India has always inspired the world on environmental protection: PM Modi

Published By : Admin | September 11, 2019 | 13:01 IST
QuoteI urge everyone to eliminate single-use plastics from their lives as a tribute to Gandhiji on his upcoming 150th birth anniversary: PM Modi
QuoteIndia has always inspired the world on environmental protection and now is the time India leads the world by example and conserve our environment: PM Modi
QuoteThe development projects launched today will boost tourism in Mathura and also strengthen the local economy: PM Modi

भगवान श्रीकृष्‍ण और उनकी आह्लादिनी शक्ति श्री राधा जी के जन्‍म की साक्षी के पावन ब्रजभूमि की पवित्र माटी को प्रणाम करत भये। यहां आए भये सभी ब्रजवासि‍न को मेरी राधे-राधे।

विशाल संख्‍या में आए हुए मेरे प्‍यारे किसान भाई-बहन, पशुपालक भाई-बहन आप सबको फि‍र एक बार राधे-राधे।

नए जनादेश के बाद कान्‍हा की नगरी में पहली बार आने का सौभाग्‍य प्राप्‍त हुआ है। मथुरा और पूरे उत्‍तर प्रदेश का भरपूर आशीर्वाद एक बार फिर मुझे और मेरे तमाम साथियों को मिला है। इसके लिए आपके इस सहयोग के लिए, देश हित में निर्णय करने के लिए, मैं आपके सामने आज इस ब्रज की भूमि से शीश झुकाता हूं, आपका आभार व्‍यक्‍त करता हूं। आप सभी के आदेश के अनुरूप बीते सौ दिन में हमने अभूतपूर्व काम करके दिखाया है। मुझे विश्‍वास है कि देश के विकास के लिए आपका ये समर्थन और सहयोग निरंतर मिलता रहेगा।

साथियों, ब्रजभूमि ने हमेशा से ही पूरे देश को, पूरे विश्‍व को, पूरी मानवता को, जीवन को प्रेरित किया है। आज पूरा विश्‍व पर्यावरण संरक्षण के लिए, पेड़-पौधों को बचाने के लिए पूरी दुनिया में रोल-मॉडल ढूंढ रहा है लेकिन भारत के पास भगवान श्रीकृष्‍ण जैसा प्रेरणा स्‍त्रोत हमेशा से रहा है। जिनकी कल्‍पना ही पर्यावरण प्रेम के बिना अधूरी है।

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आप जरा सोचिए, का‍लिंदी, जिसको हम यमुना कहकर पुकारते हैं, वैजयन्‍ती माला, मयूर पंख, बांस की बांसुरी, कदम की छांव और हरी-भरी घास चरती उनकी धेनु, क्‍या इसके बिना श्रीकृष्‍ण की तस्‍वीर पूरी हो सकती है। हो सकती है क्‍या? क्‍या दूध, दही माक्‍खन के बिना बाल-गोपाल की कल्‍पना कोई कर सकता है क्‍या? कर सकता है क्‍या?

साथियो, प्रकृति, पर्यावरण और पशुधन के बिना जितने अधूरे खुद हमारे अराध्‍य नजर आते हैं उतना ही अधूरापन हमें भारत में भी नजर आएगा।

पर्यावरण और पशुधन हमेशा से भारत के आर्थिक चिंतन का बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है। यही कारण है कि चाहे स्वच्छ भारत हो, जल जीवन मिशन हो या फिर कृषि और पशुपालन को प्रोत्साहन, प्रकृति और आर्थिक विकास में संतुलन बनाकर ही हम सशक्त औऱ नए भारत के निर्माण की तरफ आगे बढ़ रहे हैं।

भाई और बहनों इसी चिंतन को आगे बढ़ाते हुए आज अनेक बड़े संकल्‍प हमने यहां लिए हैं। और मैं मानता हूं कि देश के कोटि-कोटि पशुओं के लिए, पर्यावरण के लिए, पर्यटन के लिए ऐसा कार्यक्रम आरंभ करने के लिए ब्रजभूमि से बेहतर हिन्‍दुस्‍तान में कोई स्‍थान नहीं हो सकता है।

थोड़ी देर पहले ‘स्वच्छता ही सेवा अभियान’ की शुरुआत की गई है। National Animal Disease उस कंट्रोल प्रोग्राम को भी लॉन्च किया गया है। पशुओं के स्वास्थ्य, संवर्धन, पोषण और डेयरी उद्योग से जुड़ी कुछ अन्य योजनाएं भी शुरू हुई हैं।

इसके अलावा, मथुरा के इंफ्रास्ट्रक्चर और पर्यटन से जुड़े कई प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और उद्घाटन भी आज हुआ है। इन योजनाओं, परियोजनाओं के लिए आपको बहुत-बहुत शुभकामनाएं, बहुत-बहुत बधाई। और मेरे लिए प्रसन्‍नता का विषय है कि आज हिन्‍दुस्‍तान के सभी कृषि विज्ञान केंद्रों में उस-उस क्षेत्र के हजारों किसान एक-एक केंद्र पर इकट्ठे होकर के इस सारे नजारे का अनुभव कर रहे हैं। कोटि-कोटि किसान और पशुपालक आज ब्रजभूमि के साथ टेक्‍नोलॉजी के साथ सीधे जुड़े हुए हैं। उनको भी मैं नमन करता हूं। उनको भी शुभकामनाएं देता हूं।

साथियों, अब से कुछ दिन बाद हमारा देश महात्‍मा गांधी की 150वीं जयंती का पर्व मनाएगा। महात्‍मा गांधी का प्रकृति के प्रति, स्‍वच्‍छता के प्रति जो आग्रह था उससे सीखना अपने जीवन में उतारना हम सभी भारतीयों का दायित्‍व है। और उन्‍हें यही उत्‍तम से उत्‍तम सच्‍ची श्रंद्धाजलि भी है। महात्‍मा गांधी 150, ये इस प्रेरणा का वर्ष है, स्‍वच्‍छता ही सेवा के पीछे भी यही भावना जुड़ी हुई है। आज से शुरू हो रहे इस अभियान को इस बार विशेष तौर पर प्‍लास्टिक के कचरे से मुक्ति के लिए समर्पित किया गया है।

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भाईयो और बहनो, प्‍लास्‍टिक से होने वाली समस्‍या समय के साथ गंभीर होती जा रही है। आप ब्रजवासी तो अच्‍छी तरह जानते हैं कि कैसे प्‍लास्‍टिक पशुओं की मौत का कारण बन रही है। इसी तरह नदियां, झीलों, तालाबों में रहने वाले प्राणियों का वहां की मछलियों का प्‍लास्टिक को निगलने के बाद जिंदा बचना मुश्किल हो जाता है। इसलिए अब हमें सिंगल यूज प्‍लास्टिक यानी ऐसी प्‍लास्टिक जिसको एक बार उपयोग करके हम फेंक देते हैं उससे छुटकारा पाना ही होगा। हमें ये कोशिश करनी है कि इस वर्ष 2 अक्तूबर तक अपने घरों को, अपने दफ्तरों को, अपने कार्यक्षेत्रों को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करें।

मैं देश भर में, गांव-गांव में, काम कर रहे हर सेल्फ हेल्प ग्रुप से, सिविल सोसायटी से, सामाजिक संगठनों से, युवा मंडलों से, महिला मंडलों से, क्लबों से, स्कूल और कॉलेज से, सरकारी और निजी संस्थानों से, हर व्यक्ति हर संगठन से इस अभियान से जुड़ने के लिए ह़दयपूर्वक बहुत-बहुत आग्रह करता हूं। आपके संतानों के उज्‍ज्‍वल भविष्‍य के लिए हमें ये करना ही होगा। आप प्‍लास्टिक का जो कचरा इकट्ठा करेंगे उसको उठाने का प्रबंध प्रशासन करेगा और फिर उसको रिसाईकिल किया जाएगा। जो कचरा रिसाईकिल नहीं हो सकता उसको सीमेंट फैक्ट्रियों में, या फिर रोड बनाने में काम लाया जाएगा।

भाईयो और बहनो, अब से कुछ देर पहले मुझे कुछ ऐसी महिलाओं से मिलने का अवसर मिला है। जो विभिन्‍न प्रकार के प्‍लास्टिक को अलग-अलग करती है। इस प्‍लास्टिक का अधिकांश भाग रिसाईकिल कर दिया जाता है। इससे उन महिलाओं को आमदनी भी हो रही है। मैं समझता हूं कि इस तरह का काम गांव-गांव में किए जाने की जरूरत है। waste to wealth यानी कचरे से कंचन की ये सोच ही हमारे पर्यावरण की रक्षा करेगी। हमारे आस-पास के वातावरण को स्‍वच्‍छ बनाएगी।  

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साथियों, स्‍वच्‍छता ही सेवा अभियान के साथ ही कुछ परिवर्तन हमें अपनी आदतों में भी करने होंगे। मैं आपसे लाल किले से भी इस बारे में बता चुका हूं। आज फिर इस विषय को उठा रहा हूं हमें ये तय करना है कि हम जब भी दुकान में, बाजार में, सब्‍जी लेने के लिए, कुछ भी खरीदारी करने के लिए जाएं तो साथ में अपना झोला, थैला, बैग जरूर लेकर के जाएं। कपड़े का हो, जूट का हो अवश्‍य ले जाएं। पैकिंग के लिए दुकानदार प्‍लास्टिक का उपयोग कम से कम करें, ये भी हमें सुनिश्चित करना होगा। मैं तो इसके भी पक्ष में हूं कि सरकारी दफ्तरों में, सरकारी कार्यक्रमों में भी प्‍लास्टिक की बोतलों की बजाए metal या मिट्टी के बर्तनों की व्‍यवस्‍था हो।

साथियों, जब पर्यावरण साफ रहता है। आस-पास गंदगी नहीं रहती तो इसका सीधा और सकारात्‍मक असर स्‍वास्‍थ्‍य पर भी दिखाई देता है। मैं योगी जी की सरकार की प्रशंसा करूंगा कि वो स्‍वच्‍छता और स्‍वास्‍थ्‍य को लेकर बहुत गंभीरता से काम कर रही है। ये उनकी सरकार की कोशिशों का ही परिणाम है और जिसका अभी विस्‍तार से ब्‍यौरा योगी जी ने दिया, मस्तिष्‍क का ज्‍वर के कारण, उस बुखार के कारण और पार्लियामेंट का कोई ऐसा सत्र नहीं जाता था जब योगी जब पार्लियामेंट के मेंबर थे, इस मुद्दे पर दर्दनाक कथा सुना करके देश को जगाने की कोशिश करते थे। हजारों बच्‍चे मरते रहते थे, जब योगी जी की सरकार बनी, अभी तो शुरूआत थी लेकिन उसी मौत को लेकर के जिस योगी जी ने जिस बीमारी के खिलाफ जिंदगी भर लड़ाई लड़ी, पार्लियामेंट को जगाया, देश को जगाया, कुछ vested interest ग्रुपों ने वो सारे हादसे को, पुरानी बातों को भुला करके उन्‍हीं के माथे पर मढ़ दिया। लेकिन योगी जी डिगे नहीं, डरे नहीं। जिस मुद्दे को लेकर वो 30-40 साल से वो लगातार वो काम कर रहे थे उसको उन्‍होंने छोड़ा नहीं और अभी जो आंकड़े दे रहे थे वो आंकड़े, मैं नहीं जानता कि मीडिया के ध्‍यान में आएगा कि नहीं आएगा। लेकिन देश को जरूर ध्‍यान देना चाहिए कि इस प्रकार से जिस गंभीर बीमारी, जिसका मूल कारण गंदगी और हमनें अपने हजारों बच्‍चे खो दिए। काफी मात्रा में सफलता के साथ योगी जी की सरकार आगे बढ़ रही है। मैं उन्‍हें इस मानवता के पवित्र कार्य में स्‍वच्‍छता पर बल देकर बच्‍चों की जिंदगी बचाई है इसके लिए इससे जुड़े हुए सब किसी को नागरिकों को, परिवारों को, संस्‍थाओं को, सरकार को, हर किसी को बधाई देता हूं। और एक प्रकार से आभार व्‍यक्‍त करता हूं।

साथियों, पर्यावरण और स्‍वास्‍थ्‍य से ही जुड़ा एक और विषय है जलसंकट और जलसंकट का उपाय है जल जीवन मिशन। इस मिशन के तहत जल संरक्षण और हर घर जल पहुंचाने पर बल दिया जा रहा है। जल जीवन मिशन का बहुत बड़ा लाभ हमारे गांव में रहने वाले लोगों को मिलेगा, किसानों को मिलेगा और सबसे बड़ी बात हमारी माताओं, बहनों को सुविधा मिलेगी। पानी पर खर्च कम होने का सीधा सा मतलब है कि उनकी बचत भी बढ़ेगी।  

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साथियों, किसानों की आय बढ़ाने में पशुपालन और दूसरे व्यवसायों का भी बहुत बड़ा रोल है। पशुपालन हो, मछली पालन हो, मुर्गी पालन हो या मधुमक्खी का पालन, इन पर किया गया निवेश, ज्यादा कमाई कराता है। इसके लिए बीते 5 वर्षों में कृषि से जुड़े दूसरे विकल्पों पर हम कई नई अप्रोच के साथ आगे बढ़े हैं। पशुधन की गुणवत्ता और स्वास्थ्य से लेकर डेयरी प्रोडक्ट्स की वैरायटी को विस्तार देने के लिए जो भी जरूरी कदम थे वो उठाए गए हैं। दुधारू पशुओं की गुणवत्‍ता सुनिश्चित करने के लिए पहले राष्‍ट्रीय गोकुल मिशन शुरू किया गया और इस वर्ष देश भर के पशुओं की उचित देख-रेख के लिए कामधेनु आयोग बनाने का निर्णय हुआ है। इसी नई अप्रोच का परिणाम है कि पांच साल के दौरान दुध उत्‍पादन में करीब सात प्रतिशत की वृद्धि हुई है। साथ ही किसानों, पशु-पालकों की आय में इससे करीब 13 प्रतिशत की औसत बढ़ोत्‍तरी दर्ज की गई की है।

और मैं अपना एक अनुभव बताऊं अफ्रीका में एक छोटा सा देश है रवांडा। मैं पिछले वर्ष वहां गया था और वहां, यहां जो खबरें आईं उसको लेकर कुछ लोगों ने तूफान भी खड़ा कर दिया था कि मोदी जी ने रवांडा में जाकर के ढाई सौ गाय भेंट करने का कार्यक्रम किया लेकिन देश के सामने पूरी बात लाई नहीं गई। रवांडा जैसा देश, अफ्रीका का देश वहां एक अदभुत योजना चल रही है वहां की सरकार रवांडा में गांव के अंदर गाय भेंट देते हैं लोगों को और फिर उनका जो पहली बछड़ी होती है वो नियम है कि वो सरकार वापिस लेती है और जिसके पास गाय नहीं है उसको वो बछड़ी भेंट दी जाती है ये पूरा चेन चलता है और उनकी कोशिश है कि रवांडा के गांव में हर घर के पास गाय, पशुपालन, दूध उत्‍पादन और उसकी इकोनॉमी का आधार बने। बहुत ही बढि़या ढंग से उन्‍होंने इसका प्‍लान किया हुआ है। और मुझे भी रवांडा के गांव में जाने का मौका मिला। इस योजना का उद्घाटन करने का मौका मिला और वहां किस प्रकार से गांव के जीवन में पशुपालन और खास करके गाय के दूध के द्वारा रोजी-रोटी कमाने का पूरा नेटवर्क खड़ा कर दिया गया है। मैं अपनी आंखों से देखकर आया हूं। लेकिन हमारे देश का दुर्भाग्‍य है, कुछ लोगों के कान पर अगर ओम शब्‍द पड़ता है तो उनके बाल खड़े हो जाते हैं गाय शब्‍द पड़ता है तो उनके बाल खड़े हो जाते हैं उनको लगता है कि देश सोलहवीं-सत्रहवीं शताब्‍दी में चला गया। ऐसा ज्ञान देश को बर्बाद करने वालों ने, बर्बाद करने में कुछ नहीं छोड़ा है। और इसलिए हमारे भारत के ग्रामीण जीवन की अर्थव्‍यवस्‍था में पशुधन बहुत मूल्‍यवान बात है। कोई कल्‍पना करे कि क्‍या पशुधन के बिना अर्थव्‍यवस्‍था चल सकती है क्‍या, गांव चल सकता है क्‍या, गांव का परिवार चल सकता है क्‍या लेकिन पता नहीं कुछ शब्‍द सुनते ही करंट लग जाता है कुछ लोगों को।

साथियों, पशुधन को लेकर सरकार कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सरकार बनने के बाद सौ दिन में जो बड़े फैसले ले लिए गए हैं उनमें से एक पशुओं के टीकाकरण से जुड़ा हुआ है। इस अभियान को विस्‍तार देते हुए राष्‍ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम और कृत्रिम गर्भाधारण कार्यक्रम की शुरूआत की गई है।

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साथियों, आप सभी से भलीभांति जानते हैं कि पशुधन का बीमार होना कितना बड़ा झटका होता है। हमारे पशु बार-बार बीमार न हों उनके इलाज पर किसानों को बेवजह खर्च न करना पड़े, पशुपालक को खर्च न करना पड़े इसी सोच के साथ आज 13 हजार करोड़ रूपये के एक बड़े अभियान की शुरूआत की गई है। एफएमडी, यानी फूट एंड माउथ डिजीज उससे मुक्ति पूरा भारत इस बीमारी से पशुओं को मुक्‍त करें इसका एक व्‍यापक अभियान हम आरंभ कर रहे हैं।

एफएमडी, यानी फूट एंड माउथ डिजीज यानी हमारे उत्‍तर प्रदेश के गांव में कुछ इलाकों में उसके लिए शब्‍द प्रयोग रहता है मुंहपका। ये मुंहपका जो बीमारी है उससे बीमारी से मुक्ति का ये अभियान है। और आप हैरान हो जाएंगे दुनिया के कई देशों ने इस काम से अपने देश में अभियान चला करके पशुओं को इस बीमारी से मुक्ति दिला दी है। कई छोटे-छोटे देश गरीब देश उन्‍होंने ये काम कर दिया है। लेकिन दुर्भाग्‍य से इतनी सरकारें आ करके गईं इस अभियान को लिए बिना हम परिणाम प्राप्‍त नहीं कर पाए।

दुनिया के गरीब, छोटे देश अगर पशु को मुसीबत से बाहर निकाल सकते हैं तो श्रीकृष्‍ण की धरती पर कोई पशु ऐसी मुसीबत में जीना नहीं चाहिए और इससे मुक्ति के लिए 51 करोड़ गाय, भैंस, भेड़ बकरी और सुअरों को साल में दो बार टीके लगाए जाएंगे। इतना ही नहीं जिन पशुओं का टीकाकरण हो जाएगा उनको पशु आधार यानी यूनिक आईडी देकर कानों में टैग लगाया जाएगा। पशुओं को बाकायदा स्‍वास्‍थ्‍य कार्ड भी जारी किया जाएगा।

भाईयो-बहनों इन कार्यक्रमों का उद्देश्‍य बिल्‍कुल साफ है हमारा पशुधन स्‍वस्‍थ रहे, पोषित रहे और पशुओं की नई और उत्‍तम नस्‍लों का विकास हो, इसी रास्‍ते पर चलते हुए हमारे पशुपालकों की आय भी बढ़ेगी। हमारे बच्‍चों को उचित मात्रा में दूध भी उपलब्‍ध होगा और दुनिया के सबसे बड़े दूध उत्‍पादक के रूप में भारत की पहचान भी बनी रहेगी।

भाईयो और बहनों भारत के डेयरी सेक्टर को विस्तार देने के लिए, हमें Innovation की ज़रूरत है, नई तकनीक की जरूरत है। ये इनोवेशन हमारे ग्रामीण समाज से भी आए, इसलिए आज Startup Grand Challenge, मैं खास करके नौजवानों को कहता हूं। बेंगलौर, हैदराबाद में Startup पर काम करने वाले देश के होनहार नौजवानों को भी विशेष रूप से कहता हूं IIT में पढ़ने वाले होनहार छात्रों को भी विशेष रूप से कहता हूं, आइए Startup Grand Challenge के अंदर जिसकी आज मैं शुरुआत कर रहा हूं। आप उससे जुडि़ए और हमें समाधान खोजना है कि हरे चारे की उचित व्‍यवस्‍था कैसे हो, उन्‍हें भी पोषक आहार कैसे मिले। प्‍लास्टिक की थैलियों का सस्‍ता और सुलभ विकल्‍प क्‍या हो सकता है। ऐसे अनेक विषयों का हल देने वाले Startup शुरू होने चाहिए, शुरू किए जा सकते हैं और भारत सरकार आज उस चैलेंज को आपके सामने लॉन्‍च कर रही है। आइए नए-नए Ideas लेकर के आइए अरे देश की समस्‍याओं का समाधान देश की मिट्टी से ही निकलेगा, ये मेरा विश्‍वास है।

मैं अपने युवा साथियों को आश्वस्त करता हूं कि उनके Ideas पर गंभीरता से विचार होगा, उन्हें आगे बढ़ाया जाएगा और ज़रूरी निवेश की व्यवस्था भी की जाएगी। इससे रोज़गार के अनेक नए अवसर भी तैयार होंगे।

सा‍थियों, मथुरा सहित ये पूरा ब्रज क्षेत्र तो आध्‍यत्‍म और आस्‍था का स्‍थान है। यहां हेरीटेज टूरिज्‍म की असीम संभावनाए हैं। मुझे खुशी है कि योगी जी की सरकार इस दिशा में सक्रियता से काम कर रही है।

आज मथुरा, नंदगांव, गोवर्धन, बरसाना में सुंदरीकरण, beautification or connectivity से जुड़े अनेक प्रोजेक्‍ट का उद्घाटन और शिलान्‍यास किया गया है। यहां बनने वाली सुविधाएं सिर्फ यूपी के लिए ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए टूरिज्‍म को बहुत ताकत देने वाली है। बीते 5 वर्षों में टूरिज्‍म को जिस तरह से प्रोत्‍साहन दिया गया है उससे भारत की रैंकिंग में बहुत बड़ा सुधार आया है। कुछ ही दिन पहले टूरिज्‍म की ग्‍लोबल रैकिंग के परिणाम आए हैं इसमें भारत 34वें नंबर पर पहुंच गया है जबकि 2013 में भारत 65वें नंबर पर था। भारत की ये सु‍धरती हुई रैंकिग इस बात का भी गवाह है कि इस क्षेत्र में भी रोजगार के नए अवसर निरंतर बने रहे हैं।

सा‍थियों, 11 सितंबर का आज का दिन एक और वजह से विशेष है एक सदी पहले आज ही के दिन स्‍वामी विवेकानंद जी ने शिकागो में अपना ऐतिहासिक भाषण दिया था। उस भाषण के माध्‍यम से पूरे विश्‍व ने हिन्‍दुस्‍तान की संस्‍कृति, हमारी परंपराओं को और गहराई से समझा था। अपने संबोधन में स्‍वामी विवेकानंद जी ने विश्‍व शांति के लिए भारत का दर्शन भी सामने रखा था। लेकिन दुर्भाग्‍य देखिए, उसी 11 सितंबर को 9/11 को अमेरिका में इतना बड़ा आतंकी हमला किया गया कि दुनिया दहल गई।

भाईयो और बहनों, आज आतंकवाद एक विचारधारा बन गई है जो किसी सरहद से नहीं बंधी है ये एक ग्‍लोब्‍ल प्राब्‍लम है, ये ग्‍लोब्‍ल फेथ बन गया है, जिसकी मजबूत जड़े हमारे पड़ोस में फल-फूल रही हैं। इस विचारधारा को, आगे बढ़ाने वालों को, आतंकवादियों को पनाह और प्रशिक्षण देने वालों के खिलाफ आज पूरे विश्‍व को संकल्‍प लेने की जरूरत है, कड़ी कार्रवाई की जरूरत है। भारत अपने स्‍तर पर इस चुनौती से निपटने में पूरी तरह से सक्षम है। ये हमने दिखाया भी है और आगे भी दिखाएंगे। हाल में आतंक-निरोधी कानून को कड़ा करने का फैसला भी इसी दिशा में किया गया प्रयास है। अब संगठनों का नाम बदलकर आतंकी अपने कारनामों को नहीं छुपा पाएंगे।

भाईयो और बहनो, समस्‍या चाहे आतंक की हो, प्रदूषण की हो, बीमारी हो हमें मिलकर इनको पराजित करना है। आइए संकल्‍पबद्ध होकर आगे बढ़ें और आज जिस उद्देश्‍य के लिए हम यहां इकट्ठें हुए हैं, उनको हासिल करने का प्रयास करें एक बार फिर आप सभी को विकास की अनेक-अनेक नई-नई परियोजनाओं के लिए मेरी तरफ से बहुत-बहुत बधाई देता हूं। आप सभी का हृदय से बहुत-बहुत आभार व्‍यक्‍त करता हूं। मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए। दोनों हाथ ऊपर करके बोलिए...

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PM highlights Nari Shakti's transformative role in the journey towards a developed India
June 08, 2025
QuoteOver the last 11 years, the NDA Government has redefined women-led development: PM
QuoteVarious initiatives, from ensuring dignity through Swachh Bharat to financial inclusion via Jan Dhan accounts, the focus has been on empowering our Nari Shakti: PM

The Prime Minister, Shri Narendra Modi has highlighted the transformative role played by women in the journey towards a developed India, underlining the government’s focus on women-led development over the past 11 years.

The Prime Minister said that our mothers, sisters and daughters have seen times when they had to face difficulties at every step. But today they are not only participating actively in the resolution of a developed India, but are also setting examples in every field from education to business. Shri Modi further added that the successes of Nari Shakti in the last 11 years are a matter of pride for all citizens.

The Prime Minister noted that the NDA Government has redefined women-led development through a series of impactful initiatives. These include ensuring dignity through the Swachh Bharat Abhiyan, financial inclusion via Jan Dhan accounts, and empowerment at the grassroots level.

He cited Ujjwala Yojana as a milestone that brought smoke-free kitchens to several homes. He also highlighted how MUDRA loans have enabled lakhs of women to become entrepreneurs and pursue their dreams independently. The provision of houses in women’s names under the PM Awas Yojana has also made a remarkable impact on their sense of security and empowerment.

The Prime Minister also recalled the Beti Bachao Beti Padhao campaign, which he described as a national movement to protect the girl child.

Shri Modi affirmed that in all sectors- including science, education, sports, StartUps, and the armed forces-women are excelling and inspiring several people.

The Prime Minister shared these remarks through a series of posts on X;

"हमारी माताओं-बहनों और बेटियों ने वो दौर भी देखा है, जब उन्हें कदम-कदम पर मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। लेकिन आज वे ना सिर्फ विकसित भारत के संकल्प में बढ़-चढ़कर भागीदारी निभा रही हैं, बल्कि शिक्षा और व्यवसाय से लेकर हर क्षेत्र में मिसाल कायम कर रही हैं। बीते 11 वर्षों में हमारी नारीशक्ति की सफलताएं देशवासियों को गौरवान्वित करने वाली हैं।

#11YearsOfSashaktNari"

"Over the last 11 years, the NDA Government has redefined women-led development.
Various initiatives, from ensuring dignity through Swachh Bharat to financial inclusion via Jan Dhan accounts, the focus has been on empowering our Nari Shakti. Ujjwala Yojana brought smoke-free kitchens to several homes. MUDRA loans enabled lakhs of women entrepreneurs to pursue dreams on their own terms. Houses under the women’s name in PM Awas Yojana too have made a remarkable impact.

Beti Bachao Beti Padhao ignited a national movement to protect the girl child.

In all sectors, including science, education, sports, StartUps and the armed forces, women are excelling and inspiring several people.

#11YearsOfSashaktNari"