Not just in the election, we will keep winning your hearts every moment. By our work, by service, by dedication, by hard work: PM Modi in Kolkata
he next 25 years are very important for development in Bengal. In 2047, when India will celebrate 100 years of independence, Bengal will lead the country once again: PM Modi
Those talking about Mati handed over every particle of Bengal to middlemen, black marketers and syndicates: PM Modi attacks TMC in Kolkata
The people of Bengal had chosen you as 'Didi' but then why did you remain the aunt of a nephew? The people of Bengal are asking only this one question from you: PM at Kolkata
Lotus is blooming in Bengal because you party has spawned muck in the state: PM Modi at Brigade rally
I have known Didi since ages. She is not the same person who raised her voice against the Left. She speaks someone else's language now & is being controlled, says PM Modi

भारत माता की.... जय
भारत माता की.... जय

वंदे.....मातरम्
वंदे.....मातरम्
वंदे....मातरम्
वंदे....मातरम्
वंदे....मातरम्
वंदे....मातरम्
वंदे....मातरम्
वंदे....मातरम्

भारत माता की.... जय

मंच पर विराजमान भारतीय जनता पार्टी के सभी वरिष्ठ नेतागण, पश्चिम बंगाल के कोलकाता के बहनों और भाइयों को मेरा सादर प्रणाम।

राजनीतिक जीवन में सैकड़ों रैलियों को संबोधित करने का सौभाग्य मिला है। लेकिन, इतने बड़े लंबे कार्यकाल में कभी इतने बड़े विशाल जनसमूह का हमें आशीर्वाद मिला हो, ऐसा दृश्य मुझे आज देखने को मिला है। जब मैं हेलिकॉप्टर से देख रहा था, मैदान में तो जगह नजर नहीं आ रही है, लेकिन मैं देख रहा था, सारे रास्ते इतने भरे पड़े हैं, लोग भागते हुए इधर की तरफ चल रहे हैं, मैं नहीं मानता हूं कि वो पहुंच पाएंगे। मैं फिर एक बार इतनी बड़ी तादाद में आप आशीर्वाद देने के लिए आए, मैं भारतीय जनता पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं की तरफ से आपको सादर फिर से एक बार प्रणाम करता हूं। बंगाल की इस धरती ने हमारे संस्कारों को ऊर्जा दी। बंगाल की इस धरती ने भारत की आजादी के आंदोलन में नए प्राण फूंके। बंगाल की इस धरती ने ज्ञान-विज्ञान में भारत का गौरव बढ़ाया है। बंगाल से निकले महान व्यक्तित्वों ने एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को सशक्त किया है। बंगाल की इस धरती ने एक विधान, एक निशान, एक प्रधान के लिए बलिदान देने वाले महान सपूत हमें दिया है। ऐसी पावन मिट्टी को मैं अनेक-अनेक बार नमन करता हूं।

साथियो, ये मेरा सौभाग्य है कि आज इस ऐतिहासिक ब्रिगेड ग्राउंड पर मुझे फिर एक बार आपके आशीर्वाद प्राप्त करने का अवसर मिला है। ब्रिगेड ग्राउंड के आसपास, एक तरफ स्वामी विवेकानंद जी का जन्मस्थान है, दूसरी तरफ नेताजी सुभाष चंद्र बोस का निवास स्थान है, एक तरफ महर्षि श्री अरबिन्दो का जन्मस्थान है, तो दूसरी तरफ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्मस्थान है। ये कोलकाता, बंगाल, और पूरे भारत की बहुत बड़ी प्रेरणा स्थली है। बीते दशकों में ब्रिगेड ग्राउंड में अनेक बार ये नारा गूंजा है- ब्रिगेड चलो। सुना है ना, ब्रिगेड चलो। इस ग्राउंड ने अनेक देशभक्तों को देखा है।

लेकिन ये ग्राउंड, बंगाल के विकास में रोड़ा अटकाने वालों का भी गवाह रहा है। बंगाल की भूमि को चौबीसों घंटे हड़ताल और बंद में झोंक देने वालों की नीतियां और साजिशें भी इस ग्राउंड ने देखी हैं। इन लोगों ने बंगाल की इस महान भूमि का जो हाल किया, वो पीढ़ी दर पीढ़ी बंगाल के लोगों ने सहा है, बर्दाश्त किया है। लेकिन ये बंगाल के लोगों की महानता है, ये बंगाल के लोगों की अदम्य इच्छाशक्ति है कि उन्होंने बंगाल में परिवर्तन की उम्मीदों को कभी छोड़ा नहीं। बंगाल ने परिवर्तन के लिए ही ममता दीदी पर भरोसा किया था। लेकिन दीदी और उनके काडर ने आपका ये भरोसा तोड़ दिया। आपके सपनों को चूर-चूर कर दिया। ये वो लोग हैं, जिन्होंने बंगाल का विश्वास तोड़ा। इन लोगों ने बंगाल को अपमानित किया। यहां की बहन-बेटियों पर अत्याचार किया। लेकिन ये लोग बंगाल की उम्मीद, यहां के लोगों का हौसला कभी भी तोड़ नहीं पाए। आज जो ये जनसागर मौजूद है, वो इस उम्मीद की, इस हौसले की जीती-जागती तस्वीर है।

बांग्ला चाय उन्नौति !
बांग्ला चाय शांति !
बांग्ला चाय प्रोगोतिशील बांग्ला,
बांग्ला चाय शोनार बांग्ला !!

मैं देख रहा हूं इस बार के विधान सभा चुनाव में एक तरफ टीएमसी है, लेफ्ट-कांग्रेस है, उनका बंगाल विरोधी रवैया है और ये चुनाव ऐसा है कि दूसरी तरफ खुद बंगाल की जनता कमर कसकर खड़ी हो गई है। आज भाजपा को आशीर्वाद देने के लिए लाखों-लाख लोगों का यहां आना, लाखों लोगों का पूरे प्रदेश भर में निरंतर आशीर्वाद बनाए रखना, सामान्य मानवी हों, बंगाल के बौद्धिक जन हों, कला जगत के लोग हों, सभी अपना प्रेम, अपने आशीर्वाद बरसा रहे हैं। सबके दिल में एक ही इच्छा है- हमारा बंगाल विकास की नई ऊंचाई पर पहुंचे। आज तो हमारे बीच बांग्लार छेले मिठुन चक्रवर्ती जी भी हैं। उनकी जीवनगाथा, संघर्ष और सफलता के अद्भुत उदाहरणों से भरी हुई है। अपनी इस सफलता का पुण्य वो लोकनाथ बाबा के आशीर्वाद से, सामान्य जनों तक पहुंचा रहे हैं।

साथियो,
आज ब्रिगेड ग्राउंड में आप लोगों की हुंकार सुनने के बाद, अब किसी को कोई संदेह नहीं रह जाएगा। शायद कुछ लोगों को तो लगता होगा आज 2 मई आ गई है।
भाइयो-बहनो, पूरी ताकत से मेरे साथ बोलिए, दोनों मुट्ठी बंद करके बोलिए, हाथ ऊपर करके बोलिए, पूरी ताकत से बोलिए।
भारत माता की जय !
भारत माता की जय !
साथियो,
भारत माता के इस जयकारे की गूंज, बंगाल के कोने-कोने तक जा रही है।
भारत माता के आशीर्वाद से, शोनार बांग्ला का संकल्प जरूर सिद्ध होके रहेगा। यहां आया एक-एक व्यक्ति, हमारी माताएं, हमारी बहनें, हमारी बेटियां, बंगाल का युवा, आज बंगाल में आशोल पोरिबोरतोन के लिए आया है। मैं इस ब्रिगेड ग्राउंड से आपको इस आशोल पोरिबोरतोन का विश्वास दिलाने आया हूं।

विश्वास, बंगाल के विकास का।
विश्वास, बंगाल में स्थितियों को बदलने का।
विश्वास, बंगाल में निवेश बढ़ाने का, उद्योग बढ़ाने का।
विश्वास, बंगाल के पुनर्निर्माण का।
विश्वास, बंगाल की संस्कृति और यहां की परंपराओं की रक्षा का।

मैं विश्वास दिलाने आया हूं कि आपके लिए, यहां के नौजवानों के लिए, यहां के किसानों के लिए, उद्यमियों के लिए, यहां की बहनों-बेटियों के विकास के लिए, हम चौबीस घंटे, दिन-रात मेहनत से काम करेंगे। हम मेहनत करने में कोई कमी नहीं रखेंगे। हम पल-पल आपके लिए जीएंगे, हम पल-पल आपके सपनों के लिए जीएंगे। ये विश्वास दिलाने मैं आया हूं। हम आपकी सेवा करेंगे, आपका आशीर्वाद लेंगे, आपका दिल सिर्फ चुनावों में नहीं, हर पल आपका दिल जीतते रहेंगे, अपने काम के द्वारा, सेवा के द्वारा, समर्पण के द्वारा, परिश्रम के द्वारा। यहां जो भाजपा की सरकार बनेगी, उसकी नीति, उसके निर्णयों में बंगाल के लोगों का हित सुप्रीम होगा, सर्वोपरि होगा। यहां जो भाजपा की सरकार बनेगी, आशोल पोरिबोरतोन का मंत्र उसकी प्रेरणा होगा, उसके परिश्रम का आधार होगा।

आशोल पोरिबोरतोन का मतलब, ऐसा बंगाल जहां युवाओं को शिक्षा और रोजगार के पर्याप्त अवसर मिलें। आशोल पोरिबोरतोन मतलब, ऐसा बंगाल जहां लोगों को पलायन करने पर मजबूर न होना पड़े। आशोल पोरिबोरतोन मतलब, ऐसा बंगाल जहां व्यापार और कारोबार फले-फूलें, जहां ज्यादा से ज्यादा निवेश आए। आशोल पोरिबोरतोन मतलब, ऐसा बंगाल जहां 21वीं सदी का आधुनिक Infrastructure हो। आशोल पोरिबोरतोन मतलब, ऐसा बंगाल जहां गरीब से गरीब को भी आगे बढ़ने का पूरा अवसर मिले। आशोल पोरिबोरतोन मतलब, ऐसा बंगाल जहां हर क्षेत्र, हर वर्ग की विकास में बराबर की भागीदारी होगी। उत्तर बंगाल हो या दक्षिण बंगाल हो, पश्चिमांचल हो या जंगलमहल, आदिवासी हों या दलित, पिछड़े हों, वंचित हों, शोषित हों या हमारे शरणार्थी भाई-बहन, सभी पर एक बराबर ध्यान दिया जाएगा। जहां सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, शासन का मंत्र होगा !! जहां उन्नयन सबका होगा, तुष्टिकरण किसी का नहीं। जहां घुसपैठ को रोका जाएगा, घुसपैठियों को रोका जाएगा।

साथियो,
गुलामी का इतना बड़ा कालखंड भी बंगाल की क्षमता, बंगाल के सामर्थ्य को कम नहीं कर सका था। आजादी के इन 75 वर्षों में बंगाल ने जो खोया है, बंगाल से जो छीना गया है, वो मुझसे ज्यादा आप लोग ज्यादा अच्छी तरह जानते हैं।
आज हम इस संकल्प के साथ भी आपके सामने आए हैं कि जो भी बंगाल से छीना गया है, भाईयो-बहनो मेरे शब्द लिख रखिये, जो भी बंगाल से छीना गया है, वो उसे वापस लौटाएंगे। आज जब भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष में प्रवेश कर रहा है, तो बंगाल एक नई ऊर्जा, एक नए संकल्प के साथ आगे बढ़ेगा। देश की तरह ही बंगाल के विकास के लिए भी अगले 25 साल बहुत अहम हैं।
इन 25 वर्षों की शुरुआत का पहला पड़ाव, ये विधानसभा चुनाव हैं। अगले पांच वर्षों में बंगाल का विकास, अगले 25 वर्षों के विकास का आधार बनाएगा। इसलिए, इस बार आप सिर्फ बंगाल में सरकार बनाने के लिए वोट नहीं देंगे, लेकिन बंगाल को बनाने के लिए, बंगाल को विकास की नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए वोट डालेंगे।

2047 में पच्चीस साल के बाद देश जब आजादी के 100 साल मनाएगा, बंगाल सारे हिंदुस्तान को फिर से एक बार आगे ले जाने वाला बंगाल बन जाएगा। बंगाल में Port से लेकर Export तक, Tea से लेकर Tourism तक, माछ की बात हो या भात की बात, पश्चिम बंगाल की माटी और समंदर में सबकुछ है जो जीवन को बेहतर बनाने के लिए जरूरी है। बस यही नीति, साफ नीयत के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है। यहां बनने वाली भाजपा सरकार, एनडीए सरकार इसी सोच से आगे बढ़ेगी।


भाइयो और बहनो,
कोलकाता तो सिटी ऑफ जॉय है !!
कोलकाता के पास समृद्ध अतीत की विरासत भी है और भविष्य की संभावनाएं भी हैं। ऐसा कोई कारण नहीं है कि कोलकाता के कल्चर को सुरक्षित रखते हुए इसे City Of Future ना बनाया जा सके। कुछ दिन पहले ही देश के Top शहरों की लिस्ट निकली है। ये हर बंगाल वासी की अपेक्षा है कि कोलकाता भी इस लिस्ट में Top के शहरों में हो। इसके लिए चाहे कनेक्टिविटी सुधारना हो,
नए-नए उद्योगों की स्थापना हो, टेक्नॉलॉजी का विस्तार करना हो, स्टार्ट अप के लिए बेहतर माहौल बनाना हो, हम पूरे कमिटमेंट के साथ काम करेंगे।

आपने देखा होगा, कोलकाता मेट्रो का विस्तार अब और तेजी से किया जा रहा है। केंद्र की हमारी सरकार ने कोलकाता की धरोहरों को सजाने-संवारने के लिए, अनेक प्रयास किए हैं। जब कोलकाता में विकास का डबल इंजन लग जाएगा तो वो रोड़े, वो अड़चनें भी खत्म हो जाएंगी, जो अभी कदम-कदम पर हमें अनुभव होती है। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इनकी कमीशनबाजी की वजह से कोलकाता एयरपोर्ट से जुड़े हुए कई काम, देखिए कब तक रुके हुए हैं। ऐसे रुके हुए हर काम को भाजपा सरकार में तेज गति दी जाएगी। यहां के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को भाजपा सरकार में नई ऊर्जा मिलेगी। शहर में नए फ्लाईओवर बनाए जाएंगे, अधूरे फ्लाईओवर्स को समय सीमा में पूरा किया जाएगा। भाजपा सरकार बनने के बाद कोलकाता में झुग्गियों में रहने वाले को भी पक्के घर मिलेंगे, प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलेगा। रेहड़ी और ठेला लगाने वाले हमारे भाई-बहनों को भी भाजपा सरकार में स्वनिधि योजना का लाभ तेज गति से दिलाया जाएगा।

साथियो,
कोलकाता के साथ ही बंगाल के दूसरे शहरों में भी आत्मनिर्भर भारत को ऊर्जा देने की भरपूर क्षमता है। भाजपा सरकार में इन शहरों के इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाया जाएगा ताकि वहां पढ़ाई, कमाई और बुजुर्गों के लिए दवाई के नए साधन विकसित किए जा सकें। पश्चिम बंगाल में Food Processing और Port Lead Development की भरपूर संभावनाएं हैं। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत इन उद्योगों में निवेश को यहां प्रोत्साहित किया जाएगा। इससे किसानों से लेकर मछुआरों तक, हर किसी को लाभ मिलेगा।


बहनो और भाइयो,
पश्चिम बंगाल में आशोल पोरिबोरतोन के लिए गांव और शहरों के स्थानीय शासन यानि ग्राम पंचायत, नगर निगम और नगरपालिकाओं के शासन में पूरी पारदर्शिता भी उतनी ही जरूरी है। इस लोकतांत्रिक व्यवस्था को जिस तरह से तहस-नहस किया गया है, वो आप भी भली-भांति जानते हैं। इस व्यवस्था को बंगाल में भाजपा फिर से मजबूत करेगी। सरकारी सिस्टम पर, पुलिस पर, प्रशासन पर जनता का विश्वास जागे, हम वो पोरिबोर्तन लाएंगे। ये हम लाएंगे। भाजपा सरकार में, Exam से लेकर Training और Recruitment तक, एक पारदर्शी व्यवस्था फिर से खड़ी होगी। स्किल डेवलपमेंट के लिए केंद्र सरकार की योजनाओं को यहां ईमानदारी से लागू किया जाएगा। पश्चिम बंगाल में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विस्तार को भी बल दिया जाएगा। इंजीनियरिंग, डॉक्टर, टेक्नोलॉजी, ऐसे विषयों की पढ़ाई बांग्ला भाषा में भी हो, इस पर भी जोर दिया जाएगा। अंग्रेजी नहीं जानता, इसलिए गरीब का बच्चा, गरीब की बेटी अब डॉक्टर बनने के सपने से दूर नहीं रहेगी। गरीब का बच्चा, गरीब की बेटी भी डॉक्टर बन पाए, इंजीनियर बन पाए, झुग्गी-झोपड़ी में पढ़ाई करके निकला हुआ बच्चा भी बंगाल का नाम रोशन कर पाए, ये व्यवस्था हम बनाएंगे।

साथियो,
हमारा लक्ष्य सिर्फ पश्चिम बंगाल में सत्ता का परिवर्तन करना ही नहीं है। हम बंगाल की राजनीति को विकास केंद्रित राजनीति की तरफ ले जाना चाहते हैं। बहुत साल बर्बाद हो चुके हैं, अब बंगाल को बर्बाद होने का अवसर किसी को नहीं देना चाहिए, इसलिए हम आशोल पोरिबोरतोन की बात कर रहे हैं। और आशोल पोरिबोरतोन के इस महायज्ञ में बंगाल के लोगों को ये भी याद रखना है कि उनके साथ किस तरह का छल बार-बार लगातार किया गया है।

साथियो,
आजादी के नारे पर कांग्रेस सत्ता में आई थी, आज़ादी के बाद कुछ समय काम हुआ, लेकिन फिर बंगाल पर वोटबैंक की राजनीति हावी होती चली गई। इस राजनीति को वामपंथियों ने बढ़ाया और आगे लिया और वामपंथियों ने तो नारा दिया- आपको याद होगा, बंगाल के लोगों को याद होगा, क्या कहते थे- कांग्रेसेर कालो हाथ, भेंगे दाओ, गुड़िये दाओ ! ऐसे ही नारों के दम पर वामपंथी सत्ता में आए, लगभग 3 दशक तक सत्ता संभाली। मैं जरा पूछना चाहता हूं, आज उस काले हाथ का क्या हुआ रे? ये काला हाथ कैसे गोरा हो गया रे। जिस हाथ को वामपंथी तब काला समझते थे, वो आज सफेद कैसे हो गया? जिस हाथ को तोड़ने की बात करते थे, आज उसी का आशीर्वाद लेकर वो चल रहे हैं।

साथियो,
वामपंथियों के विरुद्ध ममता दीदी ने पोरिबोरतोन का नारा दिया था। पश्चिम बंगाल से मां, माटी, मानुष के लिए काम करने का वादा किया था। आप मुझे बताइए, पिछले 10 साल से यहां की TMC सरकार ने, क्या सामान्य बंगाली परिवार के जीवन में वो परिवर्तन आया, जिसकी बंगाल की जनता आशा करती थी, आया वो परिवर्तन, वो वादा पूरा किया? जो आपको कहा गया वो किया गया? क्या किसान के, श्रमिक के, कर्मचारी के, जीवन में वो परिवर्तन आया, जो वो चाहते थे? आया क्या? क्या गरीब के जीवन में कोई परिवर्तन आया है क्या? गरीब और गरीब हो ऐसा काम उन्होंने किया है कि नहीं किया है। क्या पश्चिम बंगाल के स्कूलों और अस्पतालों की स्थिति में परिवर्तन आया है? क्या बंगाल के युवाओं के रोजगार की स्थिति में परिवर्तन आया है? क्या बंगाल के औद्योगीकरण में वो परिवर्तन आया, जितना उसका सामर्थ्य है? क्या दशकों से चली आ रही खून-खराबे की राजनीति में परिवर्तन आया क्या?

साथियो,
आज बंगाल में मां, माटी, मानुष की क्या स्थिति है, ये आप भलीभांति जानते हैं।
मां पर, मां पर गली-गली में हमले होते हैं, घर में घुसकर मां पर हमले होते हैं। अभी हाल में जो अस्सी साल की बूढ़ी मां के साथ हुआ है, जो निर्ममता दिखाई गई है, उसने इन लोगों का क्रूर चेहरा, पूरे भारत को दिखा दिया है। बीते 10 साल में बंगाल की शायद ही कोई मां है, शायद ही कोई बेटी है, जो किसी ना किसी अत्याचार के कारण रोई नहीं है। कोई सवाल न उठा सके, इसलिए ये आंकड़े भी छिपाकर के बैठ गए हैं।

साथियो,
माटी की तो बात करने वालों ने बंगाल का कण-कण, बंगाल तिनका-तिनका, बिचौलियों, कालाबाजारी करने वालों और सिंडिकेट के हवाले कर दिया। आज बंगाल का मानुष परेशान है। वो अपनी आंखों के सामने अपनों का खून बहता देखता है। वो अपनों को अपनी आंखों से सामने लुटते हुए देखता है। वो अपनों को इलाज के अभाव में दम तोड़ते देखता है। वो अवसरों के अभाव में अपनों को पलायन करते देख रहा है। और पूरा बंगाल एक स्वर में कह रहा है, एक स्वर में कह रहा है- आर नॉय औन्नॉय... आर नॉय औन्नॉय...आर नॉय औन्नॉय।
ये टीएमसी सरकार के कम होते दिनों का उद्घोष है। ये उद्घोष, पूरे देश को सुनाना जरूरी है।

भाइयो और बहनो,

आप मेरे साथ बोलेंगे, मेरे साथ बोलेंगे...मैं जो कहूंगा वो बोलेंगे...सब के सब लोग बोलेंगे...पूरा हिंदुस्तान सुने इस प्रकार से बोलेंगे...पक्का बोलेंगे...मैं आपके सामने कुछ शब्द बोलूंगा। इन शब्दों से टीएमसी सरकार की सच्चाई सामने आती है। मैं जो शब्द बोलूंगा, उसके बाद आपको दो बार बोलना है, पूरी ताकत से बोलना है, आपको बोलना होगा- आर नॉय, आर नॉय। मैं जब बोलूंगा उसके बाद बोलना है, और इसके अंदर आपका गुस्सा, आपका आक्रोश, आपके दिल की आवाज, हिंदुस्तान के कोने-कोने में पहुंचनी चाहिए, बोलेंगे, पक्का बोलेंगे, आपको आर नॉ़य, आर नॉय बोलना है, ठीक है।

भ्रोष्टाचार....आर नॉय, आर नॉय
भ्रोष्टाचार....आर नॉय, आर नॉय
दो बार बोलना है
तोलाबाज़ी....आर नॉय, आर नॉय
तोलाबाजी....आर नॉय, आर नॉय
कट मनी....आर नॉय, आर नॉय
कट मनी....आर नॉय, आर नॉय
सिंडिकेट....आर नॉय, आर नॉय
सिंडिकेट....आर नॉय, आर नॉय
बेरोजगारी....आर नॉय, आर नॉय
बेरोजगारी....आर नॉय, आर नॉय
हिन्गशा....आर नॉय, आर नॉय
हिन्गशा....आर नॉय, आर नॉय
आतंको....आर नॉय, आर नॉय
आतंको....आर नॉय, आर नॉ़य
तुष्टिकोरोन....आर नॉय, आर नॉय
तुष्टिकोरोन....आर नॉय, आर नॉय
औन्याय....आर नॉय, आर नॉय
औन्याय....आर नॉय, आर नॉय

दीदी,

सुन लिया दीदी, ये बंगाली की आवाज है, ये बंगाल की आवाज है दीदी।
आज पश्चिम बंगाल के नौजवान, यहां के बेटे-बेटियां आपसे एक ही सवाल पूछ रहे हैं। दीदी, बंगाल की जनता 10 साल के अनुभव के बाद आपको एक ही सवाल पूछ रही है। उन्होंने आपको दीदी की भूमिका में चुना था। बंगाल ने आपको दीदी की भूमिका में चुना था। लेकिन आपने खुद को एक ही भतीजे की बुआ तक सीमित क्यों कर दिया? आपने एक ही भतीजे की बुआ होने के मोह को क्यों चुना? बंगाल के लाखों भतीजे-भतीजियों की आशाओं के बजाय आप अपने भतीजे का लालच पूरा करने में क्यों लग गईं? आप भी भाई-भतीजावाद के उन कांग्रेसी संस्कारों को छोड़ नहीं पाईं, जिनके खिलाफ आपने बगावत की थी।

बहनो और भाइयो,
मां-माटी-मानुष से विश्वासघात करने के बाद, इतना अन्याय करने के बाद, अब इन लोगों ने एक नया नारा गढ़ा है। अरे दीदी, आप बंगाल की ही नहीं आप तो भारत की बेटी हैं!! कुछ दिन पहले जब आपने स्कूटी संभाली, तो सभी प्रार्थना कर रहे थे कि आप सकुशल रहें !! अच्छा हुआ आप गिरी नहीं, नहीं तो जिस राज्य में वो स्कूटी बनी है, उस राज्य को ही अपना दुश्मन बना लेतीं। अगर स्कूटी साउथ में बनी होतीं, तो साउथ को दुश्मन बना लेतीं। अगर स्कूटी नॉर्थ में बनी होती, तो नॉर्थ को दुश्मन बना लेतीं। अच्छा हुआ, आप ठीक हैं, तब आप गिरी नहीं। जब आपकी स्कूटी भवानीपुर जाने के बजाए नंदीग्राम की तरफ मुड़ गई, अब दीदी, हम तो हर किसी का भला चाहते हैं, हम नहीं चाहते किसी को चोट आए, लेकिन स्कूटी में नंदीग्राम में गिरना तय किया तो हम क्या करें!

 

साथियो,
ये संयोग ही है कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से एक दिन पहले मैं बंगाल की उस पवित्र धरती को प्रणाम करने आया हूं। ये वो धरती है, जिसने माँ शारदा देवी, मातंगिनी हाजरा, रानी राशमोनी, प्रीतिलता वादेदार, सरला देवी चौधरानी, कामिनी राय जैसी अनेक बेटियां भारत को दीं। ये मेरा सौभाग्य है कि बीते 6 साल में केंद्र सरकार की हर योजना के केंद्र में हमारी बेटियां रही हैं, हमारी बहनें रही हैं, हमारी माताएं रही हैं। आज गरीब को अपना पक्का घर की मालकिन के नाम से ही मिल रहा है। घर-घर शौचालय बने, इज्जतघर बने, तो बहन-बेटियों को ही सम्मान मिला, उनको तकलीफ से मुक्ति मिली। बंगाल में 4 करोड़ से ज्यादा जनधन खाते खोले गए हैं। इसमें आधे से ज्यादा खाते महिलाओं के ही हैं। हमने जब मुद्रा लोन देकर नए अवसर दिए, तो इसका भी लाभ लेने वाली 75 प्रतिशत महिलाएं ही हैं। हमने देश की गरीब बहनों को गैस कनेक्शन दिया तो, कोरोना महामारी के दौरान उनके वो बहुत काम आया। पश्चिम बंगाल की लाखों बहनों को कोरोना काल में मुफ्त गैस सिलेंडर दिए गए।


साथियो,
बहनों को सबसे बड़ी दिक्कत अगर आती है, तो पानी की है, जल की है। इसलिए डेढ़ साल पहले केंद्र सरकार ने, हर घर तक नल से जल पहुंचाने का अभियान शुरू किया। मैंने कुछ दिन पहले हुगली में इसका जिक्र किया तो टीएमसी के नेताओं ने कहा कि बंगाल में पानी की कोई कमी नहीं है, मैं गलत विषय उठा रहा हूं। टीएमसी की यही भावना दिखाती है कि उसे बंगाल के गरीबों, गरीब महिलाओं, गरीब बच्चों की कोई परवाह नहीं है, न ही उनका कोई लेना-देना है। बंगाल में जल जीवन मिशन इसलिए जरूरी है, क्योंकि यहां आज भी, आज भी, आजादी के 75 साल के बाद, एक महिला यहां राज कर रही है तब, आज भी, डेढ़ करोड़ से ज्यादा घरों में नल से पानी नहीं आता है। बंगाल में जल जीवन मिशन इसलिए जरूरी है, क्योंकि अनेक जिलों में आर्सेनिक युक्त पानी बच्चों का जीवन तबाह कर रहा है, सभी को बीमार कर रहा है। क्या गरीब की चिंता करना, उसकी सेवा करना हमारा कर्तव्य नहीं है? या हम इस पर भी राजनीति करेंगे?

लेकिन अफसोस, टीएमसी सरकार यही कर रही है। हर घर जल पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार जो पैसे भेज रही है, उसका बहुत बड़ा हिस्सा आज तक यहां की सरकार खर्च ही नहीं कर पाई है। मैं आज इस ब्रिगेड ग्राउंड से पूरे बंगाल के लोगों से पूछता हूं, क्या टीएमसी सरकार, बंगाल के गरीबों, यहां की महिलाओं, यहां के बच्चों की गुनहगार है कि नहीं है। इस चुनाव में उन्हें सजा मिलनी चाहिए कि नहीं मिलनी चाहिए।
साथियो,
एक और योजना है। ऐसी कितनी ही योजनाओं का पैसा यहां की राज्य सरकार तिजोरी में रखकर बैठ गई है। दीदी जैसे ठानकर चल रही हैं कि न काम करेंगे न करने देंगे। आप मुझे बताइए, ऐसी सरकार को हटाएंगे? ऐसी सरकार को हटाएंगे?

साथियो,
बीजेपी सिर्फ घोषणाओँ पर नहीं, घोषणाओं को तेजी से अमल करने पर विश्वास करती है। जो कहा, हम उसको समय सीमा के भीतर करने की कोशिश करते हैं। आजकल तो हमारे विरोधी भी कहते हैं कि मैं दोस्तों के लिए काम करता हूं। हमें कहा जाता है कि मोदी अपने दोस्तों के लिए काम करता है। हम सब जानते हैं बचपन में हम जहां पले-बढ़े होते हैं, जिनके बीच में खेले होते हैं, जिनके साथ पढ़े होते हैं, वो हमारे पक्के दोस्त होते हैं, जीवन भर के पक्के दोस्त होते हैं। मैं भी गरीबी में पला-बढ़ा और इसलिए उनका दुख-दर्द क्या है, चाहे हिन्दुस्तान के किसी भी कोने में क्यों न हों, क्यों वे मेरे दोस्त हैं, मैं उसे भली-भांति अनुभव कर सकता हूं, मुझे इसके लिए कोई किताब नहीं पढ़नी पड़ती है, न कोई वीडियो देखना पड़ता है, न कोई तस्वीर देखनी पड़ती है, क्योंकि मैं इसे अनुभव करता हूं। और इसलिए मैं दोस्तों के लिए काम करता हूं, और मैं दोस्तों के ले ही काम करूंगा।

भाइयो-बहनो,

मैं भी बंगाल के अपने दोस्तों के लिए काम कर रहा हूं। मैंने अपने दोस्तों को बंगाल में लगभग 90 लाख गैस कनेक्शन दिए हैं। मैंने अंधेरे में जी रहे अपने बंगाल के 7 लाख से अधिक दोस्तों को मुफ्त बिजली कनेक्शन दिया है। मैंने अपने दोस्तों के लिए बंगाल में 60 लाख से ज्यादा शौचालय, इज्जतघर बनवाए हैं। मैंने अपने दोस्तों के लिए बंगाल में 32 लाख से अधिक पक्के घर स्वीकृत किए हैं। दलित, पिछड़े, पीड़ित, शोषित, वंचित, सभी दोस्तों को इन योजनाओं का लाभ मिला है।

और साथियो,
बंगाल के चायवाले, यहां के टी गार्डन्स में काम करने वाले हमारे भाई-बहन तो मेरे विशेष दोस्त हैं। मेरा चाय से जरा अलग ही नाता है। मेरे ऐसे कामों से उनकी भी अनेक परेशानियां कम हो रही हैं। हमारी सरकार के प्रयासों से मेरे इन चायवाले दोस्तों को सोशल सिक्योरिटी स्कीम्स का भी लाभ मिलना तय हुआ है।
किसी बीमारी की स्थिति में, काम रुकने पर या फिर गर्भावस्था के दौरान महिला कर्मचारियों को दिक्कत न हो, इस पर जोर दिया जा रहा है। इस साल के बजट में मेरे इन दोस्तों के लिए एक हजार करोड़ रुपए की विशेष योजना का ऐलान भी किया गया है, क्योंकि यही मेर दोस्त हैं।

साथियो,
कोरोना ने पूरी दुनिया में सबको परेशान किया, लेकिन मेरे ये गरीब दोस्त ही थे, जो ज्यादा परेशान हुए। जब कोरोना आया तो मैंने अपने हर दोस्त को मुफ्त में राशन दिया, मुफ्त गैस सिलेंडर दिया और करोड़ों रुपए बैंक खाते में जमा करवाए।
दुनिया में कोरोना वैक्सीन इतनी महंगी है। लेकिन मैंने अपने दोस्तों के लिए सरकारी अस्पताल में मुफ्त में टीका लगाने का प्रबंध कर दिया।

बहनो और भाइयो,
कौन हैं मेरे दोस्त। आप ही मेरे दोस्त हैं। 130 करोड़ हिन्दुस्तानी ये मेरे दोस्त हैं। सपने लेकर पुरुषार्थ करने वाला हर नौजवान मेरा दोस्त है। गरीब की झोपड़ी में पैदा हुआ मेरा बच्चा भी मेरा दोस्त है। मेरे ये दोस्त जब दोस्ती का फर्ज निभाते हैं, तो इन लोगों को दिक्कत होने लगती है। इनको परेशानी हो रही है कि ये तो हमारे कब्जे में थे, ये कौन नया दोस्त आ गया। जब मोदी अपने इन करोड़ों दोस्तों की सेवा करता है, तो गुस्से में ये इसमें भी रोड़े अटकाने का काम करते हैं। आज मैं इन लोगों को कह रहा हूं- कान खोलकर सुन लीजिए। मैं पश्चिम बंगाल के अपने इन दोस्तों के लिए ज्यादा से ज्यादा काम करना चाहता हूं। बंगाल सरकार रोक रही है, लेकिन मैं बंगाल के लाखों किसान दोस्तों के बैंक खाते में हजारों करोड़ रुपए सीधे जमा कराना चाहता हूं। बंगाल सरकार रोक रही है, लेकिन मैं बंगाल के करोड़ों गरीब दोस्तों को आयुष्मान भारत योजना के तहत पूरे देश में कहीं भी, 5 लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा देना चाहता हूं। अब मेरे आप सभी दोस्त बताइए, दोस्ती चलेगी या तोलाबाजी?

बहनो और भाइयो,
आपके इसी जोश से दीदी और उनके साथियों की नींद उड़ी हुई है। तभी तो ये लोग कह रहे हैं कि इस बार- खेला होबे !! वाकई, ये लोग तो अनुभवी खिलाड़ी हैं। ये खूब खेलना जानते हैं, इन्होंने खूब खेला भी है। कौन से खेल बाकी छोड़े हैं आपने? कितने ही घोटाले करके, बंगाल के गरीबों को लूटा गया है, बंगाल की संपदा को लूटा गया है, आपने क्या बाकी छोड़ा है? यहां तो अम्फान पीड़ितों के लिए भेजी गई राहत भी लूट ली गई ! तोलाबाजी, सिंडीकेट, कमीशन कट, आपने इतने घोटाले किए हैं कि अपने-आप में Corruption Olympics का खेल आयोजित हो जाए!

आपने लोगों की मेहनत की कमाई से, लोगों की जिंदगियों से खेला है।
आपने चाय बागानों को ताला लगा दिया, राज्य को कर्जे में डुबो दिया। आपने युवाओं से उनके हक की नौकरी, उनका वेतन तक छीन लिया। यहां भर्ती परीक्षाओं में, किस तरह का खेल होता है, छोटी-छोटी लिस्ट रिलीज होती है, लिस्ट रिलीज करने किसी के घर में फाइल जाती है, किसी के घर में मंजूरी ली जाती है, कौन से खास लोगों का चयन होता है, ये क्या आपसे छिपा हुआ है क्या। सारा बंगाल जानता है। अब ये नहीं चलेगा, अब ये खेल नहीं चलेगा। आप मुझे बताइए साथियो, ये खेल बंद होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए? ये खेल खत्म होना चाहिए कि नहीं होना चाहिए।

दीदी, ये आवाज सुनिए, ये शंखनाद सुनिए !!
अब हर तरफ से एक ही आवाज है-
TMC का खेला शेष !!
खेला खौतोम, बिकास शुरू !!!
मेरा आपसे आग्रह है, मेरा बंगाल के हर मतदाता से आग्रह है,
भॉय पाबेन-ना,
निर्भोय बीजेपी के वोट कोरून,
कुशाशोनेर बीरुद्धे वोट कोरून,
बांग्ला के भॉय मुक्तो कोरून,
बांग्ला उन्नौति चाय,
उन्नौतीर-जॉन्नौ वोट कोरून,
बांग्लार जॉय, भारौतेर जॉय।

साथियो,
हमारे यहां शास्त्रों में कहा गया है-
क्रोधात् भवति सम्मोहः, सम्मोहात् स्मृति विभ्रमः। यानि जब कोई असफलता में, डर में, खीज में गुस्सा करता है तो उस गुस्से से उसका मोह, विचलन और ज्यादा बढ़ जाता है। फिर उसे confusion होता है, और confusion में इंसान लगातार गलती करता जाता है, बुरा करता जाता है, बुरा सोचने लग जाता है, और अपना ही सब कुछ गंवा देता है। इस गुस्से में मुझे भी क्या-क्या कहा जा रहा है। आपको याद होगा, मेरे लिए क्या-क्या कहा गया है। कभी रावण कहा जा रहा है, कभी दानव कहते हैं, कभी दैत्य, तो कभी गुंडा...दीदी, इतना गुस्सा क्यों?
राग केनो दीदी?
कोथाय-कोथाय गाल दाओ?
एतो राग केनो दीदी?
अगर आज बंगाल में कमल खिल रहा है तो इसका कारण वही कीचड़ है जो आपकी पार्टी ने, आपकी सरकार ने यहां फैलाया है। आपने बंगाल को विकास के बजाय बंटवारे की तरफ धकेला, इसलिए यहां कमल खिल रहा है। आपने बंगाल में क्षेत्र और संप्रदाय के नाम पर भेदभाव किया, इसलिए बंगाल में कमल खिल रहा है। आपने लोकतंत्र के नाम पर लूटतंत्र को बढ़ावा दिया, इसलिए बंगाल में कमल खिल रहा है। आपने गरीब को उसके हक से वंचित रखा, इसलिए बंगाल में कमल खिल रहा है।

साथियो,
दीदी को मैं बरसों से जानता हूं। ये वो दीदी नहीं है, जिन्होंने वामपंथ के अत्याचार के विरुद्ध आवाज़ उठाई थी। दीदी पर अब उनका अपना भी बस नहीं है। दीदी का रिमोट कंट्रोल अब कहीं और है!! इसलिए वो ऐसी बातें कर रही हैं, जो बंगाल की मूल सोच के विरुद्ध है, जो बंगाल की परंपरा के विरुद्ध है। बंकिम बाबू, गुरुदेव टैगोर, स्वामी विवेकानंद, नेताजी, जैसे महान सपूत जिन्होंने पूरे भारत को दिशा दिखाई, उन्हें टीएमसी की बाहरी सोच से कितना दुख होता? भाजपा के लोगों को बाहरी बोलने वालों से पूछिए और जरा हिम्मत के साथ पूछिए, जरा पूछो तो जिस कांग्रेस पार्टी का नाम ले रहे हो, उस कांग्रेस पार्टी को जन्म किसने दिया था, कांग्रेस की स्थापना किसने की थी। क्या कांग्रेस पार्टी की स्थापना करने वाला बाहरी था या भीतरी था?

जिस लेफ्ट ने, जिस वाममार्गियों ने इतने वर्ष तक बंगाल पर राज किया, जिनकी विचारधारा मार्क्स, लेनिन, माओ पर आधारित है, वो बाहरी हैं या भीतरी? टीएमसी, जो बंगाल की सत्ता में हैं, उसका भी मूलगोत्र कांग्रेस ही रहा है। जबकि भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के मूल में ही बंगाली चिंतन है। भाजपा वो पार्टी है जिसकी स्थापना की प्रेरणा, बंगाल के महान सपूत डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी हैं। भाजपा वो पार्टी है, जिसके विचारों में बंगाल की महक है। भाजपा वो पार्टी है जिसके संस्कारों में बंगाल की सुवास है, बंगाल की परंपरा की सुवास है।

भाजपा वो पार्टी है जिसके डीएनए में बंगाल का सूत्र है। भाजपा वो पार्टी है जिस पर बंगाल का अधिकार है। भाजपा वो पार्टी है जिस पर बंगाल का कर्ज है। भाजपा ये कर्ज कभी चुका नहीं सकती, लेकिन बंगाल की माटी का तिलक लगाकर उसे विकास की नई ऊंचाई पर पहुंचाना चाहती है।

साथियो,
देश के सबसे बड़े राज्य से लेकर देश के सबसे छोटे राज्य तक में भारतीय जनता पार्टी जनता की सेवा कर रही है। कमल के फूल में बंगाल की मिट्टी की खुशबू है, इसलिए ही कहा जा रहा है- लोकसभा में TMC Half और इस बार पूरी साफ। पश्चिम बंगाल के भाजपा कार्यकर्ताओं से भी मैं कहूंगा और मैं आदरपूर्वक स्मरण करते हुए स्मरण करते हुए कहना चाहूंगा- आपका तप, आपका त्याग और आपका बलिदान हिन्दुस्तान के कोटि-कोटि भाजपा कार्यकर्ताओं के परिजन को प्रेरणा देता है। आपने बंगाल के लिए जो लड़ाई लड़ी है, जो त्याग किया है, जो पुरुषार्थ किया है, मैं आज आपके उस त्याग को, उस पुरुषार्थ को, उस तपस्या को आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियो,
पश्चिम बंगाल के साथ जो हुआ, वो कोई भूल नहीं सकता। भाजपा के हर कार्यकर्ता के परिवार को, पश्चिम बंगाल में अन्याय का शिकार हुए हर व्यक्ति को न्याय दिलाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। आपके हर प्रयास में, मैं आपके साथ हूं। आप पूरे जोश और जुनून के साथ एक-एक मतदाता तक पहुंचिए। बंगाल में डर और भय के पुराने दिन अब दो मई से आगे नहीं चलने वाले हैं। मैं बंगाल के सरकारी कर्मचारियों से भी आग्रह करूंगा- बिना किसी राजनीतिक दल के दबाव में आए काम करिए। देश का संविधान, देश का लोकतंत्र सर्वोपरि है, उसके ऊपर कोई नहीं।

मैं पश्चिम बंगाल के हर वोटर से कहूंगा- लोकसभा चुनाव में आपने- चुप-चाप कमल छाप से कमाल किया। आपके एक वोट की ताकत आपने कश्मीर से लेकर अयोध्या तक देखी है। इस बार आपको जोर से छाप, टीएमसी साफ के इरादे से आगे बढ़ना है। ये ब्रिगेड मैदान आज फिर से बंगाल में लोकतंत्र स्थापित करने जा रहा है और आप सभी उस क्षण के साक्षी बनेंगे।
अब मैं आपसे, फिर से आपसे कुछ बुलवाना चाहता हूं।
ये सारे शब्द, बंगाल की इच्छा हैं, एक-एक शब्द बंगाल का संकल्प है। ये आपका भी संकल्प है, मेरा भी संकल्प है। मैं जो शब्द बोलूंगा उसके बाद आपको एकसुर में बोलना है- "एबार"। बोलेंगे...पक्का बोलेंगे।
आशोल पोरीबोरतोन....एबार
आशोल पोरीबोरतोन...एबार
चाकरी....एबार
मोहिला शुरक्खा....एबार
कृषक शुरक्खा....एबार
बिकाश....एबार
सूशाशोन....एबार
शोनार बॉंग्ला....एबार
बीजेपी....एबार
बीजेपी....एबार
बीजेपी....एबार
हम सभी का संकल्प जरूर पूरा होगा, इसी विश्वास के साथ आप सभी का एक बार फिर मैं बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं। दोनों मुट्ठी बंद करके पूरी ताकत से बोलिए मेरे साथ।

भारत माता की.... जय !
वंदे.... मातरम् !!

 

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Text Of Prime Minister Narendra Modi addresses BJP Karyakartas at Party Headquarters
November 23, 2024
Today, Maharashtra has witnessed the triumph of development, good governance, and genuine social justice: PM Modi to BJP Karyakartas
The people of Maharashtra have given the BJP many more seats than the Congress and its allies combined, says PM Modi at BJP HQ
Maharashtra has broken all records. It is the biggest win for any party or pre-poll alliance in the last 50 years, says PM Modi
‘Ek Hain Toh Safe Hain’ has become the 'maha-mantra' of the country, says PM Modi while addressing the BJP Karyakartas at party HQ
Maharashtra has become sixth state in the country that has given mandate to BJP for third consecutive time: PM Modi

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।