The Centre and States are now working together to fulfil the objective of cooperative federalism: PM
Only resources cannot lead to success of initiatives, resolve is needed: PM Modi
New thermal plant in Telangana will help revive shortage of electricity supply in the state: PM
New railway lines have been laid to connect regions of Telangana to entire India: PM
Fertilizer unit in Telangana will cater to farmer needs; give boost agriculture sector in the state: PM
India is a diverse country. Our unity must be our priority: PM Modi
Solutions to all problems lie in development: PM Modi

विशाल संख्या में पधारे मेरे भाइयों और बहनों।

मेरे प्यारे भाइयों बहनों तेलंगाना बनने के बाद ये मेरी पहली Visit है और हिन्दुस्तान में तेलंगाना सबसे छोटी उम्र का राज्य है। सिर्फ दो साल हुए हैं। लेकिन दो साल की इतनी छोटी आयु में तेलंगाना ने जन आकांक्षाओ की पूर्ती के लिए, जन सामान्य की आवश्यकताओं के लिए जिस प्रकार से कदम उठाए हैं उससे मुझे विश्वास है कि जिस इरादे से तेलंगाना बनाया गया तेलंगाना के लोग तेलंगाना की सरकार उन सारे संपनों को पूरा कर के रहेगी। ऐसा मेरा विश्वास है।

आज मुझे पंचशक्ति के दर्शन हुए। इस पंचशक्ति में शरीक होने का अवसर मिला जिसमें पानी भी है, प्रकाश भी है, परिवहन भी है, एक साथ पांच प्रकल्प और वो भी भारत सरकार और तेलंगाना सरकार मिलकर के और यही तो Cooperative Federalism है। एक समय था भारत में हमेशा केन्द्र और राज्य के बीच तनाव की भाषा का उपयोग होता था। आज ऐसा वक्त आया है कि केन्द्र और राज्य मिलकर के भारत को नई ऊंचाइयों में ले जाने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर के काम कर रहे हैं। अभी Parliament में आजादी के बाद सबसे बड़ा आर्थिक Reform का काम हुआ। उसमें श्रीमान चन्द्रशेखर राव और उनकी पार्टी ने भरपूर समर्थन किया। इसके लिए मैं उनका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं।

आज मैं यहां देख रहा हूं कि भारत सरकार और तेलंगाना मिलकर के बिजली का काम हो, Fertilizer का काम हो, रेल का काम हो, पानी का काम हो, एक साथ मिलकर के बढ़ने कि दिशा में कदम उठा रहे हैं। यही रास्ता है, जो देश को आगे बढ़ाएगा। और मैं एक बात कहूंगा। चन्द्रशेखर राव मुख्यमंत्री बनने के बाद मुझे जितनी बार मिले हैं, हर बार उन्होंने तेलंगाना की विकास की बात की है। हर बार उन्होंने पानी के विषय में, इतने Emotional होकर के वो बाते करते थे। ऐसा लग रहा था कि पानी उनके जीवन का बहुत बड़ा मिशन बन गया हो। एक बार मेरे पास आए बोले, “मोदी जी मैंने मेरी टीम गुजरात भेजी थी। और कच्छ में आपने कैसे पानी पहुंचाया है। उसका अध्ययन करने के लिये गए थे। और जहां-जहां पानी का अच्छा काम हुआ है। मैं उसका अध्ययन कर रहा हूं। और मैं पूरे तेलंगाना में पीने के पानी के लिए एक दीर्घकालीन योजना बनाऊंगा और घर-घर पानी पहुंचाऊंगा|”

कुछ लोगों की सोच ऐसी है, कि संसाधनों से सब योजनाएं सफल होती है। ये सही है कि संसाधन तो लगते ही लगते हैं। लेकिन सिर्फ संसाधनों से सफलताएं नहीं मिलती संकल्प भी होना चाहिए और जब संकल्प होता है तो जनसामान्य जुड़ जाता है और तब जाकर के सफलताएं प्राप्त होती है। आज काम का शुभारम्भ हुआ है। लेकिन मुझे विश्वास है कि काम आगे बढ़ेगा।

भारत सरकार ने भी एक सपना देखा है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना। हमारे देश के किसान को अगर पानी मिल जाए, तो मिट्टी में से सोना पैदा करने की ताकत रखता है। और इसलिए पूरे देश में पानी पहुंचाना एक वृहत काम जहां-जहां Water Resources हैं, जहां-जहां catchment Area है, जहां-जहां Command Area है और सालों से अटकी पड़ी योजनाएं हैं। पिछले दिनों हमनें Cabinet में इन योजनाओं का निर्णय किया है। आने वाले दिनों में देश के किसानों को पानी पहुंचाने की दिशा में एक अहम भूमिका अदा करेगा। भारत का गांव भारत का Agriculture Sector ये हमारी आर्थिक ताकत है। उस ताकत को बल देना उसे हम प्राथमिकता के आधार पर ध्यान दे रहे हैं। लेकिन मैं यह भी कहना चाहूंगा कि तेलंगाना की धरती से देशवासियों को भी कहना चाहूंगा। जब पानी होता है तब हमें कभी पानी का मूल्य समझ नहीं आता है। बहुत प्यास लगी हो और दूर तक कहीं पानी नजर न आता हो, तो इंसान का हाल क्या होता है। जब पानी नहीं होता है तब पता चलता है। लेकिन जब पानी होता है तब सबसे ज्यादा उदासीनता उसके प्रति होती है। और इसलिए ये हमारा नागरिक धर्म है कि हम पानी को बचाएं। अगर पानी बचेगा तो पानी पहुंचेगा और अगर पानी पहुंचेगा तो एक नई जिन्दगी प्राप्त होती है। और इसलिये वर्षा का एक-एक बूंद पानी कैसे बचाया जाए।

आपमें से किसी को अगर पोरबंदर महात्मा गांधी के जन्म स्थान पर जाने का सौभाग्य मिला हो, तो मेरा आपसे अनुरोध है कि कभी जाने का मौका मिले तो कभी एक बार जरूर देखिए कहां पर महात्मा गांधी जन्मे थे वहां तो आप नमन करेंगे और फूल भी चढ़ाएंगे। लेकिन वहां पर आज से 200 साल पहले वर्षा का पानी बचाने के लिए हर घर में क्या व्यवस्था रहती थी। जमीन में पानी का कैसा टैंक रहता था। साल भर पानी खराब न हो जाए। उसके लिए क्या टैक्नॉलॉजी होती थी। 200 साल पुरानी वो व्यवस्था आज भी महात्मा गांधी के जन्म स्थान को देखने जाएंगे, तो देखने को मिलती है। 200 साल पहले पानी का संकट नहीं था। उस समय भी हमारे लोग पानी के महत्व को समझते थे और आज तो पूरी दुनिया पानी के संकट से गुजर रही है। तब हमारा दायित्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। और इसलिए इस योजना के तहत सिर्फ पानी पाने का आनन्द नहीं होना चाहिए। पानी को प्रसाद की तरह संभालने का भी दायित्व का भाव बढ़ता चला जाना चाहिए। तब जाकर के लाभ होगा।

आज यहां एक बिजली के कारखाने का शिलान्यास हुआ। एक बिजली के कारखाने का लोकार्पण हुआ। जो राज्य कभी बिजली की कमी से जूझते थे। Shortfall था। आज मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि भारत सरकार और हमारे पीयूष गोयल जी और उनके मंत्रालय ने दो साल में ऐसी स्थिति पैदा की है कि जो राज्य बिजली के कमी के कारण परेशान थे ऐसे राज्यों को भी बिजली सम्पन्न स्टेट बना दिया गया है। अगर इरादा नेक हो, सामान्य मानवी की आवश्यकताओं की पूर्ती करने का इरादा हो, तो समस्याओं के समाधान भी निकल आते हैं। और अभी पीयूष जी मुझे बता रहे थे कि पहले अगर तेलंगाना को बिजली खरीदनी होती थी तो एक यूनिट का करीब-करीब ग्यारह साढ़े ग्यारह रुपया लगता था। यूनिट का ग्यारह साढ़े ग्यारह रुपया भाइयों बहनों आज भारत सरकार ने जिस प्रकार से बिजली में रिफॉर्म किये। बिजली के उत्पादन को बढ़ाया।

Transition Line में खर्चा किया। सारा संतुलित कारोबार किया। उसका परिणाम यह है कि आज कुछ समय पहले जो बिजली यूनिट ग्यारह साढ़े ग्यारह रुपया में मिलती थी। आज मैं आज इसी वक्त इसी तारीख एक रुपया दस पैसे में मिलती है। राज्य के खजाने का कितना पैसा बचेगा। राज्य के खजाने में पैसा आएगा, तो राज्य के लोगों की भलाई के लिए कितना काम आएगा। इसका आप भली भांति अंदाज कर सकते हैं। इसलिये भाइयों बहनों बिजली में हम Nuclear Power पर बल दे रहे हैं। Hydro पर बल दे रहे हैं। Solar पर बल दे रहे हैं। क्योंकि पानी, प्रकाश ये जिन्दगी की सबसे बड़ी अनिवार्यता होती है। और दोनों चीजें प्रमात्मा से मिलती है। पानी भी परमात्मा की कृपा से आता है और प्रकाश भी सूरज देवता की कृपा से आता है और इसलिए Solar Energy पर बल दिया है।

मैं अभी मुख्यमंत्री जी से बात करते बता रहा था कि आपका जो पानी पहुंचाने का प्रयोग है इसको Solar Energy के साथ Attach कीजिए। ताकि पानी पहुंचाने का पूरा प्रयोग बिजली के खर्च से मुक्त हो जाएगा। तो वो Economically viable बनाने में सुविधा होगी। एक जमाना था, देश में एक हजार मेगावॉट से भी कम Solar Energy थी। एक हजार से भी कम आज दो साल के भीतर-भीतर वो तीन हजार मेगावॉट से भी ज्यादा हो गई है। काम की गति कितनी तेज है। काम का Quantum कितना बड़ा है। इसका आप अंदाज कर सकते हैं।

आज यहां बहुत वर्षों से जिस रेल लाइन की आप मांग कर रहे थे। आज इस रेल लाइन का शिलन्यास हो रहा है। कितने ही प्रधानमंत्री आकर गए। अपने भी आए बाहर के भी आए। हर बार हर सांसद ने इस रेल लाइन के लिए हर सरकार से मांग की। लेकिन कभी भी दूर-दूर तक रेल लाइन नजर नहीं आई। आज के युग में विकास के लिए Connectivity बहुत आवश्यक है। Infrastructure का आर्थिक रूप है। और इसलिए हम पूरे देश में आर्थिक विकास को और रेल Connectivity को जोड़कर के आगे करने का प्लान कर रहे हैं। पहले तो रेल की स्थिति ऐसी थी कि चार एमपी इकट्ठे होकर के जरा आवाज करें, तो रेल मंत्री कह देते अच्छा ठीक है एक डब्बा तुम्हें दे देते हैं। चार एमपी और मिल जाए तो कह देते थे कि ठीक है यहां पर तुमको स्टोपिज दे देंगे। रेल ऐसे ही चलती है। हमने आमूलचूल परिवर्तन किया। देश के आर्थिक विकास को ध्यान में रखते हुए। जन सामान्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए। रेल का Nationalize करते हुए रेल को हम आगे बढ़ाना चाहते हैं। और आज इस योजना के तहत रेल का प्रोजेक्ट तेलंगाना की लंबे अरसे की मांग थी इसको हम आज पूरा कर रहे हैं। और मुझे विश्वास है कोई अगर रुकावट नहीं आई तो समय सीमा में इस रेल प्रोजेक्ट को भी पूरा कर देंगे। और यहां की जनसामान्य की आवश्यकताओं की आज तेलंगाना के इतिहास में पहली बार और सबसे पहला Fertilizer का कारखाना उसका शिलान्यास हुआ है।

तेलंगाना के पास Fertilizer का कोई कारखाना नहीं है। किसान को यूरिया चाहिए। किसान को खाद चाहिए। अगर खाद का उत्पादन नहीं होगा, तो खाद की बढ़ती हुई मांग है Fertilizer की बढ़ती हुई मांग है उसका हम पूरा नहीं कर सकते। पहले किसानों को खुश करने के लिए Fertilizer में इतनी सब्सिडी देंगे ऐसी घोषणाएं होती थी। अखबारों में छप जाती थी। चुनाव निकल जाते थे। राजनेताओं का काम हो जाता था। लेकिन मेरा किसान वहीं का वहीं रह जाता था। क्यों सब्सिडी की घोषणा तो होती थी लेकिन Fertilizer ही नहीं मिलता तो फिर सब्सिडी कहां मिलेगी। यही कारोबार है। भाइयों बहनों हमने बल दिया है किसान को Fertilizer पहुंचाना है। और किसा कालेबाजारी में Black Marketing में Fertilizer खरीदने के लिए मजबूर होता था। यूरिया खरीदने के लिए मजबूर होता था। कुछ प्रदेशों में तो रात रात से Fertilizer खरीदने के लिए लोगों को कतार में खड़ा रहना पड़ता था। कभी-कभी पुलिस लाठी चार्ज करती थी। और तब भी Fertilizer नहीं मिलता था। और जब मैं मुख्यमंत्री बना तो ज्यादातर मुख्यमंत्रियों की चिट्ठी मुझे पहली जो मिली वो चिट्ठी क्या मिली की साहब सीजन है यूरिया की कमी पड़ रही है। हमारे राज्य को इतना यूरिया दीजिए। करीब-करीब सभी राज्य प्रधानमंत्री को यूरिया के लिए चिट्ठी लिखते थे। आज मैं बड़े संतोष के साथ कह सकता हूं। आज मेरे किसान भाइयों बहनों के सामने सर झुका कर के कह सकता हूं कि पिछले एक दो साल से किसी भी मुख्यमंत्री को यूरिया के लिए चिट्ठी नहीं लिखनी पड़ी।

हमारे श्रीमान अनन्त कुमार जी के नेतृत्व में Fertilizer के क्षेत्र में हम एक नई क्रांति लाए हैं। नीम कोटिंग यूरिया इसके कारण यूरिया में वो ताकत आई है। जो जमीन का लाभ करती है जो जमीन का भला करती है। नीम कोटिंग के कारण यूरिया में वो ताकत आई है। जिसके कारण यूरिया की जो चोरी होती थी। और कैमिकल फैक्टरियों में चला जाता था। सब्सिडी का बिल फटता था किसानों के नाम पर कुछ लोगों के जेब में सब्सिडी चली जाती थी। और Fertilizer Chemical वोलों के कारखानों में सस्ते दाम पहुंचता था। वो अपना कैमिकल बनाकर के दुनिया में बेचते थे। किसान बेचारा वहीं का वहीं रह जाता था। नीम कोटिंग करने के कारण अब कोई कैमिकल फैक्टरी वाले के लिए एक ग्राम यूरिया भी काम नहीं आ सकता है। भ्रष्टाचार भी गया, चोरी भी गई, सरकारी खजाना लूटा जाता था वो भी बंद हो गया। और किसान को यूरिया आसानी से मिलना शुरू हो गया। आजादी में पहली बार Fertilizer के दाम कम हुए। एक-एक बोरी पर दो सौ रुपया, ढाई सौ रुपया पहली बार संभव हुआ।

भाइयों बहनों अगर समाज के भलाई के लिए काम करते हैं किसानों के गांव के भलाई के लिए काम करते हैं तो किस प्रकार से परिवर्तन लाया जा सकता है। अगर यूरिया इसी को स्टडी बनाकर के स्टडी कर ले तो उसको ध्यान में आएगा कि एक अच्छी सरकार होती है और जैसे अभी चन्द्रशेखर राव भारत सरकार की ईमानदारी की भरपूर तारीफ कर रहे हैं। वे स्वयं भारत सरकार में रहे हैं। उन्होंने भारत सरकार को निकट से देखा है। वे भारतीय जनता पार्टी के नहीं है। वह कह रहे हैं कि सालों के बाद दिल्ली में एक ईमानदार सरकार बैठी है उसका परिणाम ये आता है। उसका परिणाम ये आता है। लेकिन भाइयों बहनों हमारी कृषि को हममें बहुत ही बदलाव की आवश्यकता है। ये Fertilizer वगैरह एक रास्ता है लेकिन हमारी इस धरती माता की तबियत का भी तो खयाल करना पड़ेगा। अगर ये धर्ती माता बीमार रही तो कितने ही नए नए संशोधन होगें। लेकिन कभी न कभी ये मां हमसे रूठ जाएगी। और किसान के लिए तो धरती मां से बड़ी कोई मां नहीं होती। और इसलिये हमने सोइल हेल्थ कार्य के द्वारा इस धरती मां की चिंता की है। उसकी कमियां हों तो कैसे पूरा किया जाए। उसकी शक्ति है तो कैसे उपयोग किया जाए। उस पर बल देने का प्रयास किया है।

इन दिनों गाय के नाम पर बड़ी चर्चा चल रही है। लेकिन हिमाचल के हमारे गवर्नर साहब है। वे स्वयं कृषि में अनेक प्रयोग करने वाले व्यक्ति है। उन्होंने एक बड़ा अभियान चलाया है हिमाचल में जो गाय लोगों ने छोड़ दी है। ऐसी गायों को वो पकड़-पकड़ के किसानों को दे रहे हैं। दूध नहीं देने वाली गाय किसानों को दे रहे हैं। और किसानों को कहते हैं के आप अपनी खेती के साथ गाय को जोड़ दीदिए। गाय का मलमूत्र आपकी खेती में एक नई ताकत देगी। उन्होंने स्वयं ये प्रयोग किये हैं। सफल प्रयोग किये हैं। और इसलिये जो भी गौ भक्ति में विश्वास करते हैं। जो भी गौ सेवा में विश्वास करते हैं। इन सबसे मेरा आग्रह है कि हम गाय को कृषि के साथ जोड़ें। Agriculture के साथ गाय को जोड़ें। गाय कभी भी बोझ नहीं बनेगी। और महात्मा गांधी गाय के लिए एक बढ़िया बात बताते थे। महात्मा गांधी कहते थे कि हमारी मां हमें बचपन में कुछ समय तक दूध पिलाती है। हमें पालती है। लेकिन गाय मां हमें जीवन भर दूध पिलाती है और हमारा पालन पोषण करती है। गाय मां आगे भी मृत्यु के बाद भी मनुष्य के काम आती है जिस प्रकार से पेड़ और पौधे एक Wealth है सम्पत्ति है। वैसे हमारे Cattle भी Wealth है सम्पत्ति है। उसका एक उचित रूप से आयोजन करके राष्ट्र के उसके आर्थिक विकास से जोड़कर के आवश्यकता है। और कभी-कभी चिंता भी सताती है। जो लोग समाज के ताने बाने को तोड़ने में तुले हुए हैं। जो लोग समाज को तहस नहस करने पर तुले हुए हैं। जो लोग हिन्दुस्तान की एकता की बात से परेशान होते हैं। ऐसे कुछ मुट्ठी भर लोग गौ रक्षा के नाम पर समाज में टकराव लाने की कोशिश कर रहे हैं।

मैं सभी देशवासियों को कहना चाहता हूं। ऐसे फेक ऐसे नकली गौ रक्षकों से सावधान हो जाइए। मैं राज्य सरकारों से भी कहता हूं कि हमारी कृषि को बचाने के लिए, हमारे किसान को बचाने के लिए हमारे गांव को बचाने के लिए और जो बात विनोबा भावे कहते थे। जो बात महात्मा गांधी कहते थे। जिस गौ रक्षा के लिए विनोबा जी ने आमरण अंशन किया था। जिस गौ रक्षा के लिए भारत के संविधान में निर्देश है इस गौ रक्षा के लिए ये बात जिस बात को गांधी ने माना हो वो गलत नहीं हो सकती है। लेकिन ये जो नकली गौ रक्षक हैं इनको गाय से लेना देना नहीं है। वे समाज मैं तनाव पैदा करना चाहते हैं और इसलिए हमारी सरकारों को कहना चाहता हूं इसलिए आप भी ऐसे नकली गौ रक्षकों की छानबीन कीजिए। उन पर कठोर कार्रवाई कीजिए। और साथ-साथ मैं सच्चे गौ भक्तों को प्रार्थना करना चाहता हूं, सच्चे गौ पूजकों को प्रार्थना करना चाहता हूं। आप भी सजग रहिए। कहीं आपका ये उमदा काम मुट्ठी भर लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए तबाह न कर दें ऐसे लोगों को खोज करने में आप भी आगे आइए। ऐसे लोगों की इस प्रकार की प्रवृत्ति करने से खुला कर लीजिए समाज के सामने उसको। ताकि ऐसे लोगों की हरकत न चलें।

भारत विविधताओं से भरा हुआ देश है विविध मान्यताओं से भरा हुआ देश है। अनेक सम्प्रदायिक मान्यताओं से चलने वाला देश है। देश की एकता अखंडता ये हमारी प्राथमिक जिम्मेवारी है। और इसलिए इसको परिपूर्ण करने के लिए हम सब देशवासियों ने सकारात्मक रूप से गौ सेवा करें गौ भक्ति करें गौ पूजा करें गौ समर्थन करें। वो तो राष्ट्र की सम्पत्ति में बढ़ावा करना है। वो राज्य राज्य के लिए संकट नहीं पैदा करता है। लेकिन नकली लोग देश को और समाज को तबाह कर देते हैं। उनके सामने जागरूक होने की जरूरत है। ऐसे लोगों को isolate करने की जरूरत है। ऐसे लोगों को Expose करने की जरूरत है। ऐसे लोगों को दंडित करने की जरूरत है। तब जाकर के हम सब शान से देश को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं।

भाइयों बहनों हर समस्या का समाधान एक ही बात में है। हमारी सारी आवश्यकताओं की पूर्ति सिर्फ और सिर्फ विकास के मार्ग से होगी। आज मुझे खुशी है कि राज्यों राज्यों के बीच विकास की स्पर्धा हो रही है। हर राज्य को लगता है मैं उस राज्य में आगे निकल जाऊं। ये तंदरुस्त स्पर्धा देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। और इसलिए मैं सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को आह्वान करता हूं। आइए राज्यों राज्यों के बीच विकास की स्पर्धा करें। राज्यों और केन्द्र के बीच विकास की स्पर्धा हो। गर गांव गली मोहल्ले में विकास की स्पर्धा हो।

उसने इतना किया मैं उतना कर के दिखाऊंगा। उसने इतने में किया मैं उससे कम में कर के दिखाऊंगा। उसने इतना अच्छा बनाया मैं इससे भी बेहतर बना कर कर दूंगा। ये वातावर्ण बनाने का प्रयास करने की जरूरत है। देश देखते ही देखते नई ऊंचाइयों को पार कर लेगा। मैं फिर एक बार आदरणीय मुख्यमंत्रियों का आभारी हूं। जितने विषय उन्होंने रखे हैं। मैं तेलंगाना वासियों को विश्वास दिलाता हूं। दिल्ली सरकार विकास के हर काम में कंधे से कंधा मिलाकर के आपके साथ चलेगी। हम मिल कर के विकास की ऊंचाइयों को पार करेंगे। अब दिल्ली आपके लिए दूर नहीं है। आपका हैदराबाद जितना आपका है दिल्ली भी उतना ही आपका है। इस विश्वास के साथ आगे बढ़ें। बहुत बहुत धन्यवाद।

Explore More
78వ స్వాతంత్ర్య దినోత్సవ వేళ ఎర్రకోట ప్రాకారం నుంచి ప్రధాన మంత్రి శ్రీ నరేంద్ర మోదీ ప్రసంగం

ప్రముఖ ప్రసంగాలు

78వ స్వాతంత్ర్య దినోత్సవ వేళ ఎర్రకోట ప్రాకారం నుంచి ప్రధాన మంత్రి శ్రీ నరేంద్ర మోదీ ప్రసంగం
Modi blends diplomacy with India’s cultural showcase

Media Coverage

Modi blends diplomacy with India’s cultural showcase
NM on the go

Nm on the go

Always be the first to hear from the PM. Get the App Now!
...
Text Of Prime Minister Narendra Modi addresses BJP Karyakartas at Party Headquarters
November 23, 2024
Today, Maharashtra has witnessed the triumph of development, good governance, and genuine social justice: PM Modi to BJP Karyakartas
The people of Maharashtra have given the BJP many more seats than the Congress and its allies combined, says PM Modi at BJP HQ
Maharashtra has broken all records. It is the biggest win for any party or pre-poll alliance in the last 50 years, says PM Modi
‘Ek Hain Toh Safe Hain’ has become the 'maha-mantra' of the country, says PM Modi while addressing the BJP Karyakartas at party HQ
Maharashtra has become sixth state in the country that has given mandate to BJP for third consecutive time: PM Modi

जो लोग महाराष्ट्र से परिचित होंगे, उन्हें पता होगा, तो वहां पर जब जय भवानी कहते हैं तो जय शिवाजी का बुलंद नारा लगता है।

जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...जय भवानी...

आज हम यहां पर एक और ऐतिहासिक महाविजय का उत्सव मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज महाराष्ट्र में विकासवाद की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सुशासन की जीत हुई है। महाराष्ट्र में सच्चे सामाजिक न्याय की विजय हुई है। और साथियों, आज महाराष्ट्र में झूठ, छल, फरेब बुरी तरह हारा है, विभाजनकारी ताकतें हारी हैं। आज नेगेटिव पॉलिटिक्स की हार हुई है। आज परिवारवाद की हार हुई है। आज महाराष्ट्र ने विकसित भारत के संकल्प को और मज़बूत किया है। मैं देशभर के भाजपा के, NDA के सभी कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, उन सबका अभिनंदन करता हूं। मैं श्री एकनाथ शिंदे जी, मेरे परम मित्र देवेंद्र फडणवीस जी, भाई अजित पवार जी, उन सबकी की भी भूरि-भूरि प्रशंसा करता हूं।

साथियों,

आज देश के अनेक राज्यों में उपचुनाव के भी नतीजे आए हैं। नड्डा जी ने विस्तार से बताया है, इसलिए मैं विस्तार में नहीं जा रहा हूं। लोकसभा की भी हमारी एक सीट और बढ़ गई है। यूपी, उत्तराखंड और राजस्थान ने भाजपा को जमकर समर्थन दिया है। असम के लोगों ने भाजपा पर फिर एक बार भरोसा जताया है। मध्य प्रदेश में भी हमें सफलता मिली है। बिहार में भी एनडीए का समर्थन बढ़ा है। ये दिखाता है कि देश अब सिर्फ और सिर्फ विकास चाहता है। मैं महाराष्ट्र के मतदाताओं का, हमारे युवाओं का, विशेषकर माताओं-बहनों का, किसान भाई-बहनों का, देश की जनता का आदरपूर्वक नमन करता हूं।

साथियों,

मैं झारखंड की जनता को भी नमन करता हूं। झारखंड के तेज विकास के लिए हम अब और ज्यादा मेहनत से काम करेंगे। और इसमें भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपना हर प्रयास करेगा।

साथियों,

छत्रपति शिवाजी महाराजांच्या // महाराष्ट्राने // आज दाखवून दिले// तुष्टीकरणाचा सामना // कसा करायच। छत्रपति शिवाजी महाराज, शाहुजी महाराज, महात्मा फुले-सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, वीर सावरकर, बाला साहेब ठाकरे, ऐसे महान व्यक्तित्वों की धरती ने इस बार पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। और साथियों, बीते 50 साल में किसी भी पार्टी या किसी प्री-पोल अलायंस के लिए ये सबसे बड़ी जीत है। और एक महत्वपूर्ण बात मैं बताता हूं। ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा के नेतृत्व में किसी गठबंधन को लगातार महाराष्ट्र ने आशीर्वाद दिए हैं, विजयी बनाया है। और ये लगातार तीसरी बार है, जब भाजपा महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

साथियों,

ये निश्चित रूप से ऐतिहासिक है। ये भाजपा के गवर्नंस मॉडल पर मुहर है। अकेले भाजपा को ही, कांग्रेस और उसके सभी सहयोगियों से कहीं अधिक सीटें महाराष्ट्र के लोगों ने दी हैं। ये दिखाता है कि जब सुशासन की बात आती है, तो देश सिर्फ और सिर्फ भाजपा पर और NDA पर ही भरोसा करता है। साथियों, एक और बात है जो आपको और खुश कर देगी। महाराष्ट्र देश का छठा राज्य है, जिसने भाजपा को लगातार 3 बार जनादेश दिया है। इससे पहले गोवा, गुजरात, छत्तीसगढ़, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में हम लगातार तीन बार जीत चुके हैं। बिहार में भी NDA को 3 बार से ज्यादा बार लगातार जनादेश मिला है। और 60 साल के बाद आपने मुझे तीसरी बार मौका दिया, ये तो है ही। ये जनता का हमारे सुशासन के मॉडल पर विश्वास है औऱ इस विश्वास को बनाए रखने में हम कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेंगे।

साथियों,

मैं आज महाराष्ट्र की जनता-जनार्दन का विशेष अभिनंदन करना चाहता हूं। लगातार तीसरी बार स्थिरता को चुनना ये महाराष्ट्र के लोगों की सूझबूझ को दिखाता है। हां, बीच में जैसा अभी नड्डा जी ने विस्तार से कहा था, कुछ लोगों ने धोखा करके अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की, लेकिन महाराष्ट्र ने उनको नकार दिया है। और उस पाप की सजा मौका मिलते ही दे दी है। महाराष्ट्र इस देश के लिए एक तरह से बहुत महत्वपूर्ण ग्रोथ इंजन है, इसलिए महाराष्ट्र के लोगों ने जो जनादेश दिया है, वो विकसित भारत के लिए बहुत बड़ा आधार बनेगा, वो विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का आधार बनेगा।



साथियों,

हरियाणा के बाद महाराष्ट्र के चुनाव का भी सबसे बड़ा संदेश है- एकजुटता। एक हैं, तो सेफ हैं- ये आज देश का महामंत्र बन चुका है। कांग्रेस और उसके ecosystem ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोलकर, आरक्षण के नाम पर झूठ बोलकर, SC/ST/OBC को छोटे-छोटे समूहों में बांट देंगे। वो सोच रहे थे बिखर जाएंगे। कांग्रेस और उसके साथियों की इस साजिश को महाराष्ट्र ने सिरे से खारिज कर दिया है। महाराष्ट्र ने डंके की चोट पर कहा है- एक हैं, तो सेफ हैं। एक हैं तो सेफ हैं के भाव ने जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र के नाम पर लड़ाने वालों को सबक सिखाया है, सजा की है। आदिवासी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, ओबीसी भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, मेरे दलित भाई-बहनों ने भी भाजपा-NDA को वोट दिया, समाज के हर वर्ग ने भाजपा-NDA को वोट दिया। ये कांग्रेस और इंडी-गठबंधन के उस पूरे इकोसिस्टम की सोच पर करारा प्रहार है, जो समाज को बांटने का एजेंडा चला रहे थे।

साथियों,

महाराष्ट्र ने NDA को इसलिए भी प्रचंड जनादेश दिया है, क्योंकि हम विकास और विरासत, दोनों को साथ लेकर चलते हैं। महाराष्ट्र की धरती पर इतनी विभूतियां जन्मी हैं। बीजेपी और मेरे लिए छत्रपति शिवाजी महाराज आराध्य पुरुष हैं। धर्मवीर छत्रपति संभाजी महाराज हमारी प्रेरणा हैं। हमने हमेशा बाबा साहब आंबेडकर, महात्मा फुले-सावित्री बाई फुले, इनके सामाजिक न्याय के विचार को माना है। यही हमारे आचार में है, यही हमारे व्यवहार में है।

साथियों,

लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है। कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने मराठी को Classical Language का दर्जा दिया। मातृ भाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है। और मैं तो हमेशा कहता हूं, मातृभाषा का सम्मान मतलब अपनी मां का सम्मान। और इसीलिए मैंने विकसित भारत के निर्माण के लिए लालकिले की प्राचीर से पंच प्राणों की बात की। हमने इसमें विरासत पर गर्व को भी शामिल किया। जब भारत विकास भी और विरासत भी का संकल्प लेता है, तो पूरी दुनिया इसे देखती है। आज विश्व हमारी संस्कृति का सम्मान करता है, क्योंकि हम इसका सम्मान करते हैं। अब अगले पांच साल में महाराष्ट्र विकास भी विरासत भी के इसी मंत्र के साथ तेज गति से आगे बढ़ेगा।

साथियों,

इंडी वाले देश के बदले मिजाज को नहीं समझ पा रहे हैं। ये लोग सच्चाई को स्वीकार करना ही नहीं चाहते। ये लोग आज भी भारत के सामान्य वोटर के विवेक को कम करके आंकते हैं। देश का वोटर, देश का मतदाता अस्थिरता नहीं चाहता। देश का वोटर, नेशन फर्स्ट की भावना के साथ है। जो कुर्सी फर्स्ट का सपना देखते हैं, उन्हें देश का वोटर पसंद नहीं करता।

साथियों,

देश के हर राज्य का वोटर, दूसरे राज्यों की सरकारों का भी आकलन करता है। वो देखता है कि जो एक राज्य में बड़े-बड़े Promise करते हैं, उनकी Performance दूसरे राज्य में कैसी है। महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना और हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं। ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा। जो वादे महाराष्ट्र में किए गए, उनका हाल दूसरे राज्यों में क्या है? इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है। कांग्रेस ने जनता को गुमराह करने के लिए दूसरे राज्यों के अपने मुख्यमंत्री तक मैदान में उतारे। तब भी इनकी चाल सफल नहीं हो पाई। इनके ना तो झूठे वादे चले और ना ही खतरनाक एजेंडा चला।

साथियों,

आज महाराष्ट्र के जनादेश का एक और संदेश है, पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा। वो संविधान है, बाबासाहेब आंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान। जो भी सामने या पर्दे के पीछे, देश में दो संविधान की बात करेगा, उसको देश पूरी तरह से नकार देगा। कांग्रेस और उसके साथियों ने जम्मू-कश्मीर में फिर से आर्टिकल-370 की दीवार बनाने का प्रयास किया। वो संविधान का भी अपमान है। महाराष्ट्र ने उनको साफ-साफ बता दिया कि ये नहीं चलेगा। अब दुनिया की कोई भी ताकत, और मैं कांग्रेस वालों को कहता हूं, कान खोलकर सुन लो, उनके साथियों को भी कहता हूं, अब दुनिया की कोई भी ताकत 370 को वापस नहीं ला सकती।



साथियों,

महाराष्ट्र के इस चुनाव ने इंडी वालों का, ये अघाड़ी वालों का दोमुंहा चेहरा भी देश के सामने खोलकर रख दिया है। हम सब जानते हैं, बाला साहेब ठाकरे का इस देश के लिए, समाज के लिए बहुत बड़ा योगदान रहा है। कांग्रेस ने सत्ता के लालच में उनकी पार्टी के एक धड़े को साथ में तो ले लिया, तस्वीरें भी निकाल दी, लेकिन कांग्रेस, कांग्रेस का कोई नेता बाला साहेब ठाकरे की नीतियों की कभी प्रशंसा नहीं कर सकती। इसलिए मैंने अघाड़ी में कांग्रेस के साथी दलों को चुनौती दी थी, कि वो कांग्रेस से बाला साहेब की नीतियों की तारीफ में कुछ शब्द बुलवाकर दिखाएं। आज तक वो ये नहीं कर पाए हैं। मैंने दूसरी चुनौती वीर सावरकर जी को लेकर दी थी। कांग्रेस के नेतृत्व ने लगातार पूरे देश में वीर सावरकर का अपमान किया है, उन्हें गालियां दीं हैं। महाराष्ट्र में वोट पाने के लिए इन लोगों ने टेंपरेरी वीर सावरकर जी को जरा टेंपरेरी गाली देना उन्होंने बंद किया है। लेकिन वीर सावरकर के तप-त्याग के लिए इनके मुंह से एक बार भी सत्य नहीं निकला। यही इनका दोमुंहापन है। ये दिखाता है कि उनकी बातों में कोई दम नहीं है, उनका मकसद सिर्फ और सिर्फ वीर सावरकर को बदनाम करना है।

साथियों,

भारत की राजनीति में अब कांग्रेस पार्टी, परजीवी बनकर रह गई है। कांग्रेस पार्टी के लिए अब अपने दम पर सरकार बनाना लगातार मुश्किल हो रहा है। हाल ही के चुनावों में जैसे आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, हरियाणा और आज महाराष्ट्र में उनका सूपड़ा साफ हो गया। कांग्रेस की घिसी-पिटी, विभाजनकारी राजनीति फेल हो रही है, लेकिन फिर भी कांग्रेस का अहंकार देखिए, उसका अहंकार सातवें आसमान पर है। सच्चाई ये है कि कांग्रेस अब एक परजीवी पार्टी बन चुकी है। कांग्रेस सिर्फ अपनी ही नहीं, बल्कि अपने साथियों की नाव को भी डुबो देती है। आज महाराष्ट्र में भी हमने यही देखा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस और उसके गठबंधन ने महाराष्ट्र की हर 5 में से 4 सीट हार गई। अघाड़ी के हर घटक का स्ट्राइक रेट 20 परसेंट से नीचे है। ये दिखाता है कि कांग्रेस खुद भी डूबती है और दूसरों को भी डुबोती है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ी, उतनी ही बड़ी हार इनके सहयोगियों को भी मिली। वो तो अच्छा है, यूपी जैसे राज्यों में कांग्रेस के सहयोगियों ने उससे जान छुड़ा ली, वर्ना वहां भी कांग्रेस के सहयोगियों को लेने के देने पड़ जाते।

साथियों,

सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने, संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है। हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय 47 में, विभाजन के बीच भी, हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथनिरपेक्षता की राह को चुना था। तब देश के महापुरुषों ने संविधान सभा में जो डिबेट्स की थी, उसमें भी इसके बारे में बहुत विस्तार से चर्चा हुई थी। लेकिन कांग्रेस के इस परिवार ने झूठे सेक्यूलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह करके रख दिया। कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया, वो संविधान निर्माताओं के साथ बहुत बड़ा विश्वासघात है। और ये विश्वासघात मैं बहुत जिम्मेवारी के साथ बोल रहा हूं। संविधान के साथ इस परिवार का विश्वासघात है। दशकों तक कांग्रेस ने देश में यही खेल खेला। कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए कानून बनाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश तक की परवाह नहीं की। इसका एक उदाहरण वक्फ बोर्ड है। दिल्ली के लोग तो चौंक जाएंगे, हालात ये थी कि 2014 में इन लोगों ने सरकार से जाते-जाते, दिल्ली के आसपास की अनेक संपत्तियां वक्फ बोर्ड को सौंप दी थीं। बाबा साहेब आंबेडकर जी ने जो संविधान हमें दिया है न, जिस संविधान की रक्षा के लिए हम प्रतिबद्ध हैं। संविधान में वक्फ कानून का कोई स्थान ही नहीं है। लेकिन फिर भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण के लिए वक्फ बोर्ड जैसी व्यवस्था पैदा कर दी। ये इसलिए किया गया ताकि कांग्रेस के परिवार का वोटबैंक बढ़ सके। सच्ची पंथ-निरपेक्षता को कांग्रेस ने एक तरह से मृत्युदंड देने की कोशिश की है।

साथियों,

कांग्रेस के शाही परिवार की सत्ता-भूख इतनी विकृति हो गई है, कि उन्होंने सामाजिक न्याय की भावना को भी चूर-चूर कर दिया है। एक समय था जब के कांग्रेस नेता, इंदिरा जी समेत, खुद जात-पात के खिलाफ बोलते थे। पब्लिकली लोगों को समझाते थे। एडवरटाइजमेंट छापते थे। लेकिन आज यही कांग्रेस और कांग्रेस का ये परिवार खुद की सत्ता-भूख को शांत करने के लिए जातिवाद का जहर फैला रहा है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय का गला काट दिया है।

साथियों,

एक परिवार की सत्ता-भूख इतने चरम पर है, कि उन्होंने खुद की पार्टी को ही खा लिया है। देश के अलग-अलग भागों में कई पुराने जमाने के कांग्रेस कार्यकर्ता है, पुरानी पीढ़ी के लोग हैं, जो अपने ज़माने की कांग्रेस को ढूंढ रहे हैं। लेकिन आज की कांग्रेस के विचार से, व्यवहार से, आदत से उनको ये साफ पता चल रहा है, कि ये वो कांग्रेस नहीं है। इसलिए कांग्रेस में, आंतरिक रूप से असंतोष बहुत ज्यादा बढ़ रहा है। उनकी आरती उतारने वाले भले आज इन खबरों को दबाकर रखे, लेकिन भीतर आग बहुत बड़ी है, असंतोष की ज्वाला भड़क चुकी है। सिर्फ एक परिवार के ही लोगों को कांग्रेस चलाने का हक है। सिर्फ वही परिवार काबिल है दूसरे नाकाबिल हैं। परिवार की इस सोच ने, इस जिद ने कांग्रेस में एक ऐसा माहौल बना दिया कि किसी भी समर्पित कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए वहां काम करना मुश्किल हो गया है। आप सोचिए, कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता आज सिर्फ और सिर्फ परिवार है। देश की जनता उनकी प्राथमिकता नहीं है। और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।

साथियों,

कांग्रेस का परिवार, सत्ता के बिना जी ही नहीं सकता। चुनाव जीतने के लिए ये लोग कुछ भी कर सकते हैं। दक्षिण में जाकर उत्तर को गाली देना, उत्तर में जाकर दक्षिण को गाली देना, विदेश में जाकर देश को गाली देना। और अहंकार इतना कि ना किसी का मान, ना किसी की मर्यादा और खुलेआम झूठ बोलते रहना, हर दिन एक नया झूठ बोलते रहना, यही कांग्रेस और उसके परिवार की सच्चाई बन गई है। आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद, भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है। इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल, देश के बाहर है। और इसलिए सभी को इस अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है। आज देश के युवाओं को, हर प्रोफेशनल को कांग्रेस की हकीकत को समझना बहुत ज़रूरी है।

साथियों,

जब मैं पिछली बार भाजपा मुख्यालय आया था, तो मैंने हरियाणा से मिले आशीर्वाद पर आपसे बात की थी। तब हमें गुरूग्राम जैसे शहरी क्षेत्र के लोगों ने भी अपना आशीर्वाद दिया था। अब आज मुंबई ने, पुणे ने, नागपुर ने, महाराष्ट्र के ऐसे बड़े शहरों ने अपनी स्पष्ट राय रखी है। शहरी क्षेत्रों के गरीब हों, शहरी क्षेत्रों के मिडिल क्लास हो, हर किसी ने भाजपा का समर्थन किया है और एक स्पष्ट संदेश दिया है। यह संदेश है आधुनिक भारत का, विश्वस्तरीय शहरों का, हमारे महानगरों ने विकास को चुना है, आधुनिक Infrastructure को चुना है। और सबसे बड़ी बात, उन्होंने विकास में रोडे अटकाने वाली राजनीति को नकार दिया है। आज बीजेपी हमारे शहरों में ग्लोबल स्टैंडर्ड के इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। चाहे मेट्रो नेटवर्क का विस्तार हो, आधुनिक इलेक्ट्रिक बसे हों, कोस्टल रोड और समृद्धि महामार्ग जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स हों, एयरपोर्ट्स का आधुनिकीकरण हो, शहरों को स्वच्छ बनाने की मुहिम हो, इन सभी पर बीजेपी का बहुत ज्यादा जोर है। आज का शहरी भारत ईज़ ऑफ़ लिविंग चाहता है। और इन सब के लिये उसका भरोसा बीजेपी पर है, एनडीए पर है।

साथियों,

आज बीजेपी देश के युवाओं को नए-नए सेक्टर्स में अवसर देने का प्रयास कर रही है। हमारी नई पीढ़ी इनोवेशन और स्टार्टअप के लिए माहौल चाहती है। बीजेपी इसे ध्यान में रखकर नीतियां बना रही है, निर्णय ले रही है। हमारा मानना है कि भारत के शहर विकास के इंजन हैं। शहरी विकास से गांवों को भी ताकत मिलती है। आधुनिक शहर नए अवसर पैदा करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि हमारे शहर दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों की श्रेणी में आएं और बीजेपी, एनडीए सरकारें, इसी लक्ष्य के साथ काम कर रही हैं।


साथियों,

मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं। आज NDA के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है। मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं। चुनाव आएंगे- जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय भी चलती रहेगी। लेकिन भाजपा का, NDA का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है, हमारा ध्येय सिर्फ सरकारें बनाने तक सीमित नहीं है। हम देश बनाने के लिए निकले हैं। हम भारत को विकसित बनाने के लिए निकले हैं। भारत का हर नागरिक, NDA का हर कार्यकर्ता, भाजपा का हर कार्यकर्ता दिन-रात इसमें जुटा है। हमारी जीत का उत्साह, हमारे इस संकल्प को और मजबूत करता है। हमारे जो प्रतिनिधि चुनकर आए हैं, वो इसी संकल्प के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमें देश के हर परिवार का जीवन आसान बनाना है। हमें सेवक बनकर, और ये मेरे जीवन का मंत्र है। देश के हर नागरिक की सेवा करनी है। हमें उन सपनों को पूरा करना है, जो देश की आजादी के मतवालों ने, भारत के लिए देखे थे। हमें मिलकर विकसित भारत का सपना साकार करना है। सिर्फ 10 साल में हमने भारत को दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी इकॉनॉमी बना दिया है। किसी को भी लगता, अरे मोदी जी 10 से पांच पर पहुंच गया, अब तो बैठो आराम से। आराम से बैठने के लिए मैं पैदा नहीं हुआ। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर रहेगा। हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे तो हर लक्ष्य पाकर रहेंगे। इसी भाव के साथ, एक हैं तो...एक हैं तो...एक हैं तो...। मैं एक बार फिर आप सभी को बहुत-बहुत बधाई देता हूं, देशवासियों को बधाई देता हूं, महाराष्ट्र के लोगों को विशेष बधाई देता हूं।

मेरे साथ बोलिए,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय,

भारत माता की जय!

वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम, वंदे मातरम ।

बहुत-बहुत धन्यवाद।