UP ఇప్పుడు బాలికలు మరియు మహిళలకు సురక్షితం; యువతులు ఇప్పుడు నిర్భయంగా బయటకు వెళ్లి తమ ఆశయాలను కొనసాగించవచ్చు: వర్చువల్ జన్ చౌపాల్‌లో ప్రధాని మోదీ
ఇంతకు ముందు ప్రభుత్వం అంటే ఒకే కుటుంబం; బీజేపీకి యూపీ మొత్తం ఒక కుటుంబం: ప్రధాని మోదీ
మతపరమైన ప్రదేశాలను గత పాలన మరచిపోయింది. బీజేపీ అభివృద్ధి పనుల తర్వాత ఇప్పుడు కలలో దేవుళ్లను చూస్తున్నారు: ప్రధాని మోదీ

आज हमारे लिए एक बहुत दुखद खबर आई है। हमारी लता दीदी आज हमें छोड़कर चली गईं हैं, परमात्मा में विलीन हो गईं। कल ही बसंत पंचमी का पर्व था, मां शारदा की हम आराधना कर रहे थे। जिनके कंठ से मां सरस्वती का आर्शीवाद छोटे-बड़े हर किसी को मिलता था। वो लता दी ब्रह्मलोक की यात्रा पर चली गईं। उनके व्यक्तित्व का विस्तार सिर्फ गानों की संख्या पर सीमित नहीं था। मेरे जैसे अनेकों लोग हैं जो गर्व से कहेंगे कि लता दीदी के साथ उनका निकट संबंध था। जीवन के हर क्षेत्र के लोग हमें लता दीदी के प्रति अपना स्नेह जताते हुए हर पल मिलेंगे। इससे पता चलता है कि लता दीदी के व्यक्तित्व की विशालता कितनी बड़ी थी। वो अपने संबंधों को संवेदना से सिंचित करती थी, निरंतर मजबूती देती थीं। आज हम सब दुःखी हैं, पूरा देश दुःखी है। लता जी जैसी आत्माएं मानवता को सदियों में कभी कभार वरदान की तरह मिलती हैं। भारत की जो पहचान उन्होंने बनाई, भारत के संगीत को जो स्वर दिया, उससे दुनिया को भारत को देखने का एक नया नजरिया मिला। आप दुनिया में कहीं भी जाइए, भारत रत्न लता जी के चाहने वाले आपको जरूर मिलेंगे। और हर पीढ़ी में मिलेंगे। वो आज भौतिक रूप से हमारे बीच भले ही न हों, लेकिन स्वर और स्नेह के रूप में वह हमारे बीच हमेशा उपस्थित रहेंगी। उनकी मधुर आवाज हमारे साथ हमेशा रहेगी। मैं भारी मन से लता दी को श्रद्धांजलि देता हूं।

साथियों,

आज मथुरा, बुलंदशहर और आगरा के आप सभी लोगों ने इस कार्यक्रम की तैयारी कर ली थी, आप मेरा इंतजार कर रहे थे, इसलिए मैं आपसे बात करने आया हूं। ये भी लोकतंत्र का एक ऐसा दायित्व है, जिसकी अपेक्षा हमेशा लता दीदी ने मुझसे की थी।

साथियों,
बृज भूमि का कण-कण श्री कृष्ण और राधारानी मय है। मथुरा, आगरा, बुलंदशहर के क्रांतिकारियों ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। मैं ब्रज की इस पुण्य भूमि को नमन करता हूं।

साथियों,

उत्तर प्रदेश, भारत का दिल है, यूपी भारत की धड़कन है। यूपी ने हमेशा देश को दिशा दिखाई है। आज एक बार फिर यूपी देश को नया रास्ता दिखा रहा है। यूपी के लोगों ने दो टूक कह दिया है कि धन-दौलत, बाहुबल, जातिवाद, संप्रदायवाद के दम पर, परिवारवाद के दम पर भले कुछ लोग कितनी ही राजनीति कर लें, लेकिन वो जनता का प्यार नहीं पा सकते। जनता का आशीर्वाद तो उसे ही मिलेगा, तो सच्चे अर्थ में सेवा भावना से, सेवक बनकर यूपी के लोगों की सेवा करेगा, यूपी के लोगों का विकास करेगा। इसलिए यूपी की जनता ने तय कर दिया है कि इस बार भी चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा एक ही है- यूपी का विकास, यूपी का सबसे तेज विकास। और भाइयों और बहनों, पिछले पांच साल में योगी जी की सरकार ने दिखा दिया है कि अगर यूपी का विकास कोई कर सकता है, तो वो भाजपा है, भाजपा के नेतृत्व वाली डबल इंजन की सरकार है। इसलिए, पिछले कई महीनों से यूपी के लोग ये ठानकर बैठे हैं कि कमल का बटन फिर दबाना है, भाजपा को ही जिताना है।

साथियों,

पिछली बार मैं जब मथुरा आया था, ब्रज क्षेत्र में गया था तो आप सबसे जो प्यार मिला, जो स्नेह मिला, वो मैं कभी भूल नहीं सकता हूं। हमारी सरकार मथुरा को, यहां की पहचान को वैश्विक पहचान दिलाने का प्रयास कर रही है। ब्रज के धार्मिक स्थानों के विकास के लिए योगी जी की सरकार ने ब्रज तीर्थ विकास परिषद का निर्माण किया है। चुनाव देखकर कृष्ण भक्ति का चोला ओढ़ने वाले जब सरकार में थे, तो वृंदावन, बरसाना, गोवर्धन, बलदेव, नंद गांव, इन सब क्षेत्रों को वो भूल ही गए थे। यूपी के नक्शे में ये क्षेत्र हैं, उन्हें पता ही नहीं आता था। आज बीजेपी को अपार समर्थन देख, इन लोगों को अब सपने में भगवान कृष्ण की याद आने लगी है। और मैंने पहले ही कहा था जो सोते रहते हैं, वो सपने देखते हैं, जो जागते रहते हैं, वो संकल्प लेते हैं।

भाइयों और बहनों,

जो पहले सरकार में थे उन्हें ना तो आप लोगों की आस्था से मतलब रहा है और आप लोगों की जरूरतों से कोई लेना-देना। उनका सिर्फ एक ही एजेंडा रहा है- यूपी को लूटो। उन्हें यूपी के विकास से कोई वास्ता नहीं हैं उन्हें बस सरकार बनाने से मतलब रहा है। इसलिए आज वो योगी जी को, बीजेपी सरकार को पानी पी-पी कर कोस रहे हैं।

साथियों,

यूपी का इन लोगों ने जो हाल बना दिया था, वो इन नकली समाजवादियों के कर्मों का कच्चा-चिट्ठा है। पिछली सरकार में अपराधियों के हौसले इतने बुलन्द थे कि हाइवे पर गाड़ी रोक कर गाड़ियों से लूट पाट की जाती थी। बीच हाइवे पर ही महिलाओं, बेटियों के साथ क्या होता था बुलंदशहर के लोग ये अच्छी तरह जानते हैं। तब उत्तर प्रदेश में घरों-दुकानों पर अवैध कब्जे होना आम बात थी। लोग अपना घर छोड़कर पलायन को मजबूर होते थे। आगरा के दंगों में आरोपियों के सिर पर किसका हाथ था ये आप भली-भांति जानते हैं।

साथियों,

पहले की सरकारें भय फैलाने में जुटी थीं। भय निर्माण करना यही उनका काम था, जबकि हम भविष्य का निर्माण कर रहें हैं। अब रिकार्ड हाईवे भी बन रहे हैं और उन हाइवेज़ पर लोग निडर होकर सफर भी कर रहे हैं। अब बेटी घर से बाहर निकल भी रही है और उसके करियर की अनंत संभावनाओं के लिए अनेकों यूनिवर्सिटी कॉलेज भी बन रहे हैं। यही फर्क है भाजपा की सरकार और पिछली सरकारों में। इसलिए आज यूपी में बहनें-बेटियां खुले दिल से कह रही हैं-

पहले हमें घर से निकलने में लगता था डर,

अब भाजपा राज में अपराधी कांपे थर-थर।

भाजपा सरकार में अपराधी या तो जेल गए या प्रदेश छोड़ गये। कुछ ने जमानत रद्द करा ली, कुछ जेल से बाहर आने से कतराने लगे। और याद रखिए, ये सब योगी जी के कारण हुआ है ऐसा मैं नहीं कहता हूं। ये सब आपके कारण हुआ है, उत्तर प्रदेश के लोगों के कारण हुआ है, उत्तर प्रदेश की माताओं और बहनों के संकल्प के कारण हुआ है। क्योंकि आपने एक वोट योगी जी को दिया था। आपने एक वोट मोदी जी को दिया था, आपने भाजपा के कमल पर बटन दबाया था। ये आपके एक वोट की ताकत है जो यूपी को नई पहचान दिला रही है।

साथियों,

पहले की सरकारों का एक और पसंदीदा खेल होता था। तिजोरियों को भरने का खेल। सब मिलकर खेलते थे। मिलकर खाते थे। आज ऐसे लोगों का पूरा खेल बिगड़ गया है। पहले परिवार ही सरकार थी अब पूरा यूपी भाजपा सरकार का परिवार है।

भाइयों और बहनों,

परिवारवादी सरकारों के लिए सत्ता शासन का माध्यम थी। हमारे लिए सत्ता सिर्फ और सिर्फ जनता की सेवा करने का रास्ता है। हम लगातार इसी उद्देश्य से काम कर रहे हैं। हमारी सरकार गांव, गरीब को सशक्त और समृद्ध बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। पिछले 2 साल से पूरी दुनिया कोरोना महामारी से परेशान है। महामारी की शुरुआत में बहुत से लोगों ने भारत को लेकर कई तरह की आशंका जताई थी। वो लोग सोचते थे, कैसे हमारे गांव, हमारे गरीब इस महामारी में खुद को बचा पाएंगे। लेकिन आज दो साल के बाद भारत के प्रयासों से दुनिया सीख रही है। पिछले दो साल से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के माध्यम से हमने करोड़ों लोगों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया है। हमारी सरकार ने चावल-दाल, गेहूं, चना,नमक और तेल गरीब के घर पहुंचाया है। इसका बहुत बड़ा लाभ यूपी के लोगों को हुआ है, गरीबों-दलितों-पिछड़ों को हुआ है, और आज भी हो रहा है।

साथियों,

आज आयुष्मान भारत योजना की वजह से यूपी के हर गरीब परिवार को 5 लाख रुपए तक का इलाज मिलना संभव हुआ है। पीएम आवास योजना के जरिए गरीब की सिर पर छत की चिंता भी दूर हो रही है। जिन गरीबों को घर नहीं मिला है उन्हें भी घर मिले इसके लिए इस बजट में सरकार ने करीब-करीब 50 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था भी की है। जो यूपी के काम आएगी। योगी जी की सरकार दोबारा बनने के बाद, गरीबों को घर देने का काम और तेजी से किया जाएगा। और मैं आपको बता दूं, अगर ये कोरोना काल न आया होता, कोरोना की वैश्विक महामारी का संकट न आया होता, आने-जाने में इतनी रूकावट न आई होती, तो इस दो साल में योगी जी ये काम कर देते, ऐसे अनेक काम दो साल में कर देते। लेकिन ये दो साल बीच में कठिनाइयों से गुजारना पड़ा। सरकार की शक्ति को भी लोगों की जान बचाने में लगाड़ी पड़ी। नहीं तो जिस तरीके से 2017 से योगी जी ने मामला उठाया था काम का, अगर दो साल में ये रूकावट न आई होती तो आज यूपी कहां से कहां पहुंच गया होता। लेकिन मुझे विश्वास है उत्तर प्रदेश के लोग आने वाले पांच साल के लिए ऐसा भरपूर बहुमत देंगे, सरकार को ऐसी मजबूती देंगे और योगी जी भी इतनी ताकत से दौड़ेंगे कि जो दो साल बीमारी के कारण तकलीफ आई है न, उससे वे बाहर निकाल कर यूपी को आगे ले जाएंगे।

साथियों,

गरीब के घरों को लेकर नकली समाजवादियों का परिवारवादियों का क्या रवैया रहा है, ये मैं आपको जरूर याद दिलाना चाहता हूं। आगरा, मथुरा और बुलंदरशहर के शहरी क्षेत्रों में पिछली सरकार ने आठ हजार से भी कम घर गरीबों के लिए बनवाए थे। पिछले पांच साल में योगी जी की सरकार ने आगरा-मथुरा और बुलंदशहर में ही करीब 85 हजार घर बनाकर गरीबों को दिए हैं। आप सोचिए पहले की सरकार के कहां 8 हजार से भी कम और योगी जी के समय में कहां 85 हजार। यानि 10 गुना ज्यादा काम। यही फर्क है जो आज पूरे यूपी के लोगों को दिख रहा है। हमारी सरकार की योजनाओं से दलितों को, पिछड़ों को, गरीबों को सबसे ज्यादा लाभ हो रहा है।

साथियों,

आगरा, मथुरा और बुलंदशहर में उज्जवला योजना के तहत साढ़े सात लाख से ज्यादा गैस कनेक्शन दिए गए हैं। इससे महिलाओं के जीवन में जो इतना बड़ा फर्क आया है, वो हमारी माताएं-बहनें ही भली-भांति समझती हैं। इसलिए, यूपी की नारीशक्ति भी ठानकर बैठी हैं कि भाजपा को जिताना है, योगी जी को फिर मुख्यमंत्री बनवाना है।

भाइयों और बहनों,

यूपी की भलाई के लिए इन नकली समाजवादियों और उनके साथियों का सत्ता से दूर रहना आवश्यक है। आज भी वो किसानों से झूठे वादे किए जा रहे हैं, गन्ना किसानों को झूठी बातों को बता कर उकसाने का प्रयास भी कर रहे हैं। किसान भूले नहीं हैं कि सत्ता में रहकर उन्होंने क्या किया था, कैसे गन्ना किसानों को भुगतान के नाम पर रुला दिया था।

साथियों,

योगी जी की सरकार ने पिछले पांच साल में गन्ना किसानों का डेढ़ लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का भुगतान किया है। ये योगी जी से पहले की सरकारों में 10 साल में हुए भुगतान से भी काफी ज्यादा है। इतना ही नहीं हमने पिछली सरकारों के समय जो बकाया था, उसका भुगतान भी किया है। इन लोगों का एक खेल गन्ना पर्चियों का भी था। गन्ना माफिया, किसानों की उपज औने-पौने खरीद कर अपनी जेब भरते थे। आज लाखों गन्ना किसानों को ई-गन्ना एप के जरिए पर्ची से सम्बंधित सभी जानकारी मिल रही है।

भाइयों और बहनों,

यूपी के किसानों को एमएसपी का पैसा मिले, इसके लिए भी टेक्नोलॉजी की ज्यादा से ज्यादा मदद ली जा रही है। ज्यादा खरीद केंद्र खोले जाने की वजह से खऱीद में भी हर साल नए रिकार्ड बनाए गये हैं। पीएम किसान सम्मान निधि भी छोटे किसानों के लिए बड़ी ताकत बन रही है। आगरा, मथुरा और बुलंदशहर के लाखों किसानों को इसका लाभ मिला है। उनके खाते में 1600 करोड़ से ज्यादा की रकम पहुंची है। इस बार के बजट में किसानों के लिए एक और बड़ी घोषणा की गई है। अब गंगा जी के दोनों किनारों पर प्राकृतिक खेती यानि नैचुरल फार्मिंग का एक कॉरिडोर बनाया जाएगा। इसके गंगा जी केमिकल फ्री तो होंगी ही, किसानों को भी उपज के अच्छे दाम मिलेंगे।

साथियों,

सरकार की एक और योजना का लाभ हमारे ब्रज के साथियों को मिला है। आज मैं उसका विशेष तौर पर जिक्र करना चाहता हूं। पहले किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ पशुपालकों और मछली पालकों को नहीं मिलता था। हमारी सरकार ने नियमों में बदलाव किया। इस बदलाव के बाद यूपी के करीब 1 लाख पशुपालकों को-मछलीपालकों को केसीसी दिया गया है। किसान क्रेडिट कार्ड दिया गया। इस वजह से उन्हें बैंक से 1100 हजार करोड़ रुपये की मदद भी मिली है। इसका बड़ा हमारे ब्रज क्षेत्र के पशुपालकों को भी हुआ है। हमारी सरकार जो यूपी में बायोगैस प्लांट का नेटवर्क बना रही है, गोबर-धन योजना को प्रोत्साहन दे रही है, उससे भी हमारे पशुपालकों को बहुत मदद मिल रही है।

भाइयों और बहनों,

यूपी का युवा भूला नहीं है कि कैसे इसी प्रदेश में पहले की सरकारों में नौकरी के लिए क्या योग्यता तय थी? क्या-क्या खेल होते थे? कहां-कहां से खेल होते थे? आज सब लोगों को पर्याप्त और समान अवसर मिल रहें हैं। उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार ने युवाओं को रिकार्ड सरकारी नियुक्तियां दी है। भाजपा सरकार में दलित, शोषित, वंचित, गरीब, महिला, कारोबारी कोई भी हो सभी को हर योजना का लाभ मिला है। इसलिए, यूपी चाहे असरदार सरकार, फिर एक बार योगी सरकार। मैं आपसे भारी मतदान करने का आग्रह भी कर रहा हूं। पहले मतदान फिर जलपान, ये आप ज़रूर याद रखिएगा। आपका हर वोट कमल के फूल पर पड़ेगा, इसी विश्वास के साथ आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद ! और आने वाले दिनों के लिए मेरी अनेक-अनेक शुभकामनाएं, बहुत-बहुत धन्यवाद !

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।