Government is determined to preserve the legacy of all those who contributed to the cause of India's defence and security, and to its social life: PM
In just 100 days, over 6 lakh people had benefited from the Ayushman Bharat: PM Modi
20 crore people across the country have joined the JeevanJyoti, or Suraksha Beema schemes: PM Modi

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय, मैं एक नारा बुलवाऊंगा आप सबको मेरे साथ बोलना होगा- मैं कहूंगा महाराजा सुहेलदेव.. आप सब दोनो हाथ ऊपर करके बोलेंगे दो बार बोलेंगें अमर रहे अमर रहे, महाराजा सुहेलदेव अमर रहे अमर रहे, महाराजा सुहेलदेव अमर रहे अमर रहे, महाराजा सुहेलदेव अमर रहे अमर रहे, महाराजा सुहेलदेव अमर रहे अमर रहे।

विशाल संख्‍या में पधारे मेरे प्रिय भाईयो और बहनों।

 देश की सुरक्षा के लिए शूरवीर देने वाली, वीर सपूत देने वाली, सेनानियों को जन्‍म देने वाली, ये धरती जहां ऋषियों, मुनियों के चरण पड़े हैं। ऐसे गाजीपुर में एक बार फिर आना मेरे लिए बहुत ही सुखद है।

आप सभी का उत्‍साह और जोश हमेशा से मेरी ऊर्जा का स्रोत रहा है। आज भी आप इतनी भारी संख्‍या में यहां आए हैं और ऐसे ठंड के माहौल में मुझे आशीर्वाद देने पहुंचे हैं। इसके लिए मैं आप सभी को नमन करता हूं।

साथियों, उत्‍तर प्रदेश में मेरे आज के प्रवास के दौरान आज पूर्वांचल को देश का एक बड़ा Medical Hub बनाने का, कृषि से जुड़े शोध का महत्‍वपूर्ण सेंटर बनाने और यूपी के लघू उद्योगों को मजबूत करने की दिशा में अनेक महत्‍वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे। थोड़ी देर पहले ही गाजीपुर में बनने वाले नए मेडिकल कॉलेज का शिलान्‍यास किया गया है।

आज यहां पूर्वांचल और पूरे उत्‍तर प्रदेश का गौरव बढ़ाने वाला एक और पुण्‍य कार्य हुआ है। पूरे देश के कोने-कोने का ये गौरव बढ़ाने वाले अवसर हैं। हर हिन्‍दुस्‍तानी को अपना देश, अपनी संस्‍कृति, अपनी महाक्रोश उनकी वीरता का पुन: स्‍मरण कराने का एक पुण्‍य कार्य आज यहां हुआ है। महाराजा सुहेलदेव की शौर्य गाथा देश के लिए उनके योगदान को नमन करते हुए थोड़ी देर पहले उनकी स्‍मृति में Postal Stamp जारी किया गया है। पांच रुपये की कीमत का ये डाक टिकट लाखों की संख्‍या में देश भर के Post Office के माध्‍यम से देश के घर-घर पहुंचने वाला है। महाराजा सुहेलदेव को- उनके महान कार्यों को हिन्‍दुस्‍तान के हर कोनें में, हर घर में पहुंचाने का एक नम्र प्रयास इस postal stamp के माध्‍यम से होने वाला है। 

साथियों, महाराजा सुहेलदेव देश के उन वीरों में रहे हैं। जिन्‍होंने मां भारती के सम्‍मान के लिए संघर्ष किया। महाराजा सुहेलदेव जैसे नायक जिनसे हर वंचित, हर शोषित प्रेरणा लेता है। उनका स्‍मरण भी तो ‘सबका साथ सबका विकास के मंत्र को और नई शक्ति देता है। ऐसा कहते हैं कि जब महाराजा सुहेलदेव का राज था तो लोग घरों में ताला लगाने की भी जरूरत नहीं समझते थे। अपने शासन में उन्‍होंने लोगों के जीवन को आसान बनाने, गरीबों को सशक्‍त करने के लिए अनेक कार्य किए हैं। उन्‍होंने सड़कें बनवाई, बगीचे लगवाए, पाठशालाएं खुलवाई, मंदिरों की स्‍थापना की और अपने राज्‍य को बहुत ही सुंदर रूप दिया। जब विदेशी आंक्राता ने भारत भूमि पर आंख उठाई तो महाराजा सुहेलदेव उन महावीरों में थे जिन्‍होंने उनका डटकर मुकाबला किया और दुश्‍मनों को परास्‍त किया। उन्‍होंने आस-पास के अन्‍य राजाओं को जोड़कर ऐसी संगठन शक्ति उत्‍पन्‍न की, कि दुश्‍मन उनके सामने टिक नहीं पाए। महाराजा सुहेलदेव का जीवन एक बेहतरीन योद्धा, कुशल रणनीतिकार, संगठन शक्ति के निर्माता ऐसी अनेक प्रेरणा की वे मूर्ति रहे हैं। वो सबको साथ लेकर चलते थे। महाराजा सुहेलदेव सबके थे।

भाईयों और बहनों देश के ऐेसे वीर वीरागनाओं को, जिन्‍हें पहले की सरकारों ने एक प्रकार से भूला दिया, मान नहीं दिया, उनको नमन करना ये हमारी सरकार ने अपना दायित्‍व समझा है। हमने हमारी जिम्‍मेवारी समझी है।

भाईयों और बहनों उत्‍तर प्रदेश के बहराइच जनपद में चितोरा, जब भी हम महाराजा सुहेलदेव को याद करते हैं तो बहराइच जनपद के चितोरा को कभी भूल नहीं सकते। वही धरती थी जहां महाराजा ने आंक्राताओं को समाप्‍त किया था, परास्‍त किया था। योगी जी की सरकार ने उस स्‍थान पर जहां महाराजा सुहेलदेव ने भव्‍य विजय प्राप्‍त किया था और जिस महापुरुष को हजार साल तक भूला दिया गया था। उनकी स्‍मारक में उस विजय को याद कराने वाली पीढि़यां इसके लिए एक भव्‍य स्‍मारक बनाने का भी आज उत्‍तर प्रदेश की सरकार ने फैसला किया है। मैं उत्‍तर प्रदेश सरकार को महाराजा सुहेलदेव के स्‍मारक के लिए, इस कल्‍पना के लिए, इतिहास को पुर्नजीवित करने के लिए हृदयपूर्वक बहुत-बहुत बधाई देता हूं और महाराजा सुहेलदेव से प्रेरणा लेने वाले हर किसी को देश के कोने-कोने में प्रेरणा मिलती रहे इसके लिए शुभकामनाएं देता हूं।

ये भारतीय जनता पार्टी के अगुवाई वाली केंद्र सरकार का दृढ़ निश्‍चय है कि जिन्‍होंने भी भारत की रक्षा, सुरक्षा, भारत के सामाजिक जीवन को ऊपर उठाने में योगदान दिया है उनकी स्‍मृति को मिटने नहीं दिया जाएगा। अपने इतिहास, अपनी पुरातन संस्‍कृति के स्‍वर्णिम पृष्‍ठों पर धूल जमने नहीं दी जाएगी।  

साथियों, महाराजा सुहेलदेव जितने बड़े वीर थे उतने ही बड़े दयालु और संवेदनशील थे। संवेदनशीलता के यही संस्‍कार हम सरकार में, व्‍यवस्‍था में लाने का भरसक प्रयास कर रहे हैं। केंद्र और यूपी सरकार पूरी ईमानदारी से ये प्रयास कर रही है कि गरीब, पिछड़े, दलित, शाषित, वंचित हर प्रकार से समाज का ये तबका सशक्‍त हो, सामर्थ्‍यवान हो, अपने हकों को पाकर के रहे। ये सपना लेकर के हम काम कर रहे हैं। उनकी आवाज व्‍यवस्‍था तक आसानी से पहुंचे।

भाईयों और बहनों आज सरकार सामान्‍य जनता के लिए सुलभ भी है और अनेक समस्‍याओं के स्‍थायी समाधान की कोशिश कर रही है। वोट के लिए तत्‍कालीक घोषनाओं, फीते काटने की परंपरा को हमारी सरकार ने पूरी तरह बदला है। सरकार के संस्‍कार और व्‍यवहार में परिवर्तन देखने को मिल रहा है। यही कारण है कि आज गरीब से गरीब की भी सुनवाई होने का मार्ग खुला है।   

साथियों, समाज के आखिरी पायदान पर खड़ें व्‍यक्ति को गरिमा पूर्ण जीवन देने का ये अभियान अभी शुरुआती दौर में है। अभी एक ठोस आधार बनाने में सरकार सफल हुई है। इसी नींव पर मजबूत इमारत तैयार करने का काम अभी बाकी है। पूर्वांचल में स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं का विस्‍तार इसी दिशा में उठाया गया कदम है। स्‍वास्‍थ्‍य की दृष्टि से देश में सबसे कम विकसित क्षेत्रों में से एक पूर्वांचल को Medical Hub बनाने की दिशा में निरंतर तेजी लाई जा रही है।

भाईयों और बहनों थोड़ी देर पहले जिस medical college का शिलान्‍यास किया गया है, उससे इस क्षेत्र को आधुनिक चिकित्‍सा सुविधा तो मिलेगी ही। गाजीपुर में नए और मेधावी डॉक्‍टर भी तैयार होंगे। यहां के नौजवानों को डॉक्‍टर बनने का सपना अपने घर में पूरा करने का मौका मिलेगा। करीब ढाई सौ करोड़ की लागत से जब ये कॉलेज बनकर तैयार हो जाएगा तो गाजीपुर का जिला अस्‍पताल 300 बेड का हो जाएगा। इस अस्‍पताल से गाजीपुर के साथ-साथ आस-पास के अन्‍य जिलों के लोगों को भी लाभ होगा। लंबे समय से ये आप सभी की मांग रही थी और आप सभी के प्रिय हमारे साथी मनोज सिन्‍हा जी भी निरंतर इसको आवाज देते रहे हैं। बहुत जल्‍दी ही ये अस्‍पताल आप सभी की सेवा के लिए समर्पित होगा। इसके अलावा गाजीपुर में 100 बिस्‍तर वाले मेटरनिटी अस्‍पताल की सुविधा भी जुड़ चुकी है। जिला अस्‍पताल में आधुनिक एंबुलेंस की सुविधा दी गई है। आने वाले समय में इन सुविधाओं को और विस्‍तार दिया जाएगा।

भाईयों और बहनों गाजीपुर का नया मेडिकल कॉलेज हो, गोरखपुर का एम्‍स हो, वाराणसी में बन रहे अनेक आधुनिक अस्‍पताल हो, पुराने अस्‍पतालों का विस्‍तार हो, पूर्वांचल में हजारों करोड़ो की स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाएं तैयार हो रही हैं।  

साथियों, गरीब और मध्‍यम वर्ग के स्‍वास्‍थ्‍य को आजादी के इतिहास में पहली बार इतनी प्राथमिकता दी जा रही है। आयुष्‍मान भारत योजना, PMJAY लोग उसको मोदीकेयर भी कहते हैं। इस PMJAY  आयुष्‍मान योजना का लाभ ज्‍यादा से ज्‍यादा लोगों तक पहुंचे इसका प्रयास किया जा रहा है। इस योजना से केंसर जैसी सैंकड़ों गंभीर बीमारियों की स्थिति में पांच लाख रुपये तक मुफ्त इलाज सुनिश्चित हुआ है। सिर्फ 100 दिन के भीतर ही देश भर के करीब साढ़े छह लाख गरीब बहनों-भाईयों का मुफ्त इलाज या तो हो चुका है या फिर अभी अस्‍पताल में इलाज चल रहा है। इसमें हमारे उत्‍तर प्रदेश के भी 14 हजार से ज्‍यादा बहनों-भाईयों को इसका लाभ मिला है। और ये वो लोग हैं दो-दो, चार-चार, पांच-पांच साल से गंभीर बीमारी के साथ मौत का इंतजार कर रहे थे। डर लग रहा था अगर उपचार कराऊंगा तो पूरा परिवार कर्ज में डूब जाएगा। वो दवाई नहीं करवाते थे मुसीबत झेलते थे, आयुष्‍मान भारत योजना ने ऐसे लोगों को ताकत दी, हौंसला दिया, अब वो अस्‍पताल आए हैं उनके ऑपरेशन हो रहे हैं और हंसते-खेलते अपने घर लौट रहे हैं। इतना ही नहीं सरकार देश के हर परिवार को प्रधानमंत्री जीवन ज्‍योति और सुरक्षा बीमा जैसी योजनाओं से जोड़ने का भी प्रयास कर रही है। मुश्किल समय में 2 लाख रुपये तक की मदद मिल पाए इसके लिए सिर्फ 90 पैसे प्रतिदिन और 1 रुपये महीना के थोड़े से प्रीमियम पर ये योजनाएं चल रही हैं। इन दोनों योजनाओं से देश भर में 20 करोड़ से अधिक लोग जुड़ चुके हैं इसमें करीब पौने दो करोड़ लोग हमारे उत्‍तर प्रदेश के भी हैं जिसके तहत 3 हजार करोड़ रुपये से अधिक जरूरतमंद परिवारों तक ये रकम पहुंच चुकी है और जिसमें से करीब 4 सौ करोड़ रुपये का क्‍लेम उत्‍तर प्रदेश के ऐसे परिवारों के घर पहुंच चुका है।     

साथियों, 4 सौ करोड़ रुपया 90 पैसे के बीमा से इन परिवारों तक पहुंचा, उनके परिवारों को कितनी ताकत मिली होगी। 

साथियों, जब सरकारें पारदर्शिेता के साथ काम करती हैं, जब जनहित स्‍व:हित से ऊपर रखा जाता है, संवेदनशीलता जब साधन का स्‍वभाव होता है तो ऐसे बड़े काम स्‍वाभाविक रूप से होते हैं। जब लक्ष्‍य व्‍यवस्‍था में स्‍थायी परिवर्तन होता है तब ऐसे बड़े काम होते है। तब दूर की सोच के साथ स्‍थाई और ईमानदार प्रयास किए जाते है।

साथियों, काशी का Rice Research Institute हो वाराणसी और गाजीपुर में बने Cargo Centre हो, गोरखपुर में बन रहे खाद्य का कारखाना हो, बाणसागर जैसी सिंचाई परियोजनाएं हो, बीच से बाजार तक की अनेक व्‍यवस्थाएं देश भर में तैयार हो रही है। मुझे बताया गया है कि गाजीपुर में जो Perishable Cargo Centre बना है उससे यहां की हरी मिर्च और हरी मटर… हमारे मनोज जी बता रहे थे दुबई के बाजार में बिक रही है। किसानों को पहले की तुलना में अब बेहतर दाम मिल रहे है।

आज जो भी काम हो रहा है पूरी प्रमाणिकता के साथ ईमानदारी से किसानों की आय दोगुना करने के लिए हो रहा है। कम लागत में अधिक लाभ किसानों को मिले इस दिशा में पूरी लगन से काम किया जा रहा है।

भाईयो और बहनों वोट बटोरने के लिए लुभावने उपायों को हर्ष क्‍या होता है वो अभी मध्‍यप्रदेश और राजस्‍थान में दिख रहा है। सरकार बदलते ही अब वहां खाद्य के लिए, यूरिया के लिए कतारें लगनी लगी, लाठियां चलने लगी। काले बाजार करने वाले मैदान में आ गए। कर्नाटक में लाखों किसानों की कर्ज माफी का वायदा किया गया था।

भाईयो और बहनों ये सच्‍चाई समझिए कर्नाटक में अभी-अभी कांग्रेस ने पिछले दरवाजे से सरकार बनाई और कर्ज माफी का किसानों को वायदा किया था। लॉलीपोप पकड़ा दिया था। लाखों किसानों का कर्ज माफ होना था और किया कितना बताऊं...बताऊं.... कितना किया.... कितने किसानों को लाभ मिला बताऊं...आप हैरान हो जाएंगे। बताऊं.... लाखों किसानों की कर्ज माफी का वायदा किया गया था, वोट चुरा लिए गए। पिछले दरवाजे से चोरी रास्‍ते से सरकार बना दी गई और दिया कितनों को सिर्फ .... सिर्फ .... सिर्फ .... सिर्फ .... 800 लोगों को।

आप मुझे बताइए ये कैसे वायदे ये कैसे खेल... ये किसानों के साथ कैसा धोखा हो रहा है इसको आप समझिए भाईयो और बहनों। जिनका नहीं हुआ कर्जमाफी तो नहीं हुआ लेकिन अब उनके पीछे पुलिस छोड़ दी गई है....जाओ पैसे जमा करवाओ।

साथियों, तत्‍कालीक राजनीति लाभ के लिए जो वायदे किए जाते हैं, जो फैसले लिए जाते हैं उनसे देश की समस्‍याओं का स्‍थाई समाधान नहीं हो सकता।

2009 के चुनाव से पहले क्‍या हुआ आप सभी उसके साक्षी है, 2009 के चुनाव से पहले भी ये ऐसे ही लॉलीपोप पकड़ाने वालो ने कर्जमाफी का वायदा किया था। देश भर के किसानों का कर्जमाफी का वायदा किया था। मैं यहां जो किसान हैं मैं जरा पूछना चाहता हूं 10 साल पहले 2009 में क्‍या आपका कर्ज माफ हुआ था क्‍या, माफ हुआ था क्‍या, आपके खाते में पैसा आया क्‍या, आपको कोई मदद मिली क्‍या। वायदा हुआ था कि नहीं हुआ था। सरकार बनी थी कि नहीं बनी थी और आपको भूला दिया गया था कि नहीं भूला दिया गया था। ऐसे लोगों पर भरोसा करोगे क्‍या... ये लॉलीपोप कंपनी पर भरोसा करोगे क्‍या...  ये झूठ बोलने वालो पर भरोसा करोगे क्‍या... ये जनता को धोखा देने वालों पर भरोसा करोगे क्‍या...

भाईयो और बहनों आपको हैरानी होगी तब छह लाख करोड़ रुपए का कर्ज किसानों पर था पूरे देश में छह लाख करोड़ रुपए का लेकिन माफ करने की घोषणा की गई वो कितने की हुई आपको मालूम है... छह लाख करोड़ का कर्ज था और चुनने के बाद, सरकार बनने के बाद कैसी डरामेबाजी की गई, कैसा किसानों की आंख में धूल झोंकी गई ये आंकड़ा खुद बोल देता है। छह लाख करोड़ के सामने कितने रूपयों का कर्ज माफ कर दिया गया मालूम है आपको मैं बताऊं.... याद रखोगे... याद रखोगे ये लोग आ जाए लॉलीपोप पकड़ाने, दुबारा याद कराओगे, पक्‍का कराओगे... छह लाख करोड़ रुपए का कर्ज किसानों का और दिए कितने सिर्फ .... सिर्फ .... सिर्फ ....  60 हजार करोड़, कहां छह लाख करोड़ और कहां 60 हजार करोड़... इतना ही नहीं... दिया वो भी किसको दिया जब CAG का रिर्पोट आया तो पाया गया कि उसमें 35 लाख बहुत बड़ी रकम इन 35 लाख लोगों के घर में ही गई और वो न किसान थे, न कर्ज था, न कर्जमाफी के हकदार थे। ये रुपया आपका गया कि नहीं गया, ये चोरी हुई कि नहीं हुई जिनका कर्ज माफ हुआ भी उनमें से भी लाखों को सर्टिफिकेट ही नहीं दिया गया। जिसके चलते उसका ब्‍याज चढ़ता गया और बाद में उस बेचारे किसान को कर्ज ब्‍याज समेत extra देना पड़ा। ये पाप इन लोगों ने किया है।

भाईयो और बहनों ये लोग दु‍बारा भी कर्ज लेने के लायक नहीं रहे। उनको शराब के पास जाना पड़ा, उनको प्राईवेट में कर्ज लेने जाना पड़ा। मंहगे कर्ज लेना पड़ा।

साथियों, इस प्रकार की कर्जमाफी का लाभ किसको हुआ कम-से-कम किसान को तो नहीं हुआ। इसलिए मेरा आग्रह होगा कि कांग्रेस के इस झूठ और बेईमानी से सतर्क रहिए। याद रखिए कि कांग्रेस की सरकार ने तो स्‍वामीनाथन आयोग की सिफारिश तक को लागू नहीं किया था। कांग्रेस के चलते ही किसानों को लागत का डेढ़ गुना मूल्‍य देने की सिफारिश वाली फाइल बरसों तक ये कांग्रेस वाले उस पर बैठ रहे थे, बैठे हुए थे। निकालते नहीं थे, अगर कांग्रेस ने अपने जमाने में आज से 11 साल पहले अगर स्‍वामीनाथन कमीशन को स्‍वीकार किया होता, लागू किया होता, लागत का डेढ गुना दाम किसानों को देना तय किया होता तो आज मेरा किसान कर्जदार होता ही नहीं, उसको कर्ज की जरूरत ही नहीं पड़ती। लेकिन आपका पाप, आपने उस फाइल को दबाकर के रखा, किसान को दाम नहीं दिया, एमएसपी नहीं दिया, किसान बर्बाद हो गया, कर्जदार हो गया। ये आपके पापों का परिणाम है। इस फाइल को भाजपा सरकार ने बाहर निकाला और दाम सहित 22 फसलों का एमएसपी लागत का डेढ़ गुना तय किया गया। 

भाईयो और बहनों ऐसे अनेक काम हैं जो बीते चार वर्षों से किए जा रहे हैं। जो छोटा किसान है उसको भी हमारी सरकार बैंकों से जोड़ रही है। मंडियों में नया Infrastructure नई सुविधाएं अब तैयार हो रही हैं।  तकनीक के माध्‍यम से मंडियों को अब तैयार किया जा रहा है। नए cold storage, mega food park उसकी भी चेन अब तैयार हो रही है।

साथियों, किसान की फसल से लेकर उद्योगों के लिए जरूरी आधुनिक Infrastructure भी यही सरकार तैयार कर रही है। पूर्वांचल की बेहतर  connectivity के लिए बीते साढ़े चार वर्ष में अनेक काम पूरे हो चुके हैं और अनेक प्रोजेक्‍टस आने वाले समय में पूरे होने वाले हैं। पूर्वांचल expressway पर काम तेज गति से चल रहा है।

पिछली बार जब में गाजीपुर आया था तो ताड़ीघाट गाजीपुर रेल रोड पुल का शिलान्‍यास किया था। मुझे बताया गया है कि जल्‍द ही ये भी सेवा के लिए तैयार हो जाएगा। इससे पूर्वांचल के लोगों को दिल्‍ली और हावड़ा जाने के लिए एक वैकल्पिक रास्‍ता मिलेगा।  

साथियों, बीते साढ़े चार वर्षों में पूर्वी उत्‍तर प्रदेश में रेलवे के महत्‍वपूर्ण काम हुए हैं। स्‍टेशन आधुनिक हो रहे हैं, लाइनों का दोहरीकरण और विद्युतीकरण हो रहा है। कई नई ट्रेंने शुरु हुई हैं। गांवों की सड़कें हो, नेशनल हाईवे हो, या फिर पूर्वांचल एक्‍सप्रेस वे.... जब ये तमाम प्रोजेक्‍ट पूरे हो जाएगें तो इस क्षेत्र की तस्‍वीर ही बदलने वाली है। हाल में जो वाराणसी से लेकर कोलकत्‍ता तक नदी मार्ग की शुरुआत की गई है उसका भी लाभ गाजीपुर को मिलना तय है। यहां जेटी बनने वाली है जिसका शिलान्‍यास भी हो चुका है। इन तमाम सुविधाओं के बनने से ये पूरा क्षेत्र व्‍यापार और कारोबार का सेंटर बनेगा, यहां उद्योग धंधे लगेगे, युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।

साथियों, स्‍वराज के इस संकल्‍प की तरफ हम निरंतर कदम उठा रहे हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना हो, स्‍वच्‍छ भारत अभियान हो, उज्‍ज्‍वला योजना हो, आयुष्‍मान भारत योजना हो, मुद्रा योजना हो, सौभाग्‍य योजना हो, ये सिर्फ योजनाएं नहीं बल्कि सशक्तिकरण के माध्‍यम हैं। विकास की पंचधारा बच्‍चों को पढ़ाई, युवाओं को कमाई, बुर्जुगों को दवाई, किसान को सिंचाई और जन-जन की सुनवाई के लिए ये मजबूत कडि़या है।

भाईयो और बहनों आना वाला समय आपका है, आपके बच्‍चों का है, युवा पीढ़ी का है। आपके भविष्‍य को संवारने के लिए आपके बच्‍चों का भविष्‍य बनाने के लिए आपका ये चौकीदार बहुत ईमानदारी से बहुत लगन के साथ दिन-रात एक कर रहा है। आप अपना विश्‍वास और आशीर्वाद इसी तरह बनाए रखिए क्‍योंकि चौकीदार की वजह से कुछ चोरों की रातों की नींद उड़ गई है। मुझपर आपका विश्‍वास और आशीर्वाद ही एक दिन.... एक दिन ऐसा आएगा इन चोरों को सही जगह तक ले जाएगा।

एक बार फिर आपको नए मेडिकल कॉलेज के लिए बहुत-बहुत बधाई के साथ फिर एक बार महाराजा सु‍हेलदेव के महान पराक्रमों को प्रणाम करते हुए, मैं मेरी बात को समाप्‍त करता हूं। दो दिन बाद 2019 का वर्ष शुरू होगा इस नए वर्ष के लिए भी मैं आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

भारत माता की जय...... भारत माता की जय 

 

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।