The whole world looks upon India as a shining star: PM Modi
Whether it is the economy or defence, India’s capabilities have expanded: PM
India is a supporter of peace, but the country will not hesitate to take any steps required for national security: PM Modi
Corruption cannot be a part of New India. Those indulging in corruption will not be spared: Prime Minister

भारत माता की जय

भारत माता की जय

भारत माता की जय

भारत माता की जय

मंत्रिमंडल की मेरी सहयोगी, देश की प्रथम महिला जो रक्षा मंत्रालय को संभालती हैं। श्रीमती निर्मला सीतारमण जी, डॉ. सुभाष भामरे जी, तीनों सेनाओं के उच्‍च पदाधिकारीगण NCC के महानिदेशक, विदेशों से आए हुए हमारे मेहमान और NCC की महान परंपरा का हिस्‍सा आप सब मेरे युवा साथी। 

National Cadets Corps के गणतंत्र दिवस शिविर में एक बार फिर आपके बीच आना हर बार की तरह आनंदित कर रहा है। जब भी मैं आपके साथ बातचीत करने के लिए आता हूं तो अतीत की अनेक यादें मन मस्तिष्‍क में उभर आती हैं। जोश और अनुशासन ये जो दिन आप जी रहे हैं, मुझे भी इन क्षणों को जीने का अवसर मिला है। एक Cadet के तौर पर बिताए वो दिन आज तक मेरे संकल्‍प को, मेरी प्रेरणा को ऊर्जा दे रहे हैं। 

साथियों, इस कैंप का अपने आप एक गौरवशाली अतीत भी है और भविष्‍य को लेकर इसका बहुत बड़ा महत्‍व भी है। इस कैंप का हिस्‍सा बने आप सभी केडिटस को मैं बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूं। पिछले वर्ष जब मैं आपके बीच आया था तो मैंने आपसे कुछ आग्रह किया था। देश और समाज से जुड़े महत्‍वपूर्ण विषयों में सक्रिय योगदान के लिए आपसे अपील की थी। 

मुझे खुशी है कि बीते वर्ष NCC के Cadets ने अनेक महत्‍वपूर्ण कदमों के साथ खुद को जोड़ा। स्‍वच्‍छ भारत अभियान हो, digital transaction हो, बेटी बचाओ - बेटी अभियान हो, पर्यावरण से जुड़े मुद्दे हो। जन-जागरण के अनेक ऐसे मुद्दों को लेकर आपके प्रयास प्रशंसनीय हैं।  

विशेष तौर पर केरल में भीषण बाढ़ के बाद राहत और बचाव कार्यों में NCC के केडिटस का योगदान बहुत सराहनीय है। सहयोग और समर्पण का ये पाठ आपने यहां सीखा है उसको आपने केरल में मुश्किल में फसे स्‍वजनों को राहत देने में अमल में लाया। मुझे विश्‍वास है कि आप इसी प्रकार अपने दायित्‍वों को निभाते रहेंगे। 

साथियों, दो दिन पहले ही हमारे गणतंत्र ने 70वें वर्ष में कदम रखा है। पहले राजपथ पर और आज यहां पर आपके चेहरे की चमक और आपके अनुशासन की झलकियां नजर आईं और उन झलकियों में मुझे नए भारत का कदम ताल दिखता है। पूरे आत्‍मविश्‍वास के साथ सीना चौड़ा किए, मस्तिष्‍क को ऊंचा रखे, राष्‍ट्र के गौरव के लिए तत्‍पर ये असीम ऊर्जा उत्‍साह देने वाले होते हैं। आपका ये जोश, आपका ये उत्‍साह ही है जिसके कारण भारत आज नए आत्‍मविश्‍वास से भरा है। आज दुनिया कह रही है कि भारत न सिर्फ संभावनाओं से भरा हुआ देश है बल्कि उनको साकार भी कर रहा है।  

साथियों, देश की अर्थव्‍यवस्‍था हो या फिर दुश्‍मन से निपटने का हमारा सामर्थ्‍य, हर स्‍तर पर हमारी क्षमताओं का विस्‍तार हुआ है। हमारी सेना ने ये स्‍पष्‍ट संदेश दिया है कि हम छेड़ते नहीं हैं लेकिन किसी ने अगर छेड़ा तो हम उसे छोड़ते भी नहीं हैं। हम शांति के प्रबल समर्थक हैं। लेकिन राष्‍ट्र रक्षा के लिए कोई भी कदम उठाने में हम चूकेगें नहीं। यही कारण है कि बीते साढ़े चार वर्षों में देश की रक्षा और सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए अनेक महत्‍वपूर्ण फैसले लिए गए हैं।

 

साथियों, भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हुआ है जिसके पास जल, थल और नभ से परमाणु हमले और आत्‍मरक्षा करने की क्षमता है। इसके अलावा, दशकों से लटके पड़े लड़ाकू विमानों और आधुनिक तोपों से जुड़े समझौतेों को जमीन पर उतारा गया है। देश में भी मिसाइल से लेकर टैंक, गोला बारूद और हेलीकॉप्‍टर बनाए जा रहे हैं। मैं, आप युवा साथियों को आश्‍वस्‍त करता हूं कि आने वाले समय में हर वो बड़ा और कड़ा फैसला लिया जाएगा जो राष्‍ट्र की सुरक्षा के लिए जरूरी है। अगर राष्‍ट्र सुरक्षित रहेगा, सक्षम रहेगा तभी युवा अपने सपने साकार कर पाएगा। 

साथियों, आप यहां देश के अलग-अलग क्षेत्रों से आए हैं। आप में से अनेक छोटे-छोटे गांवों से और कस्‍बों से अलग-अलग पृष्‍ठभूमि से हैं। मुझे आप सभी के परिश्रम का अहसास है। आपके समर्पण का अहसास है। मैं आपको सिर्फ यही कहूंगा कि यही परिश्रम हम सभी को समृद्ध बनाता है। हमारी नींव को ठोस करता है। परिश्रम का क्‍या परिणाम होता है ये जानने के लिए NCC के आप केडिटस को बहुत दूर जाने की जरूरत नहीं है। आपके भीतर से ही अनेक साथियों ने हाल में ही अदभूत हौसला दिखाते हुए देश को गौरव के पल दिए हैं। 

पर्वतारोहण और ट्रेकिंग जैसी साहसिक गतिविधियां हों या फिर खेल के मैदान पर तिरंगा लहराने का काम, अनेक केडिटस आगे आए हैं। North East Directorate की Cadet हिमा दास को तो आज दुनिया गौरवपूर्ण रूप से जानने लगी है। धान के खेतों में दौड़ते-दौड़ते, खेतों की पगडंडियों पर संतुलन साधने हुए हिमा दास आज इस स्‍तर पर पहुंची है। अभाव को अवसर बनाते हुए हिमा ने पहले जूनियर एथिलेटिक चैपियनशिप में और फिर एशियाई खेलों में देश को गौरवान्वित किया है। ऐसी अनेक युवा प्रतिभाओं को जब मैं देखता हूं, जब उनसे मिलता हूं। मेरा भरोसा तो मजबूत होता ही है। इस भरोसे को और सशक्‍त करने की ऊर्जा भी मिलती है। 

साथियों, सपने देखना और आंकाक्षाओं को उड़ान देना यही युवा की पहचान होती है यही उसकी स्‍वाभाविक प्रवृति होती है। अपने सपनों और आंकाक्षाओं को और ऊंचा उड़ने दीजिए। अपने प्रयासों का पूरा विस्‍तार दीजिए। वर्तमान सरकार देश के हर युवा को हर सपने देखने वालों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर के खड़ी है और कदम से कदम मिलाकर के चलने के लिए तैयार है। नया भारत हर कर्मयोगी को सम्‍मान देगा, अवसर देगा। आप सभी साथी जब देश की work force में जाने के लिए तैयार है। तब मैं आपको ये भरोसा देना चाहता हूं। आपने किस परिवार में जन्‍म लिया, आपकी जान-पहचान किससे है, आपकी आर्थिक स्थिति कैसी है इसके आधार पर आपका भविष्‍य तय नहीं होता। आपका कौशल, आपका आत्‍मविश्‍वास, आपके पैर के छाले ही आपको परिणाम देने वाले हैं।      

साथियों, इस परंपरा को तोड़ने के लिए समाज में हर प्रकार के असंतुलन, असमानता को बांटने के लिए एक सार्थक प्रयास जरूरी है। वीआईपी नहीं ईपीआई यानी every person is important इस संस्‍कार को मजबूत करने का प्रयास लगातार हो रहे हैं। गाड़ी के ऊपर से लाल बत्‍ती हटाई गई है। अब दिमाग से भी इसको हटाने की कोशिश की जा रही है। आप आश्‍वस्‍त रहें आपके सपनों को आपकी आंकाक्षाओं को सिर्फ अभावों और परिस्थितियों के कारण समाप्‍त नहीं होने दिया जाएगा। 

साथियों, अवसरों की समानता की जब-जब बात आती है तो एक महत्‍वपूर्ण विषय हमारी बेटियों से भी जुड़ा है। मेरे सामने बैठे आप तमाम केडिटस चाहे वो बेटे हों या फिर बेटियां, आपके जोश में और आपके सामर्थ्‍य में कोई अंतर नहीं है। बेटियों को हर प्रकार के अवसर से जोड़ना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। बीते साढ़े चार वर्षों में बेटियों को work force में प्रोत्‍साहन देने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। श्रम, सेवा और उदयम के साथ-साथ देश के defence को भी हमारी नारी सशक्‍त कर रही है। इसके लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए गए हैं। पहली बार हमारी बेटियां fighter pilot बनी हैं। तारिणी के गौरव को पूरी दुनिया ने देखा है। अब सेना में भी बेटियों की भागीदारी को और मजबूत करने के लिए बड़ा फैसला लिया गया है। Military Police की total corps में 20 प्रतिशत की महिलाओं की भर्ती के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।  

साथियों, नारी शक्ति का दम बीते साढ़े चार वर्षों में राजपथ पर भी देखा है। पिछली बार महिला स्‍वॉट दस्‍ता राजपथ पर उतरा था तो इस साल देश के इतिहास में पहली बार महिला जवानों की पूरी टुकड़ी परेड में शामिल हुई है। देश तो ये भी पहली बार देखा कि पुरुष टुकड़ी का नेतृत्‍व एक बेटी ने किया है। बेटियां समाज के हर क्षेत्र में लीड करें, इसके लिए बेहतर माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा है। बीते साढ़े चार वर्ष की पूरी तस्‍वीर को आप देखेंगे तो आपको आश्‍वासन मिलेगा कि अब नारी सशक्तिकरण बेटियों की उपयुक्‍त भागीदारी पर चर्चा नहीं एक्‍शन हो रहा है। 

साथियों, अवसरों की समानता के रास्‍ते में भ्रष्‍टाचार भी एक बहुत बड़ी बाधा है। घूसखोरी, भाई-भतीजावाद, अपना-पराया हमारी व्‍यवस्‍था में इनके लिए कोई स्‍थान होना नहीं चाहिए।     

भ्रष्‍टाचार, नये भारत का संस्‍कार हो ही नहीं सकता। मेरा और मेरी सरकार की सोच और action दोनों इस बात के साक्षी है कि भ्रष्‍ट आचरण करने वाला, कितना भी बड़ा हो, कितना भी ताकतवर क्‍यों न हो, कोई भी नहीं बचेगा। अपनी पहुंच से प्रक्रियाओं को प्रभावित करने वालों को, दलालों और बिचौलियों के माध्‍यम से हर फैसले, हर फाइल की बोली लगाने वालों को, गरीब से गरीब व्‍यक्ति के हक को लूटने वालों की सफाई करने में मैं पूरी क्षमता और ईमानारी से जुटा हूं। 

साथियों, आज सरकार जो कुछ भी कर पा रही है, उसके पीछे आप सभी युवा साथियों का सक्रिय योगदान है। स्‍वच्‍छ भारत से देश में स्‍वच्‍छता का आंदोलन आपने आगे बढ़ाया। नोटबंदी जैसे कड़े फैसले से भ्रष्‍टाचार के विरूद्ध लड़ाई को आपने समर्थन दिया। डिजिटल इंडिया के माध्‍यम से ईमानदार और पारदर्शिता व्‍यवस्‍था बनाने में आपकी बहुत बड़ी भूमिका है। यानि हर योजना को आपने सरकार बनने से बचाया है। एक और आग्रह आपसे है, देश की विरासत, देश के राष्‍ट्र नायकों की स्‍मृति से जुड़ा हुआ बीते तीन चार वर्षों में यहां दिल्‍ली में ऐसे अनेक और पवित्र स्‍थल बनाये गये हैं, जहां आप जाएंगे तो बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। हो सकता है आप में से कुछ लोग इन जगहों पर हो आए हों। लेकिन फिर भी आपको इनके बारे में बताना चाहता हूं। जैसे अभी हाल में ही लाल किले में क्रांति मंदिर का लोकार्पण किया गया है। यह क्रांति मंदिर नेताजी सुभाष चंद्र बोस को समर्पित है। जब आप वहां जाएंगे तो आपको यह भी जानकारी मिलेगी कि आजाद हिन्‍द फौज और लाल किले का क्‍या संबंध है। इसी तरह पिछले साल राष्‍ट्रीय पुलिस स्‍मारक का भी लोकार्पण हुआ है। देश के आंतरिक इलाकों में कानून व्‍यवस्‍था को बनाए रखने के लिए शहीद हुए हजारों पुलिस और सुरक्षाबलों की स्‍मृति में इस स्‍मारक का निर्माण हुआ है। आप सभी अलीपुर रोड पर बने बाबा साहेब भीम राव अम्‍बेडकर के परिनिर्वाण स्‍थल पर भी जा सकते हैं।

साथियों, यह जगह है दिल्‍ली की नई पहचान बन रही है। सरदार पटेल का नया स्‍मारक दिल्‍ली में बना है। डिजिटल म्‍यूजियम बनाया गया है। इन जगहों पर आपको इतिहास से जुड़ी, अनेक महान व्‍यक्तित्‍वों से जुड़ी जानकारियां तो मिलेगी ही देश के लिए काम करने की, समाज के लिए काम करने की एक नई ऊर्जा भी मिलेगी। मुझे विश्‍वास है कि आपकी इस ऊर्जा से New India का नया जोश और बुलंद होगा। आने वाले महीने में एक और नजराना और एक प्रेरणा स्‍थल लम्‍बे इंतजार के बाद देश को सुपुर्द होने वाली है। आजादी के बाद देश के लिए मरने-मिटने वाले हमारे वीर जवान, हमारे सेना के जवान एक राष्‍ट्रीय स्‍तर का War Memorial देश की इसकी प्रतीक्षा कर रहा था, देश के जवान प्रतीक्षा कर रहे थे। वीरों के परिवारजनों की स्‍वाभाविक प्रतीक्षा, लम्‍बे अरसे से वो भी अटका पड़ा था। यह काम सालों पहले होना चाहिए था। लेकिन सरकार में आने के बाद हमने वाले फैसला लिया अब वो पूर्णता पर है और फरवरी महीने में देश के वीर, बलिदानियों जिन्‍होंने उच्‍च बलिदान दिया है, सर्वोच्‍च बलिदान दिया है, ऐसे वीरों की स्‍मृति में भारत के एक राष्‍ट्रीय स्‍तर का war memorial करीब-करीब तैयार हो चुका है। फरवरी के महीने में उसे भी लोकार्पण करने का अवसर मिलेगा और देश के हमारे वीर जवानों को सम्‍मानित करने का सौभाग्‍य मिलेगा। मैं फिर एक बार आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। यह अवसर हमारी सोच को बदलता है, महीने भर का यह वास्‍तव्‍य एक प्रकार की हमारी हर सोच को राष्‍ट्रीय स्‍तर पर ले जाती है। हर सोच में हम हमारे देश के लिए क्‍या सोचते हैं। सिर्फ अपना गांव, अपना मोहल्‍ला, अपनी जाति, अपनी बिरादरी नहीं देश के संदर्भ में सोचने के लिए यह अवसर देता है। किसी भी देश का बड़ा बनना, आगे बढ़ना इस बात पर निर्भर हैं कि वहां के लिए समाज व्‍यवस्‍था में एकता का सूत्र कैसे बंधे हुए लोग हो। उस राष्‍ट्र की प्रगति का दूसरा आधार है वो कितना आशावादी है, कितनी आकांक्षाओं से भरा हुआ है। निराशा की गर्त में डूबा हुआ समाज न कभी खुद को ऊपर ले जा सकता है, न देश को ऊपर ले जा सकता है। आज मैं गर्व के साथ कहता हूं सवा सौ करोड़ हिन्‍दुस्‍तानी नयी आशाओं और आकांक्षाओं से भरे हुए, और इसके कारण मुझे लगता है कि मेरा देश नई ऊंचाईयों को पार करके रहेगा। सपनों को साकार करके रहेगा। और जिन सपनों को ले करके आजादी के दीवानों ने, आजादी की जंग लड़ी थी, उन सपनों को पूरा करने का वक्‍त अब शुरू हो चुका है। आइये, हम सब मिल करके भारत माता की जयकार का गान करते हुए उन सपनों को एक नई ऊर्जा दें, नयी ताकत दें, नया संकल्‍प करे। मेरी साथ बोलें -

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

भारत माता की जय।

बहुत-बहुत धन्‍यवाद।

Explore More
78వ స్వాతంత్ర్య దినోత్సవ వేళ ఎర్రకోట ప్రాకారం నుంచి ప్రధాన మంత్రి శ్రీ నరేంద్ర మోదీ ప్రసంగం

ప్రముఖ ప్రసంగాలు

78వ స్వాతంత్ర్య దినోత్సవ వేళ ఎర్రకోట ప్రాకారం నుంచి ప్రధాన మంత్రి శ్రీ నరేంద్ర మోదీ ప్రసంగం
PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII

Media Coverage

PLI, Make in India schemes attracting foreign investors to India: CII
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।