“Today, when India is becoming a major center of global trade, we are focusing on increasing the country's maritime strength”
“Many reforms have been carried out in the last 10 years to enhance 'Ease of Doing Business' in the sectors of ports, shipping and inland waterways”
“The world is recognizing India’s potential and position in global trade”
“Maritime Amrit Kaal Vision presents a roadmap to reinforce India’s maritime prowess for Viksit Bharat”
“New dry dock at Kochi is the national pride of India”
“Kochi Shipyard is playing an important role in modern and green water connectivity in the cities of the country”

केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान जी, मुख्यमंत्री श्री पिनाराई विजयन जी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सहयोगीगण, अन्य महानुभाव, देवियों और सज्जनों!

मैं धन्यवाद देता हूँ, श्रीमान सर्बानंद सोनोवाल जी की टीम, श्रीमान श्रीपाद येसो नाईक जी और हमारे साथी श्रीमान वी. मुरलीधरन जी, श्रीमान शांतनु ठाकुर जी को!

एल्ला केरालीयरकुम एन्डे नल्ला नमस्कारंl

आज मेरे लिए बहुत सौभाग्य का दिन है। सुबह मुझे गुरुवायूर मंदिर में भगवान गुरुवायुरप्पन के दर्शन करने का सौभाग्य मिला। और अब मैं केरल की ईश्वर रूपी जनता-जनार्दन के दर्शन कर रहा हूं। मुझे यहां केरल के विकास के उत्सव में हिस्सा लेने का अवसर मिला है।

साथियों,

कुछ ही दिन पहले अयोध्या में महर्षि वाल्मिकी इंटरनेशनल एयरपोर्ट का लोकार्पण करते हुए, मैंने केरल में स्थित रामायण से जुड़े चार पवित्र मंदिरों नालम्बलम की बात की थी। केरल के बाहर बहुत लोग नहीं जानते कि ये मंदिर राजा दशरथ के चार पुत्रों से जुड़े हैं। ये सौभाग्य की बात है कि अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से कुछ दिन पहले ही, मुझे त्रिप्रायर के श्री रामास्वामी मंदिर के दर्शन का अवसर मिला है। महाकवि एऴुतचन् की रचित मलयालम रामायण के कुछ छंद सुनना अपने आप में अद्भुत है। केरल के कई महत्वपूर्ण कलाकारों ने भी अपनी भव्य प्रस्तुतियों से मन मोह लिया। केरल वासियों ने वहां, कला-संस्कृति और आध्यात्म का ऐसा वातावरण बना दिया, जैसे पूरा केरल ही अवध पुरी है।

साथियों,

आज़ादी के अमृतकाल में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में देश के हर राज्य की अपनी भूमिका है। भारत जब समृद्ध था, जब ग्लोबल GDP में हमारी भागीदारी बहुत बड़ी थी, तब हमारी ताकत हमारे पोर्ट्स थे, हमारी Port cities थीं। आज जब भारत फिर से ग्लोबल ट्रेड का एक बड़ा केंद्र बन रहा है, तब हम फिर से अपनी समुद्र शक्ति को बढ़ाने में जुटे हैं। इसके लिए केंद्र सरकार समुद्र किनारे बसे कोच्चि जैसे शहरों का सामर्थ्य और बढ़ाने में जुटी है। हम यहां के पोर्ट्स की कैपेसिटी को बढ़ाने पर काम कर रहे हैं, पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश कर रहे हैं। सागरमाला परियोजना के तहत पोर्ट्स की कनेक्टिविटी बढ़ाई जा रही है।

साथियों,

आज यहां देश को अपना सबसे बड़ा dry dock मिला है। इसके अलावा, आज ship building, ship repairing और LPG import terminal इंफ्रास्ट्रक्चर का भी लोकार्पण हुआ है। ये सुविधाएं केरल और भारत के इस दक्षिणी क्षेत्र के विकास को गति देंगी। मेड इन इंडिया एयरक्राफ्ट करियर, INS विक्रांत के निर्माण का ऐतिहासिक गौरव कोचीन शिपयार्ड के पास है। इन नई सुविधाओं से शिपयार्ड की कैपेसिटी कई गुणा बढ़ जाएगी। मैं केरल के निवासियों को इन सुविधाओं के लिए बधाई देता हूं।

साथियों,

पोर्ट, शिपिंग और इनलैंड वॉटरवेज के सेक्टर में Ease of Doing Business बढ़ाने के लिए पिछले 10 वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा अनेक Reforms किए गए हैं। इससे पोर्ट्स में अधिक Investment आया है और ज्यादा Employment जनरेट हुआ है। Indian seafarers उससे जुड़े जो नियम थे, उसमें किए गए Reforms की वजह से पिछले 10 साल में Indian seafarers की संख्या में 140 परसेंट की वृद्धि हुई है। देश के भीतर वॉटरवे के उपयोग से अब पैसेंजर और कार्गो ट्रांसपोर्ट में नई तेजी आई है।

साथियों,

जब सबका प्रयास होता है, तो परिणाम और बेहतर मिलते हैं। बीते 10 वर्षों में हमारे पोर्ट्स ने double-digit annual growth हासिल की है। 10 वर्ष पहले तक हमारे पोर्ट्स पर शिप्स को लंबा इंतजार करना पड़ता था, उनको unload करने में बहुत टाइम लगता था। अब स्थितियां पूरी तरह बदल चुकी हैं। आज भारत ship turn-around time में दुनिया के कई विकसित देशों से भी आगे निकल चुका है।

साथियों,

आज दुनिया भी ग्लोबल ट्रेड में भारत की भूमिका समझ रही है। G-20 समिट के दौरान, भारत ने मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर के जिस प्रस्ताव पर सहमति बनी, वो इसी भावना का प्रमाण है। ये कॉरिडोर विकसित भारत के निर्माण को बहुत बल देगा। इससे हमारी कोस्टल इकोनॉमी को बड़ी ताकत मिलेगी। हाल ही में Maritime Amrit Kaal Vision भी लॉन्च किया गया है। विकसित भारत के लिए हम अपनी समुद्री ताकत को कैसे सशक्त करेंगे, इसमें इस लक्ष्य का रोडमैप है। भारत को दुनिया की एक बड़ी maritime power बनाने के लिए हम mega ports, ship building और ship repair clusters जैसा इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने पर जोर दे रहे हैं।

साथियों,

केरल में आज जिन 3 प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण हुआ है, उनसे maritime sector में इस क्षेत्र की हिस्सेदारी और बढ़ेगी। नया dry dock, भारत का National Pride है। इसके बनने से यहां बड़े जहाज़, बड़े vessels तो आ ही सकते हैं, साथ ही यहां ship building और ship repair का काम भी संभव होगा। इससे भारत की विदेशों पर निर्भरता कम होगी और जो पैसा हम विदेश भेजते थे, वो देश में ही लगेगा। इसके साथ, यहां ship building, ship repair sector में नई स्किल्स पैदा होंगी।

साथियों,

आज International ship repair facility का भी लोकार्पण हुआ है। इस प्रोजेक्ट से कोच्चि भारत का और भारत, एशिया का एक बड़ा ship repair centre बनने वाला है। हमने देखा है कि INS विक्रांत के निर्माण के दौरान किस प्रकार अनेक MSMEs को सपोर्ट मिला था। अब जब, ship building और repair की इतनी बड़ी फैसिलिटीज़ यहां बनी हैं, तो इससे MSMEs का एक नया इकोसिस्टम बनेगा। जो नया LPG Import Terminal बना है, इससे कोच्चि, कोयंबटूर, इरोड, सेलम, कालीकट, मदुरै, और त्रिची में LPG की ज़रूरतें पूरी होंगी। इससे इन इलाकों में इंडस्ट्री और दूसरी Economic development को भी मदद मिलेगी और नए रोजगार भी बनेंगे।

साथियों,

कोचीन शिपयार्ड आज आधुनिक और ग्रीन टेक्नॉलॉजी से लैस मेड इन इंडिया वैसल्स बनाने में भी अग्रणी है। कोच्चि वॉटर मेट्रो के लिए जो इलेक्ट्रिक वैसल्स बनाए गए हैं, वो प्रशंसनीय हैं। अयोध्या, वाराणसी, मथुरा और गुवाहाटी के लिए भी electric-hybrid passenger ferries का निर्माण यहीं हो रहा है। यानि देश के शहरों में आधुनिक और ग्रीन वॉटर कनेक्टिविटी में कोचीन शिपयार्ड की भूमिका अहम है। मुझे बताया गया है कि हाल में आपने नॉर्वे के लिए भी zero emission, electric cargo ferries डिलीवर की हैं। यहां हाइड्रोजन फ्यूल पर चलने वाले दुनिया के पहले Feeder Container Vessel के निर्माण पर भी काम चल रहा है। ये Make in India – Make for the World के हमारे विजन को सशक्त करता है। भारत को हाइड्रोजन फ्यूल आधारित ट्रांसपोर्ट की तरफ ले जाने का जो हमारा मिशन है, उसको कोचीन शिपयार्ड और सशक्त कर रहा है। मुझे विश्वास है कि बहुत ही जल्द स्वदेशी हाइड्रोजन फ्यूल सेल फेरी भी देश को मिलेगी।

साथियों,

ब्लू इकॉनॉमी, पोर्ट लेड डेवलपमेंट को और उसके कारण हमारे मछुआरे भाई-बहनों की एक बहुत बड़ी भूमिका मैं इसमें देखता हूं। आज पीएम मत्स्य संपदा योजना से फिशिंग के लिए भी आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया जा रहा है। केंद्र सरकार, डीप सी फिशिंग के लिए मछुआरों को आधुनिक नाव देने के लिए सब्सिडी दे रही है। किसानों की तरह ही मछुआरों को भी किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा दी गई है। ऐसे प्रयासों की वजह से बीते 10 वर्षों में मछली उत्पादन और एक्सपोर्ट, दोनों में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। आज केंद्र सरकार, सी-फूड प्रोसेसिंग में भारत की हिस्सेदारी को और बढ़ाने का प्रयास कर रही है। इससे भविष्य में हमारे मछुआरे साथियों की आय में भी बहुत बड़ी वृद्धि होगी, उनका जीवन और आसान होगा। केरल का निरंतर तेज विकास हो, इसी कामना के साथ नए प्रोजेक्ट्स की मैं फिर से एक बार आप सबको बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आप सभी को शुभकामनाएं।

धन्यवाद !

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PM Modi visits the Indian Arrival Monument
November 21, 2024

Prime Minister visited the Indian Arrival monument at Monument Gardens in Georgetown today. He was accompanied by PM of Guyana Brig (Retd) Mark Phillips. An ensemble of Tassa Drums welcomed Prime Minister as he paid floral tribute at the Arrival Monument. Paying homage at the monument, Prime Minister recalled the struggle and sacrifices of Indian diaspora and their pivotal contribution to preserving and promoting Indian culture and tradition in Guyana. He planted a Bel Patra sapling at the monument.

The monument is a replica of the first ship which arrived in Guyana in 1838 bringing indentured migrants from India. It was gifted by India to the people of Guyana in 1991.