మహిళల సాధికారత కోసం మేము ఒక పథకాన్ని ప్రారంభించాము - 'నమో డ్రోన్ దీదీ', రుద్రపూర్‌లో ప్రధాని మోదీ చెప్పారు
‘నీయత్ సాహీ, తో నటీజే సాహి’, ఉత్తరాఖండ్ అభివృద్ధి మరియు రాష్ట్రానికి ప్రయోజనం చేకూర్చిన వివిధ ప్రభుత్వ పథకాల గురించి మాట్లాడుతున్నప్పుడు ప్రధాని మోదీ చెప్పారు.
కేవలం పదేళ్లపాటు అధికారానికి దూరంగా ఉన్న కాంగ్రెస్‌, భారత్‌లో నిప్పులు చెరిగేలా మాట్లాడటం మొదలుపెట్టింది. అలాంటి వారిని శిక్షిస్తారా? అని రుద్రపూర్‌లో ప్రధాని మోదీని ప్రశ్నించారు
ఎమర్జెన్సీ నాటి మనస్తత్వం ఉన్న కాంగ్రెస్‌ ప్రజాస్వామ్యంపై విశ్వాసం కోల్పోయింది. అందువల్ల, అది ఇప్పుడు ఆదేశానికి వ్యతిరేకంగా ఆందోళనలో నిమగ్నమై ఉంది: ప్రధాని మోదీ

मां नंदा देवी की जय !
जय बाबा गोल्ज्यू !
जय श्री राज राजेश्वरी!
भै कैस हैरो हालचाल?
देवभूमि उत्तराखंड में ये मेरी पहली चुनावी सभा है। अब मैं तय नहीं कर पा रहा हूं कि ये प्रचारसभा है कि विजयसभा है।.. ये जो सज्जन बहुत बढ़िया चित्र बना के लाए हैं, मेरी माता जी का भी चित्र लाए हैं। मैं आपका बहुत आभारी हूं, लेकिन आप जब इसे ऊंचा करते हैं ना तो पीछे वाले देख नहीं पाते। क्या आप इसको नीचे रख देंगे? इसको नीचे रख देंगे आप? आप ने मेरी बात मान ली इसलिए मैं आपका हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। मैं सबसे पहले जो पीछे धूप में तप रहे हैं उन सबसे क्षमा मांगता हूं। हमलोगों ने सोचा था वो पंडाल छोटा पड़ गया, मैदान छोटा पड़ गया और इसलिए जितने अंदर बैठे हैं उससे कही ज्यादा लोग बाहर धूप में तप रहे हैं। जो धूप में तप रहे हैं, हमारी व्यवस्था की कमी रही इसके लिए मैं आप सबसे क्षमा मांगता हूं। लेकिन मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आप जो धूप में तप रहे हैं ये आपकी तपस्या को मैं बेकार नहीं जाने दूंगा। मैं इसे विकास कर के लौटाऊंगा। आपके इस प्यार के लिए मैं आपका बहुत आभारी हूं। जो लोग, देवभूमि का ये आशीर्वाद... ये मेरी बहुत बड़ी पूंजी है। देवभूमि के हर गांव से आपका जो ये प्यार मिल रहा है, आपके आशीर्वाद मिल रहे हैं मैं इसके लिए आपका हृदय से बहुत-बहुत आभारी हूं।

भाइयों-बहनों,
ये चुनावी सभा भी ऐसे क्षेत्र में हो रही है, जिसे मिनी इंडिया कहा जाता है। और एक प्रकार से ये देवभूमि का भी आशीर्वाद है और मिनी इंडिया का भी आशीर्वाद है। मैं जब भी उत्तराखंड की पवित्र धरती पर आता हूं, खुद को बहुत धन्य महसूस करता हूं। और इसलिए ही मेरे दिल की गहराई से एक बात निकली थी और एक बार मैंने यहां कहा भी था...
“देव भूमि के ध्यान से ही...
मैं सदा धन्य हो जाता हूँ...
है भाग्य मेरा, सौभाग्य मेरा,
मैं तुमको शीश नवाता हूँ"

साथियों,
देवभूमि उत्तराखंड के प्रति भाजपा का जो प्रेम है, जो अपनत्व है, वो जगजाहिर है। हमें उत्तराखंड को विकसित बनाना है, सबसे आगे लेकर जाना है। और इसके लिए केंद्र की भाजपा सरकार कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ रही है। बीते 10 वर्षों में जितना विकास उत्तराखंड का हुआ है, उतना आजादी के बाद के साठ-पैंसठ साल में नहीं हुआ है। आज उत्तराखंड हर प्रकार की आधुनिक कनेक्टिविटी से जुड़ रहा है। उत्तराखंड में भाजपा ने गरीबों को 85 हजार पक्के घर बनाकर दिए हैं। उत्तराखंड में भाजपा ने 12 लाख घरों तक पानी का कनेक्शन पहुंचाया है। यहां भाजपा सरकार ने साढ़े पांच लाख से ज्यादा शौचालयों का निर्माण कराया है। यहां की 5 लाख से ज्यादा महिलाओं को उज्ज्वला का मुफ्त गैस कनेक्शन दिया गया है। यहां करीब 3 लाख लोगों को स्वामित्व योजना के तहत उनकी प्रॉपर्टी के कार्ड दिए गए हैं। उत्तराखंड के 35 लाख लोगों के पास पहले बैंक में खाते तक नहीं थे। भाजपा सरकार ने 35 लाख लोगों के बैंक खाते खुलवाए हैं, उन्हें बैंकों से जोड़ा है। भाजपा सरकार ने उत्तराखंड के छोटे किसानों के बैंक खातों में 2200 करोड़ रुपए से ज्यादा सीधे भेजे हैं। भाइयों-बहनों ये सूची बहुत लंबी है, लेकिन मैं इसमें आपका ज्यादा समय नहीं लेता, लेकिन इतने सारे काम कैसे होते हैं... जब नीयत सही होती है, तो ऐसे ही काम होते हैं। और इसलिए मैं कहता हूं- नीयत सही, तो नतीजे भी सही।

साथियों,
आप जानते हैं कि मोदी ने भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत बनाने की गारंटी दी है। तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत का मतलब है- लोगों की कमाई बढ़ेगी, लोगों को नौकरी के अवसर बढ़ेंगे। गांव हो शहर हो लोगों की सुविधा बढ़ेगी। और इसका बहुत बड़ा लाभ ये देवभूमि मेरे उत्तराखंड को भी होगा। और आप जानते हैं, मोदी की गारंटी यानि गारंटी पूरी होने की गारंटी। अब याद कीजिए मैंने आपसे कहा था कि यहां एम्स का सेटेलाइट सेंटर बनेगा, मैंने ये गारंटी पूरी करके दिखाई। बाबा केदार के आशीर्वाद से मेरे मुंह से निकला था कि ये दशक, उत्तराखंड का दशक होने वाला है। कमल निशान पर पड़ा आपका हर वोट, इसी संकल्प को और सशक्त करेगा।

साथियों,
मोदी की गारंटी ने उत्तराखंड के घर-घर में सुविधा पहुंचाई है, लोगों का स्वाभिमान बढ़ाया है। अब तीसरे टर्म में आपका ये बेटा एक और बड़ा काम करने जा रहा है। मेरा लक्ष्य है, आपको 24 घंटे बिजली मिले, बिजली का बिल ज़ीरो हो और बिजली से कमाई भी हो। इसके लिए मोदी ने, पीएम सूर्यघर- मुफ्त बिजली योजना शुरू की है। इसके तहत छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए सरकार मदद दे रही है। इससे, जो एक मध्यम वर्ग परिवार होता है, जिसके घर में तीन-चार पंखे हो, एक-आध दो एसी हो, वॉशिंग मशीन हो, रेफ्रिजरेटर हो, एक छोटी सी इलेक्ट्रिकल वेहिक्ल की चार्जिंग की बात हो तो उसे करीब-करीब 300 यूनिट बिजली खपती है। ये 300 यूनिट तो मुफ्त मिलेगी ही और जरूरत से ज्यादा जो बिजली होगी उसको सरकार खरीदेगी और उससे आपकी कमाई होगी। क्या आप इस योजना का लाभ लेंगे? जीरो बिल वाली योजना का लाभ लेंगे? तो उसकी एप्लिकेशन कर दीजिए, उसके एप्लिकेशन का काम चालू है। आपके इस सेवक ने बहनों के लिए नमो ड्रोन दीदी योजना भी बनाई है। इसके तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को लाखों रुपए का ड्रोन दिया जा रहा है। और हमारे लिए गर्व की बात है कि गांव-गांव हमारी बहनें ड्रोन पायलट बन रही है। इसका भी बड़ा लाभ यहां देवभूमि मेरे उत्तराखंड की बहनों-बेटियों को भी होगा।

साथियों,
आपको लगता होगा कि इतना सारा काम मोदी कर रहा है। घर-घर कुछ ना कुछ पहुंच रहा है तो ये मोदी थकता क्यों नहीं है, ये मोदी रुकता क्यों नहीं है। अरे कोई और होता तो मौज करता.. मोदी मौज करने के लिए पैदा नहीं हुआ है। मोदी मेहनत करने के लिए पैदा हुआ है। मोदी आपके लिए मेहनत करने के लिए पैदा हुआ है। और इसलिए मेरे भाइयों-बहनों ये जो 10 साल में हुआ है ना, पहले वालों से बहुत ज्यादा हुआ है, हर कोई मानता है, लेकिन मोदी नही मानता है, मोदी तो कहता है... ये 10 साल में जो विकास हुआ है ना वो तो सिर्फ ट्रेलर है ट्रेलर। अभी तो बहुत कुछ करना है। अभी तो हमें देश को बहुत आगे लेकर जाना है। और तब तक ना रुकना है ना थकना है। और अभी तो हमें ये हमारे उत्तराखंड को भी बहुत-बहुत-बहुत आगे लेकर जाना है। मेरा प्रयास है कि केदारखंड की तरह ही मानसखंड से भी देश और दुनिया और अधिक परिचित हो। पिछले वर्ष मैं आदि कैलाश गया था, तब पूरे देश ने इस क्षेत्र के अद्भुत सामर्थ्य को देखा था। और अभी मुझे अजय जी बता रहे थे, पहले तो आदिकैलाश को कोई जानता नहीं था, कभी-कभार लोग आते थे, संख्या मुश्किल से पांच हजार होती थी, अभी ये आंकड़ा लाखों में पहुंच रहा है।

साथियों,
खेती हो, पर्यटन हो, या फिर इंडस्ट्री, इस क्षेत्र में अभूतपूर्व संभावनाएं बनने जा रही हैं। मैं उत्तराखंड के नौजवानों से कहूंगा, मेरे हर भाई-बहन से कहना चाहूंगा... आपका सपना ही मोदी का संकल्प है। बीते वर्षों में यहां से पलायन रुका है। वो दिन दूर नहीं जब रोज़गार के लिए शहर गए साथी वापस लौटेंगे।

भाइयों और बहनों,
मोदी के इन प्रयासों के बीच, कांग्रेस और इंडी-गठबंधन ने अपने इरादे दिखा दिए हैं। कांग्रेस के शाही परिवार के शहजादे ने ऐलान किया है कि अगर देश ने तीसरी बार बीजेपी सरकार को चुनी तो, आग लग जाएगी। 60 साल तक देश पर राज करने वाले, 10 साल सत्ता से बाहर क्या रह गए, अब देश में आग लगाने की बात कर रहे हैं। क्या ये आग लगाने की बात आपको मंजूर है? क्या इस देश को आग लगाने देंगे? क्या आग लगाने की ये भाषा उचित है? क्या ये आग लगाने वाली भाषा लोकतंत्र की भाषा है? ऐसे लोगों को सजा करोगे? पक्की सजा करोगे? चुन-चुन कर साफ कर दो इस बार इनको मैदान में नहीं रहने दो भाइयों। इमरजेंसी की मानसिकता वाली कांग्रेस का भरोसा अब लोकतंत्र पर नहीं बचा है। इसलिए वो अब जनादेश के विरुद्ध लोगों को भड़काने में जुट गई है।

साथियों,
कांग्रेस, भारत को अस्थिरता की तरफ ले जाना चाहती है, अराजकता में झोंकना चाहती हैं। कर्नाटक में कांग्रेस के एक बड़े नेता ने दक्षिण भारत को देश से अलग करने की बात कही, दो टुकड़े करने की बात कही। आप मुझे बताइए, देश के टुकड़े करने वालों को सजा मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? लेकिन कांग्रेस ने क्या किया? सजा देने की बजाए कांग्रेस ने देश को बांटने की घोषणा करने वाले को चुनाव का टिकट दे दिया। उत्तराखंड के लोग भूल नहीं सकते कि इसी कांग्रेस ने देश के वीर सपूत, स्वर्गीय बिपिन रावत जी तक का अपमान किया था। ऐसी कांग्रेस से देशभक्ति की भाषा, उनकी देशभक्ति की बातें किसी के गले उतरती नहीं है।

साथियों,
कांग्रेस, तुष्टिकरण के दलदल में ऐसा धस गई है कि कभी देशहित का सोच ही नहीं सकती। यही कांग्रेस है जो घुसपैठियों को बढ़ावा देती है। लेकिन जब भाजपा CAA के माध्यम से मां भारती में आस्था रखने वालों को भारत की नागरिकता देती है, तो कांग्रेस को सबसे ज्यादा तकलीफ होती है। इस क्षेत्र के लोग भी जानते हैं कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से जो शरणार्थी आए हैं, उनमें से अधिकतर दलित परिवार हैं, हमारे सिख भाई-बहन है, हमारे बंगाली भाई-बहन है। लेकिन कांग्रेस इन लोगों को नागरिकता देने का विरोध कर रही है। कांग्रेस कितना भी घोर विरोध करे, इन लोगों के पास मोदी की गारंटी है। और मोदी की गारंटी, यानि गारंटी पूरी होने की गारंटी।

साथियों,
इस धरती का संबंध तो गुरु नानक देव जी, गुरु गोविंद सिंह जी और उदासी संत गुरु रामराय जी से है। कांग्रेस ने देश का ऐसा बंटवारा किया कि गुरु नानक जी की वह पवित्र धरती हमसे छिन गई। दशकों तक अपने गुरू को हमें दूरबीन से देखना पड़ा। अब जाकर बीजेपी सरकार ने करतारपुर कॉरिडोर बनाकर लोगों की जिंदगी आसान की है। कांग्रेस कमज़ोरी ना दिखाती तो- हमारी सीमाओं पर नज़र डालने की किसी की हिम्मत ना होती। इतने बड़े सीमा विवाद ना होता। कांग्रेस ने कैसे अपने हाथों से मां भारती के टुकड़े किए, इसका एक और ताजा उदाहरण देश के सामने आया है। ये हमारा उत्तराखंड तो वीर माताओ की भूमि है जो वीर संतानों को जन्म देती है। यहां के वीर संतान मां भारती की एक-एक इंच जमीन के लिए अपनी जान की बाजी लगा देते हैं लेकिन यही कांग्रेस पार्टी अभी जो बात सामने आई है, बात तो तमिलनाडु की है लेकिन ये वीरों की भूमि है मातृभूमि की भक्ति क्या होती है उत्तराखंड को सिखाना नहीं पड़ता। उत्तराखंड के लोगों को भी ये कांग्रेस का गुनाह जानना जरूरी है। तमिलनाडु के पास समंदर में एक कच्चाथीवू टापू है द्वीप है। वो द्वीप भारत का हिस्सा था लेकिन कांग्रेस ने उसको श्रीलंका को दे दिया। अब इस द्वीप के आसपास भी कोई भारतीय मछुवारे गलती से चला जाता है, तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाता है, जेल में बंद कर दिया जाता है। आप मुझे बताइए, ऐसी कांग्रेस, जो भारत के टुकड़े करने की बात उनके नेता करते हों, जो कच्चीथीवू द्वीप के दे देते हों क्या वो देश की रक्षा कर सकती है? जरा पूरी ताकत से बताइए... क्या देश की रक्षा कर सकती है? क्या कांग्रेस देश की रक्षा कर सकती है?

भाइयों और बहनों,
कांग्रेस ने तो देश के सीमावर्ती गांवों को भी देश का आखिरी गांव मानकर वहां विकास करना बंद कर दिया था। ये भाजपा की सरकार है जिसने सीमा किनारे बसे गांवों को देश का प्रथम गांव माना है, वहां तेज गति से विकास किया है। कांग्रेस की सरकार रहती तो आज भी पूर्व सैनिकों को वन रैंक वन पेंशन नहीं मिल पाती। लेकिन मोदी ने सैनिक परिवारों को गारंटी दी थी और इसे पूरा करके दिखाया। आज देशभर के सैनिक परिवारों को OROP के एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा मिल चुके हैं। इसमें से उत्तराखंड के भी हजारों परिवारों को लाभ हो रहा है। इसलिए ही मैं कहता हूं- नीयत सही, तो नतीजे सही।

साथियों,
चौबीस के इस चुनाव में अब स्पष्ट रूप से दो खेमें बन गए हैं। एक तरफ हमलोग ईमानदारी और पारदर्शिता जनता-जनार्दन के सामने लेकर के आए हैं, दूसरी तरफ भ्रष्टाचारी, परिवारवादियों का जमावड़ा है। ये भ्रष्टाचारी, मोदी को धमकी भी दे रहे हैं, दिन-रात गाली भी दे रहे हैं। अब देखिए, क्या खेल चल रहा है। हम हैं जो कह रहे हैं- भ्रष्टाचार हटाओ और वो कह रहे हैं- भ्रष्टाचारी बचाओ। आप मुझे बताइए भ्रष्टाचार हटना चाहिए कि नहीं हटना चाहिए? भ्रष्टाचार हटना चाहिए कि नहीं हटना चाहिए? भ्रष्टाचार से मुक्ति मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए? भ्रष्टाचारी जेल जाने चाहिए कि नहीं जाने चाहिए? भ्रष्टाचारियों को सजा होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए? ये देश की आवाज है और मोदी आपकी हर आवाज को सुनता है और इसके लिए ताकत भी लगा देता है। लेकिन साथियों हमें कितनी ही गालियां दी जाए, कितने ही आरोप लगाए जाए मोदी इनकी गालियों और आरोपों से डरने वाला नहीं है। हर भ्रष्ट पर कार्रवाई जारी रहेगी। और तीसरे टर्म की शुरुआत में अब दो सबा दो महीने रह गए हैं बहुत कम समय बाकी रह गया है। तीसरे टर्म में भ्रष्टाचार पर और तेज प्रहार होगा। ये मैं आपको गारंटी देने आया हूं। भ्रष्टाचार, हर गरीब का हक छीनता है, हर मध्यम वर्ग का हक छीनता है। और मैं गरीब का हक, मध्यम वर्ग का हक, किसी को छीनने नहीं दूंगा। ये मोदी की गारंटी है।

साथियों,
आने वाले 5 साल, अभूतपूर्व काम के और देशहित में बड़े फैसलों के होंगे। लेकिन इसके लिए, मेरी आपसे प्रार्थना है आपको मोदी को और मजबूत करना होगा। करोगे? करोगे? जरा सबके सब हाथ ऊपर करके बताओ कि मोदी को मजबूत करोगे? मोदी को नई ताकत दोगे? मोदी को नई ऊर्जा दोगे? उत्तराखंड की सारी सीटों पर भाजपा को ज्यादा से ज्यादा वोटों से विजय दिलाने के लिए मैं आपसे प्रार्थना करने आया हूं। नैनीताल-उधम सिंह नगर से हमारे अजय भट्ट जी चुनाव लड़ रहे है, अल्मोड़ा से अजय टमटा जी चुनाव लड़ रहे हैं। हमारे और दो साथी अपने-अपने क्षेत्र में हैं। हरिद्वार से त्रिवेंद्र सिंह रावत जी, टिहरी गढ़वाल से श्रीमती माला राज लक्ष्मी जी और गढ़वाल से भाई अनिल बलूनी जी...सभी को, इन पांचों मेरे साथियों को जिताकर के उत्तराखंड ये कमल दिल्ली पहुंचाए यही मेरी आपसे प्रार्थना है। और इसलिए... आपको याद रखना है... फिर एक बार...मोदी सरकार! ... फिर एक बार... फिर एक बार... चार जून..400 पार! चार जून... चार जून... अच्छा मेरा एक और काम करोगे? मेरा एक काम करोगे? ऐसा नहीं हाथ ऊपर करके बताओ करोगे? आप यहां से गांव जाएंगे तो वहां जो देवी देवता है वहां मोदी की तरफ से माथा टेकना है। करोगे? और गांव में सभी परिवारजनों को कहिएगा कि मोदी जी उत्तराखंड में आए थे और आपको प्रणाम भेजा है। मेरा प्रणाम पहुंचाओगे? घर-घर पहुंचाओगे? और एक बात इस बार गर्मी जरा ज्यादा ही तेजी से बढ़ रही है। कितनी ही गर्मी क्यों ना हो मतदान होगा कि नहीं होगा? ज्यादा से ज्यादा मतदान होगा। सुबह जल्दी-जल्दी मतदान होगा, जलपान से पहले मतदान होगा। मैं सभी से आग्रह करूंगा, गर्मी कितनी ही क्यों ना हो लेकिन लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमें अपना दायित्व निभाना है। निभाएंगे? निभाएंगे?
मेरे साथ बोलिए.... भारत माता की.... भारत माता की... भारत माता की... भारत माता की... बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।