PM Modi's interaction with BJP Karyakartas from West Bengal via NaMo App showcases the Party's commitment to effective governance communication in the state
Resilient BJP Karyakartas in West Bengal, acknowledged by PM Modi, display unwavering dedication contributing to growing trust in the BJP
PM Modi emphasizes the importance of courageously serving the people of West Bengal despite hostility, highlighting the Karyakartas' bravery in the face of disruptive tactics by the TMC
PM Modi assures stringent security measures and urges continuous vigilance, stressing the need to reach every voter's home and encourage fearless voting
PM Modi calls for informing the people about Mamata Banerjee's obstruction of Union government welfare initiatives in Bengal, urging Karyakartas to continue their dedicated service to the state

नमोशकार,
आपनारा सोभाई भालो आछिन्तो...
‘मेरा बूथ सबसे मजबूत’ इस कार्यक्रम में, बंगाल के सभी बीजेपी कार्यकर्ताओं का मैं अभिनंदन करता हूं। पश्चिम बंगाल के भाजपा कार्यकर्ता, जिन विपरीत परिस्थितियों में कार्य करते हैं उसकी जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है। हमारे भाजपा कार्यकर्ता अपने जीवन को संकट में डालकर भी जन सेवा के लिए समर्पित रहते हैं। आप लोगों की कड़ी मेहनत की वजह से आज, पश्चिम बंगाल के लोगों का भाजपा पर भरोसा निरंतर बढ़ रहा है।

बंगाल में हर चुनाव के समय टीएमसी द्वारा हिंसा का सहारा लेकर भाजपा को रोकने की कोशिश होती है। देश ने यह भी देखा है कि कैसे भाजपा कार्यकर्ता निडर होकर अपने बूथ पर डटे रहे और वोटरों का साथ दिया। एक बार फिर आप सभी चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आपकी ये मेहनत रंग लाएगी, आपकी ये मेहनत देशवासियों के मन में भी नया उत्साह जगाएगी, उमंग जगाएगी।

मैं देख रहा हूं कि हमारे कार्यकर्ता कैसे बंगाल के घर-घर मोदी की गारंटी पहुंचा रहे हैं। मुझे विश्वास है इस बार बंगाल में हम पिछले चुनाव से कहीं ज्यादा सीटें जीतने जा रहे हैं।

इसलिए आज की ये चर्चा बहुत महत्वपूर्ण है। बंगाल के हमारे कार्यकर्ताओं में से कौन पहले मुझसे बात करेगा?

रितिका हाल्दर- रितिका हाल्दर।
पीएम मोदी- रितिका जी नमस्ते।
रितिका- जय श्री कृष्णा प्रधानमंत्री जी, आपको चरणों में कोटि-कोटि प्रणाम।
पीएम मोदी- रितिका जी आपको भी मेरी तरफ से बहुत-बहुत नमस्कार। रितिका जी जरा अपने विषय में बताइए आप किस लोकसभा क्षेत्र से हैं?
रितिका- उत्तर मालदा सात नंबर।
पीएम मोदी- अच्छा रितिका जी, आपके बूथ पर चुनाव अभियान कैसा चल रहा है। क्या आपके भूत पर सभी कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी तय कर दी गई है?
रितिका - हर एक कार्यकर्ता वहां पर उनके साथ संपर्क में गई है और अभी सभी भाजपा के तरफ ही बात कर रही है।
पीएम मोदी- देखिए बंगाल में चुनावी हिंसा की बड़ी खराब स्थितियां हो रही हैं, आपको प्रचार में कैसी स्थिति का सामना तो नहीं करना पड़ रहा है?
रितिका- हम महिलाएं एकत्रित होकर घर-घर जा रहे हैं और इस प्रॉब्लम से जूझ रहे हैं, इस प्रॉब्लम से लड़ रहे हैं।
पीएम मोदी- तो उनकी महिलाएं भी आकर के झगड़ा करती होगी आपके साथ?
रितिका - ना ना।
पीएम मोदी- तो आप हर जगह पर जाकर के अपनी बात बता पा रहीं है।
रितिका- समझ पा रहीं हैं, हर घर जाके उनका कोई दिक्कत नहीं हो रहा है।
पीएम मोदी- अच्छा जो केंद्र सरकार की योजना है लोगों को मुफ्त राशन मिल रहा है। वह सबको मालूम है कि भारत सरकार मोदी सरकार ये मुफ्त राशन भेज रही है?
रितिका- हां, हम जाकर बता रहे हैं और वो समझ भी रहे हैं।
पीएम मोदी- रितिका जी मुझे बहुत अच्छा लगा आपसे बात करके और आप लोग हिम्मत से काम कर रहे हैं, देखिए पश्चिम बंगाल के चुनाव में सबसे बड़ी चुनौती चुनावी हिंसा की होती है। लेकिन चुनाव आयोग ने सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए हैं। हम सब भी बंगाल की स्थिति पर नजर बनाए रखते हैं। आपको एक-एक वोटर के घर पहुंचना है और परिवार के सदस्यों को हौसला देना है कि वो निडर होकर मतदान करें।
आप अपने बूथ के हर व्यक्ति से मिलें, उसे भाजपा की नीतियां बताएं और उसके अपेक्षाओं से जुड़ें।

नमस्ते, सॉरी आप सबको थोड़ा वेट करना पड़ा। अब बंगाली में जो भाषांतर हो रहा था, वो नहीं होगा। हम लोग हिंदी में ही बात कर पाएंगे तो अच्छा होगा। अगर आप बिल्कुल हिंदी नहीं बोल सकते हैं तो भी मैं बंगाली समझने का प्रयास करूंगा लेकिन अब इंटरप्रिटेशन नहीं होगा। रितिका जी से हमारी बात हो रही थी पर मैं तो रितिका जी को यही कहूंगा, उसके माध्यम से सभी कार्यकर्ताओं को भी कहूंगा आप अपने बूथ के हर व्यक्ति से मिलें। उसे भाजपा की नीतियां बताएं और उसकी अपेक्षाओं से जुड़ें। बूथ स्तर पर, मंडल स्तर पर और विधानसभा के स्तर पर, अपने वोटर्स का पूरा डाटा अपने पास रखिए।

चलिए हमारे अगले कार्यकर्ता कौन है? अपना परिचय दीजिए, हू इज नेक्स्ट?

गणेश शर्मा- मैं गणेश शर्मा बोल रहा हूं।
पीएम मोदी- गणेश जी नमस्ते।
गणेश शर्मा- नमस्ते मोटा भाई।
पीएम मोदी- हां छोटा भाई।
गणेश शर्मा- मैं अलीपुरद्वार लोकसभा से बात कर रहा हूं, जॉन बारला हमारे एमएलए थे।
पीएम मोदी- जी जी एमपी थे।
गणेश शर्मा- हां, एमएलए नहीं, एमपी। मैं 242 बूथ का...
पीएम मोदी- गणेश जी, चुनाव जोरों पर चल रहा होगा
गणेश शर्मा- जी, जी।
पीएम मोदी- और आपके यहां तो 19 तारीख को ही मतदान है?
गणेश शर्मा- जी।
पीएम मोदी- अब तो दिन भी ज्यादा बचे नहीं हैं।
गणेश शर्मा- जी, अबकी बार मनोज तिग्गा हैं हमारे क्षेत्र में।
पीएम- हां।
गणेश शर्मा- हां
पीएम मोदी- हम किसान सम्मान निधि बंगाल के किसानों को भी दे रहे थे, लेकिन वहां के टीएमसी सरकार उसका लिस्ट भी नहीं भेजती थी। देने ही नहीं देती थी। मैंने उनको समझाया कि गरीबों का पैसा है हम देने को तैयार हैं, आप रुकावट क्यों करती हो? लेकिन बस कितना समय बीत गया। वैसा ही गरीब लोग कहीं पर भी काम करने जाएं, उनका राशन मिलने की तकलीफ होती है, तो वन नेशन वन राशन कार्ड...यह योजना लागू करनी थी ताकि कोई भी बंगाल से अगर बाहर जाए काम करने के लिए तो गरीब को राशन मिल जाए वहां। तो उसमें भी उन्होंने अड़ंगे डाले बाद में कोर्ट ने उनको फटकारना पड़ा। यह सारी बातें वहां के लोगों को पता है?
गणेश शर्मा- हां पता तो है ही। अभी ये कॉविड के बाद से जो फायदा मिला है, इससे बहुत उपकृत है। यह सब चर्चा घर-घर जाकर कर रहे हैं हम लोग बंगाल में। यह आवास योजना का जो जितना भी सुविधा था इससे वंचित है, बहुत सारे वंचित हैं। और जो लोग नेता थे टीएमसी के इन लोगों ने इन्होंने तो अपना कमीशन खा-खा करके अपना एक के बदले 2-4 भी मकान बना रखे हैं डबल-डबल। और यह जो हम लोग का स्वास्थ जो आप 5 लाख वाली जो स्कीम है...
पीएम मोदी- हां आयुष्मान कार्ड।
गणेश शर्मा- आयुष्मान कार्ड और इसके बदले ममता बनर्जी स्वास्थ्य साथी बना करके, अब वह कार्ड लेकर जाते हैं, जाकर के फंस जाते हैं। इलाज तो कर लेते हैं बाद में जमीन बेचकर के वो पैसा चुकाना पड़ता है, ऐसा ही है। और हमारे रास्ते की ऐसी हालत है। पिछले साल के बात है एक पेशेंट को यहीं पर मैं चार किलोमीटर दूर में एक हॉस्पिटल है। वहां पर जाते समय रास्ते पर मर गया। इतना मतलब खड्डा है, गड्डा है तो वो गति से नहीं पहुंचा पाया। तो हमारे यहां पर में तो...
पीएम मोदी- हां यही, यही कारण है कि बंगाल के लोगों का टीएमसी के प्रति बहुत गुस्सा है।
गणेश शर्मा- बहुत
पीएम मोदी- गणेश जी, मुझे बहुत अच्छा लगा और आपको बहुत सारी जानकारियां हैं। आप एक बहुत सक्रिय कार्यकर्ता हैं और आपके माध्यम से मैं आज बंगाल के बूथ के कार्यकर्ताओं से यही कहूंगा कि देखिए पश्चिम बंगाल में अगला पूरा सप्ताह उत्सव का है, शक्ति पूजा और नारी शक्ति के वंदन का सप्ताह है। हमें पूरा सप्ताह पश्चिम बंगाल की महिला वोटर्स से संपर्क का एक विशेष अभियान चलाना चाहिए।
गणेश शर्मा- जी, जी।

पीएम मोदी- पिछले 10 वर्षों में केंद्र की भाजपा सरकार ने माताओं और बहनों के लिए जो कदम उठाए हैं, उस पर हम जरूर बात करें और लोगों को यह बताना भी जरूरी है कि केंद्र की कौन-कौन से योजनाओं पर राज्य के सरकार यहां वहां पर लागू ही नहीं होने देती है। जनता की भलाई के काम में रुकावट करती है, ये सारी बातें लिस्ट बनाकर के घर-घर जा करके बताना चाहिए। कि बताइए मोदी जी तो ये दे रहे हैं, ये देने नहीं देते। और केंद्र सरकार की कुछ योजना का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचने से पहले बंगाल में उसका नाम बदल दिया जाता है। आप यह सच लोगों को मिलकर के एक-एक व्यक्ति को बताना चाहिए और उसे बंगाल में जो लोग हैं उनका कितना नुकसान हो रहा है। चलिए गणेश जी बहुत अच्छा लगा आपसे बात करके।
अब हम अगले कार्यकर्ता से बात करते हैं कौन कार्यकर्ता है?
गांगुली सरकार- नमस्ते, हम गांगुली सरकार बोल रहे हैं।
पीएम मोदी- कौन बोल रहे हैं?
गांगुली सरकार- गांगुली सरकार उत्तर मालदा।
पीएम मोदी- गांगुली जी, नमस्कार।
गांगुली सरकार- आपको भी कोटि-कोटि नमस्कार, प्रधानमंत्री जी।
पीएम मोदी- नमस्कार गांगुली जी। अच्छा मैं तो आपसे बातें करता हूं इसलिए कि मुझे नीचे पूरी ग्राउंड रियलिटी क्या है, आप लोग कितने उत्साह, उमंग से कम कर रहे हैं, सुनता हूं... तो मुझे अच्छा लगता है। अच्छा आप बताइए, आपके बूथ में अलग-अलग वर्गों से मुलाकात या छोटी सभा इसकी कोई योजना बनी है क्या?
गांगुली सरकार- हां, बन गया है। हम युवा से, नारी से और जो मेरे माता-पिता जैसे जो आदमी है उसके साथ भी हम बैठ-बैठ के योजना बनाते हैं।
पीएम मोदी- आप बहुत बढ़िया हिंदी बोलती है, गांगुली जी।
गांगुली सरकार- सर यह आपकी दया है, आप सिखाए हैं हम लोग का। आपकी कार्यकर्ता है ना तो हमलोग को थोड़ा सीखना ही पड़ेगा।
पीएम मोदी- हां, लेकिन जब लोगों से मिलते हैं, युवाओं से मिलते हैं तो युवाओं को पता है कि कैसी बर्बादी करके रखी है, कैसे उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है, यह पता है युवाओं को?
गांगुली सरकार- हां, हम तो गांव से हैं, और बहुत क्रांति गांव है। हमारे गांव के जो युवा है वो लोग सब पढ़ाई किए हैं, कोई B.Ed किए हैं, कोई M.A किए, पढ़ाई बहुत किए हैं वो लोग। बाहर में भी अभी काम कर रहा है, किसी को ऑटो चलाना होता है, किसी को टोटो चलाना होता है कि वो लोग एग्जाम...हमारा पश्चिम बंगाल में तो एग्जाम होता ही नहीं है। पीएससी कभी-कभी होता है 5 साल 10 साल में एक बार, एसएससी तो नहीं होता है, पुलिस रिक्रूटमेंट पुलिस में भी वह होता है तो सब पैसा से होता है। पैसा दो तो चाकरी मिलेगा, पैसा नहीं है तो कुछ नहीं होगा। ये तो युवा को, महिला को, हम लोग का जो नारी है उसको भी पता हो गया, मां को भी पता हो गया... मेरा बेटा को हम पढ़ाएंगे, बेटी को पढ़ाएंगे उसको शिक्षा बेकार हो जाएगा। उसको नौकरी नहीं होगा। पूरा मालूम हो गया, पूरा मालूम।
पीएम मोदी- हां, यह तो चाकरी में भी पैसा कट करते हैं।
गांगुली सरकार- हां बहुत-बहुत।
पीएम मोदी- और हां, इसीलिए तो काफी उनके लोग जेल गए हैं।
गांगुली सरकार- हां।
पीएम मोदी- और आपको मालूम है ना, हमने जो यानी ईडी ने पश्चिम बंगाल में से जो करीब 3000 करोड़ रुपया अटैच किया हुआ है, उसकी सारी चीज अटैक की गई है। और मैंने कहा है कि भाई जरा ढूंढ के निकालो किसी ने चाकरी के लिए रिश्वत दी। किसी ने 1 लाख दिया, किसी ने 50 हजार दिया, और हरेक का रेट था, तो मैंने कहा है कि पैसे उन गरीबों के अगर प्रूफ हो जाएगा कि हां इन्हीं का पैसा गया है तो उनको पैसा वापस दिलवाने वाला हूं मैं।
गांगुली सरकार- हां, आप बोले थे, रानी मां को आप बोले हैं फोन में हम लोग सुने हैं आप का ऑडियो।
पीएम मोदी- हां, तो सबको बताइए, यह मोदी बड़ा पक्के मन का है जिन-जिन लोगों ने चाकरी लेने के लिए पैसा दिया, वह उनके हक का पैसा वापस आएगा।
गांगुली सरकार- हां हां, हम बोलेंगे।
पीएम मोदी- अच्छा मुझे पता है कि बंगाल के लोग भाजपा को एक नई उम्मीद की तरह देख रहे हैं। लेफ्ट, टीएमसी और कांग्रेस के बीच वहां तो दिखावे की लड़ाई हो रही है वह तो अंदर से एक ही हैं सब लोग।
गांगुली सरकार- हां, हां एक ही है।
पीएम मोदी- लोगों के बीच भ्रष्टाचारियों का यह जो गठबंधन बन रहा है, उसके विषय में लोग क्या कहते हैं?
गांगुली सरकार- अभी तो आप जो किए हैं दिल्ली सरकार के केजरीवाल को पकड़ा के और जब केजरीवाल पकड़ा गया है। तब तो नीतीश जी हट गया, ममता जी भी कांग्रेस के साथ ये किया, तो हमारा इधर कांग्रेस के भी राहुल आया था और वो ममता दीदी एक दिन मालदे में मीटिंग हुआ था। तो सब जितना कांग्रेस का लोग था वह ममता दीदी का मीटिंग में आ गया था तब राहुल को भी पता लग गया ममता भी मेरे साथ नहीं है। तो उन लोग नेता का ही तो गठबंधन नहीं है तो समाज के लोग भी देखते हैं, गांव के लोग भी देखते हैं कि यह सब बेकार है, दिखावा है इसलिए हमको यह सरकार नहीं चाहिए हमको मोदी सरकार ही चाहिए।
पीएम मोदी- यह भ्रष्टाचार के लिए लोगों का गुस्सा है?
गांगुली सरकार- बहुत-बहुत गुस्सा है।
पीएम मोदी- चलिए गांगुली जी, आपके साथ बात करके बहुत अच्छा लगा। और मैं तो सभी कार्यकर्ताओं से यही कहूंगा जो दूसरे राज्यों में दोस्ती का नाटक करते हैं। बंगाल में आकर के एक-दूसरे को टक्कर देने का दावा कर रहे हैं। इनकी लड़ाई एक दूसरे से नहीं है, इनकी लड़ाई भाजपा से है। क्योंकि भाजपा की सरकार ने उनके भ्रष्टाचार पर शिकंजा कस दिया है। यह चाहे जितनी ताकत लगा लें भ्रष्टाचार पर कार्यवाही मोदी रोकने वाला नहीं है। और भाजपा परिवारवाद के खिलाफ भी आवाज उठाती आई है इसलिए सभी परिवारवादी पार्टियां एक मंच पर जुट गई है। इन लोगों को लगता है कि एकजुट होने से और मोदी को एक सुर में गाली देने से इनका भ्रष्टाचार छिप जाएगा लेकिन इन भ्रष्टाचारियों के पास अब सिर्फ जेल है या सिर्फ जमानत का रास्ता बचा है। चलिए गांगुली जी, आपने बहुत अच्छे तरीके से सारी बातें बताई। मैं आपका बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं।


आइये हम आगे बढ़ते हैं...
हमारे अगले बूथ के कौन कार्यकर्ता हैं? जिनसे हमें मौका मिलेगा बात करने का....
गांगुली सरकार- सर सर।
पीएम मोदी- जी गांगुली जी।
गांगुली सरकार- कुछ कहना है, एक रिक्वेस्ट है, हां हमारा एक रिक्वेस्ट है सर।
पीएम मोदी- हां, बताइए गांगुली जी।
गांगुली सरकार- मालदा जिला से हम हैं उत्तर मालदा की। तो उत्तर मालदा की नहीं, पूरा मालदा जितना हमारा मालदा है तो सर हमारा मालदा न देवनाथ के लिए बहुत पीछे हो गया है, कुछ भी नहीं हुआ है। जितना हुआ है वो आगे ही हुआ था गनीखान रहते ही और उसके बाद कोई डेवलप नहीं है, हम लोग कि मालूम है जो तृणमूल सरकार नहीं करने देते हैं। लेकिन सर हमारा एक उम्मीद है, हम मालदावासी के बोलते हैं...
पीएम मोदी- हम देखिए पूरी ताकत लगा देंगे, हां।
गांगुली सरकार- मालदा के लिए, थोड़ा आप हम लोग के लिए।
पीएम मोदी- बहुत अच्छा बताया आपने, बहुत-बहुत धन्यवाद।
गांगुली सरकार- धन्यवाद सर।


पीएम मोदी- अब आगे कौन है जिससे बात करेंगे।
शुभंकर शाह- नमोशकर प्रोधानमंत्री जी।
पीएम मोदी- नमस्कार।
शुभंकर शाह- नमस्कार सर मैं शुभंकर शाह, 08 मालदा दक्षिण जनरल लोकसभा निर्वाचन सेक्टर से, 51 इंग्लिश बाजार एलआईसी के जो 289 बूथ है उनमें से 180 नंबर बूथ का भारतीय जनता पार्टी का बूथ प्रेसिडेंट हूं। मैं आपको भारतीय जनता पार्टी मालदा दक्षिण सांगठनिक जिला तथा मालदा जिला के पक्ष से शत-शत नमस्कार जनाता हूं।
पीएम मोदी- शुभंकर जी, आपको भी मेरी तरफ से बहुत-बहुत नमस्कार। मुझे बहुत अच्छा लगा कि चलिए आज मालदा उत्तर में भी बात हो गई अब मालदा दक्षिण में भी बात हो रही है। अच्छा मैं तो नीचे की बात, आप लोग कार्यकर्ता मैदान में जाते हैं तो क्या चल रहा है मैं ये सुनना चाहता हूं। मैं तो देख रहा हूं कि बंगाल में जिन्हें हम पर भरोसा है वो वोट जरूर डालें यह बहुत पक्का करना होता है। और गर्मी भी कितनी क्यों ना हो फिर भी वोट डालें, इसके लिए आप लोगों ने तैयारी क्या की है?

शुभंकर शाह- हां सर, गर्मी भी है इसके बावजूद लोग वोट डालें इसलिए हम लोगों ने एक तो सिर्फ लोकसभा चुनाव नहीं, इसके पहले जो विधानसभा चुनाव थे उसके लिए भी हमारा बीजेपी के तरफ से एक टेंट करते हैं। उसमें हम पानी का व्यवस्था रखते हैं और वोटर लिस्ट रहते हैं, चॉकलेट्स रखते हैं, जो लोग बच्चों को साथ लेकर आते उसके लिए। और हम लोग बारी-बारी जब जाते हैं वोटर लिस्ट लेकर तब उन लोगों को वोटर को बताते हैं कि सुबह-सुबह यानी की सकाल मॉर्निंग में ही जाकर अपना वोट डालें।
पीएम मोदी- देखिए मेरा सुझाव है कि आपने अपने बूथ के जो कार्यकर्ता हैं ना, पन्ना प्रमुख होंगे, कमेटी होगी। तीन-तीन लोगों की एक टोली बनानी चाहिए और हो सके तो उसमें एक या दो महिलाएं होनी चाहिए और एक-एक टोली को 10 या 15 परिवार दे देना चाहिए। और उनको बोलना चाहिए कि मतदान तक आपको इन 15-20 जो भी परिवार दिए, बस उसी में काम करना है। उनके घर जाना, उनके घर पर बैठना, उनके सुख-दुख की चर्चा करनी और फिर उनको कहना है कि आपको वोट के लिए निकलना है। और सभी पोलिंग बूथ में कोई ना कोई कार्यकर्ता को हर परिवार से अगर जोड़ दिया तो आप देख लीजिए जरूर मतदान भी बढ़ेगा और वोट हमें मिलेगा। दूसरा कभी-कभी क्या करते हम लोग जुलूस निकालते हैं, जिंदाबाद जिंदाबाद करके झंडे-वंडे लेकर घूमते हैं, लेकिन कमल निशान पता नहीं होता है, फिर वोटिंग में नाम हमारा... एक नंबर पर है, दो नंबर पर है, तीन नंबर पर है... कहां पर है, वह पता नहीं होता है। घर-घर जाकर के बताना होता है निशान के विषय में और उनको बैठ करके सिर्फ हमने बीजेपी का प्रचार करने से काम नहीं चलता है हमने उनका वोट पक्का करना होता है और आप तो जानते ही हैं अगर हमें देश का चुनाव जीतना है, लोकसभा का चुनाव जीतना है, तो सबसे पहले हमें पोलिंग बूथ जीतना पड़ता है जो पोलिंग बूथ जीतता है वही लोकसभा जीतता है वही हिंदुस्तान का चुनाव जीतता है। और इसलिए मेरी तो आप सबसे आग्रह है, एक ही मंत्र है, पोलिंग बूथ कैसे जीतेंगे। जितने वोट हैं आधे से अधिक वोट हमारे पक्के हो जाने चाहिए।
शुभंकर शाह- ठीक है सर।
पीएम मोदी- अच्छा, शुभंकर जी बंगाल के ग्रामीण इलाकों में बीजेपी के काम और टीएमसी के भ्रष्टाचार को लेकर लोगों में क्या चर्चा है? भाजपा के काम की क्या चर्चा है और उनके भ्रष्टाचार की क्या चर्चा है।
शुभंकर शाह- सर, सच बताऊं तो गांव के जो लोग हैं वे जानते हैं कि ममता बनर्जी ने क्या करके रखा है। लेकिन एक जो बात है सर वह मैं आपको बताना चाहता हूं कि यह जो प्रधानमंत्री आवास योजना है ग्रामीण और जो मनरेगा प्रकल्प है 100 दिन का काम। तो गांव के अधिकांश लोग ही ये समझ रहा है कि केंद्रीय सरकार इस योजना में जो आने वाले रुपए हैं यह बंद करके रखा है। यह बात उनके मन में घर गया है तो मुझे लगता है कि...
पीएम मोदी- उनको बताना पड़ेगा कि ये पैसे सब खा गए हैं बीच में। गलत किया है हिसाब नहीं दिया है और इसलिए चुप हो गए। पहले तो चिल्लाते थे लेकिन अब चुप हो गए। यह बात हम कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर बतानी होगी।
शुभंकर शाह- हां, हां ये बात हम लोग बोल रहे हैं।
पीएम मोदी- क्योंकि जो लोग जन्म भी नहीं हुआ उनके नाम लिख दिए थे और कंपनी का कारोबार चलता था। तो यह बात बताना चाहिए ताकि लोगों को विश्वास हो जाएगा। तो बताएंगे?
शुभंकर शाह- अवश्य सर, अवश्य बताएंगे और एक बात बोलना है बताऊं क्या।
पीएम मोदी- हां।
शुभंकर शाह- सर आपका जो सब केंद्रीय प्रकल्प है यानी कि जो प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना इस सब में भी राज्य सरकार ने उनका एक नाम दे दिया है। जैसे कि प्रधानमंत्री आवास योजना को बांग्ला आवास योजना, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना को बांग्ला सड़क योजना इसमें उनका दिक्कत है कि प्रधानमंत्री नाम क्यों रहे। तो यह बात मैंने मान लिया। लेकिन सर आपको यह जानकर भी हैरानी होगी कि जल जीवन मिशन इस प्रकल्प में प्रधानमंत्री कहीं भी वर्ड नहीं है लेकिन इनको भी उन्होंने जल स्वप्न यह नाम देकर चला रहा है। आप इस सब विषय को देखिए और गंभीरता से देखिए और प्रधानमंत्री आवास योजना...
पीएम मोदी- हां, हां, ये इनकी आदत हो गई है। स्टीकर अपना लगा देते हैं, पैसे मोदी सरकार की तरफ से आते हैं। लेकिन अब बंगाल की जनता को ये सब समझाना होगा हमें कि कैसा करते हैं और किस प्रकार से देश को बर्बाद कर रहे हैं। चलिए शुभंकर जी, मुझे अच्छा लगा आपसे बात करके। देखिए बंगाल के लोग समझ रहे हैं कि वहां की सरकार ना केंद्र की योजनाएं ठीक से लागू होने देती हैं ना खुद कोई काम करती हैं। खजाने की लूट और गुंडों का संरक्षण यह सरकार का एजेंडा हो गया है। सरकार के महत्वपूर्ण विभाग जेल से चल रहे हैं। इस सरकार में ना लोगों का जीवन सुरक्षित है ना महिलाओं का सम्मान।

अपनी कम से कम 10 उपलब्धियों की बात करें और राज्य सरकार की 10 ऐसी नाकामी भी बताएं जिससे बंगाल के लोगों का टीएमसी के कारण नुकसान हुआ है। हर रविवार को अलग-अलग मंडलों में छोटी-छोटी बैठकें करें जिसमें बूथ समिति के लोग एक हफ्ते का एजेंडा बनाएं और अगले पूरे हफ्ते उसके हिसाब से काम करें। मुझे लगता है बहुत अच्छी तरह का हमारा विजय होने वाला है।
आइये हमारे अगले बूथ में कौन कार्यकर्ता है जिससे हमारी बात होगी?

जयप्रकाश- देश के यशस्वी प्रधानमंत्री आदरणीय प्रधानमंत्री जी को मेरा सादर प्रणाम। मैं जयप्रकाश।
पीएम मोदी- नमस्कार।
पीएम मोदी- जयप्रकाश जी, नमस्कार नमस्कार बताइए जयप्रकाश जी।
जयप्रकाश जी- हां, मैं दार्जिलिंग लोकसभा क्षेत्र से बोल रहा हूं।
पीएम मोदी- जी अच्छा जयप्रकाश जी क्या आपके बूथ पर सभी कार्यकर्ता साथियों की जिम्मेदारियों का बंटवारा हो गया है?
जयप्रकाश- जी, हो गया है।
पीएम मोदी- ऐसा तो नहीं, किसी एक व्यक्ति पर बहुत ज्यादा काम आ गया हो।
जयप्रकाश- नहीं सभी को बांट दिए गए हैं काम और वह सब 20 तारीख से सब का काम बुझा दिया गया है और वह उसी तरह काम कर रहे हैं।
पीएम मोदी- आपके यहां मतदान कब है।

जयप्रकाश - 26 अप्रैल।
पीएम मोदी- लोगों को मालूम है कि मतदान कब है।
जयप्रकाश - हां, मालूम है सबको।
पीएम मोदी- कमल निशान भी मालूम है?
जयप्रकाश - कमल निशान के बारे में बताएं, आपकी उपलब्धियां... जिस तरह आप देश के लिए अपने आप को खपा रहे हैं उससे हमें भी जज्बा मिलता है सर। हम अपनी सारी शक्ति देश के विकास और देश के लोगों की भलाई के लिए लगाते हैं। मैं अपने आसपास के मतदाता से मुलाकात कर रहा हूं और केंद्र सरकार की उपलब्धि के बारे में लोगों को जागरूक भी करता हूं।
पीएम मोदी- आप तो करते हैं बाकी सब कार्यकर्ता भी निकालते हैं क्या?
जयप्रकाश - हां, जरूर सर।
पीएम मोदी- महिलाओं का मिजाज कैसा है, महिलाओं का रिस्पांस कैसा है?
जयप्रकाश - सबका मिलान सही है और सभी को काम बांट दिए हैं और वो अपने काम में सक्षम रहते हैं।

पीएम मोदी- अच्छा, आपके क्षेत्र में एक प्रकार से दार्जिलिंग तो ऐसा है कि देशभर के लोग वहां रहते हैं। अलग-अलग भाषाएं बोलने वाले परिवार होते हैं, तो उन लोगों को भी अपनी बात पहुंचाने के लिए क्या आपका सारा साहित्य बंगाली में होता है कि हिंदी में भी होता है या उनकी भाषा में भी होता है?
जयप्रकाश - हिंदी में होती है बंगाली में होती है नेपाली में होती है और भोजपुरी में भी होती है। जो भोजपुरी भाषी है उनसे भी होती है। सबसे इसी तरह हम लोग संपर्क करते हैं। जो-जो क्षेत्र का जो जानते हैं जो भाषा उसी को उस जगह, उस क्षेत्र में भेजते हैं जिससे संवाद अच्छा हो।
पीएम मोदी- अच्छा। चलिए जयप्रकाश जी, बहुत अच्छा लगा आपसे बात करके और मैं बंगाल के सभी बूथ के कार्यकर्ताओं से यही कहना चाहूंगा, कि युद्ध स्तर हमें युवाओं के लिए अलग-अलग कार्यक्रम रखने चाहिए। इसके लिए टेक्नोलॉजी का खूब इस्तेमाल करिए। उन्हें बताइए कि पिछले 10 वर्षों में युवाओं के लिए केंद्र सरकार ने कितने नए अवसर तैयार किए हैं। स्पेस, स्टार्टअप्स, पोर्ट समेत जिस भी क्षेत्र में वह आगे बढ़ना चाहता है उन्हें सरकार का पूरा सपोर्ट मिल रहा है। 10 साल में जो हुआ वह तो सिर्फ ट्रेलर है, अभी तो बहुत कुछ करना है, अभी तो हमें देश को बहुत आगे लेकर जाना है। बीते 10 वर्षों में केंद्र सरकार ने गरीबों का जीवन बदलने के लिए कई योजनाएं लागू की है। उसी का परिणाम है कि आज 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए। हमारी नीयत सही है इसलिए नतीजे सही है देश को आगे ले जाने में पश्चिम बंगाल की भूमिका बहुत बड़ी होने वाली है।

आज बंगाल का हर वर्ग हमारे साथ है। आप सबको सुनकर लग रहा है कि वहां युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों, ग्रामीण अंचल के लोगों में भाजपा के लिए बहुत उत्साह है। अब हमें इसी उत्साह को पोलिंग बूथ तक ले जाना है, वोट में बदलना है, कमल के निशान पर वोट पड़े ये हमें पक्का करना है। गर्मी कितनी ही क्यों ना हो ये हमें चिंता करनी है। इस चुनावी अभियान में, भाजपा के महिला कार्यकर्ताओं की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। वह बाहर निकाल कर उन महिलाओं को भरोसा दे सकती हैं जो किसी डर की वजह से वोट देने नहीं निकलती हैं। जो बुजुर्ग वोटर हैं उन्हें मतदान केंद्र तक पहचाने और फिर वापस घर छोड़ने की व्यवस्था का पहले से हमें तैयार रखनी चाहिए। आप तो जानते ही हैं, अगले कुछ दिनों में मेरा बंगाल में प्रवास शुरू होने वाला है। मैं बीच-बीच में वहां आऊंगा, जनता जनार्दन के दर्शन करूंगा। आप में से भी बहुत लोगों को मिलने का मौका मिल जाएगा, लेकिन तब तक हमें बहुत मेहनत करनी है और सबके मन में सिर्फ एक ही लक्ष्य होना चाहिए। 4 जून 400 पार का लक्ष्य लेकरके हमने पूरी शक्ति लगानी है। आप सभी को नवरात्रि, रामनवमी और ईद के पर्व के लिए भी मेरी ढेर सारी शुभेच्छा...आने वाले चुनाव में भव्य विजय के लिए भी मेरी तरफ से बहुत-बहुत शुभकामनाएं.... चलिए सभी कार्यकर्ताओं को मेरा बहुत-बहुत धन्यवाद। नमस्कार।

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November 24, 2024
Delighted to take part in the Odisha Parba in Delhi, the state plays a pivotal role in India's growth and is blessed with cultural heritage admired across the country and the world: PM
The culture of Odisha has greatly strengthened the spirit of 'Ek Bharat Shreshtha Bharat', in which the sons and daughters of the state have made huge contributions: PM
We can see many examples of the contribution of Oriya literature to the cultural prosperity of India: PM
Odisha's cultural richness, architecture and science have always been special, We have to constantly take innovative steps to take every identity of this place to the world: PM
We are working fast in every sector for the development of Odisha,it has immense possibilities of port based industrial development: PM
Odisha is India's mining and metal powerhouse making it’s position very strong in the steel, aluminium and energy sectors: PM
Our government is committed to promote ease of doing business in Odisha: PM
Today Odisha has its own vision and roadmap, now investment will be encouraged and new employment opportunities will be created: PM

जय जगन्नाथ!

जय जगन्नाथ!

केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगी श्रीमान धर्मेन्द्र प्रधान जी, अश्विनी वैष्णव जी, उड़िया समाज संस्था के अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ प्रधान जी, उड़िया समाज के अन्य अधिकारी, ओडिशा के सभी कलाकार, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों।

ओडिशा र सबू भाईओ भउणी मानंकु मोर नमस्कार, एबंग जुहार। ओड़िया संस्कृति के महाकुंभ ‘ओड़िशा पर्व 2024’ कू आसी मँ गर्बित। आपण मानंकु भेटी मूं बहुत आनंदित।

मैं आप सबको और ओडिशा के सभी लोगों को ओडिशा पर्व की बहुत-बहुत बधाई देता हूँ। इस साल स्वभाव कवि गंगाधर मेहेर की पुण्यतिथि का शताब्दी वर्ष भी है। मैं इस अवसर पर उनका पुण्य स्मरण करता हूं, उन्हें श्रद्धांजलि देता हूँ। मैं भक्त दासिआ बाउरी जी, भक्त सालबेग जी, उड़िया भागवत की रचना करने वाले श्री जगन्नाथ दास जी को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

ओडिशा निजर सांस्कृतिक विविधता द्वारा भारतकु जीबन्त रखिबारे बहुत बड़ भूमिका प्रतिपादन करिछि।

साथियों,

ओडिशा हमेशा से संतों और विद्वानों की धरती रही है। सरल महाभारत, उड़िया भागवत...हमारे धर्मग्रन्थों को जिस तरह यहाँ के विद्वानों ने लोकभाषा में घर-घर पहुंचाया, जिस तरह ऋषियों के विचारों से जन-जन को जोड़ा....उसने भारत की सांस्कृतिक समृद्धि में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है। उड़िया भाषा में महाप्रभु जगन्नाथ जी से जुड़ा कितना बड़ा साहित्य है। मुझे भी उनकी एक गाथा हमेशा याद रहती है। महाप्रभु अपने श्री मंदिर से बाहर आए थे और उन्होंने स्वयं युद्ध का नेतृत्व किया था। तब युद्धभूमि की ओर जाते समय महाप्रभु श्री जगन्नाथ ने अपनी भक्त ‘माणिका गौउडुणी’ के हाथों से दही खाई थी। ये गाथा हमें बहुत कुछ सिखाती है। ये हमें सिखाती है कि हम नेक नीयत से काम करें, तो उस काम का नेतृत्व खुद ईश्वर करते हैं। हमेशा, हर समय, हर हालात में ये सोचने की जरूरत नहीं है कि हम अकेले हैं, हम हमेशा ‘प्लस वन’ होते हैं, प्रभु हमारे साथ होते हैं, ईश्वर हमेशा हमारे साथ होते हैं।

साथियों,

ओडिशा के संत कवि भीम भोई ने कहा था- मो जीवन पछे नर्के पडिथाउ जगत उद्धार हेउ। भाव ये कि मुझे चाहे जितने ही दुख क्यों ना उठाने पड़ें...लेकिन जगत का उद्धार हो। यही ओडिशा की संस्कृति भी है। ओडिशा सबु जुगरे समग्र राष्ट्र एबं पूरा मानब समाज र सेबा करिछी। यहाँ पुरी धाम ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को मजबूत बनाया। ओडिशा की वीर संतानों ने आज़ादी की लड़ाई में भी बढ़-चढ़कर देश को दिशा दिखाई थी। पाइका क्रांति के शहीदों का ऋण, हम कभी नहीं चुका सकते। ये मेरी सरकार का सौभाग्य है कि उसे पाइका क्रांति पर स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करने का अवसर मिला था।

साथियों,

उत्कल केशरी हरे कृष्ण मेहताब जी के योगदान को भी इस समय पूरा देश याद कर रहा है। हम व्यापक स्तर पर उनकी 125वीं जयंती मना रहे हैं। अतीत से लेकर आज तक, ओडिशा ने देश को कितना सक्षम नेतृत्व दिया है, ये भी हमारे सामने है। आज ओडिशा की बेटी...आदिवासी समुदाय की द्रौपदी मुर्मू जी भारत की राष्ट्रपति हैं। ये हम सभी के लिए बहुत ही गर्व की बात है। उनकी प्रेरणा से आज भारत में आदिवासी कल्याण की हजारों करोड़ रुपए की योजनाएं शुरू हुई हैं, और ये योजनाएं सिर्फ ओडिशा के ही नहीं बल्कि पूरे भारत के आदिवासी समाज का हित कर रही हैं।

साथियों,

ओडिशा, माता सुभद्रा के रूप में नारीशक्ति और उसके सामर्थ्य की धरती है। ओडिशा तभी आगे बढ़ेगा, जब ओडिशा की महिलाएं आगे बढ़ेंगी। इसीलिए, कुछ ही दिन पहले मैंने ओडिशा की अपनी माताओं-बहनों के लिए सुभद्रा योजना का शुभारंभ किया था। इसका बहुत बड़ा लाभ ओडिशा की महिलाओं को मिलेगा। उत्कलर एही महान सुपुत्र मानंकर बिसयरे देश जाणू, एबं सेमानंक जीबन रु प्रेरणा नेउ, एथी निमन्ते एपरी आयौजनर बहुत अधिक गुरुत्व रहिछि ।

साथियों,

इसी उत्कल ने भारत के समुद्री सामर्थ्य को नया विस्तार दिया था। कल ही ओडिशा में बाली जात्रा का समापन हुआ है। इस बार भी 15 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन से कटक में महानदी के तट पर इसका भव्य आयोजन हो रहा था। बाली जात्रा प्रतीक है कि भारत का, ओडिशा का सामुद्रिक सामर्थ्य क्या था। सैकड़ों वर्ष पहले जब आज जैसी टेक्नोलॉजी नहीं थी, तब भी यहां के नाविकों ने समुद्र को पार करने का साहस दिखाया। हमारे यहां के व्यापारी जहाजों से इंडोनेशिया के बाली, सुमात्रा, जावा जैसे स्थानो की यात्राएं करते थे। इन यात्राओं के माध्यम से व्यापार भी हुआ और संस्कृति भी एक जगह से दूसरी जगह पहुंची। आजी विकसित भारतर संकल्पर सिद्धि निमन्ते ओडिशार सामुद्रिक शक्तिर महत्वपूर्ण भूमिका अछि।

साथियों,

ओडिशा को नई ऊंचाई तक ले जाने के लिए 10 साल से चल रहे अनवरत प्रयास....आज ओडिशा के लिए नए भविष्य की उम्मीद बन रहे हैं। 2024 में ओडिशावासियों के अभूतपूर्व आशीर्वाद ने इस उम्मीद को नया हौसला दिया है। हमने बड़े सपने देखे हैं, बड़े लक्ष्य तय किए हैं। 2036 में ओडिशा, राज्य-स्थापना का शताब्दी वर्ष मनाएगा। हमारा प्रयास है कि ओडिशा की गिनती देश के सशक्त, समृद्ध और तेजी से आगे बढ़ने वाले राज्यों में हो।

साथियों,

एक समय था, जब भारत के पूर्वी हिस्से को...ओडिशा जैसे राज्यों को पिछड़ा कहा जाता था। लेकिन मैं भारत के पूर्वी हिस्से को देश के विकास का ग्रोथ इंजन मानता हूं। इसलिए हमने पूर्वी भारत के विकास को अपनी प्राथमिकता बनाया है। आज पूरे पूर्वी भारत में कनेक्टिविटी के काम हों, स्वास्थ्य के काम हों, शिक्षा के काम हों, सभी में तेजी लाई गई है। 10 साल पहले ओडिशा को केंद्र सरकार जितना बजट देती थी, आज ओडिशा को तीन गुना ज्यादा बजट मिल रहा है। इस साल ओडिशा के विकास के लिए पिछले साल की तुलना में 30 प्रतिशत ज्यादा बजट दिया गया है। हम ओडिशा के विकास के लिए हर सेक्टर में तेजी से काम कर रहे हैं।

साथियों,

ओडिशा में पोर्ट आधारित औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इसलिए धामरा, गोपालपुर, अस्तारंगा, पलुर, और सुवर्णरेखा पोर्ट्स का विकास करके यहां व्यापार को बढ़ावा दिया जाएगा। ओडिशा भारत का mining और metal powerhouse भी है। इससे स्टील, एल्युमिनियम और एनर्जी सेक्टर में ओडिशा की स्थिति काफी मजबूत हो जाती है। इन सेक्टरों पर फोकस करके ओडिशा में समृद्धि के नए दरवाजे खोले जा सकते हैं।

साथियों,

ओडिशा की धरती पर काजू, जूट, कपास, हल्दी और तिलहन की पैदावार बहुतायत में होती है। हमारा प्रयास है कि इन उत्पादों की पहुंच बड़े बाजारों तक हो और उसका फायदा हमारे किसान भाई-बहनों को मिले। ओडिशा की सी-फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में भी विस्तार की काफी संभावनाएं हैं। हमारा प्रयास है कि ओडिशा सी-फूड एक ऐसा ब्रांड बने, जिसकी मांग ग्लोबल मार्केट में हो।

साथियों,

हमारा प्रयास है कि ओडिशा निवेश करने वालों की पसंदीदा जगहों में से एक हो। हमारी सरकार ओडिशा में इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्कर्ष उत्कल के माध्यम से निवेश को बढ़ाया जा रहा है। ओडिशा में नई सरकार बनते ही, पहले 100 दिनों के भीतर-भीतर, 45 हजार करोड़ रुपए के निवेश को मंजूरी मिली है। आज ओडिशा के पास अपना विज़न भी है, और रोडमैप भी है। अब यहाँ निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा, और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। मैं इन प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री श्रीमान मोहन चरण मांझी जी और उनकी टीम को बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों,

ओडिशा के सामर्थ्य का सही दिशा में उपयोग करके उसे विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सकता है। मैं मानता हूं, ओडिशा को उसकी strategic location का बहुत बड़ा फायदा मिल सकता है। यहां से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचना आसान है। पूर्व और दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए ओडिशा व्यापार का एक महत्वपूर्ण हब है। Global value chains में ओडिशा की अहमियत आने वाले समय में और बढ़ेगी। हमारी सरकार राज्य से export बढ़ाने के लक्ष्य पर भी काम कर रही है।

साथियों,

ओडिशा में urbanization को बढ़ावा देने की अपार संभावनाएं हैं। हमारी सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है। हम ज्यादा संख्या में dynamic और well-connected cities के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम ओडिशा के टियर टू शहरों में भी नई संभावनाएं बनाने का भरपूर हम प्रयास कर रहे हैं। खासतौर पर पश्चिम ओडिशा के इलाकों में जो जिले हैं, वहाँ नए इंफ्रास्ट्रक्चर से नए अवसर पैदा होंगे।

साथियों,

हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ओडिशा देशभर के छात्रों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है। यहां कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट हैं, जो राज्य को एजुकेशन सेक्टर में लीड लेने के लिए प्रेरित करते हैं। इन कोशिशों से राज्य में स्टार्टअप्स इकोसिस्टम को भी बढ़ावा मिल रहा है।

साथियों,

ओडिशा अपनी सांस्कृतिक समृद्धि के कारण हमेशा से ख़ास रहा है। ओडिशा की विधाएँ हर किसी को सम्मोहित करती है, हर किसी को प्रेरित करती हैं। यहाँ का ओड़िशी नृत्य हो...ओडिशा की पेंटिंग्स हों...यहाँ जितनी जीवंतता पट्टचित्रों में देखने को मिलती है...उतनी ही बेमिसाल हमारे आदिवासी कला की प्रतीक सौरा चित्रकारी भी होती है। संबलपुरी, बोमकाई और कोटपाद बुनकरों की कारीगरी भी हमें ओडिशा में देखने को मिलती है। हम इस कला और कारीगरी का जितना प्रसार करेंगे, उतना ही इस कला को संरक्षित करने वाले उड़िया लोगों को सम्मान मिलेगा।

साथियों,

हमारे ओडिशा के पास वास्तु और विज्ञान की भी इतनी बड़ी धरोहर है। कोणार्क का सूर्य मंदिर… इसकी विशालता, इसका विज्ञान...लिंगराज और मुक्तेश्वर जैसे पुरातन मंदिरों का वास्तु.....ये हर किसी को आश्चर्यचकित करता है। आज लोग जब इन्हें देखते हैं...तो सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि सैकड़ों साल पहले भी ओडिशा के लोग विज्ञान में इतने आगे थे।

साथियों,

ओडिशा, पर्यटन की दृष्टि से अपार संभावनाओं की धरती है। हमें इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने के लिए कई आयामों में काम करना है। आप देख रहे हैं, आज ओडिशा के साथ-साथ देश में भी ऐसी सरकार है जो ओडिशा की धरोहरों का, उसकी पहचान का सम्मान करती है। आपने देखा होगा, पिछले साल हमारे यहाँ G-20 का सम्मेलन हुआ था। हमने G-20 के दौरान इतने सारे देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राजनयिकों के सामने...सूर्यमंदिर की ही भव्य तस्वीर को प्रस्तुत किया था। मुझे खुशी है कि महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर परिसर के सभी चार द्वार खुल चुके हैं। मंदिर का रत्न भंडार भी खोल दिया गया है।

साथियों,

हमें ओडिशा की हर पहचान को दुनिया को बताने के लिए भी और भी इनोवेटिव कदम उठाने हैं। जैसे....हम बाली जात्रा को और पॉपुलर बनाने के लिए बाली जात्रा दिवस घोषित कर सकते हैं, उसका अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रचार कर सकते हैं। हम ओडिशी नृत्य जैसी कलाओं के लिए ओडिशी दिवस मनाने की शुरुआत कर सकते हैं। विभिन्न आदिवासी धरोहरों को सेलिब्रेट करने के लिए भी नई परम्पराएँ शुरू की जा सकती हैं। इसके लिए स्कूल और कॉलेजों में विशेष आयोजन किए जा सकते हैं। इससे लोगों में जागरूकता आएगी, यहाँ पर्यटन और लघु उद्योगों से जुड़े अवसर बढ़ेंगे। कुछ ही दिनों बाद प्रवासी भारतीय सम्मेलन भी, विश्व भर के लोग इस बार ओडिशा में, भुवनेश्वर में आने वाले हैं। प्रवासी भारतीय दिवस पहली बार ओडिशा में हो रहा है। ये सम्मेलन भी ओडिशा के लिए बहुत बड़ा अवसर बनने वाला है।

साथियों,

कई जगह देखा गया है बदलते समय के साथ, लोग अपनी मातृभाषा और संस्कृति को भी भूल जाते हैं। लेकिन मैंने देखा है...उड़िया समाज, चाहे जहां भी रहे, अपनी संस्कृति, अपनी भाषा...अपने पर्व-त्योहारों को लेकर हमेशा से बहुत उत्साहित रहा है। मातृभाषा और संस्कृति की शक्ति कैसे हमें अपनी जमीन से जोड़े रखती है...ये मैंने कुछ दिन पहले ही दक्षिण अमेरिका के देश गयाना में भी देखा। करीब दो सौ साल पहले भारत से सैकड़ों मजदूर गए...लेकिन वो अपने साथ रामचरित मानस ले गए...राम का नाम ले गए...इससे आज भी उनका नाता भारत भूमि से जुड़ा हुआ है। अपनी विरासत को इसी तरह सहेज कर रखते हुए जब विकास होता है...तो उसका लाभ हर किसी तक पहुंचता है। इसी तरह हम ओडिशा को भी नई ऊचाई पर पहुंचा सकते हैं।

साथियों,

आज के आधुनिक युग में हमें आधुनिक बदलावों को आत्मसात भी करना है, और अपनी जड़ों को भी मजबूत बनाना है। ओडिशा पर्व जैसे आयोजन इसका एक माध्यम बन सकते हैं। मैं चाहूँगा, आने वाले वर्षों में इस आयोजन का और ज्यादा विस्तार हो, ये पर्व केवल दिल्ली तक सीमित न रहे। ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ें, स्कूल कॉलेजों का participation भी बढ़े, हमें इसके लिए प्रयास करने चाहिए। दिल्ली में बाकी राज्यों के लोग भी यहाँ आयें, ओडिशा को और करीबी से जानें, ये भी जरूरी है। मुझे भरोसा है, आने वाले समय में इस पर्व के रंग ओडिशा और देश के कोने-कोने तक पहुंचेंगे, ये जनभागीदारी का एक बहुत बड़ा प्रभावी मंच बनेगा। इसी भावना के साथ, मैं एक बार फिर आप सभी को बधाई देता हूं।

आप सबका बहुत-बहुत धन्यवाद।

जय जगन्नाथ!