పార్లమెంటు కొత్త సమావేశాలు ప్రారంభమైనప్పుడు, కొత్త ఎంపీలు వసతి గృహాలను కనుగొనేంతవరకు చాలా ఇబ్బందులను ఎదుర్కొంటారు. ఈ సమస్యను అధిగమించడానికి కృషి చేస్తుందనుకు నేను సంతోషిస్తున్నాను: ప్రధాని
మాకు గొప్ప పార్లమెంటు సమావేశం ఉంది, దీని కోసం నేను ఎంపీలు, పార్టీలు మరియు ప్రిసైడింగ్ అధికారులను అభినందిస్తున్నాను: ప్రధాని
మేము 2022 లో 75 సంవత్సరాల స్వాతంత్ర్యాన్ని గుర్తించినప్పుడు, పార్లమెంటరీ కాంప్లెక్స్ ఆ గొప్పతనాన్ని ప్రదర్శించాలి: ప్రధాని మోదీ

लोकसभा के यशस्‍वी स्‍पीकर श्रीमान ओम बिरला जी, उपसभापति, राज्‍यसभा श्री हरिवंश जी, मंत्रीपरिषद के मेरे सहयोगी श्रीमान प्रहलाद जोशी जी, श्री हरदीप सिंह पुरी जी, हाऊस कमेटी के अध्‍यक्ष भाई सी. आर. पाटिल जी, श्रीमान ओम जी माथुर जी, उपस्थित सभी सांसदगण मंत्रीपरिषद के साथी और महानुभव।

आमतौर पर ये अनुभव आ रहा है कि जब नया सत्र शुरू होता है तब सांसदों को रहने की व्‍यवस्‍था की बहुत असुविधा रहती है। लंबे अरसे तक होटलस बुक करने पड़ते हैं। और जैसे-जैसे खाली होते हैं फिर उसको ठीक-ठाक करो, फिर रहो ऐसा चक्र चलता रहता है कि उसमें से बाहर आने का एक सुविचारित प्रयास जब व्‍यवस्‍थाओं को स्‍थायी रूप से कैसे विकसित करें और बदलते समय के अनुकूल व्‍यवस्‍थाएं कैसे विकसित करें और सांसद के लिए स्‍वयं को तो एक कमरे से ज्‍यादा की जरूरत नहीं होती है लेकिन सांसद के लिए सबसे बड़ा काम रहता है उसके क्षेत्र को लोग बहुत बड़ी मात्रा में आते हैं। दूर-दूर से आते हैं और आने वाले हर एक के मन में रहता है कि मेरे यहां रात को रूकने की यहां व्‍यवस्‍था हो जाए और सार्वजनिक जीवन जीने वाले लोगों को ये पता होता है कि जगह हो या न हो हम उसको नकार नहीं सकते।

अब इस समस्‍या को बाहर के लोगों के लिए अनुभव करना बड़ा मुश्किल होता है और सांसद को पता होता है कितनी बड़ी कठिनाईयां रहती हैं। और इसलिए गत सत्र से ही सुवैचारिक रूप से प्रयास हुआ है। दूसरा अनुभव ये भी आया है कि कुछ भवन बहुत पुराने हैं और समय रहते उसमें हर दिन कुछ न कुछ repairing करना पड़ता है। और उसके कारण व्‍यवस्‍था करने वालों को भी असुविधा होती है रहने वालों को भी असुविधा होती है, उसकी भी कोई व्‍यवस्‍था ठीक से हो जाए स्‍थायी रूप से इसका समाधान हो इस दिशा में भी प्रयास हो रहे हैं। आने वाले दिनों में और भी भवनों का काम हो जल्‍दी से हो।

सरकार अपने ही विभाग से इतने बढि़या ढंग से काम करे तो बाहर लोगों को आश्‍चर्य होता है कि अच्‍छा भई In-house भी इतना बढि़या काम होता है तो मैं विभाग के सब लोगों को बधाई देता हूं कि जिन्‍होंने इस काम को किया। आमतौर पर सरकारी काम का मतलब समय से देरी से होना, लोग हमेशा पूछते है कि भई कितना लेट चल रहा है। कब तक हो जाएगा हां कहते तो है पर कितना और समय लगाओगे। ये समय से पहले पूरा हुआ। सरकारी काम तो फिर कहते हैं कि भई बजट तो बढ़ता ही जाएगा ये तय किए हुए बजट से कम खर्चे में किया गया और क्‍वालिटी में कोई compromise नहीं किया गया तो समय की बचत, धन की बचत और सुविधाओं के विषय में सतर्कता बरती गई है तो इस प्रकार से भवन का निर्माण करने में जिन-जिन साथियों ने योगदान दिया है, शासन व्‍यवस्‍था के अधिकारियों ने जो-जो काम किया है वे सब अभिनंदन के अधिकारी हैं।

इस बार हमनें देखा होगा कि पार्लियामेंट बहुत उत्‍तम तरीके से perform किया है और उसके लिए सभी राजनीतिक दलों को क्रेडिट जाता है, सभी सांसदों को क्रेडिट जाता है और चेयर पर बैठने वाले महानुभावों को भी उतना ही क्रेडिट जाता है। लेकिन जाते-जाते दोनों सदन में से एक आवाज आई स्‍पीकर महोदय जी ने कहा, और उप-राष्‍ट्रपति जी ने भी सदन में कहा कि अब जब 2022 आजादी के 75 साल हो रहे हैं तो हमारा पार्लियामेंट का भी तो कुछ हाल बदलना चाहिए।

ये बात सही है कि मैं पिछले पांच साल से लगातार इस बात को सांसदों की तरफ से सुन रहा हूं मीडिया जगत के मित्र भी बार-बार कहते रहते हैं कि भईया अब बहुत पुराना हो गया कुछ बदल दीजिए। आधुनिक व्‍यवस्‍थाओं से विकसित किया जाए और जब सदन में से ही मांग आई है तो सरकार ने इसको गंभीरता से लिया है। इस प्रकार से इसी पार्लियामेंट का भवन का उपयोग करते हुए अंदर व्‍यवस्‍थाओं को कैसे आधुनिक किया जाए सके ताकि या फिर कोई और बनाना पड़े भवन तो उसका .... उस पर अधिकारी दिमाग अपना खपा रहे हैं और मैंने उनसे आग्रह किया है कि हो सके उतना जल्‍दी हो ताकि आजादी के 75 साल के साथ इस काम को भी अगर हम कर सकते हैं तो हमें करना चाहिए कर सकते हैं वैसे समय बहुत कम बचा है लेकिन फिर भी कोशिश करनी चाहिए। लेकिन मैं फिर एक बार सभी सांसदजनों को ये नई व्‍यवस्‍थाएं विकसित हो रही हैं उन सबको बहुत-बहुत बधाई देता हूं, शुभकामनाएं देता हूं।

मैं मंच पर बैठे हुए सभी महानुभाव उनका कुछ न कुछ इसमें योगदान रहा है। उनका भी बहुत धन्‍यवाद करता हूं

धन्‍यवाद साथियों....

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PM to participate in ‘Odisha Parba 2024’ on 24 November
November 24, 2024

Prime Minister Shri Narendra Modi will participate in the ‘Odisha Parba 2024’ programme on 24 November at around 5:30 PM at Jawaharlal Nehru Stadium, New Delhi. He will also address the gathering on the occasion.

Odisha Parba is a flagship event conducted by Odia Samaj, a trust in New Delhi. Through it, they have been engaged in providing valuable support towards preservation and promotion of Odia heritage. Continuing with the tradition, this year Odisha Parba is being organised from 22nd to 24th November. It will showcase the rich heritage of Odisha displaying colourful cultural forms and will exhibit the vibrant social, cultural and political ethos of the State. A National Seminar or Conclave led by prominent experts and distinguished professionals across various domains will also be conducted.