं बज रहा है? बज रहा है कि नहीं बज रहा है? अमेरिका में भारत की डंका बज रहा है कि नहीं बज रहा है? इंग्लैंड में भारत की डंका बज रहा है कि नहीं बज रहा है? सिंगापुर में भारत की डंका बज रहा है कि नहीं बज रहा है? जापान में भारत की डंका बज रहा है कि नहीं बज रहा है? आपको गर्व होता है कि नहीं होता है? आपको गर्व होता है कि नहीं होता है? आपको अच्छा लगता है कि नहीं लगता है? आपको अच्छा लगता है कि नहीं लगता है? कांग्रेस को अच्छा नहीं लगता है, उनको दुख होता है। भाजपा सरकार ने भारत को 10वें नंबर से 5वें नंबर की आर्थिक ताकत बना दिया है। कांग्रेस को इससे भी परेशानी है। और ये मोदी की गारंटी है, आप देख लेना कुछ ही वर्षों में मोदी 10 नंबर से पहले तीन में पहुंचा के रहेगा।

भारत ने, अब देखिए कितने गर्व की बात है कि भारत ने मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन बनाकर, अपने देशवासियों के साथ-साथ दुनिया के करोड़ों लोगों का जीवन बचाया है। आप मुझे बताइए.. वैक्सीन ने आपकी जिंदगी बचाई कि नहीं बचाई ? आपका जीवन बचाया कि नहीं बचाया? करोड़ों लोगों की जान बची कि नहीं बची? अब कांग्रेस को मेड इन इंडिया वैक्सीन से भी बहुत परेशानी रही है। वैसे वैक्सीन से जुड़े भारत के भगीरथ प्रयास इसकी दुनिया में चर्चा हो रही है, हमारे वैज्ञानिकों की चर्चा हो रही है। और मैंने सुना है कि एक मूवी आई है एक फिल्म आई है द वैक्सीन वॉर, द वैक्सीन वार की एक फिल्म आई है। मैंने सुना है कि भारत में कोविड से लड़ाई लड़ने के लिए हमारे देश के वैज्ञानिकों ने जो रात-दिन मेहनत की अपने लैब में , एक ऋषि की तरह साधना की और उसमें हमारी महिला वैज्ञानिकों ने भी अद्भुत काम किया उन सारी बातों को बहुत बढि़या तरीके से वैक्सी वार अभी जो फिल्म आई है, शायद इसी सप्ताह आई है, उसमें इसको दर्शाया गया है। हर भारतीय को उस फिल्म देखने के बाद गर्व हो रहा है कि हमारे वैज्ञानिको ने ऐसे-ऐसे काम किए हैं। चंद्रयान जाता है वैज्ञानिकों के लिए गौरव बढ़ता है, वैक्सीन बनती है वैज्ञानिकों के लिए गर्व बनता है और ये युवा पीढ़ी वैज्ञानिकों के काम को समझना चाहते हैं। मैं फिल्म बनाने वालों को भी बधाई देता हूं कि आपने वैक्सीन वार फिल्म बनाकर के देश के वैज्ञानिकों और विज्ञान को महत्व दिया। आने वाली पीढ़ी को ये बहुत काम आने वाला है।

मेरे परिवारजनों,
कांग्रेस को, उसे ना तो देश के वैज्ञानिकों की और ना ही देश के जवानों की या ना तो किसी किसान की उसे तो किसी से लेनादेना ही नहीं है। कुर्सी के सिवाय उसे कुछ दिखता ही नहीं है। जिस कांग्रेस ने हमारे सैनिक परिवारों तक को धोखा दिया हो, उससे उम्मीद ही क्या की जा सकती है? 2014 से ठीक पहले कांग्रेस सरकार ने बड़ी-बड़ी बाते कहीं वन रैंक वन पेंशन.. वन रैक वन पेंशन और फौजियों के बीच जाकर उनकी आंखों में धूल झोंकने का काम किया, बहुत सारी ड्रामेबाजी की, उनके सारे चेले चपाटे भी बयान देने के लिए आ गए। लेकिन किया क्या? 500 करोड़ रुपये का प्लान बनाया… 500 करोड़ रुपया.. अब 500 करोड़ रुपये का प्लान बनाया। कांग्रेस को पहले दिन से पता था कि 500 करोड़ से कुछ नहीं होने वाला है, जानते थे कि वन रैंक वन पेंशन हो ही नहीं सकता है, उनको पूरा पता था, लेकिन लोगों को मूर्ख बनाने की हिम्मत थी उसमें, झूठ बोलने की ताकत थी, भ्रम फैलाने की आदत थी। वन रैंक वन पेंशन का वादा मोदी ने गारंटी दी थी, मोदी ने पूरा किया। और आप हैरान रह जाएंगे। वन रैंक वन पेंशन के तहत, अभी तक देशभर के सैनिक परिवारों को 70 हज़ार करोड़ रुपए मिल चुके हैं। एक लाख से अधिक पूर्व सैनिकों को 4 हज़ार करोड़ रुपए से ज्यादा एक-एक परिवार को मिले हैं। आप बताइए एक लाख परिवारों को चार हजार करोड़ मामूली चीज नहीं है भैया… कहां 500 करोड़ और कहां 70 हजार करोड़, ये कांग्रेस के खेल समझिए भाइयों। आप सोचिए, कहां कांग्रेस के 500 करोड़ और कहां भाजपा के 70 हजार करोड़। इतना झूठ बोलते हैं ये लोग।

साथियों,
कांग्रेस ने हमारे छोटे किसानों को भी नहीं पूछा। कांग्रेस ने किसानों से कर्ज़माफी का वादा किया और हज़ारों किसानों की ज़मीन नीलाम कर दी। जिन किसानों ने जान दी है, उसका जिम्मेदार कौन है?
यहां के जो हमारे बाजरा उगाने वाले किसान हैं, उनके बारे में भी बीजेपी ने ही सोचा है। भाजपा सरकार बाजरे को, मोटे अनाज को, श्री अन्न के रूप में पूरी दुनिया में नई पहचान देने में जुटी है। G-20 सम्मेलन के दौरान ही बाजरे की रोटी, दूसरे श्री अन्न के पकवान दुनियाभर के नेताओं को परोसे गए। हमें गर्व होता है। और इसे हमारे मेहमानों ने बहुत पसंद भी किया है। भाजपा सरकार ने, पीएम किसान सम्मान निधि के माध्यम से, हर छोटे किसान के खाते में 28 हजार रुपए भी जमा कराए हैं।

मेरे परिवारजनों,
गरीबी क्या होती है और गरीब का दर्द क्या होता है, ये मैं ज्यादा समझ सकता हूं, क्योंकि मैंने गरीबी को जिया है। 2014 के बाद से देश में जो नीतियां बनी हैं, उससे गरीबी तेजी से कम हो रही है। सिर्फ 5 साल में साढ़े 13 करोड़ लोग, गरीबी से बाहर आए हैं। गरीब कैसे सशक्त हो, गरीब का जीवन स्तर कैसे बेहतर हो, इसके लिए मैं दिनरात जुटा हूं। आपका सपना ही, मोदी का संकल्प है। आपका सपना ही मोदी का संकल्प है। हमें राजस्थान को विकसित बनाना है।
इसके लिए हमें हर बूथ पर कमल खिलाना है। हर बूथ पर कमल खिलाओगे? हर बूथ पर कमल खिलाओगे? हर बूथ पर कमल खिलाओगे? घर-घर जाओगे? ये हमारा शब्द लिख लीजिए दोस्तों, जितना कमल खिलेगा, उतना राजस्थान भी खिलेगा। मुझे मारवाड़ के जन-जन पर भरोसा है।

आप इतनी बड़ी तादाद में आशीर्वाद देने आए, इतनी बड़ी तादाद में माताएं-बहने आईं.. मैं फिर एक बार आप सबका हृदय से धन्यवाद करता हूं। मेरे साथ बोलिए… भारत माता की… भारत माता की.. भारत माता की…
बहुत-बहुत धन्यवाद।

 

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Text of PM’s address at the Odisha Parba
November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!