ఆపరేషన్ గంగా కింద కొన్ని వేల మంది పౌరులు దేశానికి తిరిగి వచ్చారు. ఈ మిషన్‌ను ప్రోత్సహించడానికి, భారతదేశం తన నలుగురు మంత్రులను కూడా అక్కడికి పంపింది: ఉక్రెయిన్ తరలింపులపై ప్రధాని మోదీ
బిజెపి ప్రభుత్వం పేదల కోసం కష్టపడి పనిచేస్తోంది మరియు వారికి పక్కా ఇల్లు, కుళాయి నీరు మరియు ఆరోగ్య బీమా అందించే పథకాలను మరింత బలోపేతం చేస్తుంది: సోన్‌భద్ర యొక్క ఆకాంక్ష జిల్లా ప్రచారంపై ప్రధాని మోదీ
గత ప్రభుత్వాలు 8-10 అటవీ ఉత్పత్తులకు మాత్రమే కనీస మద్దతు ధర ఇచ్చేవి. నేడు, మా ప్రభుత్వం 90 అటవీ ఉత్పత్తులపై కనీస మద్దతు ధరఇస్తోంది: గిరిజన రైతులకు మద్దతుగా ప్రధాని మోదీ
వచ్చే అసెంబ్లీ ఎన్నికల్లో ఒక్కో ఓటు మనల్ని రికార్డు విజయానికి తీసుకెళ్తుంది. అభివృద్ధి మరియు వృద్ధి కోసం పని చేయడానికి ఇది మాకు కొత్త శక్తిని ఇస్తుంది: ఘాజీపూర్‌లో ప్రధాని మోదీ

भारत माता की जय

भारत माता की जय

हम रउआ सब लोग के, प्रणाम करत बानी!

साथियो,

ये धरती, शौर्य, पराक्रम और वीरों की धरती है। गाजीपुर के बेटे परमवीर चक्र विजेता शहीद अब्दुल हमीद उन्होंने दिखा दिया था कि देश पर संकट हो तो गाजीपुर के लोग क्या नहीं कर सकते हैं। मुझे आज भी याद है, जब मैं गुजरात में मुख्यमंत्री था, 7-8 आठ साल पहले, श्रीमान अब्दुल हमीद जी की पत्नी रसूलन बीबी जी मेरे निवास स्थान पर आईं और उन्होंने मुझे भरपूर आशीर्वाद दिया था।

भाइयो और बहनो, गाजीपुर ने मनोज सिन्हा जी के रूप में भी, मनोज सिन्हा जी के रूप में एक ऐसा रत्न दिया है, जो देश की मुकुटमणि जम्मू-कश्मीर को संभाल रहे हैं। देशहित को हमेशा सबसे ऊपर रखने वाले बेटे-बेटियों की इस वीर भूमि को मैं आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियो,

यूपी में पांच चरणों के चुनाव में बीजेपी अपना परचम लहरा चुकी है। बीजेपी की सरकार बननी तय है, लेकिन अब रिकॉर्ड जीत दिलाने के लिए आपका एक-एक वोट उतना ही जरूरी है। यूपी के विकास के लिए डबल इंजन की सरकार को आपका एक-एक वोट नई ऊर्जा देगा। और आपका एक-एक वोट, उन घोर परिवारवादियों को भी करारा जवाब देगा, ये घोर परिवारवादी जिन्होंने इस क्षेत्र को इतने दशकों तक विकास से वंचित रखा।

भाइयो और बहनो,

गाजीपुर की इस धऱती का संबंध मां गंगा से है, कृषि से है, ऋषि से है। लेकिन परिवारवादियों ने अपने स्वार्थ में इस पुण्य क्षेत्र की पहचान बदलकर के रख दी थी। परिवारवादियों के शासन में यहां की पहचान गहमर के वीर ना होकर माफिया और बाहुबली बन गये थे। क्या आपको ये पहचान मंजूर है क्या, ये पहचान बदलने वालों को ये सजा करने का मौका है कि नहीं है।

इनको सजा दोगे कि नहीं दोगे ? आपको वोट देकर के सजा देनी है भाइयो। परिवारवादियों के राज में क्या कुछ नहीं हुआ, याद कीजिए मेरे भाइयो-बहनो, इन घोर परिवारवादियों ने हमारे दलित भाई-बहनों की बस्तियां जलाई थी कि नहीं जलाईं थीं। बस्तियां जलाईं थीं की नहीं जलाई थीं, क्या गाजीपुर के लोग भूले नहीं हैं वो दौर, जब हमारे एक होनहार साथी कृष्णानंद राय जी की गोलियों से छलनी कर दिया गया था।

भाइयो और बहनो, गाजीपुर को उन परिस्थितियों से निकालकर योगी जी के शासन में गाजीपुर के विकास को प्राथमिकता दी गई है। दंगों के दौरान खुली जीप में घूमने वाले आज घुटनों पर हैं दोस्तो। पहले की सरकारों के समय जो दहशत थी, उसकी जगह अब गरीबों के कल्याण ने ले ली है।

साथियो,

परिवारवादी सरकारों ने ठान रखा था कि गाजीपुर में विकास नहीं होने देना है।

लेकिन हमने भी ठानकर रखा था, हमने ये ठानकर काम किया कि गाजीपुर के लोगों की सेवा करनी है। सेवा करके रहेंगे। साथियो, आपकी एक बहुत बड़ी समस्या कनेक्टिविटी की थी। हम इस पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। आपको याद होगा, ताडी घाट पुल की मांग 6 दशक से हो रही थी।

ये हमारी ही सरकार है जिसने इसके निर्माण का काम शुरू करवाया। पूरे क्षेत्र में विकास को और तेजी देने के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे भी शुरू हो चुका है। हमने गाजीपुर को काशी से जोड़ने के लिए हाइवे का निर्माण भी कराया है। गाजीपुर को बलिया, आजमगढ़ और बक्सर से जोड़ने के लिए भी ऐसा ही काम चल रहा है।  

साथियो,

इन घोर परिवारवादियों ने जिस तरह सुख-चैन भरा जीवन गुजारा है, महलों में जीना, महंगी गाड़ियों में घूमना, वो कभी भी गरीब का दर्द नहीं समझ सकते। इन्हें माताओ-बहनो को चूल्हे के धुएं से जो तकलीफ होती है, इसका अंदाजा भी नहीं था। ये हमारी ही सरकार है, जिसने गाजीपुर की ढाई लाख से अधिक गरीब माताओ-बहनो को उज्ज्वला का गैस कनेक्शन दिया है।

साथियो,

ये वही परिवारवादी हैं जो शौचालय की बात करने पर हम लोगों का मजाक उड़ाते थे। इन परिवारवादियों को कभी हमारी माताओं-बहनों की असहनीय पीड़ा भी कभी समझ ही नहीं आई। इस पीड़ा को दूर करने का काम भी हमारी सरकार ने किया है।

साथियो,

ये लोग इतने असंवेदनशील हैं कि दिव्यांग, वृद्ध, असहाय की पेंशन का पैसा भी खा जाते थे। याद है ना, कैसे पैंशन के पैसे खा गए। याद रखिएगा- ये लोग पेंशन के भी लुटेरे रहे हैं। आज भी इन लोगों की सोच वही है, इनकी नजर आपके विकास के लिए आए पैसे हैं ना, उस पैसों पर इनकी नजर है। इसलिए आपको इन परिवारवादियों से सावधान रहना बहुत जरूरी है।

भाइयो और बहनो,

गरीब के घर में बीमारी आ जाए तो इलाज का खर्च पूरे परिवार की कमर तोड़ देता है। सारे सपने चूर-चूर कर देता है। हमने गाजीपुर के सवा दो लाख से ज्यादा गरीब परिवारों को आयुष्मान भारत योजना का सुरक्षा चक्र दिया है। अब ये हमारे गरीब परिवार 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज अच्छे से अच्छे अस्पताल में करा सकते हैं। लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें, हमने इसके लिए पूर्वांचल में मेडिकल कालेजों की संख्या भी बढ़ाई है। यहां का महर्षि विश्वामित्र मेडिकल कॉलेज भी अब आपकी सहूलियत बढ़ा रहा है।

भाइयो और बहनो,

मैं जब भी गाजीपुर आता हूं, मुझे गाजीपुर के सांसद रहे स्वर्गीय विश्वनाथ सिंह गहमारी जी की बात जरूर याद आती है। नेहरू जी जब प्रधानमंत्री थे तो विश्वनाथ जी ने पार्लियामेंट के अंदर उन्हें याद दिलाया था कि पूर्वांचल में इतनी ज्यादा गरीबी है कि लोग गोबर में से गेहूं के दाने निकालकर, उसे धोकर अपना पेट भरने के लिए मजबूर हैं। जिसके दिल में गरीब के लिए दर्द हो, वो कभी भी गरीब को ऐसी स्थिति में नहीं छोड़ सकता।

साथियो,

हमारे देश पर, पूरी दुनिया पर, पूरी मानव जात पर कोरोना ने इतना बड़ा संकट पैदा किया, 100 साल का सबसे बड़ा संकट, 100 साल में नहीं आया ऐसा संकट, इतनी बड़ी महामारी आई, लेकिन हमने किसी गरीब को भूखा नहीं सोने दिया भाइयो। किसी गरीब के घर का एक दिन भी चूल्हा न जले, ये हमें मंजूर नहीं। भाइयो-बहनो, पिछले दो साल से भाजपा की डबल इंजन की सरकार, यूपी के 15 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दे रही है। इस पर देशभर में 2 लाख 60 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। मुझे पता है कि अगर यही काम इन घोर परिवारवादियों को करना होता तो वो आपको दाने-दाने के लिए तरसा देते और सारा पैसा खुद खा जाते।

साथियो,

महामारी के इस समय में हमारी सरकार गरीब का जीवन बचाने को भी सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। हमने ये सुनिश्चित किया है कि सभी को वैक्सीन जरूर लगे। जो वैक्सीन विदेशों में हजारों रुपये में लग रही है, वही वैक्सीन हमारी सरकार मुफ्त में लगवा रही है। भाइयो और बहनो, आपको टीका लगा कि नहीं लगा...जरा हाथ उठाकर बताइये...टीका लगा....सबको लगा, अच्छा, आपको एक भी पैसा देना पड़ा क्या ? आपके जेब से एक रुपया भी गया क्या।

भाइयो और बहनो,

आप ये भी याद रखिए। ये परिवारवादी, कैसे भारत की वैक्सीन के खिलाफ अफवाह फैला रहे थे। आज अगर लोगों की चिंता कम हुई है, स्कूल-कॉलेज खुल पा रहे हैं तो ये इस वैक्सीन की वजह से ही हो रहा है।

साथियो,

हमारी सरकार छोटे किसानों की जरूरतों पर भी ध्यान दे रही है। आज गाजीपुर के 5 लाख से अधिक किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ मिल रहा है। छोटे किसान उनकी पहले कभी चिंता नहीं हुई भाइयो। ऐसे किसान जिसके पास एक हेक्टेयर से भी कम जमीन होती है। और परिवार बढ़ता है तो वो जमीन का भी बंटवारा हो जाता है। हमने पांच लाख किसान, और मैं सिर्फ गाजीपुर की बात कर रहा हूं, पांच लाख किसानों को किसान सम्मान निधि के तहत इन किसानों के बैंक खातों में करीब साढ़े आठ सौ करोड़ रुपये, साढ़े आठ सौ करोड़ रुपये अकेले गाजीपुर के पांच लाख किसानों के खाते में जमा किए हैं भाइयो। अगर कोई और सरकार होती, कितने ही रुपये चबा जाते दोस्तो, चबा जाते। आपको ध्यान रखना है, इन घोर परिवारवादियों की नजर, आपको ये जो राशि मिल रही है, ये राशि पर भी इनकी नजर है, और इसलिए ऐसे लोगों को एक तस्सु भर भी जगह नहीं देनी है। घुसने नहीं देना है भाइयो।

साथियो,
ये घोर परिवारवादी चाहते हैं हमारा गरीब, हमारे देश का नागरिक, हमारे गाजीपुर के लोग जातियों में बंट जाएं, बिखर जाएं, अंदर-अंदर लड़ते रहें, ताकि उनकी दुनिया चलती रहे, उनका खेल चलता रहे। लेकिन आपको इन्हें बता देना है कि आपके लिए अपने क्षेत्र का विकास, अपने देश का विकास, अपने बच्चों का उज्ज्वल भविष्य यही आपके लिए सर्वोपरि है। मैं यहां के सभी माताओं-बहनों को, बुजुर्गों को प्रार्थना करना चाहता हूं। पहले की सरकारों के कारण आपको जिस मुसीबत में जिंदगी गुजारनी पड़ी, जिन तकलीफों में जिंदगी जीनी पड़ी, जिस अभाव में गुजारा करना पड़ा।

कोई मां-बाप, कोई मां-बाप चाहेगा कि उनके बच्चों को भी वैसी जिंदगी जीनी पड़े. कोई चाहेगा क्या, कोई मां-बाप चाहेगा कि उनके बच्चे भी इसी मुसीबत में जिएं। जरा मुझे बताइये कि कोई चाहेगा क्या। तो हमें अपनी नई पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्य को पक्का करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए। और इसलिए भाइयो और बहनो, आपको भाजपा और उसके सहयोगियों के पक्ष में, हमारे एनडीए के जो साथी हैं, कहीं अपना दल है, कहीं निषाद पार्टी है, इन सभी सहयोगियों के पक्ष में ज्यादा से ज्यादा मतदान करना है।

भाइयो और बहनो,

मैं आज देख रहा हूं कि आप कितनी बड़ी संख्या में यहां आए हो, जहां भी मेरी नजर पहुंचती है, लोग ही लोग हैं। इनती बड़ी तादाद में आप आशीर्वाद देने आए, मैं आपका आभारी हूं। लेकिन भाइयो और बहनो, अब इतनी बड़ी रैली हो गई। इतने सारे नेता आ गए। अब तो चुनाव जीत गए। चलो जाके सौ जाएं, ऐसा तो नहीं करोगे ना। जाके सौ नहीं जाओगे ना। अब तो जीत गए क्या करना है। ऐसा नहीं करोगे ना। मतदान पूरा होने तक ज्यादा मेहनत करनी है, करोगे। घर-घर जाओगे। एक-एक मतदाता को मिलोगे। अच्छा भइया मेरा एक काम करोगे। करोगे।

जो भी करने वाले हैं जरा हाथ ऊपर करो। करोगे। देखिए, ये गाजीपुर की धरती है। आपने वादा किया है तो गाजीपुर के लोग कभी भी वादा तोड़ते नहीं है। मेरा काम करोगे। फिर से बताइये जोर से, करोगे । देखिए, अभी से लेकर हर घर जाइये, जा करके उन परिवार के लोगों को बताइये कि मोदी जी गाजीपुर आए थे, और उन्होंने आपको प्रणाम भेजा है।

ये काम करोगे। घर-घर मेरा प्रणाम पहुंचाओगे। पक्का पहुंचाओगे। देखिए, जब आप हर परिवार में मेरा प्रणाम पहुंचाओगे तो हर परिवार मुझे आशीर्वाद देगा और जब हर परिवार आशीर्वाद देगा तो आपको मालूम है कि मेरी ऊर्जा कितनी बढ़ जाएगी। मैं कितना ज्यादा काम करूंगा।

कितनी सेवा करूंगा आप लोगों की और इसलिए मेरी तरफ से हर घर जा करके प्रणाम पहुंचाना है, पहुंचाओगे, पहुंचाओगे। और भाइयो और बहनो हर मतदाता का मतदान करवाना है। याद रखिएगा- पहले मतदान, फिर जलपान।

बहुत बहुत धन्यवाद

भारत माता की जय

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।