Our endeavour is Sabka Saath, Sabka Vikas: PM Modi

Published By : Admin | October 16, 2019 | 14:01 IST
It is the values of Veer Savarkar that we have put nationalism at the core of nation building: PM Modi in Akola
They do not want a United India but they want a divided India, an India fighting against each other: PM Modi on Opposition
Our endeavour is Sabka Saath, Sabka Vikas and in the past five years, we have taken great strides in this: PM Modi in Maharashtra
I urge you all to vote for the BJP and bring us back with an even higher majority, says PM Modi in Maharashtra
Narendra-Devendra formula super hit in Maharashtra, says PM Modi in Panvel

भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय। मुझे ऐसा लगता है कि आज महाराष्ट्र ने सारे रिकॉर्ड ब्रेक करने का तय कर लिया है। इस तरफ जहां मेरी नजर पहुंचती है लोग खड़े है, रोड के उस पार भी दिखते हैं शायद। अब मुझे बताइए, इधर से उधर तक इतनी बड़ी भीड़ और सामने भी तो फिर एनसीपी-कांग्रेस का क्या होगा। एक से बढ़कर एक रैलियां मैं देख रहा हूं जी, जितना स्नेह और प्रेम आज यहां देखने को मिल रहा है, जो उत्साह आप सभी में नजर आ रहा है उससे स्पष्ट है कि महाजनादेश किस तरफ जा रहा है। इस महाजनसागर को देखने के बाद विरोधियों के लिए संदेश साफ है, ‘फिर एक बार महायुती की सरकार’।

साथियो, ये छत्रपति वीर शिवाजी महाराज, भक्त प्रहलाद, ज्योराओ फुले, बाबा साहेब अंबेडकर ऐसे मनिषियों की धरती है, वीरों की धरती है। महाराष्ट्र ने देश को दिशा देने वाला नेतृत्व दिया है और ये काम अभी से नहीं बल्कि सदियों से ये हमारा महाराष्ट्र निरंतर करता आ रहा है। राष्ट्रवाद और राष्ट्रभक्ति को लेकर यहां से हर बार आवाज बुलंद हुई है लेकिन दुर्भाग्य की ये बात है कि कांग्रेस और एनसीपी के नेता महाराष्ट्र के इन्हीं संस्कारों को हर मौके पर, हर मंच पर, हर कदम पर ठेस पहुंचाने में लगे रहते हैं। लोकसभा के चुनाव में महाराष्ट्र के मेरे भाइयो-बहनो ने इनको स्पष्ट संदेश दिया है लेकिन ये आपकी भावनाओं को समझने के लिए भी तैयार नहीं हैं, ये समझ ही नहीं रहे हैं कि अब भारत में नामदारों की मनमानी से नहीं कामदारों की इच्छाशक्ति से काम होगा। ये समझ ही नहीं रहे हैं कि अब भारत में लटकाने-भटकाने वाली संस्कृति नहीं, तय समय पर विकास के काम पूरे करने वाली संस्कृति आज लोगों को मंजूर है लोग इसी को मानते हैं।

साथियो, ये देश की भावनाएं नहीं समझ रहे हैं लेकिन इन्हें देख भी रहा है और समझ भी रहा है और मौका आते ही हिसाब भी साफ कर देता है। हम सभी इनसे बार-बार निवेदन कर रहे हैं कि कम से कम राष्ट्रहित और राष्ट्ररक्षा के मुद्दों पर हम सभी देशवासियों का, सभी राजनीतिक दलों का, सभी नेताओं का एक ही सुर होना चाहिए, दुनिया को एक ही आवाज सुनाई देनी चाहिए-एक ही स्वर सुनाई देना चाहिए लेकिन हर बात में राजनीति की रोटियां सेंकने की आदत वाले ये नेता देशहित की, राष्ट्रहित की इतनी सीधी सरल बात को भी मानने को तैयार नहीं है। इसी दौरान मैंने सुना, अखबार में पढ़ने को भी मिला कि कांग्रेस पार्टी में अब नई ट्रेनिंग शुरू हो रही है, कहते हैं कि अब कांग्रेस के संगठन में राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ाया जाएगा, अब रोना कि हंसना कुछ समझ ही नहीं आ रहा है। इसका मतलब ये हुआ कि कांग्रेस पार्टी ने स्वीकार कर लिया है कि आज की कांग्रेस आजादी के दीवानों वाली, देशभक्तों वाली कांग्रेस नहीं है। परिवारवाद के बोझ के नीचे कांग्रेस का राष्ट्रवाद दब चुका है, परिवारभक्ति में ही कांग्रेस को राष्ट्रभक्ति नजर आती है और यही वजह है कांग्रेस आज लड़खड़ा रही है, अंतिम सांस ले रही है। इसी तरह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में सिर्फ दुनिया भर में जितने करप्शन के प्रकार हैं, सारे करप्शन के ही संस्कार आज वहां बचे हैं, राष्ट्रवाद की भावना कम होती जा रही है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण, ये लोगों को याद कीजिए आप, सर्जिकल स्ट्राइक के समय इन लोगों ने क्या बातें कहीं थीं, कौन सी भाषा बोली थी। मैं जरा आप से पूछना चाहता हूं, आप जवाब देंगे सब लोग, जवाब देंगे? क्या कभी कोई देशभक्त सर्जिकल स्ट्राइक का विरोध करेगा क्या, कर सकता है क्या? वीरों का अपमान कर सकता है क्या, हमारी सेना का अपमान कर सकता है क्या? इन्होंने किया, बेशर्मी के साथ किया। उसके बाद बालाकोट में एयर स्ट्राइक हुई, जब बालाकोट में एयर स्ट्राइक हुई फिर इन्होंने वही गीत गाना शुरू किया, वही राग अलापना शुरू किया और इनकी आदत जाती नहीं है और अब जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाने पर भी इनका रवैया राष्ट्र की भावना के बिल्कुल विपरीत है। मैं ये एनसीपी और कांग्रेस वालों को कहना चाहता हूं कि अगर 370 से इतना प्रेम है अगर आपको तो उसको जहां दफनाया गया है वहां जाकर के चादर उड़ा के आ जाओ। जमीन पर इन दोनों दलों के जो कार्यकर्ता हैं, विशेष तौर पर जो युवा साथी हैं वो भी अपने नेताओं की बात ना मानते हुए कहते हैं कि 370 और जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर देश की भावनाओं के साथ खड़ा होना चाहिए, मोदी के साथ खड़ा होना चाहिए तो ऐसे लोगों के मुंह पर ताले लगा दिए जाते हैं। लेकिन भाइयो-बहनो, ये सब इसलिए हो रहा है, कुछ नेताओं का अहंकार सातवें आसमान पर होने के कारण ना उनको देश दिखता है, ना देश का भला दिखता है, ना जनता दिखती है, ना जनता की भावनाएं दिखती हैं और इसलिए ये उल्टी बातें बोलते रहते हैं, ये उल्टी भाषा बोलते रहते हैं।

भाइयो-बहनो, यही कारण है कि बीते कुछ समय से अनेक जनाधार वाले नेता इन दोनों दलों को छोड़-छोड़ कर वीर शिवाजी के संस्कारों को सम्मान देने वाले महायुती के साथ खड़े हैं, आप देखिएगा जो वहां रह भी गए हैं वो भी 21 अक्टूबर को बूथ पर जाकर महायुती के पक्ष में ही मतदान करने वाले हैं, अब वहां कुछ बचा ही नहीं है। साथियों कांग्रेस और एनसीपी ने दिल्ली और महाराष्ट्र में लंबे समय तक एक साथ शासन किया है। हर काम में भागीदार हैं, अच्छा हो, बुरा हो, अब मैं गिनाना नहीं चाहता हूं अच्छा नहीं लगेगा लेकिन दोनों ने मिलकर ही किया है। लेकिन इन दोनों दलों की नीति, निष्ठा और नीयत में हमेशा खोट रहा है और इसका एक बहुत बड़ा नुकसान मराठवाड़ा को भी हुआ है। 2014 से पहले स्थिति ये थी कि योजना मराठवाड़ा के लिए बनती थी, नाम मराठवाड़ा के लोगों का लिया जाता था लेकिन विकास मराठवाड़ा का नहीं सिर्फ कुछ नेताओं का, उनके परिवारों का, उनके सिपहसालारों का, उनके रिश्तेदारों का, उनके चेले चपाटों का सिर्फ उन्हीं का भला होता था। मैं सच बता रहा हूं कि नहीं बता रहा हूं, मेरी बात सही है? तो ऐसे लोगों को बचने देना चाहिए क्या, ऐसी राजनीति चलती रहनी चाहिए क्या? साफ कर दोगे ना इस बार, पक्का, पूरी तरह? शाबाश। यही कारण है कि महाराष्ट्र को तीन-तीन मुख्यमंत्री देने के बावजूद मराठवाड़ा की स्थिति में खास अंतर नहीं आया। सड़क हो, पानी हो, अस्पताल हो, बिजली हो, ये बुनियादी चीजें, इन बुनियादी सुविधाओं के लिए भी यहां के लोगों को तरसते रहना पड़ा भाइयो-बहनो। मुख्यमंत्रियों का क्षेत्र होने के बावजूद यहां से विकास गायब रहा।

साथियो, उनके तीन मंत्रियों के कार्यकाल की तुलना और मैं चुनौती देता हूं, उनके तीन मुख्यमंत्रियों के कार्यकाल की चर्चा भाजपा के एक मुख्यमंत्री के कार्यकाल से कर लीजिए हम उनसे आगे निकल जाएंगे भाइयो। और मैं तो देख रहा हूं इस चुनाव में क्या होने वाला है, आपको मालूम है क्या होने वाला है, क्या लगता है आपको? मैं बताता हूं, वो एनसीपी की घड़ी है ना घड़ी उसमें दस पर एक बड़ा भाई खड़ा है और छोटा भाई दूसरे दस पर खड़ा है, मतलब कि बड़ा भाई भी दस सीट लेकर के आएगा और छोटा भाई भी दस सीट लेकर के आएगा, उनकी घड़ी में दिखा दिया है कि दस सीट बड़े भाई की, दस सीट छोटे भाई की, इससे आगे बढ़ने की संभावना नजर नहीं आई है। भाइयो-बहनो, आज मराठवाड़ा में क्या हो रहा है, आज यहां ग्रामीण सड़कों, स्टेट और नेशनल हाईवे से जुड़े करीब 50 हजार करोड़ रुपए के काम हो रहे हैं। संत गजानन महाराज के गांव से पंढरपुर को कनेक्ट करने के लिए परतूर से नेशनल हाईवे बन रहा है भाइयो-बहनो। मराठवाड़ा में लोड शेडिंग की परेशानी से राहत मिली है, यहां किसान हो या उद्योग, बिजली के कनेक्शन से लेकर बिजली की कीमत तक में राहत मिली है। जालना में ही ड्राई पोर्ट बन रहा है, टेक्सटाइल पार्क बन रहा है, इंस्टिट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी, ये सारी सौगात यहां आपके घर में आ रही है भाइयो-बहनो। इसके साथ ही ऑरिक सिटी के माध्यम से इंडस्ट्रियल टाउनशिप बन रही है, जिसका लाभ जालना को भी होने वाला है। एक प्रकार से सुविधा से लेकर के युवाओं के कौशल विकास और रोजगार के लिए यहां अनेक अवसर तैयार हो रहे हैं।

भाइयो-बहनो, सार्थक और सही विकास के लिए केंद्र और राज्य सरकार में तालमेल बहुत जरूरी है, नीयत साफ होना जरूरी है। महाराष्ट्र के सामान्यजन का विकास तब और तेज हो जाता है जब केंद्र के प्रयासों को यहां की सरकार आगे बढ़ाए, उनको विस्तार दे और ऐसा तभी होता है जब केंद्र और राज्य दोनों जगह ही राष्ट्रहित और जनहित को सर्वोपरि रखने वाली सरकारें हों। बीते पांच साल में केंद्र सरकार ने जो भी योजनाएं और कार्यक्रम बनाए, उनमें महाराष्ट्र में महायुती की सरकार ने मूल्यवृद्धि की वैल्यू एडिशन किया, उनका विस्तार किया। मैं आपको आज जो बातें जो याद करने जैसी हैं, उनको याद कराना चाहता हूं। प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना केंद्र ने शुरू की, इसके तहत महाराष्ट्र में माइक्रोइरिगेशन के लिए हजारों करोड़ रुपए दिए गए हैं। महाराष्ट्र सरकार ने तेजी के साथ इन योजनाओं पर तो काम किया ही, साथ ही जल संवर्धन के लिए जलयुक्त शिवार जैसे अभियान भी चलाए। इससे मराठवाड़ा सहित पूरे महाराष्ट्र में एक जल क्रांति शुरू हो गई, मराठवाड़ा में बन रहा वॉटर ग्रिड इसी जल क्रांति का हिस्सा है। गोदावरी को फिर से जलयुक्त करने का प्रयास भी इसी जल क्रांति का हिस्सा है। इस जल क्रांति से जालना को, पूरे मराठवाड़ा को बहुत लाभ होने वाला है और लंबे समय तक लाभ होने वाला है। आने वाले समय में यहां के सैंकड़ों गांवों को पर्याप्त पानी उपलब्ध होने वाला है। साथियो, सूखे की समस्या को मैंने बहुत नजदीक से देखा है, गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में भी और भारतीय जनता पार्टी का संगठन का जब काम करता था तब भी उस समय भी जो महाराष्ट्र में जो जल संकट था, उसको भी मैंने निकट से देखा है। हम सभी ने पानी के अभाव के कारण शेतकरी समाज को अपने पशुओं सहित पलायन के लिए मजबूर होते हुए भी देखा है। हम उन बहनों की पीड़ा के साक्षी भी रहे हैं जिनका पूरा दिन पानी के इंतजाम में ही बीत जाता है। यही कारण है कि अब भारत को सूखे के संकट से मुक्त और जलयुक्त बनाने का सपना हमने देखा है।

जल जीवन मिशन के तहत इस सपने को साकार करने के लिए देश अब जुट चुका है। आने वाले पांच वर्षों में इस मिशन पर साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए खर्च करने की योजना है। पानी के लिए साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए मेरे भाइयो-बहनो। इसके तहत पानी की बचत से लेकर घर-घर पानी पहुंचाने का संकल्प हमने लिया है। गांव-गांव में पानी के जो स्रोत हैं उनको जीवित करने का प्रण लिया है। ये काम आप सभी मेरे भाइयो-बहनो आपके सक्रिय सहयोग से पूरा होगा और मुझे पूरा विश्वास है आप वो लोग हैं, जिन्होंने पानी के अभाव का संकट झेला है और इसलिए मेरे पानी के अभियान में आप लोग जी-जान से जुड़ोगे ये मेरा विश्वास है, मेरा आप पर भरोसा है। भाइयो-बहनो, गरीबों की, शोषितों, पीड़ितों, वंचितों की आवश्यकताओं को समझ के उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए हम निरंतर काम कर रहे हैं। इसी सोच के साथ देश के इतिहास में पहली बार हर वर्ग, हर समुदाय को व्यापक सुरक्षा दे का काम हुआ है। देश के हर किसान परिवार के बैंक खाते में बिना बिचौलिए सीधी मदद किसान के खाते में पहली बार मिल रही है। छोटे किसानों, खेत मजदूरों, असंगठित क्षेत्र के श्रमिक, इन सभी साथियों को तीन हजार तक की पेंशन की सुविधा पहली बार मिल रही है।

 

देश के करीब 50 करोड़ गरीब परिवारों को आयुष्मान भारत के तहत 5 लाख तक के मुफ्त इलाज की सुविधा पहली बार मिल रही है और जब दुनिया के लोग सुनते हैं ना कि आयुष्मान भारत कोई उसको मोदी केयर कहता है, इतना बड़ा आंकड़ा सुनते हैं तो दुनिया के लोग चकित हो जाते हैं। अभी मैं जब अमेरिका में युनाइटेड नेशन्स में जब बोल रहा था, वहां के मीटिंग के अंदर और जब मैंने बताया कि अमेरिका की कुल जनसंख्या, कनाडा की कुल जनसंख्या, मैकिस्को की कुल जनसंख्या, इन तीनों देशों की कुल जनसंख्या से भी ज्यादा भारत में उन लोगों को आयुष्मान योजना का लाभ मिल रहा है। कल ही इस योजना के लाभार्थियों की संख्या 50 लाख पार कर गई है। एक रुपए महीना और 90 पैसे प्रतिदिन के मामूली प्रीमियम पर गरीब से गरीब को बीमा सुरक्षा कवर मिलना संभव हो पाया है। इतना ही नहीं, घुमंतू जनजातियों को, इन घुमंतू जनजातियों को पहचान मिले, उनको अपना पता मिले अड्रेस मिले इसके लिए पहली बार प्रयास किए गए हैं। सरकार का प्रयास है कि हमारे बंजारा समाज के को आसान बनाने वाली तमाम सुविधाएं मिल पाएं, इसके लिए विकास कल्याण बोर्ड बनाने का फैसला सरकार ने लिया है। मैं बंजारा समाज को आश्वस्त करता हूं कि उनकी हर मुश्किल, हर तकलीफ का अहसास सरकार को है और इनके समाधान के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।

साथियो, यही नहीं भाजपा और महायुती की सरकार ने जो भी योजनाएं बनाई हैं वो सर्वव्यापी हैं, सर्वसमावेशी हैं, सबका भला करने वाली है। गरीबों को आवास मिला तो वो हर पंथ, हर समाज के गरीबों को मिला, गैस का कनेक्शन मिला तो वो हर पंथ, हर मत, हर समाज की बहनों को मिला, मुफ्त बिजली का कनेक्शन मिला तो वो हर पंथ, हर संप्रदाय के गरीबों को मिला, शौचालय की सुविधा मिली तो हर गरीब परिवार को मिली। आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त इलाज की सुविधा भी हर गरीब को बिना किसी भेदभाव के मिल रही है। इतना ही नहीं मुस्लिम बहनों को तीन तलाक के दंश से मुक्ति दिलाने का काम भी भाजपा और महायुती की सरकार ने पूरा किया। कांग्रेस और एनसीपी ने मुस्लिम बहनों के न्याय के इस प्रयास को रोकने का हर संभव प्रयास किया लेकिन आज एक सख्त कानून बन चुका है और इस वजह से आज मुस्लिम बेटी खुश है, उस मुस्लिम बेटी की मां भी खुश है, उस मुस्लिम बेटी के पिता भी खुश है और उसका भाई भी खुश है। लेकिन अगर इससे वोट बैंक का सपना संजोने वालों को समस्या हुई है, वो दुखी हैं तो इसे भी देश देख रहा है, देश के लोग देख रहे हैं।

भाइयो-बहनो, सबका साथ-सबका विकास के इसी संकल्प को हमें मिलकर के मजबूत भी करना है और हर इंसान को न्याय भी देना है, संतोष भी देना है। भाइयो-बहनो, 21 अक्टूबर को क्या है? मतदान है, याद है लेकिन 20 अक्टूबर को रविवार है 21 अक्टूबर को सोमवार है, दो छुट्टी साथ में आ जाएगी तो आपका मन करेगा कि चलो दो छुट्टी साथ में आई है कहीं चले जाएं। ऐसा तो नहीं करोगे ना? देखिए 21 अक्टूबर को अपने गांव में, अपने घर में रहना है और ज्यादा से ज्यादा मतदान हो ये सुनिश्चित करना है क्योंकि लोकतंत्र का सबसे बड़ा उत्सव होता है चुनाव और चुनाव में मतदान करना अपने देश के गरीबों का भला करने के लिए उसको ताकत देना इससे बड़ा कोई सौभाग्य नहीं होता है। और इसलिए 21 अक्टूबर को आप सभी को सुनिशचित करना है कि हर बूथ पर भारी मतदान हो और हर बूथ में महायुती के उम्मीदवारों की प्रचंड विजय हो। करोगे ना, घर-घर जाओगे, एक-एक मतदाता को मिलोगे, वोट पक्का करोगे, ज्यादा से ज्यादा मतदान कराओगे, अगर पहले पोलिंग बूथ पर 700 वोट पड़ा था तो इस बार ज्यादा करोगे, लोगों को घर से ले जाओगे? देखिए ये करने वाला काम है। भारत माता की जय, भारत माता की जय, भारत माता की जय। बहुत-बहुत धन्यवाद।

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