For us, Goa is about - Governance, Opportunities & Aspirations: PM Modi

Published By : Admin | February 10, 2022 | 18:18 IST
What does Goa mean to us? Governance, Opportunities and Aspirations: PM Modi on BJP’s vision for Goa
Reaching 100% beneficiaries means eliminating all scope for discrimination: PM Modi on Goa completing 100% coverage in various welfare schemes
The people of Goa kept fighting for their liberation, but the Congress government did not help them: PM Modi on selective politics towards the people of Goa

नमस्कार !

गोवा के भविष्य निर्माण के लिए चुनाव में दिन रात मेहनत कर रहे भारतीय जनता पार्टी के सभी कार्यकर्ता साथी, और गोवा के प्रबुद्ध भाइयों एवं बहनों! उत्तर गोंयतल्या मोगाल गोयकारांक येवकार। 14 फेब्रेराक, भाजपाक मत दिव्न‌, गोयचो फुडार, पर्जड़ित करपाचो, हावेस, तुमी बागेला। आत्मनिर्भर भारतावांगड़ा, स्वयंपूर्ण गोंय करपाचअ, तुमी थारायला। तुमचे सपन, पुराय करपाचे उतर, हाव तुमका दिता।

साथियो,
ये भी मेरा सौभाग्य है कि यहां मंच पर आने से पहले मुझे मापूसा के संरक्षक, अंगवाणी बोडगेश्वर जी के दर्शन करने का अवसर मिला। मैं देव बोडगेश्वर जी से प्रार्थना कर रहा हूं कि सभी के कल्याण में उनके आशीर्वाद बना रहे, यही कामना करता हूं। वाकई, गोवा में आप सभी के बीच आकर मैं एक नई ऊर्जा से भर जाता हूं। यहां की हवाओं की बात ही कुछ ऐसी है।

गोवा इतने बुलंद स्वर में ‘विकास और बीजेपी’ की बात कर रहा है कि उसकी आवाज दूर-दूर तक जा रही है। गोवा ने ये ठान लिया है कि, विकास की इस लहर को, सुशासन की इस लहर को धीमी नहीं पड़ने देना है। प्रमोद सावंत जी के युवा नेतृत्व में गोवा के गोल्डन भविष्य के लिए विकास की ये यात्रा ऐसे ही जारी रहेगी। 14 फरवरी को गोवा में एक बार फिर एक-एक मतदाता कमल खिलने के लिए भारी मात्रा में मतदान करने वाला है। मैं गोवा बीजेपी के सभी उम्मीदवारों को भव्य विजय की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों,
जब भी मैं गोवा आता हूं तो मेरे मित्र मनोहर पर्रिकर जी की कमी हमेशा खलती है। आप गोवा वासियों को तो उनकी कमी और भी ज्यादा महसूस होती होगी। मैं भाजपा के वरिष्ठ नेता स्वर्गीय फ्रांसिस डिसूजा जी, जिनके साथ काम करने का भी मुझे अवसर मिला, इनका स्मरण भी करता हूं। फ्रांसिस डिसूजा जी गोवा संस्कृति, और भाजपा के विचारों के सच्चे प्रतिनिधि रहे।

साथियों,
देव बोडगेश्वर की मुझ पर असीम कृपा रही कि मेरे जीवन के महत्वपूर्ण पलों में गोवा की धरती को इतना निर्णायक बनाया। आज जो आप मुझे जिस रूप में देख रहे हैं ना, जहां मुझे देख रहे हैं, इसकी शुरूआत गोवा से हुई थी। जून 2013 में यहां भारतीय जनता पार्टी की कार्यसमिति थी, और जून 2013 में जब मैं गोवा की इसी धरती पर था तो भारतीय जनता पार्टी ने मुझे लोकसभा के चुनाव के लिए भाजपा की प्रचार समिति का प्रमुख घोषित किया गया था, फिर बाद में मुझे प्रधानमंत्री उम्मीदवार भी घोषित किया गया था।

गोवा की इसी धरती से निकली प्रेरणा थी कि यहां आप लोगों से बात करते हुए, उस दिन हमारे पर्रिकरजी ने यहां मेरी एक सभा आयोजित की थी और उस सभा में मेरे मुंह से सहसा, सहज रूप से एक शब्द निकला था, वो शब्द था-कांग्रेस मुक्त भारत। ये शब्द गोवा की धरती से ही, यहां के पुण्यात्मा के आशीर्वाद से सहसा मेरे मुंह से निकल गया था। और हमने देखा है, आज ये शब्द देश के कोटि-कोटि नागरिकों का संकल्प बन गया है।

साथियों,
गोवा की अपनी एक खास संस्कृति और पहचान है, और गोवा सबको साथ लेकर भी चलता है। जिनको गोवा की इस संस्कृति की परवाह नहीं है, उन्होंने गोवा को अपने भ्रष्टाचार का लूटतंत्र का एक बहुत बड़ा एटीएम बनाकर रखा था। लेकिन भाजपा ने गोवा के लिए स्वयंपूर्ण गोवा, स्वयंपूर्ण गोवा का मंत्र दिया। भाजपा ने समग्र विकास की बात की, सबके लिए बराबर विकास की बात की। क्योंकि, विकास को टुकड़ों में, जाति-धर्म, मत-मजहब, भाषा-क्षेत्र के नाम पर बांटा नहीं जा सकता। अगर नॉर्थ गोवा का विकास होगा, तो साउथ गोवा भी आगे बढ़ेगा।

अगर साउथ में काम होगा, तो नॉर्थ को भी उसका लाभ मिलेगा। और मुझे बताया गया कि आप जैसे यहां इकट्ठे हुए हैं। साउथ गोवा में भी वर्चुअली बहुत बड़ी मात्रा में अलग-अलग स्थान पर लोग आज इकट्ठे होकर के इस कार्यक्रम में हमारे साथ जुड़े हैं। मैं साउथ गोवा के भाइयो और बहनों को भी प्रणाम करता हूं। इसी तरह, अगर जब हम गोवा के पर्यटन की संभावनाओं की बात करते हैं, तो उसके लिए गोवा को हर क्षेत्र में विकास की जरूरत है। अगर यहां अच्छी सड़कें नहीं बनतीं, नई सुविधाएं नहीं बनतीं तो पर्यटक यहां आना पसंद करते क्या? कोई टूरिस्ट आते क्या, यहां की हालत अगर खराब होती तो कोई आता क्या? इसीलिए, भाजपा सरकार ने इनफ्रास्ट्रक्चर के विकास का नया अभियान चलाया हुआ है।

गोवा स्टेट इन्फ्रास्ट्रक्चर डेव्लपमेंट कॉर्पोरेशन के माध्यम से मार्सेल और पेडणे में बस डीपो बनाए गए हैं। 3000 करोड़ की लागत से मोपा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का काम चल रहा है। देश और दुनिया के पर्यटक अब ज्यादा आसानी से गोवा आएंगे, यहाँ टूरिज़्म को गति देंगे। साथ ही, इससे गोवा में दूसरे उद्योगों में, व्यापार में निवेश के रास्ते भी खुलेंगे। गोवा में एक मल्टी-मोडल लॉजिस्टिक पार्क बनाने का काम भी तेज गति से चल रहा है।

भाइयों बहनों,
जो काम भाजपा ने किए, जो काम भाजपा सरकार आज कर रही है, उसकी जरूरत गोवा को दशकों पहले से थी। आपको याद होगा, मांडवी नदी पर अटल सेतू का निर्माण हमारी सरकार ने पूरा किया।
न्यू जूआरी ब्रिज का काम भी शुरू किया गया है। वेरणा इंडस्ट्रीयल एरिया में फोर लेन रास्ता बनाया गया है, जिससे पोंडा और मूरगांव का अंतर 12 किलोमीटर से कम हुआ है। इन सब कामों की मांग गोवा के लोग कितने लंबे अरसे से कर रहे थे? इसी तरह, केंद्र में भी इसके पहले कितनी सरकारें आईं, भाई।

लेकिन क्या किसी ने गोवा जैसे राज्य को, उसका महत्व समझ करके, गोवा भारत के लिए बहुत उपयोगी है, भारत को आगे बढ़ाने में गोवा काम आ सकता है, अगर भारत में टूरिज्म बढ़ाना है तो गोवा से बढ़ सकता है, लेकिन ये बातें पहले की सरकार के दिमाग में कभी आई ही नहीं। दिल्ली में बैठे थे। पांच-पांच दशक राज किया इन लोगों ने। तब जो दिल्ली की कुर्सी पर थे, उन्हें गोवा की याद आती थी, लेकिन कब आती थी, वो गोवा कब याद करते थे, जब उनको सैर-सपाटे के लिए यहां चक्कर काटने आता था, तब उनको गोवा की याद आती था।

लेकिन आज हमारी सरकार सागरमाला जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स लेकर आई है। इस योजना के माध्यम से गोवा में लगभग 5 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया जा रहा है। फाइव थाउजेंड करोड़ रूपीज। हमने इस तरह की नीतियाँ भी बनाईं, जिनसे गोवा को लाभ हो। इंटरनेशनल पर्यटकों के लिए ‘वीज़ा ऑन एराइवल’ ये भी इसी का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। गोवा के पर्यावरण के लिए, यहाँ की आबो-हवा के लिए केंद्र ने गोवा में 100 से अधिक इंटरसिटी इलेक्ट्रीक बसों को मंजूरी दी है। ये भी टूरिज्म को अनुकूल व्यवहार है, व्यवस्था है। ऐसी कितनी ही परियोजनाएं है जिनसे गोवा अब गोल्डन गोवा बनने की दिशा में अग्रसर है।

साथियों,
गोवा के विकास के लिए भाजपा ने जो किया है, उसका एक उत्तम उदाहरण यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या है। टूरिस्टों की संख्या है। पहले गोवा में केवल सीजनल पर्यटन ही ज्यादा होता था। लेकिन भाजपा सरकार ने टूरिज्म को प्रमोट किया, पर्यटन को प्रमोट किया, सुविधाएं बढ़ाईं, और अब पूरे साल, 365 दिन यहां पर्यटक आते हैं। 2011 में, जब यहां कांग्रेस की सरकार थी, तब पूरे साल में करीब 25 लाख पर्यटक आते थे। 25 लाख! लेकिन 2019 आते आते ये संख्या 80 लाख से भी ऊपर पहुँच गई है।

साथियों,
जब हम टूरिज्म पर ध्यान देने हैं, इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करते हैं, तो उसका लाभ गोवा वासियों को तो जरूर मिलता है। यहां टूरिस्ट भी आते हैं और गोवा के लोगों को आर्थिक लाभ भी होता है। यहां के नौजवानों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होते हैं।

साथियों,
जब तटीय विकास को प्राथमिकता मिलती है तो बारदेज तालुका को भी इसका फायदा मिलना तय है। ये बहुत दुख की बात है कि आज तक कांग्रेस ने कभी बारदेज तालुका के बारे में कोई चिंता ही नहीं की। हम सब जानते हैं कि ये तालुका, उनकी प्राथमिकता में कभी नहीं रहा। भाजपा के साथ बारदेज की आकांक्षाओं को हमेशा बल मिलेगा। यहां के लोगों की आशाओं को पूरा करने का हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं और करते रहेंगे। और साथियों, मैं एक बात और कहूंगा। पिछले दो सालों में दुनिया में, यानी पिछले सौ साल में जो नहीं आई, ऐसी वैश्विक महामारी, इतनी बड़ी महामारी गत दो वर्षों से हमें सब मानवजात को पूरे विश्व में जकड़ लिया है।

और उसके बाद पर्यटन इंडस्ट्री को कितना बड़ा धक्का लगा! आप सोचिए, अगर ऐसे समय, ऐसे संकट के समय पिछली सरकारों की तरह अगर काम काज चला आ रहा होता तो क्या होता? क्या देश आज 150 करोड़ से भी ज्यादा वैक्सीनेशन का रेकॉर्ड बना पाता क्या? अगर यहाँ डबल इंजन की सरकार न होती तो क्या गोवा 100 परसेंट वैक्सीनेशन करने वाला देश का पहला राज्य बन पाता क्या? और मैं प्रमोद जी को बधाई देता हूं, उनकी दीर्घ दृष्टि को बधाई देता हूं।

क्योंकि उन्होंने मन में ठान लिया, अगर गोवा में टरिज्म को बढ़ावा देना है, टरिस्ट के मन में विश्वास पैदा करना है कि बाकी जगह ठीक है, गोवा सुरक्षित है। मैसेज देने की ताकत है 100 परसेंट वैक्सीनेशन। और उन्होंने किया और उसका कारण दुनिया भर के टूरिस्टों को लगता है कि गोवा 100 परसेंट वैक्सीनेटेड डेस्टीनेशन है। कोई भी टूरिस्ट आने का मन करता है, ये गोवा वासियों की भलाई का काम है। पहले की सरकारों में कैसे भारत दुनिया के दूसरो देशों के आसरे रहता था, हम मांगते रहते थे। 30-30, 40-40 साल तक हमें वैक्सीन नहीं उपलब्ध होता था।

देश इस बात को भली-भांति जानता है। अगर देश और गोवा वैक्सीनेशन में पिछड़ जाते, तो हमारा टूरिज़्म कैसे revive होता? देश की इकॉनमी कैसे revive होती? लेकिन आज गोवा का टूरिज़्म भी फिर से आगे बढ़ रहा है, और भारत की अर्थव्यवस्था भी तेजी से आगे बढ़ रही है। इस बार बजट में हमने MSME सेक्टर को, छोटे उद्योगों को मदद देने वाली योजना का विस्तार करके उसे 5 लाख करोड़ रुपए तक बढ़ा दिया है। विशेष रूप से Hospitality sector के लिए 50,000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। और ये सिर्फ, कुछ लोग यहां आते हैं, प्रेस कांफ्रेंस करके भांति-भांति के वादे करते चले जाते हैं। ऐसा नहीं है। ये बजट में आलरेडी योजना कर दी गई है। बजट पार्लियामेंट में रख दिया गया है। इससे गोवा के पर्यटन उद्योग को और नई ताकत मिलने वाली है।

साथियों,

हमारे लिए Goa का अर्थ है- G for Governance, O for Opportunities and A for Aspirations. Goa...Governance के क्षेत्र में तो गोवा देश के लिए एक मॉडल बनकर उभर रहा है। प्रमोद जी को, उनकी पूरी टीम को, यहां के सभी कर्मचारियों को मैं हृदय से अभिनंदन करता हूं । आपने जो काम किया है, वो मामूली नहीं है। अभूतपूर्व काम किया है आपने। क्योंकि मैं भी बहुत साल तक मुख्यमंत्री रहकर आया हूं। मुझे मालूम है कि इस प्रकार की योजनाओं को नीचे तक ले जाना है तो कितना दम उखड़ जाता है।

लंबे अरसे तक मुख्यमंत्री तक रहने के बाद मैं कह रहा हूं कि प्रमोद जी आपने अद्भुत काम किया है। आपकी टीम ने अद्भुत काम किया है। हमारे युवा मुख्यमंत्री केवल योजनाओं को शुरू करने की बात नहीं करते। बल्कि प्रमोद जी का लक्ष्य है- गोवा के संकल्पों को 100 परसेंट पूरा करना। वैक्सीनेशन की अभी मैंने बात की। उसमें भी गोवा 100 परसेंट! स्वच्छ भारत मिशन में गोवा में 100 परसेंट कवरेज है। जल जीवन मिशन के तहत गोवा में 100 परसेंट कवरेज।

गोवा ने बिजली पहुंचाने का काम भी 100 परसेंट पूरा किया। जरूरतमंदों को मुफ्त राशन देने के मामले में भी गोवा 100 परसेंट है। इसी तरह, गोवा अब 100 परसेंट renewable energy plan पर भी काम कर रहा है। ये बहुत बड़ा काम है। दुनिया को जब पता चलेगा कि गोवा 100 परसेंट renewable energy की तरफ गया है, विश्व के लिए, विश्व केलिए अजूबा होगा और गोवा की चर्चा दुनिया के कोने-कोने में होगी, ये काम प्रमोद जी कर रहे हैं। ये परिणाम है, डबल इंजन सरकार में गोवा के लोगों के बीच 100 परसेंट सहयोग का, ये मिलकर किए गए प्रयासों का परिणाम है। मैं यहां के नागरिकों का भी अभिनंदन करता हूं कि आपने कोरोना जैसे विपरीत कालखंड में भी प्रमोद जी के नेतृत्व में जो योजनाएं बनीं, उनको सफल करने में पूरा सहयोग दिया। भागीदारी की, आप सब भी अभिनंदन के अधिकारी हैं।

साथियों,
जरा आप सोचिए, मैं आज देश वासियों को भी कहता हूं कि 100 परसेंट की बात जो है ना...जरा देश के लोग भी सोचें और अपने आपको बड़े बुद्धिमान कहने वाले आटे-पाटे की राजनीतिक भाषा बोलने वाले लोग, भेदभाव की चर्चा करने वाले लोग, जरा प्रमोद जी ने जो प्राप्त किया है, गोवा ने जो प्राप्त किया है, उसको जरा समझिए। किसी योजना के 100 परसेंट लाभार्थियों तक पहुंचना, ये केवल कोई सरकारी आंकड़ा नहीं होता है। ये 100 परसेंट पहुंचने का मतलब होता है, ये भाजपा के सिद्धांतों का, उसकी कार्यशैली का एक जीता जागता उदाहरण है।

100 परसेंट लाभार्थियों तक पहुंचना मतलब होता है, किसी से भेदभाव की सारी गुंजाइश को खत्म करना। 100 परसेंट का मतलब ही यही होता है। 100 परसेंट लाभार्थियों तक पहुंचने का मतलब होता है, तुष्टिकरण की सारी संभावना को खत्म करना। 100 परसेंट लाभार्थियों तक पहुंचने का मतलब होता है, ये उसे मिलेगा, उसे नहीं मिलेगा, इस स्वार्थ भरी राजनीति की भी समाप्ति। 100 परसेंट लाभार्थियों तक पहुंचने का मतलब होता है, समाज की आखिरी पंक्ति में खड़े आखिरी व्यक्ति तक पहुंचने का लक्ष्य। 100 परसेंट लाभार्थियों तक पहुंचने का मतलब होता है, धर्म-जाति के आधार पर योजनाओं को बांटने की संभावना ही खत्म हो जाती है। 100 परसेंट लाभार्थियों तक पहुंचने का मतलब होता है, गरीब कल्याण के लाभ की योजनाओं से कोई छूट न जाये।

यही तो है सबका साथ- सबका विकास। आजादी के बाद जो राजनीतिक दल दशकों तक सत्ता में रहे, उन्होंने लोगों को इस बात पर बांटा कि कुछ को ये मिलेगा, कुछ को नहीं मिलेगा। यहां से बूथ में से मुझको वोट मिले थे, तो मिलेगा, वहां बूथ में से वोट नहीं मिले थे तो उनको लटका कर रखेंगे। 100 परसेंट जब होता है ना तो इन सारी बीमारियों से मुक्ति मिल जाती है। मेरा-तेरा कोई भेदभाव नहीं रहता है। गोवा ही है जो देश को भेदभाव से मुक्ति का संदेश देने की ताकत रखता है। मूलभूत सुविधाओं को लेकर भी उनका यही रवैया रहा।

योजनाओं का लाभ 100 परसेंट लोगों तक पहुंचाना, उनकी ऐसी ही बांटने वाली नीतियों का जवाब है। इसलिए मैंने लाल किले से मूलभूत सुविधाओं की योजनाओं के सैचुरेशन की बात कही थी, 100 परसेंट लाभार्थियों तक पहुंचने, शत प्रतिशत कवरेज की बात कही थी। जब सरकारी मशीनरी इस नीयत से काम करे की उसे शत प्रतिशत पात्र व्यक्तियों तक लाभ पहुंचाना ही पहुंचाना है, तो फिर पक्षपात, भेदभाव, मेरा-पराया कुछ भी टिक नहीं पाता। जब हम 100 परसेंट का लक्ष्य लेकर चलते हैं तो शोषित, पीड़ित, वंचित, दलित, आदिवासी, गरीब, ना किसी धर्म का कोई व्यक्ति छूटता है, ना किसी समाज का।

इसलिए हमारा ये 100 परसेंट सेवा अभियान, सोशल जस्टिस, सामाजिक न्याय का भी एक बहुत बड़ा माध्यम है। बहुत बड़ा प्रमाण है और सामाजिक न्याय के प्रति हमारी प्रतिबद्धता, हमारा कमिटमेंट इसका एक जीता-जागता उदाहरण है। और मैं दो कदम आगे जाकर कहना चाहूंगा कि 100 परसेंट का मतलब ही होता है कि सच्चे अर्थ में सच्चा सेक्यूलरिज्म है। यही सच्चा सेक्यूलरिज्म है। 100 परसेंट, इससे बड़ा सेक्यूलरिज्म क्या हो सकता है।

साथियों,
आज देश में गोवा की पहचान बन गई है कि गोवा किसी काम को आधा अधूरा नहीं छोड़ता। ऐसा ही है ना गोवा का, आधा-अधूरा कुछ छोड़ते नहीं हैं ना। गहरे समंदर के किनारे रहने वाले गोवा के लोगों की पॉलिटिकल समझ भी उतनी ही गहरी है। लेकिन दुर्भाग्य से, कांग्रेस कभी गोवा के political culture, गोवा की आशाओं, गोवा की आकांक्षाओं, गोवा के नवजवानों के सपनों को कभी समझ ही नहीं पाई। कांग्रेस का जो इतिहास रहा है, गोवा के लोगों के जो दुश्मनी का भाव जो गोवा के लिए उन्होंने रखा है, वो आज की युवा पीढ़ी को जानना बहुत जरूरी है।

साथियों,
बहुत सी बातें हैं जो इतिहास में दबोच कर रख दी गई हैं, दबा दी गई हैं। सत्य आप तक पहुंचे नहीं, इसके लिए बहुत खेल खेले गए हैं। पांच-पांच, छह-छह दशक से यह हुआ है। आपने देखा होगा, अभी दो-तीन दिन पहले मैंने संसद में, पार्लियामेंट में गोवा का जिक्र किया था। कैसे कांग्रेस ने गोवा मुक्ति संग्राम को तबाह करने का काम किया था, मैंने इसके बारे में पूरे देश को सच्चाई बताई थी। बहुत से लोग इस बारे में जानते ही नहीं हैं कि गोवा, भारत की आजादी के भी डेढ़ दशक बाद आजाद हुआ था। 15 साल ज्यादा गुलाम रहने के लिए मजबूर किया गया था।

भारत के पास फौज थी, सेना थी, हमारी मजबूत नेवी थी। कुछ घंटे में जो काम हो सकता था, वो कांग्रेस ने 15 साल तक नहीं किया। गोवा के लोग अपनी मुक्ति के लिए संघर्ष करते रहे, सत्याग्रही गोलियां खाते रहे, अत्याचार सहते रहे, लेकिन कांग्रेस की सरकार ने उनकी मदद नहीं की। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू जी ने लाल किले से कह दिया था और आज आप उनका भाषण यू ट्यूब पर जाकर सुन सकते हैं, लाल किले से कह दिया था कि गोवा की मुक्ति के लिए संघर्ष कर रहे सत्याग्रहियों की मदद के लिए वो फौज नहीं भेजेंगे।

मतलब, तुम जानो, तुम्हारा काम जाने, मरने है तो मरो, जीना है तो जीओ। ये तरीका है, गोवा को लेकर कांग्रेस की यही सोच पहले भी थी और आज भी है। यही कांग्रेस आज आपसे वोट मांग ही है। कांग्रेस हमेशा राज्य को अस्थिरता के रास्ते पर धकेलती आई है। कांग्रेस का जब मन चाहा यहां की सरकारों को अस्थिर कर दिया। इसलिए, आज एक तरफ विकासवादी भाजपा है, तो दूसरी तरफ अस्थिरतावादी काँग्रेस है।

आज एक तरफ प्रमोद सावंत जैसे युवा और ईमानदार नेता हैं, जो खुद को मुख्यमंत्री नहीं कहते, वो हमेशा कहते हैं कि मैं तो मुख्य-मित्र हूं। अपने आपको मुख्यमंत्री नहीं, मुख्य मित्र के रूप में ही वो पहचान कराते हैं और उस प्रकार का जीवन भी जीते हैं। दूसरी ओर, वो चेहरे हैं जिनका भ्रष्टाचार का पुराना ट्रैक रेकॉर्ड गोवा का बच्चा-बच्चा जानता है। इसलिए, गोवा की चॉइस बिलकुल साफ है, गोवा भाजपा के साथ है।

साथियों,
गोवा के लोग इन दिनों कुछ नए चेहरों को भी देखकर हैरान हैं। वो देख रहे हैं कि कुछ राजनीतिक दल गोवा को अपनी व्यक्तिगत और सियासी महत्वाकांक्षाओं का लॉन्च पैड मान रहे हैं। ऐसे दलों को गोवा के लोगों की भावनाओं का अता-पता ही नहीं है। गोवा के लोग ऐसी सरकार चाहते हैं, जो गोवा वासियों के लिए गोवांकर के लिए जीने वाली, जूझने वाली, काम करने वाली सरकार हो। ऐसी सरकार जो लोगों का इस्तेमाल अपने स्वार्थों को पूरा करने के लिए करे, गोवा के लोग उसे स्वीकार नहीं करेंगे। किसी के स्वार्थ की भरपाई के लिए गोवा की धरती नहीं काम आ सकती।

भाइयों बहनों,
इनके पास एजेंडा नहीं है, विज़न नहीं है। इनके पास गोवा की समझ भी नहीं है। ये यहाँ आ तो गए, लेकिन इन दलों को समझ नहीं आ रहा है कि वो घोषणा क्या करें! इसलिए, भाजपा के ही कामों को वायदों के नाम पर दोहराया जा रहा है। गोवा के लोग भी इनकी सच्चाई जान चुके हैं। गोवा के लोगों ने इन दलों से स्पष्ट कह दिया है कि आपकी हिंसा, आपके दंगे, आपकी गुंडागर्दी अपने तक रखिए। गोवा को शांति से प्रगति के रास्ते पर चलने दीजिये।

साथियों,
आखिर में एक और महत्वपूर्ण बात मैं कहना चाहता हूँ। पिछले कुछ सालों में हमने देश में सरकार चलाने के कई मॉडल देखे हैं। हमने कांग्रेस की कार्य संस्कृति भी देखी। हमने कम्युनिस्टों का खेल भी देखा है। हमने वंशवादी पार्टियां भी देखी हैं। हमने परिवारवादी पार्टियां भी देखी हैं। हमने जाति और समुदाय विशेष की पार्टियां भी देखी हैं। हमने व्यक्तिवादी पार्टियां भी अब देख रहे हैं। और, हमने बीजेपी को भी देखा है। बीजेपी को परखा है। भाजपा की सबसे बड़ी ताकत भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता हैं। देश का कल्याण, देशवासियों का कल्याण भाजपा के मूल आदर्श हैं।

हमारे लिए सत्ता व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं हैं। बल्कि यह सेवा का एक अवसर है। भाजपा को दिया गया हर वोट विकास को दिया गया वोट है। भाजपा को दिया गया हर वोट स्थिर सरकार के लिए, स्थिर गोवा के लिए दिया गया वोट है। प्रगतिशील गोवा के लिए दिया गया वोट है। गोवा के सपनों को पूरा करने के लिए दिया गया वोट है और जब आप विकास के लिए वोट देंगे तो आपके हर एक वोट से गोवा समृद्ध बनेगा, गोवा, गोल्डन गोवा बनेगा।

मेरा भाजपा के कार्यकर्ताओं से विशेष आग्रह है, आप लगातार कड़ी मेहनत करना जारी रखें। मैं जानता हूं कि आप लोग मेहनत करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। आप कार्यकर्ताओं से ही मुझे भी प्रेरणा मिलती है। मैं आप सबको यह विश्वास दिलाता हूं कि आपकी यह मेहनत व्यर्थ नहीं जाएगी और गोवा जल्द ही जल्द गोल्डन गोवा बनेगा। गोयचो फुडार, तुमच्या हातात, सुरक्षित रावतलो. भाजपाचेर तुमी विश्वास दवरला. असोच विश्वास, याफुढे दवरतले, आणि, 14 फेब्रेराक, तुमचे मोलादीक मत, परतून भाजपाकुच दित्ले, असो विश्वास हाव बागिता. देंव बरें करुं.

बहुत बहुत धन्यवाद !

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PM Modi visits the Indian Arrival Monument
November 21, 2024

Prime Minister visited the Indian Arrival monument at Monument Gardens in Georgetown today. He was accompanied by PM of Guyana Brig (Retd) Mark Phillips. An ensemble of Tassa Drums welcomed Prime Minister as he paid floral tribute at the Arrival Monument. Paying homage at the monument, Prime Minister recalled the struggle and sacrifices of Indian diaspora and their pivotal contribution to preserving and promoting Indian culture and tradition in Guyana. He planted a Bel Patra sapling at the monument.

The monument is a replica of the first ship which arrived in Guyana in 1838 bringing indentured migrants from India. It was gifted by India to the people of Guyana in 1991.