Technology is the bridge to achieve ‘Sabka Saath Sabka Vikas’: PM

Published By : Admin | October 20, 2019 | 19:45 IST
Technology is the bridge to achieve ‘Sabka Saath Sabka Vikas’: PM
Challenge of technology, when converted into opportunity, transformed ‘Dakiya’ into ‘Bank Babu’: PM

देश की Social और Business Leadership को हमेशा प्रेरित और ऊर्जावान करने वाले रतन टाटा जी,

उनकी इस विरासत को आगे बढ़ाने वाले एन चंद्रशेखरन जी, रूपा जी, देवियों और सज्जनों !!

रतन टाटा जी, चंद्रशेखरन जी से मिलना,उनके साथ चर्चा करना हमेशा एक नया अनुभव देता है। इन पर देश की सबसे बड़ी संस्थाओं में से एक को लीडरशिप देने की जिम्मेदारी है।

इतनी बड़ी जिम्मेदारी के बावजूद, Smile और Stress Free, ये कैसे रहते हैं, मुझे लगता है, आने वाले समय में इस पर भी एक किताब चंद्रशेखरन जी को लिखनी चाहिए। और हां, इस Idea का मेरा कोई पेटेंट भी नहीं है। आप बिना किसी Stress के ये काम कर सकते हैं !!!

साथियों,

वो किताब लिखेंगे या नहीं, ये मैं नहीं कह सकता लेकिन Smile और Stress free Mind से क्या होता है,

उसका परिणाम Bridgital Nation के रूप में हमारे सामने है।

Positivity, Creativity और Constructive Mindset से देश की समस्याओं के समाधान के लिए सोच निकल सकती है, उसका ये परिणाम है।

यही Positivity,यही Optimism अपने Talent और Resources पर यही विश्वास नए भारत की सोच है।

मुझे विश्वास है कि ये किताब Aspirational India को तो Inspire करेगी ही, समाज के कुछ Professional Pessimists को भी नई अप्रोच और नए Outlook के लिए प्रोत्साहित करेगी। मैं चंद्रशेखरन जी और रूपा जी को इस विजनरी डॉक्युमेंट के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं।

साथियों

ये किताब ऐसे समय में आई है, जब Technology को Demonize करने की एक बहुत बड़ी कोशिश हो रही है। डर का एक माहौल खड़ा करने का प्रयास हो रहा है।

विशेषतौर पर भारत के Context में Technology को हमारे Demographic Dividend के लिए चुनौती के रूप में पेश करने की कोशिश हो रही है।

इस किताब में सरकार के उस विजन को और मजबूत किया है, जिसके मुताबिक Technology जोड़ने का काम करती है, तोड़ने का नहीं।

Technology एक Bridge है, Divider नहीं।

Technology और Talent, Force Multiplier हैं, Threat नहीं।

Technology, Aspiration और Achievements के बीच का Bridge है।

Technology, Demand और Delivery के बीच का Bridge है।

Technology, Government और Governance के बीच का Bridge है।

Technology, सबके साथ को सबके विकास से जोड़ने वाला सेतु है।

साथियों,

यही भावना बीते 5 वर्ष के हमारे कार्यकाल में रही है और यही भविष्य के लिए हमारी अप्रोच है।

इस किताब में बेहतरीन तरीके से बताया गया है कि Artificial Intelligence, Machine learning, Robotics जैसी आधुनिक टेक्नॉलॉजी कैसे Development के Tool के रूप में, Aid के रूप में मदद करने वाली है।

यही बात मैं अपन अनुभवों के आधार पर भी कह सकता हूं। बीते 5 वर्षों में Technological Interventions से भारत में गवर्नेंस को कैसे Reform और Transform किया है, इसको आप महसूस कर पा रहे हैं। ये सब कैसे हो पा रहा है, इसका एक उदाहरण मैं आपको देता हूं।

साथियों

हमारे देश में एलपीजी गैस कनेक्शन देने की योजना, सब्सिडी देने का काम दशकों से चल रहा है।

हमने जब उज्जवला योजना को लॉन्च किया तो, कई लोगों को लगा कि शायद ये भी वैसी ही योजना होगी, जैसी बनती आई हैं।लेकिन इसके लिए हमने सोच को भी बदला, अप्रोच को भी बदला और इसमें टेक्नॉलॉजी को भी Introduce किया।

साथियों,

हम पहले की तरह चलते तो फिर कमेटी बनती,कमेटी बैठती रहती, अलग-अलग स्टेक होल्डर्स से बातचीत करती रहती और डेडलाइन को हम कभी Meet कर ही नहीं पाते।लेकिन कमेटी के बजाय हमने टेक्नॉलॉजी वाली अप्रोच पर भरोसा किया।

Data Intelligence की मदद से पहले हमने 17 हज़ार मौजूदा LPG डिस्ट्रिब्यूशन सेंटर्स को लोकेट किया और फिर 10 हज़ार नए सेंटर्स बहुत कम समय में तैयार किए।इसके लिए हमने देश के हर गांव को डिजिटली मैप किया।

इस डेटा को दूसरे data points,  जैसे सेल रिपोर्ट, LPG penetration Population,  socio-economic conditions, सबको Analyse किया गया।

लाखों गांवों से करीब 64 लाख डायवर्स डेटा प्वाइंट्स के analysis के आधार पर तय किया गया कि ये डिस्ट्रिब्यूशन सेंटर कहां-कहां बनने चाहिए। लेकिन हमारा काम यहीं खत्म नहीं हुआ।एक और बड़ी समस्या थी जिसका समाधान टेक्नॉलॉजी ने दिया।

डैशबोर्ड पर एप्लीकेशन और डिस्ट्रीब्यूशन की रियल टाइम मॉनीटरिंग के दौरान पता चला कि बहुत सी महिलाओं की एप्लीकेशन रिजेक्ट हो रही है। क्योंकि इनके पास बैंक अकाउंट नहीं था।

इस समस्या से निपटने के लिए जनधन कैंप लगाए गए और ऐसी महिलाओं के बैंक अकाउंट खोले गए।

परिणाम ये हुआ कि, हमने 3 साल में 8 करोड़ कनेक्शन देने का जो लक्ष्य रखा था, उसको डेडलाइन से काफी पहले ही पूरा कर दिया गया।

साथियों

ये तो बात हुई टेक्नॉलॉजी से Access बढ़ाने की। अब मैं आपको Access से Behavioral Change लाने में टेक्नॉलॉजी का क्या रोल रहता है, इसका भी उदाहरण देता हूं।देश में हेल्थकेयर की स्थिति पर आपकी किताब में रोशनी डाली गई है। खासतौर पर, इलाज ना कराने का मेंटल ब्लॉक जो हमारे देश में गरीबी के कारण रहा है, पैसे के अभाव के कारण रहा है।

आयुष्मान भारत योजना इस स्थिति को बदलने की दिशा में बहुत बड़ा रोल निभा रही है।पहले जो गरीब इस चिंता में इलाज कराने से कतराता था, कि उसका सब कुछ बिक जाएगा, वो अब अस्पताल पहुंचने लगा है।वो गरीब जो पहले प्राइवेट हॉस्पिटल के दरवाज़े पर दस्तक देने से भी हिचकता था, उसको वहां Access मिला है।

आज स्थिति ये है कि गरीबों में Behavioral Change भी आया है, मेडिकल सेवाओं की डिमांड भी बढ़ी है, गरीबों का इलाज भी हो रहा है और अस्पतालों को सरकार से पैसा भी मिल रहा है।ये भी अगर संभव हो पा रहा है तो सिर्फ टेक्नॉलॉजी के माध्यम से।

साथियों

इसी टेक्नॉलॉजी से आयुष्मान भारत को हेल्थकेयर के कंप्लीट पैकेज के तौर पर हम विकसित कर रहे हैं।

पहले Preventive हेल्थकेयर पर फोकस होता ही नहीं था, प्राइमरी हेल्थकेयर सिर्फ सिर दर्द और पेट दर्द तक सीमित थे और Tertiary Healthcare पूरी तरह से एक अलग ही ट्रैक पर था।

अब इसके लिए पूरे देश में डेढ़ लाख Health and wellness Centers तैयार किए जा रहे हैं और इनको Tertiary Healthcareके Base के तौर पर विकसित किया जा रहा है।

बहुत ही कम समय में अब तक 21 हज़ार से ज्यादा ऐसे सेंटर तैयार भी हो चुके हैं।

आप हैरान रह जाएंगे कि इतने कम समय में, इन सेंटर्स पर डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोगों को Hyper-tension, सवा करोड़ से ज्यादा डायबिटीज,डेढ़ करोड़ से ज्यादा कैंसर के केस डायग्नोज हो चुके हैं।

पहले प्राइमरी हेल्थकेयर सेंटर्स में ये संभव ही नहीं था। अब Health and Wellness Centers से ही ये केस आगे रैफर हो पा रहे हैं। और Tertiary Healthcare Network में वहां के डेटा के आधार पर सीधा और तेज़ इलाज संभव होने की शुरुआत हुई है।

साथियों,

Technology जब ब्रिज बनती है तो हमें Transparency और Targeted Delivery का भी समाधान मिलता है। भारत में बिचौलियों और दलालों का क्या रोल था, इससे आप भली-भांति परिचित रहे हैं।

Governments run the country,

Middle-men run the governance,

इसको एक रूल मान लिया गया था। ये इसलिए होता था क्योंकि People और Process के बीच गैप था। Birth से लेकर Death तक, Certification की एक लंबी व्यवस्था थी, जिसमें सामान्य मानवी पिसता रहता था।

आज जन्म से लेकर जीवन प्रमाण पत्र तक की सैकड़ों सरकारी सेवाएं ऑनलाइन हैं। आज Self Certification देश में Norm बन रहा है। अब हम Self Assessment, Self Declaration और Faceless tax assessment जैसे सिस्टम की तरफ बढ़ रहे हैं।

साथियों,

टेक्नॉलॉजी का Effective Use कैसे Challenges  को Opportunities  में बदलता है, इसका एक और उदाहरण है, India Post Payment Bank देश का सबसे बड़ा Network, हमारी Post Office सेवा पर मोबाइल और इंटरनेट के बढ़ते प्रसार की वजह से बंद होने का खतरा था,  लाखों लोगों के रोजगार पर संकट था।

लेकिन आज टेक्नॉलॉजी के कारण ही पोस्ट ऑफिस, बैंकिंग सर्विस की, Digital Transaction की Home Delivery के सेंटर बन रहे हैं।

इसी तरह गांव-गांव में ऑनलाइन सर्विस डिलिवरी देने वाला कॉमन सर्विस सेंटर नेटवर्क 12 लाख से अधिक युवाओं को रोज़गार दे रहा है।

साथियों,

Entreprise spirit को, MSME को मजबूत करने और उनको  Job Creation के अहम सेंटर बनाने के लिए जो भी सुझाव किताब में दिए गए हैं, उससे भी मैं मोटे तौर पर सहमत हूं।यहां आने वाले Silos को दूर करने के लिए भी हम टेक्नॉलॉजी का व्यापक इस्तेमाल कर रहे हैं।

Public Procurement के लिए Government e-Market place यानि GeM के बारे में आप जानते ही हैं। ये सरकार की डिमांड और MSME के Supply Eco-system के बीच Bridge बना है।

इस सिस्टम की सफलता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस साल इसके माध्यम से करीब 50 हज़ार करोड़ रुपए की खरीदारी का टारगेट है।

साथियों

इसी तरह स्टार्ट अप इंडिया, लोकल डिमांड और सप्लाई को, तो मेक इन इंडिया, लोकल सप्लाई और ग्लोबल डिमांड को ब्रिज कर रहा है।

आपने इस किताब में डिमांड और सप्लाई में समस्याओं पर बहुत बारीकी से समझाया है। स्टार्ट अप इंडिया भी इन्हीं समस्याओं को डील कर रहा है।

भारत के जो Challenges हैं उनको सामने रखते हुए, Ideas को Incubate कर Industry में बदलने का ये एक प्रयास है।यही कारण है कि आज अधिक स्टार्ट अप्स टीयर-2, टीयर-3 शहरों में तैयार हो रहे हैं।

साथियों,

इन सभी बातों के बीच ये भी सही है कि,सिर्फ टेक्नॉलॉजी समाधान नहीं होती, Human Intention और Right Intention,  बहुत ज़रूरी है। यही बात Artificial Intelligence पर भी लागू होती है।डिबेट ये नहीं होना चाहिए कि Artificial Intelligence से खतरा क्या है? रोबोट इंसान से Smart कब तक होगा?

बल्कि डिबेट ये होना चाहिए कि, Artificial  Intelligence और Human Intentions के बीच हम ब्रिज कैसे बनाएं? अपनी Skills  को नई Demand के अनुसार Upgrade कैसे करें?

Let A.I. be just another Aid which is a little more sophisticated

कहने को बहुत कुछ है लेकिन अन्य लोगों को किताब पढ़ने के लिए भी मुझे समय देना है। एक बार फिर इस बेहतरीन किताब,  बेहतरीन प्रयास के लिए बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं।

धन्यवाद !

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Text of PM Modi's address at the Parliament of Guyana
November 21, 2024

Hon’ble Speaker, मंज़ूर नादिर जी,
Hon’ble Prime Minister,मार्क एंथनी फिलिप्स जी,
Hon’ble, वाइस प्रेसिडेंट भरत जगदेव जी,
Hon’ble Leader of the Opposition,
Hon’ble Ministers,
Members of the Parliament,
Hon’ble The चांसलर ऑफ द ज्यूडिशियरी,
अन्य महानुभाव,
देवियों और सज्जनों,

गयाना की इस ऐतिहासिक पार्लियामेंट में, आप सभी ने मुझे अपने बीच आने के लिए निमंत्रित किया, मैं आपका बहुत-बहुत आभारी हूं। कल ही गयाना ने मुझे अपना सर्वोच्च सम्मान दिया है। मैं इस सम्मान के लिए भी आप सभी का, गयाना के हर नागरिक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। गयाना का हर नागरिक मेरे लिए ‘स्टार बाई’ है। यहां के सभी नागरिकों को धन्यवाद! ये सम्मान मैं भारत के प्रत्येक नागरिक को समर्पित करता हूं।

साथियों,

भारत और गयाना का नाता बहुत गहरा है। ये रिश्ता, मिट्टी का है, पसीने का है,परिश्रम का है करीब 180 साल पहले, किसी भारतीय का पहली बार गयाना की धरती पर कदम पड़ा था। उसके बाद दुख में,सुख में,कोई भी परिस्थिति हो, भारत और गयाना का रिश्ता, आत्मीयता से भरा रहा है। India Arrival Monument इसी आत्मीय जुड़ाव का प्रतीक है। अब से कुछ देर बाद, मैं वहां जाने वाला हूं,

साथियों,

आज मैं भारत के प्रधानमंत्री के रूप में आपके बीच हूं, लेकिन 24 साल पहले एक जिज्ञासु के रूप में मुझे इस खूबसूरत देश में आने का अवसर मिला था। आमतौर पर लोग ऐसे देशों में जाना पसंद करते हैं, जहां तामझाम हो, चकाचौंध हो। लेकिन मुझे गयाना की विरासत को, यहां के इतिहास को जानना था,समझना था, आज भी गयाना में कई लोग मिल जाएंगे, जिन्हें मुझसे हुई मुलाकातें याद होंगीं, मेरी तब की यात्रा से बहुत सी यादें जुड़ी हुई हैं, यहां क्रिकेट का पैशन, यहां का गीत-संगीत, और जो बात मैं कभी नहीं भूल सकता, वो है चटनी, चटनी भारत की हो या फिर गयाना की, वाकई कमाल की होती है,

साथियों,

बहुत कम ऐसा होता है, जब आप किसी दूसरे देश में जाएं,और वहां का इतिहास आपको अपने देश के इतिहास जैसा लगे,पिछले दो-ढाई सौ साल में भारत और गयाना ने एक जैसी गुलामी देखी, एक जैसा संघर्ष देखा, दोनों ही देशों में गुलामी से मुक्ति की एक जैसी ही छटपटाहट भी थी, आजादी की लड़ाई में यहां भी,औऱ वहां भी, कितने ही लोगों ने अपना जीवन समर्पित कर दिया, यहां गांधी जी के करीबी सी एफ एंड्रूज हों, ईस्ट इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष जंग बहादुर सिंह हों, सभी ने गुलामी से मुक्ति की ये लड़ाई मिलकर लड़ी,आजादी पाई। औऱ आज हम दोनों ही देश,दुनिया में डेमोक्रेसी को मज़बूत कर रहे हैं। इसलिए आज गयाना की संसद में, मैं आप सभी का,140 करोड़ भारतवासियों की तरफ से अभिनंदन करता हूं, मैं गयाना संसद के हर प्रतिनिधि को बधाई देता हूं। गयाना में डेमोक्रेसी को मजबूत करने के लिए आपका हर प्रयास, दुनिया के विकास को मजबूत कर रहा है।

साथियों,

डेमोक्रेसी को मजबूत बनाने के प्रयासों के बीच, हमें आज वैश्विक परिस्थितियों पर भी लगातार नजर ऱखनी है। जब भारत और गयाना आजाद हुए थे, तो दुनिया के सामने अलग तरह की चुनौतियां थीं। आज 21वीं सदी की दुनिया के सामने, अलग तरह की चुनौतियां हैं।
दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी व्यवस्थाएं और संस्थाएं,ध्वस्त हो रही हैं, कोरोना के बाद जहां एक नए वर्ल्ड ऑर्डर की तरफ बढ़ना था, दुनिया दूसरी ही चीजों में उलझ गई, इन परिस्थितियों में,आज विश्व के सामने, आगे बढ़ने का सबसे मजबूत मंत्र है-"Democracy First- Humanity First” "Democracy First की भावना हमें सिखाती है कि सबको साथ लेकर चलो,सबको साथ लेकर सबके विकास में सहभागी बनो। Humanity First” की भावना हमारे निर्णयों की दिशा तय करती है, जब हम Humanity First को अपने निर्णयों का आधार बनाते हैं, तो नतीजे भी मानवता का हित करने वाले होते हैं।

साथियों,

हमारी डेमोक्रेटिक वैल्यूज इतनी मजबूत हैं कि विकास के रास्ते पर चलते हुए हर उतार-चढ़ाव में हमारा संबल बनती हैं। एक इंक्लूसिव सोसायटी के निर्माण में डेमोक्रेसी से बड़ा कोई माध्यम नहीं। नागरिकों का कोई भी मत-पंथ हो, उसका कोई भी बैकग्राउंड हो, डेमोक्रेसी हर नागरिक को उसके अधिकारों की रक्षा की,उसके उज्जवल भविष्य की गारंटी देती है। और हम दोनों देशों ने मिलकर दिखाया है कि डेमोक्रेसी सिर्फ एक कानून नहीं है,सिर्फ एक व्यवस्था नहीं है, हमने दिखाया है कि डेमोक्रेसी हमारे DNA में है, हमारे विजन में है, हमारे आचार-व्यवहार में है।

साथियों,

हमारी ह्यूमन सेंट्रिक अप्रोच,हमें सिखाती है कि हर देश,हर देश के नागरिक उतने ही अहम हैं, इसलिए, जब विश्व को एकजुट करने की बात आई, तब भारत ने अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान One Earth, One Family, One Future का मंत्र दिया। जब कोरोना का संकट आया, पूरी मानवता के सामने चुनौती आई, तब भारत ने One Earth, One Health का संदेश दिया। जब क्लाइमेट से जुड़े challenges में हर देश के प्रयासों को जोड़ना था, तब भारत ने वन वर्ल्ड, वन सन, वन ग्रिड का विजन रखा, जब दुनिया को प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हुए, तब भारत ने CDRI यानि कोएलिशन फॉर डिज़ास्टर रज़ीलिएंट इंफ्रास्ट्रक्चर का initiative लिया। जब दुनिया में pro-planet people का एक बड़ा नेटवर्क तैयार करना था, तब भारत ने मिशन LiFE जैसा एक global movement शुरु किया,

साथियों,

"Democracy First- Humanity First” की इसी भावना पर चलते हुए, आज भारत विश्वबंधु के रूप में विश्व के प्रति अपना कर्तव्य निभा रहा है। दुनिया के किसी भी देश में कोई भी संकट हो, हमारा ईमानदार प्रयास होता है कि हम फर्स्ट रिस्पॉन्डर बनकर वहां पहुंचे। आपने कोरोना का वो दौर देखा है, जब हर देश अपने-अपने बचाव में ही जुटा था। तब भारत ने दुनिया के डेढ़ सौ से अधिक देशों के साथ दवाएं और वैक्सीन्स शेयर कीं। मुझे संतोष है कि भारत, उस मुश्किल दौर में गयाना की जनता को भी मदद पहुंचा सका। दुनिया में जहां-जहां युद्ध की स्थिति आई,भारत राहत और बचाव के लिए आगे आया। श्रीलंका हो, मालदीव हो, जिन भी देशों में संकट आया, भारत ने आगे बढ़कर बिना स्वार्थ के मदद की, नेपाल से लेकर तुर्की और सीरिया तक, जहां-जहां भूकंप आए, भारत सबसे पहले पहुंचा है। यही तो हमारे संस्कार हैं, हम कभी भी स्वार्थ के साथ आगे नहीं बढ़े, हम कभी भी विस्तारवाद की भावना से आगे नहीं बढ़े। हम Resources पर कब्जे की, Resources को हड़पने की भावना से हमेशा दूर रहे हैं। मैं मानता हूं,स्पेस हो,Sea हो, ये यूनीवर्सल कन्फ्लिक्ट के नहीं बल्कि यूनिवर्सल को-ऑपरेशन के विषय होने चाहिए। दुनिया के लिए भी ये समय,Conflict का नहीं है, ये समय, Conflict पैदा करने वाली Conditions को पहचानने और उनको दूर करने का है। आज टेरेरिज्म, ड्रग्स, सायबर क्राइम, ऐसी कितनी ही चुनौतियां हैं, जिनसे मुकाबला करके ही हम अपनी आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार पाएंगे। और ये तभी संभव है, जब हम Democracy First- Humanity First को सेंटर स्टेज देंगे।

साथियों,

भारत ने हमेशा principles के आधार पर, trust और transparency के आधार पर ही अपनी बात की है। एक भी देश, एक भी रीजन पीछे रह गया, तो हमारे global goals कभी हासिल नहीं हो पाएंगे। तभी भारत कहता है – Every Nation Matters ! इसलिए भारत, आयलैंड नेशन्स को Small Island Nations नहीं बल्कि Large ओशिन कंट्रीज़ मानता है। इसी भाव के तहत हमने इंडियन ओशन से जुड़े आयलैंड देशों के लिए सागर Platform बनाया। हमने पैसिफिक ओशन के देशों को जोड़ने के लिए भी विशेष फोरम बनाया है। इसी नेक नीयत से भारत ने जी-20 की प्रेसिडेंसी के दौरान अफ्रीकन यूनियन को जी-20 में शामिल कराकर अपना कर्तव्य निभाया।

साथियों,

आज भारत, हर तरह से वैश्विक विकास के पक्ष में खड़ा है,शांति के पक्ष में खड़ा है, इसी भावना के साथ आज भारत, ग्लोबल साउथ की भी आवाज बना है। भारत का मत है कि ग्लोबल साउथ ने अतीत में बहुत कुछ भुगता है। हमने अतीत में अपने स्वभाव औऱ संस्कारों के मुताबिक प्रकृति को सुरक्षित रखते हुए प्रगति की। लेकिन कई देशों ने Environment को नुकसान पहुंचाते हुए अपना विकास किया। आज क्लाइमेट चेंज की सबसे बड़ी कीमत, ग्लोबल साउथ के देशों को चुकानी पड़ रही है। इस असंतुलन से दुनिया को निकालना बहुत आवश्यक है।

साथियों,

भारत हो, गयाना हो, हमारी भी विकास की आकांक्षाएं हैं, हमारे सामने अपने लोगों के लिए बेहतर जीवन देने के सपने हैं। इसके लिए ग्लोबल साउथ की एकजुट आवाज़ बहुत ज़रूरी है। ये समय ग्लोबल साउथ के देशों की Awakening का समय है। ये समय हमें एक Opportunity दे रहा है कि हम एक साथ मिलकर एक नया ग्लोबल ऑर्डर बनाएं। और मैं इसमें गयाना की,आप सभी जनप्रतिनिधियों की भी बड़ी भूमिका देख रहा हूं।

साथियों,

यहां अनेक women members मौजूद हैं। दुनिया के फ्यूचर को, फ्यूचर ग्रोथ को, प्रभावित करने वाला एक बहुत बड़ा फैक्टर दुनिया की आधी आबादी है। बीती सदियों में महिलाओं को Global growth में कंट्रीब्यूट करने का पूरा मौका नहीं मिल पाया। इसके कई कारण रहे हैं। ये किसी एक देश की नहीं,सिर्फ ग्लोबल साउथ की नहीं,बल्कि ये पूरी दुनिया की कहानी है।
लेकिन 21st सेंचुरी में, global prosperity सुनिश्चित करने में महिलाओं की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है। इसलिए, अपनी G-20 प्रेसीडेंसी के दौरान, भारत ने Women Led Development को एक बड़ा एजेंडा बनाया था।

साथियों,

भारत में हमने हर सेक्टर में, हर स्तर पर, लीडरशिप की भूमिका देने का एक बड़ा अभियान चलाया है। भारत में हर सेक्टर में आज महिलाएं आगे आ रही हैं। पूरी दुनिया में जितने पायलट्स हैं, उनमें से सिर्फ 5 परसेंट महिलाएं हैं। जबकि भारत में जितने पायलट्स हैं, उनमें से 15 परसेंट महिलाएं हैं। भारत में बड़ी संख्या में फाइटर पायलट्स महिलाएं हैं। दुनिया के विकसित देशों में भी साइंस, टेक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स यानि STEM graduates में 30-35 परसेंट ही women हैं। भारत में ये संख्या फोर्टी परसेंट से भी ऊपर पहुंच चुकी है। आज भारत के बड़े-बड़े स्पेस मिशन की कमान महिला वैज्ञानिक संभाल रही हैं। आपको ये जानकर भी खुशी होगी कि भारत ने अपनी पार्लियामेंट में महिलाओं को रिजर्वेशन देने का भी कानून पास किया है। आज भारत में डेमोक्रेटिक गवर्नेंस के अलग-अलग लेवल्स पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व है। हमारे यहां लोकल लेवल पर पंचायती राज है, लोकल बॉड़ीज़ हैं। हमारे पंचायती राज सिस्टम में 14 लाख से ज्यादा यानि One point four five मिलियन Elected Representatives, महिलाएं हैं। आप कल्पना कर सकते हैं, गयाना की कुल आबादी से भी करीब-करीब दोगुनी आबादी में हमारे यहां महिलाएं लोकल गवर्नेंट को री-प्रजेंट कर रही हैं।

साथियों,

गयाना Latin America के विशाल महाद्वीप का Gateway है। आप भारत और इस विशाल महाद्वीप के बीच अवसरों और संभावनाओं का एक ब्रिज बन सकते हैं। हम एक साथ मिलकर, भारत और Caricom की Partnership को और बेहतर बना सकते हैं। कल ही गयाना में India-Caricom Summit का आयोजन हुआ है। हमने अपनी साझेदारी के हर पहलू को और मजबूत करने का फैसला लिया है।

साथियों,

गयाना के विकास के लिए भी भारत हर संभव सहयोग दे रहा है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश हो, यहां की कैपेसिटी बिल्डिंग में निवेश हो भारत और गयाना मिलकर काम कर रहे हैं। भारत द्वारा दी गई ferry हो, एयरक्राफ्ट हों, ये आज गयाना के बहुत काम आ रहे हैं। रीन्युएबल एनर्जी के सेक्टर में, सोलर पावर के क्षेत्र में भी भारत बड़ी मदद कर रहा है। आपने t-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप का शानदार आयोजन किया है। भारत को खुशी है कि स्टेडियम के निर्माण में हम भी सहयोग दे पाए।

साथियों,

डवलपमेंट से जुड़ी हमारी ये पार्टनरशिप अब नए दौर में प्रवेश कर रही है। भारत की Energy डिमांड तेज़ी से बढ़ रही हैं, और भारत अपने Sources को Diversify भी कर रहा है। इसमें गयाना को हम एक महत्वपूर्ण Energy Source के रूप में देख रहे हैं। हमारे Businesses, गयाना में और अधिक Invest करें, इसके लिए भी हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं।

साथियों,

आप सभी ये भी जानते हैं, भारत के पास एक बहुत बड़ी Youth Capital है। भारत में Quality Education और Skill Development Ecosystem है। भारत को, गयाना के ज्यादा से ज्यादा Students को Host करने में खुशी होगी। मैं आज गयाना की संसद के माध्यम से,गयाना के युवाओं को, भारतीय इनोवेटर्स और वैज्ञानिकों के साथ मिलकर काम करने के लिए भी आमंत्रित करता हूँ। Collaborate Globally And Act Locally, हम अपने युवाओं को इसके लिए Inspire कर सकते हैं। हम Creative Collaboration के जरिए Global Challenges के Solutions ढूंढ सकते हैं।

साथियों,

गयाना के महान सपूत श्री छेदी जगन ने कहा था, हमें अतीत से सबक लेते हुए अपना वर्तमान सुधारना होगा और भविष्य की मजबूत नींव तैयार करनी होगी। हम दोनों देशों का साझा अतीत, हमारे सबक,हमारा वर्तमान, हमें जरूर उज्जवल भविष्य की तरफ ले जाएंगे। इन्हीं शब्दों के साथ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं, मैं आप सभी को भारत आने के लिए भी निमंत्रित करूंगा, मुझे गयाना के ज्यादा से ज्यादा जनप्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करते हुए खुशी होगी। मैं एक बार फिर गयाना की संसद का, आप सभी जनप्रतिनिधियों का, बहुत-बहुत आभार, बहुत बहुत धन्यवाद।