వివిధ ప్రాంతాల్లో డబుల్ ఇంజన్ ప్రభుత్వం పౌరులకు 'డబుల్ ప్రొటెక్షన్'ను అందించిందని ఢిల్లీలోని బీజేపీ హెచ్‌క్యూలో ప్రధాని మోదీ అన్నారు.
గోవాలో అన్ని ఎగ్జిట్ పోల్స్ తప్పని రుజువయ్యాయని, గోవా ప్రజలు బీజేపీకి వరుసగా మూడోసారి సేవ చేసే అవకాశం ఇచ్చారని ప్రధాని మోదీ అన్నారు.
ఈ ఏడాది మార్చి 10 నుంచి హోలీ ప్రారంభమవుతుందని బీజేపీ కార్యకర్తలు నాకు వాగ్దానం చేశారు మరియు వారు తమ వాగ్దానాన్ని నిలబెట్టుకున్నారు: 2022 అసెంబ్లీ ఎన్నికల్లో పార్టీ అఖండ విజయం తర్వాత ప్రధాని మోదీ
2022 అసెంబ్లీ ఎన్నికల ఫలితాలపై ప్రధాని మోదీ మాట్లాడుతూ పేదలకు అనుకూలమైన మరియు క్రియాశీలక పాలనను బిజెపికి అనుకూలంగా ఫలితాలు బలంగా రుజువు చేస్తున్నాయి
భారతదేశంలో 'పరివార్వాద్' రాజకీయాలకు సూర్యుడు అస్తమించడం ప్రారంభించాడు, నేటి ఎన్నికల ఫలితాలు నిర్ణయించాయి: ప్రధాని మోదీ

भारत माता की…

भारत माता की…

भारत माता की….

आज उत्साह का दिन है, उत्सव का दिन है। ये उत्सव भारत के लोकतंत्र के लिए है। मैं इन चुनावों में हिस्सा लेने वाले सभी मतदाताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। उनके निर्णय के लिए मतदाताओं का आभार व्यक्त करता हूं। विशेष रूप से हमारी माताओं-बहनों ने, हमारे युवाओं ने जिस प्रकार भारतीय जनता पार्टी को भरपूर समर्थन दिया है, वो अपनेआप में बहुत बड़ा संदेश है। मुझे इस बात का भी संतोष है कि फर्स्ट टाइम वोटर्स ने बढ़-चढ़कर मतदान में हिस्सा लिया और भाजपा की जीत पक्की की।

चुनाव के दौरान भाजपा के कार्यकर्ताओं ने मुझसे वायदा किया था कि इस बार होली 10 मार्च से शुरू हो जाएगी। हमारे कर्मठ कार्यकर्ताओं ने ये विजय ध्वज फहरा कर के इस वायदे को पूरा करके दिखाया है। मैं भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं की भूरी-भूरी प्रशंसा करूंगा, जिन्होंने दिन-रात देखे बिना इन चुनावों में कड़ी मेहनत की।

हमारे कार्यकर्ता जनता जनार्दन का दिल जीतने में, जनता-जनार्दन का विश्वास जीतने में सफल रहे हैं। और पूरी पार्टी का नेतृत्व जिन्होंने किया, कार्यकर्ताओं का जिन्होंने लगातार मार्गदर्शन किया, ऐसे हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमान् जगत प्रकाश नड्डा जी को भी मैं बहुत-बहुत अभिनंदन करता हूं, बहुत-बहुत बधाई देता हूं। पार्टी के हर छोटे-मोटे सभी कार्यकर्ताओं ने उनके अथक परिश्रम से आज एनडीए के लिए जीत का चौका लगाया है।

साथियो,

उत्तर प्रदेश ने देश को अनेक प्रधानमंत्री दिए हैं। लेकिन पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले किसी मुख्यमंत्री के दोबारा चुने जाने का यह पहला उदाहरण है। अभी नड्डा जी ने विस्तार से बताया उत्तर प्रदेश में 37 साल बाद कोई सरकार लगातार दूसरी बार सत्ता में आई है। तीन राज्य यूपी, गोवा और मणिपुर में सरकार में होने के बावजूद, बीजेपी के वोट शेयर में वृद्धि हुई है। गोवा में सारे एग्जिट पोल गलत निकल गए, और वहां की जनता ने तीसरी बार सेवा करने का मौका दिया है। 10 साल तक सत्ता में रहने के बाद भी राज्य में बीजेपी की सीटों की संख्या बढ़ी है।

उत्तराखंड में भी भाजपा ने नया इतिहास रचा है। राज्य में पहली बार कोई पार्टी लगातार दूसरी बार सत्ता में आई है। यानि सीमा से सटा एक पहाड़ी राज्य, एक समुद्र तटीय राज्य, और एक मां गंगा का विशेष आशीर्वाद प्राप्त एक राज्य और पूर्वोत्तर सीमा पर एक राज्य, भाजपा को चारों दिशाओं से आशीर्वाद मिला है। इन राज्यों की चुनौतियां भिन्न हैं, सब की विकास की यात्रा का मार्ग भिन्न है, लेकिन सब को जो बात एक सूत्र में पिरो रही है, वो है भाजपा पर विश्वास। भाजपा की नीति, भाजपा की नीयत और भाजपा के निर्णयों पर अपार विश्वास।

साथियों,

ये चुनाव नतीजे भाजपा की pro poor, pro –active गवर्नेंस पर एक प्रकार से बड़ी मजबूत मुहर लगाते हैं। पहले जनता अपने ही हक के लिए सरकार के दरवाज़े खटखटा कर थक जाती थी। बिजली, पानी, गैस, टेलीफोन बहुत बुनियादी सुविधाओं के लिए, सामान्य ज़रूरतों के लिए, सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते थे, पैसे देने पड़ते थे। कुछ साधन-संपन्न लोगों तक सुविधा पहुंचने के रास्ते अलग थे, पहुंच जाती थीं। देश में गरीबों के नाम पर घोषणाएं बहुत हुईं, योजनाएं भी बहुत बनीं, लेकिन उस योजनाओं का जो हकदार था जिस गरीब का उस पर हक था उसके लिए कि हक उसको मिले, बिना परेशानी के मिले, उसके लिए गुड गवर्नेंस डिलीवरी इसका बड़ा महत्व होता है।

लेकिन भाजपा इस बात को समझती है। और मैं लंबे अरसे तक मुख्यमंत्री के नाते काम करके आया हूं हूं इसलिए मुझे पता है आखिरी इंसान की सुविधा के लिए कितनी मेहनत करनी चाहिए। बीते वर्षों में हमने गवर्नेंस डिलिवरी सिस्टम तो बेहतर किया ही है, साथ साथ पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता भी लाए हैं। भाजपा, गरीब को भरोसा देती है कि सरकार ने निर्णय की हुई सुविधाएं जरूर पहुंचेंगी। और मैं गरीब के घर तक उसका हक पहुंचाए बिना चैन से बैठने वाला इंसान नहीं हूं।


दो दशक से भी ज्यादा समय तक हेड ऑफ द गवर्नमेंट के रूप में सेवा करने का मुझे सौभाग्य मिला है। सरकार में कितनी दिक्कतें होती हैं, गर्वर्नेंस में कितनी दिक्कतें होती है इसको भलीभांति जानता हूं। उसके बावजूद भी मैंने एक ऐसी हिम्मत की है, शायद… शायद कोई ना कर पाए। और वो हिम्मत मैंने लाल किले से 15 अगस्त को मेरे भाषण में उसको व्यक्त किया था।

मैंने कहा था कि अब भाजपा को जहां-जहां सेवा करने का मौका मिलेगा, हम हर योजना के हकदार है उनके लिए 100 परसेंट सैचुरेशन यानि काम को शत-प्रतिशत पूरा करना यानि हर गरीब तक सरकारी योजना का लाभ पहुंचाना ये शत-प्रतिशत की कल्पना करना दो दशक से ज्यादा सरकार का काम करने के बाद मैं कहता हूं कि बहुत बड़ी हिम्मत की है मैंने। और ये हिम्मत मैंने इसलिए की है कि जब ईमानदारी होती है, नीयत साफ होती है, गरीबों के प्रति करुणा होती है, देश का कल्याण यही जीवन का मंत्र होता है तो फिर ऐसे निर्णय करने की ताकत पैदा होती है। हम हर गरीब तक पहुंचेंगे, शत-प्रतिशत लाभार्थियों तक पहुंचेंगे।

भाइयों और बहनों,

आज मैं देश की महिलाओं-हमारी बहनों-बेटियों को विशेष रूप से नमन करता हूं। चुनाव के नतीजों में मेरी माताओं-बहनों-बेटियों का बहुत बड़ा योगदान है। ये हमारा सौभाग्य है कि भाजपा को बहनों-बेटियों, माताओं ने इतना स्नेह दिया है, इतना आशीर्वाद मिला है। जहां-जहां महिला मतदाताओं ने पुरुषों के मुकाबले ज्यादा वोट किया है, वहां बीजेपी को बंपर जीत मिली है।

एक प्रकार से हमारी माताएं-बहनें हमारी बेटियां, हमारी स्त्री-शक्ति भाजपा की जीत की सारथी बनीं हैं। मैं जब गुजरात में था तो कभी-कभी कुछ ऐसी घटनाएं हो जाती थी कि लोग चिंता करते थे मोदी जी आपकी सुरक्षा का क्या, आप चिंता क्यों नहीं करते अपने आप को संभालते क्यों नहीं हैं। मैं एक ही जवाब देता था कि कोटि-कोटि माताओं का स्त्री-शक्ति का मुझे सुरक्षा कवच मिला हुआ है। साथियों, भारत की माताएं-बहनें-बेटियां निरंतर भाजपा पर विश्वास कर रही हैं। उनको पहली बार विश्वास मिला है कि सरकार उनकी छोटी से छोटी ज़रूरतों को भी ध्यान में रखती है।

इन चुनाव के नतीजों ने एक बात और साफ कर दी है कि यूपी की जनता को, और मैं सभी ज्ञानियों को कहता हूं कि देश की भलाई के लिए अब पुरानी घिसी पिटी रेकॉर्ड छोड़ के जरा नए सिरे से सोचना शुरू कीजिए। इस देश के लिए बड़ी दुख की बात है, मैं स्वयं बड़ा दुख अनुभव करता था जब ये ज्ञानी लोग यूपी की जनता को सिर्फ और सिर्फ जातिवाद के तराजू से तोलते थे जातिवाद की दृष्टि से देखते थे। मैं समझता हूं कि उत्तर प्रदेश के नागरिकों को जातिवाद की बाड़ाबंदी में बांधकर के वे उन जातियों का अपमान करते थे, उन नागरिकों का अपमान करते थे, पूरे उत्तर प्रदेश का अपमान करते थे। कुछ लोग ये कहकर यूपी को बदनाम करते हैं कि यहां के चुनाव में तो जाति ही चलती है। लेकिन भाइयों-बहनों उत्तर प्रदेश के लोगों ने दिखा दिया है।

2014 के चुनाव नतीजे देखे, 2017, 2019 के नतीजे देखे और अब फिर बाइस में भी देख रहे हैं, हर बार यूपी के लोगों ने सिर्फ और सिर्फ विकासवादी राजनीति को ही चुना है। यूपी के लोगों ने इन लोगों को ये सबक दिया है, और ये सबक उनको सीखना होगा, यूपी के गरीब से गरीब व्यक्ति ने, यूपी में गांव में रहने वाला व्यक्ति हो, पढ़ा-लिखा हो या अनपढ़ हो यूपी के हर मतदाता ने हर नागरिक ने ये सबक दिया है कि जाति की गरिमा, जाति का मान, देश को जोड़ने के लिए होना चाहिए, देश को तोड़ने के लिए नहीं होना चाहिए और ये कर के दिखाया है।

चार-चार चुनावों में कर के दिखाया है। वैसे आज मैं ये भी कहूंगा कि 2019 के चुनाव नतीजों के बाद कुछ पॉलिटिकल ज्ञानियों ने कहा था, 2019 में जब हम लोकसभा में दोबारा जीत कर के आए तो उन ज्ञानियों ने कहा था कि भाई 2019 की जीत में क्या है? ये तो 2017 में ही तय हो गई थी, क्योंकि 2017 में यूपी का रिजल्ट आया था। मैं मानता हूं इस बार भी ये ज्ञानी जरूर यह कहने की हिम्मत करेंगे कि 2022 के नतीजों ने 2024 के नतीजे तय कर दिए।

मैं आज पंजाब के भाजपा कार्यकर्ताओं की भी विशेष प्रशंसा करूंगा। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में जिस प्रकार पार्टी का झंडा बुलंद किया है, वो आने वाले समय में पंजाब में भाजपा की मजबूती को, देश की मजबूती को एक अहम स्थान के रूप में विकसित करेंगे, ये मेरा पूरा विश्वास है। पंजाब में भाजपा एक शक्ति के रूप में उभर रही है, ये मैं अपनी आँखों के सामने देख रहा हूं दोस्तों। सीमावर्ती राज्य होने के नाते पंजाब को अलगाववादी राजनीति से सतर्क रखना भाजपा का कार्यकर्ता जान की बाजी लगाकर के भी इस काम को करता रहेगा। आने वाले 5 सालों में भाजपा का हर कार्यकर्ता वहां इस दायित्व को जोर शोर से निभाने वाला है, ये विश्वास मैं पंजाब की जनता को आज देना चाहता हूं।

साथियों,

ये चुनाव ऐसे समय में हुए, जब दुनिया 100 साल के सबसे बड़े कोरोना जैसी महामारी के संकट से लड़ रही है। पूरी मानव जाति, पूरा विश्व सौ साल में ऐसी बीमारी नहीं देखी, ऐसी मुसीबत से लड़ना नहीं पड़ा, ये जैसा कि कुछ कम था तो युद्ध ने भी विश्व की चिंताएं बढ़ाई हैं। इन परिस्थितियों में दुनिया भर की सप्लाई चेन छिन्न-भिन्न हो गई।

दो साल से सप्लाई चेन पर बहुत ही विपरीत प्रभाव हुआ और युद्ध ने उसमें और जोर दिया। इन चुनौतियों से निपटने के लिए भारत ने जो कदम उठाए, आर्थिक स्तर पर जो फैसले लिए, गरीब कल्याण के जो फैसले लिए, उन सभी ने भारत को संभलकर आगे बढ़ने में बहुत मदद की।

भारत बच पाया है क्योंकि, हमारी नीतियां, जमीन से जुड़ी रहीं और हमारे प्रयास निष्ठा और नीयत की पटरी पर अविरल आगे बढ़ते रहे। जहां-जहां डबल इंजन की सरकार रही, वहां पर जनता के हितों की डबल सुरक्षा हुई और विकास के कार्यों की गति भी तेज हुई। इस समय जो युद्ध चल रहा है, उसका प्रभाव प्रत्यक्षा और परोक्ष रूप से दुनिया के हर देश पर पड़ रहा है।

भारत शांति के पक्ष में है, बातचीत से हर समस्या को सुलझाने के पक्ष में हैं। लेकिन जो देश सीधे जंग लड़ रहे हैं, भारत का उनसे आर्थिक दृष्टि से, सुरक्षा की दृष्टि से, शिक्षा की दृष्टि से, राजनीतिक दृष्टि से, नाता है। भारत की बहुत सारी जरूरतें इन देशों से जुड़ी हुई हैं। भारत, बाहर से जो कच्चा तेल मंगाता है, पाम ऑयल मंगाता है, सन-फ्लावर ऑयल मंगाता है, उसकी कीमत भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुत तेजी से बढ़ रही है। कोयला हो, गैस हो, फर्टिलाइजर हो, सभी की कीमतों में पूरी दुनिया में कल्पना के बाहर का उछाल आ रहा है। युद्ध के कारण पूरी दुनिया में महंगाई बढ़ रही है। विकासशील देशों को विशेष रूप से कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।

साथियों,

इस वैश्विक संदर्भ में, इन कठिनाइयों के बीच इस बार के बजट पर नजर डालें तो एक विश्वास पैदा होता है। देश आत्मनिर्भर भारत अभियान के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है। इस भावना को इस बार के बजट से और ऊर्जा मिली है। और मैं मानता हूं कि दुनिया भर में बने, निर्माण हुए इस विपरीत वातावरण में, उथल-पुथल से भरे माहौल में, अनिश्चितता से भरे माहौल में, भारत की जनता ने, विशेष कर के उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों ने अपनी दूरदृष्टि का परिचय दिया है।

भारत के मतदाताओं ने जिस तरह इन चुनावों में स्थिर सरकारों के लिए वोट दिया, वो इस बात का प्रतिबिंब है कि लोकतंत्र भारतीयों के रगों में है। लेकिन भाइयों और बहनों, आज इस अवसर पर मैं देश के सामने अपनी कुछ चिंताएं भी रखना चाहता हूं। देश का नागरिक तो बहुत जिम्मेदारी के साथ देश के हित में अपना काम कर रहा है। जब भी उसको अवसर मिलता है, वो जिम्मेदारी के साथ पेश आता है। देश का सामान्य नागरिक राष्ट्र निर्माण में जुटा है, लेकिन हमारे यहां कुछ लोग, लगातार राजनीति का स्तर गिराते जा रहे हैं।

कोरोना के इस समय में भी हमने देखा है कि इन लोगों ने देशवासियों को गुमराह करने की लगातार कोशिश की। वैक्सीनेशन के हमारे प्रयासों की दुनिया प्रशंसा कर रही है, लेकिन इस पवित्र कार्य पर, मानवता के कार्य पर, सेवा के कार्य पर, भारत की वैक्सीन पर भी सवाल उठाए गए। दुर्भाग्य की बात है कि जब यूक्रेन में हजारों भारतीय विद्यार्थी, हमारे छात्र, हमारे नागरिक फंसे हुए थे, तब भी देश का मनोबल तोड़ने की बातें हो रहीं थीं। जो वहां फंसे थे उनके परिवारों की चिंता बढ़ाने का काम हो रहा था।

ये लोग उन बच्चों में असुरक्षा की भावना बढ़ा रहे थे, यहां उनके परिवारवालों की चिंता बढ़ा रहे थे। इतना ही नहीं, इन लोगों ने ऑपरेशन गंगा को भी प्रदेशवाद की बेड़ियों में बांधने की कोशिश की। हर योजना को, हर कार्य को क्षेत्रवाद, प्रदेशवाद, जातिवाद, संप्रदायवाद का रंग देने का प्रयास, भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए बहुत बड़ी चिंता का विषय है।

साथियों,

इन चुनावों में मैंने लगातार विकास की बात की है। गरीबों को घर, गरीबों को राशन, वैक्सीन, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर, हर विषय पर भाजपा का विजन लोगों के सामने रखा। इसके साथ ही, जिस एक बात पर मैंने सबसे ज्यादा चिंता जताई थी, वो थी - घोर परिवारवाद। मैंने राज्यों के लोगों को बताया कि कैसे मैं किसी परिवार के खिलाफ नहीं हूं, न ही मेरी किसी से व्यक्तिगत दुश्मनी है।

मैं लोकतंत्र की चिंता करता हूं और मैं सभी ज्ञानियों को कहता हूं…. जरा लोकतंत्र के तराजू पर इन चीजों को तौलकर देखिए और मैंने लोगों को बताया कि कैसे परिवारवादी राजनीति ने उनके राज्य का कितना नुकसान किया है। राज्य को पीछे ले जा रहा है। और मुझे खुशी है कि मतदाताओं ने इस बात को समझते हुए भी इस चुनाव में अपना वोट दिया है। लोकतंत्र की ताकत को मजबूत किया है।

साथियो,

ये लगातार बहस बहुत जरूरी है। भारत जैसे लोकतंत्र में और देश को जिस ऊंचाई पर ले जाना है, उसको ध्यान में रखते हुए, जिन मुद्दों को मैं उठा रहा हूं, उनको निरपेक्ष भाव से बहस होना जरूरी है। भारत में परिवारवादी राजनीति का, ये मेरे शब्द लिखकर रखिए दोस्तो, एक न एक दिन, एक न एक दिन ऐसा आएगा, जब भारत में परिवारवादी राजनीति का सूर्यास्त ये देश के नागरिक करके रहेंगे। इस चुनाव में देश के मतदाताओं ने अपनी सूझबूझ का परिचय दिखाते हुए, ये क्या होने वाला है, इसका इशारा कर दिया है।

साथियों,

आज एक और विषय मैं देश के लोगों के सामने रखना चाहता हूं।
ये विषय है भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई को रोकने की साजिश। आप मुझे बताइए साथियों क्या भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए की नहीं होनी चाहिए। भ्रष्टाचार करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए कि नहीं होनी चाहिए। ये भ्रष्टाचार रूपी दीमक देश से नष्ट होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए।

साथियों,

हमारे देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ, भ्रष्टाचारियों के खिलाफ, ऐसे लोगों के प्रति, एक भयंकर नफरत का भाव रहता है। देश की गाढ़ी कमाई को लूटकर अपनी तिजोरी भरने की ये प्रवृत्ति कुछ लोगों की पहचान के साथ जुड़ गई है। भारतीय जनता पार्टी 2014 में एक ईमानदार सरकार का वायदा करके चुनाव जीती थी और हमारी ईमानदारी को देखकर 2019 में जनता ने हमें और ज्यादा आशीर्वाद दिया।

और देश हमसे अपेक्षा करता है कि मोदी जी आपकी सरकार सिर्फ प्रामाणिक रहे इतना Enough नहीं है। आप ही हैं आ ही कि सरकार है जो भ्रष्टाचारियों को सजा कर सकती है, उनपर कठोर से कठोर कार्रवाई कर सकती है। मुझे बताइए जनता की इस अपेक्षा को मुझे पूरा करना चाहिए कि नहीं पूरा करना चाहिए।

जनता की आशा आकांक्षा के लिए सरकार ने जिम्मेवार व्यवहार करना चाहिए कि नहीं करना चाहिए। लेकिन आज हम देख रहे हैं जो निष्पक्ष संस्थाएं, जो पूरी तरह Independent हैं, वे अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करते हैं, ये लोग और उनका ecosystem भ्रष्टाचारियों की रक्षा करने के लिए, उन संस्थाओं को बदनाम करने के लिए मैदान में आ गए हैं। ये देश का कितना बड़ा दुर्भाग्य है कि घोटालों से घिरे लोग एकजुट होकर अब अपनी ecosystem की मदद से इन संस्थाओं पर ही दबाव बनाने लगे है। जांच एजेंसियों को रोकने के लिए ये लोग अपने ecosystem के साथ मिलकर नए-नए तरीके खोजते हैं।



इन लोगों को देश की न्यायपालिका पर भी भरोसा नहीं है। पहले हजारों करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार करो, फिर जांच भी नहीं होने दो और जांच करे तो उस पर दबाव बनाओ, ये इन लोगों की प्रवृत्ति है। और देश के लोगों का ध्यान एक और बात पर आकर्षित करना चाहता हूं। ये लोग किसी भ्रष्टाचारी पर कार्रवाई होते ही उसे धर्म का रंग देने लगते हैं, प्रदेश का रंग दे देते हैं, जाति का रंग देने लगते हैं। ये नए तौर तरीके शुरू हुए हैं। किसी माफिया के खिलाफ, अदालत कोई फैसला सुना देती है, तो भी उसे ये लोग धर्म और जाति से जोड़ देते हैं।

ऐसे में भारत के मैं सभी संप्रदायों से आग्रह करता हूं। मैं सभी जाति पर गर्व करने वाले ईमानदार लोगों से आग्रह करना चाहता हूं। उन सब को सोचना होगा कि ऐसे भ्रष्टाचारियों और माफियाओं को अपने समाज से, अपने संप्रदाय से, अपनी जाति से दूर करने की हिम्मत करें। इससे समाज भी मजबूत होगा, संप्रदाय भी मजबूत होगा और हर व्यक्ति का भला होगा। और यूपी में हमारी विजय का एक कारण ये भी है कि वहां के लोगों ने कई दशकों से ऐसी राजनीति का बहुत नुकसान सहा है।

मैं बनारस का सांसद होने के नाते, यूपी के लोगों के प्यार और आशीर्वाद ने मुझे भी यूपीवाला बना दिया है। मैं बनारस का सांसद होने के नाते अपने अनुभव से कह सकता हूं, यूपी के लोग ये बात समझ चुके हैं कि जाति को बदनाम करने वालों से, संप्रदाय को बदनाम करने वालों से अब दूर रहना है और राज्य के विकास को ही सर्वोच्च प्राथमिकता देनी है।

साथियों

आजादी के 75वें वर्ष को देखते हुए भी इन चुनाव परिणामों का बहुत महत्व है। भारत आजादी के अमृत काम में प्रवेश कर रहा है। ये चुनाव परिणाम आने वाले 25 वर्षों के हमारे राष्ट्रीय संकल्पों के प्रति देश के मिजाज को देश के मूड को प्रतिबिंबित करते हैं। यहां से हम दो पटरियों पर एक साथ तेजी से काम करने वाले हैं। एक तरफ गांव, गरीब, छोटे किसान, लघु उद्यमी उनके कल्याण पर हमारा जोर है। वहीं दूसरी तरफ देश के संसाधनों और देश की युवा शक्ति को नए अवसर देकर हम आत्मनिर्भरता के मिशन को तेज करना चाहते हैं।

भारत का युवा आज अपने हुनर से अपने बुद्धि के बल से और अपनी क्षमता के उपयोग से दुनिया को समाधान दे रहा है। दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे तेज टीकाकरण अभियान आज के भारत के सामर्थ्य का सबसे बड़ा उदाहरण है। आज भारत डिजिटल पेमेंट सिस्टम में आत्मनिर्भर हो रहा है। स्टार्टअप के क्षेत्र में अपना सामर्थ्य बढ़ा रहा है और तकनीक के क्षेत्र में नई-नई उपलब्धियां प्राप्त कर रहा है। और .ये सब हो रहा है उसकी युवा शक्ति के कारण।

भारत में शिक्षा का स्तर उच्च कोटि का हो, जो देश और दुनिया की जरूरतों को पूरा करने वाली वर्क फोर्स तैयार कर सके, ये हमारा संकल्प है। आज एक ऐसे नए भारत का निर्माण हो रहा है जहां आपकी पहचान…(DISTURBANCE)… होती है। मुझे विश्वास है कि सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र पर चलते हुए हम अपने-अपने राज्यों को नई ऊंचाई पर ले के जाएंगे। जब देश के हर राज्य का विकास होता तो देश का भी विकास होगा।

और मैं तो गुजरात में इतने साल काम किया , दिल्ली में सरकार भारतीय जनता पार्टी को अच्छा मानने वाली सरकार नहीं थी। हमारी सरकार में रोड़े अटकाने के सोच वाली सरकार थी। फिर भी गुजरात में हमारा मंत्र यही था , भारत के विकास के लिए गुजरात का विकास।

साथियों,

हमें जुट जाना है एक पल भी गंवाना नहीं है, चुनौतियां कितना भी कठिन क्यों न हो जीतने का संकल्प उससे भी बड़ा होता है। बड़े संकल्पों के साथ, बड़े सपनों के साथ ऊंची से ऊंची ऊंचाइयों को पार करने के इरादे के साथ देश को आगे बढ़ाना है। साथियों, इतना बड़ा भव्य विजय भारत के उज्ज्वल भविष्य की गारंटी है।

मैं एक बार फिर भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए ये जो निर्णायक मतदान किया है। इसलिए हमारे मतदाता अभिनंदन के बहुत अधिकारी हैं। आइए दोनों हाथ उपर उठाकर तालियों की गड़गड़ाहट के साथ सभी मतदाताओं का अभिनंदन करें ..मतादाताओं का आभार व्यक्त करें, मतदाताओं का गौरवगान करें

भारत माता की जय

बहुत बहुत धन्यवाद

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Prime Minister Shri Narendra Modi paid homage today to Mahatma Gandhi at his statue in the historic Promenade Gardens in Georgetown, Guyana. He recalled Bapu’s eternal values of peace and non-violence which continue to guide humanity. The statue was installed in commemoration of Gandhiji’s 100th birth anniversary in 1969.

Prime Minister also paid floral tribute at the Arya Samaj monument located close by. This monument was unveiled in 2011 in commemoration of 100 years of the Arya Samaj movement in Guyana.